उत्तर प्रदेश के चित्रकूट कारागार में नियमों की अनदेखी कर माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी से मिलाई करने, गवाहों को धमकी देने और रंगदारी की वसूली की षड्यंत्र में शामिल होने, कारागार में सुविधाएं मौजूद कराने और इसके लिए कारागार के ऑफिसरों तथा कर्मचारियों को उपहार पैसा और प्रलोभन देने के मुद्दे में कारागार में बंद मुख्तार अंसारी की बहू और अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो की जमानत याचिका को उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है।
बता दें कि, बीते 10 फरवरी को जिलाधिकारी (डीएम) अभिषेक आनंद और पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने मुखबिर की सूचना पर कारागार में छापा मारकर कारागार में बंद विधायक अब्बास अंसारी और निखत अंसारी को अनाधिकृत रूप से मिलन कान का पर्दाफाश किया था, जिसके बाद पुलिस ने विधायक अब्बास अंसारी और निखत अंसारी सहित 8 लोगों के विरूद्ध गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर मुख्तार अंसारी की बहू निखत अंसारी और उसके ड्राइवर नियाज को अरैस्ट कर कारागार भेज दिया था।
इसके साथ ही जांच में निखत अंसारी की सहायता करने वाले समाजवादी पार्टी नेता फराज खान और कारागार कैंटीन ठेकेदार नवनीत सचान को सहायता करने के आरोप में पुलिस ने कारागार भेजा था वही घूस लेकर निखत अंसारी को विधायक अब्बास अंसारी को नियमों को ताक में रखकर मिलाने के मुद्दे में तत्कालीन कारागार अधीक्षक अशोक सागर, जेलर संतोष कुमार, डिप्टी जेलर चंद्रकला और कारागार वार्डन जगमोहन यादव को अरैस्ट कर पुलिस ने कारागार भेज दिया था। इस मुद्दे में कुल 9 लोगों को पुलिस ने अरैस्ट कर कारागार भेज चुकी है। जिसके बाद चित्रकूट पुलिस ने 11 अप्रैल को मुद्दे में आरोपी विधायक अब्बास अंसारी, निखत बानो, ड्राइवर नियाज अंसारी, कारागार कैंटीन संचालक नवनीत सचान और फराज खान के विरूद्ध पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी। जिसके बाद अब मुख्तार अंसारी की बहू निखत अंसारी की जमानत याचिका हाई कोर्ट में डाली गई थी जिस पर हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच की एकल पीठ के न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने निखत बानो पर लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दिया है। अभी मुख्तार अंसारी की बहू निखत अंसारी चित्रकूट की कारागार में बंद है।