Tuesday, February 8, 2022

लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा पार्टियों में परिवारवाद से है: PM मोदी


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नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव (PM Modi Lok Sabha speech) की चर्चा का जवाब दे रहे हैं. पीएम मोदी ने इस दौरान बताया कि कैसे कोरोना काल में अलग-अलग क्षेत्रों में काम किया गया. इससे पहले पीएम मोदी ने सोमवार को लोकसभा को संबोधित किया था.  पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है और बीते 100 साल में मानव जाति ने इतना बड़ा संकट नहीं देखा है. अभी भी ये संकट नए-नए रूप लेकर आफतें लेकर आ रहा है. पूरी दुनिया इससे काफी ज्यादा जूझ रही है.

पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तारीफ करते हुए कहा कि आज पूरे विश्व में भारत के कामों की सराहना हो रही है. गरीब को राशन दिया जा रहा है. इस कोरोना काल में 80 करोड़ से भी अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन देकर दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया है.गरीब लोगों को घर देने काम हमारी सरकार करती रही. पीएम मोदी ने कहा कि यूपी और तमिलनाडु में डिफेंस कॉरिडोर स्थापित किया जा रहा है. एमओयू साइन हो रहे हैं, एमएसएमई सेक्टर के लोग डिफेंस सेक्टर में आ रहे हैं. यह उत्साहजनक है  कि देश के लोगों में क्षमता है और वे इस क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आगे आ रहे हैं. 

रोजगार पर क्या बोले पीएम

पीएम मोदी ने रोजगार पर कहा कि 2021 में एक करोड़ 20 लाख लोग EPFO से जुड़े हैं, ये सब फॉर्मल जॉब हैं. इनमें से भी 65 लाख 18-25 आयु के हैं यानी इन लोगों की पहली बार जॉब मार्केट में जगह मिली है. कोविड प्रतिबंध खुलने के बाद नियुक्तियां  दोगुनी हो गई. 

महंगाई पर क्या बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि अमरीका 40 साल में सबसे ज्यादा महंगाई का दौर झेल रहा है, ब्रिटेन 30 साल की रिकॉर्ड महंगाई झेल रहा है, ऐसे माहौल में भी हमने महंगाई को एक लेवल पर रोकने का प्रयास किया है. 2014 से 2020 तक ये दर 4-5 प्रतिशत के पास थी और इसकी तुलना यूपीए दौर से करें तो पता चलेगा महंगाई क्या होती है. यूपीए के समय महंगाई डबल डिजिट छू रही थी.

लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर अहंकार का आरोप लगाया. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का लोकसभा में जवाब देते हुए  प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की आलोचना में एक कविता भी कही. मोदी ने कहा, ‘वो जब दिन को रात कहें, तो तुरंत मान जाएं, नहीं मानेंगे तो वो दिन में नकाब ओढ़ लेंगे. जरूरी हुआ तो वो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ देंगे, वो मगरूर हैं खुद की समझ पर बेइंतहा, इन्हें आईना मत दिखाओ, वो आईना को भी तोड़ देंगे.' 

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