बच्चों को उनके मां बाप शिक्षा स्थल में ज्ञान लेने के लिए भेजते है, लेकिन जब वहीं स्थल बच्चों की जान लेने पर बन जाए तो क्या कोई मां बाप उन्हे वहां भेजेगा? ऐसा ही एक मामला गुजरात के अहमदाबाद जिले से सामने आया है। जहां मदरसे के दो मौलवियों ने 13 वर्षीय एक नाबालिग लड़के का यौन शोषण किया। पीड़ित बच्चे का इलाज पास के ही शारदाबेन अस्पताल में किया जा रहा है। पीड़ित बच्चे के परिजनों की शिकायत पर आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
आपको बता दे कि पीड़ित बच्चे ने बताया कि वहाँ मदरसे में उसके साथ मारपीट भी की गई। इसके बाद इलाज के लिए उसे शारदाबेन अस्पताल ले जाया गया। उसके शरीर पर मारपीट के साथ ही उसके गुदा पर भी यौन उत्पीड़न वाले चोट के निशान थे। पीड़ित के पिता ने कहा कि पीड़ित बच्चा सरकारी स्कूल नंबर-2 में कक्षा सात का छात्र है। अभी गर्मी की छुट्टियाँ चल रही है तो उन्होंने उसे इस्लामिक शिक्षा के लिए मदरसे में भेजा था। 29 मई की सुबह वो बच्चे को लेकर सुंदरमनगर के मदीना मदरसे में भी जानकारी के लिए ले गए थे। उसके बाद मदनी मदरसा में नाम लिखवा दिया।
अगले दिन 30 मई को जब वो सुबह करीब 3 बजे काम से लौटे तो देखा कि बच्चा घर पर आराम कर रहा था। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने अपने साथ हुई बर्बरता की कहानी बताई। पीड़ित बच्चे के अनुसार, रात करीब 10 बजे मदनी मदरसा का मुख्य मौलवी एक अन्य मौलवी के साथ उसके पास आया। बिना किसी कारण उसने उसके दाहिने पैर पर लकड़ी के डंडे से 7 बार मारा और दूसरे हाथ पर एक अन्य मौलवी ने इंजेक्शन लगा दिया। इससे वो बेहोश हो गया। जब उसे 30-35 मिनट बाद होश आया तो उसे गुदा में तेज दर्द हो रहा था। वो डरकर वहाँ से भाग निकला। मदरसे के 3 लोग उसे पकड़ने के लिए पीछे दौड़े, जिनसे बचने के लिए वह राजेंद्र पार्क के पास एक होटल में छिप गया। कुछ देर बाद वहाँ से निकलने के बाद एक बाइक पर लिफ्ट लेकर वो अपने घर आ गया।
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