पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का यह अंदेशा सही साबित हुआ है कि सेना उनके उन समर्थकों के खिलाफ आर्मी एक्ट लागू कर देगी, जो नौ मई को उनकी गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए थे। इमरान खान ने रविवार को एक ट्विट में कहा था कि उनके समर्थकों के बड़े पैमाने पर दमन की तैयारी की जा रही है और इसके लिए आर्मी एक्ट का सहारा लिया जाएगा।
सेना नेतृत्व ने सोमवार को एलान किया कि नौ मई को हुई ‘गुंडागर्दी’ की योजना बनाने वालों, उसे भड़काने वालों और उसे अंजाम देने वालों के खिलाफ आर्मी एक्ट और सरकारी गोपनीयता कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। सेना के बयान में ‘योजना बनाने वालों’ के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही गई है। इसे इस बात का संकेत समझा गया है कि खुद इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बड़े नेताओं को इस मामले में फंसाया जाएगा।
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद सेना के कई ठिकानों और प्रतीकों को निशाना बनाया गया था। इन हमलों की तस्वीरें और वीडियो दुनिया भर में वायरल हुए। उस रोज यह खबर भी फैली थी कि कई सैन्य अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर सख्ती करने से इनकार कर दिया। इस आरोप में दर्जन भर से भी ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को सेना से बर्खास्त किया जा चुका है।
इस बीच इमरान खान ने अपने समर्थकों से सड़क पर उतरने का आह्वान किया है। सोमवार को सत्ताधारी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने सुप्रीम कोर्ट के सामने बड़ा प्रदर्शन किया। उधर, नेशनल असेंबली में हुई एक चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल और अन्य जजों की कड़ी आलोचना की। कुछ सदस्यों ने उन्हें तुरंत बर्खास्त करने की मांग की। जस्टिस बंदियाल के नेतृत्व वाली बेंच ने ही बीते 10 मई को इमरान खान की रिहाई का आदेश दिया था। अब इमरान खान ने अपने समर्थकों से कहा है कि ‘सुप्रीम कोर्ट और संविधान के लिए पैदा हुए खतरे’ का वे शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करेँ।
इमरान खान ने नौ मई की घटनाओं के सिलसिले में देश भर पीटीआई के कार्यकर्ताओं और समर्थकों की हो रही गिरफ्तारी की निंदा की है। उन्होंने एक बयान में कहा है कि अब तक ऐसे सात हजार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। उन्होंने कहा- ‘संविधान, सुप्रीम कोर्ट और पाकिस्तान के सपने को तबाह किया जा रहा है। सभी नागरिकों को इसका शांतिपूर्ण विरोध करने के लिए तैयार रहना चाहिए।’
उधर सोमवार को ही सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर ने कोर कमांडरों की एक विशेष बैठक बुलाई। पाकिस्तान के सेना मुख्यालय में हुई इस बैठक में पीटीआई समर्थकों के ‘हिंसक’ विरोध प्रदर्शनों से पैदा हुई हालत पर विचार किया गया। यह बैठक मंगलवार को होने वाली पाकिस्तान की नेशनल सिक्युरिटी कमेटी (एनएससी) की बैठक से ठीक पहले आयोजित की गई। एनएससी पाकिस्तान की सुरक्षा संबंधी सर्वोच्च संस्था है, जिसमें प्रधानमंत्री सहित वरिष्ठ मंत्री, अधिकारी और सेना एवं खुफिया तंत्र का नेतृत्व शामिल हैं। समझा जाता है कि एनएससी की बैठक में पीटीआई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के बारे में अंतिम फैसला लिया जाएगा।
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