Thursday, April 7, 2022

भारत की शान्ति प्रियता को दर्शाते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर के वक्तव्य सराहनीय : प्रताप मिश्रा

भारत ने बुधवार को जोर देकर कहा कि वह रूस-यूक्रेन संघर्ष के पूरी तरह से खिलाफ है और तत्काल हिंसा समाप्त करने के पक्ष में हैं। नियम 193 के तहत लोकसभा में यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘भारत ने अगर कोई पक्ष चुना है, तो वह शांति का पक्ष है। हम तत्काल हिंसा समाप्त करने के पक्ष में हैं। यह रुख संयुक्त राष्ट्र सहित सभी मंचों पर हमने रेखांकित किया है।'

विदेश मंत्री ने कहा, ‘भारत वह पहला देश था जिसने वहां फंसे अपने नागरिकों को निकाला और दूसरे देशों के लिये प्रेरणा बना।' जयशंकर ने कहा, ‘हमने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपति स्तर से लेकर हर स्तर पर संवाद किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं बात की।' विदेश मंत्री ने कहा, ‘भारत का रुख राष्ट्रीय विश्वास एवं मूल्यों, राष्ट्रीय हितों और राष्ट्रीय रणनीति के तहत निर्देशित है। हम मानते हैं कि हिंसा एवं निर्दोष लोगों के जीवन की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकल सकता। संवाद और कूटनीति ही एकमात्र उपाय है।' यूक्रेन के बुका में काफी संख्या में शव मिलने से जुड़ी घटना पर जयशंकर ने कहा, ‘हम इस रिपोर्ट से काफी परेशान हैं। हम इन हत्याओं की निंदा करते हैं। हम इस घटना की स्वतंत्र जांच कराने के आह्वान का समर्थन करते हैं।'

विदेश मंत्री के वक्तव्य के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जिस प्रकार भारत सरकार और राज्य सरकारों ने इस गंभीर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया और उस परिस्थिति में देश के बच्चों को यूक्रेन से निकाला, वह प्रशंसनीय है तथा पूरे सदन को इस बात की प्रशंसा करनी चाहिए। व्यापार आदि के संबंध में विदेश मंत्री ने कहा कि अगर हम यूरोप को भी देखें तब ईंधन आदि ऊर्जा का प्रवाह निर्बाध रूप से जारी है। उन्होंने कहा कि हम रक्षा एवं सुरक्षा आयामों पर भी ध्यान दे रहे हैं। विदेश मंत्री ने चर्चा में कुछ विपक्षी सदस्यों की टिप्पणियों के परोक्ष संदर्भ में कहा कि यूक्रेन की स्थिति के संबंध में भारत के कदमों को राजनीतिक रंग देने का प्रयास दुर्भाग्यपूर्ण है।

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