Thursday, February 11, 2021

किसानों ने पोस्टर पर लिखवाया BJP No Entry, भाजपा नेताओं की उड़ी नींद


किसानों ने पोस्टर पर लिखवाया BJP No Entry, भाजपा नेताओं की उड़ी नींद   

काशीपुर: उत्तराखंड के तराई इलाकों में अब किसान आंदोलन ने नई शक्ल अख्तियार करनी शुरू कर दी है। यहां गांव में किसान विरोधी कानून का समर्थन करने वाले नेताओं का गांव में घुसने पर कानून का विरोध करने वाले किसानों ने बाकायदा बैनर और पोस्टर लगा कर कड़ा विरोध दर्ज करा दिया है।

फ्लैक्सो पर साफ-साफ लिखवा दिया है कि किसान विरोधी नेताओं का गांव में आना सख्त मना है।  उधम सिंह नगर के कुछ गांव में ऐसे पोस्टर और बैनर दिखाई दे रहे है, जिससे भाजपा नेताओं की नींद उड़ी हुई है। वो समझ नहीं पा रहे है कि कृषि कानून बिल पर किसानों का समर्थन करे या सरकार का।

काशीपुर क्षेत्र के बघेला वाला गांव ओर बाजपुर तहसील के दो गांव शिवपुरी ओर बांसखेड़ा में किसानों ने किसान विरोधी कानूनों का समर्थन करने वाले नेताओं की गांव में एंट्री को पूरी तरह बैन कर दिया है। 5 जनवरी को ही ग्राम बांसखेड़ा के विजय नगलियां में उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को किसानों ने जबरदस्त विरोध किया था।

ग्रामीणों का आरोप था कि 'शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे लगातार किसान विरोधी कानूनों का समर्थन कर किसानों का विरोध कर रहे है। जहां पर किसान विरोधी भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को चेतावनी देते हुए पोस्टर बैनर और होर्डिंग ग्रामीणों ने लगा दिए है।'

इसी के साथ ग्रामीणों का साफ तौर पर कहना है कि 'हमारे बघेलाबाला गांव में भाजपा नेता या कार्यकर्ता को गांव में घुसने नहीं दिया जायेगा। अगर पार्टी का कोई नुमाइंदा गांव में प्रवेश करता है, तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं की होगी कृषि कानून का विरोध करने वाले नेताओ ने चेतावनी दी है।'

उन्होंने कहा कि 'यदि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती है तो आने वाले 2022 के चुनाव में भाजपा सरकार को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ेगा।' भाजपा प्रदेश मंत्री का कहना है कि 'किसानों को कृषि कानूनों का विरोध करने के लिये भड़काया जा रहा है। कुछ राजनीतिक पार्टिया किसानों में भ्रम की स्थिति पैदा कर भाजपा नेताओ का कई गांवो में प्रवेश बंद करा दिया है, जो अलोकतांत्रिक है। किसानों की आवाज़ सरकार सुन रही है, जल्द ही इसका हल निकल जायेगा।'

बहरहाल जो भी हो, कृषि बाहुल्य तराई के किसानों में कृषि कानूनों को लेकर जबरदस्त आक्रोश है, धीरे धीरे अगर यह विरोध बड़ा हुआ तो भाजपा को आगामी विधानसभा चुनावों में मुश्किलें पैदा कर सकता है। 

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