वांग छी 1962 की जंग के बाद धोखे से भारत आ गए थे। 7 साल जेल में रहने के बाद वांग को एमपी के बालाघाट में रहने की इजाजत मिली। वांग ने तिरोड़ी गांव में अपनी नई जिंदगी शुरू की। वहीं काम किया और गांव की ही लड़की से शादी भी की। वांग को 2017 में चीन जाने का मौका मिला। वांग की नागरिकता चीन की है इसलिए उन्हें पत्नी और बच्चों से मिलने के लिए वीजा लेकर आना पड़ता है। लॉकडाउन की वजह से वह चीन नहीं लौट पाए हैं।
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