राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण का कहर जारी है। पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 501 नए मामले सामने आए हैं। इस आंकड़े ने दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ा दी है। राजधानी में कोविड-19 रोगियों के लिए बिस्तर उपलब्ध न होने या फिर इलाज न मिलने की शिकायतें मिली हैं जबकि दिल्ली सरकार द्वारा कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए नामित पांच अस्पतालों में लगभग 70 प्रतिशत बिस्तर खाली पड़े हैं। गुरवार को दिल्ली कोरोना ऐप पर उपलब्ध नवीन आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र और दिल्ली सरकारों द्वारा संचालित अस्पतालों और निजी अस्पतालों में कुल 9444 बिस्तर उपलब्ध हैं, जिनमे से 4371 खाली हैं। दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में 1219, जीटीबी अस्पताल में 1314 और राजीव गांधी सुपर स्पेशयलटी अस्पताल में 242 बिस्तर खाली हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने हाल ही में कहा था कि, 'हो सकता है कि कुछ निजी अस्पताल ने मरीजों को प्रवेश देने से इनकार कर दिया हो, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों ने किसी भी जरूरतमंद कोविड-19 रोगी को बिस्तर देने से इनकार नहीं किया है।' आरजीएसएसएच के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, ‘हम अस्पताल में कोविड-19 के केवल बहुत गंभीर रोगियों को ही भर्ती कर रहे हैं। हल्के लक्षणों वाले या बिना लक्षण वाले मरीजों को या तो उनके घर में ही पृथकवास में रखा जा रहा है या उन्हें कोविड-19 देखभाल केंद्र भेजा जा रहा है। गंभीर हालत वाले रोगियों को भर्ती करने के लिए हमारे पास अतिरिक्त बिस्तर भी उपलब्ध हैं।' विशेषज्ञों का मानना है कि लोग सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं कराना चाह रहे हैं, जिस वजह से ऐसी स्थिती उत्पन्न हो रही है।
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