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Friday, November 26, 2021

Mumbai 26/11 Attack: पहले आतंकी कसाब की गोली और कोर्ट में लड़ी, अब सिस्टम से लड़ रही है देविका

नई दिल्ली: 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले में देविका रोटावन घायल हो गईं और उन्होंने आतंकवादी अजमल कसाब की पहचान की। देविका रोटावन ने आखिरी बार अगस्त 2020 में तब सुर्खियां बटोरी थीं जब उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसका कारण यह था कि महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें ईडब्ल्यूएस योजना के तहत आवास का वादा किया था। उन्होंने कहा कि उनका पूरा परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. नतीजतन, उन्होंने घर की कुछ व्यवस्थाओं के साथ-साथ अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए भीख मांगी थी।

 

  देविका 22 साल की लड़की है। जब 26/11 का आतंकवादी हमला हुआ तब वह सिर्फ दस साल की थी। देविका ने अपने पिता और भाई के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से पुणे की यात्रा की थी। इसी स्थान पर आतंकियों ने उनके पैर में गोली मार दी थी। घायल अवस्था में उन्हें सेंट जॉर्ज अस्पताल लाया गया। दो महीने के भीतर, छह सर्जिकल प्रक्रियाएं पूरी की गईं। उसे छह महीने बिस्तर पर रहना पड़ा। ठीक होने के बाद वह अदालत में लौटी और आतंकवादी अजमल कसाब के खिलाफ गवाही दी। मुंबई आतंकी हमले के मामले में वह सबसे कम उम्र की चश्मदीद गवाह थीं।

सरकार ने उस समय देविका को कई लाभ देने का वादा किया था, लेकिन उन्हें जल्दी ही भुला दिया गया। देविका ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में कहा, "रुपये की सहायता। मैं इसकी सराहना करता हूं, लेकिन मुझसे किए गए वादे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं।"

किम कार्दशियन का ब्लैक ड्रेस लुक, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरें

हॉलीवुड एक्ट्रेस और मॉडल किम कार्दशियन हमेशा से ही अपने ऑल-ब्लैक आउटफिट्स के लिए जानी जाती हैं। उन्हें अक्सर काले कपड़ों में फोटोशूट कराते हुए देखा गया था और उनके फॉलोअर्स उनकी तस्वीरों को पसंद करते हैं। किम ने हाल ही में अपने काले पहनावे के लिए खबरें बनाईं, जिसे उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया।

  वहीं किम के लुक की बात करें तो डीप नेक बॉडीकॉन गाउन वाकई बहुत प्यारा लगता है। छोटे मेकअप और खुले बालों से वह अपने लुक को कंप्लीट कर रही हैं। आपको बता दें कि किम जहां ब्लैक लुक वाले फैन्स हैं वहीं किम अक्सर कैमरे के सामने खड़ी रहती हैं और कभी-कभार लेटकर फोन के साथ पोज देती नजर आती हैं.

 इतना ही नहीं उनके फैंस को उनकी ये तस्वीरें काफी पसंद आती हैं. पेशेवर मोर्चे पर, किम आगामी फिल्म PAW पेट्रोल: द मूवी में दिखाई देंगे। यह फिल्म एक कॉमेडी पर आधारित होगी।

Thursday, November 25, 2021

भारत में बदल गया लिंगानुपात, 1000 पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की आबादी अब 1020


नई दिल्ली। देश में पहली बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी ज्यादा हो गई है। कभी मिसिंग वूमन (Missing Women) का तोहमत झेलने वाले देश के लिए ये बड़ी खुशखबरी है। यही नहीं, देश में प्रजनन दर में भी कमी आई है। नेशनल फैमिली एंड हेल्थ सर्वे (National Family and Health Survey) के अनुसार, देश में अब 1,000 पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी 1,020 हो गई है।

ऐसे बढ़ी महिलाओं की आबादी
नोबेल प्राइज विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने 1990 में एक लेख में भारत में महिलाओं की कम आबादी के लिए ‘मिसिंग वूमन’ (Missing Women) शब्द का इस्तेमाल किया किया था। लेकिन धीरे-धीरे भारत में चीजें बदली हैं और अब देश में महिलाओं की आबादी पुरुषों से ज्यादा हो गई है। 1990 के दौरान भारत में प्रति हजार पुरुषों की तुलना में महिलाओं का अनुपात 927 था। 2005-06 में यह आंकड़ा 1000-1000 तक आ गया। हालांकि, 2015-16 में यह घटकर प्रति हजार पुरुषों की तुलना में 991 पहुंच गया था लेकिन इस बार ये आंकड़ा 1000-1,020 तक पहुंच गया है।

अब एक महिला के 2 ही बच्चे
सर्वे में एक और बड़ी बात निकलकर सामने आई है। प्रजनन दर (Total Fertility Rate) या एक महिला पर बच्चों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। सर्वे के अनुसार औसतन एक महिला के अब केवल 2 बच्चे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों से भी कम है। माना जा रहा है कि भारत आबादी के मामले में पीक पर पहुंच चुका है। हालांकि, इसकी पुष्टि को नई जनगणना के बाद ही हो पाएगी।

प्रजनन दर घटी, जनसंख्या में आएगी कमी?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को NFHS के आंकड़े जारी किए हैं। प्रजनन दर घटने का असर देश की आबादी घटने में दिखेगा यहा नहीं, इसका पता तो अगली जनलगणना (National Census) में ही पता चलेगा। NFHS के पांचवें राउंड के सर्वे में 2010-14 के दौरान पुरुषों में जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy) 66.4 साल है जबकि महिलाओं में 69.6 साल।

लड़के की चाहत में कमी नहीं!
सर्वे में कहा गया है कि बच्चों के जन्म का लिंग अनुपात (Gender Ratio) अभी भी 929 है। यानी अभी भी लोगों के बीच लड़के की चाहत ज्यादा दिख रही है। प्रति हजार नवजातों के जन्म में लड़कियों की संख्या 929 ही है। हालांकि, सख्ती के बाद लिंग का पता करने की कोशिशों में कमी आई है और भ्रूण हत्या में कमी देखी जा रही है। वहीं, महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा जी रही हैं।

NFHS-5 का सर्वे
NFHS का सर्वे दो चरणों में 2019 और 2021 में किया गया। देश के 707 जिलों के 6,50,000 घरों में ये सर्वे किया गया। दूसरे चरण का सर्वे अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, पुड्डुचेरी, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया गया।

'कश्मीर रखना चाहते हैं तो बहाल कर दें अनुच्छेद 370', महबूबा मुफ्ती की केंद्र को 'धमकी',


 If you want to 'keep' Kashmir, restore Article 370 and address Kashmir issue: Mehbooba Mufti tells Centre
पीडीपी प्रमुख ने कहा कि कश्मीर का हल निकालने केंद्र सरकार।

मुख्य बातें

  • जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने अनुच्छेद 370 को बहाल करने की मांग की
  • महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर के लोग गोडसे के भारत के साथ नहीं रह सकते
  • 'जम्मू-कश्मीर के लोगों ने महात्मा गांधी के भारत के साथ अपनी किस्मत का फैसला किया'

जम्मू : अनुच्छेद 370 को लेकर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर केंद्र सरकार को 'धमकी' दी है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा कि केंद्र यदि 'कश्मीर को देश के हिस्से के रूप में रखना चाहता है' तो उसे अनुच्छेद 370 की बहाली और कश्मीर मुद्दे का हल निकालना चाहिए। पीडीपी नेता ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग गोडसे के भारत के साथ नहीं रहेंगे।

'हम भी अपना फैसला वापस ले लेंगे'

बनिहाल के नील गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 'हमने महात्मा गांधी के भारत के साथ अपनी किस्मत का फैसला किया, जिसने हमें अनुच्छेद 370, हमारा संविधान और ध्वज दिया। यदि वे हमारी हर चीज छीन लेंगे तो हम भी अपना फैसला वापस ले लेंगे। उन्हें सोचना होगा कि यदि वे अपने साथ जम्मू कश्मीर को रखना चाहते हैं तो उन्हें अनुच्छेद 370 बहाल करना होगा और कश्मीर मुद्दे का हल करना होगा।’

हम महात्मा गांधी का भारत चाहते हैं-महबूबा

महबूबा ने आगे कहा कि 'महात्मा गांधी की हत्या करने वाले गोडसे के भारत के साथ जम्मू-कश्मीर के लोग नहीं रह सकते। हम महात्मा गांधी का भारत चाहते हैं इसलिए हमारी पहचान एवं संविधान से मिले हमारे सम्मान को लौटाएं।' उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि कोई भी शक्तिशाली देश ने बंदूक के बल पर अपने लोगों पर शासन नहीं किया है। सुपरपावर अमेरिका भी ताकत के बल पर अफगानिस्तान पर शासन नहीं कर सका, उसे देश छोड़कर जाना पड़ा। 

हैदरपोरा मुठभेड़ का जिक्र किया

पीडीपी नेता ने 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा में एक विवादास्पद मुठभेड़ में मारे गए आम लोगों के परिवार के सदस्यों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा, ‘आज चुनाव नहीं है और मैं आपका वोट नहीं मांग रही। जब चुनाव का समय आएगा, जिसे मन हो उसे आप वोट दें। मैं पीडीपी के लिए आपका समर्थन चाहती हूं ताकि 18 महीने के बच्चे को अपने पिता का शव हासिल करने के लिए सड़क पर फिर से नहीं आना पड़े।’ उन्होंने भाजपा पर जम्मू कश्मीर के लोगों को जाति, नस्ल और धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया। 

घटेगी देश की आबादी! प्रजनन दर में आई बड़ी गिरावट, जम्मू-कश्मीर ने चौंकाया


2005-06 में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-3 के दौरान भारत का टीएफआर (TFR) 2.7 था, जोकि 2015-16 में घटकर 2.2 हो गया है. (फाइल फोटो)

2005-06 में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-3 के दौरान भारत का टीएफआर (TFR) 2.7 था, जोकि 2015-16 में घटकर 2.2 हो गया है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली. देश की आबादी घटने वाली है, क्योंकि कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate) या कहें अपने जीवन काल में एक महिला द्वारा कुल बच्चों को जन्म देने वाली औसत संख्या प्रतिस्थापन दर (Replacemeny Level) से नीचे आ गई है और अब ये 2 हो गई है. इसका खुलासा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (National Family Health Survey) के डाटा 2019-21 से हुआ है, जिसे बुधवार को जारी किया गया. प्रतिस्थापन दर टीएफआर, उसे कहते हैं जिसमें एक पीढ़ी, दूसरी पीढ़ी को रिप्लेस करती है. सर्वे के मुताबिक रिप्लेसमेंट दर 2.1 है. सर्वे के मुताबिक बिहार (3.0), उत्तर प्रदेश (2.4) और झारखंड (2.3) में कुल प्रजनन दर, प्रतिस्थापन दर से ज्यादा है.

2005-06 में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-3 के दौरान भारत का टीएफआर (TFR) 2.7 था, जोकि 2015-16 में घटकर 2.2 हो गया है. दूसरी ओर NFHS-3 और 2019-21 में हुए ताजा NFHS-5 के बीच देश की ज्यादा आबादी वाले राज्यों मसलन, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार में टीएफआर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, इसकी वजह से देश की कुल प्रजनन दर में गिरावट आई है और प्रतिस्थापन दर से नीचे चली गई है.

जानिए यूपी-बिहार का हाल
NFHS-5 का पहला चरण 17 जून 2019 से 30 जनवरी 2020 के बीच किया गया था और दूसरा चरण 2 जनवरी 2020 से 30 अप्रैल 2021 तक चला था. फेज-1 में 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टारगेट किया गया था और दूसरे चरण में 14 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश शामिल थे. बिहार को छोड़ दें तो अन्य सभी राज्यों में शहरी टीएफआर प्रतिस्थापन दर से नीचे है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी कुल प्रजनन दर सिर्फ बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में ज्यादा है. वहीं मेघालय, मणिपुर और मिजोरम जैसे छोटे राज्यों के ग्रामीण इलाकों में भी कुल प्रजनन दर ज्यादा है.

जम्मू-कश्मीर में सबसे कम प्रजनन दर
बड़े राज्यों में कुल प्रजनन दर सबसे कम जम्मू और कश्मीर में 1.4 है. 2015-16 में हुए पिछले NFHS सर्वे के बाद से जम्मू और कश्मीर ही वह राज्य है, जहां कुल प्रजनन दर में सबसे ज्यादा गिरावट (0.6) दर्ज की गई है. NFHS-4 में केरल और पंजाब की कुल प्रजनन दर 1.6 थी, जबकि तमिलनाडु में यह 1.7 थी. नए सर्वे में पंजाब में कुल प्रजनन दर 1.6 ही है, लेकिन केरल और तमिलनाडु की कुल प्रजनन दर में इजाफा दर्ज किया गया है. दोनों में टीएफआर 2019-21 में बढ़कर 1.8 हो गई है. सबसे कम प्रजनन दर सिक्किम की 1.1 है.

दक्षिण कोरिया के बराबर हुई प्रजनन दर
सिक्किम की प्रजनन दर दुनिया में सबसे कम दक्षिण कोरिया की प्रजनन दर के बराबर है. यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन डाटा के मुताबिक सबसे ज्यादा प्रजनन दर नाइजर (6.9) और सोमालिया (6.1) की है. अगर भारत के पड़ोसी राज्यों की बात करें तो नेपाल में कुल प्रजनन दर भारत और बांग्लादेश के बाद सबसे कम है, वहीं, अफ्रीका में यह 4.4 है, जबकि ओशिनिया देशों में 2.4 है.

हालांकि सभी देशों में प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन दर 2.1 या इससे कम है. एशिया की कुल प्रजनन दर 2.15 है, जोकि प्रतिस्थापन दर से थोड़ा ज्यादा है.

Monday, November 22, 2021

अब गाय के गोबर से मिलेगी बिजली भी ! एक गाय के वेस्ट से साल भर जगमगा सकते हैं 3 घर

Britain के किसानों ने गाय के गोबर से बिजली (cow poo can produce electricity) की बैटरियां बना ली हैं. (सांकेतिक तस्वीर)

Britain के किसानों ने गाय के गोबर से बिजली (cow poo can produce electricity) की बैटरियां बना ली हैं. (सांकेतिक तस्वीर)

गाय और गोबर (Cow Dung Electricity) को लेकर देश में कई बार आपने पॉजिटिव और निगेटिव चीज़ें सुनी होंगी. अब ब्रिटेन (Britain News) में गाय का गोबर (Cow dung Electricity) इस वक्त चर्चाओं में है. ब्रिटिश किसानों ने गाय के गोबर से बिजली (cow poo can produce electricity) का विकल्प तैयार कर दिया है. किसानों के एक समूह के मुताबिक उन्होंने गाय के गोबर से ऐसा पाउडर तैयार किया गया है, जिससे बैटरियां बनाई गई हैं.

गाय के एक किलोग्राम गोबर से किसानों ने इतनी बिजली तैयार कर ली है, कि 5 घंटे तक वैक्यूम क्लीनर चलाया जा सकता है. ब्रिटेन के आर्ला डेयरी की ओर से गोबर का पाउडर बनाकर उसकी बैटरियां बनाई गई हैं. इन्हें काउ पैटरी का नाम दिया गया है. AA साइज़ की पैटरीज़ से साढ़े 3 घंटे तक कपड़े भी इस्त्री किए जा सकते हैं. ये काफी उपयोगी आविष्कार है.

गोबर से पूरी होगी बिजली की ज़रूरत
ब्रिटिश डेयरी को ऑपरेटिव (Daily Co-Operative) Arla की ओर से ये बैटरी विकसित की जा रही है. बैटरी एक्सपर्ट GP Batteries का दावा है कि एक गाय के गोर से तीन घरों को साल भर बिजली मिल सकती है. एक किलोग्राम गोबर के ज़रिये 3.75 किलोवाट बिजली पैदा की जा सकती है. ऐसे में अगर 4, 60,000 गायों के गोबर से बिजली बने, तो 12 लाख ब्रिटिश घरों में बिजली सप्लाई की जा सकती है. डेयरी में साल भर में 1 मिलियन टन गोबर निकलता, जिससे बिजली उत्पादन का बड़ा लक्ष्य रखा जा सकता है.

डेयरी में इस्तेमाल हो रही है गोबर बिजली
Arla डेयरी में तमाम चीज़ों के लिए गोबर से बनी बिजली का ही इस्तेमाल किया जाता है. इससे निकले वेस्ट को खाद के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. बिजली बनाने की प्रक्रिया को एनएरोबिक डाइजेशन कहा जाता है, जिसमें जानवरों के वेस्ट से बिजली बनाई जाती है. डेयरी में 4,60,000 गायें रहती हैं, जिनके गोबर को सुखाकर पाउडर तैयार किया जाता है और उसे ऊर्जा में बदला जाता है. Daily Star से बात करते हुए Arla के एग्रीकल्चर डायरेक्टर ने कहा कि अगर इस तरफ सरकार ध्यान देगी, तो इससे रीन्यूएबल एनर्जी सप्लाई में मील का पत्थर साबित हो सकता है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी को पत्र लिख कर की 6 मांगे


दिल्ली : पिछले एक साल से किसान कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे है. इस आंदोलन के चलते आखिरकार मोदी सरकार को किसानों के सामने झुकना ही पड़ा और तीनों कृषि कानून को रॉड करने का ऐलान किया.लेकिन इसके बावजूद भी किसान अपना आंदोलन ख़त्म नहीं करेंगे। किसानों की मांग है की जब तक सरकार MSP पर कानून नहीं लाएगी और अन्य मुद्दों पर बात नहीं करेगी तब तक तेज आंदोलन जारी रहेगा. 


संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार को तुरंत किसानों से वार्ता बहाल करनी चाहिए, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. मोर्चा ने कहा कि आपके संबोधन में किसानों की प्रमुख मांगों पर ठोस घोषणा की कमी के कारण किसान निराश हैं. 

किसानों ने पीएम मोदी को पत्र में लिखा है कि देश के करोड़ों किसानों ने 19 नवंबर 2021 की सुबह राष्ट्र के नाम आपका संदेश सुना. हमने गौर किया कि 11 राउंड वार्ता के बाद आपने द्विपक्षीय समाधान की बजाय एकतरफा घोषणा का रास्ता चुना, लेकिन हमें खुशी है कि आपने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है. हम इस घोषणा का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि आपकी सरकार इस वचन को जल्द से जल्द निभाएगी.

1. खेती की संपूर्ण लागत पर आधारित न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP ) को सभी कृषि उपज के ऊपर, सभी किसानों का कानूनी हक बना दिया जाए ताकि देश के हर किसान को अपनी पूरी फसल पर कम से कम सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी मिल सके.

2. सरकार द्वारा प्रस्तावित “विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक, 2020/2021” का ड्राफ्ट वापस लिया जाए (वार्ता के दौरान सरकार ने वादा किया था कि इसे वापस लिया जाएगा, लेकिन फिर वादाखिलाफी करते हुए इसे संसद की कार्य सूची में शामिल किया गया था).

3. “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अधिनियम, 2021” में किसानों को सजा देने का प्रावधान हटाया जाए ( इस साल सरकार ने कुछ किसान विरोधी प्रावधान तो हटा दिए लेकिन सेक्शन 15 के माध्यम से फिर किसान को सजा की गुंजाइश बना दी गई है).

आपके संबोधन में इन बड़ी मांगों पर ठोस घोषणा ना  होने से किसानों को निराशा हुई है. किसान ने उम्मीद लगाई थी कि इस ऐतिहासिक आंदोलन से न सिर्फ तीन कानूनों की बला टलेगी, बल्कि उसे अपनी मेहनत के दाम की कानूनी गारंटी भी मिलेगी.

प्रधानमंत्री जी, पिछले एक वर्ष में इस ऐतिहासिक आंदोलन के दौरान कुछ और मुद्दे भी उठे हैं जिनका तत्काल निपटारा करना अनिवार्य है:

4. दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और अनेक राज्यों में हजारों किसानों को इस आंदोलन के दौरान (जून 2020 से अब तक) सैकड़ों मुकदमों में फंसाया गया है. इन केसों को तत्काल वापस लिया जाए.

5. लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार और सेक्शन 120B के अभियुक्त अजय मिश्रा टेनी आज भी खुले घूम रहे हैं और आपके मंत्रिमंडल में मंत्री बने हुए हैं. वह आपके और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ मंच भी साझा कर रहे हैं. उन्हें बर्खास्त और गिरफ्तार किया जाए.

6. इस आंदोलन के दौरान अब तक लगभग 700 किसान शहादत दे चुके हैं. उनके परिवारों के मुआवजे और पुनर्वास की व्यवस्था हो. शहीद किसानों की स्मृति में एक शहीद स्मारक बनाने के लिए सिंधू बॉर्डर पर जमीन दी जाए.

सीतापुर में त‍िलक से पहले जीजा ने मारी साली को गोली, बेटी और खुद को भी क‍िया शूट


पिसावां के मूड़कला गांव में राजकमल गुप्ता की ससुराल है। वह शाहजहांपुर के सरांय मुहल्ले के रहने वाले हैं। राजकमल रविवार सुबह ससुराल आए थे। बेटी मोहिनी गुप्ता (18) भैया दूज से ननिहाल में थी। अपराह्न तीन बजे की घटना ससुराल वाले घर के अंदर की बताई जा रही है।

सीतापुर में त‍िलक से पहले जीजा ने मारी साली को गोली, बेटी और खुद को भी क‍िया शूट; जान‍िए पूरा मामला
इसमें राजकमल गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि उसकी बेटी व साली अभी जीवित हैं।

सीतापुर, शाहजहांपुर के राजकमल गुप्ता ने साली के साथ ही अपनी बेटी को गोली से उड़ा दिया। फिर अपने पेट पर भी गोली मार ली। इसमें राजकमल गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि उसकी बेटी व साली अभी जीवित हैं उन्हें इलाज के लिए पुलिस सीएचसी पर लाई है। घटना का कारण अभी परिवार वाले नहीं बता रहे हैं।

पिसावां के मूड़कला गांव में राजकमल गुप्ता की ससुराल है। वह शाहजहांपुर के सरांय मुहल्ले के रहने वाले हैं। राजकमल रविवार सुबह ससुराल आए थे। बेटी मोहिनी गुप्ता (18) भैया दूज से ननिहाल में थी। अपराह्न तीन बजे की घटना ससुराल वाले घर के अंदर की बताई जा रही है। घर के कमरे में बेटी मोहिनी गुप्ता व उसकी मौसी वंदना गुप्ता (22) थीं। उसी बीच मोहिनी के पिता राजकमल भी कमरे में दाखिल हुए और वहीं उन्होंने तमंचा से पहले बेटी मोहिनी के सीने पर फिर वंदना के माथे पर गोली दाग दी। इसके बाद वह खुद के पेट में गोली मार ली। घटना के बाद घर व गांव में शोर मच गया। खबर मिली तो कुछ देर में ही पुलिस आ गई। पुलिस ने घायल दोनों युवतियों को सरकारी जीप से लाकर सीएचसी में भर्ती कराया है। वहीं, राजकमल गुप्ता की घटनास्थल पर ही मौत हो गई है।

वंदना के तिलक की चल रही थी तैयारी : बताया जा रहा है कि राजकमल की साली वंदना गुप्ता का विवाह तय है। घर में उसके तिलक की तैयारियां चल रही थीं। तिलक व विवाह की तारीखें अभी निश्चित होनी बाकी थीं। विवाह तय होने के बाद से घर में चहल-पहल बढ़ गई थी। बाजार से सामान भी लाया जाने लगा था।

पूर्व प्रधान के बड़े दामाद थे राजकमल : बताया जा रहा है कि मृतक राजकमल गुप्ता की ससुराल मूड़ाकलां में पूर्व प्रधान रामरतन गुप्ता के घर है। रामरतन की बड़ी बेटी सोमन गुप्ता राजकमल को ब्याही थीं। सोमन चार बहने हैं। इनमें पूनम, संध्या व वंदना छोटी हैं। वंदना को छोड़ अन्य तीनों बहनें विवाहित हैं।

कोई नहीं बता रहा घटना का कारण : मृतक राजकमल गुप्ता ने खुद के साथ ही अपनी बेटी व साली को गोली क्यों मारी। इसका जवाब ससुराल का कोई भी व्यक्ति नहीं दे रहा है। सभी अपने को घटना के कारण से अनभिज्ञ बता रहे हैं। वैसे मोहिनी गुप्ता राजकमल की इकलौती संतान बताई जा रही है।

पुलिस भी घटना के कारण से अनभिज्ञ : पिसावां थानाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह व सीओ सुशील कुमार सिंह मौके पर पहुंचे हैं। यह लोग भी घटना का कारण अभी नहीं बता पा रहे हैं। खबर मिलते ही एसपी आरपी सिंह भी मौके पर पहुंच रहे हैं।

Sunday, November 21, 2021

किसान मोर्चे की बैठक में फैसला: पहले से तय कार्यक्रम नहीं रोके जायेंगे, 22 को लखनऊ में रैली

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों के वापस लिए जाने के एलान के बाद आज संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक हुई। बैठक में तय किया गया कि एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाये जाने तथा अन्य मांगो के समर्थन में किसान आंदोलन जारी रहेगा तथा पहले से तय कार्यक्रम नहीं रोके जायेंगे।

शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों के वापसी के एलान को लेकर बैठक में किसान नेताओं ने कहा कि मोदी जी ने एक तरफ घोषणा कर भ्रम पैदा करने की कोशिश की है। बैठक में फैसला लिया गया कि पीएम मोदी के तीनों कृषि कानून वापस लेने के फैसले की घोषणा के बावजूद किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है।

700 किसानो की शहादत की ज़िम्मेदार केंद्र सरकार:

किसान मोर्चा ने आंदोलन के एक साल के दौरान 700 किसानों की मौत के लिए केंद्र सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया है। किसानों के परिवार को आर्थिक मदद की मांग की है। संयुक्‍त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया है कि लखीमपुर में किसानों की ‘हत्‍या’ केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये का नतीजा है। बैठक में किसान मोर्चा ने शहीद किसानों के स्मारक के लिए जगह की मांग की है। मोर्चे ने कहा कि किसानों पर दर्ज केस भी वापिस लिए जाएँ।
अभी आधी जीत मिली है:

संयुक्त किसान मोर्चे ने कृषि कानूनों की वापसी को आधी जीत बताया है। किसान मोर्चा ने कहा, लखनऊ, दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन और पार्लिमेंट कूच 22, 26और 29 नवंबर को पहले की तरह ही जारी रहेंगे।

बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 22, 26 और 29 नवंबर को जो कार्यक्रम होने वाले हैं उन्हें रोका नहीं जाएगा। अगर सरकार को बातचीत करनी है तो वो बात कर सकते हैं। शुरू में ही ये बातचीत हो गई होती तो इतने किसानों की मृत्यु नहीं होती।

किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि आज की बैठक में फैसला लिया गया कि हमारे 22, 26 और 29 नवंबर को जो कार्यक्रम होने वाले हैं वो जारी रहेंगे। 22 को लखनऊ रैली, 26 को पूरे देश में किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा और 29 को ट्रैक्टर मार्च (संसद तक) होगा। आंदोलन जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि 22 तारीख को लखनऊ की रैली को कामयाब करना है। अगर लखीमपुर खीरी में हमारे साथियों को परेशान करने की कोशिश की जाती है तो फिर हम लखीमपुर खीरी इलाके में आंदोलन चलाएंगे।

वहीँ सिंघू बॉर्डर पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार ने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने के लिए बोला है तो वो इसको कब तक वापस लेंगे इसके बारे में कुछ ठोस नहीं है। MSP पर अभी कोई ठोस बात नहीं हुई है और जो मामले किसानों पर दर्ज़ हुए हैं उनको भी वापस लेना चाहिए।

चीन किसी भी दिन अचानक अमेरिका पर परमाणु हमला कर सकता है, यूएस सबसे बड़े मिलिट्री अफसर की चेतावनी


वॉशिंगटन. अमेरिकी सेना के दूसरे सबसे बड़े अधिकारी ने एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि चीन किसी भी दिन अमेरिका पर अचानक परमाणु हमला कर सकता है। अमेरिका ने जुलाई में बीजिंग द्वारा हाइपरसोनिक हथियारों (Hypersonic Weapons) की जांच के नये ब्यौरे पर भी प्रकाश डाला है। उस वक्त बीजिंग ने आवाज की गति से 5 गुना तेज गति से मिसाइल लांच की थी।
पूरा धरती का चक्कर लगाया चीन की मिसाइल ने
ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के उपाध्यक्ष जनरल जॉन हायटेन ने 27 जुलाई को चीन के हारपारसोनिक हथियारों (Hypersonic Weapons) के परीक्षण पर टिप्पणी करते हुए सीबीएस न्यूज से कहा है। उन्होंने लम्बी रेंज की मिसाइल का परीक्षण किया है। इसने पूरी दुनिया का चक्कर लगाया। हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन को छोड़ा जो वापिस चीन लौट गया। जब हायटेन से पूछा गया कि क्या मिसाइल का निशाना ठीक रहा तो उन्होंने कहा है कि काफी नजदीक रहा है।

मिसाइल टेस्ट को मानने से चीन का इनकार

गौरतलब है कि चीन ने हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण से इनकार किया है और कहा है कि वह पुन: उपयोग किए जाने वाले अंतरिक्ष यान का परीक्षण कर रहा था । चीन का हथियार कई किलोमीटर से निशाना चूक गया लेकिन ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ के मुताबिक किसी देश के हाइपरसोनिक हथियार ने पहली बार पृथ्वी का चक्कर लगाया है।

राष्ट्रपति बाइडेन कमला हैरिस को सौंपेंगे अमेरिका की सत्ता की कमान


Joe Biden-Kamala Harris News: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन अगले कुछ दिनों के लिए अस्थायी रूप से उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को अपनी शक्तियों का हस्तांतरण करेंगे।

US President Joe Biden will transfer power to Vice President Kamala Harris Briefly During A Colonoscopy
बाइडेन कमला हैरिस को सौपेंगे अमेरिका की सत्ता की कमान

मुख्य बातें

  • अगले कुछ दिनों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभालेंगी कमला हैरिस
  • चिकित्सा वजहों से वाल्टर रीड नेशनल मिलिट्री मेडिकल सेंटर जा रहे हैं बाइडन
  • 78 वर्षीय बाइडेन पिछली बार 2019 में हुए थे अस्पताल में भर्ती

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन अगले कुछ दिनों के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को अपनी सभी शक्तियां सौंपने जा रहे हैं, जिसकी जानकारी खुद व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर दी हैं। दरअसल अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन शुक्रवार को वाल्टर रीड नेशनल मिलिट्री मेडिकल सेंटर जा रहे हैं जहां राष्ट्रपति के तौर पर पहली बार उनकी नियमित चिकित्सा जांच की जाएगी।

बुश के कार्यकाल में हुआ था ऐसा

ऐसी ही प्रक्रिया का पालन 2002 और 2007 में भी किया गया था  जब राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश सत्ता में थे और अब संविधान में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए, राष्ट्रपति बाइडेन थोड़े समय के लिए उपराष्ट्रपति को सत्ता हस्तांतरित करेंगे। उपराष्ट्रपति इस दौरान वेस्ट विंग में अपने कार्यालय से काम कर सकती हैं। 78 वर्षीय बाइडेन पिछली बार 2019 में  अस्पताल में भर्ती हुए थे तब उन्होंने अपने शरीर की पूरी जांच कराई थी और तब चिकित्सकों ने पूर्व उपराष्ट्रपति को ‘स्वस्थ’ और ‘राष्ट्रपति का कर्तव्य सफलतापूर्वक निभाने के लिए उपयुक्त’ पाया था।। 79 साल के बाइडेन राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने वाले सबसे उम्रदराज शख्स हैं।

इस तरह सौंपेगे शक्तियां

2009 से बाइडन के चिकित्सक डॉ. केविन ओ कोनोर ने तीन पन्नों के नोट में लिखा कि तब राष्ट्रपति के उम्मीदवार रहे बाइडन पूरी तरह स्वस्थ थे।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन कुछ दिनों के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को अपनी सभी ताकतें सौंपने जा रहे हैं। अमेरिकी संविधान में राष्ट्रपति को दी गईं सभी शक्तियां कुछ दिनों के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के पास रहेगी। अगर इस दौरान कोई विशेष परिस्थिति बनती है तो कमला हैरिस अमेरिका के राष्ट्रपति की तरह इन शक्तियों का इस्तेमाल कर सकतीं हैं।

संविधान में है ये प्रावधान

अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन के अनुसरण में, बाइडेन सीनेट के अस्थायी अध्यक्ष और प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष को लिखे एक पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसमें कहा गया है कि वह संज्ञाहरण के तहत अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ हैं, इसलिए इस दौरान कमला हैरिस कार्यवाहक राष्ट्रपति बनी रहेगी। ठीक होने के बाद इसी तरह का पत्र भेजकर अपनी पद पर फिर कार्य करेंगे। हैरिस उपराष्ट्रपति बनने वाली दक्षिण एशियाई मूल की पहली महिला होंगी जो कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में सेवा करते हुए कम समय के लिए इतिहास रचेंगी।

Friday, November 19, 2021

हिंदू महासभा का ऐलान: 6 दिसंबर को मथुरा मस्जिद में स्थापित करेगी कृष्ण मूर्ति


मथुरा। अखिल भारत हिंदू महासभा ने घोषणा की है कि वह देवता के ‘वास्तविक जन्मस्थान’ पर भगवान कृष्ण की एक मूर्ति स्थापित करेगी, जो दावा करते हैं कि वह यहां एक प्रमुख मंदिर के पास मस्जिद में है। इसके तहत महासभा ने शाही मस्जिद ईदगाह में लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करने का ऐलान किया है। जानकारी के मुताबिक देश के विभिन्न हिस्सों से पवित्र नदियों का जल लेकर महासभा के पदाधिकारी मथुरा पहुंचेंगे। इस जल से आराध्य का अभिषेक किया जाएगा और उनका पूजन होगा। लड्डू गोपाल का विग्रह खुद महासभा ईदगाह में ले जाएगी। गौरतलब है कि स्थानीय अदालतें कटरा केशव देव मंदिर के करीब स्थित 17वीं शताब्दी की मस्जिद को ‘हटाने’ की मांग करने वाली याचिकाओं की एक श्रृंखला पर सुनवाई कर रही हैं।

हिंदू महासभा के नेता राज्यश्री चौधरी ने कहा कि प्रतिमा को छह दिसंबर को ‘महा जल अभिषेक’ के बाद जगह को ‘शुद्ध’ करने के लिए स्थापित किया जाएगा। मस्जिद के अंदर मूर्ति की स्थापना के लिए चुनी गई तारीख 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस की सालगिरह के साथ मेल खाती है। हालांकि हिंदू महासभा के नेता राज्यश्री चौधरी ने 1992 की घटना और मथुरा योजना के बीच कोई संबंध होने से इनकार किया। शाही ईदगाह के अंदर अनुष्ठान करने के लिए महासभा की धमकी ऐसे समय में आई है जब स्थानीय अदालतें कटरा केशव देव मंदिर के करीब स्थित 17वीं शताब्दी की मस्जिद को ‘हटाने’ की मांग करने वाली याचिकाओं की एक श्रृंखला पर सुनवाई कर रही हैं। ‘महा जल अभिषेक’ के लिए पवित्र नदियों का पानी लाया जाएगा। चौधरी ने कहा कि हमें अब तक राजनीतिक आजादी मिली है, लेकिन आध्यात्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक आजादी अभी हासिल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि महासभा का मकसद आजाद भारत, सनातन भारत को वापस लाना है। महासभा चाहती है कि आजाद भारत उभर कर आए। हमारा मस्जिद या किसी परिसर से कोई मतलब नहीं है। ये मस्जिद नहीं ईदगाह है और इसका मतलब है पब्लिक मीटिंग प्लेस, तो फिर ये विवादित कैसे? यहां कोई भी कभी भी जा सकता है। ईदगाह में हम खोदाई करेंगे तो आज भी ठाकुर केशवदेव मंदिर से जुड़ी मूर्तियां निकलेंगी। 

'कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण', सुप्रीम कोर्ट के पैनल के सदस्‍य ने जताई नाराजगी


कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर बैठे किसान (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान करते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की, जिसके विरोध में किसान बीते करीब एक साल से आंदोलन कर रहे हैं। यह कानून बीते साल सितंबर में लाया गया था, जिसके बाद ही पंजाब सहित देश के कई हिस्‍सों में किसानों का विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया था। बाद में किसानों ने दिल्‍ली की ओर रुख गया, जिसके बाद यह एक बड़ा आंदोलन बन गया।

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्‍ली बॉर्डर पर किसानों का धरना 26 नवंबर, 2020 से ही जारी है और अब जब प्रधानमंत्री ने इन विवादास्‍पद कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है तो किसानों ने इसका स्‍वागत क‍िया है। इन सबके बीच इस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्‍त पैनल के एक सदस्‍य की प्रतिक्रिया भी आई है। उन्‍होंने इसे दुर्भाग्‍यपूर्ण करार देते हुए कहा कि इससे विरोध-प्रदर्शन समाप्‍त होने की संभावना नहीं है।

'सरकार का फैसला दुर्भाग्‍यपूर्ण'

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल के सदस्य अनिल जयसिंह घनवट ने कहा, 'तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का सरकार का फैसला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे प्रदर्शनों को समाप्त करने में मदद मिलने की संभावना नहीं है।' उन्‍होंने कहा कि यदि शीर्ष अदालत कृषि कानूनों पर रिपोर्ट जारी नहीं करती है, तो वह इसे जारी करेंगे। उन्‍होंने यहां तक कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की बेहतरी की बजाय राजनीति को तवज्‍जो दिया।

उन्‍होंने कहा, 'कृषि कानूनों को रद्द करने का निर्णय पूरी तरह से राजनीतिक है, जिसका उद्देश्य आने वाले महीनों में उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव जीतना है। हमारे पैनल ने तीन कृषि कानूनों पर कई सुधार और समाधान प्रस्तुत किए थे, लेकिन गतिरोध को हल करने के लिए इसका इस्तेमाल करने के बजाय पीएम मोदी और बीजेपी ने पीछे हटना चुना। वे सिर्फ चुनाव जीतना चाहते हैं और कुछ नहीं।'

समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, नाराजगी भरे लहजे में उन्‍होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट में हमारी सिफारिशों को पेश करने के बावजूद, ऐसा लगता है कि इस सरकार ने इसे पढ़ा भी नहीं। पार्टी (बीजेपी) के राजनीतिक हितों के लिए किसानों के हितों की बलि दी गई है। कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय ने अब कृषि और इसके विपणन क्षेत्र में सभी प्रकार के सुधारों के दरवाजे बंद कर दिए हैं।'

पैनल ने कोर्ट को सौंपी है रिपोर्ट

कृषि कानूनों को लेकर किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी, 2021 को इस पैनल का गठन किया था। समिति ने इस पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है। कमेटी का कहना है कि उसने रिपोर्ट 19 मार्च को ही सौप दी थी, जिसमें तमाम हित धारकों के सुझाव और ओपिनियन रखा गया है। तीन सदस्‍यीय समिति के एक सदस्‍य अनिल जयसिंह घनवट ने देश के चीफ जस्टिस को इस संबंध में सितंबर में एक पत्र भी लिखा था, जिसमें रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की अपील की गई थी। उन्‍होंने यह भी कहा था कि अगर रिपोर्ट में शामिल अनुशंसाओं पर अहम होता है तो इससे किसानों की समस्‍याओं का समाधान हो सकता है।

अमरिंदर ने पीएम मोदी के फैसले का किया स्वागत, बोले- भाजपा के साथ काम करने को लेकर आशान्वित


अमरिंदर ने पीएम मोदी के फैसले का किया स्वागत, बोले- भाजपा के साथ काम करने को लेकर आशान्वित

चंडीगढ़। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि वह किसानों के विकास के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं। अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, "अच्छी खबर! गुरु नानक जयंती के पवित्र अवसर पर हर पंजाबी की मांगों को मानने और 3 काले कानूनों को निरस्त करने के लिए पीएम एटदरएट नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद।"

उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि केंद्र सरकार किसानों के विकास के लिए मिलकर काम करना जारी रखेगी!"

अमरिंदर सिंह ने अपने कृषि कानूनों को वापस लेने के केंद्र के फैसले के बारे में मोदी द्वारा घोषणा के बाद एक समाचार चैनल को बताया कि उनकी पार्टी पंजाब में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे पर भाजपा के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है।

उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसानों से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं के बाहर अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करने और अपने मूल स्थानों पर लौटने की अपील की।

ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "यह न केवल किसानों के लिए बड़ी राहत के रूप में आया है, बल्कि पंजाब की प्रगति के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। मैं किसानों के विकास के लिए एटदरएट बीजेपी फॉर इंडिया के नेतृत्व वाली केंद्र के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हूं। मैं पंजाब के लोगों से वादा करता हूं मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगा जब तक कि मैं हर एक की आँख से आँसू पोंछ न दूँ।"

अमरिंदर सिंह ने 2 नवंबर को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सात पन्नों का पत्र भेजा था जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी का नाम पंजाब लोक कांग्रेस रखा।

उन्होंने राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिद्धू के साथ सत्ता संघर्ष के बाद सितंबर में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

बीजिंग ओलिंपिक का बॉयकॉट करेगा अमेरिका, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कह दी बड़ी बात


अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि उनका प्रशासन बीजिंग में 2022 के शीतकालीन ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार पर विचार कर रहा है. ये फैसला अमेरिकी एथलीटों को प्रभावित किए बिना चीन के अधिकारों के हनन पर सख्ती दिखाने का प्रयास होगा. एनबीसी न्यूज के अनुसार, कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ ओवल ऑफिस की बैठक के दौरान बहिष्कार की संभावना के बारे में पूछे जाने पर बाइडेन ने यह जवाब दिया. उन्होंने कहा कि यह कुछ ऐसा है जिस पर हम विचार कर रहे हैं. व्हाइट हाउस आमतौर पर ओलिंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में एक प्रतिनिधिमंडल भेजता है, लेकिन राजनयिक बहिष्कार के तहत प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजेगा. बीजिंग ओलिंपिक अगले फरवरी में होने हैं.

बाइडेन की ये टिप्पणी चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के साथ एक वीडियो शिखर सम्मेलन के बाद आई है. शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने कहा कि वे स्थिरता सुनिश्चित करना चाहते हैं और आकस्मिक संघर्षों पर लगाम लगाना चाहते हैं. हालांकि चीन के मानवाधिकारों के हनन पर पर बोलने के लिए बाइडेन पर घरेलु दबाव है.

बाइडेन को इस फैसले पर मिल रहा समर्थन

अमेरिका में शीर्ष अमेरिकी सांसदों द्वारा राजनयिक बहिष्कार के आह्वान की वकालत की गई है. सीएनएन ने कहा कि हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने चीन के मानवाधिकारों के हनन के विरोध में इस तरह के बहिष्कार का आह्वान किया था. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने शिनजियांग प्रांत में चीन के उइगर लोगों को हिरासत में लेने और हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ आवाज उठाई है.

इस ऐलान से क्या होगा

मंगलवार को द वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि बाइडेन प्रशासन जल्द ही राजनयिक बहिष्कार की घोषणा करेगा, जिसका अर्थ है कि एथलीट अभी भी प्रतिस्पर्धा करेंगे, हालांकि सरकारी प्रतिनिधि स्टैंड में नहीं होंगे. व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि बाइडेन-शी वर्चुअल समिट के दौरान इस मुद्दे को नहीं उठाया गया था.

बीजिंग के साथ जुड़ने की भी मांग

बाइडेन ने बीजिंग के साथ फिर से जुड़ने की मांग की है, साथ ही साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के लगातार बढ़ते आर्थिक दबदबे और सैन्य उपस्थिति का मुकाबला करने के लिए पारंपरिक अमेरिकी गठबंधनों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया है. उन्होंने शी के साथ दो लंबे फोन कॉल किए हैं और व्यक्तिगत रूप से मिलने के इच्छुक रहे हैं.

प्रेस सचिव ने दिया ये बयान

बाइडेन के संभावित ओलंपिक बहिष्कार के जिक्र के बाद प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई अपडेट नहीं है कि हमारी उपस्थिति क्या होगी. मैं राष्ट्रीय सुरक्षा टीम और राष्ट्रपति को निर्णय लेने के लिए स्थान देना चाहती हूं. बाइडेन के लिए यह फैसला कठिन राजनयिक संतुलन का हिस्सा होगा. बाइडेन के संवाद की आवश्यकता पर जोर देने पर आलोचकों ने कहा था कि वह बहुत नरम हो रहे हैं.

पीएम मोदी के कृषि कानून वापस लेने पर लोगों ने ट्विटर पर पूछा अब क्या CAA और धारा 370 पर भी ऐसा करोगे?


on twitter user question what Next is what? CAA or Article 370 back? | पीएम मोदी के कृषि कानून वापस लेने पर लोगों ने ट्विटर पर पूछा अब क्या CAA और धारा 370 पर भी ऐसा करोगे?

ट्विटर पर CAA और आर्टिकल 370 के बारे में पूछ रहे हैं यूजर्सपीएम ने क्षमा मांगते हुए तीनों कृषि कानूनों को लिया वापस लेने

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया। इस ऐलान के बाद इन तीनों कृषि कानूनों का विरोध लगातार एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई। कोई इसे किसानों की जीत बताने लगा तो कोई इसे यूपी और पंजाब चुनाव को देखते हुए मोदी का मास्टर स्ट्रोक बता रहा है। ट्विटर पर भी लोग मोदी के इस फैसले पर दो तरफा बंटे हुए नजर आ रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं अब क्या नागरिकता संसोधन कानून (CAA)और धारा 370 पर भी ऐसा करोगे? 

पीएम मोदी ने शुक्रवार को प्रकाश पर्व पर क्षमा मांगते हुए तीनों कहा कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।

Thursday, November 18, 2021

भारत करता रहेगा पाकिस्तान में 'सर्जिकल स्ट्राइक', UNSC में आतंकवाद पर मोदी सरकार की दो टूक


न्यूयॉर्क: यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में भारत ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई और फौरन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) खाली करने को कहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने कहा कि, अब इस बात को पूरी दुनिया जानती और समझती है कि, पाकिस्तान वो देश है, जो खुलेआम आतंकियों को समर्थन देता है और वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मंच को भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए इस्तेमाल करता है।

पाकिस्तान को जमकर फटकार

पाकिस्तान को जमकर फटकार

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने जोर देते हुए कहा कि, पाकिस्तान ने हमेशा से भारत के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंचों का इस्तेमाल किया है। इसके साथ ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए इस्लामाबाद की जमकर खिंचाई की और पाकिस्तान से जम्मू और कश्मीर के सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने को कहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की काउंसलर डॉ. काजल भट्ट ने कहा कि, ''मैं भारत की स्थिति के बारे में स्पष्ट करना चाहूंगी कि, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और लद्दाख हमेशा भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे। इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। हम मांग करते हैं कि, जिन क्षेत्रों पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है, उसे फौरन खाली करे।''

''पाकिस्तान करता है प्रोपेगेंडा''

''पाकिस्तान करता है प्रोपेगेंडा''

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की काउंसलर डॉ. काजल भट्ट ने कहा कि, पाकिस्तान हमेशा से संयुक्त राष्ट्र के इस मंच का इस्तेमाल प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए करता है और इसीलिए एक बार फिर से भारत को उसका जवाब देने के लिए इस मंच पर आने के लिए मजबूर होना पड़ा है। भारत ने कहा कि, पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने यूएनएसी के मंच पर ''तुच्छ टिप्पणियां'' की हैं। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि, ''यह पहली बार नहीं है कि, पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने भारत के खिलाफ गिरा हुआ और दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रदान किए गए प्लेटफार्मों का दुरुपयोग किया है''। काजल भट ने कहा कि, पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने 'अपने देश की दुखद स्थिति से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए व्यर्थ प्रयास किया है, जहां आतंकवादी आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं, खासकर जहां अल्पसंख्यकों के साथ काफी खराब सलूक किया जाता है''।

''आतंकियों का साथ देने का इतिहास''

''आतंकियों का साथ देने का इतिहास''

भारतीय प्रतिनिधि ने यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल के मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए कहा कि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य देश इस बात से अवगत हैं कि पाकिस्तान का एक स्थापित इतिहास और आतंकवादियों को पनाह देने, सहायता करने और सक्रिय रूप से समर्थन करने की नीति है।'' काजल भट ने कहा कि, 'यह वह देश है जिसे राज्य की नीति के तहत आतंकवादियों को खुले तौर पर समर्थन, प्रशिक्षण, वित्तपोषण और हथियारों से लैस करने वाले देश के रूप में मान्यता दी गई है।' भारत के काउंसलर ने यह भी रेखांकित किया कि, पाकिस्तान 'यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों की सबसे बड़ी संख्या की मेजबानी करने का अपमानजनक रिकॉर्ड रखता है'।

''आतंकवादियों पर हो कार्रवाई''

भारतीय प्रतिनिधि ने यूएनएससी के मंच पर पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए कहा कि, ''भारत पाकिस्तान समेत अपने सभी पड़ोसी देशों से सामान्य संबंध चाहता है, और भारत ''शिमला समझौता और लाहौर घोषणा'' के अनुसार द्विपक्षीय और शांति के साथ वार्ता के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन कोई भी सार्थक बातचीत तभी हो पाएगी, जब 'माहौल आतंक और हिंसा से मुक्त हो'। भारतीय प्रतिनिधि ने जोर देते हुए कहा कि, ''इस तरह के अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है''। उन्होंने कहा कि, ''जब तक पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देता रहेगा, तब तक भारत सीमा पार आतंकवाद का जवाब देने के लिए दृढ़ और निर्णायक कदम उठाता रहेगा।''

रुस की हरकत से मचा हड़कंप!, मिसाइल से सैटेलाइट उड़ाया, खतरे में पड़े एस्ट्रोनॉट


russia

रुस ने 14 नवंबर की रात या 15 नवंबर की सुबह एंटी सैटेलाइट मिसाइल दागकर अपने सैटेलाइट कॉसमॉस-1408 को उड़ा दिया, इस सैटेलाइट का वजन 2 हजार किलो था।

New Delhi: रुस ने एक एंटी सैटेलाइट मिसाइल दागकर अपने एक पुराने सैटेलाइट को धरती की निचली कक्षा में उड़ा दिया है, जिससे करीब 1500 से ज्यादा टुकड़े तेजी से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की तरफ बढे, अंतरिक्ष में जानबूझकर फैलाये गये कचरे की वजह से स्पेस स्टेशन पर मौजूद एस्ट्रोनॉट्स को सोयुज और ड्रैगन कैप्सूल में छिपना पड़ा, ताकि अगर कचरा स्पेस स्टेशन को नुकसान पहुंचाये, तो ये लोग दोनों कैप्सूल के जरिये धरती की ओर लौट सकें, इस घटना के बाद से रुस की इस हरकत की कई देश आलोचना कर रहे हैं।

मिसाइल दागा
रुस ने 14 नवंबर की रात या 15 नवंबर की सुबह एंटी सैटेलाइट मिसाइल दागकर अपने सैटेलाइट कॉसमॉस-1408 को उड़ा दिया,

इस सैटेलाइट का वजन 2 हजार किलो था, इसे साल 1982 में लांच किया गया था, ये पिछले कुछ सालों से निष्क्रिय था, जब मिसाइल से इसे उड़ाया गया, तो ये धरती से 485 किमी की ऊंचाई पर था, इससे थोड़ा ही नीचे की कक्षा में स्पेस स्टेशन धरती के चक्कर लगाता है।

घटना की निंदा
अमेरिका ने रुस की इस हरकत की पुष्टि करते हुए घटना की निंदा की है, यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि रुसी फेडरेशन ने लापरवाही से भरी हरकत की है, जिसकी वजह से स्पेस स्टेशन पर मौजूद एस्ट्रोनॉट्स की जिंदगी खतरे में पड़ गई थी,

रुस के इस परीक्षण की वजह से करीब 1500 से ज्यादा कचरा पैदा हुआ है, जो आसानी से दिखाई दे सकता है, लेकिन हजारों बारीक तथा छोटे टुकड़े भी निकले जिन्हें करीब से देखना पड़ेगा, रुस ने दुनियाभर के देशों के सैटेलाइट्स तथा स्पेस स्टेशन के लिये खतरा पैदा किया है।

खतरनाक साबित हो सकता है
नेड प्राइस ने कहा कि इससे रुस के अंतरिक्षयात्रियों का जीवन भी खतरे में पड़ा है, क्योंकि वो भी स्पेस स्टेश पर मौजूद थे,

इसके अलावा अन्य इंसानी अंतरिक्ष उड़ानों के लिये खतरा पैदा हो गया है, क्योंकि कॉसमॉस-1408 तथा मिसाइल का कचरा अब धरती की निचली कक्षा में तैरता रहेगा, ये किसी भी सैटेलाइट या लोअर अर्थ ऑर्बिट मिशन के लिये खतरनाक साबित हो सकता है।


लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को जल्द जांच पूरी करने के आदेश दिए


नई दिल्ली (New Delhi) . लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने नव गठित एसआईटी को जल्द जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने आदेश में कहा, ‘ऐसे अपराधों की जांच करते समय, न्याय न केवल किया जाना चाहिए बल्कि होते हुए दिखना और समझा भी जाना चाहिए.इस प्रकार हम न्याय प्रणाली के आपराधिक प्रशासन में लोगों के विश्वास और भरोसे को बनाए रखने के लिए एसआईटी का फिर से गठन करना उचित समझते हैं ताकि जांच समयबद्ध तरीके से हो.इसके अलावा, अपराध के पीड़ितों को पूर्ण और पूर्ण न्याय का आश्वासन देने के लिए, हम आदेश देने के इच्छुक हैं कि चल रही जांच की निगरानी एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (judge) द्वारा की जाए जिनकी जड़ें उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य में नहीं हैं.’

सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने कहा, ‘इसलिए, हम मामले में जांच के परिणाम में पारदर्शिता, फेयरनेस और पूर्ण निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए चल रही जांच की निगरानी के लिए पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राकेश कुमार जैन को नियुक्त करते हैं.’ इसके अलावा एसआईटी का फिर से गठन करते हुए शॉर्टलिस्ट किए गए अधिकारी हैं – एस बी शिराडकर, सु पद्मजा चौहान, डॉ. प्रीतिंदर सिंह तीनों आईपीएस हैं और विभिन्न राज्यों में पदस्थ हैं.

भारत में बने लड़ाकू हेलीकॉप्टर, ड्रोन और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट सेना को सौंपेंगे पीएम


नई दिल्ली (New Delhi) . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी में राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व के दौरान सशस्त्र सेना प्रमुखों को भारत में बने लड़ाकू हेलीकॉप्टर, ड्रोन और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट सौंपेंगे. बुधवार (Wednesday) से प्रारम्भ तीन दिवसीय राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष को मनाने के लिए केंद्र के ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह का हिस्सा है. यह कार्यक्रम झांसी में 17 से 19 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है.

एक सरकारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डिजाइन और विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर वायु सेना प्रमुख को सौंपेंगे. वह भारतीय स्टार्ट-अप द्वारा निर्मित ड्रोन और मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) को थल सेना प्रमुख व जहाजों के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा निर्मित आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट नौसेना प्रमुख को सौंपेंगे.

पीएमओ ने कहा कि एलसीएच में प्रभावी लड़ाकू भूमिकाओं के लिए आधुनिक तकनीकों और रणनीतिक सुविधाओं को शामिल किया गया है जबकि भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा भारतीय यूएवी की तैनाती भी भारतीय ड्रोन उद्योग इकोसिस्टम की बढ़ती परिपक्वता का प्रमाण है. आधुनिक ईडब्ल्यू सूट का उपयोग विभिन्न नौसैनिक जहाजों में किया जाएगा, जिनमें विध्वंसक, युद्धपोत आदि शामिल हैं.

पीएमओ के मुताबिक पीएम मोदी 19 नवंबर को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में झांसी की अपनी यात्रा के दौरान शाम को लगभग 5:15 बजे, ”राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व” में रक्षा क्षेत्र की कई पहलों का शुभारंभ करेंगे और राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) रक्षा औद्योगिक गलियारे के झांसी खंड में 400 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास भी करेंगे. साथ ही एनसीसी के पूर्व छात्रों को एनसीसी के साथ फिर से जोड़ने में सक्षम बनाने के लिए एक औपचारिक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री एनसीसी पूर्व छात्र (student) संघ की शुरूआत भी करेंगे.

प्रधानमंत्री एनसीसी की तीनों इकाइयों के लिए सिमुलेशन प्रशिक्षण सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से एनसीसी कैडेटों के लिए सिमुलेशन प्रशिक्षण के राष्ट्रीय कार्यक्रम को आरंभ करेंगे. इसमें एनसीसी की सैन्य इकाई के लिए राइफल फायरिंग सिमुलेटर की स्थापना, एयर विंग के लिए माइक्रोलाइट फ्लाइंग सिमुलेटर और नेवल विंग के लिए रोइंग सिमुलेटर शामिल हैं.

Monday, November 8, 2021

धरती की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है भयानक एस्टेरॉयड, NASA ने जारी की चेतावनी


4660 Nereus नाम का Asteroid धरती के पास से होकर जल्द गुजरने वाला है. 

 4660 Nereus नाम का Asteroid धरती के पास से होकर जल्द गुजरने वाला है. (सांकेतिक तस्वीर)

अंतरिक्ष (Space Science) में धरती के अलावा भी तमाम ग्रह और तारे (Hazardous Asteroid) मौजूद हैं. इनमें से ही कभी ऐसा भी होता है कि कोई एस्टेरॉयड दूसरे ग्रह के पास से गुजर जाए. धरती के पास (Asteroid Coming to Earth) से भी इसी साल दिसंबर महीने में एक बड़ा एस्टेरॉयड (Asteroid Coming Towards Earth) होकर गुजरने वाला है. NASA ने इसे लेकर चेतावनी भी जारी की है.

NASA के मुताबिक जो एस्टेरॉयड धरती से होकर गुजरेगा, वो आइफिल टॉवर से 10 गुना ज्यादा बड़ा है. आसान भाषा में कहें तो ये फुटबॉल पिच का तीन गुना है और इसका नाम रखा गया है – 4660 Nereus. इसे नासा की ओर से बेहद खतरनाक एस्टेरॉयड (Potentially Hazardous Asteroid) की श्रेणी में रखा गया है. नासा की भविष्यवाणी के मुताबिक ये आने वाले 11 दिसंबर तक धरती के बेहद पास आ जाएगा.

धरती को है कितना खतरा !
इस विशालकाय एस्टेरॉयड से धरती को खतरा हो सकता था, लेकिन गनीमत ये है कि इसकी दूरी धरती से काफी ज्यादा है. जानकारीके मुताबिक धरती से 4660 Nereus नाम के एस्टेरॉयड की दूरी 3.9 मिलियन किलोमीटर यानि धरती और चांद के बीच की दूरी का 10 गुना है. एस्टेरॉयड 330 मीटर लंबा है. स्पेस रेफरेंस के मुताबिक अंतरिक्ष में मौजूद 90 फीसदी एस्टेरॉयड इससे छोटे हैं. Nereus साल 1982 में खोजे गए अपोलो ग्रुप का ही सदस्य एस्टेरॉयड है. ये भी सूरज के ऑर्बिट से होकर धरती के पास से गुजरेगा, जैसा इससे पहले के एस्टेरॉयड करते रहे हैं.

आगे भी आते रहेंगे ऐसे एस्टेरॉयड
11 दिसंबर को धरती से होकर गुजरने के बाद इस तरह एस्टेरॉयड कम से कम 10 साल तक यहां नहीं आएगा. वैज्ञानिकों के मुताबिक ये दोबारा 2 मार्च, 2031 को इधर से होकर गुजरेगा. इसके बाद फिर ये नवंबर 2050 को धरती के नज़दीक आएगा. धरती के सबसे नज़दीक ये 40 साल बाद यानि फरवरी 2060 में पहुंचेगा. इससे पहले सितंबर में धरती की कक्षा से होकर विशालकाय एस्टेरॉयड गुजरा था. इसका आकार बिग बेन्स क्लॉक टॉवर जितना था और ये 50 हज़ार मील/घंटा की स्पीड से धरती की ओर से होकर गया था.

चीन की हाइपरसोनिक मिसाइल का US ने दिया जवाब, बना रहा ऐसा खतरनाक हथियार जो हवा में ही कर देगा मिसाइल-ड्रोन का खात्मा


Latest US Laser Weapon: चीन के लगातार किए जा रहे मिसाइल परीक्षणों के बाद अमेरिका ने भी खुद को और मजबूत करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. वह एक तरह का घातक लेजर हथियार बना रहा है, जिससे हवा में ही बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन को खत्म किया जा सकेगा. अमेरिकी सेना ने इस 300 किलोवाट के सॉलिड लेजर हथियार को बनाने की जिम्मेदारी बोइंग और जनरल एटॉमिक्स इटेक्ट्रोमैग्नेटिक्स सिस्टम्स (जीए-ईएमएस) को दी है. हथियार का नाम डिस्ट्रिब्यूटेड गेन हाई एनर्जी लेजर वेपन सिस्टम (DGHELWS) है. इसमें जीए-ईएमएस की लेजर तकनीक और बाइंग के सटीक टार्गेट करने वाले ट्रैकिंग टूल और सॉफ्टवेयर लगे होंगे.

इससे लेजर को आसमान में घूमती चीज को ढूंढने और उसपर फोकस करने में मदद मिलेगी. एक बयान में जीए-ईएमएस के प्रमुख स्कॉट फॉर्ने ने कहा है, ‘हाई पावर वाले कॉम्पैक्ट लेजर हथियार सबसिस्टम प्रोटोटाइप, जिसे जीए-ईएमएस कॉन्ट्रैक्ट के तहत वितरित करेगा, अब तक की किसी भी चीज से अधिक घातक है. यह तकनीक हवा और मिसाइल रक्षा के लिए आगे बढ़ने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करती है, जो सेना के आधुनिकीकरण के प्रयासों की ओर बड़ा कदम है (How Powerful are Laser Weapons). यह युद्धक्षेत्र में अगली पीढ़ी के खतरों को नाकाम करने के लिए भी जरूरी है.’

चीनी परीक्षण के बाद दिया कॉन्ट्रैक्ट

लेजर हथियार बनाने का कॉन्ट्रैक्ट कंपनियों को 25 अक्टूबर को दिया गया था. यानी चीन के हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण के कुछ दिनों बाद. जिसने अमेरिका को हैरान कर दिया था (US Military Laser Weapon System). अमेरिकी खुफिया और सैन्य अधिकारी कथित तौर पर उस समय हैरान रह गए, जब चीन ने एक हाइपरसोनिक ग्लाइड वेहिकल से अंतरिक्ष में एक रॉकेट लॉन्च किया, जिसने अपने लक्ष्य पर पहुंचने से पहले दुनिया का चक्कर लगाया. खुफिया सूत्रों ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया कि जब अगस्त में इसे गुप्त रूप से लॉन्च किया गया था, तब परमाणु-सक्षम मिसाइल लगभग दो दर्जन मील दूर अपने लक्ष्य से चूक गई थी.

सैनिकों की रक्षा में मिलेगी मदद

अब अमेरिकी सेना अपना ‘अब तक का सबसे शक्तिशाली लेजर हथियार’ विकसित कर रही है, जो ‘बेजोड़ गति, प्रदर्शन, सुरक्षा सामर्थ्य’ के माध्यम से सैनिकों की रक्षा करने में मदद कर सकता है (US Laser Weapon System). जनरल एटॉमिक्स के लेजर और उन्नत सेंसर मामलों के उपाध्यक्ष डॉ माइकल पेरी कहते हैं, लेजर सातवीं पीढ़ी के डिजाइन का ‘पैकेज्ड वर्जन’ है, जिसे पहले ही प्रदर्शित किया जा चुका है. पॉपुलर साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इसे सफलतापूर्वक विकसित किया गया तो यह हथियार छोटे ड्रोन (Small Drones) से लेकर उड़ने वाली मिसाइलों तक किसी भी चीज को नष्ट करने में सक्षम होगा.

तीसरे विश्व युद्ध की आहट, ताइवान के खिलाफ जंग की तैयारी


ट्रकों में विनाशकारी टैंक ले जा रही चीनी सेना, ताइवान के खिलाफ जंग की तैयारी

एजेंसियां — पेइचिंग

ताइवान के खिलाफ ‘संभावित’ हमले की तैयारी के रूप में चीनी सेना अपने हथियारों और टैंकों को तैनात कर रही है। चीनी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ वीडियो इस तरह के दावे कर रहे हैं। ये वीडियो सामने आने के बाद ‘तीसरे विश्व युद्धÓ की आशंकाएं बढ़ गई हैं। हांगकांग समर्थक लोकतंत्र कार्यकर्ता एलीन चांग के अनुसार ये वीडियो चीन भर में वीबो पर जमकर शेयर किए जा रहे हैं। वीबो चीन का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जिस पर सरकार का नियंत्रण है। इसे ट्विटर के विकल्प के रूप में देखा जाता है। ‘अनवैरिफाइड’ वीडियो में चीनी सेना को बड़े ट्रकों के माध्यम से टैंकों को ले जाते हुए देखा जा सकता है। शहर की सड़कों पर बड़ी संख्या में बख्तरबंद गाडिय़ों की आवाजाही के वीडियो से बड़ी संख्या में सोशल मीडिया यूजर ताइवान के खिलाफ युद्ध का अनुमान लगा रहे हैं।

चीन ने देश की कम्युनिस्ट पार्टी की 100वीं वर्षगांठ के मौके पर ताइवान को एक बार फिर चीनी शासन के अधीन लाने की इच्छा जताई थी। भले ही ये आशंकाएं अटकलों पर आधारित हैं, लेकिन चीन और ताइवान के बीच तनाव वास्तव में अपने चरम पर है। पिछले कुछ महीनों में ताइवान में चीनी सैन्य गतिविधि में बढ़ोत्तरी ने वैश्विक चिंता को बढ़ा दिया है। चीन ताइवान को अपने प्रांत के रूप में देखता है, जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश बताता है। चीन पहले भी कह चुका है कि ताइवान की आजादी का मतलब ‘युद्धÓ होगा। पिछले पहली अक्टूबर यानी चीन के राष्ट्रीय दिवस के दिन चीनी वायु सेना के 25 लड़ाकू विमान, बॉम्बर्स और दूसरे एयरक्राफ्ट्स ने ताइवानी वायु सीमा का उल्लंघन किया था।

बिहारी युवा ने खोजा प्लास्टिक कचरे से पेट्रोल बनाने का तरीका, लगाया प्लांट, मूल्य 65 से 70 रुपए लीटर


राम नगरी अयोध्या में भी सरयू की लहरों पर चलेगी 'रामायण क्रूज़' 

मुजफ्फरपुर, आज जहां पूरा देश की महंगाई को लेकर परेशान है, वहीं बिहार के मुजफ्फरपुर में आशुतोष मंगलम ने प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने का तरीका खोजा और बनाने के लिए बाकायदा प्लांट लगा लिया है। जहां सरकार द्वारा टैक्स घटाने के बाद भी कीमत 110 रुपए प्रति लीटर है वहीं प्लास्टिक से बने पेट्रोल के दाम सिर्फ 65 से 70 रुपए के बीच है।  

रोजाना 200 किलो प्लास्टिक कचरे से 175 लीटर बायो पेट्रोल-डीजल तैयार करेगी

बिहार सरकार में भूमि राजस्व मंत्री सूरत राय ने मंगलवार को इस प्लांट का उद्घाटन किया। इस प्लांट में एक लीटर बायो डीजल तैयार करने की लागत 62 रुपये आएगी और इसकी बिक्री 70 रुपये प्रति लीटर पर की जा सकेगी। ये यूनिट रोजाना 200 किलोग्राम प्लास्टिक कचरे से 175 लीटर बायो पेट्रोल-डीजल तैयार करेगी। मंत्री ने प्लांट में तैयार दस लीटर डीजल की खरीदारी भी की। इस दौरान इकाई को देखने के  लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी। मंगलम का कहना है कि इससे आम लोगों को भी लाभ मिलेगा. प्लास्टिक कचरे से जो ईंधन तैयार होगा वह पर्यावरण के लिए लाभदायक होगा। अभी बिक्री स्थानीय किसान और नगर निगम के लिए किए जाएंगे। 

PMEG के तहत लोन लेकर इसकी शुरुआत की

बिहार के मुजफ्फरपुर में खुला प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने वाला प्लांट बिहार का पहला प्लांट है। इसे कुढ़नी प्रखंड के खरौना डीह गाँव में लगाया गया है। प्लांट का उद्घाटन मंत्री रामसूरत राय के द्वारा किया गया है। जिस शख्स ने प्लांट शुरू किया है उसने केंद्र सरकार की योजना PMEG के तहत लोन लेकर इसकी शुरुआत की है। 

नगर निगम से 6 रुपए प्रति किलो के हिसाब से प्लास्टिक खरीदेंगें

इस प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने वाले प्लांट के संचालक आशुतोष मंगलम ने कहा कि जब वो स्कूल में पढ़ते थे तब उन्होंने देश के पूर्व राष्ट्रपति को यह कहते सुना था कि प्लास्टिक डायमंड है इसका उपयोग सही तरीके से किया जाए तो यह वरदान साबित होगा। संचालक नगर निगम से 6 रुपए प्रति किलो के हिसाब से प्लास्टिक खरीदेंगें। एक दिन में प्लांट से 150 लीटर डीज़ल और 130 लीटर पेट्रोल का उत्पादन होगा। इसकी आपूर्ति किसानों और नगर निगम को होगी। एक लीटर पेट्रोल और डीज़ल को तैयार करने में GST के साथ 62 रुपए की लागत आएगी। और इसकी बिक्री 65 से 70 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से होगी।

पेट्रोल 100% शुद्ध रहेगा

संचालक का कहना है कि उनके प्लांट से बनाया गया ईंधन 100% शुद्ध रहेगा। पेट्रोल पंप में मिलने वाले पेट्रोल-डीज़ल से इसकी क्षमता बिकुल भी कम नहीं होगी, इस प्लांट से तैयार पेट्रोल और डीज़ल बेचने में सफलता मिलने के बाद प्रोडक्शन और बढ़ाया जाएगा। 

बनाने का तरीका

सबसे पहले 2 ब्यूटेन को आइसो ऑक्टेन में तब्दील किया जाता है। इसके बाद अगल-अलग प्रेशर और तापमान से आइसो ऑक्टेन को डीज़ल और पेट्रोल में बदल दिया जाता है।400 डिग्री सेल्सियस तापमान में डीज़ल और 800 डिग्री के तापमान में पेट्रोल का उत्पादन होता है। इस प्रक्रिया में 8 घंटे का समय लगता है।   

सरकार भी कर रही तैयारी सफल ट्रायल पूरा 

वैसे तो इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम में प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने का सफल ट्रायल पूरा हो चूका है। बल्कि प्लास्टिक से बने डीज़ल और पेट्रोल में ऑक्टेन ज़्यादा होने से वाहन का माइलेज भी बढ़ेगा। अब आपके मन में ये सवाल होगा कि अगर प्लास्टिक से पेट्रोल बन सकता है और इतनी कम कीमत में बेचा जा सकता है तो सरकार क्यों अपना प्लांट नहीं डाल देती। दरअसल प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने की लागत सामान्य पेट्रोल की तुलना में ज़्यादा होती है। क्रूड ऑयल से बने पेट्रोल की बेस प्राइस ही 40 रुपए से कम है वो तो इतना टैक्स ठोंक दिया जाता है कि पेट्रोल डीज़ल इतना महंगा हो जाता है। प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने के लिए काफी मात्रा में ऊर्जा की जरूरत रहती है,जिसमे एक कुकर नुमा प्रेशर मशीन में प्लास्टिक भरकर उसे उच्च तापमान में पिघलाया जाता है। जिससे निकलने वाली भाप को एक कंटेनर में इक्कठा किया जाता है। वही पेट्रोल होता है, अब ऊष्मा के लिए आपको LPG व फिर कोई दूसरा ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल करना होगा।

बच्चों को भी जल्द लगेगा टीका, केंद्र सरकार ने दिए एक करोड़ डोज खरीदने के आदेश


Children will also get the vaccine soon, covid vaccine for children

केंद्र सरकार ने अहमदाबाद की कंपनी जायडस कैडिला की तीन खुराक वाली वैक्सीन ‘जाइकोव-डी’ की एक करोड़ डोज खरीदने के आदेश दिए हैं।

भारत में अब बच्चों को भी कोरोना का टीका जल्द लगेगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए मंजूरी दे दी है। सरकार ने अहमदाबाद की कंपनी जायडस कैडिला की तीन खुराक वाली वैक्सीन ‘जाइकोव-डी’ की एक करोड़ डोज खरीदने के आदेश दिए हैं।
इसके साथ ही यह वैक्सीन राष्ट्रीय कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण अभियान में इस महीने शामिल हो जाएगी। शुरुआत में इसे वयस्कों को लगाने में प्राथमिकता दी जाएगी।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि केंद्र जायडस कैडिला को जाइकोव-डी टीके की एक करोड़ खुराक के लिए ऑर्डर दे चुका है, जिसकी कीमत कर को छोड़कर करीब 358 रुपये है। इस कीमत में 93 रुपये की लागत वाले ‘जेट एप्लीकेटर’ का खर्च भी शामिल है। इसकी मदद से ही टीके की खुराक दी जाएगी।
कंपनी के अधिकारियों ने मंत्रालय को बताया कि जायडस कैडिला प्रति माह जाइकोव-डी की एक करोड़ खुराक मुहैया कराने की स्थिति में है। इसके तीन खुराकों को 28 दिनों के अंतराल पर दिया जाना है। देश में विकसित यह दुनिया का पहला ऐसा टीका है, जो डीएनए-आधारित एवं सुई-रहित है। 
जाइकोव-डी को 20 अगस्त को दवा नियामक (DCGI) से आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली थी। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने 30 सितंबर को कहा था कि दुनिया का पहला डीएनए-आधारित टीका राष्ट्रव्यापी अभियान में बहुत जल्द इस्तेमाल किया जाएगा।
जॉयकोव डी की तीन खुराकें लगेंगी। पहली खुराक के 28 दिन बाद दूसरी खुराक दी जाएगी और 56 दिन बाद तीसरी। 

Friday, November 5, 2021

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया गांव में मनायी दिवाली

गोरखपुर| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को दीपावली के अवसर पर जनपद गोरखपुर केवनटांगिया ग्राम जंगल तिकोनिया नंबर-3 में विकास योजनाओं का लोकापर्ण करते हुए कहा कि रामराज की अवधारणा वनटांगिया गांव में साकार हुई है।

उन्होंने कहा कि वह पिछले 25 वर्षों से वनटांगिया समुदाय के लोगों के साथ दिवाली मनाते आ रहे हैं। उन्होंने समुदाय से आह्वान किया कि जंगल की सुरक्षा करना आवश्यक है क्योंकि जंगलों की सुरक्षा से आपकी पहचान बनेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को दीपावली के अवसर पर जनपद गोरखपुर के वनटांगिया ग्राम जंगल तिकोनिया नंबर-3 के विकास के लिए आठ परियोजनाओं का शिलान्यास/लोकार्पण किया।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने विभिन्न योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना, पोषाहार योजना, शिक्षा उन्नयन के लिए स्कूली छात्र/छात्राओं को उपहार, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना और पेंशन आदि के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, दीपक प्रकाश का प्रतीक होने के साथ साथ ज्ञान एवं सुख-समृद्धि का प्रतीक है।गरीब के साथ खुशी बांटने से खुशी कई गुना बढ़ जाती है। प्रदेश सरकार की यही कामना है कि सुख-समृद्धि व खुशहाली प्रत्येक प्रदेशवासी के जीवन में हो।

योगी ने कहा कि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है इसलिए राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना जो मई से लेकर नवम्बर, 2021 तक थी, उसे अगले साल होली तक विस्तार दिया गया है।

उन्होंने कहा कि अन्त्योदय कार्डधारकों को मिलने वाले खाद्यान्न के तहत चावल, गेहूं ही नहीं, बल्कि एक किलो दाल, एक लीटर खाद्य तेल, एक किलो नमक और एक किलो चीनी निःशुल्क दी जाएगी।

साथ ही, पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को मिलने वाले खाद्यान्न में एक किलो दाल, एक लीटर खाद्य तेल और एक किलो नमक भी निःशुल्क दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, हम सब जानते हैं कि वनटांगिया गांव में आजादी के 70 वर्षों तक कोई बुनियादी सुविधा नहीं मिली थी, लेकिन वर्ष 2017 के बाद से वर्तमान प्रदेश सरकार ने इस गांव को राजस्व गांव का दर्जा दिलाकर सभी मूलभूत सुविधाओं से लैस कर नई व्यवस्था के साथ जोड़ा गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले यहां के लिए योजनाएं सपना होती थीं, लेकिन आज यहां पानी, बिजली, आवास, स्कूल, सड़क आदि की सुविधाएं मिल रही हैं, यही रामराज है। रामराज की अवधारणा वनटांगिया गांव में साकार हुई है।

केदारनाथ धाम पहुंचे पीएम मोदी, 400 करोड़ की परियोजनाओं की देंगे सौगात

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार सुबह जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। इस मौके पर राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत समेत मंत्रियों ने उनका स्वागत किया।

शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे। मोदी हाथ में पहाड़ी टोपी और शॉल लिए उतरे। वे बारी-बारी से सभी से मिले। प्रधानमंत्री के आगमन से पहले एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। यहां से वे केदारनाथ के लिए रवाना हो गए।

प्रधानमंत्री मोदी सुबह 8 बजे केदारनाथ धाम पहुंचेंगे। सुबह 8.30 बजे तक प्रधानमंत्री मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। पूजा-अर्चना के बाद निर्माण कार्यों का जायजा लेंगे। सुबह 9.40 बजे आदि शंकराचार्य की समाधि स्थल पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसके बाद सुबह करीब 10 बजे प्रधानमंत्री देश को संबोधित करेंगे।

Wednesday, November 3, 2021

अयोध्या में भव्य दीवाली मनाने की हुई शुरुआत, 12 लाख दीये जलाकर बनेगा रिकॉर्ड

उत्तर प्रदेश (UP) की सरकार "दीपोत्सव " (Dipotsav) पर अयोध्या (Ayodhya) में 12 लाख दीये जलाएगी. इन 12 लाख दीये में नौ लाख सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी में जलाए जाएंगे. वहीं 3 लाख दीये अयोध्या के मठ मंदिरों में जलाए जाएंगे. ये सभी दीये शाम 6 बजे से जलाए जाएंगे. 12 लाख दीये के साथ ही योगी सरकार (Yogi government) अयोध्या में दीये जलाने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ देगी. इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Union Minister G Kishan Reddy, Uttar Pradesh Governor Anandiben Patel and State Chief Minister Yogi Adityanath) खुद भी शामिल होंगे. इस दौरान सीएम योगी सरयू आरती भी करेंगे.

बता दें कि पिछले साल योगी आदित्यनाथ की सरकार ने "दीपोत्सव " पर छह लाख से अधिक दीये जलाए थे. सरकार के मुताबिक सोमवार से शुरू हो कर पांच दिनों तक चलने वाले समारोह के दौरान रामलीलाओं का मंचन, थ्री डी होलोग्राफिक प्रदर्शन, लेजर शो और आतिशबाजी भी होगी.

बता दें कि पिछले साल योगी आदित्यनाथ की सरकार ने "दीपोत्सव " पर छह लाख से अधिक दीये जलाए थे. सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार से रामलीलाओं का मंचन किया जा रहा है. इसके अलावा थ्री डी होलोग्राफिक और लेजर शो और आतिशबाजी भी की जाएगी.

अयोध्या में रामलीला का मंचन करने के लिए श्रीलंका से एक सांस्कृतिक टीम को बुलाया गया है. नेपाल के जनकपुर से आई टीम सोमवार को रामलीला का मंचन करेगी, जबकि जम्मू-कश्मीर, गुजरात, असम, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल से आई टीमें पांच दिनों तक चलने वाले समारोह के दौरान इसका मंचन करेंगी.

पांच दिनों का यूरोप दौरा खत्म कर वापस लौटे पीएम मोदी, COP26 और G-20 की बैठक में हुए थे शामिल

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी रोम (इटली), वेटिकन सिटी और ग्लासगो (स्कॉटलैंड) की अपनी यात्रा के समापन के बाद देश लौट आए। प्रधानमंत्री 5 दिवसीय यूरोप यात्रा पर थे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की राजधानी रोम में आयोजित जी-20 की बैठक में शामिल हुए। इसके बाद वह वेटिकन सिटी पहुंचे जहां उन्होंने पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्कॉटलैंड के ग्लासगो भी पहुंचे। COP26 की बैठक में शामिल हुआ इस बैठक में जलवायु परिवर्तन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।

इससे पहले मोदी ने रविवार को रोम में संपन्न जी-20 शिखर सम्मेलन को ‘फलदायी’ करार दिया था। उन्होंने कहा कि विश्व नेताओं ने वैश्विक महत्व के अहम मुद्दों जैसे महामारी से लड़ाई, स्वास्थ्य अवसंरचना में सुधार, आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने और नवोन्मेष पर विस्तृत चर्चा की। नरेंद्र मोदी ने रोम में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनके आदर्श दुनियाभर में लोगों को प्रेरित करते हैं। वहीं भारतीय समुदाय के लोगों ने पियाजा गांधी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का "मोदी, मोदी " के नारों के साथ स्वागत किया। जिसका वीडियो सामने आया है।

अपने इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई देश के प्रमुख नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता भी की जिसमें इटली, इसराइल, नेपाल आदि देश शामिल हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन तथा इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री की मुलाकातों का सिलसिला उनके इस पांच दिवसीय दौरे के दौरान लगातार जारी रहा। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के इतर माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक और परमार्थ कार्यों के लिए प्रसिद्ध बिल गेट्स से भी मुलाकात की।

Tuesday, November 2, 2021

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद का सवाल, क्या अब “लोहिया” की जगह “जिन्ना” की तस्वीर लगेगी?


AKHILESH Yadav on pramod

UP Election 2022: कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद (Acharya Pramod) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) द्वारा जिन्ना को लेकर दिए गए बयान पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर सवाल किया है कि क्या “समाजवादी”पार्टी के कार्यालयों में अब “लोहिया”की जगह “जिन्ना” की तस्वीर लगेगी….? एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि जिन्ना का “जिन्न”फिर निकल आया, आभार अखिलेश जी।

अखिलेश यादव ने जिन्ना की सराहना की थी

बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को हरदोई की एक जनसभा में मोहम्मद अली जिन्ना की, भारत की आजादी के लिए उनके योगदान की सराहना की थी। सपा प्रमुख ने कहा कि ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और (मोहम्मद अली) जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई। उन्हें आजादी के लिए किसी भी तरीके से संघर्ष करना पड़ा होगा तो पीछे नहीं हटे।’

सीएम योगी ने अखिलेश यादव पर बोला हमला

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने जिन्ना की तुलना सरदार वल्लभभाई पटेल से की। यह शर्मनाक है। यह तालिबानी मानसिकता है जो बांटने में विश्वास रखती है। सरदार पटेल ने देश को एक सूत्र में पिरोया। वर्तमान में, पीएम के नेतृत्व में, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ को प्राप्त करने के लिए काम चल रहा है।’

मौत के 8 साल बाद घर पहुंचा लड़का..बोला ‘मेरा पुनर्जन्म हुआ है’.. बात सुन हैरत में पड़ गए लोग


पुनर्जन्म की बातों में कितना तथ्य होता हैं ये कोई नहीं जानता. कुछ लोग पुनर्जन्म होता हैं ऐसा मान्ते हैं तो कुछ लोग इस पर विश्वास नहीं रखते. अब उत्तरप्रदेश के मैनपुरी में पुनर्जन्म का एक बड़ा मामला सामने आया हैं जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया हैं और इस बात को सुनकर हर कोई अब पुनर्जन्म पर विश्वास करने लगा हैं. उत्तरप्रदेश के मैनपुरी में 8 साल पहले प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का 13 साल का बेटा रोहित की नदी में डूबने से मौत हुई थी जिसको अब 8 साल हो गए हैं.

फिर दूसरे ही गांव में रामनरेश शंखवार के घर पर उनके बेटे का जन्म हुआ जिनका नाम चंद्रवीर हैं. चंद्रवीर का ये पुनर्जन्म हैं और वो पिछले जन्म में रोहित था जिसकी नदी में डूबने से मौत हुई थी. चंद्रवीर ने अपने पिता से जिद की और कहां की उसे अपने पहले पिता से मिलना हैं जिनका मैं बेटा था जिसकी 8 साल पहले मौत हो चुकी हैं तो ये बात सुनकर रामनरेश हैरान रह गए.

फिर अपनी बेटे के जिद को मानकर वो अपने बेटे को प्रमोद कुमार श्रीवास्तव के घर लेकर चले गए. फिर वहां पर चंद्रवीर अपने पहले घर वालों से मिला और उनसे कहां की मैं ही रोहित हूं और फिर वो सबकुछ बताने लगा और उसने सभी को पहचान तक लिया था. फिर वो स्कूल भी गया और वहां सभी शिक्षकों को पहचाना और वो कहां पढ़ा वो सबकुछ बताया जिससे सभी को हैरानी हुई.

अपने पिता प्रमोद से मिलकर वो काफी खुश था और उसने सभी बातों को उनको बताया. इस मामले ने गांव में तहलका मचा दिया और हर तरफ सिर्फ उनकी ही चर्चा हैं. वैसे कोई पुनर्जन्म पर विश्वास करें या ना करें, लेकिन जिस तरह से चंद्रवीर ने अपने आपको रोहित बताया हैं उससे हमें पुनर्जन्म पर विश्वास करना ही पड़ेगा.