अमेरिका के एक पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा है कि अगस्त महीने में अफगानिस्तान सरकार के पतन के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान को उनकी टिप्पणियों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। मानवता के लिए खतरा बने आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तान का खुला समर्थन है।
अमेरिका के एक पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा है कि अगस्त महीने में अफगानिस्तान सरकार के पतन के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान को उनकी टिप्पणियों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। मानवता के लिए खतरा बने जिहादी आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क, तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तान का खुला समर्थन है।
अफगानिस्तान पर एक शक्तिशाली कांग्रेस समिति के समक्ष गवाही देते हुए जनरल (सेवानिवृत्त) एचआर मैकमास्टर ने यह भी कहा कि यह सोचना भ्रम है कि अफगानिस्तान में सीधे तौर पर तालिबान या तालिबान के माध्यम से मानवीय उद्देश्यों के लिए होगा, बल्कि उनके लिए जाने वाले किसी भी धन का उपयोग विद्रोही समूह द्वारा खुद को मजबूत करने के लिए किया जाएगा। तालिबान की बढ़ती शक्ति दुनिया के लिए एक और बड़ा खतरा बन सकती है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बुधवार को कहा कि हम वास्तव में एक असाधारण दुविधा का सामना कर रहे हैं कि तालिबान को सशक्त किए बिना मानवीय संकट को कम करना हमारे लिए कठिन होगा। ट्रंप प्रशासन के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में काम करने वाले मैकमास्टर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमें पाकिस्तान को कोई भी सहायता देनी चाहिए। मुझे लगता है कि पाकिस्तान बहुत लंबे समय से दोनों तरह से है। (एक तरफ से अमेरिका से सहायता लेना और दूसरी तरफ आतंकियों को फंडिंग करना)। मुझे लगता है कि पाकिस्तान को अपने बीते वर्षों में पाकिस्तान को उसके व्यवहार के लिए सामना करना चाहिए, जिसके वास्तव में परिणाम सामने आए। मुझे लगता है कि इस रिजल्ट के लिए बड़े उपाय करने होंगे।
ट्रंप प्रशासन के दौरान ही अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सुरक्षा सहायता पर रोक लगा दी थी। बाइडन प्रशासन ने अब तक पाकिस्तान की सुरक्षा सहायता फिर से शुरू नहीं की है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अफगानिस्तान में सरकार गिरने के लिए हमें इमरान खान की टिप्पणियों को जिम्मेदार ठहराना चाहिए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अफगानियों को बेदखल कर दिया गया है। हमें किसी भी परिस्थिति में पाकिस्तान को एक पैसा क्यों भेजना चाहिए? मुझे लगता है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय अलगाव का सामना करना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान समर्थित हक्कानी नेटवर्क, तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा जैसे जिहादी आतंकी संगठन पूरी मानवता के लिए खतरा है।
पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के साथ-साथ अफगानिस्तान स्थित हक्कानी नेटवर्क को आइएसआइएए (दाएश), अल कायदा और अन्य संगठनों को यूएनएससी प्रस्ताव 1267 के तहत प्रतिबंधित आतंकवादी संस्थाओं के रूप में घोषित किया गया हैं। पाकिस्तानी कट्टरपंथी मौलवी हाफिज सईद का जमात-उद-दावा (JuD) लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख संगठन है, जो 2008 के मुंबई आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है, जिसमें छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी द्वारा बुलाई गई कांग्रेस की सुनवाई के दौरान कांग्रेसी स्कॉट पेरी के एक सवाल के जवाब में मैकमास्टर ने कहा कि एक प्रमुख गैर नाटो सहयोगी के रूप में पाकिस्तान की स्थिति को हटाना एक अच्छा विचार है।
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