Thursday, December 1, 2022

बिलावल भुट्टो ने खोली बाजवा की पोल- पाकिस्‍तानी सेना की नाकामी से बना बांग्‍लादेश, भारत की कैद में थे 90 हजार सैनिक


pakistan bilawal bhutto zardari bangladesh india general bajwa

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि 1971 में पूर्वी पाकिस्तान को लेकर हुई लड़ाई में भारतीय सेना से मिली शर्मनाक हार पाकिस्तानी सेना की ''बड़ी विफलता'' थी। उन्होंने यह टिप्पणी पाकिस्तानी सेना के पूर्व प्रमुख जनरल कमर जावेद...

इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि 1971 में पूर्वी पाकिस्तान को लेकर हुई लड़ाई में भारतीय सेना से मिली शर्मनाक हार पाकिस्तानी सेना की ''बड़ी विफलता'' थी। उन्होंने यह टिप्पणी पाकिस्तानी सेना के पूर्व प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर निशाना साधते हुए की जिन्होंने भारत से मिली हार को पाकिस्तान की ‘‘राजनीतिक विफलता'' करार दिया था। बिलावल ने यह टिप्पणी अपनी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के 55वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में निश्तार पार्क में आयोजित एक रैली में की। पीपीपी के अध्यक्ष ने इस अवसर पर अपनी पार्टी के इतिहास की चर्चा की और इसके संस्थापक एवं अपने नाना जुल्फिकार अली भुट्टो की ‘‘उपलब्धियों'' को याद किया। 

डॉन अखबार ने उनके हवाले से कहा, ‘‘जब जुल्फिकार अली भुट्टो ने सत्ता संभाली, उस समय लोगों की उम्मीदें टूटी हुई थीं और वे हर तरह से निराश थे।'' बिलावल ने कहा, ‘‘लेकिन उन्होंने (जुल्फिकार) राष्ट्र का पुनर्निर्माण किया और अंतत: हमारे 90,000 सैनिकों को वापस लेकर आए जिन्हें 'सैन्य विफलता' के कारण युद्धबंदी (भारत द्वारा) बना लिया गया था। उन 90,000 सैनिकों को उनके परिवारों से मिलाया गया। और यह सब उम्मीद की... एकता की... और समावेश की राजनीति के कारण संभव हुआ।'' बाजवा ने 29 नवंबर को अपनी सेवानिवृत्ति से पहले कहा था कि पूर्वी पाकिस्तान को लेकर भारत से हुई लड़ाई में इस्लामाबाद को मिली हार "राजनीतिक विफलता" थी और पाकिस्तानी सैनिकों के बलिदान को कभी ठीक से मान्यता नहीं दी गई। 

उन्होंने कहा था कि 1971 के युद्ध में आत्मसमर्पण करने वाले सैनिकों की संख्या 92,000 नहीं थी और केवल 34,000 लड़ाके थे, जबकि अन्य लोग विभिन्न सरकारी विभागों से थे। पिछले सप्ताह रावलपिंडी में सेना मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बाजवा ने कहा था, “मैं रिकॉर्ड को सही करना चाहता हूं। सबसे पहले, पूर्वी पाकिस्तान का पतन सैन्य विफलता नहीं, बल्कि एक राजनीतिक विफलता थी। लड़ने वाले सैनिकों की संख्या 92,000 नहीं थी, बल्कि केवल 34,000 थी, बाकी लोग विभिन्न सरकारी विभागों से थे।'' जनरल बाजवा (61) गत 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गए।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा 2019 में उन्हें तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया था। वर्तमान में खान पाकिस्तानी सेना के सबसे बड़े आलोचक हैं। भारत ने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में पाकिस्तान को बुरी तरह हराकर इसके 90,000 से अधिक सैनिकों को बंदी बना लिया था और इस लड़ाई के बाद दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश के रूप में एक नया देश अस्तित्व में आया था। 

No comments:

Post a Comment

परम तत्व दर्शन