अर्से से सपा से नाराज चल रहे आजम खान
गौरतलब है कि सपा के बड़े मुस्लिम चेहरे आजम खान आजम खान अपनी पार्टी से नाराज चल रहे थे, जिस वजह से उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही थी. हालांकि, बाद में वह प्रत्याशी बने और जीते भी. इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. आजम खान सपाध्यक्ष से नाराज दिखे और फिर उनके समर्थकों ने अखिलेश पर हमला भी बोला. बात यहां तक पहुंच गई कि आजम द्वारा अलग पार्टी बनाए जाने के कयास लगने लगे.
सपा को बताया था जिम्मेदार
इतना ही नहीं, आजम ने जेल से बाहर आने के बाद स्पष्ट तौर पर 'अपनी तबाही का जिम्मेदार' अपनों को बताया था. इसके बाद विधानसभा में विधायक पद की शपथ लेने के बाद वह अपनी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश से नहीं मिले. इसके बाद से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने उन्हें मनाने की कोशिश शुरू कर दी.
मुलाकात से मिटे सभी गिले
मालूम हो, आजम को जेल से बाहर लाने में मदद करने वाले एडवोकेट कपिल सिब्बल को सपा ने राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है. वहीं, बीते बुधवार कपिल सिब्बल अखिलेश के साथ सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे और आजम खान से मिले. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में दोनों के बीच काफी गिले-शिकवे मिटाए जा सके. वहीं, सूत्रों के मुताबिक खबर मिली कि इस दौरान ही तजीन फातिमा के नाम पर भी फैसला किया गया है.
हालांकि, दूसरी ओर आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम का यह दावा है कि अखिलेश-आजम की मुलाकात किसी राजनीतिक मुद्दे के लिए बल्कि केवल हालचाल लेने के लिए थी. वहीं, बीजेपी ने भी अभी तक रामपुर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, लेकिन मुख्तार अब्बास नकवी को यहां से टिकट मिल सकता है. अगर नकवी को यहां से टिकट मिलता है, तो मुकाबला देखने लायक होगा.
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