Wednesday, September 23, 2020

नरम पड़े ड्रैगन के सुर, संयुक्त राष्ट्र में शी जिनपिंग बोले- युद्ध लड़ने का कोई इरादा नहीं


Xi Jinping at UNGA says China has no intention to fight a war, hot or cold

संयुक्त राष्ट्र: भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में विवादों में उलझा हुआ चीन अब विवादों को बातचीत के जरिये हल करने के रास्ते तलाश रहा है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बड़ा बयान दिया है. जिनपिंग ने साफ कहा है कि उनका युद्ध लड़ने का इरादा नहीं है. इससे पहले भारत और चीन के बीच हुई बातचीत में भी और सैनिक ना भेजने की सहमति बनी है.

जिनपिंग ने कहा, ''दुनिया को सभ्यताओं की लड़ाई में नहीं फंसना चाहिए. बड़े देशों को बड़े देशों जैसे ही काम करने चाहिए.’’ शी की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कोरोना वायरस महामारी के लिए चीन की जवाबदेही तय करने की मांग करने के बाद आयी है.

पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को दिखाया आईना
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 मिनट के वीडियो संदेश में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को आईना दिखाते हुए कहा कि यह विश्वसनीयता के संकट से जूझ रहा है और उन्होंने इस पर गौर करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "हम व्यापक सुधारों के बिना पुराने ढांचे के साथ आज की चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर सकते. संयुक्त राष्ट्र विश्वसनीयता के संकट का सामना कर रहा है."

मोदी ने कहा, "आज की परस्पर संबद्ध दुनिया के लिए, हमें एक दुरुस्त बहुपक्षवाद की जरूरत है जो आज की वास्तविकताओं को दर्शाए, सभी हितधारकों को आवाज दे, समकालीन चुनौतियों का सामना करे और मानव कल्याण पर ध्यान केंद्रित करे."

संयुक्त राष्ट्र को जानिए
193 सदस्‍यों वाले संयुक्‍त राष्‍ट्र के लिए सबसे बड़ा आयोजन होता है महासभा, जहां दुनिया के सारे बड़े नेता जुटते हैं. कोरोना काल में इस बार नेताओं के रिकॉडेड भाषण हो रहे हैं. इस मौके पर दुनिया के कई देशों ने अमेरिका और चीन के तनाव पर चिंता जताई. संयुक्त राष्ट्र ने इस साल जून में अपनी 75 वीं वर्षगांठ को कोरोनावायरस के मद्देनजर भव्य पैमाने पर नहीं मनाया.

Friday, September 18, 2020

China on Galwan Clash: आखिरकार 94 दिन बाद गलवान का सच मानने को मजबूर हुआ चीन


नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच पिछले कई महीनों से तनाव चल रहा है। जून मध्य के दौरान गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन को भी काफी नुकसान उठान पड़ा था और कहा जाता है कि उसके 35 से अधिक सैनिक इस दौरान मारे गए। भारत ने जहां अपने शहीद सैनिकों का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया वहीं चीन ने तो पूरी दुनिया से ही नहीं बल्कि अपने मारे गए सैनिकों के परिजनों तक को जानकारी नहीं दी और गुप्त तरीके से मारे गए सैनिकों का अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन झूठ ज्यादा दिन तक नहीं चलता है और अब चीन ने स्वीकार किया है कि उसके भी सैनिक इस हिंसा में मारे गए थे लेकिन उनकी संख्या भारत से कम थी।

Chinese govt mouthpiece global times admits damage in Galwan valley clash
आखिरकार 94 दिन बाद गलवान का सच मानने को मजबूर हुआ चीन

राजनाथ के बयान का किया जिक्र
चीन सरकार के मुखपत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स के मुख्य संपादक ने माना है कि इस हिंसा में चीन को भी नुकसान पहुंचा था और उसके सैनिकों की भी जान गई थी। हालांकि उन्होंने इसे बड़ी सफाई से माना और कहा कि 15 जून को गलवान में मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या भारत से कम थी और किसी भी चीनी सैनिक को भारत ने बंधक नहीं बनाया था जबकि पीएलए के सैनिकों ने कई भारतीय सैनिकों को बंदी बना लिया था। ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने राजनाथ के उस बयान को ट्वीट किया जिसमें उन्होंने संसद में बयान दिया था कि चीन को भी गलवान में भारी नुकसान हुआ था। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि कितने चीनी सैनिक मारे गए थे। ग्लोबल टाइम्स चीन का सरकारी अखबार है।

क्या कहा था राजनाथ सिंह ने 

गुरुवार को राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में बयान देते हुए कहा था, 'एलएसी के ऊपर टकराव बढ़ता हुआ देख कर दोनों तरफ के सैन्य कमांडरों ने 6 जून 2020 को बैठक की, तथा इस बात पर सहमति बनी कि पारस्परिक तौर तरीकों के द्वारा फौजों की वापसीकी जाए। दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि वास्तविक नियंत्रण रेखाको माना जाएगा तथा कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की जाएगी जिससे यथास्थिति में परिवर्तन हो । किन्तु इस सहमति के उल्लंघन में चीन द्वारा एक हिंसक टकराव की स्थिति 15 जून को गलवान में की गई। हमारे बहादुर सैनिकों ने अपनी जान का बलिदान दिया पर साथ ही चीनी पक्ष को भी भारी क्षति पहुँचाई और अपनी सीमा की सुरक्षा में सफल रहे।'

हाथ-पैर में सूजन किडनी में खराबी की ओर करता है इशारा, जानिये दूसरे लक्षण और बचाव के कारगर उपाय


Tips for Healthy Kidney: फिट रहने और अपनी किडनी को हेल्दी रखने के लिए लोगों को चाय और कॉफी की जगह पानी पीना चाहिए। मौसम के अनुरूप रोजाना 2.5 से 3 लीटर पानी पिएं

Kidney Disease Symptoms: किडनी हमारे शरीर का एक अहम अंग है। यह हमारे रक्त में मौजूद व्यर्थ पदार्थों को अलग करने का काम करती है। इसके अलावा कई काम जैसे, हार्मोन्स का स्राव, मिनरल्स का अवशोषण, यूरिन बनाना, एसिड का संतुलन बनाए रखना आदि किडनी के कार्य होते हैं। बदलते लाइफस्टाइल के कारण किडनी रोग से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इसलिए समय रहते किडनी के संक्रमण की पहचान कर इसका इलाज कराना बेहद जरूरी है। ख़तरनाक बात यह है कि किडनी के बीमारी के लक्षण जल्दी नहीं दिखते। जब किडनी 60 से 65 प्रतिशत डैमेज हो चुकी होती है तब व्यक्ति को इसका पता चलता है।

यही कारण इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। ऐसे में यह जान लेना बेहद जरूरी है कि किडनी में संक्रमण के लक्षण क्या है और कैसे इसे रोका जा सकता है।

ये हैं किडनी खराब होने के लक्षण: किडनी खराब होने के कारण शरीर से अतिरिक्त पानी और नमक नहीं निकल पाता, जिससे पांव, हाथ और चेहरे में सूजन आने लगता है। किडनी से एथ्रोप्रोटीन नामक प्रोटीन निकलता है जो लाल रक्त कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। खराब होती किडनी इसका उत्पादन नहीं कर पाती जिससे हम जल्द थक जाते हैं और कमजोरी होने लगती है।

पेशाब के वक़्त दर्द और जलन भी किडनी में इंफेक्शन के लक्षण होते हैं। बार – बार यूरिन आने का अहसास होना मगर न होना, बुखार और पीठ दर्द भी किडनी खराब होने के लक्षणों में शामिल है। यूरिन का रंग बदल जाना, उसका सामान्य से पीला अथवा गाढ़ा हो जाना किडनी में खराबी के लक्षण हैं। भूख न लगना किडनी की खराबी की तरफ़ इशारा करता है। साथ ही हाजमा खराब रहना और वजन अचानक बढ़ जाना जैसे लक्षण दिखे तो तुरन्त सावधान हो जाना चाहिए और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

किडनी को खराब होने से बचाने के उपाय: जीवनशैली और डाइट में सुधार कर हम किडनी की समस्याओं को कुछ हद तक रोक सकते हैं। किडनी सही रूप से काम करे, इसके लिए नियमित रूप से पर्याप्त पानी पिएं। रोज़ कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पिएं। मैदा, नमक और चीनी कम खाएं इससे शरीर को पानी का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। मैदा गरिष्ठ होता है, जिसे पचाने में वक़्त लगता है। इसके बजाय आप आसानी से पचने वाले भोजन का सेवन करें।

गहरे रंग की सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें। इनमें मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में होता है और मैग्नीशियम हमारे किडनी को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है। किडनी को साफ बनाए रखने के लिए नियमित ग्रीन टी का सेवन करें। हर रोज़ दो से तीन कप ग्रीन टी शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।

दर्द निवारक दवाएं डॉक्टर की सलाह से ही लें। बिना डॉक्टर के सलाह के अधिक दर्द निवारक दवाओं का सेवन हमारे किडनी को नुक्सान पहुंचाता है। इसके अलावा अपने किडनी को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अपना वजन नियंत्रित रखें, धूम्रपान और शराब से दूर रहें, डायबिटीज को कंट्रोल रखें और समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें।

Wednesday, September 16, 2020

Coronavirus : यूपी में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है, 4400 से ज्यादा की मौत


coronavirus covid latest in india kmbsntदेशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर लगातार जारी है। भारत (India) में कोरोना से 49,26,914 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 80,808 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालांकि राहत की बात ये है कि 38,56,246 इस वायरस को मात देकर ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना को मात देकर ठीक होने वालों की संख्या सक्रिय मामलों की संख्या से अधिक है। सक्रिय मामलों (Active Cases) की कुल संख्या 9,89,170 है।

  • उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3,17,195 पहुंच गई है। जिसमें से 67,287 सक्रिय केस, 2,45,417 रिकवर केस, 4,491 मौत हुई है। 

  • महाराष्ट्र पुलिस में कोरोना के 371 नए केस, 24 घंटों में 8 की मौत हो गई, पुलिस बल में संक्रमण की कुल संख्या 19,756 हो गई, जिसमें 3,724 सक्रिय मामले, 15,830 रिकवर मामले और 202 मौतें शामिल हैं। महारास्ट्र पुलिस
  • ओडिशा में कोरोना के 3,645 केस, 3,382 रिकवरी और 8 मौत, कुल मामलों की संख्या 1,58,650 पहुंची, जिसमें 1,22,024 रिकवरी, 645 मौतें और 35,928 सक्रिय मामले शामिल हैं: राज्य स्वास्थ्य विभाग
  • राजस्थान में 799 नए COVID19 मामले, 50 रिकवी और 7 मौतें आज हुईं। अब तक कुल सकारात्मक मामलों की संख्या 1,04,937 है, जिनमें 17,468 सक्रिय मामले, 86,212 रिकवरी और 1,257 मौतें शामिल हैं: राज्य स्वास्थ्य विभाग, राजस्थान सरकार
  • देश में 24 घंटे में कोरोना के 83,809 नए केस, 1054 मौत 
  • देशभर में संक्रमितों का आंकड़ा 49.26 लाख पार, 80 हजार से ज्यादा की मौत

महाराष्ट्र में संक्रमितों आंकड़ा 10 लाख 77 हजार पार
वहीं पूरे महाराष्ट्र राज्य की बात करें तो यहां पर कोरोना संक्रमितों की संख्या 10,77,374 है। इस समय यहां पर सक्रिय मामलों की संख्या 2,91,256 है। वहीं 7,55,850 लोग वायरस को मात देकर ठीक हो चुके हैं। यहां अब तक 29,894 लोग कोरोना की चपेट में आने के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।

मुंबई में अब तक 8,181 की मौत
मुंबई में संक्रमितों की संख्या पहुंच 1,72,010 गई है। यहां पर अब तक 8,181 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि रातह की बात ये है कि यहां पर 1,32,347 लोग कोरोना वायरस को मात देकर ठीक हो चुके हैं। मुंबई में इस वक्त सक्रिय मामलों की संख्या 31,123 है। 

दिल्ली में 1.88 लाख से ज्यादा लोग हुए ठीक
दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों में अब धीमी गति से इजाफा हो रहा है। यहां रविवार को 24 घंटों में कोरोना के 4235 नए मामले सामने आए हैं और एक दिन में 29 मरीजों की जान गई है। इसके साथ ही राजधानी में संक्रमण के कुल मामले 2 लाख 21 हजार 533 हो गए हैं। संक्रमण के कुल मामलों में सक्रिय मामलों की संख्या 28,691 है। वहीं 1,88,072 लोग कोरोना को मात देकर ठीक हो चुके हैं। यहां अब तक 4,770 लोगों की जान जा चुकी है। 

Tuesday, September 15, 2020

भारत-अमेरिका सबंधों की बानगी,भारतीय युद्धपोत अरब सागर में US नौसेना के टैंकर से ले रहे ईंधन


Indian warship fueled from US Navy tanker:भारतीय युद्धपोत आईएनएस तलवार ने उत्तरी अरब सागर में अमेरिकी नौसेना के टैंकर यूएसएनएस युकोन से ईंधन भरने का काम किया।

नयी दिल्ली: भारत के पड़ोसी देश चीन भारत के लिए अक्सर सीमा पर दिक्कतें पैदा करता रहता है वहीं भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबध और प्रगाढ़ हो रहे हैं इसकी एक बानगी उस वक्त देखने को मिली जब रक्षा करार के प्रावधान के तहत सोमवार को एक भारतीय जंगी जहाज आईएनएस तलवार ने उत्तरी अरब सागर में अमेरिकी नौसेना के टैंकर यूएसएनए यूकोन (USNS Yukon) से ईंधन (Fuel) भरा।

Indian warship INS Talwar fueled from US Navy tanker in Arabian Sea
भारतीय जंगी जहाज आईएनएस तलवार ने उत्तरी अरब सागर में अमेरिकी नौसेना के टैंकर यूएसएनए यूकोन से ईंधन भरा

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने कहा, 'उत्तरी अरब सागर में मिशन पर तैनात आईएनएस तलवार ने लेमोआ के तहत अमेरिकी नौसेना बेड़े के टैंकर यूएसएनए यूकोन से ईंधन लिया।'


2016 में भारत और अमेरिका ने साजो-सामान विनिमय सहमति ज्ञापन (LEMOA) पर हस्ताक्षर किया था, जिसके तहत दोनों सेनाएं एक दूसरे को मरम्मत और अन्य सेवा संबंधी जरूरतों के लिए एक दूसरे के अड्डे का उपयोग करेंगे। भारत फ्रांस, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया और जापान से ऐसा करार कर चुका है ।

भारत और अमेरिका ने LEMOA पर किए थे हस्ताक्षर

भारत और अमेरिका ने समुद्र क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं को मजबूत करने के लिए लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA) पर हस्ताक्षर किया था, ये समझौता 2016 में हुआ था इसके प्रावधानों के तहत भारत और अमेरिका की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य हवाई अड्डे और बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकते हैं।

वहीं इसी साल जुलाई में इंडियन नेवी ने यूएस नेवी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ अंडमान-निकोबार में सैन्य अभ्यास किया था। इसमें अमेरिका की तरफ से एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमिट्ज ने भी हिस्सा लिया था, इस सैन्य अभ्यास में इंडियन नेवी के 4 जंगी जहाजों ने भी हिस्सा लिया था।



नॉम चोम्स्की ने दी चेतावनी- कोरोना कुछ भी नहीं, ये दो बड़े संकट आने वाले हैं


Noam Chomsky on Coronavirus: अमेरिकी भाषाविद और राजनीतिक विश्लेषक नॉम चोम्स्की ने कहा है कि कोरोना महामारी (Covid-19) ने पूरी दुनिया के देशों में आपसी भाईचारे और संगठन की पोल खोल कर रख दी है. उन्होंने कहा कि कोरोना छोटा खतरा है आने वाले दिनों में परमाणु युद्ध और ग्लोबल वार्मिंग जैसे खतरे भी सामने हैं.

जानी खान पान संबधी भोजपुरी के कहावत सावन साग न भादों दही..
कोरोना से दो और बड़े खतरे आने वाले हैं: चोमस्की

वाशिंगटन. अमेरिकी भाषाविद और राजनीतिक विश्लेषक नॉम चोम्स्की (Noam Chomsky) ने दावा किया है कि कोरोना संक्रमण (Covid-19) एक महामारी जरूर है लेकिन ये उन दो संकटों से काफी छोटा है, जो आने वाले हैं. डीआईईएम-25 टीवी से बातचीत में चोम्स्की ने कहा कि कोरोनो वायरस काफी गंभीर है लेकिन परमाणु युद्ध (Nuclear war) और ग्लोबल वार्मिंग (Climate change) वो दो संकट हैं जो मानव सभ्यता के विनाश का कारण बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह के राजनीतिक और आर्थिक हालत हैं ये दोनों संकट अब दूर नज़र नहीं आ रहे हैं.

डीआईईएम-25 टीवी के लिए स्रेको होर्वाट से बातचीत में 91 वर्षीय नॉम चोम्स्की ने कहा कि यह सबसे चौंकाने वाली बात है कि कोरोना वायरस ट्रंप की सरकार के दौरान आया है और इसलिए अब ये और भी बड़ा खतरा नज़र आ रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस भयानक है और इसके भयंकर परिणाम हो सकते हैं, लेकिन हम इससे उबर जाएंगे. लेकिन अन्य दो खतरों से उबर पाना नामुमकिन होगा. इनसे सब कुछ तहस-नहस हो जाएगा. अमेरिका के पास बढ़ती जा रही असीम ताकत आने वाले विनाश की वजह बनेगी.


अमेरिका और अन्य अमीर देशों ने नहीं ली जिम्मेदारी

डाउन टू अर्थ पत्रिका में छपे इस इंटरव्यू में चोम्स्की कहते हैं कि सबसे बड़ी विडंबना देखिए कि क्यूबा, यूरोप की मदद कर रहा है. लेकिन उधर जर्मनी ग्रीस की मदद करने के लिए तैयार नहीं है. कोरोना वायरस संकट लोगों को यह सोचने के लिए मजबूर कर सकता है कि हम किस तरह की दुनिया चाहते हैं. यह लंबे समय से पता था कि सार्स महामारी कुछ बदलाव के साथ कोरोना वायरस के रूप में सामने आ सकती है. अमीर देश संभावित कोरोना वायरस के लिए टीका बनाने का काम कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. बड़ी दवा कंपनियों ने इस पर काम करने नहीं दिया और अब जब ये आ गया है तो मनमाने ढंग से इसकी दवा और वैक्सीन का कारोबार किया जाएगा. जब कोरोना का खतरा सिर पर था तो बड़ी दवा कंपनियों को नई बॉडी क्रीम बनाना अधिक लाभदायक लग रहा था.

चोम्स्की ने आगे कहा कि अक्टूबर 2019 में ही अमेरिका ने कोरोना जैसी संभावित महामारी की आशंका जताई थी लेकिन किसी ने ध्यान देना ज़रूरी नहीं समझा. पोलियो का खतरा सरकारी संस्थान द्वारा बनाए गए टीके से खत्म हो गया लेकिन इसका कोई पेटेंट नहीं था और मुनाफे के चक्कर में बड़ी दवा कंपनियों ने ये होने भी नहीं दिया. उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर को ही चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को निमोनिया के बारे में सूचित किया और एक हफ्ते बाद चीनी वैज्ञानिकों ने इसे कोरोना वायरस के रूप में पहचाना. फिर इसकी जानकारी दुनिया को दी गई. इस इलाके के देशों जैसे, चीन, दक्षिण कोरिया, ताइवान ने कुछ-कुछ काम करना शुरू कर दिया और ऐसा लगता है कि संकट को बहुत अधिक बढ़ने से रोक लिया.

जर्मनी ने भी सिर्फ अपने बारे में सोचा

चोम्स्की ने आरोप लगाया कि जर्मनी के पास एक विश्वसनीय अस्पताल प्रणाली है लेकिन उसने सिर्फ अपने हित के लिए इसका इस्तेमाल किया. सबसे खराब रवैया अमेरिका और ब्रिटेन का रहा जिन्होंने किसी देश की तरफ मदद का हाथ नहीं बढ़ाया. उन्होंने कहा कि यह मानव इतिहास का एक महत्वपूर्ण क्षण है. न केवल कोरोना वायरस की वजह से, जो दुनिया की खामियों के बारे में जागरूकता ला रहा है, बल्कि पूरे सामाजिक-आर्थिक प्रणाली की गहरी त्रुटियों के बारे में भी हमें इस वक्त पता चल रहा है. अगर हमें जीवन जीने लायक भविष्य चाहिए तो मौजूदा हालात को बदलना ही होगा. कोरोना संकट चेतावनी का संकेत हो सकता है और आज इससे निपटने या इसके विस्फोट को रोकने के लिए एक सबक हो सकता है.

हमें इसकी जड़ों के बारे में भी सोचना है, जो हमें आगे और अधिक बदतर हाल में ले जा सकते हैं. आज 2 बिलियन से अधिक लोग क्वारंटाइन हैं. सामाजिक अलगाव का एक रूप वर्षों से मौजूद है और बहुत ही हानिकारक है. आज हम वास्तविक सामाजिक अलगाव की स्थिति में हैं. किसी भी तरह, फिर से सामाजिक बंधनों के निर्माण के जरिए इससे बाहर निकलना होगा, जो जरूरतमंदों की मदद कर सके. इसके लिए उनसे संपर्क करना, संगठन का विकास, विस्तारित विश्लेषण जैसे कार्य करने होंगे. उन लोगों को कार्यशील और सक्रिय बनाने से पहले, भविष्य के लिए योजनाएं बनाना, लोगों को इंटरनेट युग में एक साथ लाना, उनके साथ शामिल होना, परामर्श करना, उन समस्याओं के जवाब जानने के लिए विचार-विमर्श करना, जिसका वे सामना करते हैं, और उन पर काम करना आवश्यक है.


Tuesday, September 1, 2020

कोरोना वायरस के लिए रामबाण है ये छोटी सी चीज, पिएंगे तो नहीं होंगे बीमार


इस कोरोना महामारी के दौर में पूरी दुनिया में भय का माहौल है। हर एक व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंता में है। तो वहीं इस बीच कई आयुर्वेद खाद्य पदार्थ हैं जो व्यक्ति के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होते है। ऐसे में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में गिलोय काफी असरदार होता है। आपको बता दें कि गिलोय स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का रामबाण ईलाज माना जाता ह। क्योंकि आयुर्वेद में गिलोय को अमृत के समान माना जाता है।

वहीं कोरोना वायरस से बचने के लिए आपके भीतर इम्युनिटी का होना जरूरी है जिसके लिए जरूरी है कि आप रोजाना एक निश्चित मात्रा में गिलोय का सेवन करें। इसका सेवन करने से बुखार, फ्लू, डेंगू, मलेरिया जैसी कई बड़ी समस्या, खून में खाराबी, लो ब्लड प्रेशर, दिल की समस्या, डायबिटीज और त्वचा से जुड़ी परेशानियों से राहत मिलती है। वहीं गिलोय व्यक्ति की भूख भी बढ़ाती है।

क्या हैं गिलोय के फायदे

  • गिलोय का सेवन वो लोग भी कर सकते हैं जिन्हें टाइप-2 डायबिटीज की समस्या है।
  • गिलोय के नियमित सेवन से रयूमेटाइड आर्थराइटिस में राहत मिलती है।
  • अगर आप बार-बार बीमार पड़ने से इम्यूनिटी कमजोर है। तो गिलोय आपकी कोशिकाओं के मेंटेन करती है और शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली फ्री रेडिकल्स से लड़कर इम्यूनिटी को बढ़ाती है।
  • गिलोय स्ट्रेस लेवल को भी कम करने में कारगर है।
  • ऐसे लोग जिन्हें Chronic Fever है उनके लिए गिलोय बेहद फायदेमंद होती है।
  • गिलोय ब्ल्ड प्लेटलेट्स को बढ़ाने और जानलेवा बीमारियों से लड़ने में मदद करती है।
  • गिलोय अस्थमा को भी ठीक करती है और अस्थमा के रोगियों को गिलोय की जड़ चबाने की सलाह दी जाती है।
  • अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने से जुड़ी परेशानी है तो गिलोय के सेवन से ठीक हो सकती है।

पाचन शक्ति सही करने में मददगार

वहीं कई अध्ययनों में ये भी पता चला है कि गिलोय का जूस हमारे पाचन संबंधी परेशानियों में काफी फायदेमंद साबित होता है। रोजाना तौर पर अगर आधा ग्राम गिलोय पाउडर को आंवले के साथ सेवन करें तो ये कब्ज जैसे समस्याओं को दूर कर देती है। गिलोय ऐसी चीज है जो इम्यूनिटी बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी है जिसके सेवन की सलाह डॉक्टर भी देते हैं लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के आप इसका सेवन न करें।

गिलोय का काढ़ा

अगर आप गिलोय का काढ़ा पीना चाहते हैं तो आप इसका स्वाद और भी बेहतर कर सकते हैं। जिसके लिए आपको दो इंच अदरक, 3-4 तुलसी के पत्ते, उंगली जितनी गिलोय लें, दो काली मिर्च और दो लॉन्ग। अब इन सभी चीजों को दो गिलास पानी में अदरक, तुलसी और गिलोयय को डालकर उबाल लें। जब पानी आधा हो जाए तो गैस बंद कर इसमें काली मिर्च और लॉन्ग मिलाकर पैन को ढक दें। इसके बाद  आप इस मिश्रण को 5 से 10 मिनट के बाद छानकर पी लें। ऐसा आपको रोजाना एक बार पीना है।

पैंगोंग में चीन की हरकत पर भड़का अमेरिका, बोला- भारत के साथ मिलकर ड्रैगन को धकेलेंगे पीछे


पैंगोंग में चीन की हरकत पर भड़का अमेरिका, बोला- भारत के साथ मिलकर ड्रैगन को धकेलेंगे पीछे

मीडियावाला.इन।

भारत चीन सीमा पर पैंगोंग की घटना के बाद अमेरिका ने कहा कि वो चीन की आक्रामक कार्रवाई और विस्तारवादी रवैया का विरोध करेगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका इसके लिए क्वाड्रिलेट्रल सिक्युरिटी डायलॉग की बैठक भी कर सकता है.

अमेरिका के डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट स्टीफन बिगन ने कहा कि चीन "हर मोर्चे पर अभी लड़ाई लड़ रहा है और अन्य देशों के क्षेत्र और क्षेत्रीय जल पर कब्जा जमाने के लिए हर तरह के गलत प्रयास कर रहा है. अमेरिका चीन के सभी मोर्चों पर पीछे धकेलने के लिए एक ठोस प्रयास कर रहा है."

हर क्षेत्र में चीन को पीछे धकेलने की रणनीति

उन्होंने कहा कि हमारी रणनीति लगभग हर क्षेत्र में चीन को पीछे धकेलने की है. हम इसे सुरक्षा क्षेत्र में कर रहे हैं. यह रणनीति संप्रभु क्षेत्र में चीन की विस्तारवादी नीति और उसके दावों के खिलाफ बनाई जा रही है. फिर चाहे वो भारत-चीन सीमा पर भारत की गलवान घाटी हो या दक्षिण प्रशांत क्षेत्र हो. साथ ही आर्थिक रूप से भी रणनीति बनाई जा रही है.

सोमवार को यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के एक शिखर सम्मेलन में भारत में अमेरिका के पूर्व दूत रिचर्ड वर्मा के साथ एक बातचीत के दौरान बिगन ने यह बात कही है.

ट्रंप प्रशासन का चीन की अर्थव्यवस्था पर ध्यान

भारत, हांगकांग और भारत-प्रशांत क्षेत्र में विवादित सीमा पर चीन की आक्रामक कार्रवाइयों के बारे में पूछे जाने पर, बिगन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन चीन की अर्थव्यवस्था की "शिकारी प्रथाओं" का मुकाबला करने पर ध्यान दे रहा है. साथ ही अमेरिका-चीन के आर्थिक संबंध को संतुलित करने के लिए भी काम रहा है.

उन्होंने कहा कि चीन ने "इस सदी की शुरुआत में इतनी तेजी से वृद्धि की और कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं पर भी अपना प्रभाव डालने की कोशिश की, जो कि अमेरिका के नजरिए से अस्वीकार्य है।

चीनी विदेशमंत्री ने 24 घंटे में बदला बयान, कहा- भारत-चीन की सीमा पर हमेशा रहेंगी समस्याएं


india china border not yet demarcated there will always be problems wang yi

बीजिंग: चीन के विदेशमंत्री वांग यी ने 24 घंटे में अपना बयान बदलते हुए कहा है कि भारत-चीन सीमा का अभी सीमांकन किया जाना बाकी है और इसलिए वहां पर हमेशा समस्याएं बनी रहेंगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को मतभेदों को संघर्ष में तब्दील होने से रोकने के लिए उनके नेतृत्व के बीच बनी सहमति को लागू करना चाहिए। इससे पहले वांग ने कहा था कि चीन भारत के साथ सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाने को तैयार है। चीन के विदेश मंत्री इस समय यूरोप की यात्रा पर हैं और उन्होंने यह टिप्पणी सोमवार को पेरिस स्थित ‘फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन्स' में एक संवाद के दौरान की।

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भारत एवं जापान से चीन के संबंधों से जुड़े एक सवाल पर मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की उकसावे की नवीनतम कार्रवाई का सीधा उल्लेख नहीं किया। उनकी यह टिपण्णी भारतीय सेना के इस बयान के घंटों बाद आया जिसमें कहा गया कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में उकसावे की कार्रवाई करते हुए पैगोंग झील के दक्षिण में एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने की कोशिश की। उल्लेखनीय है कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख के ही गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद इलाके में यह पहली बड़ी घटना है। गलवान घाटी में हुई झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। वांग ने कहा, ‘‘चीन-भारत संबंध ने हाल में सभी पक्षों का ध्यान आकर्षित किया है।''

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उन्होंने कहा, ‘‘चीन और भारत की सीमा का अबतक सीमांकन नहीं हुआ है, इसलिए वहां पर इस तरह की समस्याएं हमेशा रहेंगी। हम भारत के साथ सभी मुद्दों को बातचीत से निपटाने को तैयार हैं।'' वांग ने कहा कि इसके साथ ही द्विपक्षीय सबंधों में इन मुद्दों को उनके सही स्थान पर रखना चाहिए। चीनी विदेशमंत्री ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार मुलाकात की है और कई अहम सहमति पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए, ड्रैगन (चीन) और हाथी (भारत) एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय'', ‘‘ड्रैगन और हाथी मिलकर काम करेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘एक जोड़ एक दो नहीं, बल्कि 11 होते हैं। और ये सब दार्शनिक विचार हैं।''

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वांग ने कहा कि उदाहरण के लिए दोनों देशों के नेताओं ने सहमति जताई कि द्विपक्षीय सहयोग मतभेदों पर पर भारी पड़ते हैं और आपसी हित मतभेदो पर भारी पड़ते हैं। वांग ने कहा, ‘‘मतभेदों का प्रबंधन और नियंत्रण किया जाना चाहिए, खासतौर पर मतभेदों को संघर्ष में तब्दील नहीं होने देना चाहिए। मैं मानता हूं कि दोनों देशों के विभिन्न विभागों को इन अहम आम सहमतियों को लागू करना चाहिए।''

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गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की सीमा पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए भारत और चीन के बीच गत ढाई महीने में सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई दौर की बातचीत हो चुकी हैं लेकिन अबतक समाधान की दिशा में कोई अहम प्रगति नहीं हुई है। वांग ने कहा कि चीन का लंबा इतिहास और दुनिया के किसी अन्य देश के मुकाबले सबसे अधिक पड़ोसी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आदान-प्रदान का लंबा इतिहास हमेशा एक या दूसरी तरह की समस्याएं छोड़ जाता है। हम इतिहास द्वारा छोड़ी गई समस्याओं पर अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर काम करने और दोस्ताना तरीके से परामर्श कर उनके साथ दोस्ती और साझेदारी स्थापित करने की भावना के साथ सुलझाने को तैयार हैं।''  

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