Friday, May 7, 2021

कोरोना से ठीक हुए मरीजों को हो रहा ब्लैक फंगस, सूरत में 8 लोगों के आंखों की रोशनी चली गई



HIGHLIGHTS

कोरोना महामारी में संक्रमण से एक नया खतरा सामने आया है। गुजरात के सूरत में कोरोना संक्रमित लोगों में ब्लैक फंगस की शिकायत मिली है। कोरोना से उबरने के बाद 8 ऐसे मरीज मिले हैं जिनकी आंखों की रोशनी चली गई, जिसके बाद उन्हें तुरन्त हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा।  

Patients recovering from corona having black fungal disease KPN

नई दिल्ली. कोरोना महामारी में संक्रमण से एक नया खतरा सामने आया है। गुजरात के सूरत में कोरोना संक्रमित लोगों में ब्लैक फंगस की शिकायत मिली है। कोरोना से उबरने के बाद 8 ऐसे मरीज मिले हैं जिनकी आंखों की रोशनी चली गई, जिसके बाद उन्हें तुरन्त हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। सूरत में पिछले 15 दिनों में ब्लैक फंगस से कम से कम 40 ऐसे केस सामने आए हैं, जिसमें 8 लोगों के आंखों की रोशनी चली गई। 

क्या है ब्लैक फंगस?
यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, ब्लैग फंगस एक दुर्लभ फंगल संक्रमण है। यह आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है। स्किन के कट जाने, जलने या फिर स्किन की चोट के बाद भी फंगल संक्रमण हो सकता है। 

ब्लैक फंगस से क्या होता है?
सूरत के किरण अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ संकेत शाह ने बताया, एक व्यक्ति को कोविड -19 संक्रमण से उबरने के दो-तीन दिन बाद ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं। यह फंगल संक्रमण सबसे पहले साइनस में तब होता है जब कोविड -19 से मरीज ठीक हो जाता है। दो-चार दिनों में यह आंखों पर हमला करता है। डॉक्टर संकेत शाह ने कहा कि फंगल संक्रमण कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों पर हमला करता है। शुगर के मरीजों को ये सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। 

किरण अस्पताल में ईएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ अजय स्वरूप ने कहा, ये संक्रमण आमतौर पर उन रोगियों में देखा जाता है, जो कोविड -19 से ठीक हो गए हैं, लेकिन उनमें मधुमेह या  कैंसर जैसी बीमारी है।ब्लैक फंगस के लक्षण

सिरदर्द और आंखें लाल होना
बलगम निकलना
एक तरफा चेहरे की सूजन
सिर दर्द
बुखार
खांसी
छाती में दर्द
सांस लेने में दिक्कत

सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ मनीष मुंजाल ने कहा, हम कोविड -19 से ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस की शिकायत देख रहे हैं। पिछले दो दिनों में ऐसे 6 केस सामने आए हैं। पिछले साल इस घातक संक्रमण के कारण कई रोगियों की आंखों की रोशनी कम हो गई और नाक और जबड़े की हड्डी में दिक्कत होने लगी थी।

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