Saturday, September 24, 2022

जैसे कश्मीर से भगाया, वैसे ही लेस्टर से ‘हिंदू कुत्तों’ का सफाया करो: 9 परिवारों का पलायन, कट्टरपंथियों के आतंक के कारण घरों से हिंदू-प्रतीक गायब

लेस्टर में हिंदू परिवार दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं। 9 हिंदू परिवारों ने पलायन कर लिया है। कट्टरपंथी मुस्लिमों के आतंक से वे अपने घरों के बाहर हिंदू-प्रतीक तक नहीं लगा पा रहे।

लेस्टर हिंदु कट्टरपंथी
लेस्टर से हिंदुओं का सफाया करने के लिए सोशल मीडिया से जुटाई जा रही भीड़

इंग्लैंड के लेस्टर (Leicester) शहर में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं और मंदिरों पर हमला करने के बाद से वहाँ डर का माहौल है। इस बात का खुलासा हेनरी जैक्सन रिसर्च फेलो शार्लोट लिटिलवुड (Charlotte Littlewood) ने GB News से बातचीत में किया है। उन्होंने बताया कि लेस्टर में हिंदू परिवार दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं। 9 हिंदू परिवारों ने पलायन कर लिया है। वहाँ कट्टरपंथी मुस्लिमों के आतंक से वे अपने घरों के बाहर हिंदू-प्रतीक तक नहीं लगा सकते।

लिटिलवुड ने एंकर को बताया कि लेस्टर में हिंदू डर के साए में जी रहे हैं। उन्हें उनके घरों के बाहर हिंदू-प्रतीक तक नहीं लगाने दिया जा रहा है। डर की वजह से 9 हिंदू परिवारों ने पलायन कर लिया है। लिटिलवुड ने 5.22 मिनट के वीडियो में (50 सेकंड से 1.51 मिनट तक) कहा, “हमने देखा कैसे कट्टरपंथी लोगों ने हिंदुओं के खिलाफ सड़कों पर उतरकर नारेबाजी की। हिंदू भारतीयों के खिलाफ इतनी बड़ी संख्या में इन लोगों ने प्रोटेस्ट किया। इससे हिंदू बेहद डरे हुए हैं।”

इस मामले से जुड़ी जानकारी देते हुए उन्होंने न्यूज चैनल को (4.05 से 5.10 मिनट के बीच) बताया, “लेस्टर में हमने जो सड़कों पर हिंसा देखी उसके लिए कट्टपंथियों का आह्वान किया गया था। हमने खुद 30 से 200 लोग सड़कों पर उतरे देखे। इनमें आधे से ज्यादा लेस्टर के बाहर से बुलाए गए थे।”

लिटिलवुड ने आगे कहा, “अब सोशल मीडिया पर आएँ तो विभिन्न सोशल मीडिया अकॉउंट्स से हजारों पोस्ट किए गए थे। इनमें हिंदुओं को काटने के लिए, उन्हें साफ करने के लिए कहा गया था। पोस्ट में कहा जा रहा था, ‘जैसे हमने हिंदुओं का कश्मीर से सफाया किया वैसे ही यहाँ भी करो।’ इसके अलावा पोस्ट में लिखा था, इन (हिंदू) कुत्तों को कुचलो/दबाओ।

लिटिलवुड ने कहा कि इस तरह के संदेशों का बार-बार दिखना बेहद दुखद है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस्लामी कट्टरपंथी समूह द्वारा ये सब निस्संदेह सुनियोजित ढंग से किया गया। इन सबका नेतृत्व उन कट्टरपंथी इन्फ्लुएंसरों ने किया जिनके यूट्यूब पर लाखों सब्सक्राइबर हैं। ये लोग अपने समुदाय के लोगों को लेस्टर बुला रहे थे। इनका अगला टारगेट लंदन में स्थित भारत उच्चायोग हो सकता है।

लेस्टर में हिंदू विरोधी हिंसा

बता दें कि इंग्लैंड के लेस्टर (Leicester) में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू लोगों पर हमला करने के मामले में एडम यूसुफ (Adam Yusuf) नाम के शख्स को एक साल की सजा सुनाई गई है। 18 सितंबर 2022 को लेस्टर में हिंदू लोगों पर हमले (मेनस्ट्रीम मीडिया इसे प्रदर्शन बता रही) में चाकू ले जाने का जुर्म कबूल करने के बाद लेस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसे एक साल की जेल की सजा दी है। इस मामले में 2 दिन में सुनाई गई यह दूसरी सजा है।

इससे पहले 20 वर्षीय ऐमॉस नोरोन्हा (Amos Noronha) को प्रतिबंधित हथियार रखने का दोषी पाया गया था। ऐमॉस नोरोन्हा को सोमवार (20 सितंबर 2022) को 10 महीने जेल की सजा सुनाई गई थी। शहर में अशांति फैलाने के आरोप में 28 अगस्त से अब तक 47 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से दो लोगों को शनिवार (17 सितंबर 2022 ) और रविवार (18 सितंबर 2022) को गिरफ्तार किया गया था।

Monday, September 19, 2022

धार्मिक प्रतीक देख घरों और गाड़ियों को चिह्नित किया, फिर हिन्दुओं पर किया हमला: इंग्लैंड में मुस्लिम भीड़ ने ऐसे बरपाया कहर, पुलिस के सामने ही घटनाएँ


इस बार भी इस्लामवादियों ने प्रतीक चिह्नों के सहारे हिन्दुओं की पहचान करते हुए हमला किया है। इस हिंसा की आग में लीसेस्टर एक बार फिर जल रहा है, और इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर सिर्फ और सिर्फ हिन्दू थे।

लीसेस्टर हिंदू हिंसा

एशिया कप में 28 अगस्त को भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे। इस मैच में पाकिस्तान को भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से मुस्लिमों के अंदर गुस्सा भरा हुआ था। इसके बाद जब 4 सितंबर को पाकिस्तान ने भारतीय क्रिकेट टीम को हरा दिया तो यूनाइटेड किंगडम के लीसेस्टर शहर में मुस्लिमों ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर हिन्दुओं और उनके घरों की पहचान करके हमला किया था। इस हमले के चलते अगले 3-4 दिनों तक (7 सितंबर, 2022 तक) हिंसक घटनाएँ सामने आ रहीं थीं।

हिन्दुओं को टारगेट कर उन पर हुए इस हमले के विरोध में शुक्रवार (16 सितंबर) की शाम हिंदुओं ने प्रदर्शन किया था। लेकिन, शांति मार्च कट्टरपंथी इस्लामवादियों को पसंद नहीं आया। जिसके बाद, हिंदुओं के विरोध प्रदर्शन में इस्लामवादियों ने हमला कर दिया। इस हमले में हिंदुओं पर काँच की बोतलें तक फेंकी गईं थीं। यही नहीं, इन कट्टरपंथियों को हिन्दुओं से इतनी नफरत थी कि उन्होंने पुलिस के सामने ही भगवा ध्वज का भी अपमान किया था।

इसके बाद, हिन्दुओं पर एक बार फिर हमला करने के उद्देश्य से शनिवार (17 सितंबर, 2022) को लीसेस्टर में हजारों की संख्या में इस्लामी ‘हमलावर’ इकट्ठा हुए। इस बार भी इस्लामवादियों ने प्रतीक चिह्नों के सहारे हिन्दुओं की पहचान करते हुए हमला किया है। इस हिंसा की आग में लीसेस्टर एक बार फिर जल रहा है, और इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर सिर्फ और सिर्फ हिन्दू थे।

स्थानीय हिन्दू संगठन ‘Insight UK’, जो वहाँ हिन्दुओं के मुद्दे उठाता है, ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा है कि 6 सितंबर लीसेस्टर के हिन्दुओं के खिलाफ हमलों की लगातार तीसरी रात थी। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम सड़कों पर उतरे हुए थे। ये सभी हिंदू घरों की पहचान ओम, भगवा झंडे, भगवान गणेश की तस्वीर आदि से कर रहे थे। जिस घर में इन्हें हिन्दू प्रतीक चिह्न दिखाई देता था, उस पर ये हमले कर रहे थे। इन हमलों के बाद क्षेत्र का प्रत्येक हिन्दू भय के साये में जी रहा था।

बंगाल में ममता को जोर का झटका, नंदीग्राम कोऑपरेटिव चुनाव में BJP की बंपर जीत, केवल खाता खोल पाई TMC


Big blow to Mamata Banerjee, BJP swepts cooperative body election in Nandigram, TMC wins only one seat

Bhekutia Samabay Krishi Samity Election : 2021 मई में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जोरदार प्रदर्शन करने वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) को बड़ा झटका लगा है। ममता को यह झटका भारतीय जनता पार्टी ने नंदीग्राम के भेकुटिया सहकारी कृषि विकास समिति के चुनाव में दी है। इस चुनाव में भाजपा ने 12 में से 11 सीटों पर जीत दर्ज की है। टीएमसी यहां किसी तरह अपना खाता खोल पाई है। उसे महज एक सीट पर जीत मिली है। नंदीग्राम कभी टीएमसी का गढ़ हुआ करता था लेकिन सुवेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के बाद इस इलाके में अब अधिकारी एवं भाजपा का प्रभाव एवं दबदबा बढ़ गया गया है। 

विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को नंद्रीग्राम सीट से हार का सामना करना पड़ा। इस सीट पर अधिकारी ने ममता को हराया। इस चुनाव के नतीजे रविवार को घोषित हुए। 

पिछले महीने टीएमसी ने दर्ज की बड़ी जीत
नंदीग्राम में हाल के दिनों में भाजपा और टीएमसी के बीच चुनावी जंग काफी दिलचस्प रही है। पिछले महीने नंदीग्राम-2 ब्लाक के चुनाव में टीएमसी को बड़ी जीत मिली। इस चुनाव में टीएमसी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 51 सीटें जीतीं। इस चुनाव में माकपा को एक सीट मिली जबकि भाजपा का खाता नहीं खुल सका। यही नहीं कोंटाई एवं सिंगूर में टीएमसी की एकतरफा जीत हुई।

टीएमसी-भाजपा ने लगाया हिंसा का आरोप
रविवार को संपन्न यह चुनाव भी हिंसा से दूर नहीं रहा। दोनों ही पार्टियों ने एक दूसरे पर हिंसा का आरोप लगाया। भाजपा ने आरोप लगाया कि चुनाव को प्रभावित एवं बाधित करने के लिए टीएमसी ने बाहर से लोगों को बुलाया तो वहीं, टीएमसी ने इसी तरह के आरोप सुवेंदु अधिकारी पर लगाए। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पंचायत समिति का एक स्थानीय सदस्य जिसने टीएमसी से होने का दावा किया, टेलीविजन पर देखा गया कि कुछ महिलाओं ने उससे बदसलूकी की। महिलाओं ने कथित रूप से उसकी कमीज फाड़ दी। हालांकि, बाद में पुलिस ने उसे महिलाओं से छुड़ाया। 

इसे बड़ी जीत के रूप में पेश कर रही BJP 
कोऑपरेटिव चुनाव में मिली इस जीत को भाजपा एक बड़े विजय के रूप में पेश कर रही है। भाजपा नेताओं का दावा है कि बंगाल में टीएमसी एवं ममता बनर्जी की पकड़ ढीली पड़ रही है। तो वहीं, टीएमसी नेताओं का कहना है कि पिछले महीने नंदीग्राम के हनुभूनिआ, घोलपुकूर एवं बिरुलिया को कोऑपरेटिव चुनाव में पार्टी को बड़ी जीत मिली। इन चुनावों में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली। टीएमसी नेताओं ने कहा कि इस बार चुनाव में पार्टी को उन जगहों पर भी जीत मिली जहां 2021 के विस चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा।  

पाकिस्तान में बाढ़ के बाद इंतजार कर रही दूसरी आपदा, आ सकती है ‘मौत की लहर’


पाकिस्तान में आई अप्रत्याशित बाढ़ में हजारों लोगों की जान चली गई है। जलवायु परिवर्तन की वजह से आई इस आपदा ने आर्थिक स्तर पर भी पाकिस्तान को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। लाखों लोग बेघर हो गए हैं और सड़क किनारे रहने को मजबूर हैं। पाकिस्तान आर्थिक संकट से तो पहले से ही जूझ रहा था।

अब WHO ने पाकिस्तान में दूसरी आपदा की आशंका जताई है। WHO के मुताबिक बीमारियों और मौतों की दूसरी लहर पाकिस्तान में और तबाही मचा सकती है। WHO ने एक बयान में कहा, हम पाकिस्तान में दूसरी आपदा के बड़े खतरे को लेकर बेहद चिंतित हैं। बाढ़ के बाद पाकिस्तान में स्वास्थ्य सेवाएं और इन्फ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

ऐसे में पानी घटने के बाद भी लाखों लोगों के सिर पर मौत मंडरा रही है। पानी की सप्लाई डिस्टर्ब होने की वजह से लोगों को गंदा पानी पीना पड़ रहा है। इससे कॉलरा और डायरिया फैल रहा है। वहीं रुके हुए पानी में मच्छर पनप रहे हैं जो कि मलेरिया और डेंगू फैला सकते हैं।

डब्लूएचओ का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएं बाधित होने की वजह से असुरक्षित जन्म, डायबिटीज और दिल के लोगों कि लिए खतरा और बच्चों के टीकाकरण में अवरोध पैदा होगा। डब्लूएचओ का कहना है कि अगर इस खतरे को कम करना है तो तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना होगा।

इस मामले में डब्लूएचओ पाकिस्तान की मदद कर रहा है। चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं और लोगों को पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। 1 करोड़ डॉलर का फंड पाकिस्तान के लोगों को बचाने के लिए जारी किया है।

1.6 करोड़ बच्चे प्रभावित

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक पाकिस्तान में बाढ़ की विभीषिका से 1 करोड़ 60 लाख बच्चे प्रभावित हुए हैं। बहुत सारे बच्चे डेंगू, दस्त और त्वचा रोगों के शिकार हुए हैं। इस बाढ़ में कम से कम 530 बच्चों की जान चली गई है।

वहीं बच्चे अपने परिवार के साथ असुरक्षित जगहों पर रहने को मजबूर हैं। स्कूल बंद हो गए हैं और अस्पतालों के क्षतिग्रस्त होने की वजह से बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। सड़क किनारे लोगों ने आसरा लिया है ऐसे में दुर्घटना का भी खतरा मंडराता रहता है।

Thursday, September 15, 2022

IS ने खुलेआम दुनियाभर के मुसलमानों से एकजुट होकर की भारत पर हमला करने की अपील... कहा- भारत में इस्‍लाम की रक्षा करना हमारा मकसद

 भारत में आतंकी हमलों की गिनती दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। भारत में पकड़े जा रहे आतंकवादी और उनके अनगिनत हथियार यह दर्शाते है कि आतंकवादी भारत में कोई बड़ा हमला करने की फिराक में है। वहीं दुनिया भर में भारत को गिराने और नुकसान पहुंचाने वाले कई संगठन सामने आए है।

वहीं बात अगर आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट की करे तो उसके एक प्रवक्‍ता ने अपना बयान जारी करते हुए मुसलमानों से सरेआम भारत में आतंकी हमलों में मदद की अपील की है। IS के प्रवक्ता अबु उमर-अल मुजाहिर ने दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के मुसलमानों से साथ जुड़ने की अपील की है।

जिहादी अबु मुजाहिर ने कहा है कि भारत के खिलाफ एकसाथ मिलकर हमला करना होगा। उसने यह भी कहा कि इस्‍लामिक स्‍टेट का मकसद भारत में इस्‍लाम की रक्षा करना है। क्योंकि वहां सरकार की तरफ से लगातार इसे निशाना बनाया जा रहा है।

जिहादी अबु मुजाहिर ने मुसलमानों को उक्साते हुए कहा कि डर के मारे सभी मुसलमानों में अपने मजहब की रक्षा करने का जज्बा खत्‍म हो गया है। मुसलमानों के अंदर अब अपने दुश्‍मनों का सामना करने की भी ताकत नहीं बची है। वहीं आपको बता दें कि मुजाहिर ने यह भाषण अरबी में 32 मिनट का तक जारी किया है। मुजाहिर की स्‍पीच में भारत के मुसलमानों को देश पर हमले के लिए भड़काया जा रहा है।

जिहादी अबु मुजाहिर ने वीडियो में सिर्फ भारत के मुसलमानों को नहीं बल्कि पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश, फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया और सिंगापुर में रह रहे मुसलमानों को भी मिलकर भारत पर हमला करने का अनुरोध किया है। जानकारी दे दें कि इससे पहले अल-कायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी की तरफ से भी कुछ ऐसी ही अपील की गई थी। इस्‍लामिक स्‍टेट ने नूपुर शर्मा को भी ईशनिंदा की वजह से हिंसा का शिकार बनाने की बात कही है।

इस्लामिक स्टेट के खलीफा इब्राहिम अवाद अल-बादरी ने भी भारत को दुश्‍मन देशों की सूची में रखा है। 2016 में इस संगठन की ओर से एक और वीडियो आया था जिसमें कई भारतीय आतंकियों से घर लौटने और आतंक फैलाने की अपील की गई थी।

Tuesday, September 13, 2022

बीजेपी-TMC समर्थक भिड़े, आगजनी-पत्थरबाजी के बाद हिरासत में लिए गए कई नेता


VIDEO: पश्चिम बंगाल में भारी बवाल, बीजेपी-TMC समर्थक भिड़े, आगजनी-पत्थरबाजी के बाद हिरासत में लिए गए कई नेता

पश्चिम बंगाल में भाजपा के मार्च के दौरान पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प हुई. इस दौरान भारी बवाल देखने को मिला. पुलिस ने मार्च निकाल रहे नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, सांसद लोकेट चटर्जी और राहुल सिन्हा समेत तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है. आगजनी, तोड़फोड़ और आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के वीडियो सामने आए हैं.  बड़ा बाजार थाने के पास पुलिस की गाड़ी को फूंक दिया गया है. 

दरअसल, भाजपा ने मंगलवार को कोलकाता में सचिवालय तक मार्च (Nabanna Abhijan march) बुलाया.  मार्च के लिए बंगाल से बीजेपी के तमाम नेता और कार्यकर्ता कोलकाता और हावड़ा पहुंचे. बीजेपी ने ये मार्च ममता सरकार के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर बुलाया है. मार्च को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है. मार्च के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा.

मार्च में शामिल होने के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं को लेकर कोलकाता जा रही बसों को उत्तर 24 परगना में पुलिस ने रोक लिया गया. जब पुलिस ने सचिवालय जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को रोका तो कार्यकर्ताओं का एक ग्रुप नाव पर सवार होकर वहां जाने के लिए निकल पड़ा.

Saturday, September 10, 2022

मंदिरों के लिए 35 कानून, चर्च-मस्जिद के लिए एक भी नहीं, क्यों? SC ने केंद्र से मांगा जवाब


हिंदू, बौद्ध, जैन और बौद्ध संस्थानों पर सरकारी नियंत्रण के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों से जवाब मांगा है. शीर्ष अदालत ने सरकारों से कहा है कि वे सभी धार्मिक स्थलों के लिए एक समान कानून, यानी समान धार्मिक संहिता की मांग पर चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करें। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की दो सदस्यीय पीठ ने मामले को छह सप्ताह बाद अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

इसके साथ ही दूसरी पीठ के समक्ष लंबित याचिकाओं को स्वामी दयानंद सरस्वती की उसी पीठ के समक्ष लंबित याचिका के साथ जोड़ दिया गया है. आपको बता दें कि इसी मुद्दे पर अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय और अन्य की याचिका मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष लंबित है। समान धार्मिक संहिता की मांग वाली याचिकाओं में मांग की गई है कि हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बिना अपने धार्मिक संस्थानों का प्रबंधन और प्रशासन कर सकते हैं, जैसा कि मुस्लिम और ईसाई करते हैं। याचिकाओं में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी और तेलंगाना समेत कई राज्यों के कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि सरकार ने 58 प्रमुख मंदिरों पर कब्जा कर लिया है। यह सीधे तौर पर संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है। यह ब्रिटिश काल का कानून है और अब सरकार चर्च और अन्य धार्मिक स्थलों को अपने नियंत्रण में क्यों नहीं लेना चाहती है? याचिकाओं में कहा गया है कि राज्य सरकारों को हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धार्मिक संस्थानों को बनाए रखने और प्रबंधित करने का अधिकार है। लेकिन मुस्लिम, पारसी और ईसाई अपनी संस्थाओं को नियंत्रित करते हैं। याचिकाओं में कहा गया है कि मठों के मंदिरों को नियंत्रित करने के लिए 35 कानून मौजूद हैं, लेकिन मस्जिद, मजार, दरगाह और चर्च के लिए एक भी कानून नहीं है. सरकार के नियंत्रण में 4 लाख मठ और मंदिर हैं, लेकिन मस्जिद, मजार, चर्च और दरगाह के लिए एक भी नहीं है।

ज्ञानव्यापी मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग के दर्शन- पूजन की मांग, याचिका पर सुनवाई आज


ज्ञानवापी मस्जिद मामले में शनिवार की दोपहर मस्जिद में सर्वे के दौरान वजूखाने में मिले शिवलिंग के पूजन अर्चन की मांग की याचिका पर सुनवाई होनी है। इस मामले में अदालत का रुख करने वाले हिंदू पक्ष ने उम्‍मीद जताई है कि जल्‍द ही इस पर कोई फैसला होगा।

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग के दर्शन- पूजन की मांग की याचिका पर सुनवाई आज शनिवार की दोपहर होने जा रही है। ज्ञानवापी प्रकरण में विश्व हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर शनिवार को सुनवाई होगी। फास्ट ट्रैक सीनियर डिवीजन महेंद्र पांडेय की अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र में ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग को अविमुक्तेश्वर महादेव बताते हुए नियमित दर्शन-पूजन की मांग की गई है। इसमें मुस्लिम पक्ष से अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के साथ ही शासन व स्थानीय प्रशासन को प्रतिवादी बनाया गया है।

इसी वर्ष 16 मई को एडवोकेट कमिश्‍नर की सर्वे की कार्रवाई के दौरान वजूखाने में जांच के दौरान एक बड़ा शिवलिंग मिलने के बाद आनन फानन अदालत ने वह स्‍थल मुस्लिमों के वजू के लिए सील कर दी। वजूखाना सील करने के बाद से ही हिंदू पक्ष की ओर से मस्जिद में मिले शिवलिंग के पूजन और अर्चन की मांग की जा रही है। शिवलिंग के पूजन को लेकर धरना प्रदर्शन और आंदोलन तक की चेतावनी प्रशासन को विभिन्‍न संगठनों की ओर से दी जा चुकी है। इस मामले में अदालत में विश्व हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर पूर्व में भी सुनवाई होती रही है। अब अदालत की ओर हिंदू पक्ष फैसले की आस में इंतजार कर रहा है। 

इस मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से शिवलिंग को फव्‍वारा बताकर केस को खारिज करने की मांग की जाती रही है। वहीं इसी मामले में अदालत को वक्‍फ की संपत्ति को सुनवाई का अधिकार न होने की मांग करते हुए अदालत से केस को खारिज करने की मांग की जाती रही है। ऐसे में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग के पूजन अर्चन की मांग हिंदू पक्ष की ओर से लगातार जारी है। इस मामले में शनिवार को अदालत का रुख केस की दिशा तय करेगा। 

Thursday, September 8, 2022

जिस पाकिस्तान से थी अफगानिस्तान की दोस्ती, वो अब दुश्मनी में हो रही तब्दील; सीमा से लेकर क्रिकेट तक में भिड़ रहे दो मुस्लिम देश


Afghanistan Pakistan, Afghanistan cricket team

Pakistan-Afghanistan: पाकिस्तान और अफगानिस्तान... दो पड़ोसी, इस्लामिक मुल्क और इस्लामी कानून पर दोनों की सोच लगभग एक समान, इतनी समानताएं होने के बाद भी अब दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आने लगी है। सीमा को लेकर सरकार और क्रिकेट को लेकर देश के प्रशंसक एक दूसरे के खिलाफ खड़े दिख रहे हैं। दो दोस्त अब दुश्मन बन गए हैं।

पहले अमेरिका का साथ फिर तालिबान

दरअसल पाकिस्तान की अफगानिस्तान से दोस्ती उसके स्वार्थ को ही दर्शाती रही है। अफगानिस्तान से रूस के जाने बाद जब वहां तालिबानी सरकार बनीं तो पाकिस्तान ने तुरंत समर्थन दे दिया, मान्यता दे दी। फिर जब 9/11 का हमला हुआ और अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला कर दिया तो पाकिस्तान अमेरिका के साथ हो गया। इसके बाद जब फिर से परिस्थितियां बदलीं तो पाकिस्तान को इस्लाम याद आ गया और तालिबान के सपोर्ट में खड़ा हो गया। दरअसल तालिबान के सहारे पाकिस्तान अपनी साख बनाना चाहता था ताकि वो विश्व पटल पर चमके, साथ ही भारत भी अफगानिस्तान से भी दूर हो जाए, जिससे हिन्दुस्तान को अरबों का नुकसान हो जाए, जो उसने वहां निवेश किया था।

गहरी दोस्ती

तालिबान की सरकार जब 2021 में सत्ता में आई तो पाकिस्तान के साथ जमकर दोस्ती हुई। पाकिस्तान, तालिबानी सरकार को मान्यता दिलाने के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिल्लाने लगा और तालिबान, पाकिस्तान का गुण गाने लगा, लेकिन यह दोस्ती ज्यादा दिनों तक चली नहीं और पहले आतंकी हमलों को लेकर दोनों देश उलझे, फिर सीमा के मुद्दे पर पाक के साथ झड़पें होने लगीं।

सीमा विवाद

पाकिस्तान ने यही सोचकर तालिबान को सपोर्ट किया था कि भविष्य में वो जैसा कहेगा वैसा तालिबान करेगा, लेकिन तालिबान तो तालिबान है, जिसने अमेरिका को भगा दिया, उसके लिए पाकिस्तान क्या चीज है? दरअसल पाकिस्तान चाहता है अफगानिस्तान डूरंड रेखा को सीमा मानें, जिसके लिए तालिबान तैयार नहीं है। कई बार पाकिस्तान ने वहां पर बाड़ लगाने की कोशिश की है, लेकिन तालिबानी सरकार और स्थानीय लोग उसे उखाड़ कर फेंक चुके हैं। 

आतंकी हमले

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), जिसने अपनी जड़ें अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों में जमा रखी है। वो अफगान सीमा से पाकिस्तान में दाखिल होता है, हमले करता है और फिर से अफगानिस्तान में भाग जाता है। उधर तालिबान, पाकिस्तान पर आरोप लगाते रहा है कि वो उन अमेरिकी ड्रोनों को रास्ता देता है, जो अफगानिस्तान में हमला करते हैं।

अब क्रिकेट में भिड़े

अफगानिस्तान, क्रिकेट के फिल्ड में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। कई बार बड़ी टीमों को हरा चुका हैं या कड़ी टक्कर दे चुका है। ऐसे ही एक मुकाबले के दौरान अफगानिस्तान के प्लेयर पर पाकिस्तान के एक बैट्समैन ने आउट होने के बाद बैट उठा दिया। मैदान पर तो यह मामला किसी तरह रूका, लेकिन स्टेडियम में बैठे अफगानिस्तान के दर्शकों को यह बात बर्दाश्त नहीं हुई और उन्होंने मैच हारने के बाद पाकिस्तानी दर्शकों को दौड़ा-दौड़ा कर पीट दिया। 

लखनऊ में लेटे हुए हनुमानजी मंदिर में शिवा बने तौफीक ने तोड़ी शनिदेव की मूर्ति, पहचान छिपाकर लोगों को किया गुमराह


लखनऊ के गोमती तट पर स्थित लेटे हुए हनुमानजी मंदिर में एक युवक ने अपनी पहचान छिपाकर शनिदेव की मूर्ति को खंडित कर दिया। मंदिर अध्यक्ष ने युवक को पुलिस को सौंप दिया है। आरोपित युवक ने अपना नाम तौफीक बताया है।

Lucknow Taufiq who became Shiva in Hanumanji temple lying down broke idol Shani Dev misled people by hiding his identityउत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती किनारे स्थित प्राचीन लेटे हुए हनुमानजी मंदिर में शनि देव की मूर्ति को एक युवक ने खंडित कर दिया है। बताया जा रहा है कि युवक अपनी पहचान छिपाकर मंदिर में आया था। जिसके बाद उसने ईंट मार कर शनि देव की मूर्ति को खंडित कर दिया और ध्वज को भी तोड़ दिया। जब लोगों ने उसका विरोध किया तो वह अभद्रता करने लगा। मंदिर परिसर में मौजूद लोगों ने उसको घेराबंदी कर पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी।

तौफीक ने तोड़ी शनिदेव की मूर्ति
इस दौरान मंदिर के अध्यक्ष डा. विवेक तांगड़ी भी मंदिर पहुंच गए। उन्होंने भीड़ से आरोपित युवक को छुड़ाकर चौक पुलिस को सौंप दिया। डा. विवेक तांगड़ी के अनुसार, वर्तमान में मंदिर के पुजारी अमर मिश्रा हैं। बीती रात एक युवक मंदिर के अंदर आया और वह टीका भी लगाए हुए था। पुजारी द्वारा पूछे जाने पर उसने अपना नाम शिवा बताया था। युवक ने कहा कि वह मंदिर दर्शन करने आया है। इसके बाद उसने मंदिर में मौजूद शनिदेव की मूर्ति पर ईंटा मारकर उसे खंडित कर ध्वज तोड़ दिया। जिसके बाद नाराज लोगों ने उसकी पिटाई कर दी।

घटना को लेकर लोगों में आक्रोश
युवक की इस हरकत को देख मंदिर के पुजारी और आस-पड़ोस के लोगों ने उसे पकड़ कर पीट दिया। मंदिर के अध्यक्ष ने युवक खिलाफ चौक थाने में तहरीर दी है। पुलिस पूछताछ में आरोपी युवक ने अपना नाम तौफीक अहमद बताया। इंस्पेक्टर चौक के मुताबिक, तहरीर के आधार पर युवक से पूछताछ की जा रही है। वहीं इस मामले पर अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने नाराजगी जाहिर की है। शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि इस संबंध में वह गुरुवार को आरोपित युवक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। इस घटना को लेकर लोग आक्रोश में हैं।

Friday, September 2, 2022

‘मुस्लिम यहाँ 90%, हमारे मजहब में आओ या गाँव छोड़ो’: घर में घुस मथुरा के एक गाँव में हिंदू को धमकाया, कहा- जान और जमीन से हाथ धो लोगे


"ये गाँव हमारा है। यहाँ हमारे तौर-तरीकों से रहना होगा। हम मुस्लिम यहाँ 90% हैं। ज्यादा परेशान करोगे तो जान और जमीन से हाथ धो लोगे। हमारे मजहब में आ जाओ या ये गाँव छोड़ कर चले जाओ।"

उत्तर प्रदेश मथुरा
कोसीकलां पुलिस मामले की जॉंच कर रही है

उत्तर प्रदेश के मथुरा के एक मुस्लिम बहुल गाँव में हिंदू बुजुर्ग को धमकी दिए जाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि गाँव के ही कुछ मुस्लिमों ने घर में घुसकर बुजुर्ग को धमकी दी। इस्लाम कबूलने का दबाव डाला। पीड़ित ने इस संबंध में 25 जुलाई 2022 को शिकायत की थी। इस पर संज्ञान लेते हुए मथुरा पुलिस ने 31 अगस्त को कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

इस गाँव का नाम महरौली है, जो कोसीकलां थाना क्षेत्र में आता है। 60 वर्षीय पीड़ित तेजराम ने इस संबंध में पुलिस को जी शिकायत दी है, उसकी कॉपी ऑपइंडिया के पास मौजूद है। इसमें उन्होंने बताया है कि करीब 18 साल पहले उन्हें और कुछ अन्य हिन्दुओं को गाँव में सरकारी प्लॉट मिले थे। कुछ समय पहले गाँव के ही ताहिर, तारिफ, आशी, आमिर, इदरीश, गुन्ना, आमिर, अमसर, बब्बू, शब्बीर व सग्गन ने उनके प्लॉट के पेड़ काट लिए। गाँव के ही गोधरन नाम के एक व्यक्ति के खेतों की मेड तोड़ कर अपने खेत में मिला लिया। इस घटना की शिकायत तेजराम ने पुलिस और पटवारी से की थी। इससे आरोपित नाराज हो गए।

तेजराम का आरोप है कि आरोपित उनसे चुनावी और धार्मिक रंजिश भी रखते हैं। तेजराम के अनुसार 23 जुलाई 2022 की शाम आशी, तारिफ, आमिर, इदरीश, बब्बू व अन्य उनके घर में घुस गए। गालियाँ दी। कहा कि पुलिस और पटवारी से शिकायत कर तुमने क्या उखाड़ लिया। जब तेजराम ने गाली-गलौज का विरोध किया तो उन्हें बुरी तरह पीटा गया।

शिकायत में कहा गया है कि पड़ोसियों ने तेजराम को बचाने की कोशिश की तो उन्हें भी धमकी दी गई। तेजराम के मुताबिक हमलावरों ने कहा, “ये गाँव हमारा है। यहाँ हमारे तौर-तरीकों से रहना होगा। हम मुस्लिम यहाँ 90% हैं। ज्यादा परेशान करोगे तो जान और जमीन से हाथ धो लोगे। हमारे मजहब में आ जाओ या ये गाँव छोड़ कर चले जाओ।” शिकायत के मुताबिक हमलावरों ने जाते-जाते तेजराम के घर का सामान भी तोड़ डाला।

तेजराम के अनुसार कुछ अन्य ग्रामीणों के साथ भी मारपीट और धमकाने की घटना हो चुकी है। लेकिन आरोपितों के डर से कोई आगे नहीं आता। उन्होंने आरोपितों के पास हथियार होने और स्थानीय अपराधियों से संपर्क उनके का भी दावा किया है। साथ ही आरोप लगाया है कि कोसीकलां पुलिस और राजस्व कर्मचारी भी आरोपितों के दबाव में काम करते हैं। तेजराम की शिकायत पर मथुरा पुलिस ने थाना प्रभारी कोसीकलां को जाँच और जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

तेजराम ने बताया, “जब वे युवा थे तब गाँव में इतनी मुस्लिम आबादी नहीं थी। बाद के सालों में न केवल मुस्लिमों की आबादी तेजी से बढ़ी है, बल्कि गाँव के कुछ हिंदू घर छोड़कर जाने को भी मजबूर किए गए हैं। करीब 20 साल से गाँव में हिन्दू प्रधान नहीं बना है। वर्तमान मुस्लिम प्रधान भी आरोपितों का ही साथ देता है।” उनका दावा है कि कुछ समय पहले मुस्लिमों ने एक दलित महिला को बुरी तरह पीटा, फिर उसे समझौता करने को मजबूर किया। हिंदुओं को फँसाने के लिए फर्जी केस भी कई बार दर्ज करवाने की बात उन्होंने कही है।

परम तत्व दर्शन