Sunday, April 16, 2023

'बड़ा माफिया बनना चाहते थे..', जानें कौन हैं अतीक-अशरफ के कातिल सनी, लवलेश और अरुण

हत्याकांड को अंजाम देने वाले तीनों आरोपी अलग-अलग जिलों से रखते हैं ताल्लुक

गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की सनसनीखेज हत्या के बाद यूपी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. योगी सरकार ने इस हत्याकांड के उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं और पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है. इस बीच बड़ा खुलासा हुआ है और यह बात सामने आई है कि अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपी प्रयाग राज के बाहर के रहने वाले हैं.

बड़ा माफिया बनना चाहते थे आरोपी!

अतीक और अशरफ पर गोली चलाने वाले तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि आरोपियों पर पहले कहां-कहां और किस तरह के मामले दर्ज हैं. पूछताछ में आरोपी बता रहे हैं की वो बड़ा माफिया बनना चाहते हैं इसलिए वारदात को अंजाम दिया. आरोपियों ने बताया, 'कब तक छोटे मोटे शूटर रहेंगे, बड़ा माफिया बनना है इसलिए हत्याकांड को अंजाम दिया.' हालांकि पुलिस अभी पूरी तरह से इनके बयानों पर भरोसा नहीं कर रही है क्योंकि तीनों के बयानों में विरोधाभास है और पूछताछ जारी है.

आरोपी अलग-अलग जिलों से रखते हैं ताल्लुक

सूत्रों के मुताबिक अब तक की पूछताछ में पता चला है कि अतीक और अशरफ की हत्या करने वाला लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है जबकि अरुण मौर्य हमीरपुर का निवासी है. वहीं तीसरा आरोपी सनी कासगंज जनपद से है. पूछताछ में तीनों आरोपियों ने अपना यही पता बताया है और इसके बाद पुलिस इनके बयानों को वेरिफाई कर रही है.  जांच में एक बात तो साफ हो गई है कि तीनों आरोपी अतीक और अशरफ की हत्या के मकसद से ही प्रयागराज आए थे.

फर्जी बाइक नंबर

इंस्पेक्टर धुमलगंज राजेश मौर्य की टीम अतीक अहमद को लाई थी. वही सबसे सीनियर अफसर थे जो अतीक और अशरफ को लाए थे. अतीक अहमद और अशरफ को मारने के लिए हमलावर जिस बाइक Up 70M7337 से आए थे वो vahan app पर सरदार अब्दुल मन्नान खान के नाम से रजिस्टर बता रही है.यह नंबर हीरो होंडा की पुरानी गाड़ी Cd 100ss बाइक पर दर्ज है, जिसे  3 जुलाई 1998 को cash में खरीदा गया था.


क्या ये नंबर फर्जी तो नही इसकी भी जांच की जाएगी? बाइक कहां से लाई गई,किसकी है इसकी जांच जारी है. इसके अलावा कैमरा कहां से लिया? फेक कैमरा है या कही से खरीद कर लाये इसकी जांच की जाएगी.फोरेंसिक टीम के 5 अधिकारी मौके पर हर सबूत जुटा कर मौके से रवाना हुए.

पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू

प्रयागराज में पुलिस कस्टडी में अतीक और अशरफ की हत्या के बाद पूरे प्रदेश में धारा 144 के साथ हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. इस हत्याकांड के बाद गोंडा पुलिस अलर्ट हो गयी है. मिश्रित आबादी में गश्त के साथ चौक चौराहों पर पुलिस बल तैनात है. एसपी आकाश तोमर भी 2 बजे रात में गाड़ियों से गश्त करते नजर आए. फिलहाल पूरे जिले में शांतिपूर्ण हालात हैं. वहीं  अलीगढ़, मुरादाबाद, बाराबंकी, संभल और लखीमपुर खीरी में पुलिस ने रात को सड़कों पर फ्लैग मार्च किया.आधी रात में सड़कों पर बेहद सख्त चेकिंग अभियान चल रहा है.

सरेंडर... सरेंडर बोलते हुए कर दिया सरेंडर

अतीक और अशरफ की हत्या करने के बाद तीनों ही हमलावरों ने तत्काल सरेंडर कर दिया था. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें गिरफ्तार किया. मौके से तीन बंदूक कारतूस मिले हैं. आरोपियों के पास से एक कैमरा, एक माइक आईडी भी बरामद हुई है. घटना के बाद से यूपी में हाई अलर्ट घोषित किया गया है. संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्ती बढ़ा दी गई है. पुलिस का प्रयास है कि किसी भी तरह से माहौल न बिगड़ने दिया जाए. 


Monday, April 3, 2023

UP: योगी सरकार का ऐतिहासिक कदम, मुगलों का इतिहास 12वीं के पाठ्यक्रम से हटाया


योगी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाया है। यूपी सरकार ने स्कूलों में मुगलों के इतिहास पढ़ाने पर रोक लगा दी है। अब यूपी और सीबीएसई बोर्ड की 12वीं क्लास में छात्रों को मुगलों का इतिहास नहीं पढ़ाया जाएगा।

उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एतिहासिक कदम उठाया है। आपने योगी सरकार को मुगलों पर रखे जगहों के नाम बदलते तो कई बार देखा होगा, लेकिन इस बार योगी सरकार ने काफी बड़ा फैसला लिया है। यूपी सरकार ने सिलेबस में बड़ा बदलाव करते हुए छात्रों को मुगलों के इतिहास पढ़ाने पर रोक लगा दिया है। यूपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड की12वीं क्लास में अब छात्रों को मुगलों का इतिहास नहीं पढ़ाया जाएगा। योगी सरकार के इस नए फैसले के बाद इंटरमीडिएट के सिलेबस में बड़ा बदलाव हो गया है। सत्र 2023-24 से छात्रों को मुगलों का इतिहास नहीं पढ़ाया जाएगा। मुगलों से जुड़े अध्याय को सिलेबस से हटा दिया जाएगा।

इन अध्यायों को पाठ्यक्रम से हटाया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनसीईआरटी ने सत्र 2023-24 के लिए 12वीं के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है। एनसीईआरटी ने इंटरमीडिएट में चलने वाली इतिहास की किताब के कुछ चैप्टर को हटा दिया गया है। इसमें शासक और इतिवृत्त मुगल दरबार को हटा दिया गया है। इसके अलावा बोर्ड ने 11वीं की इतिहास की किताब से भी इस्लाम का उदय, संस्कृतियों में टकराव, औद्योगिक क्रांति और समय की शुरुआत पाठ को हटा दिया है। वहीं, नागरिक शास्त्र की किताब से अमेरिकी वर्चस्व और शीत युद्ध का पाठ हटा दिया गया है। इसके अलावा, बोर्ड ने राजनीति की किताब में भी बदलाव किया है। राजनीति की किताब से एक दल के प्रभुत्व का दौर और जन आंदोलनों का उदय का पाठ हटा दिया गया है। 10वीं कक्षा की लोकतांत्रिक राजनीति 2 की किताब से लोकतंत्र और विविधता, जनसंघर्ष और आंदोलन, लोकतंत्र की चुनौतियां पाठ को हटाए गए हैं।

नए पाठ्यक्रम के अनुसार किताबें बाजार में भी उपलब्ध

पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने कहा है कि एनसीईआरटी ने अगले सत्र में बड़ा बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि विषयवार पुनर्संयोजित पाठ्यवस्तु की लिंक बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए हैं। नए पाठ्यक्रम के अनुसार किताबें बाजार में भी उपलब्ध हैं।

Sunday, April 2, 2023

छिड़ गई जंग! इजरायल ने सीरिया में बरसाए बम, ईरान के सैन्य कमांडर की मौत, 5 सैनिक घायल


छिड़ गई जंग! इजरायल ने इस देश में बरसाए बम, ईरान के सैन्य कमांडर की मौत, 5 सैनिक घायल- India TV Hindi

मुस्लिम देशों से घिरे यहूदी देश इजरायल ने सीरिया के होम प्रांत में ताबड़तोड़ बम बरसाए हैं। सीरिया में कई जगहों पर किए गए इस हमले में 5 सैनिक घायल हो गए। वहीं ईरान के सैन्य कमांडर की मौत हो गई। ईरानी सैन्य कमांडर मिलाद हैदरी हमले में मारे गए, इसे इजरायल की ओर से ‘आपराधिक हमला‘ बताया सीरिया और ईरान की सरकारी मीडिया के अनुसार शुक्रवार को इजरायली हमले में जख्मी हुए ईरान के एक सलाहकार की मौत हो गई है। ईरान, सीरिया में मार्च 2011 में संघर्ष शुरू होने के बाद से ही राष्ट्रपति बशर असद की सरकार का समर्थन कर रहा है और युद्ध के शुरुआती दिनों से अपने सलाहकार भेजता रहा है।

सीरिया ने कुछ इजरायली मिसाइलों को हवा में मार गिराया

सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यमून राइट्स ने रविवार को बताया कि इस साल की शुरुआत से इजराइल ने नौवीं बार विभिन्न ठिकानों को निशाना बनाया है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘सना‘ ने सैन्य सूत्रों के हवाले से कहा कि होम्स शहर और आसपास के इलाकों में कई जगहों को निशाना बनाया गया है। एजेंसी ने दावा किया कि सीरिया की हवाई रक्षा प्रणाली ने कुछ इजरायली मिसाइल को हवा में ही मार गिराया।

सैकड़ों हमले कर चुका है इजरायल

‘सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यमून राइट्स‘ ने बताया कि मिसाइल ने सीरियाई सैन्य ठिकानों और ईरान से संबंधित मिलिशिया के प्रतिष्ठानों पर हमले किए। इसमें एक शोध केंद्र भी शामिल है। इजरायल की ओर से हमलों को लेकर फिलहाल कोई बयान जारी नहीं किया गया है। इजरायल हाल के वर्षों में सीरिया के सरकार नियंत्रित हिस्सों में सैकड़ों हमले कर चुका है। इससे पहले शुक्रवार को इजरायल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क के उपनगर पर हवाई हमले किए थे जिसमें एक ईरानी सलाहकार की मौत हो गई थी।

इटली में बैन होगी अंग्रेजी, बनने जा रहा कानून; बोलने पर लगेगा भारी जुर्माना


इस देश में बैन होगी अंग्रेजी, बनने जा रहा कानून

इटली की सरकार जल्द ही अंग्रेजी समेत अन्य विदेशी भाषा पर बैन लगाने वाली है। इसके तहत नागरिकों द्वारा ऐसा किए जाने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। 

इटली पार्टी की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने नया कानून पेश किया है जो आधिकारिक संचार में किसी भी विदेशी भाषा, विशेष रूप से अंग्रेजी बोलने पर 100,000 यूरो (तकरीबन 89 लाख रुपए) तक का जुर्माना लग सकता है।

सीएनएन ने बताया कि अगर इतालवी अपने आधिकारिक संचार के दौरान अंग्रेजी या किसी अन्य विदेशी भाषा का उपयोग करते हैं, तो उन्हें प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी द्वारा पेश किए गए नए कानून के तहत यूरो 100,000 (यूएसडी 108,705) तक का जुर्माना देना होगा।

फैबियो रामपेली ने किया था कानून का समर्थन

इतालवी चैंबर ऑफ डेप्युटीज (लोअर हाउस) में, राजनेता फैबियो रामपेली ने कानून पेश किया जिसे प्रधानमंत्री द्वारा समर्थन दिया गया था।

जाम्बिया दौरे पर अपने नाना के घर पहुंची अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (फाइल फोटो)

इटली की सरकार द्वारा पेश किया गया यह कानून विदेशी भाषा की बात करता है लेकिन, विशेष रूप से "एंग्लोमेनिया" या अंग्रेजी शब्दों के उपयोग पर आधारित है। जियोर्जिया सरकार के मुताबिक, अंग्रेजी या विदेशी भाषा इतालवी भाषा को "निंदा और अपमानित" करता है। 

कानून में संचालित कंपनियां भी होंगी शामिल

हालांकि इस बिल को अभी भी संसदीय बहस के लिए जाना है। यह कानून आधिकारिक दस्तावेजों में भी अंग्रेजी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है। इस कानून के अंतर्गत देश में संचालित कंपनियां भी आएंगी।

इस कानून के मसौदे के अनुसार, विदेशी संस्थाओं के पास सभी आंतरिक नियम और रोजगार अनुबंध इतालवी भाषा में होने चाहिए। मसौदे में कहा गया है कि यह केवल फैशन की बात नहीं है। ऐसा नहीं करने पर यूरो 5,000 और यूरो 100,000 के बीच जुर्माना लगाया जा सकता है। 

परम तत्व दर्शन