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Monday, January 30, 2023

विश्व में सबसे बड़ा धर्म कौन सा है?


इस बड़ी सी दुनिया में बहुत सारे लोग रहते हैं और उन सभी लोगों के साथ उनका धर्म भी रहता हैं जो एक दूसरे से काफी अलग है. तो यह कहा जा सकता है कि इस बड़ी इस दुनिया में जितने अलग-अलग लोग हैं, उतने ही अलग-अलग धर्म भी है. यह धर्म एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होते हैं. साथ ही इनकी मान्यताएं और उनका पालन करने का ढंग भी एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होता है.

लेकिन परेशानी तब आती है जब लोगों से सवाल किया जाता है कि दुनिया सबसे बड़ा धर्म? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब कोई नहीं दे सकता है और अगर कोई इस सवाल का जवाब देता भी है, तो वह अपने धर्म को ही सबसे बड़ा धर्म बताता है.

दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है?

आंकड़े के अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा धर्म ईसाई धर्म है. वैसे तो कोई धर्म बड़ा और कोई धर्म छोटा नहीं है. सभी धर्म एक समान है. लेकिन अगर आंकड़े के ऊपर बात करें तो इन धर्मों को मानने वाले लोगों के जनसंख्या के अनुसार यह कहा जा सकता है कि कौन से धर्म बड़ा और कौन सा धर्म छोटा है.

चलिए और विस्तार पूर्वक जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है? अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोगों की जनसंख्या के अनुसार सबसे बड़े धर्म हैं.

ईसाई धर्म – ईसाई धर्म को दुनिया का सबसे बड़ा धर्म माना जाता है क्योंकि पूरी दुनिया में 31 फ़ीसदी आंकड़ा ईसाई धर्म का पालन करने वाले लोगों का है. 2.2 अरब से भी अधिक लोग ईसाई धर्म का पालन करते हैं.

इस्लाम धर्म – दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में इस्लाम धर्म का नाम दूसरे नंबर पर आता है. इस्लाम धर्म का पालन करने वाले लोग मुसलमानों के नाम से जाने जाते हैं. ईसाइयों के बाद पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इस्लाम धर्म का पालन किया जाता है. 1.6 अरब मुसलमान इस्लाम धर्म को मानते हैं.

हिंदू धर्म – दुनिया के सबसे बड़े और महान धर्मों में हिंदू धर्म का नाम तीसरे नंबर पर आता है. पूरी दुनिया में हिंदू धर्म का पालन केवल एशिया महादेश के भारत देश में किया जाता है और उसके बाद भी इस धर्म का पालन करने वाले लोगों की संख्या 1 अरब यानी 100 करोड़ से भी अधिक है. जो स्वयं ही इस धर्म की महानता को प्रदर्शित करता है.

बौद्ध धर्म – दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में चौथे नंबर पर बौद्ध धर्म का नाम आता है. बौद्ध धर्म की उत्पति भारत देश से हुई थी लेकिन आज बहुत से ऐसे देश हैं, जहां बौद्ध धर्म का पालन किया जाता है जैसे जापान, नेपाल, चीन इत्यादि. पूरी दुनिया में 5 फ़ीसदी आंकड़ा बौद्ध धर्म का पालन करने वाले लोगों का है. पूरी दुनिया में 37 करोड़ लोग बौद्ध धर्म का पालन करते हैं.

सिख धर्म – वैसे तो बौद्ध धर्म के तरह सिख धर्म का जन्म भी भारत से ही हुआ था. लेकिन आज यह धर्म भारत के अलावा भी अन्य कई देशों में माने जाते हैं. पूरी दुनिया में 2.3 करोड़ लोग सिख धर्म का पालन करते हैं. सिख धर्म का पालन करने वाले लोगों को पंजाबी कहा जाता है.

जैन धर्म – जैन धर्म का सबसे ज्यादा पालन हमारे देश में किया जाता है और वही पूरी दुनिया की बात की जाए तो पूरी दुनिया में 42 लाख लोग जैन धर्म का अनुसरण करते हैं. जैन धर्म का पालन करना अन्य धर्मो के मुकाबले सबसे मुश्किल है.

दुनिया का सबसे अच्छा धर्म कौन सा है?

दुनिया का सबसे अच्छा धर्म इंसानियत है. इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं हैं और अगर आपके अंदर इंसानियत है, तो आप एक अच्छे धर्म का अनुसरण कर रहे हैं.

दुनिया का सबसे पुराना धर्म कौन सा है?

दुनिया का सबसे पुराना धर्म हिंदू धर्म है. ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति 9057 ईसा पूर्व हुई थी. लेकिन अगर स्रोतों की माने तो वर्तमान आंकड़े के मुताबिक हिंदू धर्म 12 से 15 हजार वर्ष प्राचीन और पुख्ता सबूतों के हिसाब से हिंदू धर्म 24 हजार वर्ष पुराना धर्म हैं.

दुनिया का सबसे पवित्र धर्म कौन सा है?

वैसे तो सभी धर्म अपने आप में पवित्र हैं लेकिन उन सभी धर्मों में हिंदू धर्म सबसे पवित्र और विशाल माना जाता है.

सबसे ज्यादा धर्म कौन से महाद्वीप में पाया जाता है?

एशिया महादेश को धर्मों का देश भी कहा जाता है एशिया महाद्वीप के भारत देश में सबसे अधिक और अलग-अलग धर्म देखने को मिलते हैं.

पृथ्वी का सबसे पहला धर्म कौन सा है?

पृथ्वी का सबसे पहला धर्म हिंदू धर्म है. हिंदू धर्म को वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म के नाम से भी जाना जाता है.


Sunday, January 29, 2023

मुगलों की अय्याशी का अड्डा था मुगल हरम: प्रताप मिश्रा


मुगलों के हरम को सबसे पहले बाबर ने बनाया था. शौकीन मिज़ाज बाबर के बाद हरम को सबसे ज्यादा इस्तेमाल अकबर ने किया. अकबर के हरम में 5 हजार से ज्यादा रानियां थी. लेकिन हरम के अंदर इन औरतों की क्या हालत थी ये आज हम आपको बताते हैं. 

इतावली चिकित्सक  निकोलाओ मानुची ‘मुगल इंडिया’ नाम की किताब लिखी थी. जिसमें उसने हरम के हालात बताये थे. वैसे तो किसी पुरुष को हरम में जाने की अनुमति नहीं थी लेकिन अगर कोई बीमार होता तो चिकित्सक को बुलाया जाता था.

किताब में लिखा है कि वो एक चिकित्सक था और उनके दारा शिकोह के साथ सम्बंध अच्छे थे. एक बार जब वो इलाज के लिए हरम में जा रहा था तभी दारा शिकोह ने हरम की सुरक्षा में तैनात रहने वाले किन्नर को आदेश दिया था कि- आंखों को ढक रहे कपड़ों को हटा कर मनूची को हरम में भेजा जाये. इसके पीछे दारा शिकोह की सोच ये थी ईसाईयों की सोच में अश्लीलता नहीं होती है जैसी की मुस्लिमों में होती है. इसलिए उसे आजादी के साथ हरम में जाने की अनुमति मिली थी.

मनूची ने लिखा है कि हरम में महिलाएं झूठी बीमारी का नाटक करती थी. क्योंकि बादशाह के अलावा उन्हे किसी से मिलने की इजाजत नहीं थी. वो खुद को बीमार बताकर चिकित्सक बुलाती थी. ताकि किसी मर्द को नब्ज टटोलने के बहाने छू सकें.

मनूची लिखता है कि चिकित्सक और बीमार महिला के बीच एक पर्दा लगा होता था. जब चिकित्सक नब्ज देखने के लिए पर्दे के भीतर हाथ बढ़ाते थे, तो कई बार महिलाएं हाथ चूम लेती थी तो कुछ प्यार से काट लेती थी. इतना ही नहीं कुछ तो हाथ पकड़कर अपने शरीर को सहलाती थी.

मुगल हरम में कुछ औरतें शादी करके लायी जाती थी तो कुछ जबरन. हरम के अंदर पैदा हुए बच्चों के लिए स्कूल और मैदान होता था. हरम में शादी खजाना, गुप्त दस्तावेज और शाही मुहर भी रखी जाती थी. 

मनूची लिखते हैं कि हरम में औरतों का जीवन आलीशान था. शाही कपड़े, आराम के सारे सामान, दासियां और सेवा में लगे किन्नर. हरम में औरतें संगीत-कहानी या फिर मुर्गेों की लड़ाई से खुद का मनोरंजन करती थी. 

हरम में महिलाओं की तादात इतनी ज्यादा होती थी कि कभी कभी तो ताउम्र उन्हे बादशाह को देखना नसीब नहीं होता था. लेकिन सब औरतों की स्थिति हरम में एक समान नहीं थी.  बादशाह की पत्नियों में जो पहले बेटे को जन्म देती थी उसका हरम में सम्मान बढ़ जाता था. जो बीमार होती उसे बीमार खाने भेज दिया जाता था.

अबुल फजल ने आइन-ए-अकबरी में बताया गया है कि शाही हरम के अंदर महिला सुरक्षा कर्मियों और पास में किन्नरों की टुकड़ी रहती थी.  ये किन्नर बड़े से बड़े योद्धा को हराने की क्षमता रखते थे. 

अबुल फजल ने आइन-ए-अकबरी में लिखा है कि शहंशाह अकबर के हरम में 5 हजार औरतें थी, हालांकि इससे पहले के दो बादशाहों के समय में ये संख्या 300 और 400 से ज्यादा नहीं पहुंची थी. 

हरम में काम करने वालों की सैलरी निश्चित थी. इसमे सबसे ज्यादा सैलरी दारोगा की होती थी. जिसे एक हजार से 1500 रुपये महीना मिलता था. ये उस जमाने में एक बहुत बड़ी रकम थी. हरम में काम कर रहे साधारण नौकर को भी 2 से 51 रुपये महीना वेतन दिया जा रहा था. हरम पर होने वाले खर्च का पूरा हिसाब खजांची रखता था. मुगलों के ऐसे हरम दिल्ली, आगरा, फतेहपुर सिकरी और लाहौर, अहमदाबाद, बुहरानपुर, दौलताबाद, मान्छू और श्रीनगर में बनाए गये थे.

Saturday, January 28, 2023

मुलायम को सम्मान गजब का पैंतरा भी सिद्ध हो सकता है: प्रताप मिश्रा


स्व. मुलायम सिंह यादव को पद्मविभूषण सम्मान क्या मिला, देश में बहस छिड़ गई है। सबसे पहले तो सबको आश्चर्य यह हुआ कि मुलायम को यह सम्मान उस भाजपा की सरकार ने दिया है, जिसे देश में सबसे ज्यादा यदि किसी ने तंग किया है तो उ.प्र. के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह...

स्व. मुलायम सिंह यादव को पद्मविभूषण सम्मान क्या मिला, देश में बहस छिड़ गई है। सबसे पहले तो सबको आश्चर्य यह हुआ कि मुलायम को यह सम्मान उस भाजपा की सरकार ने दिया है, जिसे देश में सबसे ज्यादा यदि किसी ने तंग किया है तो उ.प्र. के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने किया है। राम मंदिर के लिए हुए प्रदर्शनों में भाजपा नेताओं और कार्यकत्र्ताओं की जैसी धुनाई मुलायम ने की, क्या किसी और मुख्यमंत्री ने की? 

शंकराचार्य को गिरफ्तार करने की हिम्मत क्या आज तक किसी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की हुई? यदि मुलायम सिंह का स्वास्थ्य उनका साथ देता तो वे ही ऐसे एकमात्र नेता थे, जो नरेंद्र मोदी की हवा खिसका सकते थे। उनके प्रशंसक सारे देश में मौजूद थे लेकिन वे इतने दरियादिल भी थे कि संसद में उन्होंने खुलेआम मोदी की प्रशंसा भी की लेकिन क्या इसीलिए मुलायम को भाजपा ने पुरस्कृत कर दिया है? शायद नहीं। 

यदि मोदी पर किए गए अहसानों का सवाल है तो ऐसे दो-चार लोग तो अभी भी जिंदा हैं, जिन्हें भारत रत्न भी दिया जाए तो वह भी कम ही रहेगा। तो मुलायम को क्यों दिया गया है, यह सम्मान? मेरी राय में यह सम्मान नहीं है। यह सरकारी रेवड़ी है, जो मरणोपरांत और जीते-जी भी बांटी जाती है। गरीब जनता को बांटी गई रेवडिय़ां और इस तरह के सम्मानों की रेवडिय़ों में ज्यादा फर्क नहीं है। श्रीमती इंदिरा गांधी ने इस रेवड़ी को अपना रेवड़ा बनाकर सबसे पहले इसे खुद के हवाले कर लिया था। 

अब मुलायमजी को दी गई इस रेवड़ी की उन्हें बिल्कुल भी जरूरत नहीं थी। यदि वे जिंदा होते तो वे कह देते कि उन्होंने मीठा खाना छोड़ दिया है। अभी तक जितने लोगों को भारत रत्न मिला है, उनमें से दो-तीन लोगों को मैं व्यक्तिगत तौर से खूब जानता रहा हूं। वे लोग भाई मुलायम सिंह के पासंग के बराबर भी नहीं थे। इसीलिए समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं का यह कथन थोड़ा बेहतर है कि अगर मोदी जी ने मुलायम को कुछ देना ही था तो भारत रत्न ही देना था। इन समाजवादियों को लग रहा है कि यह मुलायम जी का सम्मान नहीं, उ.प्र. के यादव वोटों को बटोरने का पैंतरा है। 

यदि अखिलेश या उनकी पत्नी यह सम्मान लेने पहुंच गई तो भाजपा की यह रेवड़ी उसका रसगुल्ला बने बिना नहीं रहेगी। अखिलेश के लिए भाजपा ने यह बड़ी दुविधा पैदा कर दी है। भाजपा के कुछ नेताओं को ऐसा भी लग रहा है कि यदि मुलायम सिंह को वे अपना बना लें तो अखिलेश को हाशिए में सरकाना उनके बाएं हाथ का खेल होगा। उनकी एक रणनीति यह भी हो सकती है कि अगले चुनाव में भाजपा और सपा का गठबंधन बन जाए। जहां तक अखिलेश का सवाल है, उसे डा. लोहिया के समाजवादी सिद्धांतों का कोई खास आग्रह भी नहीं है और जानकारी भी नहीं है। इसीलिए भाजपा के साथ गठबंधन करने में सपा को ज्यादा कठिनाई भी नहीं होगी। यह सम्मान गजब का पैंतरा भी सिद्ध हो सकता है। 

Wednesday, January 25, 2023

भस्मासुर बना पाकिस्तान: भारत को बस इसे खुद को नष्ट करने के लिए उत्साहित करने की जरूरत


Pakistan becomes Bhasmasur

भारत के लिए इस व्यापक नफरत के परिणामस्वरूप पाकिस्तान दुनिया की आतंकवाद की राजधानी बन गया है। देश आर्थिक और सामाजिक बर्बादी का सामना कर रहा है और तालिबान अपनी पश्चिमी सीमाओं पर पाकिस्तान का सहयोगी होने के बजाय, पाकिस्तान में ही अस्थिरता का स्रोत बन गया है।

पिछले कुछ हफ्तों में पड़ोसी देश पाकिस्तान की आदतें हमें उसके बारे में कुछ गहराई से भरी बातें सिखा जाती है। दुख में भी वह भारत के लिए अपनी पूरी नफरत को नहीं छोड़ सकता है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने स्वीकार किया कि भारत के साथ युद्ध पाकिस्तान के लिए दुख के अलावा कुछ नहीं लाया था, लेकिन वह कश्मीर को नजरअंदाज करने और शांति प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए खुद को नहीं ला सके। भोजन की कमी, फेल पावर ग्रिड और दिवालिया अर्थव्यवस्था के बावजूद पाकिस्तान की अक्ल अभी भी ठिकाने पर नहीं आई है। शरीफ के अपमानजनक बयान देने के कुछ दिनों पहले उनके विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने से खुद को नहीं रोक पाए। उन्होंने कहा कि ओसामा बिन लादेन मर चुका है। लेकिन गुजरात का कसाई जिंदा है और वह भारत का प्रधानमंत्री है।

हिंदुस्तान के प्रति नफरत ही बिगाड़ देगी पाकिस्तान का खेल

पिछले हफ्ते, दावोस में एक अन्य पाकिस्तानी मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि उनका देश मोदी को शांति के साथी के रूप में नहीं देखता है। यह इस तथ्य के बावजूद कि अपने पहले कार्यकाल में मोदी ने बार-बार पाकिस्तान तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश की है। पाकिस्तान में बिजली बचाने की नाकाम कोशिश के चलते सोमवार को बत्तियां गुल हो गईं। पाकिस्तान के नेशनल इलेक्ट्रीसिटी ग्रिड में खराबी आ गई। इसके कारण पाकिस्तान का एक बड़ा हिस्सा दिन में ही अंधेरे में पहुंच गया। हालांकि इस ग्रिड की विफलता के तकनीकी कारण हो सकते हैं, लेकिन हम यह पूछे बिना नहीं रह सकते: क्या कोई देश समझदारी और सक्षमता से काम कर सकता है, जब उसकी पूरी प्रेरक शक्ति एक ऐसे पड़ोसी के प्रति घृणा से भरी हुई हो, जिसने उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया हो। 


भस्मासुर बनने की राह पर पाकिस्तान

एक बार जब आप भारत के प्रति पाकिस्तान के रवैये को प्रेरित करने वाली अंतर्निहित घृणा को महसूस कर लेते हैं, तो इससे निपटने का तरीका भी स्पष्ट हो जाना चाहिए। आप वही करें जो मोहिनी ने भस्मासुर के साथ किया। उसके घमंड और सर्वग्राह्य आग्रह से उसे स्वयं को नष्ट करने दें।  का जन्म शिव के शरीर पर भस्म धूल (राख) से हुआ था। उसके प्रति राक्षस की महान भक्ति से प्रसन्न होकर, शिव अपनी पसंद का वरदान देने के लिए तैयार हो गए। भस्मासुर ने किसी के भी सिर पर हाथ रखने के लिए उसे जलाने की शक्ति मांगी। शिव ने उसे यह प्रदान किया। भस्मासुर वरदान से अभिमानी हो गया, और कहा जाता है कि वह पूरी दुनिया के लिए एक बुरा सपना बन गया। विष्णु ने आकर्षक मोहिनी, एक आकर्षक नर्तकी का रूप धारण किया, जिसने उन्हें अपने आकर्षण से आकर्षित किया, और मुक्तान्त्य नामक एक नृत्य की शुरुआत की। इस नृत्य के दौरान भस्मासुर को अपने ही सिर पर हाथ रखने के लिए मजबूर होना पड़ा। जिस क्षण उसका हाथ उसके सिर पर लगा, वह जलकर राख हो गया। पाकिस्तान भस्मासुर बनने की राह पर है। यह चाहता है कि भारत नष्ट हो जाए, भले ही इस प्रक्रिया में वो खुद को बर्बाद कर दे।  यहीं से भारत को हजारों जख्मों से लहूलुहान करने की उसकी रणनीति का जन्म हुआ, हालांकि उसने इस बात को नजरअंदाज ही किया कि चाकू चलाने वाला कोई भी व्यक्ति देर-सबेर खुद को ही चोट पहुंचा लेता है। 

चीन ने भी पाकिस्तान को उसके हाल पर छोड़ा

भारत के लिए इस व्यापक नफरत के परिणामस्वरूप पाकिस्तान दुनिया की आतंकवाद की राजधानी बन गया है। देश आर्थिक और सामाजिक बर्बादी का सामना कर रहा है और तालिबान अपनी पश्चिमी सीमाओं पर पाकिस्तान का सहयोगी होने के बजाय, पाकिस्तान में ही अस्थिरता का स्रोत बन गया है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान अब खुद पाकिस्तानी सेना को धमकी देने लगा है। पश्चिम में पाकिस्तान न केवल घिरा हुआ है बल्कि अपने पूर्वी हिस्से में भी वैचारिक लड़ाई से दो चार हो रहा है। दक्षिण-पश्चिम में बलूच उग्रवादी न केवल पाकिस्तान के लिए, बल्कि ग्वादर और उसके आसपास चीनी आर्थिक परियोजनाओं के लिए भी सीधा खतरा बन गए हैं। भस्मासुर अब अपने और अपने सहयोगियों के लिए भी एक खतरा है। ऐसे में भारत को उसकी किसी भी नापाक हरकत से सावधान रहते हुए उसके प्रोत्साहित करने की जरूरत है। उसे समय दें, और भस्मासुर भारत के लिए अपनी प्रबल घृणा से स्वयं को नष्ट कर देगा। शायद इसलिए चीन ने भी अपने दोस्ता का साथ छोड़ दिया और संयुक्त राष्ट्र में अड़ंगा लगाने वाले कदम से पीछे हट गया। लश्कर के अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की अनुमति दे दी। यह चीन भारत पर कोई एहसान नहीं कर रहा है, शायद यह अहसास है कि पाकिस्तान की अनियंत्रित नफरत अंततः चीन तक फैल सकती है, जहां उसे झिंजियांग में इस्लामी प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है। 



Sunday, January 22, 2023

ट्रेन या बस में फ्री यात्रा की तो होगी कार्रवाई, कानपुर पुलिस कमिश्नर ने सभी थानों को लिखा चेतावनी भरा पत्र



उत्तर-मध्य रेलवे के झांसी मंडल के वरिष्ठ मंडल प्रबंधक शशिकांत त्रिपाठी ने एक पत्र प्रयागराज, झांसी, जालौन, कानपुर देहात और कानपुर नगर पुलिस के अधिकारियों को एक पत्र भेजा है. जिसमें शिकायत की गई है कि पुलिसकर्मी अनाधिकृत तौर पर ट्रेन के वातानुकूलित कोचों में यात्रा कर रहे हैं और टीटी के एतराज करने पर उनसे झगड़ते हैं. इस पर कानपुर कमिश्नरेट के पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने एक्शन लेते हुए सभी पुलिसकर्मियों को चेतवानी दी है.

ट्रेन या रोडवेज बसों में वर्दी का रौब दिखाकर मुफ्त में यत्र करने वाले पुलिसकर्मियों की खैर नहीं. रेलवे की शिकायत के कानपुर पुलिस कमिश्नर ने सभी थानों को पत्र लिखकर पुलिसकर्मियों को चेतावनी दी है. उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा है कि बिना टिकट ट्रेन में यात्रा करने की शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने पुलिसकर्मियों मर्यादित आचरण करने की नसीहत भी दी.

दरअसल, उत्तर-मध्य रेलवे के झांसी मंडल के वरिष्ठ मंडल प्रबंधक शशिकांत त्रिपाठी ने एक पत्र प्रयागराज, झांसी, जालौन, कानपुर देहात और कानपुर नगर पुलिस के अधिकारियों को एक पत्र भेजा है. जिसमें शिकायत की गई है कि पुलिसकर्मी अनाधिकृत तौर पर ट्रेन के वातानुकूलित कोचों में यात्रा कर रहे हैं और टीटी के एतराज करने पर उनसे झगड़ते हैं. इस पर कानपुर कमिश्नरेट के पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने एक्शन लेते हुए सभी पुलिसकर्मियों को चेतवानी दी है.

शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई
कानपुर पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने कानपुर शहर के सभी थानों को एक चिट्ठी भेजी है। इस चिट्ठी में पुलिसकर्मियों से मर्यादित आचरण बनाए रखने की अपील की गया है तो वहीं अमर्यादित आचरण करने पर कड़ी कार्रवाई की बात भी कही गई है. उन्होंने साफ किया है कि बिना टिकट रेल में यात्रा करने वाले पुलिसकर्मियों की शिकायत आई तो कड़ी कार्रवाई होगी. पुलिस आयुक्त द्वारा इस तरह के खत लिखे जाने के बाद से उनकी खूब सराहना हो रही है.

भारतीय सेना की बड़ी कार्रवाई, मसूद अजहर के तीनों भतीजो को मार गिराया


कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों को बेअसर करने के लिए सुरक्षा बलों का अभियान जारी है। इसी के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश -ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के तीन भतीजों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया गया था। तीनों ने भारत में घुसपैठ की थी। वह तीनों कश्मीर की घाटी को आतंकवाद की गतिविधियों से दहलाना चाहते थे। हालांकि सुरक्षा बलों ने अपने साहस का परचम लहराते हुए तीनों आतंकवादियों को मार गिराया है।

“हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के कमांडर नौ महीने से अधिक नहीं जी पाते”

चिनार का‌र्प्स के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट (सेवानिवृत्त) ने पॉडकास्ट कार्यक्रम में यह जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा की आतंकी संगठन हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के कमांडर नौ महीने से अधिक जीवित नहीं रह पाते हैं। उससे पहले ही उन्हें मार गिराया जाता है। अब स्थानीय लोग आतंकवाद से दूर रहना चाहते हैं।

मसूद अजहर के तीनों भतीजे मारे गए

आतंकी संगठनों के लिए स्थिति कठिन बना दी गई है। जिसके परिणामस्वरूप जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने अपने भतीजों को त्राल क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भेजा था। लेकिन उनकी कोशिशों को नकाम कर दिया गया है। एक भतीजे को 15 दिनों के भीतर मार गिराया गया। इसके बाद दूसरे भतीजे को भेजा गया, हमने उसे 10 दिनों में मार गिराया। तो वहीं तीसरे भतीजे को तीन दिनों में ही खत्म कर दिया गया है।

जनरल भट्ट चिनार का‌र्प्स कमांडर के रूप में कर चुके हैं काम

भारतीय आर्मी के जाबांज लेफ्टिनेंट जनरल भट्ट (सेवानिवृत्त) ने 2018 में चिनार का‌र्प्स कमांडर के रूप में कार्य किया हुआ है। उस दौरान भारतीय सेना ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी नेतृत्व के खिलाफ व्यापक अभियान चलाए थे। सेना ने कई बड़ी कार्रवाई भी की थी। भारतीय सेना ने क्षेत्र में सक्रिय प्रमुख समूहों को समाप्त कर दिया और एक वर्ष में 274 आतंकवादी मारे गए थे।

Saturday, January 21, 2023

‘2023 में पाकिस्तान के हो सकते हैं टुकड़े, भारत चाहे तो कर दे चढ़ाई’, बोले प्रोफेसर मुक्तदर खान



 हर क्षेत्र में पिछड़ते पाकिस्तान की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. विदेशी मदद के बाद भी ऐसा नहीं लगता कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में जल्द किसी तरह का सुधार होगा. महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार से परेशान लोग सरकार की आलोचना कर रहे हैं. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कुछ लोग तो भारत के लद्दाख के साथ आने के लिए कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन सभी घटनाक्रमों को देखते हुए कई विश्लेषक मानने लगे हैं कि पाकिस्तान की स्थिति में जल्द ही कोई सुधार नहीं हुआ तो पाकिस्तान बिखर जाएगा.

अमेरिका की डेलावेयर यूनिवर्सिटी में इस्लामिक स्टडीज प्रोग्राम के फाउंडिंग डायरेक्टर प्रोफेसर मुक्तदर खान का कहना है कि पाकिस्तान के ऊपर फिलहाल छह संकट मंडरा रहे हैं जो उसे तोड़ कर रख सकते हैं. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान फिलहाल हर तरह से संकट में है और अगर भारत चाहे तो जंग का ऐलान कर पीओके और बाकी इलाकों को अपने में मिला सकता है.

प्रोफेसर ने अपने एक वीडियो में बताया कि छह संकट हैं जो पाकिस्तान को टुकड़ों में बांट सकते हैं. उनके अनुसार, वो संकट हैं- राजनीतिक संकट, आर्थिक संकट, सुरक्षा का संकट, सिस्टम का संकट, पहचान का संकट और पर्यावरण संकट. मुक्तदर खान ने कहा है कि साल 2023 में इन संकटों की वजह से हो सकता है कि पाकिस्तान के टुकड़े-टुकड़े हो जाएं या देश की सारी सरकारी संस्थाएं नाकाम हो जाएं.

वो कहते हैं, ‘अगर ऐसा होता है तो हजारों-लाखों रिफ्यूजी वहां से निकलेंगे और पूरी दुनिया में जाएंगे. खासतौर से, भारत पर इसका असर होगा.’

राजनीतिक संकट

राजनीतिक संकट को लेकर प्रोफेसर ने कहा, ‘इमरान खान को सत्ता से हटाने के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक संकट आया है. इमरान खान कभी मार्च कर रहे हैं, कभी भाषण दे रहे हैं, एक अजीब सियासी तमाशा बना हुआ है मुल्क. ये राजनीतिक संकट सरकार को ठीक से चलने नहीं दे रही है. सरकार के लिए काम करना असंभव सा हो गया है. पाकिस्तान की सरकार खुद आधा वक्त तो इमरान खान के साथ सियासी फुटबॉल खेल रही है. उसे सरकार चलाने का कहां वक्त है.’

आर्थिक संकट

अमेरिकी प्रोफेसर पाकिस्तान के आर्थिक संकट को लेकर कह रहे हैं, ‘पाकिस्तान में महंगाई बहुत ज्यादा है. पाकिस्तान का विकास दर काफी कम है, निर्यात भी बेहद कम है जिस कारण कई तरह के आर्थिक मुश्किलें पैदा हो चुकी हैं. सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि अगर उन्हें किसी चीज की जरूरत पड़ी तो वो विदेशों से खरीद नहीं सकते क्योंकि उनके पास विदेशी मुद्रा भंडार नहीं है. अगर वो डिफॉल्ट हो जाते हैं तो उनकी क्रेडिट रेटिंग बर्बाद हो जाएगी और उन्हें कहीं से लोन लेने में बड़ी मुश्किल आएगी. 10-20 साल लगते हैं डिफॉल्ट से रिकवर होने में.’

सुरक्षा का संकट

प्रोफेसर मुक्तदर खान कहते हैं कि पाकिस्तान में सुरक्षा का मसला बेहद गंभीर मसला बन चुका है. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान फिलहाल दो जंग लड़ रहा है. एक अफगानिस्तान तालिबान के खिलाफ…बॉर्डर पर जो झगड़े चल रहे हैं वो जंग की तरह ही हैं. दूसरी जंग- तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के खिलाफ. टीटीपी ने तो बकायदा अपनी एक अलग सरकार घोषित कर दी है. तो पाकिस्तान में अब दो सरकारें चल रही हैं. अगर पाकिस्तान की सरकार टीटीपी के खिलाफ जंग छेड़ती है तो वो भागकर अफगानिस्तान जाएंगे. और अगर पाकिस्तान उनको वहां जाकर मारता है तो दोनों देशों में जंग जरूर  होगी.’

प्रोफेसर का कहना है कि अफगानिस्तान तालिबान पाकिस्तान से डरने वाले नहीं हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्होंने तो अमेरिका को भी हरा दिया और वो इसी तरह लड़ते रहेंगे.

सिस्टम का संकट

प्रोफेसर कहते हैं, ‘पाकिस्तानी सरकार का जो स्ट्रक्चर है, उसमें तनाव आ गया है. वहां की फौज ऐसे काम करती है मानों उसकी एक अलग सरकार चल रही है. पाकिस्तान में ये जो हालात हैं कि एक लोगों की सरकार है, एक सेना की सरकार चल रही है, एक टीटीपी की सरकार चल रही है, बहुत चकराने वाला है. वो लोग जो टीटीपी के प्रभाव वाले इलाके में रहते हैं, उनके लिए सरकार कौन है? यह पाकिस्तान का सिस्टम संकट है जिसे खत्म करने के लिए उसे स्टेट को री-डिजाइन करना होगा. पाकिस्तान को अपनी फौज को भी इस तरह से बनाना होगा कि वो लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार के नियंत्रण में रहे.’

पहचान का संकट

मुक्तदर खान कहते हैं कि पाकिस्तान में एक तबका ऐसा है जो चाहता है कि पाकिस्तान एक सेक्युलर, उदार लोकतंत्र रहे जिसमें सोचने की आजादी हो, किसी भी धर्म, संस्कृति को मानने की आजादी हो. वहीं, दूसरा तबका चाहता है कि पाकिस्तान में सख्त शरिया कानून लागू हो जैसा कि अफगानिस्तान में तालिबान ने लागू किया है. अगर पाकिस्तान में टीटीपी की हुकूमत आ गई तो पहला काम तो वो यही करेंगे कि सभी औरतों को काम से निकाल देंगे, पढ़ने भी नहीं देंगे. पाकिस्तान में यह एक तरह का पहचान का संकट है कि लोग किस तरह की सरकार चाहते हैं.

पर्यावरण संकट

प्रोफसर का कहना है कि इन सभी मानव निर्मित संकटों को पर्यावरण का संकट कई गुना बढ़ा देता है. पाकिस्तान में बार-बार आने वाले तूफान, बाढ़, भूकंप देश को गर्त में ले जाने का काम कर रहे हैं. ये सब सरकार के लिए चुनौती खड़ी करते हैं, अर्थव्यवस्था पर इनसे बोझ पड़ता है. साल 2023 पाकिस्तान के लिए बेहद नाजुक रहने वाला है.

Friday, January 20, 2023

क्या मुस्लिमों में बहुविवाह, निकाह हलाला और मुताह पर लगेगा बैन? सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ का गठन करने की दे दी सहमति


मुसलमानों में बहुविवाह और ‘निकाह हलाला’ की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिाक पर सुप्रीम कोर्ट संविधान पीठ गठन करेगा.
मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह, निकाह हलाला और मुताह पर बैन लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने संविधान पीठ का जल्द गठन करने पर अपनी सहमति दे दी है. हालांकि, अभी सुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जल्द ही मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह, निकाह हलाला और मुताह के मामलों पर सुनवाई के लिए तारीख तय की जाएगी.

दरअसल, याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया है. याचिका में मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह, निकाह हलाला, और मुताह प्रथा पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि मुस्लिमों में प्रचलित ये प्रथाएं अवैध व असंवैधानिक हैं.

याचिका में कहा गया है कि निकाह-हलाला की प्रथा में एक तलाकशुदा महिला को पहले किसी और से शादी करना होती है. इसके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत अपने पहले पति से फिर शादी करने के लिए तलाक लेना पड़ता है. दूसरी ओर बहुविवाह एक ही समय में एक से अधिक पत्नी या पति होने की प्रथा है.

याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी जनहित याचिका में बहुविवाह और ‘निकाह हलाला’ को असंवैधानिक और अवैध घोषित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है. बता दें कि शीर्ष अदालत ने जुलाई 2018 में उनकी याचिका पर विचार किया था और इस मामले को संविधान पीठ के पास भेज दिया था जो पहले से ही ऐसी ही याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी.

Tuesday, January 17, 2023

भारत और रूस को और करीब लाएगा ईरान, बना रहा रेलवे लाइन और हाइवे, तीनों देशों का होगा तगड़ा फायदा


भारत और रूस को और करीब लाएगा ईरान, बना रहा रेलवे लाइन और हाइवे, तीनों देशों का होगा तगड़ा फायदा

भारत और रूस की दोस्ती जगजाहिर है और अब इन दोनों ईरान और करीब लेकर आएगा. ईरान में 3300 किमी लंबी रेलवे लाइन और 6000 किमी लंबा हाइवे पर तेजी से काम चल रहा है. ईरान को उम्मीद है कि एशिया, रूस और यूरोप के बीच वह ट्रांसपोर्ट हब बन सकता है.

इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होते ही रूस से ईरान के रास्ते भारत तक एक व्यापार मार्ग तैयार हो जाएगा. इस व्यापार मार्ग से इन तीनों देशों को जहां भारी फायदा पहुंचेगा वहीं आपसी संबंध भी और सुधरेंगे.

इस रेलवे लाइन और हाइवे के निर्माण को दो सबसे बड़े फायदे होगें पहला- तीनों देश अमेरिकी प्रतिबंधों से बचते हुए आसानी से व्यापार कर सकेंगे और दूसरा -  भारत को रूस के साथ व्यापार करने के लिए यूरोप पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.

साल 2002 में भारत, रूस और ईरान के बीच एक समझौता हुआ था जिसके बाद इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर की नींव पड़ी थी.

कितना हो चुका है काम?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक रेलवे लाइन का 560 किमी हिस्सा इस साल मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा वहीं हाईवे का भी 1000 किमी का हिस्सा इस साल मार्च तक पूरा हो जाने की उम्मीद है.

रूस की विशेष नजर
इन दोनों प्रोजेक्ट्स पर रूस की विशेष नजर और क्योंकि इनके बन जाने के बाद रूस का हिंद महासागर तक सफर आसान हो जाएगा. रूस खाड़ी और अफ्रीकी देशों के साथ भी तेजी से व्याूपार कर सकेगा। बताया जा रहा है कि पुतिन खुद इस व्यापार मार्के के निर्माण में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. पिछली जुलाई में रूसी राष्ट्र पति व्लाहदिमीर पुतिन ने ईरान के राष्ट्रपति से इसी सिलसिले में मुलाकात भी की थी.

Sunday, January 15, 2023

विश्व में भारत के बढ़ते कद से चौंका पाकिस्तान, PAK अखबार ने बांधे तारीफों के पुल


Pak अखबार ने भारत के लिए बांधे तारीफों के पुल

पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पहली बार भारत की दुनिया में प्रसांगिकता के लिए तारीफ की है। शहजाद चौधरी ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में लिखा की अगर मैं हेनरी किसिंजर होता तो मैं भारत पर एक ग्रंथ लिखता।

पाकिस्तान वर्तमान में आर्थिक संकट की स्थिति से जूझ रहा है। लोगों के पास आम जरूरतों की चीजों के लाने पड़े हुए हैं। आलम यह है कि पाकिस्तानी नागरिक आटा-दाल तक के लिए तरस रहे हैं। लोगों के पास न तो पर्याप्त पैसा है और न ही खाने को मिल रहा है। लेकिन वहीं दूसरी और भारत तेज गति से विकास कर रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत की अर्थव्यवस्था 5 वें स्थान पर पहुंच गई है। वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते कद से पाकिस्तान चौंक उठा है। पाकिस्तान ने खुद भारत की तारीफ की है। पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पहली बार भारत की दुनिया में प्रसांगिकता के लिए तारीफ की है।

भारत पर एक ग्रंथ लिखते शहजाद चौधरी

पाकिस्तान के राजनीतिक , सुरक्षा और रक्षा विश्लेषक शहजाद चौधरी ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में लिखा की अगर मैं हेनरी किसिंजर होता तो मैं भारत पर एक ग्रंथ लिखता। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले साल दुनिया की 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने यह भी लिखा की 2037 तक भारत ने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। तो वहीं पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था वैश्विक समुदाय से वित्तीय सहायता पर गुजर बसर करने के लिए मजबूर है।

पाकिस्तान की खस्ता हालत को दर्शाता एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल।

भारत की आर्थिक हालात की हुई पाक से तुलना

शहजाद चौधरी ने 600 बिलियन अमेरिकी डालर से अधिक का विदेशी मुद्रा भंडार रखने के लिए भी भारत की तारिफ की है। 600 बिलियन अमेरिकी डालर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ भारत चौथे स्थान पर है। जबकि पाकिस्तान के पास में केवल 4.5 बिलियन ही अमेरिकी डालर है। पाकिस्तान 1971 के बाद से सबसे गंभीर संकट के बीच में है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की राजनीतिक अर्थव्यवस्था ने पाकिस्तान के आर्थिक हालात के टुकड़े टुकड़े कर दिए हैं। हालात यहां तक है कि पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय कद भी गिर गया है।

पाकिस्तान में महंगाई से त्राहिमाम मचा हुआ है।

पाक में निवेश करने से बचते हैं निवेशक

शहजाद चौधरी ने भारत की अर्थव्यवस्था की चीन से तुलना की है। अमेरिका के बाद चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि जीडीपी में भारत की विकास दर चीन के बाद पिछले तीन दशकों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं से मेल खाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत भारत की अर्थव्यवस्था 600 बिलियन से अधिक हो गई है। तो वहीं जीडीपी 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। उन्होंने कहा कि भारत की बहुत बड़ी प्रगति है इसीलिए सभी निवेशक भारत में निवेश करना पसंद करते हैं। वहीं उन्होंने पाकिस्तान के निवेश की तुलना की है। उन्होंने कहा कि सभी विदेशी निवेशक पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक नीतियों की कमी, आतंकवाद भ्रष्टाचार और विभिन्न संसाधनों की कमी के कारण पाकिस्तान में निवेश करने से बचते हैं।

Friday, January 13, 2023

टूटने की कगार पर पहुंचा कंगाल पाकिस्तान, गिलगित बाल्टिस्तान के बाद अब POK से भी उठी भारत में विलय की मांग


आर्थिक संकट झेल रहा पाकिस्तान (Pakistan economic crisis) अब टूटने की कगार पर पहुंच गया है। गिलगित बाल्टिस्तान के बाद अब पीओके के लोग भी भारत में विलय की मांग कर रहे हैं।

पाकिस्तान इन दिनों कंगाली की हालत में है। विदेशी मुद्रा की कमी के चलते सरकार दवा और भोजन जैसे जरूरी सामान भी दूसरे देश से आयात नहीं कर पा रही है। दूसरी ओर महंगाई इतनी बढ़ गई है कि लोगों के लिए पेट भरना भी मुश्किल हो गया है। आर्थिक तंगी के बीच पाकिस्तान में विद्रोह की आवाज भी बुलंद होने लगी है। ऐसा लग रहा है जैसे पाकिस्तान एक बार फिर टूटने की कगार पर पहुंच गया है। 

गिलगित बाल्टिस्तान के बाद अब पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में लोग भारत के साथ विलय की मांग करने लगे हैं। इसके लिए लोग सड़क पर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान के लोग पाकिस्तान सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों से नाराज हैं। पाकिस्तान की सरकार ने दशकों से इस क्षेत्र का शोषण किया है। इसके चलते गिलगित बाल्टिस्तान के लोग अब भारत के साथ पुनर्मिलन की मांग कर रहे हैं। सरकार के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन के कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए हैं। 

लोग कर रहे लद्दाख में विलय की मांग
एक वीडियो में गिलगित-बाल्टिस्तान में निकाली गई विशाल रैली को दिखाया गया है। इसमें लोग कारगिल सड़क फिर से खोलने की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग है कि गिलगित-बाल्टिस्तान को भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल जिले से मिलाया जाए। 

पिछले 12 दिनों से इस क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। स्थानीय लोग गेहूं और अन्य खाद्य पदार्थों पर सब्सिडी देने, बिजली कटौती, जमीन पर अवैध कब्जा और क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों के शोषण जैसे मुद्दों को उठा रहे हैं। लोगों में पाकिस्तानी सेना और सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है। आर्थिक तंगी के चलते पाकिस्तान के लोग परेशान हैं। गेहूं नहीं मिल रही है, जिससे लोगों का गुजारा कर पाना मुश्किल हो गया है। रोजमर्रा के सामानों की कीमतें आसमान छू रही हैं। परिवार का पेट नहीं भर पाने की स्थिति में गिलगित बाल्टिस्तान के लोग भारी संख्या में सड़क पर आ गए हैं और कारगिल सड़क खोलने की मांग कर रहे हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा था-गिलगित-बाल्टिस्तान पहुंचने पर पूरी होगी भारत की विकास यात्रा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था, "गिलगित और बाल्टिस्तान पहुंचने के बाद भारत की विकास की उत्तर दिशा की यात्रा पूरी होगी।" दरअसल, रक्षा मंत्री 1994 के एक प्रस्ताव का जिक्र कर रहे थे। संसद में पारित किए गए इस प्रस्ताव में पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान को वापस लेने का जिक्र है। 

Wednesday, January 11, 2023

भारत को ना दिखाता अकड़ तो पाकिस्तान की ना होती ऐसी दुर्दशा: प्रताप मिश्रा

पाकिस्तान ने मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले के विरोध में भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म कर लिए थे. लेकिन अब भारत को अकड़ दिखाना पाकिस्तान को बहुत महंगा पड़ रहा है.

गेहूं, चीनी, घी आदि जरूरी चीजों की भारी किल्लत से जूझता पाकिस्तान भारी खर्च कर रूस, यूएई, मिस्र, ब्राजील, सिंगापुर आदि देशों से आयात कर रहा है. लेकिन अगर पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने रिश्ते ठीक रखे होते तो इस आयात खर्च में भारी कमी आती. दूर देशों से आयात करने में पाकिस्तान का शिपिंग चार्ज काफी बढ़ गया है और डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये के अवमूल्यन ने इस संकट को और गहरा कर दिया है. भारत कई देशों को जिस दर पर गेहूं बेच रहा है, पाकिस्तान को दूसरे देशों से गेहूं खरीद के लिए उससे कहीं अधिक पैसे देने पड़ रहे हैं.

अपनी झूठी अकड़ के लिए खुद का ही नुकसान कर रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान की सरकार गेहूं की किल्लत को पूरा करने के लिए कुल 75 लाख टन गेहूं का आयात कर रही है. पाकिस्तान रूस से सबसे अधिक गेहूं खरीद रहा है. सोमवार को ही रूस से गेहूं की एक बड़ी खेप कराची बंदरगाह पर पहुंची है. आने वाले दिनों में 4 लाख 50 हजार टन गेहूं रूस से पाकिस्तान पहुंचने वाला है.

पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 में पाकिस्तान ने 31 लाख टन से अधिक गेहूं का आयात किया था जिसके लिए उसने 98.3 करोड़ डॉलर का भुगतान किया था. वित्त वर्ष 2022 में 22 लाख टन से ज्यादा का गेहूं आयात किया गया था जिसके लिए पाकिस्तान को 79.5 करोड़ रुपये देना पड़ा था. वहीं वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में पाकिस्तान 856,813 टन अनाज आयात कर रहा है जिसके लिए उसने 40.8 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

पाकिस्तान, रूस और यूक्रेन आदि देशों से गेहूं का आयात करता है लेकिन दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध ने वैश्विक गेहूं की कीमतों को बढ़ा दिया है. पाकिस्तान रूस से उस बढ़ी हुई कीमत पर ही गेहूं की खरीद कर रहा है. वहीं, भारत, यूएई, कतर, ओमान, श्रीलंका आदि देशों को रियायती दरों पर गेहूं बेच रहा है. पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को बीच में लाकर खुद अपना ही नुकसान कर रहा है.

भारत-पाक के बीच माल-ढुलाई का खर्च काफी कम

भारत-पाकिस्तान के बीच जब रिश्ते थोड़े बेहतर थे तब दोनों देशों के बीच अधिकतर व्यापार सड़क मार्ग से ट्रकों के माध्यम से होता था. इससे आयात का खर्च काफी कम आता था. लेकिन 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने कश्मीर से धारा 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया जिसके बाद भारत-पाकिस्तान के राजनयिक, व्यापारिक रिश्तों में दूरी आ गई. द्विपक्षीय व्यापार लगभग नगण्य हो गया.

अगर पाकिस्तान बाद के समय में अपनी हरकतों से बाज आता और भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को ठीक करने की कोशिश करता तो उसका आयात खर्च काफी कम होता. पाकिस्तान को छोड़कर लगभग सभी पड़ोसी देश भारत से गेहूं, चीनी आदि वस्तुओं का आयात अपेक्षाकृत कम खर्च कर रहे हैं. व्यापारिक सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका आदि देश भारत से बड़ी मात्रा में गेहूं का आयात कर रहे हैं.

द हिंदू से बातचीत में MEIR Commodities India के प्रमुख राहिल शेख कहते हैं, ‘पाकिस्तान भारत से कई टन चीनी खरीद सकता था. हम उन्हें सड़क के रास्ते ट्रकों से चीनी भेज देते. लेकिन पाकिस्तान दुबई के किसी रिफाइनरी से चीनी खरीद रहा है.’

आसमान छू रही आटे की कीमत

पिछले साल पाकिस्तान में आई बाढ़ ने गेहूं की फसलों को तबाह कर दिया था. पाकिस्तान में गेहूं का घरेलू उत्पाद बिल्कुल घट गया जिसके बाद उसे आयात पर निर्भर होना पड़ा है. एक किलो चक्की आटे के लिए लोगों को 160 रुपये देना पड़ रहा है. सरकार सब्सिडी पर गरीब लोगों को 10 किलो गेहूं का पैकेट दे रही है जिसकी कीमत 650 रुपये रखी गई है लेकिन बाजार से सब्सिडी वाला ये आटा भी गायब हो गया है. पाकिस्तान में 100 किलो गेहूं की बोरी की कीमत 12,500 रुपये हो गई है.

पाकिस्तान में चीनी की मिठास भी हुई कम

पाकिस्तान भारत के रिश्ते अगर अच्छे होते तो उसे चीनी की खरीद के लिए भी अधिक पैसे नहीं देने पड़ते क्योंकि भारत रियायती दरों पर चीनी का आयात कर रहा है. पाकिस्तान फिलहाल अपनी चीनी आपूर्ति के लिए यूएई, ब्राजील, मिस्र और अल्जीरिया जैसे देशों पर निर्भर है. पिछले सालों में पाकिस्तान के चीनी उत्पादन क्षमता में भारी गिरावट आई है. वो चीनी के लिए आयात पर निर्भर हो गया है लेकिन पाकिस्तानी रुपये की कमजोरी के कारण पर्याप्त मात्रा में चीनी आयात नहीं हो पा रहा.

वैश्विक बाजार में चीनी की बढ़ी कीमतों के कारण भी पाकिस्तान को चीनी आयात पर अधिक खर्च करना पड़ रहा है. लोग चीनी और उससे बनी चीजों की कमी का सामना कर रहे हैं. पाकिस्तान में एक किलो चीनी लगभग 100 रुपये में मिल रही है.

वहीं, पाकिस्तान घी के लिए भी विदेशी आयात पर निर्भर हो गया है. भारत विश्व का सबसे बड़ा घी का उत्पादक है लेकिन पाकिस्तान अपनी दुश्मनी के कारण इसका लाभ उठाने से वंचित रह जा रहा है. वो सिंगापुर और यूएई जैसे दूर देशों से घी खरीद रहा है.

आयात पर निर्भर पाकिस्तान के पास नहीं बचा पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार

पाकिस्तान सभी जरूरी सामानों के लिए आयात पर निर्भर है लेकिन जल्द ही उसका विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने वाला है. पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स में यह बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास करीब पांच अरब डॉलर ही बचा है. इतने पैसे में पाकिस्तान बस तीन हफ्ते ही आयात कर पाएगा.

पाकिस्तान पर चीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक का भारी कर्ज है. आने वाले समय में विदेशी कर्ज न चुका पाने के कारण पाकिस्तान पर डिफॉल्टर साबित होने का खतरा मंडरा रहा है. इस बीच पाकिस्तान को मित्र देश सऊदी अरब की तरफ से थोड़ी राहत मिली है. हाल ही में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पाकिस्तान में अपना निवेश 10 अरब डॉलर तक बढ़ाने की घोषणा की है. पाकिस्तान को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से आपातकालीन लोन की अगली किस्त मिलने की भी उम्मीद है. हालांकि, आईएमएफ का कहना है कि पाकिस्तान को अपना आयात घटाकर निर्यात बढ़ाना होगा और अपने खर्चे कम करके आय के स्रोत बढ़ाने होंगे, तभी वह कर्ज दे सकेगा।

Monday, January 9, 2023

गोमुख से बंगाल तक आचमन योग्य हुईं गंगाः सीएम योगी


गोमुख से बंगाल तक आचमन योग्य हुईं गंगाः सीएम योगी

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के स्वतंत्रता भवन में आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी, ‘सुफलाम’ के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उन्होंने आजादी के 75वें वर्ष पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव में हासिल की गई उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने चीन की वैक्सीन को फेल बताते हुए, भारत की वैक्सीन की सफलता की सराहना की। साथ ही भारत में जी20 सम्मेलन के आयोजन को देश के लिए गौरव और गंगाजल को निर्मल व आचमन योग्य बनाने को सरकार की बड़ी उपलब्धि करार दिया। उन्होंने कहा कि मॉरीशस के पीएम ने भी 400 लोगों के प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां डुबकी लगाई। अब लुप्त डॉलफिन भी गंगा में दिखने लगी है। इस अवसर पर सीएम योगी ने प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। 

भारत की वैक्सीन ने बचाईं करोड़ों जानें 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना काल में जहां दुनिया इस बीमारी से स्तब्ध व निसहाय थी, वहीं भारत ने अपनी 140 करोड़ जनता के लिए कार्य करते हुए उनकी जान बचाने का काम किया। पूरी दुनिया ने भारत की इस उपलब्धि को सलाम किया है। उन्होंने कहा कि चीन की वैक्सीन फेल हो गयी, लेकिन भारत की 2 महत्वपूर्ण वैक्सीन ने करोड़ों लोगों की जान बचाने का काम किया। 

विश्व को दिखाएं काशी की कला की झलक 

सीएम योगी ने आगे कहा कि दो सौ वर्षों तक ब्रिटेन ने हम पर राज किया लेकिन आज अर्थव्यवस्था के मामले में भारत ने उसे पछाड़ कर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का काम किया है। इस वर्ष 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी-20 देशों का नेतृत्व करने का गौरव भारत को प्राप्त हुआ है। इन देशों की आबादी विश्व की कुल आबादी के 60 प्रतिशत के बराबर है। इन 20 देशो के पास दुनिया का 75  प्रतिशत ट्रेड है, 85 प्रतिशत जीडीपी है, 90 प्रतिशत पेटेंट है। इन देशों के लिए नीति बनाने का काम भारत करेगा। जी-20 के कुछ सम्मेलन काशी में भी होंगे। जिसमें उन देशों के प्रतिनिधि यहां आयेंगे। यह समय है कि हम उन देशों के प्रतिनिधियों के सम्मुख अपनी कला, संस्कृति व विरासत को प्रस्तुत कर विश्व में अपनी पहचान को मजबूती प्रदान करें। 

डबल इंजन सरकार ने खोले विकास के रास्ते 

सीएम योगी ने मां गंगा की स्वच्छता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब गंगा में डुबकी लगाने पर त्वचा रोग हो जाता था, लेकिन आज गोमुख से लेकर उत्तर प्रदेश होते हुए बंगाल तक गंगा पूरी तरह साफ ही नहीं हुई बल्कि आचमन के योग्य भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार काम करती है तो विकास के रास्ते भी खुलते है और सुखद परिणाम स्वत: आने लगते है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमें पूरी ईमानदारी के साथ संपूर्ण जगत के लिए काम करना होगा। 

धरती मां की सेहत से नहीं होगा खिलवाड़

सीएम योगी ने कहा कि हमें पंचतत्वों की रक्षा करनी है। धरती हमारी मां है और हम सब उनके पुत्र है। एक पुत्र की भांति जो कर्तव्य बनता है उसे पूरा करने के लिए हम सभी को तत्पर रहना होगा। किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान धरती और जल का ही हुआ है। धरती माता के साथ खिलवाड़ गलत है। जो हर हाल में बंद होना चाहिए। इसके लिए यह जरूरी है कि रसायन युक्त खेती की जगह गौ आधारित प्राकृतिक खेती की जाए। 

चाय में जहर वाले बयान से निशाने पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव


चाय में जहर वाले बयान से निशाने पर अखिलेश, कभी वैक्सीन कभी पीएम मोदी पर पूर्व मुख्यमंत्री की यूं फिसली जुबान

UP Politics: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बीजेपी (BJP) के बीच तकरार लगातार बढ़ती ही जा रही है. अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का एक वीडियो वायरल (Viral Video) हो रहा है, जिसमें वो कहते सुनाई दे रहे हैं कि  "हम अपनी चाय पिएंगे या बाहर की चाय पिएंगे, कहीं पुलिस चाय में जहर मिलाकर दे दे तो." ये वीडियो लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय का है. जिसके उनसे चाय पीने की बात कही गई. सपा और बीजेपी के बीच लगातार आरोप-प्रत्यारोप की जंग छिड़ती आ रही है. सपा अध्यक्ष इससे पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं. पीएम मोदी को लेकर भी उन्होंने अपशब्द कहे थे. 

'चाय वे इसलिए नहीं पियेंगे क्योंकि उसमें जहर हो सकता है'
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश पुलिस को सार्वजनिक तौर पर कहा है कि पुलिस की ओर से दी जाने वाली चाय वे इसलिए नहीं पियेंगे क्योंकि उसमें जहर हो सकता है.  समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे.  यहां उन्होंने पुलिस को लेकर ऐसा बयान दिया चर्चा का विषय बन गया है. अखिलेश यादव वीडियो में कह रहे हैं, "वहां से आ जाएगी आप नहीं बनाईए." इसके बाद सपा प्रमुख किसी को इशारा करते हुए कहते हैं, "अगर कोई दुकान खुल गई हो तो चाय लेते आएं. यहां की चाय नहीं पीएंगे, हम बाहर की नहीं पीएंगे. मुझे पुलिस की चाय पर भरोसा नहीं है. मैं अपनी चाय मंगा लूंगा तब पी लूंगा नहीं तो मैं चाय नहीं पियूंगा. कहीं जहर दे दोगे तब."

Sunday, January 8, 2023

Covid-19: लाशों से पटी चीन की सड़कें, अगले 40 दिन में 200 करोड़ लोग करेंगे सफर, और बिगड़ सकती है स्थिति

covid cases in china

चीन में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर है। यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा संक्रमित हो चुका है। अस्पतालों में बेड और डॉक्टरों की भारी कमी है। चीन भले ही अपने यहां के आंकड़ों को छुपा रहा हो, लेकिन दुनिया वहां पर कोरोना का कोहराम देख रही है, लेकिन ताजा हालातों को देखकर कहा जा सकता है कि चीन में हालात और बिगड़ने वाले हैं। 

दरअसल, शनिवार से चीन का 'लूना न्यू ईयर' शुरू हो चुका है। इसे 40 दिन का दुनिया का सबसे बड़ा विस्थापन कहा जाता है। दरअसल, यहां इस अवधि में बड़ी संख्या में लोग एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। 21 जनवरी से इसको लेकर आधिकारी छुट्टियां शुरू हो रही हैं। 2020 के बाद ऐसा पहली बार है कि चीन में बिना यात्रा प्रतिबंधों के लूना न्यू ईयर मनाया जाएगा। बता दें, 2020 से चीन में लागू जीरो कोविड पॉलिसी को खत्म कर दिया गया था और लोगों पर से प्रतिबंध भी हटा लिए गए थे। साथ ही चीन ने कोरोना संक्रमण के बीच अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अपनी सीमाएं भी खोल दी है। 

40 दिन में 200 करोड़ लोग कर सकते हैं यात्रा 
चीन के परिवहन मंत्रालय के एक अनुमान के मुताबिक, अगले 40 दिनों में 200 करोड़ से अधिक लोगों के यात्रा करने का अनुमान है। बता दें, चीन में इस तरह की यात्राएं आमतौर पर नए साल के दिन से 15 दिन पहले शुरू होती हैं और लगभग 40 दिनों तक चलती हैं। ऐसे में संक्रमण और अधिक बढ़ने की आशंका है। 

गली-कूचे में हो रहा अंतिम संस्कार 
चीन के वर्तमान हालात इतने खराब हैं कि यहां सरकार लोगों के अंतिम संस्कार तक की व्यवस्था नहीं कर पा रही है। ट्विटर पर शेयर किए जा रहे वीडियो में सड़कों पर अस्थायी दाह संस्कार दिख रहे हैं। एक सड़क पर एक शव के चारों ओर लोग दिख रहे हैं, जिसके बाद उसमें आग लगा दी जाती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में अंतिम संस्कार के लिए काफी लंबी लाइनें हैं। लोगों को बस दस मिनट का ही समय दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यहां के अंतिम संस्कार स्थलों पर सामान्य से पांच गुना शव पहुंच रहे हैं। 

हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करेगा चीन 
चीनी सरकार ने शनिवार को कोरोनो वायरस से संबंधित घटनाओं के लिए हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने का आदेश दिया है। बता दें, चीन रविवार को 12 बजे से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए प्रतिबंध को समाप्त कर देगा। इससे एक दिन पहले कोरोना बंदियों को रिहा करने का आदेश जारी किया गया है। 

बुजुर्गों को हो रही इलाज में मुश्किल
बीजिंग के चेन नामक व्यक्ति की मानें तो चीन में कोविड के इलाज का बुरा हाल है। उन्होंने बताया कि पिछले माह उनके 85 साल के पिता कोविड संक्रमित हुए तो उन्हें न एंबुलेंस मिली न डॉक्टर। जैसे तैसे उन्हें चायोयांग अस्पताल लेकर गए तो कहा गया कि वे या तो दूसरे अस्पताल जाएं या पिता को गलियारे में आईवी ड्रिप लगवाकर बैठ जाएं। वहां न बेड मिले, न श्वसन में सहायक मशीन और न अन्य मेडिकल उपकरण। हालांकि, विशेष संपर्कों के जरिए उनके पिता को दूसरे अस्पताल में जगह मिल गई, लेकिन तब तक उन्हें फेफड़े में गंभीर संक्रमण फैल चुका था, वह जैसे तैसे बचे हैं।

Saturday, January 7, 2023

शर्मिंदा हो रही पाकिस्तान सरकार, सिर्फ 3 हफ्ते तक ही उठा सकती है खर्च का बोझ


Big Story: शाहबाज शरीफ की पाकिस्तान सरकार शर्मिंदगी झेल रही है. देश की आर्थिक हालत बद् से बद्तर हो रही है. (File Photo-twitter/@HarbirSinghSuri)

पाकिस्तान से चौंकाने वाली खबर है. उसके पास अब सिर्फ तीन हफ्ते के खर्च लायक पैसे बचे हैं. पाकिस्तान की केंद्रीय बैंक ने आंकड़े जारी कर देश की खस्ताहाल स्थिति को दिखाया है. उसकी रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान केवल तीन हफ्तों तक बचे हुए डॉलर का आयात कर सकता है. उसके विदेशी मुद्रा भंडार को डिफॉल्ट होने का डर है. इस डर की वजह से वह आठ साल के निचले स्तर 5.5 अरब डॉलर से अधिक पर आ गया है.

जानकारी के मुताबिक, देश को मुसीबत से निकालने के लिए पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार आईएमएफ, चीन और सऊदी अरब से मदद की अपील कर चुकी है. बीते 8 महीनों में पाकिस्तान ने मदद के लिए कई कोशिशें कीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. पाकिस्तान की सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कई कोशिशें कीं, लेकिन उसका कोई प्रभाव नहीं दिखा. उल्टा, देश का विदेशी मुद्रा भंडार घट गया. डॉन अखबार की एक रिपोर्ट कहती है कि 30 दिसंबर, 2022 को स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) का रिजर्व आठ साल के सबसे निचले स्तर 5.576 अरब डॉलर पर आ गया.

जरूरी सामान भी आयात करना मुश्किल
बताया जाता है कि पाकिस्तान के लिए अब जरूरी सामान का आयात करना भी मुश्किल है. उसने पिछले साल दिसंबर में कर्ज चुकाने के लिए 240 मिलियन से ज्यादा अमेरिकी डॉलर खर्च किए. देश की आर्थिक स्थिति ने पीएमएलएन सरकार के सामने बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है. विदेशी ऋण चुकाना उसे सबसे ज्यादा परेशान कर रहा है. पीएमएलएन के सामने डिफॉल्टर होने का भी गंभीर खतरा है.

आईएमएफ से बातचीत का दौर जारी
बताया जा रहा है कि सरकार आईएमएफ के साथ बातचीत कर रही है. वह चाहती है कि आईएमएफ अगली किश्त जारी करे. लेकिन, फिलहाल दोनों के बीच कोई बात नहीं बन रही. पाकिस्तान के गिरते भंडार की वजह से अमेरिकी डॉलर के साथ-साथ कई अन्य मुद्राओं का अवमूल्यन कर दिया है. एसबीपी का विदेशी मुद्रा भंडार हाल ही में 16.6 अरब डॉलर था, जो 11 अरब डॉलर घटकर 5.6 अरब डॉलर रह गया. दूसरी ओर, पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार को उम्मीद है कि उनके मित्र देश आर्थिक मदद जरूर करेंगे. वे स्थिति को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन डॉन के अनुसार, अभी तक इस मामले में पाकिस्तान को कोई सफलता नहीं मिली है.

Friday, January 6, 2023

अफगानिस्तान में पाकिस्तानी सेना का एयरस्ट्राइक, तालिबान के ठिकानों को बनाया निशाना


Pakistani army airstrike in Afghanistan, targeted Taliban bases

पाकिस्तानी वायुसेना ने गुरुवार को अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर हवाई हमले किए। अफगानिस्तान के एक अखबार ने एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है।

अखबार के मुताबिक ये हवाई हमले टीटीपी का गढ़ माने जाने वाले नांगरहार प्रांत के सलाला गुश्ता कस्बे में किए गए हैं. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि इस हवाई हमले में एक डेयरी में काम करने वाले चार नागरिकों की मौत हो गई है. इनमें एक बच्चा है। अभी तक इस हवाई हमले के बारे में पाकिस्तानी सेना या अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने कुछ नहीं कहा है।

रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया इनपुट्स में कहा गया है कि पाकिस्तान वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने एक दिन में दो बार अफगानिस्तान में हवाई हमले किए। पहला हमला गुरुवार तड़के और दूसरा सुबह करीब 11 बजे किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान कोई फायरिंग नहीं हुई, सिर्फ ऊंचाई से बमबारी की गई।

पाकिस्तान में टीटीपी के हमले बढ़ रहे हैं। अब राजधानी इस्लामाबाद भी उनके कब्जे में आ गया है। पिछले हफ्ते इस्लामाबाद में फिदायीन हमला हुआ था। इसमें एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 6 लोग घायल हो गए।

इसके बाद शाहबाज शरीफ ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई। मुलाकात के बाद गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा- पाकिस्तान अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. अगर अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने टीटीपी को नहीं रोका तो हम अफगानिस्तान में घुसकर इन आतंकियों को मार गिराएंगे। इसके बाद गुरुवार को एयर स्ट्राइक की खबर आई।

Thursday, January 5, 2023

कुशीनगर, यूपी: विध्वंस का सिलसिला जारी, 44 मुस्लिम परिवारों को घर खाली करने को कहा गया


राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में नूतन हरदो गांव के 47 परिवारों को यह दावा करते हुए नोटिस भेजा है कि निवासियों के घर अतिक्रमण की गई भूमि पर बने हैं, जिनमें से 44 मुस्लिम हैं।

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के नूतन हरदो गांव में कम से कम 44 मुस्लिम परिवारों को उनके घर खाली करने के लिए कहा गया है। प्रशासन का दावा है कि घर "अतिक्रमित भूमि" पर बनाए गए हैं। यह पूरे भारत में भाजपा शासित सरकारों द्वारा शुरू की गई विध्वंस की एक श्रृंखला है।

दो हलकों ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कुशीनगर की पडरौना तहसील के नूतन हरदो गांव के 47 परिवारों को बेदखली का नोटिस भेजा है, जिनमें से 44 मुस्लिम हैं। इस बीच, स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि 25 दिसंबर को, लेखपाल (राजस्व अधिकारी) उनके गांव आए और नोटिस देने के दौरान भी ग्रामीणों के कुछ घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की, जो एक घोर अवैध कार्य था।

नूतन हरदो गांव की 60 वर्षीय सईदा बानो ने TwoCircles.net को बताया कि उनका परिवार पीढ़ियों से गांव में रह रहा है और फिर भी उन्हें बेदखली का नोटिस दिया गया। यह पूछे जाने पर कि उन्हें बेदखली का नोटिस क्यों दिया गया है, सईदा ने कहा, "हम मुसलमान हैं और इसलिए हमें यह निष्कासन नोटिस दिया गया है।"

पूरे उत्तर भारत की तरह उत्तर प्रदेश में भी इस सप्ताह 8-18 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। सईदा ने कहा कि कई अन्य लोगों को भी बेदखली का नोटिस दिया गया है, जिनमें वृद्ध लोग भी शामिल हैं। ''इतनी ठंड में कहां जाएंगे? हमारे पास कोई और जगह नहीं है,” उन्होंने कहा।

अपना नाम न छापने का अनुरोध करने वाली एक अन्य महिला ने मीडिया को बताया कि उन्हें छह दिनों में अपना घर खाली करने या परिणाम भुगतने के लिए कहा गया है। सामान्यत: ऐसे मामलों में कम से कम एक माह से तीन माह तक का समय अनिवार्य रूप से दिया जाता है।

राज्य प्रशासन द्वारा की जा रही अराजकता में अन्य ग्रामीणों की संलिप्तता गहरी चिंता का कारण है। उन्होंने कहा, “पुलिस के साथ कुछ ग्रामीणों ने हमारे घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की और उन्हें लूट भी लिया। पुलिस हिंदुओं के कब्जे वाली निकटतम बस्ती में नहीं गई और न ही उनके घरों को तोड़ा गया और न ही उनकी दुकानों को लूटा गया।

अपने नोटिस में प्रशासन का दावा है कि जिन लोगों को शिफ्ट करने के लिए कहा गया है, वे "अतिक्रमित भूमि" पर रह रहे हैं। यह एक विवादास्पद बिंदु है कि क्या राज्य/सरकार को व्यक्तियों को बेघर करने से पहले ऐसे दावों का पर्याप्त प्रमाण या समय प्रदान करने की आवश्यकता है।

न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में सभी अतिक्रमणकारियों को सूचित किया जाता है कि वे अपने-अपने घरों में रखी सामग्री को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करें। अनुपालन न करने की स्थिति में, आप अनुवर्ती कार्रवाई के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। आदेशानुसार: तहसीलदार पडरौना, “नोटिस में कहा गया है।

Tuesday, January 3, 2023

तालिबान गा रहा भारतीय सेना की शौर्य गाथा, 1971 युद्ध की तस्वीर शेयर कर पाकिस्तान को दी बड़ी धमकी; कहा- हम पर हमला किया तो...


Taliban on Pakistan: तालिबान गा रहा भारतीय सेना की शौर्य गाथा, 1971 युद्ध की तस्वीर शेयर कर पाकिस्तान को दी बड़ी धमकी; कहा- हम पर हमला किया तो...

पाकिस्तान ने बड़े अरमानों के साथ तालिबान (Taliban) को पाला था. उसे उम्मीद थी कि अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के बाद तालिबान उसके पिट्ठू के रूप में काम करेगा. लेकिन अब वही तालिबान उसे औकात बताने में लगा है. पाकिस्तानी नेताओं की ओर से TTP आतंकियों के सफाये के लिए अफगानिस्तान में घुसकर हमला करने के बयानों पर तालिबान ने पलटवार किया है. तालिबान ने भारतीय सेना की एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर कर कहा है कि जैसे भारत ने वर्ष 1971 में पाकिस्तान को पीटकर इतिहास बनाया था, वैसा ही इतिहास अफगानिस्तान पर हमला करने पर फिर दोहरा दिया जाएगा.  

तालिबान ने यूं छिड़का पाकिस्तान के जख्मों पर नमक

तालिबान (Taliban) के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर अहमद यासिर ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर किया है. इस फोटो में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के कमांडर रहे जनरल नियाजी भारतीय सेना के जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के आगे सरेंडर पेपर पर साइन कर रहे हैं. उनके पीछे भारतीय वायु सेना और नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी खड़े हुए हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह पहली लड़ाई थी, जब 93 हजार सैनिकों ने एक साथ हथियार डाल दिए थे. भारतीय सेना ने अपने दिल्ली आर्मी हेडक्वार्टर में यह तस्वीर लगाई हुई है, जहां पर आर्मी चीफ दूसरे देशों से आने वाले सेना प्रमुखों से मुलाकात करते हैं. पाकिस्तानी सेना को आज भी यह हार बहुत सालती है और उसके अधिकारी इस पर कोई जवाब नहीं दे पाते. 

'दोबारा सरेंडर एग्रीमेंट के लिए होना पड़ेगा तैयार'

अहमद यासिर ने इस तस्वीर के साथ कैप्शन लिखकर पाकिस्तान को धमकी भी दी. यासिर ने लिखा, 'पाकिस्तान के गृह मंत्री, बहुत बढ़िया सर. अफगानिस्तान (Afghanistan) न तो सीरिया है और न ही पाकिस्तान कोई तुर्की है, जो सीरिया में घुसकर जब चाहे कुर्दों के ऊपर मिलिट्री अटैक कर दें. अफगानिस्तान खुद पर गर्व करने वाले कई बड़े साम्राज्यों का कब्रिस्तान रहा है. अफगानिस्तान के ऊपर हमला करने की न सोचें वरना जिस तरह भारत के साथ सरेंडर एग्रीमेंट पर साइन किए थे, उस तरह का एग्रीमेंट फिर करने को मजबूर होना पड़ेगा.' 

'अफगानिस्तान में कोई टीटीपी आतंकी नहीं'

इस तस्वीर के जरिए पाकिस्तान की दुखती रग को दबाने के साथ ही तालिबान (Taliban) ने उसे सोमवार को दूसरा झटका भी दिया. तालिबान ने कहा कि अफगानिस्तान में TTP के कोई ठिकाने नहीं है. पाकिस्तान के जो भी नेता इन कथित ठिकानों को नष्ट करने के नाम पर अफगानिस्तान (Afghanistan) पर हमला करने की धमकी दे रहे हैं, वह गलत और भड़काऊ है और तालिबान इस स्थिति को हर्गिज सहन नहीं करेगा. 

'अफगानिस्तान में हमले कर सकता है पाकिस्तान'

बताते चलें कि पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह खान ने हाल में एक इंटरव्यू में कहा था कि तालिबान को बड़ी धमकी दी थी. सनाउल्ला खान कहा था कि तालिबान ने TTP से लड़ने में पाकिस्तान की मदद नहीं की तो वह अफगानिस्तान (Afghanistan) में घुसकर टीटीपी को निशाना बना सकता है.पाकिस्तानी मंत्री के इस बयान पर तालिबान ने सोमवार को कड़ा ऐतराज दर्ज करवाया. तालिबान ने कहा कि टीटीपी को अफगानिस्तान नहीं बल्कि पाकिस्तान में शरण मिली हुई है. फिर भी अगर पाकिस्तान उनके देश पर पर हमले का फैसला करता है तो इससे दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों को नुकसान पहुंच सकता है. 

किसी भी दुस्साहस का देंगे करारा जवाब

तालिबान (Taliban) के अंतरिम रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब ने भी कहा कि पाकिस्तान की ओर से इस तरह के बयान पहले भी दिए गए हैं, जिन्होंने अतीत में भी दोनों देशों के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचाया है. मुल्ला याकूब ने पाकिस्तान नेताओं से कहा कि वह जंग के बजाय आपसी बातचीत के जरिए मामलों को हल करने की कोशिश करे. तालिबानी नेता ने कहा कि अपने देश की रक्षा और आजादी के लिए वे तैयार हैं. अगर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में कोई दुस्साहस का प्रयास किया गया तो उस हमले का पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा. 

Monday, January 2, 2023

4 फीट के एलियन पायलट ने की थी अमेरिका को तबाह करने की कोशिश, अब 78 साल बाद बिडेन लेंगे बदला!


अमेरिका के सेंटियागो में 1945 में हुआ था धमाका, तब से दावे किए जा रहे क‍ि एल‍ियन के यूएफओ में वह विस्‍फोट हुआ था (Photo-Canva)

अमेरिका के सेंटियागो में 1945 में हुआ था धमाका, तब से दावे किए जा रहे क‍ि एल‍ियन के यूएफओ में वह विस्‍फोट हुआ था.

वर्षों से दावे किए जा रहे हैं क‍ि एल‍ियंस (Aliens) धरती की ओर देख रहे हैं, उनके लगातार आने की खबरें भी सामने आती रही हैं. अमेरिका में पिछले कुछ सालों से एलियंस के विमान यानी यूएफओ (UFO) को कई बार देखने का दावा किया जा चुका है. वैज्ञानिकों का कहना है क‍ि एलियंस कभी न कभी धरती पर संपर्क जरूर करेंगे. पर अमेरिकी वैज्ञानिक बार बार इस दावे को खारिज करते रहे हैं. हालांकि, बीते दिनों इस तरह की कई घटनाओं के बाद अब उन्‍हें तलाशने की कोश‍िश शुरू हुई है.

पेंटागन कर रहा रिसर्च
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन एलियंस और उड़नतश्तरियों को ढूंढने के लिए पिछले करीब दो साल से रिसर्च कर रहा है. अमेरिकी संसद ने इसी हफ्ते अपना सालाना रक्षा नीति अधिनियम पारित किया है. इसमें एलियंस को खोजने के लिए खास बजट देने की बात कही गई है. राष्ट्रपति जो बिडेन ने इस पर दस्तखत भी कर दिए हैं. 1945 से अब तक यूएफओ नजर आने की तमाम घटनाओं की तह में जाने की बात कही गई है.

क्‍या हुआ था तब, जानें आंखों देखी
खगोलविद जैक्स वाली (Astronomer Jacques Vallée) उसका घटना का जिक्र करते हुए कहते हैं क‍ि यह फैसला सैन एंटोनियो, टेक्सास में दुर्घटनाग्रस्त यूएफओ की जांच में मदद करेगा (avocado-shaped craft crashed in San Antonio). उन्‍होंने इस पर एक क‍िताब भी लिखी है जिसमें घटना के तीन प्रमुख गवाहों – एक बी-52 बमवर्षक पायलट, एक रैंचर का बेटा, जिसकी जमीन पर यह दुर्घटना हुई थी और उसके दोस्त के बयान को आधार बनाया गया है . यह लोग घटना को प्रत्‍यक्ष तौर पर देखने वाले लोग थे. पायलट ने अपने परिवार को बताया था क‍ि उसे पड़ोसी एयरबेस आलमोगोर्डो पर उतरने के लिए कहा गया था. नियंत्रकों ने एक संचार टावर को देखने का निर्देश दिया पर सिग्‍नल अचानक गायब हो गया. कुछ दूरी पर उसने एक बड़े आकार की एक वस्‍तु देखी जो बिल्‍कुल सामने थी और फ‍िर धमाका हो गया.

धमाके बाद अजीब जीव दिखे और फ‍िर गायब हो गए
पूर्व अमेरिकी मरीन (US Marine) रेमे बाका ने बताया, हमने काफी तेज धमाके वाली आवाज सुनी और लगा जमीन हिल गई. थोडी देर बाद हमने देखा कि धुआं उठ रहा है. जोस पाडिला, जो अब 86 वर्ष के हैं, उन्‍होंने बताया क‍ि अजीब दिखने वाले जीव अंदर घूम रहे थे (Strange-looking creatures were moving around inside).वे तेजी से चले गए जैसे कि वे एक पल में खुद को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में सक्षम हों. जोस का दावा है कि बाद में उन्होंने दूरबीन के माध्यम से देखा क्योंकि सेना बाद में 25 x 14 फीट के इस स्‍ट्रक्‍चर को एक ट्रक पर लादकर ले गई और उसे तिरपाल से ढंक दिया गया था.

अमेरिका पर लगा सच छुपाने का आरोप
एलियंस की तलाश करने वालों ने अमेरिका पर यूएफओ से संबंधित उस घटना को छिपाने का आरोप लगाया है, जो साल 1945 में हुई थी. यानी रोजवेल यूएफओ क्रैश (roswell ufo crash) से ठीक दो साल पहले इस यूएफओ का आकार एवाकाडो जैसा बताया जा रहा है. ऐसा दावा है कि ये हादसा न्यू मैक्सिको में तूफान के दौरान हुआ था, जिससे जुड़े सबूत भी मौजूद थे, लेकिन सेना ने सबकुछ छिपा दिया.

हार मानने को तैयार नहीं यूक्रेन! एयर स्ट्राइक में 400 रूसी सैनिक मारने का किया बड़ा दावा


हार मानने को तैयार नहीं यूक्रेन! एयर स्ट्राइक में 400 रूसी सैनिक मारने का किया बड़ा दावा

यूक्रेन और रूस के बीच करीब 10 महीने से ज्यादा से जले आ रहे युद्ध ने अब और भी हिंसक रूप ले लिया है. नए साल से ठीक पहले रूस ने यूक्रेन पर अब तक सबसे बड़ा मिसाइल और ड्रोन अटैक हुआ था. वहीं इसी बीच नए साल के दूसरे दिन यूक्रेन ने बड़ा दावा किया है. यूक्रेन ने कहा है कि उसने डोनेट्स्क रीजन में मकीवका इलाके में बड़ा मिसाइल अटैक किया है. यहां पर रूसी सैनिकों के तैनात होने की पुख्ता खबर थी. यूक्रेन ने दावा किया है कि इस दौरान उसने करीब 400 रूसी सैनिकों को मार गिराया है. वहीं रूस ने भी सैनिकों के मारे जाने की बात कही है लेकिन उनका कहना है कि सैनिकों की संख्या 400 के आस-पास भी नहीं है.

कीव में रविवार रात को एयर स्ट्राइक के सायरन सुनाई दिए. जिसमें रूस की ओर से लगातार मिसाइल अटैक हो रहा है. डोनेट्स्क के कब्जे वाले हिस्सों में रूस समर्थित एक वरिष्ठ अधिकारी डेनिल बेजसोनोव ने कहा कि मिसाइल ने नए साल के दिन आधी रात के दो मिनट बाद मकीवका को निशाना बनाया. मिसाइल ने एक बिल्डिंग को निशाना बनाया था जिसमें रूसी सैनिकों के होने की खबर मिली थी. बेजसोनोव ने बताया कि कई रूसी सैनिक मरे हैं वहीं कई घायल हैं जिनका इलाज किया जा रहा है. फिलहाल नंबर सामने नहीं आए हैं.

300 से ज्यादा घायल

यूक्रेन की सेना ने दावा किया है कि इस हमले में 400 रूसी सैनिक मारे गए हैं वहीं 300 से ज्यादा घायल हो गए हैं. इस हमले के बाद रूस की ओर से ताबड़तोड़ कई मिसाइल यूक्रेन पर दागी गईं. कीव में इंफ्रस्ट्रक्चर को निशाना बनाते हुए एक के बाद एक कई मिसाइलों के हमले के विस्फोट सुनाई दिए हैं. यह जानकारी एक रूसी अधिकारी ने दी है. कीव में एक युवक रूसी ड्रोन के टुकड़े से जख्मी हो गया.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देश को नए साल पर संबोधित करते हुए जीत की शुभकामना दी थी. वहीं उन्होंने देश को आश्वासन दिया था कि 2023 में देश ‘सामान्य स्थिति में वासपी’ करेगा. रूसी टीवी पर एक नए साल के संबोधन में, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए लड़ेगा.


G20 अध्यक्षता पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बड़ा बयान, कहा – ‘ हम निष्पक्षता और न्याय की आवाज बनना चाहते हैं ‘


Jaishankar's big statement on G20

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने G20 अध्यक्षता पर बात करते हुए कहा कि ‘ G20 अध्यक्षता का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लाभ के लिए करना होगा , हम निष्पक्षता और न्याय की आवाज बनेंगे ।’ उन्होंने आगे कहा कि हम उन समाजों और देशों की आवाज के रूप में उभरना चाहते हैं जिनके पास ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा से संबंधित मामलों पर बोलने के लिए कोई व्यक्ति नहीं है।

जानकारी के लिए बता दें , G20 की मीटिंग देश के जिन शहरों में होगी, उन सभी शहरों को मौका मिलेगा की वो अपने यहां कि सांस्कृतिक परंपरा को दुनिया के सामने देखा सकें। इसके साथ ही उनको अपने हैंडीकैप प्रोडक्ट ग्लोबल ब्रांड बनाने का मौका भी दिया जाएगा । इन सब से अलावा इन शहरों को टूरिजम को भी बढ़ावा भी दिया जाएगा । क्योंकि भारत का टूजिज्म और हैंडीकैप प्रोडक्ट्स में दुनिया के 2 प्रतिशत शेयर पर कब्जा कर रखा है।

G20 अध्यक्षता पर बोले विदेश मंत्री

बता दें , विदेश मंत्री एस जयशंकर ने G20 अध्यक्षता पर बयान देते हुए कहा, हमे G20 अध्यक्षता का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए करना चाहिए , हमे निष्पक्षता और न्याय की आवाज बनने के लिए कदमन उठाना पड़ेगा । हम उन समाजों और देशों की आवाज के रूप में उभरना चाहते हैं जिनके पास ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा से संबंधित मामलों पर बोलने के लिए कोई व्यक्ति या उम्मीद नहीं है।जानकारी के लिए बता दें , G 20 का आयोजन देश के 56 शहरों में किया जाना है , जिसको पहले ही चिन्हित कर लिया गया था । हमें अवसर मिला है कि हम इन शहरों को ट्रांसफॉर्म कर पाए । इन सभी शहरों में बड़ा बदलाव लाने की उम्मीद है।

ग्राम प्रधान भी पकड़ेंगे आवारा पशु, 15 दिनों के लिए यूपी सरकार चलाएगी विशेष अभियान


ग्राम प्रधान भी पकड़ेंगे आवारा पशु, 15 दिनों के लिए यूपी सरकार चलाएगी विशेष अभियान

उत्तर प्रदेश: योगी सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है. योगी सरकार ने विशेष अभियान चलाकर बेसहारा पशुओं को पकड़ने का ऐलान किया है. बताया गया कि फसल बर्बाद कर रहे बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए 5 जनवरी से 20 जनवरी तक विशेष अभियान चलाया जाएगा. 15 दिन के अंतर्गत पकड़े गए सभी बेसहारा पशुओं को आश्रय स्‍थल भेजा जाएगा. 

5 जनवरी से चलाया जाएगा अभियान 
शनिवार को बरेली पहुंचे प्रदेश सरकार के पशुधन एवं दुग्‍ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने अभियान को लेकर डीएम, एसएसपी व संबंधित विभागों के जिम्‍मेदार अधिकारियों के साथ बैठक की. कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि 5 जनवरी से 20 जनवरी तक प्रदेशभर में बेसहारा पशुओं को पशु आश्रय स्‍थल पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाएगा. 

ग्राम प्रधानों की ली जाएगी मदद 
मंत्री ने कहा कि सर्द रातों में रात-रात भर जागकर किसानों को आवारा पशुओं से फसलों की रखवाली करनी पड़ती है. किसानों की इस समस्‍या को देखते हुए सरकार ने यह ऐलान किया है. मंत्री ने कहा कि आश्रय स्‍थलों पर जानवरों के लिए सभी उचित प्रबंध किए जाएंगे. मंत्री ने कहा कि अभियान में ग्राम प्रधानों की सहायता ली जाएगी. जिला तहसील एवं ब्लाक स्तर पर टीम का गठन होगा जो पशुओं के आश्रय के साथ ही चिकित्सा व्यवस्था भी करेगी

सपा, कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना 
बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए कैबिनेट मंत्री ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा. नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर बोलते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भाजपा दलितों और पिछड़ों की हितैषी है. ओबीसी आरक्षण के बाद ही प्रदेश में निकाय चुनाव कराए जाएंगे. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर भी कैबिनेट मंत्री ने निशाना साधा. कहा कि कांग्रेस, सपा, बसपा इनके एजेंडे राजनैतिक हैं. जनता से इन्‍हें कोई मतलब नहीं है, कहा कि राहुल गांधी पहले कांग्रेस जोड़ें इसके बाद भारत जोड़ने में लगें.