लंदन, सितंबर 24: इस वक्त वैश्विक शक्तियां अमेरिका के न्यूयॉर्क में यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली में अलग अलग वैश्विक मसलों पर चर्चा कर रही है। जहां पर पाकिस्तान और तुर्की की तरफ से कश्मीर का मसला उठाया गया तो भारत की तरफ से करार जवाब दिया गया है। लेकिन, ब्रिटिश संसद में कश्मीर का मुद्दा काफी जोर शोर से गुंजा है। ब्रिटिश संसद में कहा गया है कि अगर इंडियन आर्मी कश्मीर से हट जाती है तो कश्मीर को तालिबान का अफगानिस्तान बनते ज्यादा देर नहीं लगेगा।
ब्रिटिश संसद में कश्मीर का मुद्दा
ब्रिटेन के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने गुरुवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि इस्लामी ताकतें कश्मीर में लोकतंत्र को खत्म कर देंगी, जैसा हमने अफगानिस्तान में देखा है। दरअसल, ब्रिटेन संसद में कश्मीर का मुद्दा तब उठा, ब्रिटेन के सांसद डेबी अब्राहम और पाकिस्तान मूल की सांसद यास्मीन कुरैशी ने हाउस ऑफ कॉमन्स में कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति पर बोला। जिसके बाद ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने दोनों सांसदों को जमकर जवाब दिया और कहा कि अगर इंडियन आर्मी कश्मीर से हट जाती है तो लोकतंत्र विरोधी इस्लामी ताकतों को अपना पैर पसारने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
ब्रिटिश सांसद की फटकार
ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कश्मीर के मुद्दे पर संसद में कहा कि, ''जरा सोचिए, हमने देखा है कि अफगानिस्तान में क्या हुआ है, जब सैनिकों को वापस ले लिया गया। और हमारे पास एक ऐसी स्थिति थी, जहां कोई सुरक्षा नहीं थी। उन्होंने कहा कि, जम्मू और कश्मीर की दुर्दशा अफगानिस्तान के समान होगी, जहां इस्लामी ताकतें वर्चस्व में आ गई हैं, और इस क्षेत्र में लोकतंत्र को खत्म कर रही है।
इंडियन आर्मी की तारीफ
ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि, ''यह केवल भारतीय सेना और भारतीय सैन्य लोकतंत्र की सुदृढ़ स्थिति है जिसने जम्मू-कश्मीर में तालिबानी ताकतों को पनपने से रोक रखा है। नहीं तो कश्मीर में अफगानिस्तान जैसी स्थिति बन गई होती और उनके लिए ऐसा करना केवल इसलिए समझ में आता है क्योंकि यह क्षेत्र कानूनी रूप से और सही रूप से भारत गणराज्य का अभिन्न अंग है''। ब्लैकमैन ने आगे अपने सहयोगियों से पाकिस्तान मूल के ब्रिटेन के सांसदों के विरोध के बीच वास्तविकता को पहचानने के लिए कहा।
पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीर मुद्दा
हाउस ऑफ कॉमन्स में कश्मीर में मानवाधिकारों पर बहस छेड़ने वाले पाकिस्तान परस्त डेबी अब्राहम पिछले साल विवादों में घिर गए थे। खुलासा हुआ था कि कश्मीर पर डेबी अब्राहम को पाकिस्तान सरकार की तरफ से 31 हजार 501 पाउंड यानि करीब 29.7 लाख रुपये एक एनजीओ की मदद से दिया गया था। वहीं, उन्हें 18 फरवरी 2020 को पाकिस्तान दौरान करने के लिए करीब 33 लाख रुपये दिया गया था। खुलासा हुआ था कि, उन्हें 17 फरवरी 2020 को अवैध वीजा होने की वजह से भारत सरकार ने भारत के कश्मीर भेज दिया था, जिसके बाद उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा की थी।
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर चर्चा
इससे पहले ब्रिटेन के सांसद बैरी गार्डिनर ने हाउस ऑफ कॉमन्स को संबोधित करते हुए इस क्षेत्र में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर इसी तरह की चिंता व्यक्त की थी। गार्डिनर ने कहा कि, 'इस महत्वपूर्ण समय में अमेरिका और ब्रिटेन के अफगानिस्तान से हटने के साथ, लोगों के लिए लोकतंत्र, बहुलवाद और मानवाधिकारों के बीच उनका कट्टरवाद, आतंकवाद, विद्रोह और मानवाधिकार हनन से उनके (पाकिस्तान) मजबूत संबंधों को समझना सही है'। उन्होंने कहा कि, ''पाकिस्तान ने सालों से तालिबान नेताओं को पनाह दी है और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई तालिबान और दूसरे आतंकवादी संगठनों को कई प्रकार की सुविधाएं और मदद दी है।'' इसी के साथ ही कुछ और ब्रिटिश सांसदों ने बहस के दौरान लश्कर ए तैयबा, जैश ए मुहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन सहित पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा कश्मीर में आतंकवादी हमलों पर भी चिंता जताई है।
No comments:
Post a Comment