Sunday, October 31, 2021

तालिबान ने संगीत सुनने पर दी क्रूर सजा, शादी में 13 लोगों को उतारा मौत के घाट

काबुल । अफगानिस्तान में तालिबान राज कायम होने के बाद फिर से कड़े कट्टरपंथी नियमों को लागू किया जा रहा है। इन नियमों को नहीं मानने पर कड़ी सजा दी जा रही है। पिछले दिनों अफगानिस्तान में एक शादी में संगीत बजाने की कीमत 13 लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है। अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने ट्विटर पर इस घटना की जानकारी दी है।

अमरुल्लाह सालेह ने ट्विटर पर लिखा कि तालिबान लड़ाकों ने नेंगरहार में एक शादी की पार्टी में बज रहे संगीत को बंद करने के लिए 13 लोगों की हत्या कर दी। हम सिर्फ निंदा करके अपना क्रोध व्यक्त नहीं कर सकते। 25 साल तक पाकिस्तान ने उन्हें अफगान संस्कृति को खत्म करने और हमारी धरती पर कब्जा करके आईएसआई के कट्टर शासन की स्थापना के लिए ट्रेनिंग दी। जो अब अपना काम कर रहे हैं।

सालेह ने लिखा कि यह शासन लंबे समय तक नहीं चलेगा। लेकिन दुर्भाग्य से इसके अंत तक अफगान लगातार इसकी कीमत चुकाते रहेंगे।

सोशल मीडिया पर लोग सालेह का समर्थन कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि यह घटना बिल्कुल सच है लेकिन देश में इसकी खबर देने के लिए अब स्वतंत्र मीडिया नहीं है। दूसरे यूजर ने लिखा कि मैं सहमत हूं, इन सब के पीछे पाकिस्तान है। वहीं एक यूजर ने तालिबान और आईएसआईएस दोनों को मुस्लिमों के लिए घातक बताया।

इससे पहले भी सालेह पाकिस्तान पर निशाना साध चुके हैं। पाकिस्तानी मीडिया की कुछ रिपोर्ट्स भी तालिबान और पाकिस्तान की दोस्ती की गवाही दे रही हैं। खबर है कि पाकिस्तान ने तालिबान की ओर से नियुक्त "राजनयिकों " को अपने यहां अफगान मिशनों के लिए गुपचुप तरीके से काम करने की अनुमति दे दी है।

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Saturday, October 30, 2021

पाकिस्तान की आईएसआई अब आतंकियों को कश्मीर में सुरक्षा चौकियों, कैंपों पर हमले के लिए प्रेरित कर रही


'पाकिस्तान की आईएसआई अब आतंकियों को कश्मीर में सुरक्षा चौकियों, कैंपों पर हमले के लिए प्रेरित कर रही'

नई दिल्ली। कश्मीर में हाल ही में नागरिकों की हत्या के बाद, पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) अब आतंकवादियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स के साथ-साथ हाइब्रिड आतंकवादियों को घाटी में सुरक्षा बलों के शिविरों और चौकियों पर हमला करने के लिए प्रेरित कर रही है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। खुफिया इनपुट के हवाले से सूत्रों ने पुष्टि की है कि आईएसआई ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में सक्रिय आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और नव-निर्मित 'द रेजिस्टेंस फोर्स' के आकाओं से कहा है कि वे अपने कैडर को सुरक्षा बलों के शिविरों और चौकियों पर हमला करने का निर्देश दें।

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ भारी हथियारों से लैस आतंकवादी जो पहले घाटी में घुस गए थे, वे सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला कर सकते हैं, इसलिए बिना किसी ढिलाई के अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि पुंछ में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान ने इन आतंकवादी समूहों की तैयारी के स्तर का संकेत दिया है।

सूत्रों ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया दौरे के बाद सक्रिय हुए उच्च सुरक्षा तंत्र के बावजूद, ये इनपुट चिंता का विषय हैं।

हालांकि, अभियान में शामिल अधिकारियों ने कहा कि किसी भी अप्रिय प्रयास को रोकने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।

सुरक्षा अधिकारियों ने कहा, "सुरक्षा बलों के शिविरों में बैरिकेड्स और मजबूत बंकर लगाए गए हैं और आवासीय परिसरों पर सुरक्षा कड़ी की गई है। श्रीनगर सहित केंद्रशासित प्रदेश में शहरों के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर पर्याप्त सुरक्षा तैनाती की गई है। रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था की गई है, जबकि सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त गश्त पहले ही तेज कर दी गई है।

भारतीयों ने दिवाली से पहले निकला चीन का दिवाला, ड्रैगन को 50 हजार करोड़ का नुकसान


china

नई दिल्ली। कुछ दिनों बाद ही देशभर में दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा लेकिन इस दीपों के त्योहार से पहले चीन का दिवाली निकल गया है वो भी किसी और ने नहीं बल्कि भारतियों ने…दरअसल, चीन के सामानों का बहिष्कार करने से ड्रैगन को करीब 50 हजार करोड़ का नुकसान है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपने बयान में कहा है कि इस त्योहारी सीजन में चीनी समानों के बहिष्कार करने से उसे (चीन) करीब 50 करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान का अनुमान है। वहीं इस दौरान चीनी समानों के बहिष्कार से घरेलू स्तर पर ग्राहकी बढ़ी है और ग्राहकी बढ़ने से अर्थव्यवस्था में दो लाख करोड़ रुपये के फायदे की संभावना है।

CHINA INDIA

कैट ने जारी अपने बयान में कहा कि वर्तमान दिवाली त्यौहारी सीजन के मद्देनजर देशभर के बाजारों की ग्राहकी में बढ़ोतरी की वृद्धि को देखकर व्यापारी वर्ग एक बड़े कारोबार की उम्मीद में है। माना जा रहा है कि दिवाली की बिक्री अवधि के दौरान उपभोक्ताओं कि की गई खरीदारी से अर्थव्यवस्था में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का प्रवाह हो सकता है। चीन को लेकर कैट ने कहा कि बीते साल की तर्ज पर इस साल भी कैट ने ‘चीनी सामानों के बहिष्कार’ का आह्वान किया है। देश के व्यापारियों एवं आयातकों ने भी चीन से आयात पर रोक लगा दी है ऐसे में चीन को करीब इस त्योहारी सीजन में 50 हजार करोड़ रुपये का व्यापार घाटा होने की उम्मीद है। ‘चीनी सामानों के बहिष्कार’ कर देश को फायदा ये हो रहा है कि इससे लोग घरेलू सामानों पर ध्यान दे रहे हैं। भारतीय सामान के मांग बढ़ रही है। इसका पूरा-पूरा फायदा देश की अर्थव्यवस्था को होगा।

कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी के हाल ही में कई राज्यों के 20 शहरों में किए गए सर्वेक्षण में ये बात सामने आई है कि इस साल अभी तक भारतीय व्यापारियों या आयातकों ने दिवाली के त्योहार को लेकर पटाखों या फिर दूसरे सामानों को लेकर ऑर्डर नहीं किया है। इससे पहले राखी के त्योहार के दौरान भी चीन को लगभग 5000 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ थी। गणेश चतुर्थी में 500 करोड़ रुपये का नुकसान चीन को झेलना पड़ा था।

BSP के 6 विधायक और BJP के विधायक राकेश राठौर सपा में शामिल

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को बसपा और बीजेपी को झटका दिया है। लखनऊ सपा मुख्यालय पहुंचे बसपा के 6 बागी विधायक और एक भाजपा विधायक ने सपा की सदस्यता ली। सभी बागी विधायकों को अखिलेश यादव ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान अखिलेश ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। भाजपा के एक विधायक शामिल होने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री भाजपा पार्टी का नारा बदल देंगे। मेरा परिवार भाजपा परिवार की जगह नारा बदल के नाम होगा मेरा परिवार भागता परिवार रख देंगे। अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में किए गए वादे पूरे नहीं किए। समाजवादियों का मानना है कि जो कांग्रेस है वही भाजपा है जो भाजपा है वही कांग्रेस है।

बसपा के छह बागी विधायक

सुषमा पटेल, हरगोविंद भार्गव, असलम चौधरी,असलम राइनी, हाकिम लाल बिन्द और मुज्तबा सिद्दीकी

भाजपा के बागी विधायक

राकेश राठौर

हरेंद्र मलिक भी कर चुके हैं वापसी

चार बार विधायक व एक बार राज्यसभा सदस्य रहे हरेंद्र मलिक ने करीब 20 साल बाद शुक्रवार को एक बार फिर लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष समाजवादी पार्टी में वापसी की है। उनके साथ दो बार के पूर्व विधायक पंकज मलिक, चरथावल के पूर्व ब्लॉक प्रमुख जिल्ले हैदर समेत काफी संख्या में जिले के कांग्रेसियों ने पार्टी छोड़कर सपा की सदस्यता ली। पार्टी में शामिल होने के अवसर पर हरेंद्र मलिक ने अपने संबोधन में कांग्रेस को बंजर और सपा को उपजाऊ भूमि की उपमा दी।

सदस्यता के साथ समर्थन भी

शुक्रवार को सर्व समाज एकता दल के प्रदेश अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप ने सपा को अपना पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की। गोवर्धन मथुरा के पूर्व प्रमुख विनोद चौधरी तथा लखनऊ के कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हैदर कांग्रेस छोड़कर आज समाजवादी पार्टी के सदस्य बन गए। बसपा छोड़ कर मुजफ्फरनगर के पूर्व प्रत्याशी लोकसभा जिल्ले हैदर तथा बलरामपुर के पूर्व विधायक राम सागर अकेला ने भी समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। राष्ट्रीय जलवंशीय क्रांति दल के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र निषाद, राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र साहनी, सर्वजन समता पार्टी के अध्यक्ष आदेश कश्यप, अभय समाज पार्टी के अध्यक्ष पुरूषोत्तम निषाद, अखंड जलवंशीय सेना के अध्यक्ष अजय कश्यप तथा एकलव्य सेना के उम्मेद सिंह कश्यप, कश्यप तुरैहा समिति के रामेश्वर दयाल, केवट आर्मी के बबलू बिन्द, जलवंशीय समिति के जितेन्द्र निषाद, निषाद मल्लाह समिति के शंकर निषाद, निषाद सेना के मुकेश निषाद तथा आजमगढ़ सेवा संस्थान के संजय निषाद ने भी समाजवादी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की।

रोम में पीएम मोदी: रोम में G20 नेताओं के साथ इस विषय पर हुई गंभीर चर्चा

रोम: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इतालवी समकक्ष मारियो ड्रैगी ने पहली बार व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता के साथ-साथ स्थिति पर चर्चा की। शुक्रवार को बैठक के दौरान, मोदी ने भारत के परिवर्तनकारी जलवायु कार्यों के साथ-साथ विकासशील देशों की विकसित दुनिया की जलवायु वित्तपोषण प्रतिबद्धताओं के बारे में चिंताओं पर जोर दिया।

नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा- "उन्होंने भारत-यूरोपीय संघ के बहुआयामी सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की इच्छा दोहराई।" द्विपक्षीय मोर्चे पर, दोनों नेताओं ने नवंबर 2020 में भारत-इटली आभासी शिखर सम्मेलन के बाद के घटनाक्रमों की समीक्षा की, 2020-2025 कार्य योजना को लागू करने में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया, जिसने राजनीतिक, आर्थिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक में रणनीतिक लक्ष्य निर्धारित किए। अगले पांच वर्षों में हासिल किए जाने वाले क्षेत्रों और आभासी शिखर सम्मेलन में अपनाया गया।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने विशेष रूप से कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, मोटर वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में अपने देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों के विस्तार के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक के दौरान, भारत और इटली ने कपड़ा सहयोग पर एक आशय के वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए।

रोहिंग्याओं मुस्लिमों को बाहर निकाले पर BJP सरकार ने किए हाथ खड़े

कर्नाटक सरकार (Karnataka) की BJP सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में रोहिंग्याओं (Rohingya In India) के निर्वासन पर दी गई अपनी सूचना से यूटर्न मुकर गई है। सरकार ने इस मामले में अब संशोधित एफिडेविट दाखिल किया है। राज्य के गृह विभाग में अपर सचिव केएन वनजा द्वारा दायर नए हलफनामे में कहा गया है कि राज्य में कुल 126 रोहिंग्याओं (rohingya muslims) की पहचान की गई है। ये किसी शिविर या डिटेंशन सेंटर में नहीं। हलफनामे में यह भी कहा गया कि इस अदालत द्वारा जो भी आदेश पारित किया जाएगा, उसका ईमानदारी से और अक्षरश: पालन किया जाएगा।

हालांकि, पहले सरकार (Karnatakak Govt) ने कोर्ट में कहा था कि बेंगलुरु में रह रहे रोहिंग्या समुदाय के 72 लोगों को निर्वासित करने की तत्काल उसकी कोई योजना नहीं है। अब राज्य सरकार ने कहा है कि कोर्ट जो आदेश देगी, उसका पालन किया जाएगा।

दरअसल, भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय (Ashwini Kumar Upadhyay) ने रोहिंग्या समुदाय के लोगों की पहचान करके उन्हें निर्वासित करने के लिए याचिका दायर की थी। उन्होंने याचिका में आरोप लगाया है कि कई एजेंट के माध्यम से पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और गुवाहाटी के रास्ते अवैध प्रवासी संगठित तरीके से घुस रहे हैं।

Friday, October 29, 2021

धोखेबाज चीन की बगुला भक्ति से भारत को रहना होगा सतर्क: प्रताप मिश्रा



चीन के मामले में सबसे पहले यह साफ होना चाहिए कि इसकी मानसिकता सैनिक कार्रवाइयों से किसी भी विवाद को हल करने की रही है अतः इसके साथ कूटनीतिक वार्ता एक हद तक ही संभव है। भारत-चीन के सम्बन्धों का पिछले 74 साल का इतिहास गवाह है कि यह देश अपनी सैनिक शक्ति के बूते पर दोनों देशों के बीच की सीमा रेखा के विवाद को हल करना चाहता है परन्तु पिछले एक दशक में चीन अब विश्व की आर्थिक शक्ति भी बन चुका है जिसकी वजह से पड़ोसी देशों के साथ उसके सम्बन्धों पर दोहरा असर पड़ रहा है। चीन के सम्बन्ध में एक तथ्य और भी जगजाहिर है कि यह विस्तारवादी देश है और अपनी स्वतन्त्रता प्राप्ति (1949 में) के बाद से ही अपनी सीमाओं से लगती दूसरे देशों की भूमि हड़पता रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण तिब्बत है जिसे इसने पूरा निगल लिया है। अब इसकी निगाहें इसी तिब्बत से लगती भारतीय सीमाओं पर है जिन्हें वह हड़पने की गरज से पूरी नियन्त्रण रेखा को ही बदल देना चाहता है।

इस सन्दर्भ में इस देश ने हाल ही में एक एेसा कानून बनाया है जिसके तहत सीमावर्ती इलाकों में वह स्थानीय क्षेत्रवासियों के कथित शोषण के नाम पर अपनी विस्तारवादी सदाशयता को लागू करके आपसी सद्भाव के नाम पर अपने में मिला सके और सीमावर्ती देश को इस उलझावे में रख कर बातचीत से हल निकालने का बहाना खोज सके। भारत ने इसका विरोध करते हुए स्पष्ट किया है कि एेसा कानून न केवल इकतरफा है बल्कि दोनों देशों के बीच अभी तक हुए विभिन्न सीमा प्रबन्धन समझौतों का उल्लंघन करने वाला भी है। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच अभी तक पांच सीमा समझौते हो चुके हैं जिनमें नियन्त्रण रेखा के दोनों ओर शान्ति व सद्भाव बनाये रखने के विभिन्न प्रावधान हैं। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच सीमा विवाद हल करने के लिए एक उच्च स्तरीय कार्यदल भी गठित है जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार करते हैं और चीन की तरफ से उनके समकक्ष मन्त्री ही नेतृत्व संभालते हैं। इस कार्यदल की एक दर्जन से अधिक बैठकें हो चुकी हैं मगर अभी तक कोई हल नहीं निकला है।

इस सन्दर्भ में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि चीन उस मैकमोहन रेखा को नहीं मानता है जो 1914 में भारत, चीन व तिब्बत की सीमाओं को सुनिश्चित करने की गरज से खींची गई थी। 1947 में भारत के आजाद होने के समय यही रेखा इन तीनों देशों की सीमाएं सुनिश्चित करती थी परन्तु 1949 में स्वतन्त्र होने के बाद चीन ने अपने पड़ोसी देश तिब्बत को हड़पने का सैनिक अभियान शुरू किया और 1958 तक इसे पूरा कर लिया। इसके बाद 1962 में इसने भारत पर आक्रमण करके अपनी विस्तारवादी नीयत को आगे बढ़ाया जिसका अन्तर्राष्ट्रीय  स्तर पर भारी विरोध होने की वजह से इसकी सेनाएं पीछे हटी परन्तु भारत की 35 हजार वर्ग किमी भूमि इसके कब्जे में चली गई। इसके बाद 1963 में इसने पाकिस्तान के साथ एक नया सीमा समझौता किया और पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले कश्मीर की पांच हजार वर्ग कि.मी. से ज्यादा जमीन इसे तोहफे में दे दी। यह भूमि रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह काराकोरम दर्रे के बिल्कुल निकट है। चीन ने इस जमीन का इस्तेमाल दुनिया की सबसे ऊंची सड़क के निर्माण के रूप में किया और पाकिस्तान के साथ इसे जोड़ कर भारत के लिए नया खतरा पैदा किया। इसी काराकोरम दर्रे के निकट भारत का दौलतबेग ओल्डी सैनिक अड्डा है जिसके करीब देपसांग का पठारी मैदानी इलाका है जिसमें चीन 14 कि.मी. अन्दर तक घुस आया है। इस इलाके में उसने भारतीय फौजों को अपनी जगह से चौकसी करने से रोका हुआ है और दौलत बेग ओल्डी तक आने वाली भारतीय सड़क के मार्ग में घुसपैठ करके जगह-जगह अवरोध पैदा कर दिये हैं और अपने सैनिक अड्डे व जमावड़े बना लिये हैं।  इतना ही नहीं चीन इससे भी आगे भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित गांवों तक के इलाके में घुस आया है और तिब्बत से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक सीमा रेखा या नियन्त्रण रेखा को बदल देना चाहता है। निश्चित रूप से भारत के लिए यह गंभीतर चिन्ता का विषय है क्योंकि तिब्बत से लगती जो भी भारतीय भूमि है उस पर चीन की लालची निगाहें हैं और वह स्थानीय लोगों के कथित शोषण के नाम पर इसे हड़पना चाहता है। चीन एेसा करके उस सीमा वार्ता के नियमों को भी तोड़ रहा है जो दोनों देशों के बीच डा. मनमोहन सिंह की सरकार के समय असल कार्यरूप में आयी थी।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की सदारत में होने वाले इस वार्ता तन्त्र का एक मोटा सिद्धान्त यह तय किया गया था कि सीमा पर स्थित जिस इलाके में जिस देश का शासन तन्त्र काम कर रहा है वह उसी का समझा जाये। इस फार्मूले के तहत सीमा स्थित तिब्बत के समीपवर्ती इलाकों से लेकर अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती सभी इलाके भारतीय शासनतन्त्र के आते हैं मगर चीन की टेढी निगाहें एेसे सभी इलाकों पर हैं। भारत ने एक बार फिर यह कह कर साफ कर दिया है कि 1963 में उसे सौगात में दिया गया पाक अधिकृत कश्मीर का पांच हजार वर्ग कि.मी. इलाका उसका नहीं है क्योंकि यह जम्मू-कश्मीर रियासत का हिस्सा है। भारत इस समझौते को पूरी तरह अवैध मानता है।

मगर चीन अब तमाम नियन्त्रण रेखा को ही बदलने की साजिश रच रहा है जिसे कभी कामयाब नहीं होने देना चाहिए। उसकी बगुला भक्ति का स्वांग तोड़े जाने की सख्त जरूरत है जिसे भारत ने अपना विरोध प्रकट करके छिन्न-भिन्न करने की कोशिश की है।

Thursday, October 28, 2021

चीन ने किया पानी के भीतर विस्फोट, टुकड़ों में बिखेरा बंदरगाह, ‘ड्रैगन’ ने कहा- US के खिलाफ करेंगे इस्तेमाल


चीन (China) ने पानी के भीतर विस्फोटकों (Underwater Explosives) का इस्तेमाल करके एक बंदरगाह को उड़ा दिया. ये इस तरह का किया गया पहला टेस्ट था. चीन के सरकारी मीडिया ने कहा कि युद्ध की स्थिति में इस तकनीक का इस्तेमाल अमेरिका (America) के खिलाफ भी किया जा सकता है. चीनी सेना (Chinese Military) ने ये टेस्ट शनिवार को किए हैं. इसने चीन की एक अज्ञात लोकेशन पर पानी के भीतर विस्फोटकों का इस्तेमाल करते हुए एक घाट को उड़ाया. ग्लोबल टाइम्स अखबार ने कहा, इस टेक्नोलॉडी को संघर्ष की स्थिति में दुश्मन की आपूर्ति लाइनों को काटने के लिए डिजाइन किया गया है.

अखबार ने कहा कि पानी के नीचे विस्फोटकों का इस्तेमाल करके चुपके से हमले को अंजाम दिया जा सकता है. इसकी वजह से अमेरिकी वाहक जैसे बड़े जहाज भी कमजोर हो जाएंगे. चीन द्वारा हाल ही में किए गए टेस्टों की कड़ी में ये सबसे लेटेस्ट है. पिछले हफ्ते चीन ने एक सैटेलाइट लॉन्च किया, जिसे लेकर अमेरिका ने कहा कि ये अन्य स्पेसक्राफ्ट को निशाना बना सकता है. इसके अलावा, चीन ने दो ऑर्बिटल हथियारों का टेस्ट किया, जिसे लेकर विश्लेषकों ने कहा कि ये हाइपरसोनिक परमाणु हथियार थे. ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि पानी के नीचे विस्फोटकों का इस्तेमाल शक्तिशाली विस्फोट के लिए किया गया, जिसने एक घाट को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया.

प्रशांत क्षेत्र में बदलती अमेरिकी नीति को दिया जवाब

ग्लोबल टाइम्स ने कहा, घाट पर लगाए गए सेंसर का इस्तेमाल डेटा इकट्ठा करने के लिए किया गया था, जिसका इस्तेमाल वास्तविक युद्ध में ‘शत्रुतापूर्ण बंदरगाहों’ पर हमलों को सपोर्ट करने के लिए किया जाएगा. अखबार की रिपोर्ट में कहा गया कि पानी के भीतर विस्फोटकों का इस्तेमाल प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी रणनीति को बदलने के जवाब में किया गया है. इसने दावा किया कि अमेरिका अपनी सेना को एक जगह इकट्ठा न करके, छोटे स्थानों में भेजकर उन्हें विभाजित कर रहा है, ताकि वह हमलों से बच सके. ऐसे में चीन द्वारा इस तरह के हथियारों का विकास किया जा रहा है.

चीन ने स्पेस में फैले मलबे को साफ करने वाली सैटेलाइट लॉन्च की

एक अनाम सैन्य एक्सपर्ट ने कहा, पोर्ट्स और घाटों के तबाह होने के बाद दुश्मन की रसद की सप्लाई फेल हो जाएगी और सेनाओं को फैलाने की रणनीति भी विफल होगी. ये टेस्ट ऐसे समय पर हुआ है, जब चीन ने हाल ही में शिजियान 21 (Shijian 21) नाम से एक सैटेलाइट को लॉन्च किया है. इसे लेकर कहा गया कि ये टेक्नोलॉजी स्पेस में फैले मलबे को साफ करेगी. लेकिन अमेरिका ने चेतावनी दी कि इस तकनीक का इस्तेमाल दूसरी सैटेलाइट्स को पकड़ने और उन्हें तबाह करने के लिए किया जा सकता है. बीजिंग ने इससे पहले शिजियन 17 को लॉन्च किया है, जो 2016 में स्पेस में गया था.

भरी रैली में नरेंद्र मोदी को उड़ाने की साजिश रचने वाले 9 लोग दोषी करार, 1 नवंबर को होगा सजा का ऐलान

साल 2013 में पटना में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में अदालत ने 10 में से नौ आरोपियों को दोषी करार दिया  है। एक आरोपी को सबूतों के आभाव में बरी कर दिया गया है। अब कोर्ट इस मामले में एक नवंबर को सजा सुनाएगी। आठ  साल पहले 27 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान जोरदार धमाका हुआ था। 27 अक्टूबर 2013 को बिहार की राजधानी पटना में हुए सिलसिलेवार धमाकों में छह लोगों की मौत हुई थी और नब्बे से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हालांकि इन धमाकों के बावजूद पटना के गांधी मैदान में रैली हुई और नरेंद्र मोदी ने भाषण भी दिया था। वो बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे।

11 आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने दाखिल की थी चार्जशीट

पटना में बीजेपी की हुंकार रैली के दौरान सीरियल ब्लास्ट हुए थे। गांधी मैदान के साथ-साथ पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर दस के शुलभ शौचालय में भी एक धमाका हुआ था। इस मामले में एनआईए ने घटना के अगले दिन से जांच शुरू कर दी थी। एनआईए ने एक साल के अंदर ही 21 अगस्त 2014 को कुल 11 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीच दाखिल की थी। इसके बाद एनआईए की टीम ने इस मामले में हैदर अली, नोमान अंसारी, मोहम्मद मुजिबुल्ला अंसारी, इमतियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मोहम्मद फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मोहम्मद इफ्तिखार आलम, अजरुद्दीन कुरैशी और तौफीक अंसारी को गिरफ्तार किया था।

मानव बम बन उड़ाने की थी साजिश

दरअसल, गांधी मैदान ब्लास्ट का मास्टर माइंड हैदर अली और मुजिबुल्लाह था। बताया जाता है कि बम धमाके के बाद वो डर गया था। इसलिए मौके से भागने की कोशिश की लेकिन तब तक पुलिस मौके पर पहुंच गई और उसे दबोच लिया गया। पूछताछ के दौरान उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। उसने पूछताछ में बताया था कि वो अपनी पूरी टीम के साथ गांधी मैदान में हुंकार रैली को दहलाने के लिए पहुंचा था। इन धमाकों में आतंकियों के निशाने पर नरेंद्र मोदी थे और उन्हें मानव बम से उड़ाने की प्लानिंग थी। आतंकियों ने इसकी पूरी तैयारी कर रखी थी। इस प्लानिंग में बम से लैस जैकेट को पहनकर आतंकियों का नरेंद्र मोदी के पास जाना और उन्हें उड़ा देना शामिल था।

उड़ गया था एक आतंकी का शरीर

गांधी मैदान में जिस वक्त यह धमाके हुए, उस दौरान पुलिस ने इसे छोटा विस्फोट बताया था लेकिन सच यह था कि धमाके में एक आतंकी का शरीर ही उड़ गया था। बताया जाता है कि मानव बम का इस्तेमाल पीएम उम्मीदवार रहे वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी के वाहन को उड़ाने के लिए किया गया था। लेकिन गलती से वह पटना जंक्शन के शौचालय में फट गया। इस धमाके में गांधी मैदान व पटना रेल थाने में मामला दर्ज किया गया था। बाद में इस केस को एनआइए को सौंपा गया था।

क्रूज ड्रग्स पार्टी मामले में आर्यन खान को मिली जमानत, लेकिन रहना होगा जेल में

क्रूज ड्रग्स पार्टी (cruise drugs party) मामले में मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के पुत्र आर्यन खान (Aryan Khan) की जमानत की अर्जी को बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने गुरुवार स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने इस मामले में सह अभियुक्त मुनमुन धमीचा (Munmun Dhamicha) और अरबाज मर्चेंट (Arbaaz Merchant) को भी जमानत पर छोडऩे का आदेश दिया, लेकिन न्यायालय से आदेश की कॉपी न मिलने के कारण तीनों आज जेल से मुक्ति नहीं मिली।

अब उन्हें शुक्रवार या शनिवार को जेल से रिहा किया जा सकता है। जमानत की अर्जियों पर न्यायालय में सुनवाई आज तीसरे दिन अपराह्नन तीन बजे सुनवाई शुरू हुई थी। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) (NCB) की ओर से जमानत की अर्जी का विरोध करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह ने कहा कि आर्यन को जमानत मिलने पर सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है। आर्यन पिछले कुछ सालों से नियमित ड्रग्स ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्यन (Aryan Khan) के रिकॉर्ड से पता चलता है कि वे कई लोगों को ड्रग्स उपलब्ध भी कराते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जिस मात्रा में ड्रग्स की मिली है, उससे साफ है कि वह नशीले पदार्थों के तस्करों के संपर्क में रहे हैं। सिंह ने सवाल उठाया कि ये बात बार-बार पूछी जा रही है कि हमने ड्रग सेवन की जांच नहीं की है। यह मामला इस बात को लेकर है कि आर्यन (Aryan Khan) के पास ड्रग्स पाई गई है। सिंह ने कहा कि जब आर्यन ने ड्रग का सेवन नहीं किया तो उसकी चिकित्सकीय जांच का का सवाल ही नहीं उठता है?

पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम प्रांत में आतंकवादी हमलों में आठ पाक सैनिकों की मौत

पेशावर। आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान को खुद उसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। अफगानिस्तान के आतंकी समूह भी उसके लिए खतरा बन गए हैं। पाक के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के विभिन्न क्षेत्रों में सीमा पार हमले और बम विस्फोटों में कुल आठ पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी मारे गए और एक अन्य घायल हो गया। पाकिस्तान के डान अखबार ने पाकिस्तान सशस्त्र बलों के मीडिया विंग के हवाले से बताया कि अफगानिस्तान के अंदर के आतंकवादियों ने मंगलवार और बुधवार के बीच कुर्रम जिले में पाकिस्तान-अफगान सीमा पर बाड़ को पार करने का प्रयास किया। इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने कबायली जिले में सीमा पार करने के प्रयास को विफल कर दिया। भारी गोलीबारी के दौरान दो सैनिकों की मौत हो गई। इस बीच लक्की मारवत को मियांवाली जिले से जोड़ने वाली एक व्यस्त सड़क पर मंगलवार को गश्त के दौरान चार पुलिस कांस्टेबल शहीद हो गए।

पुलिस दल के प्रमुख पर हमला

एक अन्य घटना में, लक्की शहर के पास एक पुलिस दल के प्रमुख पर हमला किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि मोटरसाइकिल सवार हथियारबंद लोगों ने पुलिस वैन पर फायरिंग की और भाग गए। डान अखबार के अनुसार, पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी मौके पर पहुंच गई क्योंकि कर्मियों ने हमलावरों की तलाश में इलाके में तलाशी शुरू कर दी थी।

उत्तरी वजीरिस्तान जिले में दो पाक सैनिक मारे गए

अखबार ने कहा कि बुधवार को त्तरी वजीरिस्तान जिले के तीन अलग-अलग इलाकों में हुए बम हमलों में दो पाक सैनिक मारे गए और एक अन्य घायल हो गया। अफगान सीमा के पास डेगन इलाके में सड़क किनारे हुए विस्फोट में एक सैनिक की मौत हो गई, जबकि रजमक तहसील के गैरुम इलाके में हुए एक अन्य विस्फोट में एक अन्य सैनिक की मौत हो गई। मिराली कस्बे के पास तापसी अड्डा में एक अन्य सैनिक घायल हो गया।

अमेरिका और रूस के बाद भारत ने किया ब्रिटिश सेनाओं के साथ युद्धाभ्यास

नई दिल्ली। चीन से तनाव के बीच भारत की नौसेना ने अमेरिका और रूस के बाद ब्रिटेन की सेनाओं के साथ अरब सागर में सैन्य अभ्यास पूरा कर लिया है। अरब सागर में "कोंकण शक्ति " नाम से शुरू इस युद्धाभ्यास में ब्रिटेन के सबसे बड़े युद्धपोत एचएमएच क्वीन एलिजाबेथ की अगुआई में ब्रिटिश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) ने हिस्सा लिया। दोनों देशों की सेनाओं के तीनों अंगों ने भारत के पश्चिमी तट पर यह अभ्यास दो चरणों में पूरा किया है। इस अभ्यास के जरिये भारत ने चीन को सन्देश दिया है कि हिन्द महासागर क्षेत्र और अरब सागर में भारतीय नौसेना किसी भी स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है।

भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के सशस्त्र बलों के बीच अभ्यास का पहला चरण मुंबई में बंदरगाह पर 21 से 23 अक्टूबर तक हुआ जबकि समुद्री अभ्यास 24 से 27 अक्टूबर तक आयोजित किया गया। इसमें भाग लेने वाली इकाइयों को दो विरोधी ताकतों में बांटा गया था, जिसका उद्देश्य सेना के जमीनी सैनिकों को उतारने के लिए "समुद्र नियंत्रण " हासिल करना था। दोनों बलों ने अपने-अपने ग्रुप के भीतर सी-एप्रोच, एयर डायरेक्शन और लड़ाकू विमानों (मिग 29के और एफ35 बी विमानों) से हमले वाले अभियान, समुद्र में युद्ध की परिस्थितियों के बीच हेलीकॉप्टरों (सी किंग, चेतक और वाइल्डकैट) के क्रॉस कंट्रोल जैसे अभ्यास तथा हवा में अपनी स्थिति बदलने वाले लक्ष्यों पर गन से फायरिंग करने जैसे अभ्यास किए।

भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वेस्टर्न फ्लीट रियर एडमिरल अजय कोचर ने किया और इसमें फ्लैग शिप आईएनएस चेन्नई, भारतीय नौसेना के अन्य युद्धपोत और रॉयल नेवी के टाइप 23 फ्रिगेट एचएमएस रिचमंड शामिल थे। युद्धाभ्यास में ब्रिटेन के सबसे बड़े युद्धपोत एचएमएच क्वीन एलिजाबेथ की अगुआई में ब्रिटिश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) ने हिस्सा लिया। कैरियर बैटल ग्रुप या कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ब्रिटिश नौसना का विशाल बेड़ा है, जिसमें एक विमानवाहक पोत शामिल है। इनके अलावा इनमें बड़ी संख्या में विध्वंसक, फ्रिगेट एवं अन्य पोत शामिल हैं। अमेरिका और रूस के बाद ब्रिटेन की नौसना सबसे बड़ी है, जिसने भारत की तीनों सेनाओं के साथ युद्धाभ्यास किया।

हवाई अभियानों में भारतीय समुद्री गश्ती विमान (एमपीए) डोर्नियर, भारतीय नौसेना (मिग 29 के), रॉयल नेवी (एफ 35 बी) और भारतीय वायुसेना (एसयू -30 और जगुआर) लड़ाकू विमानों के दस्ते पर हमले शामिल थे, साथ ही इस फॉर्मेशन पर कंपोजिट फ्लाई पास्ट शामिल था। रात में भारतीय स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी और रॉयल नेवी द्वारा संचालित पानी के भीतर रिमोट नियंत्रित वाहन ईएमएटीटी के साथ जमीनी अभ्यास किए गए। भारतीय समुद्री गश्ती विमान (एमपीए), पी-8आई ने भी अभ्यास में भाग लिया। अभ्यास के दौरान दोनों नौसेनाओं की व्यावसायिकता, उच्च स्तर की इंटरऑपरेबिलिटी और तैयारियों का प्रदर्शन किया गया। यह दोनों देशों के बीच कई वर्षों की अवधि में बनाई गई आपसी विश्वास और समझ को भी दर्शाता है।

परमबीर सिंह पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए मुंबई पुलिस पहुंची कोर्ट

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। बीते दिनों उनके वेतन रोके जाने की खबर सामने आई थी। अब क्राइम ब्रांच की तरफ से परमबीर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई गई है। उगाही कांड की जांच कर रही क्राइम ब्रांच के मुताबिक परमबीर सिंह का कोई सुराग नहीं मिल रहा है। कल अर्जी पर 29 अक्टूबर को सुनवाई होगी। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के अनुसार मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परम बीर सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के लिए एस्प्लेनेड कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की। उसके खिलाफ उगाही के एक मामले में कोई सुराग नहीं मिलने के बाद क्राइम ब्रांच ने कोर्ट का रूख किया है।

महाराष्ट्र सरकार ने रोकी सैलरी

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को महाराष्ट्र सरकार भगौड़ा मानते हुए उनकी सैलरी पर रोक लगा दी है। बता दें कि एंटीलिया कांड में आरोप लगने के बाद परमबीर सिंह छुट्टी के नाम पर मुंबई से बाहर गए थे, लेकिन अब लापता हैं। परमबीर सिंह पर मुम्बई, ठाणे में कई एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने परमबीर सिंह को समन कि पर कोई जवाब नहीं मिला। ऐसे में अब राज्य सरकार परमबीर को भगौड़ा मान रही है।

उद्धव ने साधा परमबीर सिंह पर निशाना

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बम्बई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में एनेक्सी बिल्डिंग की दो विंग के उद्घाटन के मौके पर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य में एक ऐसा मामला है, जहां शिकायतकर्ता लापता हो गया है।  उद्धव ने कहा कि महाराष्ट्र में 1958 से एक मामला लंबित है क्योंकि आरोपी फरार है। लेकिन आज हमारे पास एक ऐसा मामला है जहां शिकायतकर्ता लापता है। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की, लेकिन अब गायब हैं। हमें नहीं पता कि वह कहां हैं। इस पर भी गौर करने की जरूरत है।

CM Yogi यूपी की जनता को दे सकते हैं बड़ा तोहफा : पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों में कर सकते हैं बड़ी कटौती

लखनऊ। देश में आए दिन बढ़ रही तेल की कीमतों (Petrol Diesel Price) से पूरे देश में इस वक्त हाहाकार मचा हुआ है। इसी बीच यूपी की योगी सरकार प्रदेश की जनता को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। सरकार के इस फैसले से लोगों को पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों से कुछ राहत मिल सकती है। बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार शाम को सीएम आवास पर अहम बैठक बुलाई है। इसमें डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर भी चर्चा हो सकती है।

जानकारी के मुताबिक, वित्त विभाग के अधिकारियों की मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शाम 5.30 बजे सीएम आवास पर पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ जमाखोरी,कालाबाज़ारी पर भी बात होगी। इस पर भी सीएम योगी कोई अहम फैसला लेने की संभावना है।

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल (Crude Oil) उच्चतम स्तर पर है। इसके बाद देश भर में तेल के भाव पर महंगाई की मार जारी है। भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर दिन नया रिकॉर्ड बना रही हैं। गुरुवार यानी 28 अक्टूबर को पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) के रेट में 35-35 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है।

नौसेना प्रमुख का चीन पर निशाना, बोले - कुछ देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चाहते हैं वर्चस्व

आर्मी चीफ के बाद अब नेवी चीफ ने भी नाम लिए बिना चीन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कुछ देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपना वर्चस्व और नियंत्रण चाहते हैं. एक तरह से वे वैश्विक नियमों के लिए चुनौतियां पैदा कर रहे हैं. नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना मित्र देशों को एक सुरक्षा भागीदार के रूप में उभरने में मदद कर रही है. उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव जमाने के लिए दिन-प्रतिदिन प्रतिस्पर्धा देखने को मिली रही है. यह बयान उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा. उन्‍होंने कहा कि दूसरा तत्व बाहर की ओर देखना और अपने जुड़ाव में महत्वाकांक्षी होना है, जबकि तीसरा तत्व विश्वास विकसित करने के लिए भागीदार देशों के साथ जुड़ना है.

हिंद महासागर में द्वीप राष्ट्र हैं. उनकी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है. ऐसे राष्ट्रों में मादक पदार्थों की तस्करी भी बड़ी समस्या है. इसलिए भारतीय नौसेना इन समस्याओं के समाधान पर काम कर रही है.  भारतीय नौसेना समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने और उनके ठोस समाधानों पर पहल कर रही है.

उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अधिक रचनात्मक और स्थिर भूमिका निभाने के अपने प्रयासों में कुछ तत्वों को प्राथमिकता दी है. इनमें क्षेत्र में सामूहिक समुद्री क्षमता विकसित करने की दिशा में काम करना शामिल है. उन्होंने बताया कि हमारी नौसेना का प्रयास चुनौतियों का सामना करने के लिए सामूहिक रूप से दक्षताओं का इस्तेमाल करने में मदद करना है. इसमें एक सहभागी,

अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति को लेकर भारत चिंतित है : पेंटागन


अमेरिका के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति को लेकर भारत चिंतित है। नीतिगत मामलों के लिए अवर रक्षा सचिव कॉलिन एच कहल ने अफगानिस्तान, दक्षिण एवं मध्य एशिया सुरक्षा पर सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि आप इस बात से अवगत हैं कि वे (भारतीय) अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर चिंतित हैं। वे वहां की अस्थिरता और आतंकवाद विरोधी अपनी चिंताओं को लेकर परेशान हैं।

कहल ने कहा, ‘‘ वे (भारतीय) इन मुद्दों पर हमारे साथ काम करना चाहते हैं, खुफिया जानकारी साझा करने समेत जहां भी हम उन्हें सहयोग कर सकते हैं। यह हमें न केवल अफगानिस्तान के संबंध में और आतंकवाद के खिलाफ, बल्कि हिंद महासागर और हिंद-प्रशांत में व्यापक क्षेत्रीय सुरक्षा विषयों पर भारत के साथ सहयोग के अवसर प्रदान करता है।’’ कहल ने यह बयान सीनेटर गैरी पीटर्स के एक सवाल के जवाब में दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘ अफगानिस्तान के प्रति भारत की नीतियों की कल्पना बड़े पैमाने पर पाकिस्तान के साथ प्रतिस्पर्धा और छद्म संघर्ष को ध्यान में रखकर की जाती है। यह भी एक कारण है कि भारत को इस आशंका को लेकर कम चिंतित नहीं होना चाहिए कि तालिबान सरकार, भारत विरोधी आतंकवादी संगठनों को फायदा पहुंचा सकती है, खासकर जो कश्मीर के आसपास हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ इस महत्वपूर्ण भागीदार के साथ संयुक्त सहयोग तथा मिलकर काम करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और यह तथ्य कि भारत, अमेरिका का एकमात्र नामित प्रमुख रक्षा भागीदार है,....मेरा मानना है कि हमारे लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि अफगानिस्तान के प्रति उसका दृष्टिकोण कैसा है और आगे कैसा रहेगा। सीनेटर जैक रीड के एक अन्य सवाल के जवाब में कहल ने कहा कि पाकिस्तान एक चुनौतीपूर्ण भूमिका पेश करता है, लेकिन वह नहीं चाहता कि अफगानिस्तान आतंकवादी हमलों या बाहरी हमलों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बने।

लखीमपुर कांड पर सीएम योगी का बड़ा एक्शन, डीएम सहित 12 IAS के तबादले


उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी कांड के बाद सीएम योगी ने बड़ा एक्शन लिया है. यूपी सरकार ने लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी को हटा दिया है. महेन्‍द्र बहादुर सिंह को लखीमपुर का नया डीएम बनाया गया है. इसके साथ ही प्रदेश के 12 आईएएस अधिकारियों का भी तबादला किया गया है. जानकारी के अनुसार एडी सूडा आलोक सिंह को ललितपुर का नया डीएम बनाया गया है. वहीं चंद्रभूषण त्रिपाठी हमीरपुर के नए डीएम होंगे. इसके अलावा अरुण कुमार को मऊ जिले का नया डीएम बनाया गया है. अमेठी में जिलाधिकारी के तौर पर शेषमणि पांडेय की तैनाती की गई है. वहीं अविनाश कृष्‍ण सिंह को मैनपुरी का डीएम बनाया गया है.

आर्यन केस में 18 करोड़ की डील करनेवाला केपी गोसावी पुणे में पकड़ा गया

New Delhi : मुंबई ड्रग्स-ऑन-क्रूज़ मामले की जांच कर रही नॉरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के एक विवादास्पद ‘गवाह’ केपी गोसावी को महाराष्ट्र पुलिस ने पकड़ लिया है। उसको पुणे में हिरासत में लिया गया है। तीन दिन पहले उसने एक न्यूज चैनल पर दावा किया था कि वह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण करेगा। पर ऐसा संभव नहीं हो सका।
आर्यन खान के केस में एनसीबी के नंबर एक गवाह प्रभाकर सेल के दावों के मुताबिक केपी गोसावी ने सैम डिसूजा के साथ मिलकर 25 करोड़ की डिमांड आर्यन को छोड़ने के एवज में डिमांड की थी और फिर 18 करोड़ में डील फाइनल हुई, जिसमें से 8 करोड़ जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को गये

अशोक वाटिका से माँ सीता की निशानी लेकर अयोध्या आ रहे श्रीलंका के 2 मंत्री, राजदूत


राम मंदिर, अशोक वाटिका, श्रीलंका
माता सीता की निशानी लेकर अयोध्या आएँगे श्रीलंका के मंत्री

श्रीलंका के राजदूत, उप राजदूत और श्रीलंका के दो मंत्री गुरुवार (28 अक्टूबर 2021) को अशोक वाटिका की शिलाएँ लेकर अयोध्या पहुँचेंगे। वे श्रीलंका में जिस स्थल पर माता सीता को रावण ने रखा था, उस अशोक वाटिका की शिलाएँ रामलला को समर्पित करेंगे। इसके बाद राजदूत, उप राजदूत और श्रीलंका सरकार के दोनों मंत्री रामलला का दर्शन और आरती करेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य राजा अयोध्या के आवास राज सदन में श्रीलंका के राजदूतों और उनके मंत्रियों का स्वागत करेंगे। हालाँकि, अभी तक ट्रस्ट ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि शिलाओं का इस्तेमाल कहाँ होगा, लेकिन श्रीलंका से अयोध्या का आध्यात्मिक जुड़ाव जरूर होगा, क्योंकि माता सीता का अपहरण करने के बाद रावण ने उन्हें जिस अशोक वाटिका में रखा था, उसी अशोक वाटिका के पत्थरों को लेकर श्रीलंका के राजदूत अयोध्या पहुँचेंगे।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया, ”श्रीलंका के राजदूत, उप राजदूत और श्रीलंका सरकार के दो मंत्री माता सीता की निशानी लेकर अयोध्या आ रहे हैं। श्रीलंका स्थित अशोक वाटिका में जहाँ माता सीता रही थी, वे वहाँ की शिलाएँ लेकर आ रहे हैं। यह शिलाएँ श्रीलंका के समाज का प्रतिनिधित्व करेंगी। लंका के समाज की भावनाओं का प्रस्तुतीकरण होगा। सभी मेहमान 28 अक्टूबर को अयोध्या पहुँचेंगे और 11:00 बजे राम जन्मभूमि जाएँगे।”

उन्होंने बताया कि दोपहर 12:00 बजे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा के आवास पर राजदूत और श्रीलंका सरकार के दोनों मंत्री भोजन करेंगे तथा यहीं पर पत्रकार वार्ता भी करेंगे। इसके बाद 1:30 बजे राजदूत, उप राजदूत और श्रीलंका सरकार के दोनों मंत्री लखनऊ के लिए रवाना हो जाएँगे।

IAF मार्शल अमित देव ने PoK को बताया भारत का हिस्सा, कहा- ''जल्द ही हमारे पास पूरा कश्मीर होगा''


नेशनल डेस्क; भारतीय वायुसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि कश्मीर के, पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से (पीओके) पर कब्जा करने की ‘‘फिलहाल'' कोई योजना नहीं है, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि एक दिन भारत के पास ‘‘पूरा कश्मीर'' होगा। भारतीय सैनिकों के बडगाम पहुंचने (लैंडिंग) की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर यहां एक कार्यक्रम में पश्चिमी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (एओसी-इन-सी), एयर मार्शल अमित देव ने पत्रकारों से कहा कि पीओके में लोगों के साथ पाकिस्तानियों द्वारा उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वायुसेना और सेना द्वारा (27 अक्टूबर, 1947 को) की गई कार्रवाई के परिणामस्वरूप कश्मीर के इस हिस्से की स्वतंत्रता सुनिश्चित हुई। मुझे यकीन है कि किसी दिन कश्मीर का, पाकिस्तान के कब्जे वाला हिस्सा भी, कश्मीर के इस हिस्से में शामिल हो जाएगा और आने वाले वर्षों में हमारे पास पूरा कश्मीर होगा।'' हालांकि, यह पूछे जाने पर कि क्या बल की पीओके पर कब्जा करने की कोई योजना है, एयर मार्शल देव ने कहा कि फिलहाल कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘(संपूर्ण) कश्मीर एक है, राष्ट्र एक है। दोनों ओर के लोगों में समान लगाव है। आज हो या कल, इतिहास गवाह है कि राष्ट्र एक साथ आते हैं। फिलहाल हमारे पास कोई योजना नहीं है, लेकिन ईश्वर की इच्छा है, ऐसा होकर रहेगा क्योंकि कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में लोगों के साथ पाकिस्तानियों द्वारा बहुत उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा है।'' 

तत्कालीन महाराजा हरि सिंह द्वारा पाकिस्तानी कबायली छापेमारी के बाद भारत के साथ विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के एक दिन बाद 27 अक्टूबर, 1947 को भारतीय सैनिक कश्मीर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन बुनियादी चुनौतियों में से एक तकनीक है। उन्होंने कहा, ‘‘तकनीक के बदलाव की दर आज दुनिया में इतनी तेज है कि हमें उसके साथ तालमेल बिठाना होगा। अगर किसी देश को आर्थिक रूप से विकसित होना है तो उसके पास एक मजबूत सेना होनी चाहिए, हमें आने वाले वर्षों में राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व को पूरा करना चाहिए और हम हमेशा चुनौती के लिए तैयार हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वायुसेना एक बहुत ही सक्षम बल बन गया है और आने वाले वर्षों में, हम सम्मान के साथ राष्ट्र की सेवा करना जारी रखेंगे।'' 

ड्रोन हमलों के बारे में पूछे जाने पर, एयर मार्शल देव ने कहा कि वे केवल कम से कम नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास इसके (ड्रोन हमलों) खिलाफ उपकरण तैयार थे, और इसे यहां भी तैनात किया गया था। अब हम और उपकरण खरीद कर तैनाती बढ़ा रहे हैं। ड्रोन चुनौती एक छोटी सी चुनौती है और जब भी यह चुनौती सामने आएगी, हम उस चुनौती से निपटने में सक्षम होंगे।'' उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों के बडगाम में प्रवेश के 75 साल पूरे होने का जश्न एक ऐतिहासिक अवसर है।

जापान ने पेश की दुनिया की पहली उड़ने वाली बाइक


नई दिल्ली। Flying Bike: आम जिंदगी में हम फ्लाइंग कारों की वीडियो और तस्वीरों को देखकर भविष्य के बारे में महज अंदाजा लगा रहे हैं। लेकिन इस दिशा में आगे बढ़ते हुए जापान ने फ्लाइंग बाइक को पेश किया है। कुछ समय से उड़ने वाली बाइक विकसित कर रही जापान की कंपनी ALI Technologies ने दुनिया की पहली व्यावहारिक होवर बाइक XTURISMO लिमिटेड वर्जन का एक प्रदर्शन उड़ान वीडियो जारी किया है।

जानकारी के लिए बता दें, ALI Technologies ने 26 अक्टूबर से XTURISMO लिमिटेड वर्जन के लिए बुकिंग स्वीकार करना शुरू कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक कंपनी इस उड़ने वाली बाइक की केवल 200 यूनिट का निर्माण करेगी। वहीं XTURISMO लिमिटेड वर्जन की कीमत कर और बीमा सहित 77.7 मिलियन येन (लगभग 5.10 करोड़ रुपये ) है। कंपनी ने कहा कि इस लिमिटेड एडिशन फ्लाइंग बाइक की पहली यूनिट की डिलीवरी अगले साल की पहली छमाही में शुरू हो जाएगी।

मंगलवार को आयोजित प्रदर्शन के दौरान, फ़ूजी रेसिंग ट्रैक पर ग्रैंडस्टैंड के सामने XTURISMO लिमिटेड एडिशन फ्लाइंग बाइक को हवा में तैरते देखा गया। XTURISMO फ्लाइंग बाइक या होवरबाइक एक आंतरिक दहन इंजन के साथ इलेक्ट्रिक इंजन से लैस है। जो पेट्रोल पर चलती है। कंपनी का लक्ष्य 2025 तक इस फ्लाइंग बाइक का पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वर्जन लाना है।

XTURISMO फ्लाइंग बाइक का वजन करीब 300 किलोग्राम है, वहीं इस उड़ने वाली बाइक की लंबाई 3.7 मीटर, चौड़ाई 2.4 मीटर और ऊंचाई 1.5 मीटर है। जिसमें केवल एक पायलट ही बैठ सकता है। कंपनी के मुताबिक, उड़ने वाली बाइक का क्रूज़िंग टाइम 30 से 40 मिनट के बीच होता है। हालांकि कंपनी द्वारा अभी तक होवरबाइक की अधिकतम गति का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन प्रदर्शन के दौरान इसे लगभग 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से देखा गया।

चीन तक लक्ष्य भेद सकने वाले अग्नि V का हुआ सफल परीक्षण, दुनिया के टॉप आठ देशों में शामिल हुआ भारत


अग्नि V अपने सीमा क्षेत्र से चीन तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम होगा। चीन के अलावा अग्नि V, अन्य एशियाई देशों और यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों तक पहुंच सकता है। 

Intercontinental Ballistic Missile Agni V successfully launched at Odisha APJ Abdul Kalam Island, Know the specifications of missile

नई दिल्ली। भारत ने बुधवार को सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि V (Agni V)का सफल परीक्षण किया। 3-चरण सॉलिड ईंधन (3 stage solid engine) वाले इंजन प्रणाली का उपयोग करते हुए, मिसाइल बहुत उच्च सटीकता के साथ 5,000 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखती है।

ओडिशा (Odisha) के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप (APJ Abdul Kalam island) से मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा डिजाइन और विकसित, अग्नि V मिसाइल एक कनस्तर-लॉन्च प्रणाली है जिसे ट्रक द्वारा ले जाया जाता है।

अग्नि V अपने सीमा क्षेत्र से चीन तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम होगा। चीन के अलावा अग्नि V, अन्य एशियाई देशों और यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों तक पहुंच सकता है। यह 1.5 टन का पेलोड ले जा सकता है और इसका वजन लगभग 50 टन है।

अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता वाला आठवां देश 

भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, रूस, चीन, फ्रांस, इज़राइल और उत्तर कोरिया के बाद अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल क्षमता वाला आठवां देश है। इससे पहले, भारत ने अग्नि III को शामिल किया है जिसकी रेंज 3,000-5000 किमी है।

अग्नि- III को 2011 में भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल किया गया था। दो चरण के सॉलिड प्रोपलेंट द्वारा संचालित, मिसाइल पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जा सकती है, जिनका वजन 1.5 टन तक होता है। अग्नि III मिसाइल प्रणाली 17 मीटर लंबी है और इसका व्यास दो मीटर है, इसका वजन लगभग 50 टन है। पाकिस्तान और चीन के सभी प्रमुख शहर इसकी सीमा में आते हैं।

अग्नि 5 की खास बातें 

  • अग्नि 5 तीन चरणों में मार करने वाली मिसाइल है। 
  • ये 17 मीटर लंबी, दो मीटर चौड़ी है।
  • 1.5 टन तक के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। 
  • इस series की अन्य मिसाइलों के उलट Agni 5 विस्फोटक ले जाने वाले शीर्ष हिस्से और इंजन के लिहाज से सबसे उन्नत है।

Wednesday, October 27, 2021

Jammu Kashmir :आतंकियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन, झड़पों का 16वां दिन, अब तक 9 जवान शहीद 13 आतंकी ढेर


पिछले 16 दिनों में कश्मीर में आतंकियों के साथ जारी झड़प को खत्म करने के लिए सुरक्षाबलों ने मजबूत मोर्चा बनाया है. झड़पों में अब तक 9 सैनिकों की मौत हो गई है और 10 अन्य घायल हो गए हैं। इसके अलावा 13 आतंकवादी मारे गए हैं।

लेकिन अभी और भी कई आतंकी जंगल में छिपे हुए हैं।

पाकिस्तान में कुछ पूर्व सैन्य अधिकारी वहां से उनकी मदद कर रहे हैं। आतंकियों को पाकिस्तान में ट्रेनिंग भी मिली है। हालांकि अब तक हुई झड़पों में 13 आतंकवादी मारे गए हैं, लेकिन उनमें से कई के शव बरामद नहीं हो पाए हैं। इसलिए सैनिकों ने मंगलवार को हेलीकॉप्टर और ड्रोन की मदद ली और सैन्य युद्ध के माध्यम से उन पर अंतिम हमला करना शुरू कर दिया।

चरमपंथियों की तलाश में आतंकी

आतंकियों की तलाश के लिए जवानों ने रविवार को जेल से मुस्तफा नाम के आतंकी की मदद ली थी। जवान के साथ जंगल में पहुंचते ही आतंकियों ने फायरिंग कर दी। मुस्तफा मारा गया और एक सैनिक घायल हो गया। मुस्तफा पाकिस्तानी थे। सोमवार को भी करीब तीन घंटे तक दोनों तरफ से फायरिंग होती रही।

भारत में मिला कोरोना का नया वेरिएंट 'AY.4.2', कितना खतरनाक?


<div class="paragraphs">
                    </div><p>कोरोना का नया वेरिएंट</p></div>

देशभर में फिलहाल कोरोना के नए वेरिएंट (New Variat) और तीसरी लहर को लेकर चर्चाएं तेज हैं. वैसे तो भारत में कोरोना के मामलों में कमी देखी जा रही है. लेकिन इस बीच खबर यह है कि देश में कोरोना का एक नया वेरिएंट मिला है. ब्रिटेन से आया नया वेरिएंट AY.4.2 कई देशों में पाया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक भारत में मई के आखिर और मध्य सितंबर के बीच केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर से इकट्ठा किए गए 19000 सैंपल्स में से कुछ में नया वेरिएंट मिला है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को कहा था

"एक टीम नए कोविड-19 वैरिएंट AY.4.2 की जांच कर रही है. ICMR और NCDC की टीमें अलग-अलग वेरिएंट का स्टडी और विश्लेषण कर रही हैं. अभी यह कितना संक्रामक है इस पर बयान देना जल्दबाजी होगा. इसलिए इसके वेरिएंट की जांच होने दें."

अब ये वेरिएंट क्या है, कितनी तेजी से फैल सकता है और भारत के लिए ये कितनी चिंता की बात है. यह समझ लेते हैं.

AY.4.2 कोरोना का नया वेरिएंट क्या है?

एक लाइन में कहे तो यह डेल्टा वेरिएंट का ही एक फॉर्म है. डेल्टा वेरिएंट के एक सब-लीनिएज का प्रस्तावित नाम AY.4.2 है, जिसमें दो जेनेटिक म्यूटेशन वाई 145H और A222V पाए गए हैं, जो कि स्पाइक प्रोटीन को प्रभावित करते हैं.

यह ह्यूमन बॉडी की कोशिकाओं (सेल्स) के अंदर तक जा सकता है.

कितनी तेजी से फैलता है AY.4.2 वेरिएंट?

कैम्ब्रिज में एक इंस्टीट्यूट में कोरोना जीनोमिक्स इनिशिएटिव के निदेशक डॉ जेफरी बैरेट और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर फ्रेंकोइस बलौक्स ने सुझाव दिया है कि AY.4.2 10-15 प्रतिशत अधिक संक्रमणीय हो सकता है.

यह वेरिएंट ब्रिटेन में काफी तेजी से फैला. इसकी वजह से वहां कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है. पिछले 28 दिनों में 63 फीसदी नए मामलों में ये वेरिएंट पाया गया है.

प्रोफेसर फ्रेंकोइस बलौक्स ने बीबीसी को बताया कि "हमने अल्फा और डेल्टा के साथ जो देखा, उसकी तुलना में यह कुछ भी नहीं है, जो कि 50 से 60 प्रतिशत से भी ज्यादा संक्रमणीय थे. फिलहाल इसकी जांच चल रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसे ब्रिटेन में बढ़ रहे कोरोना के मामलों का जिम्मेदार इस वेरिएंट को नहीं ठहराया जा सकता है.

AY.4.2 और कहां मिला है?

बिजनेस इनसाइडर के मुताबिक, अमेरिका और इजराइल में इस नए वेरिएंट पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के मुताबिक, अमेरिका में AY.4.2 अभी भी "बहुत दुर्लभ" है.

बिजनेस इनसाइडर ने सीडीसी के हवाले से कहा, "यह अभी 0.05 प्रतिशत से भी कम है, हमारे डेटाबेस में अब तक 10 से कम रिपोर्ट किए गए हैं."

ब्रिटेन में AY.4.2 के 96 प्रतिशत मामले हैं.

इस नए वेरिएंट से कैसे बचा जा सकता है?

वायरस हर समय म्यूटेट होता रहता है और कोरोना के नए रूपों को देखना आश्चर्यजनक नहीं है. किसी भी कोरोना वेरिएंट से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है वक्सीनेशन, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना.

भारत के लिए क्या ये वेरिएंट चिंता का विषय है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के दूसरे वेरिएंट की तरह फिलहाल इसे "वेरिएंट ऑफ कंसरन" की सूची में नहीं डाला है.

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भारतीय कोरोना के जीनोमिक्स कंसोर्टियम के विशेषज्ञों ने कहा कि उन्होंने AY.4.2 के कारण कोरोना मामलों में कोई वृद्धि नहीं देखी है.

अपने नए 'बॉर्डर कानून' के बाद भी भारत की महामिसाइल अग्नि-5 से डरा चीन; आज हो सकता है फाइनल परीक्षण


वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) पर चीन की बढ़ती हरकतों के बीच भारत 27 अक्टूबर को अपनी महामिसाइल अग्नि-5(Agni-V) का फाइनल परीक्षण कर सकता है। बता दें कि चीन ने 23 अक्टूबर को बॉर्डर सिक्योरिटी से जुड़ा नया कानून पास किया है। इसका मकसद बॉर्डर पर आम नागरिकों की मदद से अपनी ताकत बढ़ाना है।

border tension, Missile Agni 5 final test may be held today

नई दिल्ली. वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) पर चीन की हरकतों को मुंहतोड़ जवाब देने भारत पूरी तरह मुस्तैद है। अब दुश्मनों के इरादों को खाक में मिलाने भारत के पास एक नया हथियार महामिसाइल अग्नि-5(Agni-V) मिलने जा रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 27 अक्टूबर को अग्नि 5 का फाइनल परीक्षण ओडिशा तट पर हो सकता है। परमाणु शक्ति से लैस इस मिसाइल की रेंज 5000 से 8000 किलोमीटर बताई जा रही है। यानी इसकी जद में पूरा चीन आ रहा है। इस वजह से चीन इस इसे लेकर परेशान है।

चीन के नए कानून‘फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस’की खुशी काफूर
महामिसाइल अग्नि-5 का फाइनल परीक्षण ऐसे समय में हो रहा है, जब चीन बॉर्डर पर अपनी ताकत बढ़ाने ‘फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस’ नामक कानून लेकर आया है। चीन ने 23 अक्टूबर को यह कानून पास किया है। इसे लैंड बॉर्डर लॉ कहा जा रहा है। इस कानून के अंतर्गत चीन ने सीमा के आसपास गतिविधियों, सीमा विवाद, जल विवाद, तस्करी, घुसपैठ जैसे मुद्दों को कवर किया है। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि वो बॉर्डर के पास रहने वाले अपने नागरिकों की मदद से सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना चाहता है। यानी ये लोग फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस के तौर पर काम करेंगे। इस कानून को मार्च 2021 में पेश किया गया था। 23 अक्टूबर को इसे नेशनल पीपल्स कांग्रेस की स्टैंडिंग कमेटी की मंजूरी मिल गई। 1 जनवरी 2022 से ये कानून लागू होगा।

डरा हुआ है चीन
भारत की इस महामिसाइल की जद में पूरे एशिया के अलावा यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्से आ रहे हैं। पिछले महीने चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मीडिया से कहा था कि दक्षिण एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना सभी पक्षों के हित में है। दरअसल, चीन अग्नि-5 की टेस्टिंग से घबराया हुआ है।

अग्नि-5 मिसाइल के बारे में
यह मिसाइल 17 मीटर लंबी, 02 मीटर चौड़ी और 50 टन वजनी है। अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया है। यह मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है। इसके अलावा एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लांच की जा सकती है। यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है। इसकी रफ्तार मैक 24 है, यानी ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा है। यह एक सेकंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह 29,401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है।

चीन लगातार हरकतें कर रहा है
पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh)  में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास विवाद हो या अरुणाचल के रास्ते घुसपैठ की कोशिश, चीन लगातार उकसाने वालीं गतिविधियां करता रहता है। हालांकि भारत ने भी बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं। 

इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन की चीन को युद्ध की धमकी! उइगरों का बदला लेंगे


अक्टूबर के महीने में कुंदुज में शिया मस्जिद पर आत्मघाती हमला किया था। जिसमे 70 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी साथ ही 150 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस पुरे हमले की जिम्मेदारी स्टेट  ऑफ खोरासन ने ली थी। इस आत्मघाती हमले में हमलावर की पहचान मुहम्मद अल उइगरी के रूप से हुई है। बता दें तालिबान सरकार द्वारा टारगेट इसलिए किया गया था क्योंकि चीन ने अफगानिस्तान से उइगरों को वापस डिपोर्ट कर लिया था।   

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद तालिबानियों ने खुद को कट्टरपंथी इस्लामिक आंदोलन को वैध शासन बनाने की तैयारी जुट चूका है। जिसके बाद काफी हद तक ये साफ है कि स्टेट ऑफ़ खोरासन चीन को तालिबान से दूर रखने का विचार कर रहा है। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उइगर एक मुस्लिम समुदाय है जो चीन के शिनजियांग क्षेत्र के मूल निवासी हैं। उइगर मुस्लिम समुदाय के लोग सालों से चीन से आजादी की लड़ाई लड़ रहे है।  बताते चलते है कि चीन पर हमला करने के लिए कई उइगर लड़ाके अफगानिस्तान की जमीन का इस्तमाल करते है।

इसी बीच IS-K उइगर लोगों का इस्तमाल कर एक साथ तालिबान और चीन को टारगेट कर रहा है। बता दें, 2014 से चीन अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन से जुड़े उइगर चरमपंथियों से परेशान है। बता दें चीन, अफगानिस्तान, इराक और सीरिया जैसे देशों से दूर ही रहा है ऐसे में इस्लामिक स्टेट को बीजिंग से कोई खास खतरा नहीं महसूस हुआ है। लेकिन बदले हुए हालात में इस्लामिक स्टेट के लिए अफगानिस्तान में बड़ा खतरा नजर आ रहा है।

इस्लामिक स्टेट अपने प्रतिद्वंदी अल कायदा की तुलना में उइगरों की भर्ती करने में बहुत सफल नहीं रहे हैं। लेकिन तालिबान और चीन की दोस्ती को देखते हुए इस्लामिक स्टेट और उइगर चरमपंथियों को अधिक खतरा महसूस हो रहा है। ऐसे में सूत्रों के हवाले सी मिली जानकारी के मुताबिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस्लामिक स्टेट और उइगर दोनों मिलकर चीन को निशाना बना सकते हैं।

Tuesday, October 26, 2021

भारत-अमेरिका दिसंबर में करेंगे वार्ता, 300 करोड़ डॉलर की ड्रोन डील पर ऐलान संभव


भारत की तीनों सेनाओं को 10-10 ड्रोन्स मिलेंगे

भारत की तीनों सेनाओं को 10-10 ड्रोन्स मिलेंगे. (सांकेतिक तस्वीर)

नई दिल्ली. भारत और अमेरिका के बीच दिसंबर में 2+2 वार्ता होनी है. ऐसे में सभी की निगाहें बैठक के दौरान 300 करोड़ रुपये की डील की संभावित घोषणा पर टिकी हुई हैं. कहा जा रहा है कि भारतीय नौसेना (Indian Navy) हथियारों से लैस प्रिडेटर ड्रोन्स (Armed Predator Drones) की खरीदी के लिए डिफेंस एक्विसिशन काउंसिल का रुख करेगी (DAC). बैठक के दौरान अफगानिस्तान में सूखे की समस्य़ा और हिंद-प्रशांत सागर में चीन के बढ़ते आक्रामक व्यवहार पर चर्चा प्रमुख रूप से होगी.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में नई दिल्ली और वॉशिंगटन के अधिकारियों के हवाले से लिखा गया है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने अमेरिकी समकक्ष विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात करेंगे. यह मुलाकात वॉशिंगटन में होगी, जिसकी तारीख जल्द ही तय हो जाएंगी.

चीन और अफगानिस्तान पर चर्चा के अलावा दोनों पक्ष ड्रोन डील की भी घोषणा कर सकते हैं. हालांकि, यह सरकारी प्रक्रियाओं के पूरा होने पर निर्भर है. रिपोर्ट के अनुसार, यह समझा जाता है कि भारतीय नौसेना 30 MQ 9A प्रिडेटर ड्रोन के अधिग्रहण के लिए एक्सेप्टेंस ऑफ नैसेसिटी (AON) के लिए DAC का रुख करेंगे. नौसेना ही इस पूरी प्रक्रिया को संभाल रही है. इस डील के बाद सेना की तीनों सेवाओं को 10-10 ड्रोन्स मिलेंगे.

एक अधिकारी ने कहा, ‘प्रक्रिया जारी है. इसमें DAC की मंजूरी के बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्युरिटी (CCS) की सहमति भी शामिल है.’ उन्होंने कहा कि प्रक्रिया पूरी होने की स्थिति में घोषणा की जा सकती है, नहीं तो इसका ऐलान बाद में किया जाएगा. अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि अमेरिकी पक्ष पूरे प्रोजेक्ट को लेकर संतुष्टि जाहिर कर चुका है. हाल ही में अमेरिका दौरा कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जनरल एटॉमिक्स के सीईओ से मुलाकात की थी.

अफगानिस्तान में आतंकवादियों को निशाना बनाने के लिए क्षमता बनाए रखने के लिए अमेरिका, पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति हासिल कर रहा है. इस संदर्भ में भारत को भी ड्रोन क्षमताओं में इजाफा करना होगा, क्योंकि हथियारों से लैस ड्रोन्स के भारत में तैयार होने में बहुत वक्त बाकी है. पाकिस्तान जानकारी ने कहा, ‘अफगानिस्तान में ऑपरेशन के लिए अमेरिका को अपने हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल की अनुमति से पाकिस्तान के इनकार को पूरी तरह सत्य नहीं माना जाना चाहिए. जैसा कि उन्होंने पहले अल कायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन की उपस्थिति से भी इनकार किया था. अमेरिका क्यों नहीं चाहता कि भारत संसद और कालुचक हमले के बाद इस्लामाबाद को जवाब दे, क्योंकि 9/11 हमले के बाद अमेरिकी विशेष बलों की मौजूदगी पाकिस्तान में है. साल 2002 में यह बाद अमेरिका के तत्कालीन रक्षामंत्री डोनाल्ड रम्सफेल्ड की तरफ से कही गई थी.’

चीन के पास विंग लूंग आर्म्ड ड्रोन की न केवल क्षमता आ गई है, बल्कि वह इसे पाकिस्तान को भी बेच रहा है. इसके चलते भारत की भी प्रिडेटर आर्म्ड ड्रोन्स की जरूरत और बढ़ गई है. इस्लामाबाद के करीबी सहयोगी तुर्की ने भी हथियारबंद ड्रोन की ताकत हासिल कर ली है.

दुनिया का सबसे खूंखार ड्रग्स तस्कर यूसुगा गिरफ्तार, 43 करोड़ का था इनाम, कोलंबिया के राष्ट्रपति ने दी गिरफ्तारी की जानकारी


कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान ड्यूक ने खुद यह जानकारी दी जो देश में आतंकी हिंसा रोकने की कोशिशों में लगातार जुटे हुए हैं। कोलंबिया ने यूसुगा के बारे में जानकारी देने पर करीब छह करोड़ रुपये और अमेरिका ने करीब 37 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा की थी।

दुनिया का सबसे खूंखार ड्रग्स तस्कर यूसुगा गिरफ्तार, 43 करोड़ का था इनाम, राष्ट्रपति ने दी गिरफ्तारी की जानकारी
पुलिस व सुरक्षा बलों के कई जवानों और राजनेताओं की हत्या का है जिम्मेदार 

वाशिंगटन, न्यूयार्क टाइम्स। कोलंबिया में सर्वाधिक वांछित लोगों में शुमार और देश के बड़े ड्रग्स तस्कर गिरोह के खूंखार सरगना डायरो एंटोनियो यूसुगा उर्फ ओटोनियल को वहां के सैन्य बलों ने गिरफ्तार कर लिया है। कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान ड्यूक ने शनिवार को खुद यह जानकारी दी जो देश में आतंकी हिंसा रोकने की कोशिशों में लगातार जुटे हुए हैं। कोलंबिया ने यूसुगा के बारे में जानकारी देने पर आठ लाख डालर (करीब छह करोड़ रुपये) और अमेरिका ने 50 लाख डालर (करीब 37 करोड़ रुपये) के इनाम की घोषणा की थी।

50 वर्षीय यूसुगा कोलंबिया के हिंसक ड्रग्स तस्करी गिरोह 'क्लान डेल गोल्फो' का सरगना है जिसे सेना और पुलिस दोनों तलाश रहे थे। कोकीन की तस्करी के लिए यह गिरोह अमेरिका के भी निशाने पर रहा है। राष्ट्रपति ड्यूक ने यूसुगा को दुनिया का सबसे खूंखार ड्रग्स तस्कर करार देते हुए उसे कई पुलिस अधिकारियों, सैनिकों और राजनेताओं की हत्याओं का जिम्मेदार बताया। राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने कहा, 'हमारे देश में इस सदी में ड्रग्स की तस्करी से निपटने में यह सबसे करारा प्रहार है। इसकी तुलना सिर्फ 1990 में पाब्लो एस्कोबार के पतन से की जा सकती है।'

राष्ट्रीय पुलिस के मुताबिक, यूसुगा की गिरफ्तारी सुदूरवर्ती पहाड़ों से की गई है और इस कार्रवाई में 34 वर्षीय एक अधिकारी की मौत हुई है। अमेरिकी विदेश विभाग ने उसे हथियारबंद और बेहद हिंसक गिरोह का नेता करार दिया जिसमें आतंकी समूह के सदस्य भी शामिल हैं। विभाग के मुताबिक, क्लान डेल गोल्फो ड्रग्स तस्करी के मागरें, कोकीन प्रसंस्करण की प्रयोगशालाओं और गुप्त हवाई पट्टियों पर नियंत्रण के लिए हिंसा और डराने-धमकाने की तरकीबों का इस्तेमाल करता है।

कोलंबिया सरकार को मिल सकती है काफी अहम जानकारियां

कोलंबिया के रक्षा मंत्री डिएगो मोलानो ने कहा कि यह गिरोह हाल के वषरें में खतरा बन गया था क्योंकि इसने कई टन कोकीन न सिर्फ देश में वितरित की थी बल्कि अमेरिका और यूरोप भी भेजी थी। अगर यूसुगा ने जांचकर्ताओं के समक्ष अपना मुंह खोला तो उसके जटिल आपराधिक संगठन के अंदरूनी कामकाज के बारे में कोलंबिया सरकार को काफी अहम जानकारियां मिल सकती हैं।

गिरफ्तारी के बाद बोला, मुझे पीटो

 कोलंबिया सरकार ने रविवार को बताया कि गिरफ्तारी के बाद यूसुगा ने सुरक्षा बलों से कहा, 'तुम मुझे पीटो।' उसकी गिरफ्तारी के लिए एंटीओक्यिा प्रांत में चले अभियान में कोलंबिया के विशेष बलों के 500 जवानों और 22 हेलीकाप्टरों को लगाया गया था। देश के 32 प्रांतों में से 12 में उसके गिरोह की उपस्थिति है और उसमें करीब 3,800 सदस्य हैं। कोलंबिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यूसुगा के गिरोह ने हर साल करीब 200 टन कोकीन की तस्करी की है और वह कोलंबिया के सुरक्षा बलों के 200 से अधिक जवानों की मौत के लिए जिम्मेदार है।

26 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर विलय से पूर्व राजा हरि सिंह ने अपने अंगरक्षक से कही थी हैरान करने वाली बात


26 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर विलय से पूर्व राजा हरि सिंह ने अपने अंगरक्षक से कही थी हैरान करने वाली बात

विलय का अहम दिनः वह 26 अक्टूबर 1947 की रात थी, जब जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने अपने खास अंगरक्षक दीवान सिंह को ऐसा आदेश दिया जिसे सुनकर एकबारगी उसे भरोसा नहीं हुआ। आदेश बहुत दृढ़तापूर्वक दिया गया था- ‘मैं सोने जा रहा हूं, कल सुबह अगर तुम्हें श्रीनगर में भारतीय सैनिक विमानों की आवाज सुनाई न दे तो मुझे नींद में ही गोली मार देना।’

दरअसल, देश के बंटवारे के बाद जम्मू-कश्मीर उन चंद रियासतों में शामिल था, जिसने भारत या पाकिस्तान के साथ जाने की बजाय स्वतंत्र रहने का रास्ता चुना। लेकिन भारत के बंटवारे के चंद माह बाद 22 अक्टूबर 1947 को तड़के पाकिस्तान ने हजारों कबायली पठानों की कश्मीर में रक्तरंजित घुसपैठ करा दी।

कबायली इतनी तेजी से आगे बढ़ रहे थे कि कश्मीर उस समय शासन कर रहे डोगरा वंशज के महाराजा हरि सिंह के हाथ-पांव फूल गए।

संकट अचानक इतना गहरा हो गया कि श्रीनगर पर कबायली कब्जे का खतरा मंडराने लगा। ऐसे में महाराजा ने भारत सरकार से मदद की अपील की। 25 अक्टूबर को गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के करीबी वीपी मेनन को विमान से श्रीनगर भेजा गया। मेनन कश्मीर के भारत विलय के लिए हरि सिंह की मंजूरी लेने गए।

महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्टूबर 1947 को कश्मीर के भारत में विलय का फैसला लिया। उन्होंने ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ (अंगीकार पत्र) पर हस्ताक्षर कर दिये। इसके एक दिन बाद 27 अक्टूबर को भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ को मंजूर कर लिया।

कश्मीर भारत का हिस्सा बन गया। इसके साथ ही भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर पहुंचकर घुसपैठियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इस लड़ाई में कश्मीर का कुछ हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया, लेकिन बाकी हिस्सों को पूरी तरह से खाली करा लिया गया।

सूडान में सेना ने किया तख्तापलट, दुनियाभर में आलोचना


सूडान के सेना प्रमुख जनरल आब्देल-फतह बुरहान ने देश में आपातकाल का ऐलान करके सरकार और सेना व नागरिक प्रतिनिधियों को मिलाकर बनाई गई संप्रभु परिषद (Sovereign Council) को भंग कर दिया है.

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सूडान में सेना ने तख्तापलट कर देश में आपातकाल लागू कर दिया है. ज्यादातर मंत्रियों और सरकार समर्थक नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है. सामाजिक संस्था 'सूडान डॉक्टर्स कमेटी' ने कहा है कि प्रदर्शनकारी भीड़ पर गोलीबारी की गई है, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हुई है जबकि 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं.

सूडान के सैन्य अधिकारियों और जनता के बीच असंतोष लगातार बढ़ रहा था. 2019 में उमर अल-बशीर के सत्ता से बाहर होने के बाद सेना को सत्ता में भागीदार बनाए जाने की बात थी. तब से राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों को मिलाकर बनाई गई संप्रभु परिषद ही देश पर शासन कर रही थी. यह प्रावधान नई सरकार के चुने जाने तक रहना था.

प्रधानमंत्री गिरफ्तार

सूडान के सूचना मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदूक को अपहृत कर अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है क्योंकि उन्होंने तख्तापलट में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था. सेना ने प्रधानमंत्री के बारे में फिलहाल कोई सूचना नहीं दी है.

मंत्रालय ने कहा कि हमदूक ने सूडानी जनता से इस तख्तापलट का विरोध करने और 'क्रांति की रक्षा' करने का आह्वान किया है. बयान में कहा गया है कि सैनिकों ने ओमदरमान शहर में स्थित सरकारी टीवी और रेडियो चैनलों के मुख्यालयों में घुसकर कुछ कर्मचारियों को भी बंधक बना लिया.

राजधानी खारतूम के अलावा ओमदरमान में तख्तापलट के विरोध में कुछ प्रदर्शन होने की खबरें हैं. अल जजीरा टीवी ने ऐसे वीडियो दिखाए हैं जिनमें लोगों को बैरिकेड पार करके सैन्य भवनों की ओर जाते देखा जा सकता है.

सूडान में नॉरवेजियन रिफ्यूजी काउंसिल के निदेशक विल कार्टर ने खारतूम से बात करते हुए डॉयचे वेले को बताया, "हमने सैन्य वाहनों के काफिलों को भीड़ जमा होने से रोकते और कई बार हिंसा के बल पर हटाते भी देखा है. अभी बहुत कुछ घट रहा है जिसे समझे जाने की जरूरत है. तनाव बहुत ज्यादा है. और ऐसा तब हो रहा है जब देश पहले ही एक मानवीय आपातकाल के बीच में है व लाखों लोग खतरे में हैं."

पूरी स्थिति को तख्तापलट बताते हुए सूचना मंत्रालय ने हिरासत में लिए गए सभी लोगों को रिहा करने की मांग की है. मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य और केंद्रीय कर्मचारी तख्तापलट के जवाब में हड़ताल करेंगे.

सेना ने क्या कहा?

एक टीवी संदेश में जनरल बुरहान ने कहा है कि जुलाई 2023 में आम चुनाव होने तक विशेषज्ञों की एक सरकार देश का नेतृत्व करेगी. उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राजनीतिक पक्षों के बीच संघर्ष के चलते सेना को दखल देना पड़ा और सरकार को भंग करना पड़ा.

इन देशों से विमान नहीं जा सकते इस्राएल

    पाकिस्तान

    बांग्लादेश

    अफगानिस्तान

    मलेशिया

    कतर

    सोमालिया

    ओमान

    बहरीन

    ईरान

    कुवैत

    लेबनान

    लीबिया

    मोरक्को

    ट्यूनीशिया

    अल्जीरिया

    संयुक्त अरब अमीरात

    यमन

देश पर शासन कर रही संप्रभु परिषद का हिस्सा होने के चलते जनरल बुरहान पहले ही देश के अघोषित प्रमुख थे. अपने भाषण में उन्होंने लोकतंत्र स्थापित करने का वादा किया. उन्होंने कहा, "सेनाएं देश में लोकतंत्र की स्थापना का काम तब तक जारी रखेंगी जब तक एक चुनी हुई सरकार को नेतृत्व नहीं सौंप दिया जाता."

विरोध का आह्वान

देश के लोकतंत्र-समर्थक राजनीतिक दल सूडनीज प्रोफेशनल्स एसोसिएशन ने लोगों से सड़कों पर उतरकर तख्तापलट का विरोध करने का आह्वान किया है. एक फेसबुक पोस्ट में इस दल ने कहा, "हम लोगों से आग्रह करते हैं कि सड़कों पर उतरें और उन पर कब्जा कर लें. सभी रास्तों को बैरिकेड लगाकर बंद कर दें और आम हड़ताल कर दें."

सूडनीज कम्यूनिस्ट पार्टी ने हालात को बुरहान द्वारा 'पूर्ण सैन्य तख्तापलट' बताते हुए मजदूरों से हड़ताल पर चले जाने का आह्वान किया. स्थानीय मीडिया की खबरें हैं कि खारतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सैनिकों ने घेर लिया है. समाचार चैनल अल अरेबिया ने बताया है कि सभी प्रमुख एयरलाइनों ने राजधानी को जाने वालीं उड़ानें रद्द कर दी हैं.

इसके अलावा इंटरनेट सेवाओं में बाधा की खबरें हैं. दुनियाभर में इंटरनेट की सेवाओं पर निगाह रखने वाली संस्था नेटब्लॉक्स ने कहा है कि मोबाइल और फिक्स्ड लाइन, दोनों तरह की इंटरनेट सेवों में बड़ी रुकावटें देखी गई हैं. नॉरवेजियन रिफ्यूजी काउंसिल के कार्टर ने कहा, 'संचार सेवाओं में बड़ी बाधाएं आई हैं.'

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

विभिन्न देशों की सरकारों ने सूडान में हो रहीं गतिविधियों की आलोचना की है. सूडान की सेना और राजनेताओं के बीच विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे 'हॉर्न ऑफ अफ्रीका' में विशेष अमेरिकी दूत जेफरी फेल्टमैन ने हालात को ‘पूरी तरह अस्वीकार्य' बताया. अमेरिका ने इस घटनाक्रम की आलोचना करते हुए नागरिक सरकार की स्थापना तक देश को दी जा रही सहायता रद्द कर दी है.

सूडान में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि वोल्कर पर्थेस ने भी हालात पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री, सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं की कथित हिरासत अस्वीकार्य है."

यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने एक बयान में 'सूडान में जारी सैन्य तख्तापलट' की आलोचना की. जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने भी तख्तापलट की आलोचना की. उन्होंने कहा, "राजनेताओं को अपने मतभेद शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाने चाहिए. यह तानाशाही खत्म कर लोकतांत्रिक बदलाव के लिए संघर्ष कर रहे लोगों के प्रति उनकी जिम्मेदारी बनती है."

फ्रांस, चीन और अफ्रीकन यूनियन के नेताओं ने भी तख्तापलट की निंदा करते हुए फौरन सामान्य हालात की बहाली की आग्रह किया है.

चीन से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है इंडियन आर्मी: प्रताप मिश्रा

​​ध्यान रहे कि अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम से लगी करीब 1350 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर नजर बनाए रखना अपने आप में खासा चुनौतीपूर्ण है। फिलहाल सैन्य तैनाती में खास इजाफा किए बगैर तकनीकी क्षमता बढ़ाते हुए इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है और इसमें यह स्थिति हासिल कर ली गई है कि दुश्मन किसी भी सूरत में हमें चौंका न पाए।

 
चीन की ओर से तात्कालिक और दीर्घकालिक चुनौतियों के मद्देनजर भारतीय सेना अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में संरचनागत निर्माण का कार्य तेजी से आगे बढ़ा रही है। दरअसल, पिछले साल जून महीने में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच विभिन्न स्तरों पर बातचीत लगातार चल रही है, कुछ बिंदुओं पर सहमति भी बनी, लेकिन इसके बावजूद दोनों पक्षों में तनाव कम नहीं हो पा रहा है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 'यथास्थिति' बहाल करने को लेकर भी दोनों देशों के बीच विवाद अभी बने हुए हैं। इसी वजह से दोनों पक्षों के बीच अविश्वास भी बना हुआ है। 10 अक्टूबर को हुई सैन्य स्तर की 13वें दौर की बातचीत तो गतिरोध टूटने की कोई संभावना दिखाए बगैर ही समाप्त हुई।

इसी बीच चीन ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की अरुणाचल यात्रा पर ऐतराज जताकर यह संकेत भी दे दिया कि पूर्वी लद्दाख स्थित सीमाओं के साथ ही वह अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों पर विवाद खड़ाकर किसी भी समय इसे व्यापक रूप दे सकता है और अपनी सुविधा के हिसाब से जब जहां चाहे तनावपूर्ण हालात बना सकता है। ऐसे में स्वाभाविक ही है कि भारतीय सेना अपने तईं पूरी सावधानी बरतते हुए चल रही है। जहां पूर्वी लद्दाख क्षेत्रों में करीब 50 हजार सैनिकों की तैनाती बरकरार रखी गई है, वहीं अरुणाचल प्रदेश की चीन से लगती सीमा पर निरंतर चौकसी के इंतजाम रखते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के काम को भी जोर-शोर से आगे बढ़ाया जा रहा है।
ध्यान रहे कि अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम से लगी करीब 1350 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर नजर बनाए रखना अपने आप में खासा चुनौतीपूर्ण है। फिलहाल सैन्य तैनाती में खास इजाफा किए बगैर तकनीकी क्षमता बढ़ाते हुए इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है और इसमें यह स्थिति हासिल कर ली गई है कि दुश्मन किसी भी सूरत में हमें चौंका न पाए। जहां तक इन्फ्रास्ट्रक्चर की बात है तो इसमें रातोंरात कोई बड़ा बदलाव तो नहीं हो सकता, लेकिन बिना किसी शोर-शराबे के उस मोर्चे पर भी काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।
करीब 20 पुल, बड़ी संख्या में सुरंग और एयरबेस बनाने के अलावा कई महत्वूपूर्ण इलाकों को सड़क से जोड़ने की योजना है। इसके अलावा तवांग को रेल से जोड़ने के प्रॉजेक्ट पर भी काम हो रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन सबके पीछे रिएक्टिव ऐप्रोच नहीं है। सेना दीर्घकालिक चुनौतियों के मद्देनजर अपनी जरूरतें समझते हुए तैयार की गई योजनाओं के अनुरूप काम कर रही है। निश्चित रूप से ये तैयारियां जहां हमारी सीमाओं को सुरक्षित बनाकर हमें निश्चिंत करेंगी, वहीं बुरा इरादा रखने वाली ताकतों को भी आगाह करेंगी कि अपनी भलाई को देखते हुए ही सही, पर वे कोई दुस्साहस न करें।

Sunday, October 24, 2021

दिमाग जब सूचनाओं से भर जाता है तो नई जानकारी की जगह नहीं बचती, इसलिए एकाग्रता का अभ्यास करें: प्रताप मिश्रा


कोरोना काल में ध्यान भटकने की समस्या अधिक बढ़ गई है। - Dainik Bhaskar

एक शोध बताता है कि लगातार अभ्यास के जरिए फाेकस काे बेहतर कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए दिमाग की भी राेज कसरत करनी होगी। यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी के काॅग्निटिव और बिहेवियरल साइंस की प्राेफेसर अमीषी झा ने चार हफ्ते के प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद पाया कि साधारण से माइंडफुलनेस व्यायाम से फाेकस बढ़ाया जा सकता है।

साथ ही भावनात्मक स्वास्थ्य के कई पहलुओं में सुधार किया जा सकता है। इस अध्ययन में सैनिक, एथलीट और इमरजेंसी में तैनात होने वाले डाॅक्टर-स्वास्थ्यकर्मी शामिल हुए। उन्हाेंने अपनी किताब, ‘पीक माइंड: फाइंड याेर फाेकस, ऑन याेर अटेंशन, इन्वेंस 12 मिनट्स अ डे’ में इस पर विस्तार से बात की है।

इस पूरी प्रकिया में तनाव सबसे बड़ी बाधा
एकाग्रता में सबसे बड़ी बाधा तनाव है। बहुत सजग अवस्था में भी हम चिंतन करने लगते हैं। कल्पनाएं करने हैं। यह दिमाग के उस हिस्से को प्रभावित करता है, जिसे वर्किंग मेमाेरी कहते हैं। मेमाेरी व्हाइटबाेर्ड की तरह है। जब दिमाग का व्हाइट बाेर्ड तनाव संबंधी विचाराें, भावनाओं और चित्राें से भर जाता है ताे नई सूचना के लिए जगह नहीं बचती। दिमाग में शून्य सा आ जाता है। हम आसपास के लोगों पर चिढ़ने लगते हैं। फिर खुद काे दाेषी मानने लगते हैं और यही एकाग्रता को मुश्किल बनाता है।

ऐसे करें दिमागी कसरत, ध्यान सिर्फ सांसों पर होना चाहिए

अमीषी ने दिमाग के लिए आसान कसरत तैयार कीं। इसे रोज 12 मिनट तक करना होता है। शुरुआत में 3 मिनट भी कर सकते हैं। इसका मकसद उस वक्त को जीना है, जिनमें आप अभी माैजूद हैं।

सांसों पर ध्यान से दिमाग को आराम दें:

  • सांसों पर या सांसाें को शरीर में जहां सबसे ज्यादा महसूस करते हैं, वहां ध्यान फाेकस करें। एक हफ्ते तक राेज तीन मिनट के लिए इसे करें। उसके बाद समय बढ़ाते जाएं।
  • इसे राेजमर्रा की जिंदगी से जाेड़ें। जैसे, ब्रश करते हुए, नहाते हुए सांसों पर ध्यान लगाएं।
  • यदि ऐसा करते हुए आप आज के कामाें की सूची के बारे में साेच रहे हैं ताे खुद काे वापस लाएं और सांसों के सेंसेशन पर ध्यान लगाएं। ध्यान सिर्फ सांसों पर ही लगाना है।

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लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष को डेंगू हुआ,शुगर लेवल भी बढ़ा, SIT ने पूछताछ रोकी; कस्टडी खत्म होने से पहले अस्पताल में भर्ती


लखीमपुर खीरी, काले रंग के ट्रैकशूट में आशीष मिश्र को जेल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

बैलेस्टिक रिपोर्ट का SIT को इंतजार
SIT टीम अभी तक मुख्य आरोपी आशीष मिश्र से यह नहीं उगलवा सकी है कि वह हिंसा के वक्त मौके पर मौजूद था। हालांकि, सभी सबूत इशारा कर रहे हैं कि वह मौके पर था। अब तक की जांच की बात करें तो पुलिस को फॉरेंसिक लैब से आशीष और अंकित दास के असलहों की बैलिस्टिक रिपोर्ट, बीटीएस टावर से सिग्नल कंजेशन रिपोर्ट, मोबाइल फोन की साइबर रिपोर्ट मिलनी बाकी है। इसके बाद ही आशीष की घटनास्थल पर मौजूदगी और उसकी भूमिका तय हो सकेगी।

लखीमपुर हिंसा में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के हिंसा भड़क गई थी।
लखीमपुर हिंसा में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के हिंसा भड़क गई थी।

अब तक 13 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
लखीमपुर हिंसा मामले में क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को तीन और आरोपियों को पकड़ा है। ये तीनों किसानों को कुचलने वाली थार जीप के पीछे स्कॉर्पियो में थे। इनकी पहचान मोहित त्रिवेदी, धर्मेंद्र सिंह और रिंकू राणा के रूप में हुई। ये तीनों मुख्य आरोपी आशीष मिश्र के करीबी हैं। घटना के चश्मदीद सुमित जायसवाल के बाद इन तीनों की गिरफ्तारी को बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।

इस मामले में अब तक 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें मुख्य आरोपी आशीष मिश्र, अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, शेखर, लवकुश, आशीष पांडेय, सुमित जायसवाल मोदी, सत्यम त्रिपाठी, नंदन सिंह, शिशुपाल शामिल हैं।

हिंसा के मामले में पुलिस ने आशीष समेत 15 लोगों के खिलाफ दर्ज किया है केस।
हिंसा के मामले में पुलिस ने आशीष समेत 15 लोगों के खिलाफ दर्ज किया है केस।

लखीमपुर में 3 अक्टूबर को भड़की थी हिंसा
3 अक्टूबर को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था। इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी और हिंसा भड़क गई थी। आरोप है कि हिंसा के दौरान किसानों ने एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। इसमें एक पत्रकार भी मारा गया था। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया था।

Saturday, October 23, 2021

सिरदर्द बना पाकिस्तान , भारत को अपनी रणनीति पर करना होगा नए सिरे से विचार


निसंदेह बांग्लादेश पाकिस्तान की ओर संकेत कर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। उसे हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करनी होगी। भारत को इसके लिए बांग्लादेश पर दबाव बनाने के साथ यह भी समझना होगा कि पाकिस्तान उसके लिए और बड़ा सिरदर्द बन रहा है।

सिरदर्द बना पाकिस्तान , भारत को अपनी रणनीति पर करना होगा नए सिरे से विचार

इस पर आश्चर्य नहीं कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ ने पाकिस्तान को कुछ और समय तक के लिए अपनी निगरानी सूची अर्थात ग्रे लिस्ट में बनाए रखने का फैसला किया। इस फैसले के बाद पाकिस्तान पर यह दबाव बढ़ गया है कि वह आतंकी संगठनों को पालने-पोसने से बाज आए, लेकिन वह शायद ही ऐसा करे। इसके आसार इसलिए कम हैं, क्योंकि आतंकी संगठनों को संरक्षण देना उसकी नीति का अभिन्न अंग है। वह केवल अपने यहां सक्रिय आतंकी संगठनों को ही नहीं पाल रहा है, बल्कि तालिबान और खासकर उनके साझीदार हक्कानी नेटवर्क के आतंकी सरगनाओं को भी हर तरह का सहयोग-समर्थन दे रहा है। यदि इस आतंकी गुट के कई सरगना तालिबान की अंतरिम सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर काबिज हो गए तो पाकिस्तान के समर्थन से ही।

एक ऐसे समय जब पाकिस्तानी संरक्षण हासिल करने वाले हक्कानी नेटवर्क के सरगना आत्मघाती हमलावरों की वाहवाही कर रहे हैं और पाकिस्तान में ठाठ से रह रहे मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद सरीखे आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, तब फिर यह उम्मीद किस आधार पर की जा रही है कि आने वाले समय में पाकिस्तानी शासक वह सब कुछ करेंगे, जिसकी अपेक्षा फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स कर रही है? सवाल यह भी है कि पाकिस्तान को कब तक रियायत दी जाती रहेगी? वास्तव में यह वह सवाल है, जिसे भारत को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के साथ अन्य वैश्विक मंचों पर बार-बार रेखांकित करना चाहिए।

भारत को पाकिस्तान पर नए सिरे से अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने के लिए इसलिए भी सक्रिय होना चाहिए, क्योंकि एक तो उसकी कठपुतली माने जाने वाले अफगानिस्तान में काबिज हो गए हैं और दूसरे यह बात सामने आई है कि हाल में बांग्लादेश में हिंदुओं पर जो भीषण हमले हुए, उनके पीछे भी पाकिस्तान का हाथ है। बांग्लादेश के गृह मंत्री ने इन हमलों के लिए अपने यहां के उन कट्टरपंथी संगठनों को दोषी ठहराया है, जिनका संबंध पाकिस्तान से है।

नि:संदेह बांग्लादेश पाकिस्तान की ओर संकेत कर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। उसे हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करनी होगी। भारत को इसके लिए बांग्लादेश पर दबाव बनाने के साथ यह भी समझना होगा कि पाकिस्तान उसके लिए और बड़ा सिरदर्द बन रहा है। वह यदि अफगानिस्तान और बांग्लादेश में भारतीय हितों के खिलाफ काम करने के साथ कश्मीर में आतंकवाद को नए सिरे से हवा दे रहा है तो इसका अर्थ है कि भारत को उसके विरुद्ध अपनी रणनीति पर नए सिरे से विचार करना होगा।

Friday, October 22, 2021

रोहिंग्या कैंप पर हुई अंधाधुंध फायरिंग, सात लोगों के मारे जाने की खबर, कई घायल



नई दिल्ली। बांग्लादेश के रोहिंग्या में अंधाधुध फायरिंग की गई है। जिसमें 7 लोगों की मौत होने की खबर भी आई है। बांग्लादेश की एक समाचार एजेंसी एएफपी ने पुलिस के हवाले से मिली यह जानकारी साझा की है। वहीं बांग्लादेश के प्रमुख अखबार ढाका ट्रिब्यून की मानें तो यह हमला रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप में स्थित मदरसे में हुआ था। जहां अज्ञात हमलावरों ने भी फायरिंग की थी। अचानक हुई इस फायरिंग में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि तीन लोगों की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान होने की बात कही जा रही है।

तड़के चार बजे हुआ हमला

घटना की जानकारी दे रहे एक सुरक्षा बल के अधिकारी ने बताया कि अज्ञात लोगों ने सुबह करीब चार बजे उखिया में कैंप नंबर 18 के ब्लॉक एच-52 में मदरसे पर हमला किया। पहले इस हमले को दो प्रतिद्वंद्वी रोहिंग्या ग्रुप्स में संघर्ष बताया गया था।

अब मुर्गियां फैलाएगी कोरोना से भी खतरनाक वायरस, जल्द दुनिया में आएगी नई तबाही


मुर्गी फार्म में एवियन फ्लू के ऐसे स्ट्रेन पाए गए हैं जो इंसानों में तेजी से ट्रांसफर होता है (इमेज- AFP)

मुर्गी फार्म में एवियन फ्लू के ऐसे स्ट्रेन पाए गए हैं जो इंसानों में तेजी से ट्रांसफर होता है (इमेज- AFP)

2019 के आखिरी से दुनिया में कोरोना (Corona) का प्रकोप दिखने लगा था. 2020 मार्च के बाद से इस वायरस ने विकराल रूप धारण किया. हालत ऐसी हो गई कि वायरस से बचाव के लिए लोगों को अपने घरों में कैद होना पड़ा. लाखों की जान जाने के बाद अब इस वायरस से बचाव के लिए कई टीके बना लिए गए हैं. हालांकि, अभी भी इस वायरस का प्रकोप कम नहीं हुआ है. इस बीच दुनिया में ऐसी खबर फैलने लगी है, जिसके बारे में सोचते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं. बताया जा रहा है कि इस वक्त मुर्गी फार्म में आठ ऐसे खतरनाक वायरस (8 Dangerous Virus On Way) पल रहे हैं, जो अगर फैले, तो इसका अंजाम कोरोना से भी भयानक होगा.

बीते साल रुस में लाखों मुर्गियों अचानक मर गई थी. इन मुर्गियों के अंदर एवियन फ्लू के लक्षण दिखाई दिए थे. इसके बाद फैक्ट्री को बंद कर दिया गया था. ये फ्लू इंसान में कोविड से भी ज्यादा तेजी से फैलता है. एवियन फ्लू के इस स्ट्रेन को H5N8 नाम दिया गया था. मुर्गी फार्म से ये स्ट्रेन वहां काम करने वाले एक स्टाफ को इन्फेक्ट कर गया. इसके बाद देखते ही देखते फैक्ट्री के सात और वर्कर्स भी पॉजिटिव पाए गए थे. हालांकि, इनमें काफी हल्के लक्षण दिखाई दिए, जो इलाज के बाद ठीक हो गया. लेकिन वायरस को रोकने के लिए फैक्ट्री की 9 लाख मुर्गियों को मारना पड़ा था. अगर ये मुर्गियां वहां से आगे सप्लाई की जाती, तो ये वायरस आगे फैलने लगता.

avian flu new strain more dangerous than covid

यूके गवर्नमेंट ने सर्दियों से पहले ही बर्ड फ्लू की चेतावनी जारी कर दी है

रुस की इस घटना को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के साथ शेयर किया गया था लेकिन उस वक्त WHO कोरोना केसेस में उलझी हुई थी. अब रुसी फेडरेशन की चीफ कंज्यूमर एडवाइजर ऐना पोपोवा ने बताया कि जल्द से जल्द दुनिया के साइंटिस्ट्स को H5N8 वायरस के इंजेक्शन को बनाने में जुट जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ और ये वायरस इंसानों में फैला तो हालात कोरोना से भी भयानक हो जाएंगे. अभी एवियन फ्लू के आठ वेरिएंट का पता चल पाया है और ये सभी इंसानों को मारने में समर्थ हैं.

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चीन में बीते हफ्ते मुर्गियों से फैले वायरस से कई लोग मारे गए

कोरोना की वजह से एवियन फ्लू की ज्यादा चर्चा नहीं हो पाई लेकिन ये काफी खतरनाक है. बीते हफ्ते ही H5N8 की चपेट में चीन के 48 लोग आ गए थे, जिनका काफी गोपनीय तरीके से इलाज चल रहा है. इनमें से ज्यादातर लोग मुर्गी फार्मों में काम करते थे. कहा जा रहा है कि इनमें से आधे की मौत हो गई है. चीन के साथ साथ यूके भी मुर्गियों से फैलने वाले फ्लू पर नजर रखे हुए हैं. अगर थोड़ी भी लापरवाही की गई तो अभी मुर्गियों के जरिये मौत इंसान तक पहुंच जाएगी.

परम तत्व दर्शन