Wednesday, September 1, 2021

भारत की अध्यक्षता में तालिबान को मिली मान्यता, अब नहीं रहा आतंकी संगठन



अमरीकी सै’निकों के जाने के बाद तालि’बान अफगानिस्तान में पूरी सत्ता पर काबिज हो गया है। कई देशों ने उसके साथ अपने सबंधों की खुलकर घोषणा कर दी है तो कुछ पर्दे के पीछे बातचीत में लगे है। इसी बीच अब भारत की अध्यक्षता में यूनाइटेड नेशन्स सिक्यॉरिटी काउंसिल ने भी तालिबान को मान्यता दे दी।

फ्रांस की तरफ से पेश किए गए प्रस्ताव को 13 देशों ने अपना समर्थन देते हुए तालिबान को मान्यता दी। साथ ही उस पर लगे आ’तंकी संगठन के टैग को भी हटा दिया। इस दौरान सत्र की अध्यक्षता भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव में जो बातें रखी गई हैं, उनमें अहम है कि अफगानिस्तान की धरती का प्रयोग किसी देश को ध’मकाने, बदला लेने या फिर आ’तंकवाद के लिए न किया जाए।

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, “अफगानिस्तान पर आज का प्रस्ताव यूएनएससी 1267 की तरफ से नामित आ’तंकवादी और संस्थाओं को रेखांकित करता है, यह भारत के लिए सीधे तौर पर महत्व रखता है, अफगान क्षेत्र का उपयोग किसी भी देश को धम’काने, हम’ला करने या आतं’कवादियों को शरण देने, वित्त देने या प्रशिक्षित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।”

उन्होंने ये भी कहा, “आज का प्रस्ताव महिलाओं के अधिकारों, अल्पसंख्यकों के अधिकारों के महत्व को भी रेखांकित करता है…विशेष रूप से अफगानिस्तान में सिख और हिंदू अल्पसंख्यक। प्रस्ताव ने लोगों के सुरक्षित आवागमन और अफगानिस्तान के साथ अपने जुड़ाव में आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता दर्शाया है।”


हालांकि इस दौरान वीटो पावर वाले चीन और रूस ने इस मामले से दूरी बनाते हुए नजर आए। इन दोनों देशों ने न तो प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया और न ही विपक्ष में। जबकि दोनों को तालिबान का समर्थक माना जा रहा है।

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