Tuesday, August 9, 2022

मोहर्रम पर बरेली के बाद वाराणसी में भी बवाल, हुई पत्थरबाजी, चले हथियार


मोहर्रम पर ताजिया जुलूस निकालने के दौरान बरेली के बाद वाराणसी में भी पत्थरबाजी हुई है। यहां हथियार भी चलाये गये। नये रास्ते से जबरन ताजिया निकालने और छायादार पेड़ काटने को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद एक व्यापारी को लाठी-डण्डों से पीट डाला। 

Brick stones and weapons also clashed in Varanasi, dozens injured

वाराणसीः उत्तर प्रदेश में मोहर्रम का जुलूस शांतिपूर्वक निकलवाने की पुलिस की मंशा आखिरकार धरी रह गई। बरेली के बाद अब वाराणसी में भी मोर्हरम जुलूस दौरान बवाल हो गया। पुलिस ने भारी सतर्कता बरती। जबरदस्त घेराबन्दी भी थी। लेकिन, बवाल हो ही गया। 

बवाल की शुरुआत जामुन के पेड़ को काटने को लेकर हुई। दरअसल, नई बस्ती से ताजिया लेकर जुलूस मिर्जामुराद के करधना बाजार पहुंचा। तभी ताजिया के लिए खदेरू साव दुकान के सामने एक छायादार जामुन का पेड़ था। कुछ लोग उस पेड़ को काटने लगे। तो स्थानीय लोगों एवं व्यापारियों इसका विरोध किया। बस, यहीं से शुरू हुआ विवाद। 

स्थानीय लोगों ने कहा, ‘मतलब भर का रास्ता है तो पेड़ क्यों काट रहे हो?’ इसी बीच बहस होने लगी और कुछ ही समय में बहस मारपीट में बदल गई। दरअसल, पेड़ काट रहे कुछ मुसलमानों ने एक व्यापारी को जमकर लाठी डण्डों से पीट दिया। दुकान को भी छतिग्रस्त कर दिया। इससे पूरे गांव में बवाल मच गया। 

इस घटना की जानकारी ज्योंही प्रतापपुर बस्ती व अन्य जगह फैली, सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए। फिर पथराव शुरू हो गया। लोगों को बढ़ता देख जुलूस में मुस्लिम समुदाय के लोग ताजिया लेकर भाग खड़े हुए। इस दौरान ताजिया भी क्षतिग्रस्त हो गई। 
गौर करने वाली बात यह है कि, ईंट-पत्थर के साथ ही हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया। बवाल में दर्जनों लोग घायल हुए हैं। पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद भी पत्थरबाजी होती रही। आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं। मौके पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स ने लोगों को समझाने की कोशिश की। जब लोग नहीं मानें तो बल प्रयोग कर तितर बितर किया गया। सूचना पर डीआईजी, एडिशनल एसपी, एसपी ग्रामीण, एडीएम प्रशासन रणविजय सिंह, एसडीएम राजातालाब गिरीश द्विवेदी, सीओ बड़ागांव आदि भी पहुंच गए हैं।

उधर थाना प्रभारी मिर्जामुराद के अनुसार, इस इकलौती ताजिया को करधना बाज़ार होते भटपुरवा गांव ले जा रहे थे। वहां अन्य कई ताजिया सामूहिक रूप से मिलकर कुंडरीया गांव स्थित कर्बला में परम्परागत ढंग से दफन किया जाता है।

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