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Thursday, June 30, 2022

UP के सभी बेघर परिवारों को राहत देने जा रही योगी आदित्यनाथ सरकार, मकान बनाने के लिए मिलेगी जमीन


 यूपी के सभी बेघर परिवारों को घर देने के वादे को निभाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कार्ययोजना को अमली जामा पहनाने के लिए राजस्व परिषद ने सभी जिलाधिकारियों को आवासहीन परिवारों की संख्या बताने के लिए कहा है।

UP के सभी बेघर परिवारों को राहत देने जा रही योगी आदित्यनाथ सरकार, मकान बनाने के लिए मिलेगी जमीन
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लोक कल्याण संकल्प पत्र में हर बेघर को घर देने के वादे को निभाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार (yogi Adityanath government) ने कदम बढ़ा दिए हैं। राजस्व परिषद ने सभी जिलाधिकारियों को ऐसे परिवारों का विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है जिनके पास आवास नहीं हैं। जिलाधिकारियों से ऐसे परिवारों का ब्योरा भी तलब किया गया है जिनके पास आवास के लिए भूमि उपलब्ध नहीं हैं।

उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly election 2022) से पूर्व जारी लोक कल्याण संकल्प पत्र में भाजपा ने सत्ता में आने पर हर बेघर को घर उपलब्ध कराने का वादा किया था। पार्टी ने सभी गरीब, आवासहीन, अनुसूचित जाति व जनजाति, घुमंतू जाति, पिछड़े, वंचित व अन्य गरीब परिवारों को आवासीय पट्टे की भूमि और आवास की सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की थी।

बीते दिनों यूपी सरकार के विभिन्न विभागों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के समक्ष अपनी कार्ययोजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया था। राजस्व विभाग ने हर बेघर को घर देने की सरकार की मंशा के तहत ऐसे परिवार जिनके पास आवास के लिए जमीन नहीं है, उन्हें पट्टे पर आवासीय भूमि देने का लक्ष्य अपनी 100 दिन की कार्ययोजना में शामिल किया था।

इस कार्ययोजना को अमली जामा पहनाने के लिए राजस्व परिषद ने सभी जिलाधिकारियों को अपने जिलों में ग्रामवार और तहसीलवार ऐसे आवासहीन परिवारों की संख्या बताने के लिए कहा है। ऐसे परिवारों का भी विवरण मांगा है जिनके पास मकान बनाने के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है।

जिलाधिकारियों से परिषद ने आवासहीन परिवारों को मकान और भूमिहीन परिवारों को मकान के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए की गई कार्यवाही का विवरण भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। जिन परिवारों के पास मकान के लिए जमीन नहीं होती है, राजस्व विभाग उन्हें घर बनाने के लिए ग्राम समाज की भूमि पट्टे पर देता है।

‘हिंदुत्व’ का साथ छोड़ना पड़ा शिवसेना को भारी, भारत में पहली बार इस मुद्दे पर गिरी कोई सरकार

बीजेपी से उद्धव की ऐसी ठनी कि उन्होंने हिंदुत्व का परित्याग कर सेकुलर बनते हुए शिवसेना के ही कट्टर विरोधी रही कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला लिया। यहां तक कि जब पालघर में दो साधुओं की पीटकर हत्या की गई, तो उद्धव ठाकरे ने इसका जोरदार विरोध तक नहीं किया।

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मुंबई। पिछले करीब 10 साल से हिंदुत्व के मुद्दे ने भारत में जोर पकड़ा है। खासकर अयोध्या में राम मंदिर बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हिंदुत्व की भावना ने जोर पकड़ा है, लेकिन फिर भी शायद किसी ने नहीं सोचा था कि भारत में इसी हिंदुत्व का विरोध किस सरकार के गिरने की वजह बन जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ। हिंदुत्व के मसले पर पहली बार भारत में सरकार गिरी और तीन पार्टियों शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी को महाराष्ट्र की सत्ता गंवानी पड़ी। खास बात ये भी है कि सरकार चला रहे इन तीनों दलों में शिवसेना एक समय प्रखर और उग्र हिंदुत्व का दूसरा नाम थी, लेकिन सत्ता के मोह ने इसके प्रमुख उद्धव ठाकरे को अपनी पुरानी लाइन से अलग हटकर सेकुलर पार्टियों का साथ लेने पर मजबूर कर दिया। फिर भी आखिरकार हिंदुत्व की वजह से ही उन्हें सरकार से हाथ धोना पड़ा।

uddhav and raj with balasaheb thakrey

बीजेपी और शिवसेना के बीच करीब 25 साल से ज्यादा वक्त का साथ इसी हिंदुत्व की वजह से रहा। शिवसेना के सुप्रीमो रहे बालासाहेब ठाकरे अपने उग्र हिंदुत्व और भगवा रंग की वजह से देश के साथ विदेश तक पहचान रखते थे। बालासाहेब ने तो ये भी दावा किया था कि 1992 की 6 दिसंबर को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के ढांचे को शिवसैनिकों ने ही मटियामेट किया था। जब तक बालासाहेब जिंदा रहे, बीजेपी के साथ शिवसेना बनी रही। फिर बालासाहेब का निधन हो गया। इसके बाद उद्धव ने शिवसेना की कमान संभाली और फिर 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद सीएम की कुर्सी को लेकर बीजेपी से उद्धव की ऐसी ठनी कि उन्होंने हिंदुत्व का परित्याग कर सेकुलर बनते हुए शिवसेना के ही कट्टर विरोधी रही कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला लिया। यहां तक कि जब पालघर में दो साधुओं की पीटकर हत्या की गई, तो उद्धव ठाकरे ने इसका जोरदार विरोध तक नहीं किया।

eknath shinde and uddhav thakrey

फिर भी शायद शिवसेना में अंदर ये सुगबुगाहट रही कि हिंदुत्व की वजह से जिस शिवसेना की पहचान थी, उसे अपना पुराना चोला छोड़ना नहीं चाहिए था। नतीजे में बीते दिनों जब राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव हुए, तो शिवसेना के विधायकों ने ही उद्धव को झटका देते हुए बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर उसके एक्स्ट्रा उम्मीदवारों की जीत तय कर दी। फिर उद्धव ने इस पर नाराजगी जताई, तो उनके ही करीबी रहे एकनाथ शिंदे ने हिंदुत्व की बात कहते हुए सबसे पहले बगावत की और फिर इसी मुद्दे पर अपने साथ 39 शिवसेना विधायकों समेत करीब 50 विधायक जोड़ लिए। इसके साथ ही 9 दिन में हिंदुत्व ने आखिरकार उद्धव सरकार की बलि ले ली।

Monday, June 27, 2022

वायुसेना प्रमुख ने दो-तरफा हमले​ का जताया खतरा, China और Pakistan कर सकते है दो तरफा हमला; कहा- हमें हर खतरे को भांपने की है जरूरत...

भारत से सिर्फ दो देशों की ही दुश्मनी है, और दोनों ही देशों की नजर भारत पर है। एक तरफ से पाकिस्तान और दूसरी तरफ से चीन, भारत की भौगोलिक स्थिति कुछ ऐसी है कि दोनों दुश्मन देश भारत के लिए खतरा बने हुए हैं। अब इसी बात को लेकर एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने चेतावनी जताई है। उन्होंने चीन और पाकिस्तान की तरफ से एक-साथ हमले की आशंका जताते हुए कहा है कि भारत को पश्चिमी और उत्तरी बॉर्डर पर फैली अशांति और अस्थिरता को 'टू फ्रंट कंटिन्जेंसी' यानी दो-तरफा हमले की स्थिति के तौर पर देखना चाहिए और इसी के मुताबिक अपनी तैयारियां पूरी रखनी चाहिए।

मिसी जानकारी के अनुसार, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ से पूछा गया कि क्या यूक्रेन में रूसी हमले को देखकर चीन LAC के पास अपनी गतिविधियों में तेजी लाने के लिए प्रेरित हो सकता है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सभी वैश्विक और जियोपॉलिटिकल इवेंट्स का भारत और चीन के संबंधों पर क्या असर पड़ सकता है, इसका सभी स्तरों पर सभी डोमेन में लगातार आकलन किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि एक देश के रूप में हमें अपने निकटतम और भविष्य के सभी खतरों का सटीक आकलन करने की जरूरत है, ताकि उनसे लड़ने के लिए जरूरी क्षमताओं को तैयार किया जा सके।

एक इंटरव्यू के दौरान एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि भारत पर हर तरफ से हमला किया जा सकता है। मिलिट्री स्टैंड-ऑफ से लेकर खुफिया जानकारी के गलत इस्तेमाल और पावर सोर्सेज के हैक किए जाने तक कुछ भी हो सकता है। ऐसे में भारत के सुरक्षा सिस्टम और क्षमताओं को इन चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा।

इसके अलावा देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जननरल बिपिन रावत और पूर्व सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे ने भी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर चीन और पाक की तरफ से एक-साथ हमले की चिंता जाहिर की थी, लेकिन यह पहली बार है जब किसी मौजूदा सेनाप्रमुख ने दो-तरफा युद्ध की आशंका जताते हुए डिटेल प्लान बनाने की बात कही है।

32 की उम्र में 12 शादियां, हर बीवी से खुद को बताता था कुंवारा फिर करवाता था धंधा


बिहार के किशनगंज से ऐसे शख्स की गिरफ्तारी हुई है, जिसने 12 शादियां रचाई हैं

बिहार के किशनगंज से ऐसे शख्स की गिरफ्तारी हुई है, जिसने 12 शादियां रचाई हैं


क्या कोई शख्स 32 साल की उम्र में एक-दो नहीं बल्कि 12 शादियां कर सकता है? आपका जवाब बेशक ना होगा, लेकिन अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो गलत हैं क्योंकि हम आपको बता रहे हैं बिहार के एक ऐसे शख्स की कहानी जिसकी फितरत शादी करना ही है. यही कारण है कि इस शख्स ने महज 32 साल की उम्र में एक या दो नहीं बल्कि 12 शादियां कीं. खास बात ये है कि 12 बेगमों का शौहर बन चुका ये शख्स अभी भी खुद को कुंवारा बताता है.

मामला बिहार के किशनगंज और पूर्णिया से जुड़ा है जहां पुलिस ने इस शख्स को गिरफ्तार किया है. शमशाद नाम के इस शख्स ने अपने आप को कुंवारा बताकर कई शादियां कीं और एक बार फिर से शादी करने के फेर में था लेकिन वो इस बार पुलिस के हथ्थे चढ़ गया. जब उसकी रंगीन मिजाजी की पोल खुली तो सुनने वाला हर कोई हैरान रह गया. किशनगंज जिले के कोचाधामन थाना क्षेत्र के रहने वाले शमशाद उर्फ मुनव्वर ने 12 शादियां कर डालीं. इस दौरान खास बात यह रही कि एक भी बेगम को दूसरे का पता नहीं था.

इस आदमी की हवस इतने में भी शांत नहीं हुई और इस बार उसने एक नाबालिग लड़की का शादी की नियत से अपहरण कर लिया. जब लड़की के पिता ने पुलिस से शिकायत की तो शिकायत मिलने पर पूर्णिया जिले के अनगढ़ थाना का मामला होने के कारण अनगढ़ थाना में मामला दर्ज हुआ और खोजबीन शुरू हुई. जांच पड़ताल के क्रम में पता चला कि यह आरोपी कोचाधामन थाना क्षेत्र के अनारकली का रहने वाला है. इस मामले में किशनगंज पुलिस की मदद ली गई और अन्त में बहादुरगंज थाना क्षेत्र से उसकी गिरफ्तारी हुई.

आरोपी ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया कि वह शादी करने के बाद अपनी सभी पत्नी को यूपी ले जाया करता था. एसडीपीओ अनवर जावेद ने बताया कि शमशाद दिलफेंक आदमी है और लड़कियों को आसानी से अपने जाल में फंसा लेता है और शादी कर अन्त में यूपी में ले जाकर जिस्म के सौदे के लिए बेच दिया करता था. इस तरह से हरेक बीवी का सौदा करने के बाद वो अलग-अलग इलाके में नई बेगम की तलाश करता था.

फिलहाल जैल भेजा जा रहा है, कई माशूम की जिंदगी बर्बाद करने वाले को उसके किये की  सजा तो मिल गई पर  वही उसकी करनी से  इलाके में इतने शादी करने  को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है|

अनगढ़ के थाना प्रभारी पृथ्वी पासवान ने बताया कि 27 नवंबर 2015 को अनगढ़ थाना इलाके से एक लड़की गायब हुई थी. उसके पिता ने नाबालिग लड़की के अपहरण का केस किया था. जिसमें उसने मोहम्मद शमशाद उर्फ मनोवर पर उनकी नाबालिग बेटी का अपहरण कर शादी रचाने का आरोप लगाया था. इस मामले में वह तब से लगातार फरार था लेकिन अनगढ़ पुलिस ने बहादुरगंज पुलिस के सहयोग से उसे किशनगंज जिला से गिरफ्तार किया.

अनगढ़ थाना के एसआई शंकर सुमन ने बताया कि अब तक 6 महिलाओं से शादी की पुष्टि हुई है, जिसमें एक अनगढ़ थाना इलाके की तो 5 किशनगंज जिला की लड़कियां हैं. पुलिस के मुताबिक 32 वर्षीय शमशाद साइको टाइप का आदमी है. वह लड़कियों को प्यार का झांसा देकर बहला फुसलाकर शादी रचाता है. पुलिस ने आरोपी शमशाद उर्फ मनोवर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

Tuesday, June 21, 2022

प्रशांत महासागर में हालात तनावपूर्ण, रूस और चीन के दर्जनों युद्धपोतों ने जापान को घेरा


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  यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध अभी समाप्त नहीं हुआ है। इस बीच प्रशांत महासागर में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। दरअसल रूस और चीन के युद्धपोतों ने जापान को घेर लिया है। माना जा रहा है कि रूस और चीन के दो दर्जन से अधिक युद्धपोत पिछले कुछ दिनों से जापान और उसके द्वीपों के चारों ओर समुद्र में चक्कर लगा रहे हैं।

जापान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर चीन के युद्धपोतों को लेकर चिंता जाहिर की। जापान की सेना अपने देश के चारों तरफ लगातार चक्कर लगा रहे इन रूसी और चीनी युद्धपोतों पर नजर बनाए हुए है। पिछले चार दिनों में ही जापानी सेना ने चीन के चार और रूस के 16 नौसैनिक जहाजों का पता लगाया है। इन युद्धपोतों में चीन का सबसे आधुनिक व ताकतवार टाइप 055 डेस्ट्रायर युद्धपोत भी शामिल है।

इसके अलावा टाइप 052 डी डेस्ट्रायर युद्धपोत और एक टाइप 901 आपूर्ति जहाज भी प्रशांत महासागर में दक्षिण से होंशू द्वीप के पश्चिम की ओर जाते हुए देखा गया है। इनके साथ एक इलेक्ट्रानिक खुफिया निगरानी युद्धपोत भी वहां मौजूद है। दो चीनी युद्धपोत जापान के मुख्य द्वीप होक्काइदो को उत्तर में सखालिन द्वीप से अलग करने वाले सोया स्ट्रेट से गुजरते हुए प्रशांत महासागर की ओर बढ़ गए। ठीक उसी समय जासूसी और ईंधन की आपूर्ति करने वाला एक युद्धपोत प्रशांत महासागर से गुजरा।

इन चीनी युद्धपोतों के अलावा रूस के 16 युद्धपोत भी जापान के चक्कर लगा रहे हैं। जापान की सेना ने कहा कि पांच रूसी युद्धपोत फिलीपींस सागर से पूर्वी चीन सागर में घुसे हैं। ये रूसी युद्धपोत जापानी द्वीपों ओकिनावा और मियाकोजिमा के समुद्री इलाके से होकर गुजरे हैं। इसके अलावा 11 अन्य रूसी युद्धपोत जापान के पास के समुद्री इलाके में गश्त लगा रहे हैं।


Monday, June 20, 2022

रोहिंग्या मुस्लिम देश के लिए खतरा, करते हैं महिलाओं की तस्करी, शरण देने के बाद बांग्लादेश की पीएम को पछतावा


रोहिंग्या मुस्लिम देश के लिए खतरा, करते हैं महिलाओं की तस्करी, शरण देने के बाद पीएम को पछतावा

रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि उनका देश कब तक 10 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों का इतना बड़ा बोझ झेल सकता है. बांग्लादेश में 11 लाख रोहिंग्या मुस्लिमों ने शरण ली है और वह बांग्लादेश के लिए दीर्घकालिक सामाजिक समस्याएं पैदा कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि रोहिंग्या हथियार, नशीली दवाओं और महिलाओं की तस्करी में लगे हुए हैं. शेख हसीना ने संसद भवन कार्यालय में नव-नियुक्त कनाडा के उच्चायुक्त लिली निकोल्स के सामने अपनी चिंता प्रकट की.

कनाडा के उच्चायुक्त के सामने प्रकट की चिंता
शेख हसीना ने संसद भवन कार्यालय में नव-नियुक्त कनाडा के उच्चायुक्त लिली निकोल्स के सामने अपनी चिंता प्रकट की. प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि बांग्लादेश भासन चार द्वीप पर 100,000 रोहिंग्याओं को अस्थायी आश्रय प्रदान कर रहा है, जहां उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलेंगी. उच्चायुक्त ने कहा कि कनाडा इस संबंध में हमेशा बांग्लादेश का समर्थन करेगा, और उनका देश रोहिंग्याओं के लिए दान के माध्यम से एक अतिरिक्त कोष बना रहा है.

लिली निकोल्स ने यह भी कहा कि कनाडा बांग्लादेश के साथ राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए बहुत खुश है साथ ही बांग्लादेश को उसकी स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती और राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के जश्न के लिए बधाई देता है.

रूस यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा
दोनों ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की और इस बात पर सहमत हुए कि युद्ध हमेशा लोगों को पीड़ा देता है. जैसा कि दोनों सहमत थे कि द्विपक्षीय व्यापार और व्यापार आगे बढ़ सकता है, शेख हसीना ने कहा कि वह कनाडा के साथ व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं और कनाडा में बड़े बांग्लादेशी प्रवासी दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के संपर्क को बढ़ाने में सकारात्मक योगदान दे रहे हैं.

Agnipath voilence: दंगाइयों पर कहर बनकर टूटेगी योगी सरकार... यह लिया बड़ा एक्शन...



उत्तर प्रदेश में अग्निपथ योजना के विरोध में जो उपद्रवियों द्वारा हिंसा की गई है। उसमें लगभग 12 लाख का नुकसान हुआ है। अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इन उपद्रवियों पर बड़ा एक्शन लेने जा रही है। आपको बता दें पहले भी दंगाइयों ने उत्तर प्रदेश में जो भी नुकसान पहुंचाया है। उन पर योगी सरकार का बुलडोज़र कहर बनकर टूटा है।

 वाराणसी में शुक्रवार को अग्निपथ योजना के विरोध में तोड़फोड़ करने वालों पर जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। रोडवेज और निजी सहित 36 वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त किया। जिला प्रशासन के अनुसार 12 लाख 97 हजार रुपये की आर्थिक क्षति हुई।

 जानकारी के अनुसार जेल में बंद पांच जिलों के 27 उपद्रवियों से क्षतिपूर्ति की वसूली की जाएगी। यह सभी वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, जौनपुर, आजमगढ़ के हैं।  जिलाधिकारी ने इसका पूरा दावा प्रस्ताव 27 व्यक्तियों के नाम साक्ष्य सहित तैयार कर लिए गए हैं।

 आपको बता दें कि परिवहन निगम वाराणसी क्षेत्र एवं वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज की कुल 36 बसें, जिनमें से 21 बसें कैंट बस स्टेशन पर मार्ग पर प्रस्थान करने के लिए खड़ी थीं और 15 बसें जो कैंट बस स्टेशन से काशी कार्यशाला की ओर जा रहीं थीं। इन वाहनों को सिटी रेलवे स्टेशन की ओर से कैंट रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे 100-150 प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया था।

राम मंदिर निर्माण के लिए दान में मिले 22 करोड़ के चेक बाउंस


अयोध्या। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से चलाए गये निधि समर्पण अभियान में अब तक कुल 5457.94 करोड़ की धनराशि एकत्र हो चुकी है। हालांकि यह संख्या अभी अंतिम नहीं है क्योंकि जिलावार आडिट का काम अभी पूरा नहीं हो सका है। फिलहाल अखिल भारतीय स्तर से निधि समर्पण अभियान की मानीटरिंग कर रही टीम की गणना में एक टेन्टिव रिपोर्ट सामने आई है। इसके अनुसार श्रीराम मंदिर के लिए दान करने वालों में लगभग 22 करोड़ के कई चेक ऐसे हैं जो बाउंस हो गये हैं। इन्हें अलग करते हुए एक दूसरी रिपोर्ट बनाई जा रही है। 

रिपोर्ट के जरिए चेक बाउंस होने के कारणों का पता लगेगा। तकनीकी कारणों से बाउंस होने वाले चेक को बैंक के साथ बैठक करके दोबारा रिप्रेजेंट किया जाएगा। इस रिपोर्ट के मुताबिक कूपनों व रसीद के जरिए 2253.97 करोड़ की निधि एकत्र हुई। इसी तरह से डिजिटल माध्यमों से 2753.97 करोड़ व एसबीआई-पीएनबी व बीओबी के बचत खातों में करीब 450 करोड़ की धनराशि एकत्र हुई है। ट्रस्ट की ओर से निधि समर्पणके दस, सौ व एक हजार के कूपन छपवाए गये थे। इसके अलावा इससे अधिक की धनराशि के लिए रसीदों का प्रयोग किया गया। 

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया कि दस रुपये के कूपन से 30.99 करोड़, सौ रुपये के कूपन से 372.48 करोड़ व एक हजार के कूपन से 225.46 करोड़ व रसीदों के जरिए 1625.04 करोड़ की निधि एकत्र हुई। इस प्रकार कुल राशि 2253.97 करोड़ हुई।

Sunday, June 19, 2022

‘अग्निवीरों’ की भर्ती की डिटेल जारी, 1 करोड़ का बीमा- कैंटीन सुविधा व 30 दिन की छुट्टी


अग्निपथ स्कीम में अग्निवीरों की भर्ती के लिए वायुसेना ने डिटेल अपनी वेबसाइट पर जारी कर दी है। इस डिटेल के अनुसार चार साल की सेवा के दौरान अग्निवीरों को वायुसेना की ओर से कई सुविधाएं दी जाएंगी जो स्थायी वायुसैनिकों को मिलने वाली सुविधाओं के अनुसार ही होंगी। एयरफोर्स की वेबसाइट पर अपलोड की जानकारी के अनुसार अग्निवीरों को सैलरी के साथ हार्डशिप एलाउंस, यूनीफार्म एलाउंस, कैंटीन सुविधा और मेडिकल सुविधा भी मिलेगी। ये सुविधाएं एक रेगुलर सैनिक को मिलती हैं।

अग्निवीरों को सेवा काल के दौरान ट्रैवल एलाउंस भी मिलेगा। इसके अलावा उन्हें साल में 30 दिन की छुट्टी मिलेगी। उनके लिए मेडिकल लीव की व्यवस्था अलग है। अग्निवीरों को सीएसडी कैंटीन की भी सुविधा दिलेगी। अगर दुर्भाग्यवश किसी अग्निवीर की सर्विस (चार साल) के दौरान अगर मृत्यु होती है तो उसके परिवार को इन्श्योरेंस कवर मिलेगा। इसके तहत उसके परिवार को करीब 1 करोड़ रुपये मिलेंगे।

वायुसेना ने कहा है कि वायुसेना में इनकी भर्ती एयर फोर्स एक्ट 1950 के तहत 4 साल के लिए होगी। वायुसेना में अग्निवीरों का एक अलग रैंक होगा जो मौजूदा रैंक से अलग होगा। अग्निवीरों को अग्निपथ स्कीम की सभी शर्तों को मानना होगा। जिन अग्निवीरों की वायुसेना में नियुक्ति के समय उम्र 18 साल से कम होगी उन्हें अपने माता-पिता या अभिभावक से अपने नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर करवाना होगा। चार साल की सेवा के बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को रेगुलर कैडर में लिया जाएगा। इन 25 फीसदी अग्निवीरों की नियुक्ति सेवा काल में उनके सर्विस के परफॉर्मेंस के आधार पर की जाएगी।

वायुसेना के अनुसार अग्निवीर सम्मान और अवॉर्ड के हकदार होंगे। अग्निवीरों को वायुसेना की गाइडलाइंस के अनुसार ऑनर्स और अवॉर्स दिया जाएगा। वायुसेना में भर्ती होने के बाद अग्निवीरों को सेना की जरूरतों के अनुसार ट्रेनिंग दी जाएगी।


सेना ने कर दिया साफ- 'Agnipath' योजना को नहीं लिया जाएगा वापस; प्रदर्शनकारियों की Army में एंट्री नहीं


'अग्निपथ' (Agnipath Scheme) को लेकर देश के कई राज्यों में हो रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बीच सेना ने रविवार को साफ कर दिया है कि इस योजना को वापस नहीं लिया जाएगा।

सेना ने कर दिया साफ- 'Agnipath' योजना को नहीं लिया जाएगा वापस; प्रदर्शनकारियों की Army में एंट्री नहीं, खास बातें...

‘अग्निपथ’ Agnipath Scheme) को लेकर देश के कई राज्यों में हो रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बीच सेना ने रविवार को साफ कर दिया है कि इस योजना को वापस नहीं लिया. रविवार को तीनों सेना की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि अब सभी भर्तियां इसी के जरिये होंगी. प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान DMA के एडिशनल सेंक्रेटरी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि हमारे साथ जो ‘अग्निवीर’ में जुड़ना चाहता है वो किसी भी प्रदर्शन या तोड़फोड़ का हिस्सा नहीं रहा हो. फौज में पुलिस वेरिफिकेशन के बिना कोई नहीं आ सकता. इसलिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अनुरोध है कि अपना समय खराब न करें. अगर उनके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो वे सेना में शामिल नहीं हो सकते…उन्हें (आकांक्षी) नामांकन फॉर्म के हिस्से के रूप में यह लिखने के लिए कहा जाएगा कि वे आगजनी का हिस्सा नहीं थे, उनका पुलिस सत्यापन किया जाएगा.

‘FIR वाले उम्मीदवार को सेना में जगह नहीं’

  • लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अनुशासन भारतीय सेना की नींव है. आगजनी, तोड़फोड़ के लिए इसमें कोई जगह नहीं है. हर व्यक्ति को एक प्रमाण पत्र देना होगा कि वे प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे. पुलिस सत्यापन 100% है, उसके बिना कोई शामिल नहीं हो सकता.
  • लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अनुशासन सशस्त्र बलों के लिए एक बुनियादी जरूरत है. अगर किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ कोई प्राथमिकी है तो वे इसका हिस्सा नहीं हो सकते हैं.
  • डीएमए के ए़डिश्नल सेक्रेटरी लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि ‘अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है. सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा.
  • उन्होंने कहा कि ‘अग्निवीर’ भी हमारे जैसे कपड़े पहनेंगे, लंगर में साथ खाना खाएंगे. साथ ही देश की सेवा में बलिदान देने वाले ‘अग्निवीरों’ को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा.
  • वहीं, एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि दिसंबर के अंत तक ‘अग्नवीर’ के पहले बैच को वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा और 30 दिसंबर से पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी.
  • उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना में 24 जून से ‘अग्निवीरों’ के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यह एक ऑनलाइन सिस्टम है. उसी के तहत उसपर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. एक महीने बाद 24 जुलाई से फैज-1 ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी.
  • उधर, नौसेना के वाइस एडमिरल डीके त्रिपाठी ने कहा कि हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है. 25 जून तक हमारा एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा. एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 21 नवंबर को हमारे पहले ‘अग्निवीर’ हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे.
  • वाइस एडमिरल डीके त्रिपाठी ने कहा कि नौसेना में हम महिला ‘अग्निवीर’ भी ले रहे हैं. उसके लिए हमारी ट्रेनिंग में जो संशोधन करना है उसके लिए काम शुरू हो चुका है. हमें 21 नवंबर का इंतजार है, मुझे आशा है कि महिला और पुरुष ‘अग्निवीर’ आईएनएस चिल्का पर रिपोर्ट करेंगे.
  • लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने कहा कि दिसंबर के पहले हफ्ते तक हमें 25,000 ‘अग्नवीर’ का पहला बैच मिलेगा और दूसरा बैच फरवरी 2023 के आसपास शामिल किया जाएगा, जिससे यह 40,000 हो जाएगा.
  • लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा कि हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं. किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे.
  • इससे पहले ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की अध्यक्षता में तीनों सेना के प्रमुखों की लगातार दूसरे दिन बैठक हुई.

नाटो चीफ ने दी चेतावनी, सालों तक जारी रह सकता है रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध, बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी


नाटो चीफ ने कहा कि हमें युद्ध की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. (फाइल फोटो)

रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू की थी. दोनों देशों के बीच पिछले 116 दिनों से युद्ध चल रहा है और अभी भी हालात संकट ग्रस्त बने हुए हैं. इस बीच रविववार को रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर नाटो प्रमुख ने एक बड़ी बात कही है. नाटो प्रमुख ने कहा कि रूस यूक्रेन के बीच युद्ध सालों तक चल सकता है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों को यूक्रेन का समर्थन जारी रखने के लिए तैयार रहना होगा.

नेटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग (Jens Stoltenberg) ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई की कीमत बहुत बड़ी है लेकिन अगर रूस अपने सैन्य मकसद को हासिल कर लेता है तो उसकी कीमत इससे कहीं ज्यादा बड़ी होगी.

बोरिस जॉनसन भी दे चुके हैं चेतावनी
बता दें कि इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी इस बात को लेकर दुनिया तो आगाह किया था कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध काफी लंबा खिच सकता है. बोरिस जॉनसन और जेंस स्टोल्टेनबर्ग दोनों ने ही ये बात कही है कि ज़्यादा हथियार भेजे जाने से यूक्रेन की जीत की संभावना बढ़ जाएगी.

एक जर्मन अखबर बिल्ड को दिए इंटरव्यू में नाटो प्रमुख ने कहा कि हमें इस बात लेकर तैयार रहना होगा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध सालों तक खिंच सकता है. हमें यूक्रेन के समर्थन में पीछे नहीं हटना चाहिए, हमें चाहे भले ही इसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े.

हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए
उन्होंने कहा कि हमें चाहे यूक्रेन को मिलिट्री सपोर्ट देना पड़े या फिर युद्ध की वजह से तेल, गैस और खाद्य पदार्थो की बढ़ती कीमतों का सामना करना पड़े. हमे हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए.

पश्चिमी देशों के सैन्य सगंठन प्रमुख ने कहा कि यदि हम यूक्रेन को भारी मात्रा में आधुनिक हथियार उपलब्ध कराते हैं तो इससे डोनबास के इलाके को आजाद कराने की संभावना बढ़ जाएगी.

उन्होंने बताया कि इस समय डोनबास का हिस्सा रूस के कंट्रोल में आ गया है. पिछले कुछ वक्त से रूस के सैनिक देश के पूर्वी इलाके में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए लड़ रहे हैं. हाल के दिनों में रूस ने इस इलाके में अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है.

Saturday, June 18, 2022

अग्निपथ योजना के विरोध में अलीगढ़ मे उपद्रव करने वालों के योगी की पुलिस नें लगाए पोस्टर,जल्द होगी गिरफ्तारी


पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान के लिये जारी किये पोस्टर

योगी की पुलिस नें अलीगढ हिंसा मे शामिल उपद्रवियों के पोस्टर जारी किये है जिन लोगो नें भी उपद्रव किया है उनमे से कोई भी छोड़ा नहीं जायेगा।

अलीगढ़ में अग्निपथ स्कीम के विरोध में प्रदर्शन करने वाले उपद्रवियों ने जहां पूरे शहर को जलाने का प्रयास किया एक पुलिस चौकी को भी आग के हवाले किया था उन उपद्रवियों का पुलिस ने एक पोस्टर जारी किया है एक्स एक्स एक्स चित्र में हुए बवाल की फोटो में ज्यादातर युवकों के मुंह ढके हुए हैं किसी ने मास्ट तो किसी ने कपड़ा लपेट रखा है ताकि चेहरे की पहचान ना हो सके पुलिस की 10 टीम इन की पहचान करने में जुटी हैं यह उधर भी पूरी प्लानिंग के साथ सड़क पर उतरे थे सुबह 11:00 बजे के बाद में धीरे-धीरे खट्टा होना शुरू हुए खेतों में छिपकर उन्हें पहले अपनी संख्या बढ़ाई और फिर टप्पल हाईवे पर तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी थी हाईवे पर तोड़फोड़ के बाद मैं जट्टारी की ओर बढ़े और वहां पुलिस चौकी में आग लगा दी और चौकी में खड़े पुलिस वाहन को भी आग के हवाले किया ।

पुलिस के हथियार लूटने की भी थी मंशा

उपद्रवियों की मंशा पुलिस के हथियार लूटने की थी सब ने अपना चेहरा छिपा रखा था उन्होंने बाजार में प्रवेश करते ही सबसे पहले बाजार में लगे सभी सीसीटीवी को तोड़ा बताया जा रहा है सीसीटीवी तोड़ने के बाद पुलिस चौकी में घुसे और हत्यारों को ढूंढने का प्रयास किया जब हथियार नहीं मिले तो पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया और वहां खड़ी पुलिस की गाड़ी में भी आग लगा दी।
यह सब एक प्लानिंग के तहत किया जा रहा था जिन उपद्रवियों के पास कोई कपड़ा चेहरा ढकने के लिए नहीं था उन्होंने अपनी शर्ट निकाल कर के चेहरे को ढक रखा था सभी उपद्रवियों ने अपना चेहरा छिपाने का प्रयास किया।
उपद्रवी अपना चेहरा दिखाने से बच रहे थे पहले उन्होंने सीसीटीवी के कैमरे तोड़े उसके बाद जो लोग कुछ उनकी वीडियो बना रहे थे उनके मोबाइल छीन कर के मोबाइल तोड़े गए और वीडियो बनाने वालों को भी पीटा गया।

पेट्रोल की बोतल लेकर आए थे साथ में

उपद्रवियों की मंशा कोई विरोध करना नहीं था उनकी प्लानिंग पहले से ही हिंसा करने की थी भीड़ इकट्ठा होकर आई सभी के हाथों में लाठी डंडे थे पेट्रोल से भरी बोतलें थी जिनके पास पेट्रोल नहीं था बाइकों से निकालकर वाहन चलाए जा रहे थे इनको देख कर के कोई नहीं कह सकता था कि यह पढ़े लिखे नौजवान है और रोजगार के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं इनके द्वारा किए गए कृत्य सभी आतंकवादी श्रेणी के थे मानो यह इस देश के ही ना हो सरकारी बसों को इस तरह जलाया गया पुलिस चौकी को फूंका गया एक पढ़ा-लिखा नौजवान ऐसा कभी नहीं कर सकता एक-एक उपद्रवी की जांच हो रही है पुलिस की टीमें जांच में जुटी है सभी उपद्रवियों की पहचान करने में लगी हुई हैं जल्द ही इनकी पहचान करके सुसंगत धाराओं में मुकदमे दर्ज होंगे साथ ही जलाई गई संपत्ति की भरपाई भी इन्हीं लोगों से की जाएगी।

Friday, June 17, 2022

मुकेश खन्ना बोले- मुसलमानों की तरह हिंदू भी मंगलवार को हों इकट्ठे, बढ़ेगी ताकत


मुकेश खन्ना का इंस्टाग्राम पोस्ट सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं। उन्होंने हिंदुओं से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा हिंदू धर्म के लोगों को हफ्ते में एक दिन मुस्लिमों और ईसाइयों की तरह इकट्ठा होना चाहिए, इससे उन्हें जुड़ने का मौका मिलेगा। मुकेश खन्ना ने यह भी कहा कि हिंदुओं को भी कट्टर बनना चाहिए और अपनी ताकत दिखानी चाहिए। हाल ही में हुए दंगों पर मुकेश खन्ना ने कहा कि ये प्री-प्लान्ड थे। साथ ही यह भी कहा कि राजनीति की वजह से ये दंगे किए जाते हैं क्योंकि नेताओं को वोट चाहिए।

मुकेश खन्ना ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था। इसके बाद एक वीडियो इंटरव्यू में भी बोले। उन्होंने पोस्ट में लिखा था, जुमे की नमाज है, संडे का मास है लेकिन हिंदुओं का क्या है? इनके पास कौन सा दिन है जहां पूरे देश के हिंदू एक साथ मिलकर एक समय पर कुछ कॉमन कर सकें। हिंदुओं में एकता की कमी है। यूनिटी नदारद है। और यही उनका सबसे बड़ा माइनस पॉइंट है। आज के माहौल में यह उन्हें मुसीबत में डाल सकता है।

सप्ताह में एक दिन इकट्ठे हों हिंदू
मैं चाहूंगा सप्ताह में एक दिन मुकर्रर किया जाए। एक टाइम फिक्स किया जाए। जहां और धर्मों के लोगों की तरह वो अपने-अपने इलाके में इकट्ठे हों और धर्म से रिलेटेड ऐक्टिविटी करें। ये उन्हें जुड़ने का मौका दे सकता है।

एक हैं मुस्लिम, बंट जाते हैं हिंदू
मुकेश खन्ना वीडियो इंटरव्यू में बोले, जब चाइना वॉर करता है तो लोग एक साथ आते हैं। हिंदू बंट जाते हैं, हरिजनों को अलग करते हैं वे जाकर क्रिस्चन बन जाते हैं। हिंदुओं को अपने ही राष्ट्र में अपना कोई एक दिन नहीं? पूरे देश के मुस्लिम एक ही दिन पर जुमे की नमाज पढ़ते हैं, मैं इसकी तारीफ करता हूं। मैंने सुना है कि दुनिया भर में 190 करोड़ मुस्लिम हैं। वे एक हैं और 100 करोड़ हिंदू बंट जाते हैं। मैंने धर्माचार्यों को कहा है कि सप्ताह का एक दिन चुनें। मंगलवार का दिन सजेस्ट किया। अपने परिवार को लेकर एक या आधा घंटा बैठिए। पूरे हिंदुस्तान में जब हिंदू ऐसे बैठेंगे तो उनकी ताकत वैसी ही दिखेगी जैसी मुस्लिमों की दिखती है।

वोट के लिए होते हैं दंगे
मुकेश खन्ना बोले, सबके पास काम है। इतनी बिजी जिंदगी में 1000 आदमी आना और गायब हो जाना साधारण बात नहीं है। दंगे प्रीप्लान्ड थे। उनके अंदर एकता है। हिंदुओं में नहीं है। वजह ये है कि वे लोग साथ में बैठते हैं। कोई धर्म हिंसा नहीं करना चाहता। राजनीतिक बहाव में किया जाता है। उनको वोट चाहिए। ममता बनर्जी बंगाल में किसको खुश करती हैं हमको दिखता है। उसको वोट चाहिए। मुकेश खन्ना बोले मैं एकता चाहता हूं। किसी धर्म को कम ज्यादा करने की बात नहीं है। मुसलमानों को लोग कट्टर बोलते हैं और हिंदू को सांप्रदायिक बोलने लगते हैं। मैं हिंदुओं से कहता हूं कि कट्टर बनिए लेकिन अपने धर्म के लिए, पर दूसरे धर्म को नीचे दिखाने के लिए नहीं। ईसाई भी एक कॉल पर आ जाएंगे, हिंदू कभी एक सीटी पर इकट्ठे नहीं होंगे।

Thursday, June 16, 2022

अपर्णा यादव को फोन पर मिली जान से मारने की धमकी, वॉट्सएप पर कॉल कर आरोपी ने कहा- AK 47 से मारूंगा गोली


मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है. पुलिस मामला दर्ज कर जांच शुरू की.

मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है. पुलिस मामला दर्ज कर जांच शुरू की.

लखनऊ. मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को जान से मारने की धमकी मिली है. धमकी दिए जाने का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी. बुधवार शाम 4:11 पर एक अपरिचित नंबर से अपर्णा यादव के मोबाईल पर एक कॉल आई. इस नंबर को अपर्णा ने रिसीव नहीं किया. अगले ही पल उसी नंबर से वाट्सएप कॉल आई. वाट्सएप कॉल करने वाले ने अपर्णा को 72 घंटे में एके 47 से हत्या करने की धमकी दी. कॉल करने वाले ने धमकी को गंभीरता से लेकर नोट करने को कहा और अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए कॉल खत्म की.

अपर्णा के सरकारी पीएसओ दिलीप सिंह ने इस धमकी पर गौतमपल्ली थाने में शिकायत दर्ज कर ली है. गौतमपल्ली थाने में धमकी वाले नंबर के खिलाफ आईपीसी 504,506,508 में एफआईआर दर्ज कर ली गई. डीसीपी सेंट्रल अपर्णा गौतम ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है. धमकी वाले नंबर की डिटेल निकाली जा रही है. इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

मुलायम सिंह की बहू हैं अपर्णा
आपको बताते चलें कि अपर्णा यादव मुलायम सिंह यादव के पुत्र प्रतीक की पत्नी हैं. विधानसभा चुनाव से पहले अपर्णा बीजेपी में शामिल हुईं थीं. समाज सेविका के तौर पर भी अपर्णा यादव को जाना जाता है. अपर्णा यादव को गौ सेविका के तौर पर पहचाना जाता है. यूपी के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी में शामिल होकर अपर्णा यादव ने सबको चौंका दिया था. अक्सर अखिलेश यादव से भी अपर्णा के बीजेपी से जुड़ने को लेकर सवाल किए जाते हैं, लेकिन अखिलेश ने कभी ऐसे सवालों का कोई जवाब नहीं दिया. अपर्णा मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे प्रतीक की पत्नी हैं.

Wednesday, June 15, 2022

‘हिंदुओं के खिलाफ एकजुट हों मुस्लिम देश…पाकिस्तान करे हमला’, मजिस्द में नफरत भरा भाषण


बीजेपी नेताओं के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान को लेकर अब विरोध की आग फिलीस्तीन में धधक रही है। अल अक्सा मस्जिद पर हिंदुओं के विरोध में एक रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में हिंदुओं के खिलाफ जिहाद छेड़ने का आह्वान किया गया।

hate speech in mosque: नई दिल्ली, 13 जून 2022। पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणियों को लेकर अब विरोध के सुर फिलीस्तीन में सुनाई दे रहे हैं। बीजेपी नेताओं की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणियों के विरोध में यरुशलम की अल अक्सा मस्जिद पर 10 जून को हिंदू विरोधी रैली का आयोजन किया गया।

द मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट (एमईएमआरआई) की रिपोर्ट के मुताबिक, अल-अक्सा मस्जिद में रैली के दौरान फिलीस्तीन के इस्लामिक स्कॉलर निधाल सियाम ने गायों की पूजा करने वाले हिंदुओं के खिलाफ जिहाद शुरू करने का आह्वान किया। उन्होंने भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान के पास हिंदुओं को सबक सिखाने के लिए सक्षम सेना है।

hate speech in mosque: इस्लामिक स्कॉलर निधाल सियाम ने कहा, हम अल अक्सा मस्जिद से मुस्लिमों की सेनाओं को संबोधित कर रहे हैं। मिस्र, तुर्की, जॉर्डन और सभी मुस्लिम देशों में हम कहते हैं, तुम कहां हो? क्या यह तुम्हारे धर्म और पैगंबर मोहम्मद का समर्थन करने का सही समय नहीं है? क्या यह सही समय नहीं है कि आप अपने देशों को आजाद कराएं? पाकिस्तान के लोगों, आपकी हिंदुओं का मुकाबला करने में अन्य किसी की तुलना में अधिक जिम्मेदारी है।

वीडियो में हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिम देशों को एकजुट करने का आह्वान किया गया। वीडियो में इस्लामिक स्कॉलर सियाम ने कहा, सबसे पहले अमेरिका ने इराक और अफगानिस्तान पर हमला किया। इसके बाद स्वीडन ने मुस्लिम बच्चों को अगवा किया। फ्रांस ने हमला किया। रूसियों ने कई बार हमला किया। फिर चीन ने अपराध किए। अब गायों की पूजा करने वाले हिंदुओं ने मस्जिदों को नष्ट किया। मुस्लिमों के कत्ल किए और उनके गांवों को उजाड़ दिया।

उन्होंने कहा, पाकिस्तान के लोगों आपको हिंदुओं से लड़ने में अधिक बड़ी जिम्मेदारी निभानी है। वे (हिंदू) बिल्कुल तुम्हारी सीमा पर है, उन्होंने तुम्हारी जमीनों पर कब्जा कर लिया है और तुम्हारे लोगों को मार रहे हैं। हिंदुओं से मुकाबले के लिए जंग के मैदान को खोलने का समय आ गया है।

बता दें कि पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी नेताओं की विवादित टिप्पणी का बडे़ पैमाने पर देश और विदेश में विरोध हो रहा है। यह विवाद थमने के बजाय और तेज होता जा रहा है। कई देशों में भारतीय उत्पादों के बॉयकॉट भी किया है।

Tuesday, June 14, 2022

यूपीवालों को 24 घंटे के अंदर मिलेगी गर्मी से राहत, 32 जिलों में बारिश के आसार


मौसम विभाग ने राज्य के 32 जिलों में कल तक बारिश होने की संभावना जताई है. (प्रतीकात्मक)

लखनऊ. यूपीवासियों के लिए मौसम विभाग का ताजा अनुमान बेहद राहत देने वाला है. कई दिनों से पड़ रही झुलसाती गर्मी से लोगों को राहत मिलने का वक्त आ गया है. मौसम विभाग के ताजा अनुमान के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के बड़े हिस्से में बारिश होने लगेगी. मौसम विभाग ने राज्य के 32 जिलों में कल तक बारिश होने की संभावना जताई है. इनमें पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वी यूपी तक के कई जिले शामिल हैं. हालांकि बुन्देलखंड के जिलों को फिलहाल किसी भी राहत की उम्मीद नहीं है.

वैसे तो पश्चिमी यूपी के कई जिलों में तेज धूप की जगह बादलों का जमावड़ा अभी से ही शुरू हो गया है. इस कारण तपिश से तो थोड़ी राहत जरूर है, लेकिन उमस ने लोगों को फिर बेहाल कर रखा है. इस बीच अगले 24 घंटे के दौरान जिन जिलों में मौसम बदल जाएगी और फुहारें पड़ सकती हैं, वे जिले हैं- मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, जौनपुर, बनारस, भदोही, प्रयागराज, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, देवरिया और आजमगढ़.

इन सभी जिलों में कहीं-कहीं तेज हवा के साथ हल्की बारिश की संभावना जताई गई है. बता दें कि इन जिलों में पिछले कई दिनों से दिन का अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के उपर दर्ज किया जा रहा है. अब मौसम में बदलाव से राहत मिलने की उम्मीद जगी है.

16 जून को बुंदेलखंड और ब्रज क्षेत्र के कुछ जिलों को छोड़कर पूरे प्रदेश में बारिश की संभावना जाहिर की गई है. लखनऊ और आसपास के जिले भी इसमें शामिल हैं. ऐसा अनुमान है कि 18 जून तक रुक-रुककर बारिश होती रहेगी. इसके आगे की तिथियों का अनुमान बाद में जारी किया जाएगा.

लखनऊ स्थित मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने कहा कि इसे मॉनसूनी बारिश नहीं माना जाएगा. ये मॉनसून के आने से पहले होने वाली प्री मॉनसून बारिश है. मॉनसून के लिए अभी तीन से चार दिनों का इंतजार करना होगा. बिहार में मॉनसून प्रवेश कर गया है. अभी तक के अनुमान के मुताबिक 17 या 18 जून को यूपी में मॉनसून का आगमन हो सकता है. अभी तक के हालात के मुताबिक मॉनसून के बहुत प्रबल होने की संभावना नहीं दिखाई दे रही है.

यूपी में बुलडोजर के खिलाफ पूर्व न्यायाधीशों ने SC से की हस्तक्षेप की मांग, बोले-संविधान का बना दिया मजाक


सुप्रीम कोर्ट को संबोधित पत्र में कहा गया है कि ऐसे महत्वपूर्ण समय में न्यायपालिका की योग्यता की परीक्षा होती है। न्यायपालिका अतीत में लोगों के अधिकारों के संरक्षक के रूप में विशिष्ट रूप से उभरी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान कार्रवाई के तमाम उदाहरण हैं जिससे लोगों के मन में विश्वास पैदा हुआ है। 

Ex Justices and Advocates letter to Supreme Court, requests to take suo motu cognizance accusing UP Administration of making mockery of constitution, DVGबीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी और फिर इस बयान के बाद देश भर में फैली हिंसा के बीच यूपी सरकार द्वारा मुस्लिम प्रदर्शनकारियों के घर ढहाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों ने संविधान का मजाक बनाए जाने का आरोप लगाया है। कई पूर्व जस्टिस व पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया है।

यूपी प्रशासन कानून का मजाक बना रहा

सुप्रीम कोर्ट के तीन पूर्व न्यायाधीश सहित 12 एक्स ब्यूरोक्रेट्स ने यूपी प्रशासन पर संविधान का मजाक बनाने का आरोप लगाते हुए, अदालत से मुस्लिम नागरिकों के खिलाफ राज्य के अधिकारियों द्वारा हिंसा और दमन के विरोध में प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया है। इन लोगों ने अदालत को बताया है कि कानून के शासन का मजाक बनाते हुए यूपी प्रशासन का प्रदर्शनकारियों के घरों को तोड़ा जाना गलत है, अदालत को स्वत: संज्ञान में लेना चाहिए। 

पत्र में लिखा है कि जिस समन्वित तरीके से पुलिस और विकास अधिकारियों ने कार्रवाई की है, वह स्पष्ट निष्कर्ष पर पहुंचा है कि विध्वंस सामूहिक अतिरिक्त न्यायिक दंड का एक रूप है। 
पत्र में कहा गया है कि पुलिस हिरासत में युवकों को लाठियों से पीटे जाने, प्रदर्शनकारियों के घरों को बिना किसी नोटिस या कार्रवाई के किसी कारण के ध्वस्त किए जाने और अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा पीछा किए जाने और पीटे जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं, जो अंतरात्मा को हिला रहे हैं।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कथित बयानों में कार्रवाई को मंजूरी देने वाले बयान जो एक उदाहरण स्थापित करते हैं ने पुलिस को प्रदर्शनकारियों को प्रताड़ित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

यह न्यायापालिका की योग्यता की परीक्षा...

सुप्रीम कोर्ट को संबोधित पत्र में कहा गया है कि ऐसे महत्वपूर्ण समय में न्यायपालिका की योग्यता की परीक्षा होती है। न्यायपालिका अतीत में लोगों के अधिकारों के संरक्षक के रूप में विशिष्ट रूप से उभरी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान कार्रवाई के तमाम उदाहरण हैं जिससे लोगों के मन में विश्वास पैदा हुआ है। लॉकडाउन के दौरान जब प्रवासी श्रमिकों को 2020 के दौरान घर चलने के लिए मजबूर किया गया था या पेगासस स्पाईवेयर का मामला है, हर बार न्यायापालिका नागरिकों के संरक्षके रूप में उभरा।

इन लोगों के हस्ताक्षर हैं पत्र पर...

14 जून को सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र में हस्ताक्षरकर्ताओं में पूर्व न्यायमूर्ति एपी शाह, पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी, वी गोपाल गौड़ा, न्यायमूर्ति के चंद्रू, न्यायमूर्ति मोहम्मद अनवर,पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण, प्रशांत भूषण, इंदिरा जयसिंह, चंद्र उदय सिंह, श्रीराम पंचू और आनंद ग्रोवर शामिल हैं।

असदुद्दीन ओवैसी और मौलाना मदनी के खिलाफ जारी होगा फतवा


असदुद्दीन ओवैसी और मौलाना मदनी के खिलाफ जारी होगा फतवा, जानिए क्या है वजह

पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद हुई विभिन्न इलाकों में हिंसा पर जमात-ए-उलेमा हिंद ने असदुद्दीन ओवैसी और मौलाना मदनी पर हमले कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि 'वे मासूम बच्चों को आगे बढ़ाकर खुद घर में घुस गए. मुसलमान के नाम पर मलाई खाएं ये और लाठियां और गोलियां खाएं मासूम.'

सुहैब कासमी ने फतवा जारी करने की बात कही

उलेमा हिंद के अध्यक्ष सुहैब कासमी ने रविवार को मीडिया के सामने इस पूरे मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'देश में किसी भी तरह की हिंसा को जायज नहीं ठहराया जा सकता है. हम हिंसा और महमूद मदनी, अरशद मदनी ओवैसी आदि लोगों के खिलाफ फतवा लाएंगे. इस फतवे पर देश के एक हजार मौलाना दस्तखत भी करेंगे.'

'हाल के दिनों में जो हालात पैदा हुए है उस पर गमजदा हैं. बीजेपी ने पार्टी की अपनी प्रवक्ता को निकाल दिया और उन पर कई राज्यों में मुकदमा भी दर्ज हुआ है. वहीं कानून अपना काम कर रही है. अचानक 15 दिन बाद शुक्रवार के दिन एक साथ प्रदर्शन शुरू हो गए. ये कोई बड़ी साजिश की तहत इशारा कर रहे हैं.'

नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर कासमी ने क्या कहा?

संगठन की ओर से यह भी साफ कर दिया गया, 'हमें उन उलेमा को साथ लेना होगा, जो देश का विकास चाहते हैं. हम राष्ट्रीय मुद्दों पर देश के साथ रहेंगे. हमारा देश सविंधान से चलने वाला है. कानून काम कर रहा है. हम किसी हिंसा के पक्ष में नहीं हैं. बुलडोजर उन पर चलना चाहिए जो बयान देकर छुप गए हैं.'

नूपुर शर्मा को क्या माफी मांगनी चाहिए और उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए, इस पर कासमी ने कहा, 'उनको उनके बयान के बाद सजा मिली है, बीजेपी ने उन्हें बर्खास्त किया, हमें खुशी है. जहां तक कानूनी सजा का सवाल है, कानून अपना काम कर रहा है. उन्हें अपना काम करने देना चाहिए और नूपुर शर्मा को माफ कर देना चाहिए.'

'सिर्फ मुसलमानों की नहीं भारतीयों की बात करो'

उन्होंने कहा कि 'देश के ज्यादातर मुस्लिम संगठन केवल 20 करोड़ मुसलमानों की बात करते हैं, 135 करोड़ भारतीयों की बात नहीं करते. अहिंसा हमारी पहचान है. हम सरकार से जांच की मांग करेंगे कि कैसे विदेशी लोगों के साथ मिलकर ये साजिश रचते हैं.'

दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार व उन पर कार्रवाई करने में जुटी हुई है. प्रदेश में पुलिस ने अब तक 300 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें प्रयागराज से 91, हाथरस से 51, सहारनपुर से 71, मुरादाबाद से 34, फिरोजाबाद से 15, अलीगढ़ से छह, अंबेडकरनगर से 34 और जालौन से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

इन सभी के खिलाफ पथराव, माहौल बिगाड़ने तथा लोगों को भड़काने में लिप्त होने का आरोप है. बवाल करने वालों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई लगातार चल रही है. फिलहाल इन सभी जिलों के हिंसा वाले इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था सामान्य है और हालात काबू में हैं.

Monday, June 13, 2022

चीन पर विश्वास करना भारत के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है: प्रताप मिश्रा


भारत के लोग पिछले हफ्ते दौरे पर आए एक अमेरिकी जनरल के इस रहस्योद्घाटन को जानकर निश्चय ही स्तब्ध रह गए होंगे कि लद्दाख में भारत-चीन की वास्तविक सीमा रेखा (एलएसी) के पार चीनी सैनिकों ने भारी तैयारी कर रखी है। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की यह कार्रवाई इस इलाके में अस्थिरता और खौफ फैलाने का एक कदम ही मानी जाएगी। सभी के मन में यह सवाल आएगा कि भारत को सीमा वार्ताओं में उलझाने वाले चीन का असल मकसद क्या है?

1962 की शर्मनाक हार के बाद भारत की संसद में यह संकल्प लिया गया था कि चीन से अपनी एक-एक इंच जमीन वापस ली जाएगी। चीन ने भारत की 38 हजार किलोमीटर भूमि पर (अक्साई चिन सहित, जो भारत के लेह जिले में आती है) कब्जा किया हुआ है। इसके अलावा पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर का करीब 5 हजार वर्ग किमी इलाका चीन को दे रखा है।

धोखे पर धोखा
बहरहाल, राजीव गांधी ने सुमदोरोंग चू में चीनी सेना के साथ हुई भीषण झड़पों के बाद यह उचित समझा कि चीन के साथ रिश्ते सामान्य बनाए जाएं। दिसंबर 1988 में उन्होंने तंग श्याओ फिंग के निमंत्रण पर चीन की ऐतिहासिक यात्रा की। इस तरह दशकों से जमी बर्फ पिघली। लेकिन आज लगता है कि जैसे हम फिर से धोखा खा गए। करीब दो-ढाई दशकों तक रिश्तों के सामान्य रहने के बाद 2017 में चीन ने डोकलाम में फिर खुराफात शुरू कर दी। डोकलाम भूटान-चीन सीमा के पास स्थित एक पठार है। चीन यहां से एक सड़क निकाल रहा था। भूटान का यह भाग सामरिक दृष्टि से भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए भारत-भूटान सुरक्षा संधि का हवाला देते हुए भारतीय फौजों ने वहां हस्तक्षेप किया और चीन को रोक दिया गया! मगर चीन अपनी खुराफातों से बाज नहीं आया। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख स्थित ‘गलवान’ घाटी में भारत-चीन बॉर्डर पर चीन के दुस्साहस को रोकने में हमें अपने 20 बहादुर सैनिकों की शहादत देनी पड़ी। चीन में सेंसरशिप के कारण यह पता नहीं चल सका कि उसके ठीक-ठीक कितने सैनिक मारे गए, लेकिन पश्चिमी प्रेक्षकों का अनुमान है कि 40-42 तो मरे ही होंगे।

तंग श्याओ फिंग की पहल पर जिसे फिलहाल वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) मान लिया गया था, उसके इस पार आकर चीन अपने दावे ठोक रहा है। इस इलाके में दोनों देशों की लगभग 50 हजार सैनिकों वाली फौजें आमने-सामने खड़ी हैं। आरोप लगाए जा रहे हैं कि हमारी कुछ जमीन पर चीन ने कब्जा कर रखा है। वहां उसने अपना झंडा फहराकर एक विडियो अपने देश के लिए जारी किया। विडियो की पृष्ठभूमि में एक पहाड़ है, जिस पर लगे एक पोस्टर पर लिखा है, ‘अपनी एक इंच जमीन भी भला क्यों छोड़नी?’ हो सकता है यह सिर्फ एक आक्रामक प्रचार की रणनीति हो! पर जो भी हो, हमें साफ-साफ बताया जाना चाहिए कि चीन के कब्जे में कहीं हमारी जमीन तो नहीं चली गई है। 1962 को 6 दशक हो गए हैं। आज का भारत पहले वाला भारत नहीं रहा। हमारी फौजें चीन को उसी की भाषा में जवाब देने में सक्षम हैं। तो सवाल यह है कि फिर झिझक कैसी है और (सीमा) वार्ताओं के चक्र पर चक्र क्यों चल रहे हैं? कहीं फिर धोखा तो नहीं दिया जा रहा?

यह ठीक है कि भारत-चीन सीमा को लेकर दोनों देशों की अपनी-अपनी धारणा है। इसका कारण यह है कि मैकमोहन नामक यह सीमा रेखा सिर्फ नक्शों या कागजों पर खिंची है। वास्तव में इसकी मोटाई कहीं चार इंच है तो कहीं चार मील। अंग्रेजों ने वास्तव में चीनी शासकों के साथ मिलकर इस रेखा को सचमुच जमीन पर नहीं उतारा था। दोनों देश अपने-अपने दावे और नक्शे पेश करते रहे हैं। इसलिए एलएसी को वास्तविक नियंत्रण रेखा बनाए रखने में कोई बुराई नहीं थी। पर चीन इस यथास्थिति को भी अपने हित में करने के लिए सीमाओं पर खुराफात करता रहता है।

चीन को लगता है कि सोवियत संघ के टूटने के बाद वही ऐसा देश है, जो अमेरिका को चुनौती दे सकता है। इसलिए महाशक्ति बनना और उसे मनवाना चीन का स्वप्न है। अपनी आर्थिक ताकत बढ़ाने के लिए वह हिंद महासागर में भी अपने सैन्य अड्डे बनाने के लिए सक्रिय हो गया, जबकि हिंद महासागर पारंपरिक रूप से भारतीय प्रभाव वाला इलाका समझा जाता रहा है। उसने तमाम पड़ोसी देशों को अपनी ताकत का लाभ उठाने का अवसर देने के नाम पर बेल्ट एंड रोड इनिशटिव (बीआरआई) शुरू की। पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह तक पहुंचने के मंसूबे में उसने चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) की शुरुआत की। पाकिस्तान के लोगों को चीन की असली मंशा जब तक समझ में आती, तब तक पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह तक का निर्बाध मार्ग चीन के लिए संभव हो गया। इस मार्ग को पाक अधिकृत कश्मीर से गुजारा गया है, जो भारत के लिए एक चिंता की बात है। दूसरी तरफ भारत के प्रशांत जल क्षेत्र में वह दूसरे देशों के मालवाहक पोतों की आवाजाही तक पर नाक-भौं सिकोड़ता है। भारत ने ‘क्वॉड’ में शामिल होकर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सामरिक संवाद में अपने को जोड़ा है जिसका मकसद एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक जलमार्ग को सबके लिए सुरक्षित कराना है।

चीन की चिंता
मनमोहन सिंह सरकार के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने अमेरिका के साथ नजदीकियां बढ़ाई हैं। चीन नहीं चाहता कि भारत अमेरिका के और निकट जाए। अपने पुराने और आजमाए हुए देश रूस के साथ अपनी दोस्ती को यथासंभव बचाए रखते हुए अमेरिका पर भरोसा करने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन अगर भारत ने 1 हजार से लेकर 10 हजार फुट की ऊंचाई पर अमेरिका के साथ युद्धाभ्यास किया, जैसी कि आगंतुक अमेरिकी जनरल चार्ल्स ए फ्लिन ने घोषणा की है, तो चीन इसका गलत मतलब भी लगा सकता है। भारत अपने बूते पर चीन का आक्रमण विफल करने की क्षमता रखता है। इसलिए काफी सोच-विचार के साथ ही युद्धाभ्यास को हरी झंडी देनी चाहिए।

Sunday, June 5, 2022

ताइवान को लेकर चीन से आरपार की लड़ाई के मूड में अमेरिका, बढ़ रहा परमाणु युद्ध का खतरा

ताइवान को लेकर चीन से आरपार की लड़ाई के मूड में अमेरिका, बढ़ रहा परमाणु युद्ध का खतरा

China Taiwan Crisis: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को 100 दिन से अधिक हो चुके हैं. अभी भी युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच चीन और ताइवान के बीच भी कुछ इसी तरह का तनाव बना हुआ है और कभी भी युद्ध होने की आशंका है. इस संकट पर भी दुनियाभर की नजर है, खासकर अमेरिका की. वह लगातार चीन को सचेत कर रहा है और ताइवान के साथ खड़ा नजर आ रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन को बाहर से समर्थन दे रहा अमेरिका चीन-ताइवान संकट पर अलग सोच रखता है. वह कहता है कि अगर युद्ध की स्थिति बनती है तो अमेरिका अपने सैनिक ताइपे में भेजेगा.

आर-पार के मूड में अमेरिका

अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्पष्ट किया है कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो अमेरिका उसके खिलाफ सीधे लड़ेगा. बाइडन का कहना है कि, वह यूक्रेन को लेकर रूस के साथ युद्ध में इसलिए नहीं जा रहा है क्योंकि रूस परमाणु शक्ति है और वह परमाणु हमले की धमकी दे रहा है, लेकिन चीन-ताइवान युद्ध में वह इस बारे में नहीं सोचेंगे. वहीं चीन और अमेरिका के बीच ताइवान को लेकर बढ़ रही टेंशन पर विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर युद्ध होता है तो यह दुनिया के लिए ठीक नहीं होगा. इसका विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा. सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी (सीएनएएस) ने हाल ही में बताया कि परमाणु शक्तियों के बीच कोई भी संघर्ष किस तरह तेजी से नियंत्रण से बाहर हो जाता है. यह टेंशन इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि अमेरिका और चीन दोनों ही परमाणु शक्ति से लैस हैं और जो समझादारी अमेरिका ने अभी तक रूस-यूक्रेन युद्ध में दिखाई है, वो चीज चीन के परिदृश्य में नजर नहीं आ रही हैं. बाइडन बार-बार कह रहे हैं कि वह अमेरिकी सेना को ताइपे की ओर से लड़ने का आदेश देंगे.

अमेरिका देगा दखल तो युद्ध का असर पूरी दुनिया पर

यहां यह समझना जरूरी है कि अमेरिका रूस की तुलना में चीन पर आक्रमक रवैया इसलिए भी अपना रहा है क्योंकि चीन के पास रूस इतनी परमाणु शक्ति नहीं है. लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि बेशक चीन का परमाणु शस्त्रागार रूस की तुलना में छोटा है, लेकिन वह इसके बाद भी अमेरिका को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया पर इसका बुरा असर पड़ेगा.

चीन बढ़ा रहा अपनी परमाणु शक्ति

अमेरिका में शोधकर्ताओं ने उत्तर पश्चिमी चीन के एक रेगिस्तान में 119 नए अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण को ट्रैक किया है, जो दर्शाता है कि चीन अपनी रणनीतिक परमाणु क्षमता को मजबूत करने में लगा हुआ है. चीन  तक पहुंचना अमेरिका के लिए आसान नहीं होगा. उसे हजारों किलोमीटर खुले समुद्र को पार करना होगा. एशिया में उसके पास जो कुछ द्वीप ठिकाने हैं वे आसानी से चीन के हमले की चपेट में आ सकते हैं.

सबसे ज्यादा असर जापान, अमेरिका और ताइवान को

सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) के विश्लेषक डॉ. माइकल ग्रीन कहते हैं कि, "अगर चीन अपने पास मौजूद हर चीज के साथ-साथ उनकी तथाकथित कैरियर किलर मिसाइल, पनडुब्बियां और बाकी सभी हथियार का यूज करता है तो यह पूरी दुनिया के लिए विनाशकारी होगा. अमेरिका और शायद जापान और ताइवान बड़े पैमाने पर हताहत होंगे.”

आंधी में गिरा विशालकाय पीपल का पेड़ अचानक हो गया खड़ा! चमत्कार मान लोग कर रहे पूजा


लोग चमत्कार मानकर पेड़ की पूजा अर्चना में जुट गये हैं.

बिहार के बगहा के वाड़ीपट्टी में एक अद्भुत घटना हुई. विगत 20 मई को गिरे जिस पीपल के पेड़ को व्यापारी कई टुकड़ों में काटकर घर ले जा चुका था. उसका बचा हुआ आधा हिस्सा जड़ के साथ फिर खड़ा हो गया. यह बात पूरे इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई. लोग इसे दैवीय शक्ति मानकर पूजा-पाठ के लिए वहां पहुंच रहे हैं.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय तिवारी टोला वाड़ीपट्टी में पीपल का एक बड़ा पेड़ था. 20 मई को आई तेज आंधी के दौरान पीपल का पेड़ गिर गया. स्कूल की कमेटी ने पेड़ का एक व्यक्ति के हाथ सौदा कर दिया. खरीदार ने पेड़ की शाखाएं काट कर ले गये.  विद्यालय के प्रधान शिक्षिका सीतालक्ष्मी, सहायक शिक्षक मोहम्मद जावेद, स्थानीय मोहल्ले वासी मनकेश्वर दीक्षित, राजू यादव, रामनाथ यादव, आजाद राम, प्रेम चंद्र तिवारी, संजय यदुवंशी, हिमाचल दीक्षित आदि ने बताया कि सुबह में एक तेज आवाज के साथ पेड़ का बचा हिस्सा पहले के जैसे खड़ा हो गया.

आस्था या अंधविश्वास?
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बगहा रेंज के रेंजर मनोज कुमार जो हरियाली मिशन का काम देखते हैं, उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक तौर पर ऐसी घटनाओं के प्रमाण नहीं हैं. यह हो सकता है कि पेड़ की शाखा काटा गया हो लेकिन उसकी जड़ें जमीन के काफी नीचे रह जाने के कारण पेड़ दोबारा खड़ा हो गया हो. फिर भी इस तरह की घटना समझ से परे है.

लोग कर रहे हैं पूजा-पाठ
स्थानीय लोगों की मानें तो जहां पर पीपल के वृक्ष का पुर्नजन्म हुआ है, वहां पर अब चबूतरा बनाकर पूजा-पाठ करने की तैयारी है. पूजा-पाठ और संकीर्तन के लिए दान पेटी रख दिया गया है. नगर के हनुमानगढ़ी मंदिर के पुजारी चंद्रिका पाठक एवं केशव तिवारी के द्वारा पूजा पाठ शुरू करते ही मोहल्ला के लोग इसे चमत्कार मानकर पेड़ की पूजा-अर्चना शुरू कर दी है.

Saturday, June 4, 2022

खुद को मुगल वंशज बताने वाले प्रिंस तुसी ने ओवैसी को बताया तुलसीराम का पड़पोता, पूरी वंशावली सामने रख दी


तुसी ने ओवैसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो हैदराबाद की मस्जिदों की ठीक से रखवाली नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन ज्ञानवापी मामले पर मुस्लिमों को भड़का रहे हैं।

prince tucy | Asaduddin Owaisi | Tulshiram

मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के पड़पोते याकूब हबीबुद्दीन तुसी उर्फ प्रिंस तुसी ने असदुद्दीन ओवैसी को तुलसीराम का पड़पोता बताया है। साथ ही उन्होंने ओवैसी की पूरी वंशावली बता दी। प्रिंस तुसी ने ज्ञानवापी मामले पर ओवैसी पर मुसलमानों को भड़काने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

तुसी ने ओवैसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो हैदराबाद की मस्जिदों की ठीक से रखवाली नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन ज्ञानवापी मामले पर मुस्लिमों को भड़का रहे हैं।

हालांकि, यह पहला मौका नहीं है कि जब प्रिंस तुसी ओवैसी के खिलाफ बोले हैं। इससे पहले भी वो ओवैसी कभी गदा और कभी मूर्ख बताते रहे हैं।
तुसी ने जगत गुरु परमहंसाचार्य पर भी निशाना साधा। कहा कि उन्होंने आगरा की ताजगंज थाना पुलिस को तहरीर देकर शिकायत की है। तहरीर में अयोध्या के जगत गुरु परमहंस आचार्य के खिलाफ सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप कार्रवाई की मांग की है।

14 साल की इस लड़की की प्रेम कहानी से पाकिस्तान में मची खलबली, कोर्ट ने कहा- देखो कहीं विदेश न चली जाए


14 साल की दुआ जेहरा (Dua Zehra) ने घर से भागकर 21 साल के प्रेमी से निकाह किया था। वह अप्रैल से गायब है। सिंध हाई कोर्ट ने पुलिस को उसे पेश करने का आदेश दिया था, लेकिन पुलिस लड़की को बरामद नहीं कर सकी।

Pakistani Girl Dua Zehra FIA ORDERED TO TAKE MEASURES AGAINST ANY BID TO TRANSFER ABROAD vva

इस्लामाबाद। 14 साल की दुआ जेहरा (Dua Zehra) की प्रेम कहानी ने पाकिस्तानी में खलबली मचा रखी है। पाकिस्तानी जैसे मुल्क में किसी का प्यार करना बड़े गुनाह से कम नहीं। यहां प्यार करने पर मां-बाप द्वारा अपनी ही बेटी के खून से हाथ रंगने की घटनाएं आम हैं। अब डर इस बात का है कि दुआ जेहरा के साथ भी कुछ ऐसी घटना न हो जाए। 

दुआ जेहरा अपने प्रेमी से शादी करने के लिए घर से भाग गई थी। उसने 21 साल के जहीर अहमद से निकाह किया। इसके बाद उसपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। परिजनों ने बेटी को अगवा किए जाने की एफआईआर करा दी। इसके बाद पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांत की पुलिस दुआ जेहरा की तलाश में जुट गई। 

अप्रैल से गायब है दुआ जेहरा 
केस दर्ज होने और दो राज्यों की पुलिस द्वारा तलाश किए जाने के बाद दुआ जेहरा ने  वीडियो जारी किया था। उसने कहा था कि पुलिस उसे परेशान कर रही है। पुलिस और घर के लोगों से उसकी जान को खतरा है। दुआ जेहरा ने  कहा था कि उसने अपनी मर्जी से विवाह किया है। दुआ जेहरा कराची से अप्रैल माह से गायब है। वह कहां है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। दूसरी ओर कोर्ट पुलिस को दुआ जेहरा को पेश करने के लिए आदेश पर आदेश दे रही है।

Pakistani Girl Dua Zehra FIA ORDERED TO TAKE MEASURES AGAINST ANY BID TO TRANSFER ABROAD vva

कोर्ट ने FIA से कहा- रखें निगरानी, कहीं दूसरे देश न चली जाए 
शुक्रवार को सिंध हाई कोर्ट में दुआ जेहरा से संबंधित मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने FIA (Federal Investigation Agency) को निर्देश दिया कि वह दुआ जेहरा को दूसरे देश ले जाने की किसी भी कोशिश  को नाकाम बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आईजी सिंध को दुआ जेहरा की पेशी में देरी के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने आदेश दिया था कि शुक्रवार की सुनवाई के दौरान उसे कोर्ट में पेश किया जाए। पुलिस उसे आज भी कोर्ट में पेश नहीं कर पाई।

इसके बाद कोर्ट ने FIA के डीजी को आदेश दिया कि वे देश के सरहदी इलाकों की निगरानी करें ताकि लड़की को दूसरे देश ले जाने की कोशिश को रोका जा सके। हाईकोर्ट ने NADRA और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को आदेश दिया है कि इस मामले में आरोपियों के बैंक अकाउंट फ्रिज किए जाएं और राष्ट्रीय पहचान पत्र निलंबित किए जाएं। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि 10 जून को होने वाली अगली सुनवाई में लड़की को पेश किया जाए।

जम्मू के वकीलों ने कोर्ट परिसर में एकत्र होकर पाकिस्तान के खिलाफ की नारेबाजी


कश्मीर घाटी में हिंदुओं की हत्याओं पर रोष प्रकट करते हुए वकीलों ने शनिवार को जानीपुर स्थित कोर्ट परिसर में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी वकीलों ने पाकिस्तान को इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की।

Target Killing In Kashmir: जम्मू के वकील भड़के, कोर्ट परिसर में एकत्र होकर पाकिस्तान के खिलाफ की नारेबाजी
प्रदर्शनकारी वकीलों ने पाकिस्तान को इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की।

 कश्मीर घाटी में हिंदुओं की हत्याओं पर रोष प्रकट करते हुए वकीलों ने शनिवार को जानीपुर स्थित कोर्ट परिसर में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी वकीलों ने पाकिस्तान को इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की।

वकीलों ने केंद्र सरकार व प्रदेश प्रशासन से भी कश्मीर में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाने की अपील की। वकीलों ने कहा कि कहीं न कहीं सरकार व प्रशासन भी कश्मीर में काम कर रहे बाहरी लोगाें को सुरक्षा मुहैया करवाने में विफल साबित हुई है। ऐसे में जरूरी है कि आतंकियों की कमर तोड़ने के साथ लोगों की सुरक्षा भी पुख्ता की जाए। वकीलों ने यह प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिशन के बैनर तले किया।

विरोध प्रदर्शन के बाद एसोसिएशन के प्रधान सीनियर एडवाेकेट एमके भारद्वाज ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीर में हो रही हत्याएं पाकिस्तान की साजिश है। पाकिस्तान एक कमजोर देश है और भारत का मुकाबला नहीं कर सकता। इसलिए सालों से वह भारत में आतंक को बढ़ावा दे रहा है। पाकिस्तान ने पहले भी कश्मीर को लहूलुहान किया है और अब उसने टारगेट किलिंग जैसा षड़यंत्र रचा है। केंद्र सरकार व जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन से कश्मीर में बाहरी लोगों की सुरक्षा पुख्ता करने की अपील करते हुए भारद्वाज ने कहा कि एेसी हत्याएं काफी चिंता का विषय है और आज कश्मीर में काम कर रहा हर व्यक्ति भयभीत है।

भारद्वाज ने कहा कि कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंक को कुचलने के लिए काफी सराहनीय कार्य किया है और अब समय की दोबारा मांग है कि विश्वास बहाली लाते हुए टारगेट किलिंग को रोका जाए और कश्मीर में ऐसा माहौल कायम किया जाए, जहां हर व्यक्ति खुद को सुरक्षित महसूस करें।पत्रकार वार्ता के दौरान एसोसिएशन के वरिष्ठ उप-प्रधान स. महेंद्र पाल सिंह, महासचिव सुरजीत सिंह, सह-सचिव आदित्य शर्मा, कोषाध्यक्ष अमनदीप सिंह, यंग लायर्स एसोसिएशन के प्रधान रोहित शर्मा, उप-प्रधान गगनदीप सिंह, महासचिव यासीर खान, सह-सचिव कर्णजीत सिंह व कोषाध्यक्ष नरेश कुमार समेत काफी संख्या में वकील मौजूद रहे। 

Thursday, June 2, 2022

बिना दूल्हे के खुद से शादी करेंगी क्षमा बिंदु, हनीमून के लिए जाएंगी गोवा


बिना दूल्हे के खुद से शादी करेंगी क्षमा बिंदु, हनीमून के लिए जाएंगी गोवा, कैसी होगी देश की पहली सैल्फ मैरेज?

 एक अच्छे इंसान से शादी करना हर लड़की का सपना होता है. लड़कियां चाहती हैं कि उनकी शादी एक समझदार इंसान से हो. साथ ही वह अपनी शादी में सजावट, गहने व रंग बिरंगे कपड़ों को लेकर भी काफी उत्साहित रहती हैं. लेकिन अगर कोई लड़की बिना दुल्हे के शादी रचाना चाहे तो यह सुनने में थोड़ा अजीब लगता है. लेकिन ऐसा गुजरात के वडोदरा में हो रहा है. यहां 24 वर्षीय क्षमा बिन्दु 11 जून को खुद से ही शादी करने वाली है. क्षमा की शादी में उनके जानने वाले सभी लोग होंगे बस दूल्हा नहीं रहेगा. बता दें कि गुजरात में क्षमा की शादी पहली सेल्फ मैरिज या सोलोगैमी होगी.

शादी नहीं करना चाहतीं क्षमा

क्षमा का कहना है कि वह दूसरी लड़कियों की तरह दुल्हन बनने का सपना देखती हैं लेकिन शादी नहीं करना चाहती हैं. इस कारण क्षमा ने बिना दूल्हे के शादी रचाने की सोची और अब वह बिना दूल्हे के शादी करने जा रही है. क्षमा ने कहा कि मैं कभी शादी नहीं करना चाहती थी लेकिन दुल्हन बनना चाहती थी. इसलिए खुद से शादी करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि शायद मैं अपने देश में आत्म प्रेम का एक उदाहरण स्थापित करने वाली पहली लड़की हूं.

हनीमून के लिए जाएंगी गोवा

खुद से शादी करने जा रहीं क्षमा 11 जून को गोत्री के एक मंदिर में खुद के लिए लिखी 5 कसमों के साथ खुद से शादी करेंगी. इसके बाद वह हनीमून के लिए गोवा भी जाएंगी. क्षमा ने बताया कि उनके इस फैसले से उनके परिवार को कोई आपत्ति नहीं है. उनके माता पिथा खुले विचारों वाले हैं और उन्होंने क्षमा को आशीर्वाद भी दिया है.

अखिलेश पूरी करेंगे आजम खान की यह बड़ी इच्छा! नाराजगी दूर करने की कोशिश में मानी बात


अखिलेश पूरी करेंगे आजम खान की यह बड़ी इच्छा! नाराजगी दूर करने की कोशिश में मानी बातयूपी के रामपुर में होने वाले लोकसभा उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. माना जा रहा है कि बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को मैदान में उतार सकती है. वहीं, इस उनके सामने समाजवादी पार्टी के बड़े नेता आजम खान की पत्नी तजीन फातिमा को भी उतारा जा सकता है. जानकारी मिल रही है कि जब सपाध्यक्ष अखिलेश यादव दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में आजम खान से मिलने पहुंचे थे, तब उन्होंने इस बात को लेकर हामी भरी है. जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा भी हो सकती है. 

अर्से से सपा से नाराज चल रहे आजम खान
गौरतलब है कि सपा के बड़े मुस्लिम चेहरे आजम खान आजम खान अपनी पार्टी से नाराज चल रहे थे, जिस वजह से उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही थी. हालांकि, बाद में वह प्रत्याशी बने और जीते भी. इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. आजम खान सपाध्यक्ष से नाराज दिखे और फिर उनके समर्थकों ने अखिलेश पर हमला भी बोला. बात यहां तक पहुंच गई कि आजम द्वारा अलग पार्टी बनाए जाने के कयास लगने लगे. 

सपा को बताया था जिम्मेदार
इतना ही नहीं, आजम ने जेल से बाहर आने के बाद स्पष्ट तौर पर 'अपनी तबाही का जिम्मेदार' अपनों को बताया था. इसके बाद विधानसभा में विधायक पद की शपथ लेने के बाद वह अपनी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश से नहीं मिले. इसके बाद से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने उन्हें मनाने की कोशिश शुरू कर दी. 

मुलाकात से मिटे सभी गिले
मालूम हो, आजम को जेल से बाहर लाने में मदद करने वाले एडवोकेट कपिल सिब्बल को सपा ने राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है. वहीं, बीते बुधवार कपिल सिब्बल अखिलेश के साथ सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे और आजम खान से मिले. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में दोनों के बीच काफी गिले-शिकवे मिटाए जा सके. वहीं, सूत्रों के मुताबिक खबर मिली कि इस दौरान ही तजीन फातिमा के नाम पर भी फैसला किया गया है. 

हालांकि, दूसरी ओर आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम का यह दावा है कि अखिलेश-आजम की मुलाकात किसी राजनीतिक मुद्दे के लिए बल्कि केवल हालचाल लेने के लिए थी. वहीं, बीजेपी ने भी अभी तक रामपुर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, लेकिन मुख्तार अब्बास नकवी को यहां से टिकट मिल सकता है. अगर नकवी को यहां से टिकट मिलता है, तो मुकाबला देखने लायक होगा.

पहले मौलवी ने मदरसे में बच्चे को बुलाया, लगाया नशीले इंजेक्शन और फिर मौका देख कर दिया यौन शोषण...


बच्चों को उनके मां बाप शिक्षा स्थल में ज्ञान लेने के लिए भेजते है, लेकिन जब वहीं स्थल बच्चों की जान लेने पर बन जाए तो क्या कोई मां बाप उन्हे वहां भेजेगा? ऐसा ही एक मामला गुजरात के अहमदाबाद जिले से सामने आया है। जहां मदरसे के दो मौलवियों ने 13 वर्षीय एक नाबालिग लड़के का यौन शोषण किया। पीड़ित बच्चे का इलाज पास के ही शारदाबेन अस्पताल में किया जा रहा है। पीड़ित बच्चे के परिजनों की शिकायत पर आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

आपको बता दे कि पीड़ित बच्चे ने बताया कि वहाँ मदरसे में उसके साथ मारपीट भी की गई। इसके बाद इलाज के लिए उसे शारदाबेन अस्पताल ले जाया गया। उसके शरीर पर मारपीट के साथ ही उसके गुदा पर भी यौन उत्पीड़न वाले चोट के निशान थे। पीड़ित के पिता ने कहा कि पीड़ित बच्चा सरकारी स्कूल नंबर-2 में कक्षा सात का छात्र है। अभी गर्मी की छुट्टियाँ चल रही है तो उन्होंने उसे इस्लामिक शिक्षा के लिए मदरसे में भेजा था। 29 मई की सुबह वो बच्चे को लेकर सुंदरमनगर के मदीना मदरसे में भी जानकारी के लिए ले गए थे। उसके बाद मदनी मदरसा में नाम लिखवा दिया।

अगले दिन 30 मई को जब वो सुबह करीब 3 बजे काम से लौटे तो देखा कि बच्चा घर पर आराम कर रहा था। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने अपने साथ हुई बर्बरता की कहानी बताई। पीड़ित बच्चे के अनुसार, रात करीब 10 बजे मदनी मदरसा का मुख्य मौलवी एक अन्य मौलवी के साथ उसके पास आया। बिना किसी कारण उसने उसके दाहिने पैर पर लकड़ी के डंडे से 7 बार मारा और दूसरे हाथ पर एक अन्य मौलवी ने इंजेक्शन लगा दिया। इससे वो बेहोश हो गया। जब उसे 30-35 मिनट बाद होश आया तो उसे गुदा में तेज दर्द हो रहा था। वो डरकर वहाँ से भाग निकला। मदरसे के 3 लोग उसे पकड़ने के लिए पीछे दौड़े, जिनसे बचने के लिए वह राजेंद्र पार्क के पास एक होटल में छिप गया। कुछ देर बाद वहाँ से निकलने के बाद एक बाइक पर लिफ्ट लेकर वो अपने घर आ गया।

अमेरिका की धमकी बेअसर, सस्ते तेल के बाद भारत ने रूस से किया एक और बड़ा सौदा!


यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच उर्वरक की बढ़ती कीमतों ने भारत जैसे कृषि प्रधान देश की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. रूस विश्व में उर्वरकों का बड़ा उत्पादक है और प्रतिबंधों के कारण अब वो वैश्विक बाजार में उर्वरक नहीं भेज पा रहा है जिससे उर्वरक की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. इस बीच भारत के लिए राहत की बड़ी खबर ये है कि भारत ने रूस से उर्वरकों की एक बड़ी आपूर्ति को अंतिम मंजूरी दे दी है. अधिकारियों के मुताबिक, सालों तक चलने वाले इस आयात सौदे की बातचीत को अंतिम रूप दे दिया गया है.

वस्तु विनिमय प्रणाली के तहत हो रहा व्यापार

यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस पर प्रतिबंध लगे हैं जिस कारण वो डॉलर में व्यापार नहीं कर पा रहा है. रूस से व्यापार को लेकर अमेरिका ने कई बार भारत को भी आगाह करने की कोशिश की है. हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि वो अपने हितों के अनुरूप ही विदेश नीति तय करेगा. पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की वजह से भारत-रूस व्यापार के लिए वस्तु-विनिमय प्रणाली अपना रहे हैं. इसके तहत भारत रूस से उर्वरक खरीदेगा. बदले में रूस को उसी मूल्य का चाय, उद्योगों के लिए कच्चा माल और ऑटो पार्ट्स दिया जाएगा.

भारत अपने उर्वरक जरूरतों के लिए है आयात पर है निर्भर

भारत की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है. भारत की 2.7 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था में कृषि का हिस्सा 15% है. रूस-यूक्रेन युद्ध से उर्वरकों के आयात पर असर पड़ा है जिससे किसानों पर बोझ बढ़ गया है.

फरवरी में शुरू हुई थी बातचीत

भारत ने रूस से उर्वरक खरीद के लिए सौदा फरवरी में ही शुरू किया था. उर्वरकों की कीमतों को कम करने के लिए भारत सरकार का रूस की सरकार के साथ ये लंबे समय का सौदा है जो अब महीनों बाद अपने अंतिम चरण में है.

भारत-रूस के बीच इस व्यापार सौदे को लेकर ऑस्ट्रियाई विदेश नीति थिंक टैंक AIES की निदेशक वेलिना त्चाकारोवा ने ट्वीट किया, ‘भारत 10 लाख टन रूसी डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) और पोटाश का आयात करता है. रूस DAP और पोटाश का दूसरा सबसे बड़ा खरीददार है. भारत रूस से हर साल लगभग 8 लाख टन नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम खरीदता है.

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से परिचित एक अधिकारी ने कहा कि रूस से उर्वरक आयात भारत के वैध राष्ट्रीय हितों में शामिल है जिसे पूरा करने के लिए भारत ने सालों बाद उर्वरकों के लिए इस तरह का बहुवर्षीय समझौता किया है.

एक दूसरे अधिकारी ने जानकारी दी कि रूसी उर्वरक के बदले में भारत रूस को कृषि उत्पाद, चिकित्सा उपकरण, ऑटो पार्ट्स और अन्य दूसरी वस्तुओं का आयात करेगा.

मोदी सरकार ने किसानों को दी है राहत

यूक्रेन युद्ध के कारण उर्वरकों की वैश्विक कीमतों में उछाल के बीच, मोदी सरकार ने 21 मई को कहा कि सरकार किसानों को बढ़ती कीमतों से बचाने के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त उर्वरक सब्सिडी प्रदान करेगी. इससे चालू-वित्त वित्त वर्ष (2022-23) में सरकार का कुल उर्वरक सब्सिडी बिल दोगुना होकर रिकॉर्ड 2.15 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

इसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया, ‘विश्व स्तर पर उर्वरक की बढ़ती कीमतों के बावजूद, हमने अपने किसानों को इस तरह की कीमतों में बढ़ोतरी से बचाया है. बजट में 1.05 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी के अलावा, हमारे किसानों को आगे बढ़ाने के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये की
अतिरिक्त राशि प्रदान की जा रही है.’