रूस की धमकी के बाद भी अमेरिका पोलैंड के रास्ते यूक्रेन में फाइटर जेट्स भेजने की कोशिश में लगा है और ऐसा लग रहा है, मानो अमेरिका यूक्रेन युद्ध को खत्म होने ही नहीं देना चाह रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि, यूक्रेन युद्ध की सबसे खास बात ये है, कि दुनिया के सभी देशों ने युद्ध रोकने की अपील की है, लेकिन अमेरिका ने अभी तक युद्ध रोकने की अपील नहीं की है। वहीं, अमेरिका पोलैंड के साथ एक समझौता करने जा रहा है, जिसके तहत पोलैंड के लड़ाकू जेट विमानों को यूक्रेन में युद्ध लड़ने के लिए भेजा जाएगा।
अमेरिका-पोलैंड में समझौता
व्हाइट हाउस के मुताबिक, अमेरिका और पोलैंड के बीच एक समझौता किया जा रहा है, जिसके तहत पोलैंड अपने फाइटर जेट्स यूक्रेन को सौंपेगा और यूक्रेनी वायु सेना के पायलट पोलैंड के फाइटर जेट्स के जरिए रूस का मुकाबला करेंगे। इस सौदे के तहत यूक्रेन में पोलैंड की तरफ से 28 मिग-29 युद्धक विमानों को भेजा जाएगा और इन फाइटर जेट्स के सहारे यूक्रेनी एयरफोर्स रूस की वायुसेना से मुकाबला करेगी। वहीं, इसके जगह पर अमेरिका अपने घातक एफ-16 फाइटर जेट्स पोलैंड को देगा। पोलैंड की वायु सेना अपने लड़ाकू अभियानों में दोनों प्रकार के लड़ाकू विमानों का संचालन करती है। अमेरिका के चार वरिष्ठ अधिकारियों ने इस डील पर बातचीत होने की पुष्टि की है, क्योंकि यूक्रेन की सेना को लगता है कि, रूस की वायुसेना जब एक्टिव होगी, तो वो रूस का मुकाबला नहीं कर पाएगी।
यूक्रेन को हवाई हमले का डर
यूक्रेन को डर है कि, रूसी एयरफोर्स बहुत जल्द हवा के रास्ते यूक्रेन पर हमला शुरू करेगी और रूस की रणनीति यूक्रेन के लिए विध्वंसक साबित हो सकता है, क्योंकि, उस स्थिति में यूक्रेन की प्रतिरोधक क्षमता ही दम तोड़ देगी। वहीं, व्हाइट हाउस अब इस तरह के सौदे को अंजाम देने की व्यावहारिकता पर काम कर रहा है, जिसमें यह महत्वपूर्ण सवाल भी शामिल है, कि आखिर बगैर ट्रेनिंग के यूक्रेनी एयरफोर्स के जवान क्या पुराने मिग-29 विमान चला पाएंगे। 'इसमें कई चुनौतीपूर्ण व्यावहारिक प्रश्न हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि वास्तव में पोलैंड से यूक्रेन में विमानों को कैसे स्थानांतरित किया जा सकता है।
व्हाइट हाइस ने की पुष्टि
व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया कि, 'हम उन क्षमताओं पर भी काम कर रहे हैं, जो पोलैंड को यूक्रेन में विमानों को ट्रांसफर करने का रास्ता साफ करेगा।' आपको बता दें कि, पोलैंड, नाटो का सदस्य देश है और अगर पोलैंड यूक्रेन में फाइटर जेट्स भेजता है, तो रूस इससे बुरी तरह नाराज हो सकता है। वहीं, अमेरिका का कहना है कि, पोलैंड इस तरह से अपने फाइटर जेट्स यूक्रेन में भेजेगा, जिससे उसे एकतरफा युद्ध का खुलकर समर्थन करते हुए नहीं देखा जाना चाहिए। हालांकि, पोलैंड सरकार को इस बात की चिंता है, कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन को युद्धक विमान दिए जाने को प्रत्यक्ष मदद और यहां तक कि नाटो के हस्तक्षेप के रूप में देखेंगे।
पुतिन की सख्त चेतावनी
शनिवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि, वह किसी तीसरे पक्ष द्वारा नो-फ्लाई ज़ोन की किसी भी संस्था को 'सशस्त्र संघर्ष में भागीदारी' के रूप में देखेंगे। यानि, उन्होंने साफ कर दिया है, कि अगर नाटो, यूक्रेन में नो फ्लाई जोन घोषित करता है, तो उसे दो देशों की लड़ाई में नाटो को शामिल माना जाएगा। वहीं, पोलैंड के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने कहा कि, 'पोलैंड रूस के साथ युद्ध की स्थिति में नहीं है, लेकिन पोलैंड यूक्रेन युद्घ में रूसी आक्रामकता का समर्थन नहीं करता है और वो निष्पक्ष होकर नहीं रह सकता है। हालांकि, पोलैंड यह मानता है, कि सभी सैन्य मामलों में नाटो का फैसला होना चाहिए।' यानि, पोलैंड सीधे तौर पर अपने बूते रूस से टकराना नहीं चाहता है। वहीं, पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने पहले यूक्रेन की मदद के लिए अपने फाइटर जेट्स भेजने के पूरे प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की तरफ से पोलैंड पर भारी प्रेशर बनाया जा रहा है।
अब यूक्रेन कर सकता है सप्लाई
पोलैंड से मिग-24 फाइटर जेट्स मिलने को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति पहले ही अपनी हामी जता चुके हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और उनके विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने तर्क दिया था कि, नाटो यूक्रेन पर नो-फ्लाई ज़ोन स्थापित करने से इनकार कर रहा है, तब यह कम से कम लड़ाकू विमानों के साथ यूक्रेनी वायु सेना की आपूर्ति कर सकता है। द फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार करीब 300 अमेरिकी सांसदों के साथ एक वीडियो कॉन्फेंस में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने पोलैंड से फाइटर जेट्स भेजने की भावुक अपील की थी। यूक्रेनियन को एफ-16 के बजाय रूसी मिग के लड़ाकू विमानों की जरूरत है, क्योंकि, यूक्रेनी पायलट्स को मिग फाइटर जेट चलाने की थोड़ी ट्रेनिंग जरूर है, लेकिन अमेरिकी एफ-16 चलाने की जानकारी उन्हें नहीं है। वहीं, वाशिंगटन अब उन तरीकों की जांच कर रहा है, जिनसे यूक्रेन को और सैन्य सहायता प्रदान करने में मदद मिल सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हफ्ते अमेरिका ने अपनी स्टिंगर मिसाइलें यूक्रेन में भेजी हैं।
बाइडेन करवाएंगे विश्वयुद्ध?
अमेरिका की कोशिश अब पोलैंड के जरिए यूक्रेन को मिग फाइटर जेट्स देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सवाल ये हैं, कि पुतिन की धमकी के बाद भी अमेरिका ऐसा क्यों कर रहा है? ऐसा इसलिए, क्योंकि, रूस का कहना है कि, जो भी देश यूक्रेन को हथियार देगा, इसे हस्तक्षेप माना जाएगा और अगर रूसी राष्ट्रपति पोलैंड के खिलाफ हमले का आदेश देते हैं, को फिर उसे सीधे तौर नाटो को हमले में शामिल कर लेगा, क्योंकि पोलैंड नाटो का सदस्य है और अगर नाटो इस युद्ध में शामिल होता है, तो इसका मतलब विश्वयुद्ध होगा और रूस अभी भी इतना शक्तिशाली है, कि वो अमेरिका समेत नाटो देशों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन दुनिया में तबाही की बात से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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