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Saturday, July 30, 2022

जिन मुसलमानों को हिंदुस्‍तान में इस्लाम का शासन चाहिए, वो लोग देश छोड़ कर चले जाएं: सुब्रमण्‍यम स्‍वामी


नई दिल्ली: देश में हाल ही के धार्मिक असहिष्णुता के कुछ मामलों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा हैं कि, देश के अंदर कट्टरता और हिंसा को फैलाना सही नहीं हैं.

सुब्रमण्यम स्वामी ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि “हिंदुओं की भी गलती है. 1947 में यह साफ कर देनी चाहिए थी कि जो मुसलमान दारुल इस्‍लाम चाहते हैं, वो हिंदुस्तान में नहीं रह सकते हैं. ऐसा नहीं हो सकता है कि इस्लाम का शासन भी हो, हिंदुत्व भी होगा और इसमें क्रिश्चियन के जो रास्ते हैं, वह भी हो. किसी को रोकेंगे नहीं, लेकिन आप इसमें हमसे टक्कर मत लेना. हमारे भगवान की बुराई मत करो. आपके पैगंबर की बुराई हम भी नहीं करेंगे.”

बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि, “किसी के ऊपर प्रहार करें, हिंसा करें यह तो गैरकानूनी है. नुपूर शर्मा को कोई पसंद करे या न करे, यह लोकतंत्र में कोई बड़ी बात नहीं है. यह तो सबका अधिकार है, लेकिन भाषा सही होनी चाहिए. टिप्पणी करना लोकतंत्र का एक भाग है. धमकी देना कि हम तुम्हारा गला काट देंगे, यह हम नहीं मान सकते हैं. और देश में इसको हम सहन भी नहीं कर सकते हैं.”

उन्होंने कहा कि लगभग 40 हजार से ज्यादा मंदिरों को तोड़ दिया गया. हम चाहतें हैं कि जो मंदिरों का कोई विकल्प नहीं हैं, उसे फिर से वहीं पर बनाया जाना चाहिए. राम अयोध्या में जन्म लिए है, वे (राम ) कहीं ओर नहीं जन्म लिए है, इसलिए अयोध्या में ही राम मंदिर बनेगा. इसके साथ-साथ कृष्ण भगवान मथुरा में पैदा हुए हैं, तो मस्जिद हटाकर वहां मंदिर ही बनना चाहिए. काशी विश्वनाथ का मामला भी इसी तरह से है. उन्हें कहीं और नहीं हटाया जा सकता है.

भाजपा नेता ने कहा कि “जो कोई भी तलवार उठाएगा और हिंसा को बढ़वा देगा उसके ऊपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उसका फायदा, उसका साथ अपनी राजनीतिक दल में नहीं लेना चाहिए. बदला लेना सबसे आखिरी काम है. इससे बचना चाहिए.”

Thursday, July 28, 2022

नोएडा में 13 साल की मासूम से रेप के आरोपी का 24 घंटे के अंदर हुआ एनकाउंटर


Noida Rapist Encounter News

नोएडा में हैवानों के हौंसले बढ़ते जा रहे हैं। नोएडा में पुलिस और एक रेप के आरोपी बदमाश के बीच हुई मुठभेड़ में घर से स्कूल जा रही सातवीं क्लास की छात्रा को अगवा कर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। नोएडा के थाना 24 पुलिस ने स्कूल जा रही एक सातवीं क्लास की छात्रा को अगवा कर उसे डरा-धमका कर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इसी दौरान जब पुलिस आरोपी को मेडिकल के लिए अस्पताल ले गई, तो आरोपी युवक पुलिस को चकमा देकर वहां से भागने का प्रयास करने लगा। इस दौरान पुलिस ने गोली चलाई और आरोपी बदमाश के पैर पर गोली लग गई। 

अब आरोपी को घायल अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। आपको बता दें कि आरोपी युवक पैर में पुलिस की गोली लगने के कारण घायल हो गया था। आरोपी युवक की पहचान नोएडा के सेक्टर 35 निवासी सनी पुत्र जगदीश के रुप में की गई है। आरोपी को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

नाबालिग को डरा-धमकाकर किया दुष्कर्म  

एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि थाना चौबे खेत में रहने वाली 13 वर्षीय किशोरी सातवीं कक्षा की छात्रा है। बुधवार की सुबह वह घर से स्कूल के लिए निकली थी। रास्ते में आरोपी युवक सनी उसको अगवा कर सेक्टर 32 ए में सुनसान स्थान पर ले गया, जहां आरोपी युवक ने उसे डरा-धमकाकर छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। पीड़ित छात्रा किसी तरह आरोपी के चुंगल से छूटकर अपने घर पहुंची और अपने परिजनों को आपबीती बताई। छात्रा के पिता ने थाने में पहुंचकर अज्ञात युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

घटना को अंजाम से पहले करता था छात्रा का पीछा

पुलिस अधिकारियों की माने तो छात्रा के परिजनों ने नोएडा के थाना 24 में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर आरोपी सनी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जब आरोपी युवक का मेडिकल करवाकर लौट रही थी, उसी दौरान आरोपी युवक ने पुलिस को चकमा देकर भागने का प्रयास किया। तभी पुलिस और बदमाश के बीच मुठभेड़ हुई। पुलिस द्वारा चलाई गई गोली आरोपी युवक के पैर में लगी। गोली लगने से सनी जख्मी हो गया। पुलिस ने उसको तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है। पुलिस द्वारा यह भी बताया गया है कि आरोपी युवक सनी पिछले कई दिनों से छात्रा का पीछा किया करता था।

Wednesday, July 27, 2022

POK News: भारत की चेतावनी से डरा पाकिस्तान!

POK News: भारत की चेतावनी से डरा पाकिस्तान! CPEC को लेकर दिए बयान पर कही ये बातभारत को लेकर पाकिस्तान हमेशा हमलावर रहता है. बीते मंगलवार को पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर भारत पर निशाना साधा है. पाकिस्तान ने भारत के CPEC रुख को निराधार और गुमराह करने वाला करार दिया. पाकिस्तान ने कहा है कि अरबों डॉलर के गलियारे पर आक्षेप लगाने की कोशिश नई दिल्ली की 'असुरक्षा की भावना और एक वर्चस्ववादी एजेंडे के लक्ष्य' को दर्शाती है.

भारत ने की थी पाक और चीन की निंदा

बता दें कि भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) से होकर गुजर रहे अरबों डॉलर के आर्थिक गलियारे संबंधी परियोजनाओं में अन्य देशों को जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयासों को लेकर चीन और पाकिस्तान की निंदा की थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि CPEC के तहत इस प्रकार की गतिविधियां ‘स्वाभाविक रूप से अवैध, अनुचित और अस्वीकार्य’ हैं.

पाकिस्तान ने भारत के बयान को बताया निराधार

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में भारत की टिप्पणियों को 'निराधार व गुमराह करने वाला' बताते हुए इसे सीपीईसी के राजनीतिकरण का प्रयास करार दिया. मंत्रालय ने कहा, 'सीपीईसी पर आक्षेप लगाने का प्रयास भारत की असुरक्षा की भावना के साथ-साथ एक वर्चस्ववादी एजेंडे के लक्ष्य को दर्शाता है, जिसने दशकों से दक्षिण एशिया में सामाजिक-आर्थिक विकास को रोक रखा है.' मंत्रालय ने कहा कि 'सीपीईसी एक परिवर्तनकारी परियोजना है और क्षेत्र के लिए स्थिरता, आपसी सहयोग व साझा विकास की अग्रदूत है.'

भारत ने CPEC को लेकर कही थी ये बात

भारत ने कहा था कि अगर CPEC में कोई भी नया देश शामिल होता है, तो ये भारत की भौगोलिक संप्रभुता का उल्लंघन होगा. CPEC इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजक्ट्स का एक कलेक्शन है. 2013 से पूरे पाकिस्तान में इसका काम चल रहा है. शुरुआत में CPEC की लागत 47 अरब डॉलर थी। हालांकि, 2020 तक इसकी लागत बढ़ कर 62 अरब डॉलर हो गई. नई दिल्ली ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत से ही इसका विरोध किया है, क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बड़े हिस्से से होकर गुजरता है. पिछले हफ्ते, चीन और पाकिस्तान ने "आपसी लाभकारी सहयोग" के लिए मल्टी बिलियन डॉलर के आर्थिक गलियारे में शामिल होने वाले किसी भी देश का स्वागत किया था.

Tuesday, July 26, 2022

उद्धव या शिंदे किसकी होगी शिवसेना? सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर लिया ये फैसला


Shiv Sena Crisis: उद्धव या शिंदे किसकी होगी शिवसेना? सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर लिया ये फैसला

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) 1 अगस्त को शिवसेना (Shiv Sena) के उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाले खेमे की नई याचिका (Fresh Plea) पर सुनवाई करेगा, जिसमें एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट के 'असली' शिवसेना के रूप में मान्यता के दावे पर भारत के चुनाव आयोग (ECI) के द्वारा कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी. दरअसल, शिवसेना के उद्धव गुट की मांग ये है कि पार्टी का चुनाव किसका होना चाहिए ये फैसला होने से पहले विधायकों की योग्यता पर फैसला हो. अब सुप्रीम कोर्ट (SC) ने शिवसेना के उद्धव गुट की नई याचिका को 1 अगस्त को सुनने का फैसला किया है.

सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कही ये बात

बता दें कि असली शिवसेना की पहचान के लिए चुनाव आयोग में चल रही प्रक्रिया के खिलाफ दायर उद्धव ठाकरे ग्रुप की याचिका को कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) के सामने रखा. फिर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) मामले से जुड़ी दूसरी याचिकाओं के साथ सुनवाई करेंगे. उद्धव ठाकरे गुट का कहना है कि जब तक शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं हो जाता, चुनाव आयोग को तब तक अपनी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए.

उद्धव ने बागियों को बताया 'सड़े हुए पत्ते'

गौरतलब है कि शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने आज (मंगलवार को) पार्टी के बागी नेताओं की तुलना पेड़ के ‘सड़े हुए पत्तों’ से की. उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव के बाद पता लग जाएगा कि लोग किसका सपोर्ट करते हैं. सामना को दिए इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने कहा कि अपनी पार्टी के कुछ नेताओं पर अत्यधिक विश्वास करना उनकी गलती थी.

शिवसेना के 39 विधायक हुए बागी

जान लें कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों के शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने की वजह से गिर गई थी. उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘ये विद्रोही पेड़ के सड़े हुए पत्तों के जैसे हैं और इन्हें गिर ही जाना चाहिए. यह पेड़ के लिए अच्छा होता है, क्योंकि इसी के बाद नए पत्ते उगते हैं.'

बगावत के लिए किसे दोष दिया जा सकता है, यह पूछे जाने पर उद्धव ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि मैंने पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं और नेताओं पर बहुत ज्यादा भरोसा कर लिया था. इतने लंबे समय तक उन पर विश्वास करना मेरी गलती है.’

ओपी राजभर के लिए बीएसपी ने भी बंद कर दिए दरवाजे! आकाश आनंद ने 'अवसरवादी' और 'स्वार्थी' बताकर साधा निशाना


बीएसपी के साथ जाने के ओम प्रकाश राजभर के दावे पर पार्टी के नैशनल को-ऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने विराम लगा दिया है। उन्होंने बिना नाम लिए राजभर पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ अवसरवादी लोग मायावती का नाम लेकर अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश कर रहे हैं।

अखिलेश यादव की सपा से हाथ छूटने के बाद सुहेलदव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया था कि वह अब बीएसपी के साथ जा सकते हैं। हालांकि, बीएसपी चीफ मायावती से उनकी मुलाकात या बातचीत की कोई जानकारी नहीं आई थी। यहां तक की मायावती की ओर से भी ऐसा कोई इशारा नहीं मिला था, जिससे लगे कि वह ओपी राजभर के साथ गठबंधन के लिए उत्सुक हों। इस बीच राजभर के दावे को बीएसपी के नैशनल को-ऑर्डिनेटर ने बड़ा झटका दे दिया है।

बीएसपी का राजभर से गठबंधन पर इनकार!
मायावती के भतीजे और बीएसपी के नैशनल को-ऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने किसी का नाम लिए बिना एक ट्वीट के जरिए राजभर की मंशा पर पानी फेर दिया है और यह साफ कर दिया है कि बीएसपी फिलहाल किसी के साथ गठबंधन पर विचार नहीं कर रही है। आनंद ने बिना नाम लिए राजभर को अवसरवादी और स्वार्थी बताकर हमला बोला है। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, 'बीएसपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासन-प्रशासन, अनुशासन की पूरी दुनिया तारीफ करती है। कुछ अवसरवादी लोग बहनजी के नाम के सहारे अपनी राजनीति की दुकान चलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे स्वार्थी लोगों से सावधना रहने की जरूरत है।

सपा से टूटा गठबंधन
बता दें कि विधानसभा चुनाव और हालिया लोकसभा उपचुनाव में सपा की हार के बाद अखिलेश यादव पर लगातार हमलावर रहे ओम प्रकाश राजभर को समाजवादी पार्टी ने चिट्ठी लिखकर कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र होने बात कही थी। सपा की चिट्ठी में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि राजभर बीजेपी को मजबूत करने में जुटे हैं। इससे पहले राजभर ने भी सपा से 'तलाक' की मांग की थी। बाद में जब सपा की चिट्ठी आई तो राजभर ने कहा कि उन्होंने (सपा ने) हमे तलाक दे दिया है और वह हमें कबूल है। इस तरह से चुनाव पूर्व बना यह गठबंधन टूट गया।

राजभर से उनके अगले कदम के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने बीएसपी के साथ जाने के संकेत दिए थे। हालांकि, बीएसपी की ओर से इस पर कोई स्पष्टीकरण अब तक नहीं दिया गया था। अब आकाश आनंद के ट्वीट को ही बीएसपी की ओर से इस गठबंधन की संभावना पर दी गई आधिकारिक प्रतिक्रिया माना जा रहा है, जो कम से कम राजभर के लिए सुखद संकेत नहीं है।

Monday, July 25, 2022

‘गुस्ताख़-ए-नबी की एक सज़ा, सर तन से जुदा’: पिता को आया मैसेज, फिर रेलवे ट्रैक पर मिला बेटे का शव, पहले बताया जा रहा था सुसाइड


टीटी नगर TI चैन सिंह रघुवंशी ने बताया कि प्रारंभिक जाँच में मामला आत्महत्या का ही लग रहा है। अब तक की जाँच में पता चला है कि छात्र शेयर बाजार में निवेश करता था।

भोपाल निशांक शव

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीक मिडघाट सेक्‍शन में भोपाल-नर्मदापुरम रेलवे ट्रैक पर रविवार (24 जुलाई 2022) को B.Tech के छात्र का शव मिला। युवक की पहचान निशांक राठौर (20) के रूप में हुई है। बताया जा रहा है घटनास्थल मिडघाट बरखेड़ा के पास उसकी स्कूटी और मोबाइल भी पुलिस को मिला है। अब छात्र की मौत का राज गहराता जा रहा है। 

दरअसल, छात्र के नाम से बनी इंस्टाग्राम ID से उसके पिता और दोस्तों के व्हट्सएप पर घटना वाली रात ही एक स्क्रीनशॉट आया था। इसमें छात्र की फोटो के साथ लिखा था- ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक ही सजा, सिर तन से जुदा।’ इस पोस्ट ने मामले को और पेचीदा कर दिया। पहले तो पुलिस इसे आत्महत्या के रुप में देख रही थी लेकिन अब इस पोस्ट ने मौत के राज को उलझा दिया है। बताया जा रहा है कि यह मैसेज छात्र की मौत के कुछ समय बाद ही मृतक के दोस्तों और पिता को मिला।

उन्होंने तुरंत टीटी नगर थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई। ठीक उसी समय रायसेन पुलिस को भी रेलवे ट्रैक पर डेडबॉडी मिलने की सूचना मिली। मीडिया रिपोर्टों में दो वायरल मैसेज को लेकर बात की जा रही है। जिसमें से एक में निशांक राठौर नाम के स्टेटस पर धार्मिक पोस्ट होने की बात बताई जा रही है। हालाँकि इसकी पुष्टि होनी बाकी है।

हालाँकि, टीटी नगर TI चैन सिंह रघुवंशी ने बताया कि प्रारंभिक जाँच में मामला आत्महत्या का ही लग रहा है। अब तक की जाँच में पता चला है कि छात्र शेयर बाजार में निवेश करता था। आशंका जताई जा रही है कि इसमें उसे घाटा लगा और उसने तनाव में आकर आत्महत्या कर ली। हालाँकि सारी स्थिति पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट और अन्य तथ्यों की जाँच के बाद ही साफ होगी। 

पुलिस ने जाँच की तो मृतक की पहचान सिवनी मालवा निवासी 20 वर्षीय निशांक राठौर के रुप में हुई। निशांक ओरियंटल कॉलेज में B.Tech 5th सेमेस्टर का स्टूडेंट था। वह दो साल तक इंद्रपुरी में हॉस्टल में रहा। हाल ही में हॉस्टल छोड़कर जवाहर चौक शास्त्री नगर में दोस्तों के साथ रह रहा था। निशांक ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल में खुद को नोएडा में सॉफ्टवेयर डेवलपर बताया है। छात्र दो बहनों में इकलौता भाई था। पुलिस पूछताछ में पता चला कि छात्र के मोबाइल, इंस्टाग्राम, फेसबुक ID की जानकारी उसके एक दोस्त प्रखर को ही थी। पुलिस प्रखर से पूछताछ कर रही है।

मृतक के चचेरे भाई शशांक ने पुलिस पूछताछ में बताया कि निशांक रविवार को दोपहर तीन बजे साकेत नगर परीक्षा केंद्र में एग्जाम देने आई बड़ी बहन से मिलने निकला था। उसी रात करीब 8 बजे पिता और दोस्तों को निशांक के मोबाइल से उसका फोटो लगा मैसेज आया। मैसेज देखकर वे तुरंत टीटी नगर थाने पहुँचे और उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। लेकिन इसी बीच रायसेन पुलिस उसका शव बरखेड़ा इलाके के रेलवे ट्रैक से बरामद कर चुकी थी। सीसीटीवी फुटेज की जाँच में पता चला कि निशांक अकेले ही स्कूटी से घटनास्थल तक गया है।

शपथ लेते ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रच दिया इतिहास, अपने संबोधन के दौरान खुद किया खुलासा


नई दिल्लीः President Draupadi Murmu creates  द्रौपदी मूर्मु ने देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली है। सोमवार की सुबह संसद के सेंट्रल हॉल में शपथ लेने के बाद उनका पहला संबोधन 18 मिनट का रहा। इसमें उन्होंने गरीब से लेकर युवा और महिलाओं तक का जिक्र किया। इतिहास से लेकर आजाद भारत के विकास की यात्रा पर प्रकाश डाला। बोलीं, ’मेरे लिए देश के युवाओं और महिलाओं का हित सर्वोपरि होगा।’

President Draupadi Murmu creates  राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है। मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा।

ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी। और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है। ऐसे ऐतिहासिक समय में जब भारत अगले 25 वर्षों के विजन को हासिल करने के लिए पूरी ऊर्जा से जुटा हुआ है, मुझे ये जिम्मेदारी मिलना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है।

मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूँ जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है। हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है। इन 25 वर्षों में अमृतकाल की सिद्धि का रास्ता दो पटरियों पर आगे बढ़ेगा- सबका प्रयास और सबका कर्तव्य। कल यानि 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस भी है। ये दिन, भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम, दोनों का ही प्रतीक है। मैं आज, देश की सेनाओं को तथा देश के समस्त नागरिकों को कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देती हूं।

मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गाँव से शुरू की थी। मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूँ, वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था। लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी। मैं जनजातीय समाज से हूँ, और वार्ड कौन्सिलर से लेकर भारत की राष्ट्रपति बनने तक का अवसर मुझे मिला है। यह लोकतंत्र की जननी भारतवर्ष की महानता है। ये हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है।

राष्ट्रपति के पद तक पहुँचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े तथा आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं। मेरे इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है।

मेरे इस निर्वाचन में, पुरानी लीक से हटकर नए रास्तों पर चलने वाले भारत के आज के युवाओं का साहस भी शामिल है। ऐसे प्रगतिशील भारत का नेतृत्व करते हुए आज मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ। मैं आज समस्त देशवासियों को, विशेषकर भारत के युवाओं को तथा भारत की महिलाओं को ये विश्वास दिलाती हूं कि इस पद पर कार्य करते हुए मेरे लिए उनके हित सर्वोपरि होंगे। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद से लेकर श्री राम नाथ कोविन्द जी तक, अनेक विभूतियों ने इस पद को सुशोभित किया है। इस पद के साथ साथ देश ने इस महान परंपरा के प्रतिनिधित्व का दायित्व भी मुझे सौंपा है। संविधान के आलोक में, मैं पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगी। मेरे लिए भारत के लोकतांत्रिक-सांस्कृतिक आदर्श और सभी देशवासी हमेशा मेरी ऊर्जा के स्रोत रहेंगे।

Saturday, July 23, 2022

राजभर और शिवपाल को मिले जहाँ मर्जी हो वहां जाने के पत्र



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समाजवादी पार्टी की ओर से एक पत्र जारी कर ओमप्रकाश राजभर से साफ तौर पर कह दिया कि जहां आपको सम्मान मिले, वहां आप जाने के लिए स्वतंत्र हैं। समाजवादी पार्टी के इस पत्र पर ओपी राजभर का भी जवाब आ गया है। ओपी राजभर ने कहा कि आज समाजवादी पार्टी ने तलाक दे दिया है और हमने उसे स्वीकार कर लिया। वक्त आने पर इसका जवाब दिया जाएगा।

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और गठबंधन के सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बीच रिश्ते सामान्य नहीं चल रहे हैं। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने वाले दोनों नेताओं के रास्ते अब अलग हो चुके हैं। पिछले कई दिनों से ओमप्रकाश राजभर अखिलेश यादव के खिलाफ जबरदस्त तरीके से बोल रहे हैं। इन सब के बीच आज समाजवादी पार्टी की ओर से एक पत्र जारी कर ओमप्रकाश राजभर से साफ तौर पर कह दिया कि जहां आपको सम्मान मिले, वहां आप जाने के लिए स्वतंत्र हैं। समाजवादी पार्टी के इस पत्र पर ओपी राजभर का भी जवाब आ गया है। ओपी राजभर ने कहा कि आज समाजवादी पार्टी ने तलाक दे दिया है और हमने उसे स्वीकार कर लिया। वक्त आने पर इसका जवाब दिया जाएगा।

इसके साथ ही ओमप्रकाश राजभर ने यह भी कह दिया कि अगला कदम बहुजन समाज पार्टी है। इसके लिए मायावती जी से बातचीत की जाएगी। हालांकि, उन्होंने योगी आदित्यनाथ की भी तारीफ की। इसके साथ ही राजभर ने यह भी कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलता हूं तो उनके लिए बुरा होता है। लेकिन जब अखिलेश यादव उनसे मिलते हैं तो अच्छा है। 2024 में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि हम दलितों और पिछड़ों के लिए लड़ते हैं और आगे भी ऐसा करते रहेंगे। ओमप्रकाश राजभर के लिए जारी पत्र में लिखा गया है कि श्री ओमप्रकाश राजभर जी, समाजवादी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है। भारतीय जनता पार्टी के साथ आपका गठजोड़ है और लगातार भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां आप जाने के लिए स्वतंत्र है।

इससे पहले अखिलेश यादव को ओमप्रकाश राजभर ने बाहर निकलने और जनता से मिलने की नसीहत दी थी। जिसके बाद से अखिलेश यादव की ओर से पलटवार करते हुए कहा गया था कि उन्हें किसी के सुझाव की जरूरत नहीं है। ओमप्रकाश राजभर ने तो यह भी कह दिया था कि वह अखिलेश यादव की ओर से तलाक का इंतजार कर रहे हैं, खुद गठबंधन से अलग नहीं होंगे। एक-दो दिन पहले ही राजभर नहीं यह भी कह दिया था कि भाजपा के नाम पर समाजवादी पार्टी मुसलमानों को डराकर वोट लेती है, लेकिन उनका हक नहीं देती है। राजभर के अलावा शिवपाल यादव के नाम भी एक पत्र जारी हुआ। समाजवादी पार्टी की ओर से लिखा गया है कि माननीय शिवपाल यादव जी- अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।

Friday, July 22, 2022

अंतिम संस्कार के 40 दिन बाद जिंदा लौट आया रमजान! देखकर फटी रह गई गांव वालों की आंखें


अंतिम संस्कार के 40 दिन बाद जिंदा लौट आया रमजान! देखकर फटी रह गई गांव वालों की आंखें

 कौशांबी जिले में एक बेहद ही चौंका देने वाला मामला सामने आया है. एक मुस्लिम परिवार ने जिसे अपना बेटा समझ कर कब्र में दफनाया था, वो बृहस्पतिवार को उस वक्त लौट आया जब परिवार उसके 40वें (अंतिम संस्कार के बाद का कार्यक्रम) फातेहा की तैयारी कर रहे थे. उसके ज़िंदा लौटने की चर्चा चारों तरफ हो रही है.

दरअसल 11 जून को सैनी कोतवाली क्षेत्र के मारधार रेलवे स्टेशन के पास एक युवक ने ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर लिया था, सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. उसके बाद पुलिस ने इलाके में जितने लोग मिसिंग हुए थे. उनके परिजनों को बुला कर शव की शिनाख़्त करवाई. तभी बिजलीपुर गांव की रहने वाली शफीकुन्निशा ने अपने बेटे रमज़ान के रूप में पहचाना. शव की शिनाख़्त होने के बाद पोस्टमार्टम हुआ, और शव को परिजनों को सौप दिया गया. पिता शब्बीर ने शव को गांव के ही कब्रिस्तान में दफ़न कर दिया. लेकिन आज अचानक बेटे के ज़िंदा लौटने पर मां, बाप के खुशी का ठिकाना नहीं है.

शफीकुन्निशा का कहना है कि 4 माह पहले से हमारे बेटे से बात नहीं हुई. हम लोग रो-रो कर पागल हुए जा रहे थे. जब पुलिस ने लाश को दिखाया तो हमने समझा कि हमारा बेटा है, शक्ल सूरत में मिलता जुलता था, तो समझा हमारा बच्चा है. उस वक्त ऐसा लगता था कि धरती फट जाए और हम लोग उसमें समा जाएं. अब बेटे को ज़िंदा देख शब्बीर और शफीकुन्निशा दोनों खुश हैं. 

रमज़ान ने बताया कि रोज़गार नहीं होने पर उसको मां-बाप दोनों ही ताना मारा करते थे. रोज़-रोज़ के तानों से तंग आ कर वह 4 माह पहले ही प्रयागराज भाग गया था और वहां पर मजदूरी करता था. मोबाइल फोन नहीं होने के कारण गांव से सम्पर्क टूट गया था. कल गांव के ही एक व्यक्ति ने शहर में देखा तो चौक गया. उसने बताया कि तुम्हरा तो गांव में अंतिम संस्कार हो गया है और कल 40वां है. इस बात की जनाकारी होने पर हम घर पहुंचे. जहां पर हमें जीवित देख लोग हैरत भारी निगह से देखते थे. 

जिस शव को रमज़ान समझ कर दफनाया गया था. एक माह बाद फतेपुर जनपद के रहने वाले सन्तराज ने सैनी कोतवाली पहुच कर उसे अपने बेटे सूरज का शव होने का दावा किया. पुलिस और ज़िला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने शव को कब्र से निकाल कर डीएनए कराने का आदेश दिया.

डीएम के आदेश के बाद 3 जुलाई को दोनों परिवारों को बुलाया गया, और कब्र से शव निकाल कर सैम्पल लिया गया. उसके बाद डीएनए के लिए सैम्पल लैब भेज दिया गया. लेकिन डीएनए रिपोर्ट आने से पहले ही रमज़ान शकुशल घर वापस आ गए. हालांकि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा की शव सूरज का है या फिर किसी और का. अब सन्तराज को डीएनए सैम्पल का बेसब्री से इंतज़ार है. 

लुलु मॉल में नमाज विवाद की जांच करने अबू धाबी से लखनऊ पहुंची टीम


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित लुलु मॉल में नमाज पढ़ने को लेकर हुए विवाद का मामला अबू धाबी तक पहुंच गया है. अबू धाबी स्थित मॉल के एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से एक टीम लुलु मॉल लखनऊ पहुंची है. यह टीम पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट भेजेगी. बता दें कि लुलु मॉल में नमाज का मामला देशभर में सुर्खियों में रहा, जिसको लेकर अबू धाबी से टीम जांच के लिए आई है. जानकारी के मुताबिक, लुलु मॉल में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद लगातार वहां पर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने की मांग हिंदू संगठनों द्वारा की जाने लगी.

इस मामले में लुलु प्रशासन की ओर से एक एफआईआर गोल्फ सिटी थाने में दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद लखनऊ पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. लुलु मॉल पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट है. हालांकि इस पूरे मामले पर अबू धाबी में बैठे लुलु मॉल के मालिक और मॉल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जांच कमेटी गठित कर भेजी गई है, जो पूरे मामले की जांच करेगी. पूरे प्रकरण में किस तरीके से लुलु मॉल में पहले नमाज का वीडियो वायरल हुआ और उसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया, इन सभी तथ्यों की जांच करने के बाद टीम यह रिपोर्ट अबू धाबी भेजेगी.

लुलु मॉल एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, पुलिस की जांच लगातार जारी है. हालांकि, नमाज पढ़ने के मामले पर अभी तक खुलासा नहीं हो पाया. वहीं लुलु मॉल एडमिनिस्ट्रेशन ने रिपोर्ट बनाने के लिए अधिकारियों को पूरे मॉल के सीसीटीवी सहित अन्य जगह पर वीडियोग्राफी कराकर दी है. इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर अबू धाबी भेजी जाएगी.

Wednesday, July 20, 2022

अब दिल्ली में गरजा CM योगी का बुलडोजर, रोहिंग्याओं के कब्जे से छुड़ाई गई जमीन


उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और बीजेपी विधायक डॉ. महेंद्र सिंह ने मदनपुर खादर गांव में बुलडोजर एक्शन का वीडियो अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा किया है.

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर अब दिल्ली में भी एक्शन दिखाने लगाया है. यहां ओखला क्षेत्र में मदनपुर खादर गांव में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की 1200 वर्ग मीटर जमीन पर बुलडोजर चलाकर कब्जा मुक्त कराया गया. इस जमीन पर कथित रूप से रोहिंग्या और बांग्लादेशी प्रवासियों ने अवैध रूप से कब्जे कर रखा था.

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और बीजेपी विधायक डॉ. महेंद्र सिंह ने मदनपुर खादर गांव में बुलडोजर एक्शन का वीडियो अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा किया है. इसमें उन्होंने लिखा है, ‘दिल्ली में फिर से चला योगी का बुलडोजर. योगी सरकार की दिल्ली में बड़ी कार्यवाही. मदनपुर खादर में सुबह 4 बजे ही कार्यवाही कर सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध कब्जे से रोहिंग्या कैंपों को हटाया गया और अवैध कब्जे तोड़े गए. यूपी सिंचाई विभाग की 2.10 हेक्टेयर जमीन मुक्त कराई.’

बता दें कि दिल्ली के मदनपुर खादर में जिस जगह पर रोहिंग्या कैंप बसा हुआ था, वह जमीन उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की थी. धीरे-धीरे इन रोहिंग्याओं ने झुग्गी-झोपडी के बाद पक्के मकान बनाने शुरू कर दिए, जिसके खिलाफ अब उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कार्रवाई की गई.

अब CM की कुर्सी के बाद उद्धव के हाथ से शिवसेना भी गई, फिर दिया शिंदे ने उद्धव को जोरदार झटका…!


दरअसल, एकनाथ शिंदे शिवसेना में उद्धव ठाकरे द्वारा बनाई गई कार्यकारिणी को भंग कर खुद से नई कार्यकारिणी का गठन किया है। गौर करने वाली बात है कि इस कार्यकारिणी में जहां उद्धव के करीबी नेताओं को परे कर दिया है, तो वहीं खुद के करीबी नेताओं को जगह दी गई है। शिंदे ने उद्धव के महज दो करीबी नेताओं को ही जगह दी है। इसके अलावा उन्होंने अपने करीबी नेताओं को कार्यकारिणी में जगह दी है।

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र का पूरा सियासी बवाल तो आपको पता ही होगा कि कैसे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के चहेते रहे एकनाथ शिंदे ने उनके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल कर ली है। कोई दो मत नहीं यह कहने में कि शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नाक में दम करके रख दिया था और यह उसी का नतीजा है कि आज वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने में कामयाब रहे हैं। बगावत की शुरुआत से ही उनका कहना था कि वे कुछ गलत नहीं कर रहे हैं, बस बालासाहब ठाकरे के विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं। इस दौरान शिंदे ने उद्धव पर बरसते हुए कहा था कि उन्होंने महाविकास अघाड़ी सरकार चलाने के लिए बालासाहब ठाकरे के विचारों को पलीता लगाने से भी गुरेज नहीं किया। उनके इसी कृत्य से शिवसैनिक आहत हुए हैं। बहरहाल, महाराष्ट्र की सीएम कुर्सी पर विराजमान होने के बाद वे अब शिवसेना पर भी अपना हक जता रहे हैं और खुद को अपने साथ गए बगावती नेताओं को असली शिवसैनिक करार दे रहे हैं। जिसे लेकर अब महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चा का बाजार गुलजार हो चुका है। अब इसी बीच शिंदे ने बड़ा ही धमाकेदार फैसला किया है, जिसकी चर्चा अभी अपने चरम पर है। आइए, आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

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दरअसल, एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में उद्धव ठाकरे द्वारा बनाई गई कार्यकारिणी को भंग कर खुद से नई कार्यकारिणी का गठन किया है। गौर करने वाली बात है कि इस कार्यकारिणी में जहां उद्धव के करीबी नेताओं को परे कर दिया गया है, तो वहीं खुद के करीबी नेताओं को जगह दी है। शिंदे ने उद्धव के महज दो करीबी नेताओं को ही जगह दी है। इसके अलावा उन्होंने अपने करीबी नेताओं को कार्यकारिणी में जगह दी है। अब ऐसे में यहां पर यह सवाल पैदा होता है कि आखिर शिंदे द्वारा बनाई गई यह कार्यकारिणी कितनी सार्थक है। खास बात है कि अभी शिंदे द्वारा बनाई गई इस कार्यकारिणी पर उद्धव ठाकरे की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, माना जा रहा है कि शिंदे के इस कदम के खिलाफ उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट का रुख भी कर सकते हैं। जिसके बाद संभावित रूप से निर्वाचन आयोग निर्णायक भूमिका में नजर आ सकता है। इन तमाम परिस्थितियों के बीच यह देखना दिलचस्प रहेगा कि चुनाव की आयोग की तरफ से फैसला किसके पक्ष में आता है। गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे की ओर से साफ कहा जा चुका है कि शिंदे ना ही खुद को शिवसैनिक बता सकते हैं और ना ही बाला साहेब ठाकरे के विचारों को हमसे छीन सकते हैं। इसे लेकर बीते दिनों दोनों के बीच सियासी रार भी देखने को मिलती है। आइए, आगे उन नामों के बारे में विस्तार से जानते हैं, जिन्हें एकनाथ शिंदे ने अपनी कार्यकारिणी में शामिल किया है।

इन नेताओं को मिली कार्यकारिणी में जगह

आपको बता दें कि आदित्य ठाकरे, मनोहर जोशी, लीलाधर डाके, दिवाकर रावते, सुधीर जोशी संजय राव, सुभाष देसाई, रामदास कदम, गजानन कीर्तिकर, आनंद गीते, आनंदराव अडसूल, आनंद राव व एकनाथ शिंदे शामिल थे. शिंदे ने सोमवार को इस कार्यकारिणी की भंग कर अपनी ओर से नई कार्यकारिणी का ऐलान कर दिया. इसमें रामदास कदम और आनंद राव अडसुल और आनंद राव अडसुल को फिर से नेता के तौर पर नियुक्त किया. उप नेता के तौर पर यशवंत जाधव, गुलाबराव पाटिल, उदय सामंत, तानाजी सावंत, शिवाजीराव पाटिल, विजं य नाहटा और शरद पोंसे को नियुक्ति दी गई जबकि दीपक केसरकर को नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का प्रवक्ता बनाया गया है। अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि एकनाश शिंदे द्वारा बनाई गई कार्यका रिणी का उद्धव विरोध करते हैं या फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। हालांकि, अभी जिस तरह का कदम शिंदे ने उठाया है, उस पर सियासी पंडितों का कहना है कि आगामी दिनों में उद्धव सुप्रीम कोर्ट का भी रूख कर सकते हैं।

हरियाणा के बाद झारखंड में महिला दरोगा को पिकअप वैन ने कुचला, चेकिंग के दौरान ले ली जान


महिला दरोगा संध्या टोपनो की हत्या.

हरियाणा के बाद अब झारखंड के रांची जिले में वाहन चेकिंग के दौरान एक महिला दरोगा की पिकअप वैन से कुचलकर हत्या कर दी गई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि महिला पुलिस अधिकारी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. वहीं, वाहन चालक वारदात को अंजाम देने के बाद भागने में सफल रहा. पुलिस का दावा है कि इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. 

यह मामला रांची जिले के तुपुदाना इलाके का है. जहां बुधवार तड़के 3 बजे 2018 बैच की पुलिस एसआई संध्या टोपनो वाहनों की चेकिंग कर रही थीं. इसी दौरान महिला पुलिस अधिकारी ने एक पिकअप वैन को रोकने का इशारा किया था. लेकिन ड्राइवर ने वाहन की रफ्तार बढ़ाकर महिला दरोगा को रौंद दिया.  इस घटना में महिला पुलिस अधिकारी की घटनास्थनल पर ही मौत हो गई. वहीं, आरोपी पिकअप वैन का चालक वाहन लेकर भागने में सफल रहा. 

घटना की सूचना मिलने के बाद थाना प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्होंने दरोगा के शव को कब्जे में लिया. इसके बाद आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले. पुलिस ने इस मामले के एक आरोपी की गिरफ्तारी और वाहन की बरामदगी की पुष्टि की है.

रांची के एसएसपी कौशल कुमार का कहना है कि पुलिस को इलाके से पशु तस्करों के गुजरने की गोपनीय सूचना मिली थी. इसी आधार पर सड़क पर चेकिंग पॉइंट लगाया गया था. इसी दौरान एक पिकअप वैन चालक ने महिला एसआई की वाहन से टक्कर मारकर हत्या कर दी.  

पता हो कि इससे पहले भी झारखंड के धनबाद में भी ऑटो चालकों ने टक्कर मारकर जज उत्तम कुमार की हत्या कर दी. वारदात उस समय हुई जब वह मॉर्निंग वॉक से अपने आवास लौट रहे थे. 

हरियाणा में DSP को कुचला 

उधर, बीते दिन यानी मंगलवार दोपहर ही हरियाणा के नूंह जिले में अवैध पत्थर खनन की जांच करने गए एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) को डंपर से कुचलकर मार डाला गया.  तावडू के डीएसपी सुरेंद्र सिंह ने दस्तावेज की जांच के लिए एक डंपर को रुकने का इशारा किया था, लेकिन चालक ने रफ्तार बढ़ाते हुए उन्हें कुचल डाला. पुलिस ने बताया कि घायल अधिकारी  को फौरन पास के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. 

ओपी राजभर के बाद आजम ने भी बोला सपा अध्यक्ष पर हमला, कहा-हमने कभी अखिलेश को धूप में खड़े नहीं देखा


ओपी राजभर के बाद आजम ने भी बोला सपा अध्यक्ष पर हमला, कहा-हमने कभी अखिलेश को धूप में खड़े नहीं देखा

 समाजवादी पार्टी के अंदर अभी भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के बयान के बाद सपा के सीनियर नेता आजम खान (Azam Khan) ने भी इशारों-इशारों में बड़ा वार किया है. राजभर के अखिलेश यादव को एसी कमरे से निकलने की सलाह वाले बयान को लेकर आजम खान ने कहा है कि उन्होंने भी कभी अखिलेश यादव को धूप में खड़ा नहीं देखा है, जिस दिन धूप में खड़ा देखेंगे उस दिन सलाह जरूर देंगे.

समाजवादी पार्टी के अंदर नहीं चल रहा कुछ ठीक
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को लेकर दिए गए आजम खान के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. दरअसल मंगलवार की देर रात आजम खान प्रयागराज पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने अपने कई करीबी नेताओं के घर जाकर मुलाकात की.

इशारों-इशारों में प्रदेश सरकार पर निशाना
 बातचीत के दौरान आजम खान मौजूदा सरकार पर भी निशाना साधते नजर आए. प्रयागराज पहुंचने के सवाल पर आजम खान ने कहा कि हम बाइज्जत शहरी नहीं हैं और आपका यह शहर बाइज्जत शहर है. हम मुर्गी के डकैत हैं, भैंस के डकैत हैं, बकरी के डकैत हैं, किताब के डकैत हैं, फर्नीचर के डकैत हैं और हम 10 बार के विधायक हैं. दो बार के एमपी, 4 बार के मिनिस्टर और एक बार लीडर अपोजिशन रहे हैं.

 हम डकैत उससे अभी महरुम हैं, इंसाफ के लिए आए
आजम खान ने कहा कि हमारी असिस्टेंट प्रोफेसर पत्नी, दो बार का MLA और गलगोटिया यूनिवर्सिटी से एमटेक किया हुआ बेटा और हम तीनों ने मिनिस्टर रहकर शराब की दुकान लूटी है. 16,900 का डाका मारा है. इस व्यवस्था का स्टेटस यह है. इसलिए हम इंसाफ के लिए यहां आएं हैं. सपा नेता आजम खान ने कहा कि यह शहर इंसाफ का जिला है, यहां से इंसाफ बंटता है. हम डकैत उससे अभी महरुम हैं.

लखनऊ लुलु माल विवाद पर सीएम योगी का आया बयान, बोले- बना दिया गया राजनीति का अड्डा


लखनऊ लुलु माल विवाद पर सीएम योगी का आया बयान

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) ने लुलु मॉल (Lulu Mall Controversy) में हुई हालिया घटनाओं पर नाराजगी जताई है। सोमवार को प्रदेश भर के पुलिस-प्रशासन के आला अफसरों संग विडियो कांफ्रेंसिंग में सीएम ने कहा कि लखनऊ में एक मॉल खुला है जो अपनी व्यवसायिक गतिविधियां चला रहा है। उसको राजनीति का अड्डा नहीं बनाया जाना चाहिए।

योगी ने कहा, 'अनावश्यक बयानबाजी करना, सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर, जनता का आवागमन बाधित करना स्वीकार्य नहीं है। इसके जरिए सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का कुत्सित प्रयास हो रहा है। लखनऊ प्रशासन इसे गंभीरता से ले और सख्ती से निपटे।'

'किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा'
प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सख्‍ती का निर्देश देते हुए योगी ने कहा, 'जो बेवजह माहौल खराब कर रहे हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर न बख्शें। किसी को कोई समस्या है तो सूचना एवं शिकायत के लिए तंत्र है, लेकिन किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।'

शुरू से ही विवाद
राजधानी लखनऊ का लुलु मॉल उद्घाटन के पहले से ही चर्चा में आ गया था। इसकी खासियत, तस्वीरें, मालिक का नाम, लुलु का मतलब ये सभी चीजें गूगल पर सर्च की जाने लगीं। 10 जुलाई को उद्घाटन करने खुद प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ पहुंचे और मॉल के मालिक यूसुफ अली ने खुद ड्राइव कर उन्हें मॉल घुमाया। लेकिन दो दिन बाद ही मॉल में नमाज पढ़े जाने का वीडियो सामने आया और विवाद खड़ा हो गया। हिंदू संगठनों ने विरोध जताया और आगे हनुमान चालीसा पढ़ने की बातें कही जाने लगीं।

ऐसे खुली सच्‍चाई
पुलिस की जांच में पता चला है कि 12 जुलाई को नमाज पढ़ने वाले पैदल आए थे। सीसीटीवी फुटेज देखने से पता चला कि नमाज के समय उनकी दिशा भी गलत थी। युवकों ने 17-18 सेकेंड में नमाज पढ़ी जबकि ठीक से नमाज पढ़ी जाए तो करीब 10 मिनट तक लगते हैं। इससे यह बात साफ हो गई कि चर्चा में आए लुलु मॉल से जोड़कर जानबूझकर विवाद पैदा किया गया।

मॉल प्रबंधन की सफाई
लुलु मॉल के क्षेत्रीय निदेशक जयकुमार गंगाधर ने बताया है कि हमारे प्रतिष्ठान में किसी भी व्यक्ति को धार्मिक गतिविधि संचालित करने की छूट नहीं है। इतना ही नहीं, प्रबंधन की ओर से बताया गया कि जिन लोगों ने सार्वजनिक स्थान पर प्रार्थना और नमाज पढ़ने की कोशिश की उनके खिलाफ FIR कराकर उचित कार्रवाई की गई है।

DSP सुरेंद्र सिंह की हत्या में बराबर के हिस्सेदार भ्रस्ट पुलिस और भ्रस्ट नेता भी हैं: पूर्व DGP


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हरियाणा के नूंह जिले में मंगलवार को खनन माफियाओं ने डम्पर से कुचलवाकर तावडू के डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई की ह्त्या करवा दी, पचगांव के पास डीएसपी सुरेंद्र सिंह पर खनन माफियाओं ने डम्पर चढ़ा दिया, मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई, तावडू के डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई तावडू की पहाड़ी में अवैध खनन की सूचना मिलने के बाद छापा मारने गए थे, इस दौरान उन्होंने पत्थर से भरे डम्फर को रोकने का प्रयास किया तो उनके ऊपर ही डम्पर चढ़ा दिया गया और मौके पर ही डीएसपी की मृत्यु हो गई. डीएसपी की हत्या के बाद पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि हत्यारों के ऊपर भ्रस्ट पुलिस-प्रसाशन और सफेदपोशों का हाथ है. तभी डीएसपी की ह्त्या करने का दुस्साहस किया। 

उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक ( डीजीपी ) विक्रम सिंह ने जी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, 'माफिया का मतलब ही यही है कि उसकी जड़े पुलिस-प्रसाशन और राजनैतिक तंत्र से हैं तभी तो माफिया है, उन्होंने कहा, बिना भ्रस्ट पुलिस-प्रसाशन और राजनैतिक आकाओं के जो बराबर के हिस्सेदार हैं इस लूट में और अब बराबर के हिस्सेदार हैं डीएसपी सुरेंद्र सिंह की ह्त्या में. क्योंकि बिना भ्रस्ट पुलिस और राजनैतिक आकाओं की मदद से किसी की हिम्मत भी नहीं है कि कांस्टेबल कांस्टेबल की तरफ देख ले, डीएसपी की ह्त्या तभी होती है जब अपराधियों का मनोबल इतना ऊंचा हुआ और उनके मन में ये था कि मुझे कुछ होने वाला नहीं है, अगर हुआ तो बचा लिया जाएगा। इसीलिए इस प्रकार की दुर्घटना हुई.

नूपुर शर्मा की हत्या करने आया पाकिस्तानी, 11 इंच लंबा चाकू और नक्शा बरामद


राजस्थान में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे पाकिस्तानी नागरिक को बीएसएफ ने गिरफ्तार किया। वह यहां भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा की हत्या करने के लिए आया था। आरोपी की तलाश में उसके पास से कई संदिग्ध वस्तुएं मिली हैं। बीएसएफ के जवानों ने उसके पास से 11 इंच लंबा चाकू, नक्शे सहित अन्य सामान जब्त किया है।

16 जुलाई की देर रात बीएसएफ जवानों ने श्रीगंगानगर जिले से लगे हिन्दूमलकोट सेक्टर में खखां चेक पोस्ट पर भारतीय सीमा में घुसते हुए पकड़ा गया है। बीएफएफ की टीम ने जवानों ने उससे पूछताछ की तो वह सही जानकारी नहीं दे सका। उसकी तलाशी लेने पर उसके पास से एक 11 इंच और एक छोटा चाकू भी बरामद किया गया। साथ ही नक्शे, धार्मिक किताबें, कपड़े और खाने की चीजें भी मिली हैं।

खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में घुसपैठिए रिजवान अशरफ ने बताया कि वह नुपुर शर्मा की हत्या करने के इरादे से यहां आया था। सोशल मीडिया पर नुपुर शर्मा का वायरल वीडियो भी उसने देखा था। नुपुर के बयान पर पाकिस्तान के मंडी बहाऊद्दीन जिले में मुल्ला और उलेमाओं की एक बैठक का आयोजन किया था। जिसमें नुपुर शर्मा के बयान की निंदा की गई। उलेमाओं के बयानों से प्रभावित होकर उसने नुपुर की हत्या का प्लान बनाया और भारतीय सीमा तक पहुंच गया। श्रीगंगानगर के एसपी आनंद शर्मा ने बताया कि पुलिस ने उसे स्थानीय कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे आठ दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

भारत में घुसने के लिए गूगल मैप का लिया सहारा
मंसूबे को पूरा करने के लिए अशरफ ने गूगल मैप का सहारा लिया था। वह पहले अपने घर मंडी बहाऊद्दीन से लाहौर के रास्ते भारत में घुसना चाहता था, लेकिन लाहौर से घुसपैठ करने में वह कामयाब नहीं हो पाया। जिसके बाद यह साहिवाल होते हुए जिले की हिंदूमलकोट सीमा पार कर भारत में घुसना चाह रहा था। प्लान के मुताबिक पाक घुसपैठिया रिजवान भारत में प्रवेश कर श्रीगंगानगर से अजमेर दरगाह जाने वाला था। अजमेर दरगाह पर चद्दर चढ़ाने के बाद नुपुर शर्मा की हत्या करने की योजना थी।

पाकिस्ताान नागरिक रिजवान ने मंडी बहाऊद्दीन स्थित एक मदरसे से आठवीं क्लास तक की पढ़ाई की है। वह उर्दू के साथ-साथ पंजाबी और हिंदी भाषा भी अच्छी तरह से बोल लेता है। फिलहाल जांच एजेंसियां उसे अलग-अलग एंगल से पूछताछ करने में जुटी हुई हैं। यह भी जांच की जा रही है कि वह अकेला है या फिर साजिश में और लोग भी शामिल हैं।

Tuesday, July 19, 2022

मिस्ट्री पर खुलासा: अमेरिकी इंटेलिजेंसी एजेंसी CIA ने कराई थी वैज्ञानिक होमी भाभा और पूर्व PM लाल बहादुर शास्त्री की हत्या


Cia Killed Indian Nuclear Physicist Homi Bhabha And Prime Minister Lal Bahadur Shastri Confessions Of Robert Crowleyin A Book By Gregory Douglas

अमेरिकी इंटेलिजेंसी एजेंसी CIA ने कराई थी भारतीय वैज्ञानिक होमी भाभा (Homi Bhabha) और पूर्व PM लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की हत्या. यह दावा अमेरिकी लेखक ग्रेगरी डगलस ने अपनी किताब ‘कंवर्सेशन विद द क्रो’ (Conversation with the crow) में किया है. उनकी किताब में रॉबर्ट क्रोली ने इस बात को स्वीकार है. रॉबर्ट उस दौर में CIA के डायरेक्ट्रेट ऑफ ऑपरेशन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. रॉबर्ट के बयान की रिकॉर्डेड बातचीत को किताब का रूप दिया गया है. रॉबर्ट के मुताबिक, गाय-प्रेमी भारतीय ऊंचे-ऊंचे स्वर में इस बात की डींग मारते हैं कि वे कितने चतुर थे और कैसे वे भी दुनिया में एक महान शक्ति बनने जा रहे थे. हम नहीं चाहते थे कि उनके पास किसी भी तरह के परमाणु हथियार हों क्योंकि ईश्वर जानता है कि उन्होंने इसके साथ क्या किया होता. रॉबर्ट के मुताबिक, जिस वक्त होमी भाभा की मौत हुई उस वक्त वो विएना जा रहे थे.

रॉबर्ट ने कहा, जिस विमान में वो जा रहे थे वो एयर इंडिया का कॉमर्शियल विमान था. रॉबर्ट ने कहा, मुझे उसकी कोई चिंता नहीं थी. मैं परेशान होता अगर उसमें मेरा को अपना होता. हम इसे वियना के ऊपर उड़ा सकते थे लेकिन हमने तय किया कि ऊंचे पहाड़ पर धमाके के बाद टुकड़ों के नीचे आने के लिए वो बेहतर जगह थी.

एशिया से चावल की खेती को नष्ट करने की तैयारी थी

रॉबर्ट ने अपने बयान में कहा, लाल बहादुर शास्त्री भी एक गाय प्रेमी थे. आप इन लोगों के बारे में नहीं जानते हैं. मेरा विश्वास करो, वे एक बम पाने के करीब थे और क्या हुआ अगर उन्होंने अपने घातक पाक दुश्मनों को मार गिराया?

हमने एक ऐसी बीमारी भी विकसित की थी जिसमें एशिया में चावल की खेती को पूरी तरह से नष्ट किया जा सकता है. बीमारी की मदद से एशिया के नक्शे से चावल मिटा दिया जाए क्योंकि यही वहां के लोगों का प्रमुख आहार है.

ट्विटर पर शेयर हुआ रॉबर्ट बयान के अंश

कौन थे होमी भाभा?

डॉ. होमी जहांगीर भाभा भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक रहे हैं. वो ऐसे शख्स हैं जिन्होंने भारत में अटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम की कल्पना की और इसे साकार करने के लिए हर जरूरी कदम उठाए. भारत परमाणु शक्ति से सम्पन्न हो सके, इसका रास्ता भी खोला.

30 अक्तूबर, 1909 को मुंबई के पारसी परिवार होमी भाभा के पिता जहांगीर भाभा एक जाने-माने वकील थे. होमी भाभा की शुरुआती पढ़ाई मुंबई के कैथेड्रल स्कूल और जॉन केनन स्कूल में हुई. उन्हें शुरू से ही भौतिक विज्ञान और गणित में खास रुचि थी. रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से बीएससी करने के बाद 1927 में हायर स्टडी के लिए इंग्लैंड चले गए. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की परीक्षा पास की।

भाभा ने जर्मनी में कॉस्मिक किरणों का अध्ययन किया और उन पर कई प्रयोग भी किए. पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1939 में भारत लौटे और बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से जुड़ गए. उन्हें शास्त्रीय संगीत, मूर्तिकला, चित्रकला और नृत्य के क्षेत्र में भी गहरी रुची थी. मशहूर वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता सर सी.वी. रमन उन्हें भारत का लियोनार्डो डी विंची भी कहा करते थे.

साल 1957 में भारत ने मुंबई के करीब ट्रांबे में पहला परमाणु अनुसंधान केंद्र स्थापित किया. 1967 में इसका नाम भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र कर दिया गया. 24 जनवरी, 1966 को एक विमान दुर्घटना में इनकी मौत हो गई.

भारत के महान व्यक्तित्व शंकर सिंह बघेला और नरेन्द्र मोदी

1990 की घटना...

आसम से दो सहेलियाँ रेलवे में भर्ती हेतु गुजरात रवाना हुई। रास्ते में एक स्टेशन पर गाडी बदलकर आगे का सफ़र उन्हें तय करना था लेकिन पहली गाड़ी में कुछ लड़को ने उनसे छेड़-छाड़ की। इस वजह से अगली गाड़ी में तो कम से कम सफ़र सुखद हो, यह आशा मन में रखकर भगवान से प्रार्थना करते हुए दोनों सहेलियाँ स्टेशन पर उतर गयी। भागते हुए रिजरवेशन चार्ट तक वे पहुँची और चार्ट देखने लगी। चार्ट देख दोनों परेशान और भयभीत हो गयी क्योंकि उनका रिजर्वेशन कन्फर्म नहीं हो पाया था।

मायूस और न चाहते हुए उन्होंने नज़दीक खड़े TC से गाड़ी में जगह देने के लिए विनती की। TC ने भी गाड़ी आने पर कोशिश करने का आश्वासन दिया... एक दूसरे को शाश्वती देते दोनों गाड़ी का इंतज़ार करने लगी। आख़िरकार गाड़ी आ ही गयी और दोनों जैसे तैसे कर गाड़ी में एक जगह बैठ गई... अब सामने देखा तो क्या!

सामने दो पुरूष बैठे थे। पिछले सफ़र में हुई बदसलूकी कैसे भूल जाती, लेकिन अब वहा बैठने के अलावा कोई चारा भी नहीं था क्योंकि उस डिब्बे में कोई और जगह ख़ाली भी नहीं थी।गाडी निकल चुकी थी और दोनों की निगाहें TC को ढूंढ रही थी शायद कोई दूसरी जगह मिल जाये... कुछ समय बाद गर्दी को काटते हुए TC वहा पहुँच गया और कहने लगा कही जगह नहीं और इस सीट का भी रिजर्वेशन अगले स्टेशन से हो चूका है। कृपया आप अगले स्टेशन पर दूसरी जगह देख लीजिये। यह सुनते ही दोनों के पैरो तले जैसे जमीन ही खिसक गयी क्योंकि रात का सफ़र जो था। गाड़ी तेज़ी से आगे बढ़ने लगी। जैसे जैसे अगला स्टेशन पास आने लगा दोनों परेशान होने लगी, लेकिन सामने बैठे पुरूष उनके परेशानी के साथ भय की अवस्था बड़े बारीकी से देख रहे थे। जैसे अगला स्टेशन आया दोनो पुरूष उठ खड़े हो गए और चल दिये... अब दोनों लड़कियो ने उनकी जगह पकड़ ली और गाड़ी निकल पड़ी। कुछ क्षणों बाद वो नौजवान वापस आये और कुछ कहे बिना नीचे सो गए। दोनों सहेलियाँ यह देख अचम्भित हो गयी और डर भी रही थी जिस प्रकार सुबह के सफ़र में हुआ उसे याद कर डरते सहमते सो गयी... सुबह चाय वाले की आवाज़ सुन नींद खुली, दोनों ने उन पुरूषों को धन्यवाद कहा तो उनमे से एक पुरूष ने कहा "बहन जी गुजरात में कोई मदद चाहिए हो तो जरुर बताना"... अब दोनों सहेलियों का उनके बारे में मत बदल चूका था, खुद को बिना रोके एक लड़की ने अपनी बुक निकाली और उनसे अपना नाम और संपर्क लिखने को कहा... दोनों ने अपना नाम और पता बुक में लिखा और "हमारा स्टेशन आ गया है" ऐसा कह उतर गए और गर्दी में कही गुम हो गए !

दोनों सहेलियों ने उस बुक में लिखे नाम पढ़े वो नाम थे नरेंद्र मोदी और शंकर सिंह वाघेला...

वह लेखिका फ़िलहाल General Manager of the centre for Railway Information System Indian Railway New Delhi में कार्यरत है और यह लेख "The Hindu "इस अंग्रेजी पेपर में पेज नं 1 पर "A train journey and two names to remember" इस नाम से दिनांक 1 जून 2014 को प्रकाशित हुआ...

तो क्या आप अब भी ये सोचते है की हमने गलत प्रधानमन्त्री चुना है?

अब उत्तर प्रदेश पर भी मेहरबान हो सकते हैं इंद्रदेव


अगले दो दिनों में पूरे उत्तर प्रदेश में मानसून सक्रिय होगा। भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र ने यूपी सहित हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर में हल्की या मध्यम वर्षा के संकेत दिए हैं। साथ ही पश्चिमी मध्य प्रदेश, पश्चिम राजस्थान में वर्षा का अनुमान है। इसके अलावा इंद्रदेव दिल्ली और पूर्वी राजस्थान में भी मेहरबान हो सकते हैं।

अब उत्तर प्रदेश पर भी मेहरबान हो सकते हैं इंद्रदेव

मौसम विभाग के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश में मानसून की वर्षा 19 से 22 जुलाई के बीच होने की उम्मीद है। इसमें गरज चमक के साथ तेज बारिश होगी। विभाग की ओर से बारिश को लेकर डार्क यलो अलर्ट जारी किया है। पूरे यूपी मेंअगले दो दिनों में मानसून सक्रिय होगा, जिससे भारी बारिश की संभावना है।

मौसम विभाग के मुताबिक़ अगले 24 घंटों में उत्तराखंड के सात जिलों में भारी वर्षा हो सकती है। इन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के पहाड़ी जिलों में 21 और 22 जुलाई को बारिश के सम्बन्ध में यलो अलर्ट जारी किया गया है।

विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटे में पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा में कुछ जगह भारी वर्षा हो सकती है। इसके साथ ही मराठवाड़ा, गुजरात क्षेत्र, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल, तटीय और दक्षिण आंतरिक व तेलंगाना में भी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

UP: जनवरी 2023 में 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट' का आयोजन करेगी योगी सरकार, 10 लाख करोड़ निवेश जुटाने का लक्ष्य


up yogi government will organize  global investors summit  in january 2023

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि अगले वर्ष जनवरी में ''यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट'' आयोजित होगा जिसमें 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य तय किया गया है।

मुख्‍यमंत्री योगी ने सोमवार को अपने सरकारी आवास पर समिट की तैयारी के लिए आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि "यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023' उत्तर प्रदेश की नई आकांक्षाओं को उड़ान देने वाला होगा।" मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' के मंत्र को आत्मसात करते हुए प्रदेश, देश में औद्योगिक निवेश के ‘ड्रीम डेस्टिनेशन' के रूप में उभर कर आया है। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले, राज्य की अर्थव्यवस्था देश में पांचवें से छठवें स्थान पर थी, लेकिन वर्तमान में यह देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से बढ़ रही है।

सोमवार की शाम जारी सरकारी बयान के अनुसार योगी ने कहा, ‘‘समिट के आयोजन की तिथियां सभी पक्षों से विचार-विमर्श कर जल्द से जल्द तय की जाए। कार्यक्रम कम से कम तीन दिनों का होना चाहिए जिसमें से एक दिन मध्यम, सूक्ष्म, लघु उद्योग (एमएसएमई) के लिए निर्धारित किया जाना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, संयुक्त अरब अमीरात, स्वीडन, सिंगापुर, नीदरलैंड, फ्रांस, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, मॉरीशस, रूस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में रोड शो आयोजित कर 'यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023' का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए।

उन्होंने कहा कि इन देशों के औद्योगिक जगत में 'यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023' के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए एक टीम भेजी जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि सफल आयोजन के लिए अलग-अलग टीमें गठित कर सभी सम्बन्धित विभाग द्वारा युद्धस्तर पर तैयारी की जाए। मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसकी सतत निगरानी की जानी चाहिए।

आजमगढ़: मोहब्बत का दुश्मन हुआ जमाना, इस डर से ससुराल छोड़ने की तैयारी में मुस्लिम से हिंदू बनी मोमिन


 दोनों का प्यार जब परवान चढ़ा तो वे परिजनों से चोरी छुप-छुप कर मिलने-जुलने और एक साथ जीने मरने की कसम खाने लगे.

Azamgarh: दोनों का प्यार जब परवान चढ़ा तो वे परिजनों से चोरी छुप-छुप कर मिलने-जुलने और एक साथ जीने मरने की कसम खाने लगे.
मुस्लिम युवती ने अपने परिजनों से जताया खतरा!
पुलिस ने घर के आसपास बढ़ाई सुरक्षा

 आजमगढ़ जिले के अतरौलिया के सम्मो माता मंदिर बीते दिनों धर्म बदलकर कर शादी करने वालीं मुस्लिम युवती मोमिन खातून बड़ा फैसला लेने वाली हैं. बताया जा रहा है कि हिंदू धर्म अपनाने के बाद मोमिन और उनका पति सूरज बहुत जल्द अपना गांव छोड़कर दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी में लगे हैं. दरअसल, मोमिन खातून ने अपने परिजनों से जान का खतरा बताया है. सूत्र बताते हैं कि नव दंपति बहुत जल्द आजमगढ़ में कोर्ट मैरिज करने के बाद किसी दूसरे किसी राज्य में चले जाएंगे.

दरअसल, मुस्लिम युवती मोमिन खातून ने अपने परिजनों से जान का खतरा बताया है. वहीं शादी करने वाले हिंदू युवक सूरज ने भी खुद की जान पर खतरे की आशंका जताई है. हालांकि, इस मामले में उन्होंने  पुलिस में शिकायत नहीं दर्ज कराई है. फिर भी एहतियात के तौर पर उसके घर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. जिले की खुफिया विभाग (LIU) और स्थानीय पुलिस सक्रिय है और गड़ाई गांव में नजर बनाए हुए है. जबकि शादी के बाद से नव दंपति अपने घर में चार दिनों से कैद हैं. फिलहाल इस मामले में यह कपल कुछ भी बोलने से इनकार कर रहा है.

मोमिन अब मीना बन गई
हिंदू धर्म अपनाने के बाद मोमिन अब मीना बन गई हैं. ये दोनों पिछले दो साल से एक-दूसरे से प्यार करते थे. पूरा मामला अतरौलिया थाना क्षेत्र के खानपुर फतेह गांव का है. जानकारी के मुताबिक, अतरौलिया क्षेत्र के खानपुर फतेह गांव निवासी सूरज को 2 वर्ष पहले हैदरपुर खास गांव की एक मुस्लिम लड़की मोमिन खातून से प्रेम हो गया. दोनों का प्यार जब परवान चढ़ा तो वे परिजनों से चोरी छुप-छुप कर मिलने-जुलने और एक साथ जीने मरने की कसम खाने लगे.

आड़े आ रही धर्म की तोड़ी दीवार
लेकिन जब इस बात की जानकारी जब लड़की के घरवालों को हुई तो धर्म के कारण ऐतराज जताने लगे, जबकि प्रेमी के परिजनों को कोई ऐतराज नहीं था. प्रेमिका के परिजनों ने प्रेमी व उसके परिजनों पर दबाव भी बनाया कि वे इस्लाम धर्म को अपना ले. लेकिन प्रेमिका ने मना कर दिया. इसी बीच दोनों ने शादी करने की ठानी और धर्म की आड़े आ रही दीवार को तोड़ने का फैसला किया. दोनों ने सम्मो माता मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली थी.

भारत के जवानों के पास अब ऐसे हथियार होंगे जिनके बारे में दुश्मन ने सोचा भी नहीं होगा: पीएम मोदी


प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित एनआईआईओ (नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन) संगोष्ठी ‘स्वावलंबन’ में भाग लिया। इस खास मौके पर उन्होंने एक बार फिर आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया और देश के सैनिकों का हौसला बढ़ाया कि उनके पास ऐसे हथियार होंगे जिनके बारे में दुश्मन ने कभी सोचा भी नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि दूसरे देशों के सैनिकों के पास वे हथियार हो सकते हैं। यह भी संभव है कि हमारे सैनिक अपनी क्षमताओं के आधार पर उन हथियारों का बेहतर इस्तेमाल कर सकें। लेकिन मैं इसे कब तक जोखिम में डालूंगा? मैं अपने सैनिकों को वे हथियार क्यों दूं, जिनका इस्तेमाल दूसरे देशों के सैनिक भी कर रहे हैं? हमारे जवानों के पास ऐसे हथियार होंगे जिनके बारे में दुश्मन ने सोचा भी नहीं होगा। जब तक वे सोचेंगे, हमारे सैनिकों ने उनका खात्मा कर दिया होगा।

पीएम ने जोर देकर कहा कि यह मूड सिर्फ जवानों को तैयार करने का नहीं है, बल्कि यह मूड इस बात पर भी निर्भर करता है कि जवानों के हाथ में कौन से हथियार हैं. प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि अब देश रक्षा के मामले में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। आंकड़ों की बात करें तो पीएम ने कहा कि पिछले 4-5 साल में हमारे रक्षा आयात में करीब 21 फीसदी की कमी आई है. आज हम सबसे बड़े रक्षा आयातक से सबसे बड़े निर्यातक की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।

वैसे प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात का भी जिक्र किया कि आजादी से पहले भारत की रक्षा स्थिति काफी मजबूत थी. पहले भारत बहुत सारे उपकरणों का निर्यात करता था। इस बारे में उनका कहना है कि ईशापुर राइफल फैक्ट्री में बनी हमारी हॉवित्जर गन, मशीन गन को सबसे अच्छा माना जाता था। हम बहुत निर्यात करते थे। लेकिन फिर क्या हुआ कि हम कभी इस सेक्टर में दुनिया के सबसे बड़े आयातक बन गए?

पीएम आगे कहते हैं कि 21वीं सदी के भारत के लिए भारतीय सेना में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य बेहद अहम है. आत्मनिर्भर नौसेना के लिए प्रथम आत्मनिर्भरता संगोष्ठी का आयोजन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अपनी सरकार की सराहना करते हुए, प्रधान मंत्री ने इस तथ्य पर संतोष व्यक्त किया कि पिछले 8 वर्षों में न केवल रक्षा बजट में वृद्धि हुई है, बल्कि यह सुनिश्चित किया है कि यह बजट देश में ही रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने में उपयोगी हो।

Monday, July 18, 2022

नूपुर शर्मा गिरफ्तारी पर रोक के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं, कल होगी सुनवाई


पैगंबर पर टिप्पणी के मामले में दर्ज किए मुकदमों में गिरफ्तारी पर रोक के लिए नूपुर शर्मा फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं.

नूपुर शर्मा गिरफ्तारी पर रोक के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं, कल होगी सुनवाई
पैगंबर पर टिप्पणी के मामले में दर्ज किए मुकदमों में गिरफ्तारी पर रोक के लिए नूपुर शर्मा फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं.

नई दिल्ली: बीजेपी से निलंबित नूपुर शर्मा एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं. नूपुर शर्मा ने एक बार फिर याचिका दायर की है. इस याचिका की सुनवाई कल मंगलवार को होगी. याचिका में नूपुर शर्मा ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है. नूपुर शर्मा के खिलाफ देश के अलग अलग राज्यों में करीब 10 मुक़दमे दर्ज हैं. पैगम्बर मोहम्मद को लेकर विवादित बयान देने के लिए मामले में ये मुक़दमे दर्ज किए गए थे. इन मामलों में गिरफ्तारी से राहत के लिए नूपुर शर्मा एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं.

नूपुर शर्मा की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जमशेद पारदीवाला की बेंच कल मंगलवार को सुनवाई करेगी. इससे पहले एक जुलाई को नूपुर शर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुँचीं थीं, लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने बेहद सख्त फटकार नूपुर शर्मा को लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने तब याचिका पर सुनवाई से भी इनकार कर दिया था. और पैगम्बर पर टिप्पणी को लेकर नूपुर शर्मा को देश में बिगड़े हालात को लेकर जिम्मेदार ठहराया था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब माफ़ी मांगने के लिए भी बहुत देर हो चुकी है. उदयपुर में हत्याकांड का जिम्मेदार भी कोर्ट ने नूपुर शर्मा को ठहराया था. कोर्ट ने कहा था कि वह कुछ भी कैसे बोल सकती हैं. उन्होंने जो कहा उससे देश को तकलीफ हुई. बता दें कि नूपुर शर्मा द्वारा टिप्पणी के बाद देश ही नहीं, अरब देशों में भी कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज की गई थी. अरब देशों की मांग के बाद भारत सरकार ने बयान जारी किया था और नूपुर शर्मा के साथ ही बीजेपी नेता नवीन कुमार को निलंबित कर दिया था.

भारत पर है GDP का 90 प्रतिशत कर्ज, क्या यहां भी बन सकते हैं श्रीलंका जैसे हालात


कर्ज लेकर देश का विकास करने के तरीके की पोल श्रीलंका (Sri Lanka) के आर्थिक संकट ने खोल दी है. श्रीलंका की दिवालिया हालत को देखकर सोशल मीडिया पर भारत में भी वहां जैसे हालात होने की आशंका जताई जा रही है. कहा जा रहा है कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था फेल होने का असली कारण उसके ऊपर कर्ज के देश की कुल GDP से भी ज्यादा हो जाना रहा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के मुताबिक, साल 2020 में भारत पर भी उसके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 90 फीसदी हिस्से के बराबर कर्ज हो गया था. आइए जानते हैं कि क्या सच में श्रीलंका की आर्थिक विफलता का कारण यही रहा है या माजरा कुछ और है. साथ ही क्या भारत की तुलनात्मक स्थिति इन देशों से कितनी बेहतर है?

विकसित देशों में कर्ज का GDP से ज्यादा होने आम बात
यदि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक आंकड़ों को देखा जाए तो विश्व की टॉप-3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल जापान और अमेरिका के ऊपर Debt to GDP Ratio 100 प्रतिशत से भी ज्यादा है. उनके अलावा भी फ्रांस, स्पेन और कनाडा जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं में यही स्थिति है, लेकिन इन देशों के बारे में हमें किसी भी तरह के आर्थिक संकट की खबरें नहीं आती है. जापान का Debt to GDP Ratio तो 250 प्रतिशत से भई ज्यादा है. IMF के मुताबिक, भारत की स्थिति इस सूची में चीन (77.84 %) , पाकिस्तान (71.29 %), बांग्लादेश (42.6%) के Debt to GDP Ratio से बेहतर है.

आइए जानते हैं कि क्या होता है Debt to GDP Ratio
किसी भी देश की आर्थिक मजबूती को जानने के लिए कई मानकों का प्रयोग किया जाता है. Debt to GDP Ratio इन्ही में से एक पैमाना है. Debt to GDP ratio को जानने के लिए देश पर कुल कर्ज को देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद से विभाजित किया जाता है. इससे अनुमान लगाया जाता है कि कोई देश अपने कर्जे चुका पाने की स्थिति में कितना सक्षम है.

कितना होना चाहिए Debt to GDP Ratio?
विश्व बैंक (World Bank) की रिसर्च के मुताबिक, किसी भी उभरती हुई अर्थव्यवस्था (Emerging Economies) के लिए आदर्श Debt to GDP ratio 64 प्रतिशत होना चाहिए. अगर ये अनुपात 10 प्रतिशत बढ़ता है तो GDP में 0.2 प्रतिशत की कमी आ जाती है.

मगर साथ ही ये भी मानना है कि Debt to GDP Ratio ज्यादा भी चल सकता है, अगर आपकी आर्थिक वृद्धि तेज गति से हो रही हो. ऐसी स्थिति में अगले वित्त वर्ष में यही अनुपात आपको बेहतर होता दिखाई देगा.

श्रीलंका से कैसे अलग है भारत की स्थिति
किसी भी देश की वित्तीय ताकत को मापने का एक और पैमाना भी होता है, जिसे External Debt to GDP कहते हैं. इसका मतलब है कि किसी भी देश पर कर्ज का विदेशी हिस्सा कितना है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और श्रीलंका सेंट्रल बैंक के आंकड़ों से हम देख सकते हैं कि दोनो देशों External Debt to GDP में तीन गुना का अंतर है. भारत के ऊपर विदेशी कर्ज महज 19.6 प्रतिशत है, वहीं श्रीलंका का विदेशी कर्ज पिछले कई सालों से 60 प्रतिशत से ऊपर बना हुआ था.

फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व भी अहम मानक
इसके साथ एक और महत्वपूर्ण मानक होता है Ratio of Short-term Debt (original maturity) to Foreign Exchange Reserves. इसका मतलब है कि किसी भी देश के पास एक साल के भीतर चुकाया जाने वाला कर्ज और विदेशी मुद्रा भंडार का अनुपात क्या है. भारत का ये अनुपात 20 प्रतिशत है, वहीं श्रीलंका में ये अनुपात विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से गिरावट के कारण बिगड़ता चला गया. इसके कारण ऋण चुकाने में असमर्थता देखने को मिली. उसके बाद जो किसी भी देश की साख गिरने के कारण स्थितियां और खराब होती गई.

पहले से ही चेतावनी दे रहा था श्रीलंका का केंद्रीय बैंक
दरअसल श्रीलंका में कर्ज के हालात तो पहले से ही खराब थे. इस बारे में वहां के केन्द्रीय बैंक कई बार चेता चुका था. कोविड-19 महामारी के कारण पर्यटन के कारण आने वाली बड़ी विदेशी मुद्रा से भी हाथ धोना पड़ा. इसके अलावा कोविडकाल में हर देश में आर्थिक गतिविधिया मंद पड़ गई थी. सरकारों को जनता को राहत भी देनी पड़ी. इन सबके ऊपर श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में गति लाने के लिए टैक्स में भारी छूट दी गई, जिससे सरकार के टैक्स कलेक्शन में भी कमी आई. कुल मिलाकर एक के बाद एक कदम उल्टा पड़ता गया और नतीजा हम सबके सामने है.

बांग्लादेश में बार बार हिंदू बन रहे इस्लामिक कट्टरपंथियों का शिकार

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के लिए काम करने वाली संस्था AKS के मुताबिक, पिछले 10 सालों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को लगभग 3700 बार हमलों का सामना करना पड़ा। इस दौरान 1678 मामले धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ और हथियारबंद हमलों के सामने आए जबकि घरों और मकानों में तोड़-फोड़ और आगजनी समेत हिंदुओं को निशाना बनाकर लगातार हमले आज भी हो रहे हैं।

नई दिल्ली। पाकिस्तान के जुल्म के खिलाफ भारत की मदद से लड़कर साल 1971 में वजूद में आया बांग्लादेश कभी म्यांमार में रोहिंग्या संकट के समय अल्पसंख्यक अधिकारों को लेकर काफी मुखर था लेकिन बीते कुछ सालों से ये मुल्क अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसक हमलों को लेकर लगातार चर्चाओं में है। बांग्लादेश में एक बार फिर हिंदुओं को निशाना बनाया गया इस बार वजह थी एक फेसबुक पोस्ट, जिसको लेकर भड़के कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के घरों में शुक्रवार को हमले किए। इस दौरान भीड़ ने एक हिंदू व्यक्ति के घर में आग भी लगा दी। ये भीड़ इस कदर भड़की हुई थी कि इसने उत्पात मचाते हुए मंदिर में पत्थर भी फेंके। ये घटना नराइल के लोहागरा इलाके में हुई। बांग्लादेश में बीते करीबन 2 साल से इस तरह की हिंसक घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है बल्कि कई घटनाओं में तो पैटर्न बिल्कुल एक जैसा ही रहा है।

इससे पहले बीते साल ही दुर्गा पूजा के दौरान बड़े पैमाने पर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया गया था। उस वक्त हालात इतने बिगड़े थे कि खुद बांग्लादेश के गृह मंत्री ने हमलों के पीछे सुनियोजित साजिश का शक जताया था। लेकिन आखिर इस सबके पीछे क्या वजह है ? बांग्लादेश का इतिहास इस बात का गवाह है कि वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए कभी इतना नफरती माहौल नहीं कहा जितना आज है। तो आखिर क्यों साल दर साल बांग्लादेश में हिंदुओं का जीना मुहाल होता जा रहा है, बताएंगे आपको लेकिन इससे पहले बांग्लादेशी हिंदुओं की पीड़ा को आंकडों के जरिए समझने की कोशिश करते हैं।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के लिए काम करने वाली संस्था AKS के मुताबिक, पिछले 10 सालों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को लगभग 3700 बार हमलों का सामना करना पड़ा। इस दौरान 1678 मामले धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ और हथियारबंद हमलों के सामने आए जबकि घरों और मकानों में तोड़-फोड़ और आगजनी समेत हिंदुओं को निशाना बनाकर लगातार हमले आज भी हो रहे हैं। साल 2014 के चुनावों में प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की जीत के हिंदू समुदाय को निशाना बनाने वाली हिंसक घटनाओं में ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है।10 साल में हुए इन हमलों में हिंदू समुदाय के 11 लोगों की जान गई वहीं 862 लोग जख्मी हुए।

अब अगर इसके मूल कारण पर गौर करें तो जमात-ए-इस्लामी, हिफाजत-ए-इस्लाम जैसे कट्टरपंथी संगठनों ने पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश में तेजी से अपने पैर पसारे हैं और सरकार के सेकुलर छवि बनाने की कोशिश में लिए गए कई फैसलों को ये संगठन दबाव बनाकर बदलवाने में सफल रहे हैं। बांग्लादेश के अलग-अलग इलाकों में इनका प्रभाव बढ़ने से अल्पसंख्यकों के लिए खतरा भी बढ़ता ही गया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना विपक्षी पार्टी बीएनपी के करीबी माने जाने वाले इन कट्टरपंथी संगठनों पर कार्रवाई की बात तो करती हैं लेकिन फिर बहुसंख्यक मुस्लिम वोटबैंक की फिक्र भी उन्हें सताने लगती है। यही वजह है कि वहां के हिंदू एक के बाद एक हिंसक घटनाओं का शिकार होते जा रहे हैं

Wednesday, July 6, 2022

नार्वे में कट्टरपंथी नेता ने बीच सड़क पर जलाई कुरान, कुछ देर बाद कार का कराया गया एक्सीडेंट


नार्वे में इस्लाम-विरोधी चरमपंथी समूह के नेता के कार एक्सिडेंट का वीडियो शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो में एक कार इस्लाम-विरोधी चरमपंथी समूह के नेता की की कार का पीछा कर रहा है। चरमपंथी समूह का नेता अपने साथियों के साथ ओस्लो के बाहरी इलाके में इस्लाम की पवित्र किताब कुरान को जलाकर भाग रहा था। कुछ दूर चलकर दोनों कारें टकरा जाती हैं और एसयूवी सड़क किनारे पलट जाती है।

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पुलिस ने 2 लोगों को किया गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें एक ड्राइवर है। इन दोनों लोगों के ऊपर कट्टरपंथी समूह 'स्टॉप द इस्लामाइजेशन ऑफ नॉर्वे' के नेता लार्स थोरसन की SUV को जानबूझकर टक्कर मारने का आरोप है। हादसे के वक्त कार में सवार 5 लोग घायल हो गए, जिनमें एक को हॉस्पिटल में एडमिट किया गया।

कार में भी कुरान को जलाया

कुछ इस्लाम विरोधी कार्यकर्ताओं ने पहले एक जलती हुई कुरान को चौहारे पर रख दिया। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की। बाद में यहां बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए, और फिर एक महिला ने जलती हुई किताब को उठा लिया। इस पूरी घटना के बाद थोरसन अपने साथियों के साथ वहां से निकल गए। इस दौरान थोरसन अपनी कार में भी कुरान जलाता नजर आ रहा है। वीडियो में कुछ देर बाद एक मर्सिडीज, थोरसन की एसयूवी का पीछा करती दिखाई देती है और उसे टकरा कर पलटा देती है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि गाड़ी में कुरान को बुझाने वाली महिला भी शामिल थी।

दस दिन पहले हुई थी मास शूटिंग

दस दिन पहले ही नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में हुई मास शूटिंग में 2 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 21 लोग घायल हुए थे। शहर में होने वाली सलाना 'प्राइड परेड' के दौरान इस घटना को अंजाम दिया था। तब नॉर्वे की घरेलू खुफिया एजेंसी ने इस हमले को इस्लामी आतंकवाद से जोड़ा था।

योगी सरकार 50 साल से अधिक उम्र वालों को करने जा रही है रिटायर, कर्मचारियों में मचा हाहाकार


लखनऊ उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों में हाहाकार मचा हुआ है। यूपी की योगी सरकार सरकारी विभागों में कार्यरत 50 साल से अधिक उम्र वालों को जबरन रिटायर करने जा रही है। ऐसे कर्मचारी जो भ्रष्टाचार, गंभीर बीमारी, काम न करने वाले और जांच में फंसे हैं उनके अनिवार्य रिटायरमेंट पर 31 जुलाई तक फैसला करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी जानकारी 15 अगस्त तक कार्मिक विभाग को देनी होगी।

आपको बता दें कि यूपी में कर्मचारी 60 साल की उम्र पूरी होने पर रिटायर किए जाते हैं। पहले कुछ विभागों में 58 साल भी था। मंगलवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने विभागाध्यक्षों को एक आदेश जारी किया जिसके बाद राज्य कर्मचारी में हाहाकार मचा गया है। दरअसल, इस आदेश में कहा गया है कि स्क्रीनिंग कमेटी 31 मार्च 2022 को 50 साल की आयु पूरी करने वालों के नामों पर विचार करेगी। यह आयु पूरी करने वाले किसी सरकारी सेवक के मामले में स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रस्ताव रखकर यदि उसे सेवा में बनाए रखने का फैसला एक बार कर लिया जाता है, तो बार-बार स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष उसके नाम को पुन: रखने की जरूरत नहीं है। ऐसे कर्मचारी को सेवानिवृत्त की अवधि तक सेवा में बनाए रखा जाएगा।

बेहतर प्रदर्शन वाले कर्मचारी नहीं होंगे जबरन रिटायर

ऐसे कर्मचारी जो जिस पद पर है उसके लिए उपयोगी हैं। जिनका प्रदर्शन बेहतर है। अपने काम को पूरी निष्ठा से कर रहे हैं।
जिन कर्मचारियों पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं
जिस कर्मचारी पर कोई जांच न हो रही हो

यूपी डीजीपी मुख्यालय ने जनवरी में ही जारी कर दिया था आदेश
यूपी में डीजीपी मुख्यालय ने 11 जनवरी व दो फरवरी 2022 को भी इस संबंध में आदेश जारी किया था। इस संबंध में कार्रवाई डीजी/एडीजी सतर्कता, एसआईटी, भ्रष्टाचार निवारण संगठन, पीएसएल एवं सहकारिता, सभी जोनल एडीजी, चारों पुलिस आयुक्त, आईजी-डीआईजी जेल एवं अपर पुलिस अधीक्षक केंद्रीय वस्त्र भंडार कानपुर व सीआर सीतापुर के स्तर से होनी है।

दिल्ली में भी जबरन रिटायर की तैयारी
यूपी ही नहीं दिल्ली सरकार में निष्क्रिय सरकारी कर्मचारी समय से पहले जबरन सेवानिवृत्त किए जाएंगे। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारियों पर कार्रवाई के बाद उपराज्यपाल ने अब यह निर्देश दिया है। दिल्ली सरकार के ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों के कामकाज की समय-समय पर समीक्षा रिपोर्ट देने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है।