इस बार भी इस्लामवादियों ने प्रतीक चिह्नों के सहारे हिन्दुओं की पहचान करते हुए हमला किया है। इस हिंसा की आग में लीसेस्टर एक बार फिर जल रहा है, और इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर सिर्फ और सिर्फ हिन्दू थे।
एशिया कप में 28 अगस्त को भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे। इस मैच में पाकिस्तान को भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से मुस्लिमों के अंदर गुस्सा भरा हुआ था। इसके बाद जब 4 सितंबर को पाकिस्तान ने भारतीय क्रिकेट टीम को हरा दिया तो यूनाइटेड किंगडम के लीसेस्टर शहर में मुस्लिमों ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर हिन्दुओं और उनके घरों की पहचान करके हमला किया था। इस हमले के चलते अगले 3-4 दिनों तक (7 सितंबर, 2022 तक) हिंसक घटनाएँ सामने आ रहीं थीं।
हिन्दुओं को टारगेट कर उन पर हुए इस हमले के विरोध में शुक्रवार (16 सितंबर) की शाम हिंदुओं ने प्रदर्शन किया था। लेकिन, शांति मार्च कट्टरपंथी इस्लामवादियों को पसंद नहीं आया। जिसके बाद, हिंदुओं के विरोध प्रदर्शन में इस्लामवादियों ने हमला कर दिया। इस हमले में हिंदुओं पर काँच की बोतलें तक फेंकी गईं थीं। यही नहीं, इन कट्टरपंथियों को हिन्दुओं से इतनी नफरत थी कि उन्होंने पुलिस के सामने ही भगवा ध्वज का भी अपमान किया था।
इसके बाद, हिन्दुओं पर एक बार फिर हमला करने के उद्देश्य से शनिवार (17 सितंबर, 2022) को लीसेस्टर में हजारों की संख्या में इस्लामी ‘हमलावर’ इकट्ठा हुए। इस बार भी इस्लामवादियों ने प्रतीक चिह्नों के सहारे हिन्दुओं की पहचान करते हुए हमला किया है। इस हिंसा की आग में लीसेस्टर एक बार फिर जल रहा है, और इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर सिर्फ और सिर्फ हिन्दू थे।
स्थानीय हिन्दू संगठन ‘Insight UK’, जो वहाँ हिन्दुओं के मुद्दे उठाता है, ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा है कि 6 सितंबर लीसेस्टर के हिन्दुओं के खिलाफ हमलों की लगातार तीसरी रात थी। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम सड़कों पर उतरे हुए थे। ये सभी हिंदू घरों की पहचान ओम, भगवा झंडे, भगवान गणेश की तस्वीर आदि से कर रहे थे। जिस घर में इन्हें हिन्दू प्रतीक चिह्न दिखाई देता था, उस पर ये हमले कर रहे थे। इन हमलों के बाद क्षेत्र का प्रत्येक हिन्दू भय के साये में जी रहा था।
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