Thursday, May 19, 2022

अखिलेश यादव के विवादित बयान के बाद भाजपा नेताओं में रोष: प्रताप मिश्रा




ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के अपने एक बयान के बाद सोशल मीडिया से लेकर भाजपा नेताओं तक के निशाने पर पर आ गए हैं। दरअसल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कह दिया कि ''हमारे हिन्दू धर्म में यह है कि पीपल के पेड़ के नीचे कहीं पर भी पत्थर रखकर उस पर लाल झंडा लगा दो वह मंदिर बन जाता है।'' अखिलेश यादव ने इससे भी बढकर एक बात और कह दी उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी जाती थी। हालांकि उनके निशाने पर भाजपा थी पर इसका सीधा असर पूरे हिन्दू जनमानस पर पड़ा है। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव को जमकर ट्रोल किया जा रहा है।

'समाज की ज्ञानवापी मस्जिद पर अखिलेश यादव क्यों चुप हैं'

दरअसल, विधानसभा चुनाव और उसके बाद आजम खां मामले पर अखिलेश यादव मुस्लिम समाज के निशाने पर है। उधर असद्दीन ओवैसी भी सवाल उठा चुके है कि समाजवादी पार्टी को 112 सीटे दिलाने वाले मुस्लिम समाज की ज्ञानवापी मस्जिद पर अखिलेश यादव क्यों चुप हैं।

माना जा रहा है कि अखिलेष यादव का यह बयान इन सब को देखते हुए ही आया है। उन्होंने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि मुस्लिम समाज को डराने के लिए बुलडोजर चलाया जा रहा है।ये बुलडोजर केवल धर्म जाति और हमारे मुसलमान भाईयों को डराने के लिए ही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास नफरत वाला कैंलेडर है जिसे वह पूरे साल चलाती हैं।

अखिलेश फिर जनता को ठगने की तैयारी कर रहे

अखिलेश यादव के इस बयान के बाद भाजपा भी हरकत में आ गयी हे। योगी सरकार के मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने उनके इस बयान को बचकाना बयान बताते हुए कहा कि न्यायपालिका का पालन हम सबको करना चाहिए। धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था आम जन से लेकर सत्ता और सत्ता से पालन करना चाहिए। जो भी हो रहा है न्यायप्रक्रिया के तहत हो रहा है। जबकि एक अन्य मंत्री नन्द गोपाल नन्दी ने कहा कि अखिले यादव एक बार फिर आजमगढ की जनता को ठगने की तैयारी कर रहे हैं। पहले वोट लिया फिर इस्तीफा दे दिया और अब जब उपचुनाव होने को है तो फिर से वहां पर शादी व्याह में पहुंचने लगे हैं।

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