Saturday, April 30, 2022

असदुद्दीन ओवैसी की PM मोदी और हिंदुओं को धमकी पर आर एस एस स्वयंसेवक प्रताप मिश्रा की फटकार, कहा - कानून का दायरा लांघने का दुस्साहस कभी मत करना

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन AIMIM के नेता और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर मोदी सरकार और हिंदुओं को धमकी दी है। हैदराबाद में शुक्रवार को अलविदा की नमाज के बाद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने मध्यप्रदेश के खरगोन से लेकर दिल्ली की जहांगीरपुरी तक का मुद्दा उठाकर गलतबयानी करते हुए ये धमकी दी। ओवैसी ने आरोप लगाया कि देश में मुसलमानों को ही निशाना बनाया जा रहा है। ओवैसी ने कहा कि मेरी नजर में ऐसी तमाम घटनाएं हैं, जहां एक धर्म को मानने वालों पर कार्रवाई हुई है। उन्होंने अखलाक और पहलू खान की पीटकर हत्या की घटनाओं को भी दोबारा उछालकर माहौल को गरमाने की कोशिश की। 

इस पर आर एस एस स्वयंसेवक प्रताप मिश्रा ने कहा ओवैसी को हेट स्पीच से बचना चाहिए और अपनी जबान को लगाम देनी चाहिए अन्यथा उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। देश का संविधान किसी भी हिन्दू या मुसलमान को हिंसा की इजाजत नहीं देता है। कोई भी हिंसा फैलाने की अगर कोशिश की गई तो उसके गम्भीर परिणाम होंगे।

Thursday, April 28, 2022

इंडिया युद्ध लड़ने जा रहा है? वायुसेना प्रमुख ने कहा - "हर समय तैयार रहना होगा"


इंडिया युद्ध लड़ने जा रहा है? वायुसेना प्रमुख ने कहा -

भारतीय वायुसेना (IAF) को शॉर्ट नोटिस पर किसी भी युद्ध के लिए तैयार करने की जरूरत है. ये कहना है भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी का. उन्होंने कहा कि वायुसेना को छोटे युद्धों और पूर्वी लद्दाख में जारी लंबे संघर्षों दोनों तरह की स्थितियों के लिए तैयार रहना होगा. वीआर चौधरी गुरुवार 28 अप्रैल को वायुसेना में लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट को लेकर एक कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.

IAF चीफ ने क्यों कहा ऐसा?

एयर चीफ मार्शल ने कार्यक्रम में कहा कि वायुसेना के हालिया अनुभवों और मौजूदा जियोपॉलिटिकल स्थिति को देखते हुए हमें रणनीतिक बदलाव करने की जरूरत है. साथ ही हर समय तैयार रहना होगा. उन्होंने कहा,

“इसके अलावा कम से कम समय में बड़े ऑपरेशन के नए तरीकों को देखते हुए लॉजिस्टिक्स में भी बड़े बदलाव की जरूरत है. ऐसी स्थिति में लॉजिस्टिक्स सपोर्ट काफी चुनौतीपूर्ण होगा. क्योंकि एयर फोर्स के पास काफी बड़ा और अलग-अलग तरीके का भंडार है.”

वायुसेना प्रमुख की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण हथियारों की उपलब्धता और उसे पूरा करने की रूस की क्षमता को लेकर बहस चली. वीआर चौधरी ने उत्तरी सीमाओं पर भारत की सुरक्षा चुनौती को लेकर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि वायुसेना को हर संभावित चुनौतियों के लिए तैयार रहने की जरूरत है,

उनका इशारा पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी विवाद को लेकर था. पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में पिछले करीब 2 सालों से संघर्ष जारी है. इस दौरान कई बार दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर की बातचीत हुई. कुछ जगहों पर टकराव जरूर खत्म हुआ और दोनों देश के सैनिक पीछे हटे. हालांकि कई प्वाइंट्स पर गतिरोध की स्थिति अब भी बनी हुई है.

‘IAF नई तकनीकों को अपनाए’

इसके अलावा वायुसेना प्रमुख ने आत्मनिर्भरता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक्स के स्वदेशीकरण के लिए ‘फोकस्ड एक्शन प्लान’ विकसित करने की जरूरत है. चौधरी ने कहा,

“हमें समय के साथ आ रही नई तकनीकों से खुद को लैस करना होगा. जैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉकचेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स को हमारी सप्लाई चेन की जरूरतों के लिए इस्तेमाल करना होगा.”

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को लेकर पिछले कुछ सालों से सरकार लगातार बात कर रही है. फरवरी महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इस साल के रक्षा बजट में 70 फीसदी हिस्सा सिर्फ घरेलू उद्योग के लिए रखा गया है. प्रधानमंत्री ने भी कहा था कि रक्षा क्षेत्र में हम सूचना प्रौद्योगिकी का जितना इस्तेमाल करेंगे, अपनी सुरक्षा को लेकर हम ज्यादा भरोसेमंद होंगे. उन्होंने कहा था कि साइबर सुरक्षा अब सिर्फ डिजिटल दुनिया तक सीमित नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बन चुका है.

Wednesday, April 27, 2022

यूपी में मंदिर-मस्जिद के लाउडस्पीकर नियंत्रित कर सीएम योगी आदित्यनाथ ने इतिहास रच दिया: प्रताप मिश्रा



उत्तर प्रदेश में तमाम धार्मिक जगहों का अपने लाउड स्पीकर की आवाज कम करना बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. नियम कानूनों के मद्देनजर जैसे योगी आदित्यनाथ ने यूपी को राइट टाइम किया है वो आसान बिल्कुल नहीं है और इसके लिए बतौर मुख्यमंत्री उनकी तारीफ होनी ही चाहिए.

एक ऐसे समय में जब हिंदू मुस्लिम की डिबेट सातवें आसमान पर और देश के हर दूसरे नागरिक पर नफरत हावी हो. सवाल पूछा जाए कि धार्मिक दृष्टि से वो कौन सा राज्य है जो बारूद के ढेर पर बैठा है? 2017 के पहले का समय होता, तो आदमी एक झटके में उत्तर प्रदेश का नाम लेकर अपना पल्ला झाड़ लेता. लेकिन जो अभी के हाल हैं लॉ एंड आर्डर के लिहाज से उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है. उत्तर प्रदेश में जो इबारत सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ लिख रहे हैं. उसे लेकर यूं तो एक हजार बातें हो सकती हैं. लेकिन उनका सार यही है कि 'कायदे से रहोगे तो फायदे में रहोगे.' दिलचस्प ये कि ये बात किसी एक समुदाय के लिए नहीं है, यानी ये चीज जितनी किसी हिंदू और मुसलमान पर लागू होती है. उतनी ही किसी सिख और ईसाई पर भी. नियम कानूनों के मद्देनजर जैसे योगी आदित्यनाथ ने यूपी को राइट टाइम किया है वो आसान बिल्कुल नहीं है और इसके लिए बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ होनी ही चाहिए.

लाउड स्पीकर विवाद पर जो योगी आदित्यनाथ का रुख है वो कई मायनों में ऐतिहासिक है

सवाल होगा कैसे? जवाब के लिए हम देश में चल रहे लाउड स्पीकर विवाद का रुख कर सकते हैं. खबर है कि लाउड स्पीकर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रुख के बाद यूपी के अलग अलग धार्मिक स्थलों से या तो लाउडस्पीकर उतार लिए गए हैं या फिर उनकी आवाज को धीमा कर दिया गया है. ध्यान रहे अभी बीते दिनों ही यूपी के मुखिया का वो बयान सुर्ख़ियों में थे जिसमें उन्होंने इस बात पर बल दिया था कि धार्मिक स्थलों में बताए गए मानकों के अनुरूप ही लाउडस्पीकर बजें और उनकी आवाज सिर्फ धार्मिक परिसर के अंदर तक ही रहे.

ध्यान रहे लाउड स्पीकर विवाद के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने तमाम तरह की बातें की हैं और बताया है कि अब तक UP में 125 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटवाए गए हैं. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि सूबे में तकरीबन 17 हजार धार्मिक स्थल ऐसे हैं जहां स्पीकर की आवाज कम की गई है.

यूपी में संस्था कोई हो तेज आवाज में लाउड स्पीकर बजाने वालों की खैर नहीं है. एडीजी के अनुसार  शासन ने तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने वालों की रिपोर्ट तलब की है. ADG लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि अलविदा की नमाज और इसके पहले जो अन्य धर्मों के भी त्योहार हुए हैं, उनमें लाउडस्पीकर की आवाज कम करने के लिए लगभग 37,344 धर्मगुरुओं से बात की गई है.

गौरतलब है प्रदेश की शांति व्यवस्था प्रभावित न हो इसलिए यूपी सरकार ने नए आयोजनों और नए धार्मिक स्थलों पर माइक लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वहीं मुख्यमंत्री ने ये भी कहा था अगर प्रदेश में किसी को कोई शोभायात्रा निकालनी हो या फिर जुलूस उसके लिए पहले से अनुमति लेनी होगी साथ ही आयोजकों को शांति-सौहार्द बनाए रखने के संबंध में शपथ पत्र देना होगा. अनुमति केवल उन्हीं धार्मिक जुलूसों को दी जाएगी, जो पारंपरिक होंगे.

सोचने वाली बात ये है कि ये सब उस उत्तर प्रदेश में हो रहा है जहां कब दंगा हो जाए, कब स्थिति बिगड़ जाए कोई नहीं जानता था लेकिन जिस तरह यूपी में योगी के आने के बाद स्थिति संभली है कोई बड़ी बात नहीं कि कल की तारिख में ये चीज एक मॉडल के रूप में स्थापित हो जाए और देश के अलग अलग सूबे इनका अनुसरण करें. 

चाहे वो पंडित और पुजारी हों. या फिर मौलवी मौलाना जिस तरह सबको एक मंच पर बैठाकर शांति बनाए रखने की अपील न केवल की गयी. बल्कि जिस तरह लोगों न इसका अमल किया इस बात की तस्दीख खुद हो जाती है कि यूपी में योगी के आने के बाद बड़ा सुधार हुआ है और जैसा लोगों का स्वाभाव है ये कोई आसान पहल नहीं है.

‘राजू बन मंदिर में शादी, घर ले जा निकाह, मौलाना और भाइयों से रेप भी करवाया’: ग्वालियर में लव जिहाद, आरोपित का घर ध्वस्त


युवती का आरोप है कि मंदिर में शादी के बाद उसका जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाह किया गया। इमरान के भाइयों अमन और पुन्नी तथा शहर के मौलाना ओसामा ने उसके साथ रेप किया।

ग्वालियर में लव जिहाद

मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के डबरा से लव जिहाद का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने आरोपित के अवैध मकान को ध्वस्त कर दिया है। इस दौरान डबरा के जंगीपुरा में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात था। कार्रवाई के दौरान तहसीलदार दीपक शुक्ला, एसडीओपी विवेक शर्मा, थाना प्रभारी सहित नगर पालिका का पूरा अमला मौजूद था।

अधिकारियों ने कहा कि एंटी माफिया अभियान के तहत इमरान के अवैध मकान को गिराया गया है। आरोपित का मकान गली में अंदर होने के कारण बुलडोजर नहीं पहुँच पा रहा था। इस कारण मकान को पहले खाली करवाया और उसके बाद फिर नगर निगम टीम ने मजदूरों की मदद से मकान ध्वस्त कर दिया।

ग्वालियर के गोल पहाड़िया की रहने वाली एक युवती ने डबरा निवासी इमरान को हिंदू युवक राजू जाटव बनकर दोस्ती करने और फँसाने का आरोप लगाया था। युवती के अनुसार राजू उर्फ इमरान ने 18 सितंबर 2021 को शीतला माता मंदिर में उससे शादी की। शादी से पहले उसने युवती का गर्भपात भी करवाया था। शादी के बाद जब वह राजू के घर गई तो उसके इमरान होने का पता चला।

कई महीनों तक प्रताड़ना झेलने के बाद युवती ने ग्वालियर पहुँच महिला थाने में पुलिस से शिकायत दर्ज कराई। युवती ने बताया कि इमरान ने अपने भाइयों अमन और पुन्नी तथा शहर के मौलाना ओसामा से उसका दुष्कर्म करवाया। पीड़िता के मुताबिक मौलाना ने जबरन धर्म परिवर्तन कराने के बाद उसका इमरान से निकाह कराया और निकाह वाली रात ही उसके साथ दुष्कर्म किया। महिला ने ससुराल पक्ष पर निकाह के बाद से मारपीट करने और 7 महीने तक बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया।

महिला का आरोप है कि उसकी सास सुग्गा बेगम ने उसे वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेल दिया था। उसे एक कमरे में बंद करके रखा गया था, उसके कमरे में कुछ युवक आते थे और वे उसके साथ दुष्कर्म करते थे। 20 अप्रैल को कमरे का दरवाजा खुला रह गया, जिससे वह किसी तरह से वहाँ से भाग कर अपने मायके आ गई। इसके बाद उसने पूरी कहानी अपने परिवार वालों को बताई। इसके बाद पीड़िता ने शनिवार (23 अप्रैल 2022) को पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई।

युवती ने एसपी से मुलाकात कर सुरक्षा की भी माँग की। ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक (SP ग्वालियर) अमित सांघी ने बताया कि शिकायत पर कार्रवाई करते हुए कथित पति इमरान, देवर अमन, पुन्नी, मौलाना ओसामा खान और दो अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले में दो आरोपितों इमरान और उसकी अम्मी सुग्गा बेगम को गिरफ्तार किया है और तीन आरोपित फरार हैं। इनकी तलाश की जा रही है।

UP में दारोगा रश्मि यादव की मौत के जिम्मेदार आरोपी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले की मोहनगंज पुलिस ने महिला हेल्प डेस्क प्रभारी रश्मि यादव की मौत के लिए कथित रूप से जिम्मेदार आरोपी को मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।

अमेठी जिले के मोहनगंज थाने में तैनात दारोगा और महिला हेल्पडेस्क प्रभारी रश्मि यादव का शव शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में थाना परिसर में बने सरकारी आवास के कमरे में फंदे से लटका मिला था ।

पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह ने बताया कि इस मामले में वांछित अभियुक्त सुरेन्द्र सिंह उर्फ रिशू को अलीगढ से मंगलवार को गिरफ्तार किया गया ।

उन्होंने बताया कि रश्मि यादव के पिता मुन्ना लाल यादव ने थाना मोहनगंज पर लिखित तहरीर दी थी कि मेरी पुत्री रश्मी यादव थाना मोहनगंज में प्रभारी महिला चौकी पद पर तैनात थी ।

पिता ने अपने तहरीर में कहा है कि इससे पूर्व मेरी बेटी बहराइच जनपद में प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका थी वहीं पर उसकी जान पहचान डायट मे कार्यरत सुरेन्द्र सिंह उर्फ रिशू निवासी जनपद अलीगढ से हुई ।

पिता ने तहरीर में कहा था कि सुरेन्द्र सिंह उर्फ रिशू मेरी बेटी को सामने मिलकर व मोबाइल फोन से वार्ता के दौरान अपमान जनक बातें बोलता था और परेशान करता था जिससे क्षुब्ध होकर मेरी बेटी ने 22 अप्रैल को थाना मोहनगंज स्थित आवास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी ।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस सूचना पर थाना मोहनगंज मे मुकदमा दर्ज किया गया था और आरोपी को अलीगढ से गिरफ्तार कर लिया गया ।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को रश्मि के लखनऊ स्थित आवास पर जाकर उनके परिजन से मुलाकात की थह और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख ने न्यायालय से जातिगत मानसिक उत्पीड़न की वजह से घटी इस घटना का संज्ञान लेने का आग्रह किया था ।

पंजाब पुलिस के सामने आज पेश होंगी कांग्रेस नेत्री अलका लांबा

कांग्रेस नेत्री अलका लांबा बुधवार को पंजाब के रूपनगर जिले में पुलिस के सामने पेश होंगी। लांबा पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विरुद्ध “भड़काऊ बयान” देने का मामला दर्ज है।

बाजवा समेत पार्टी के अन्य नेता लांबा के साथ जाएंगे थाने

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने मंगलवार को कहा कि वह और प्रताप सिंह बाजवा समेत पार्टी के अन्य नेता लांबा के साथ थाने जाएंगे।

जानिए ! क्या है पूरी मामला

पंजाब पुलिस केजरीवाल के विरुद्ध “भड़काऊ बयान” को लेकर दर्ज मामले के संबंध में, 20 अप्रैल को लांबा और आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास के घर गई थी। विश्वास के विरुद्ध रूपनगर के सदर थाने में 12 अप्रैल को मामला दर्ज हुआ था।

विश्वास ने केजरीवाल पर अलगाववादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया था। इस पर पुलिस ने कहा था कि इस मामले में पूछताछ के लिए लांबा को तलब किया गया है क्योंकि उन्होंने केजरीवाल के विरुद्ध विश्वास के बयान का समर्थन किया था।

Tuesday, April 26, 2022

सीएम योगी का आदेश- सिर्फ अपनी नहीं, अपने पूरे परिवार की संपत्ति की जानकारी दें मंत्री-अफसर

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अख्त्यार कर रखी है. अब राज्य के सभी मंत्रियों के साथ IAS और PCS अफसरों से उनके संपत्ति की जानकारी मांगी गई है. मंत्री और अफसर केवल अपनी ही नहीं, बल्कि अपने पूरे परिवार के सदस्यों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा जनता के समक्ष रखेंगे.

मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, 'स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जनप्रतिनिधियों के आचरण की शुचिता बेहद जरुरी है. इसी भावना के अनुरूप सभी माननीय मंत्रीगण शपथ ग्रहण करने के अगले तीन महीने की अवधि के अंदर, अपने और अपने परिवार के सदस्यों की समस्त चल-अचल संपत्ति का सार्वजनिक ऐलान करें.' सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि, 'सभी लोक सेवक (IAS/PCS) को अपनी व परिवार के सदस्यों की समस्त चल/अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करे. यह विवरण आमजनता के अवलोकनार्थ ऑनलाइन पोर्टल पर मुहिया कराया जाए. साथ ही मंत्री के पारिवारिक सदस्य किसी भी सरकारी काम में दखल नहीं देंगे.'

सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि, 'सभी मंत्रीगणों को सोमवार व मंगलवार को अनिवार्य रूप से राजधानी लखनऊ में उपस्थित रहना होगा. शुक्रवार से रविवार तक अपने निर्वाचन क्षेत्र/प्रभार के जिलों में जनता के बीच रहने का कार्यक्रम तैयार करें.'

यूक्रेन को अमेरिका की मदद से भड़का रूस- परमाणु युद्ध का खतरा अभी टला नहीं


Putin

 यूक्रेन और रूस के बीच शुरू हुआ युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. दोनों देशों के बीच इस युद्ध दो महीने से अधिक का समय हो गया है. इस बीच यूक्रेन की राजधानी कीव के अलावा खारकीव जैसे कई बड़े शहर रूसी सेना के हाथों बिल्कुल बर्बाद हो चुके हैं. इसके साथ ही दोनों के बीच में आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी जोरों पर है. आज यानी मंगलवार को रूस ने यूक्रेन का सहयोग कर रही नाटो पर छद्म युद्ध में शामिल होने का आरोप लगाया है. रूस ने कहा है कि नाटो के इस कदम ने क्षेत्र में परमाणु युद्ध का खतरा पैदा कर दिया है. आपको बता दें कि रूस का यह बयान अमेरिका और उसके सहयोगी देशों से यूक्रेन को मिलने वाली मदद की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है. 

अमेरिका और नाटो पर क्यों भड़का रूस?

 दरअसल, रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच अमेरिका और उसके सहयोगी देश यूक्रेन का फेवर करते नजर आ रहे हैं. इस क्रम में अमेरिका ने मंगलवार को अपने सहयोगी देशों के साथ एक जर्मन हवाई अड्डे पर यूक्रेन को रूस के खिलाफ युद्ध में जीत के लिए जरूरी भारी हथियारों की आपूर्ति करने का संकल्प लिया. इस बीच रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि क्षेत्र में परमाणु युद्ध का खतरा अभी टला नहीं है. रूसी विदेश मंत्री ने यह बात एक रूसी चैनल के साथ इंटरव्यू के दौरान कही.

इमरान ने इस्लामाबाद में एक और धरने का किया आह्वान

Imran callपूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने ईद के बाद पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में अपने समर्थकों से सामूहिक मार्च और विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया है। देश में तत्काल और जल्द आम चुनावों की घोषणा करने के लिए शहबाज शरीफ सरकार पर दबाव बनाने के लिए एक और सरकार विरोधी मार्च निकाला जाएगा।

खान ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह आने वाले हफ्तों में मार्च की तारीख की घोषणा करेंगे।

उन्होंने कहा, मैंने अपनी पार्टी के सदस्यों से इस्लामाबाद तक मार्च की तैयारी शुरू करने को कहा है। मैंने पार्टी के नेताओं को, जिनमें ग्रामीण स्तर के लोग भी शामिल हैं, सच्ची आजादी के लिए मार्च की तैयारी करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने कहा, लोगों का एक विशाल समुद्र राजधानी की ओर जाएगा, क्योंकि मैंने लोगों के बीच ऐसी राजनीतिक जागरूकता कभी नहीं देखी। इस्लामाबाद में हर कोई मेरे साथ तब तक विरोध में बैठेगा, जब तक कि आम चुनाव की घोषणा नहीं हो जाती।

ईद के बाद इमरान खान की इस्लामाबाद मार्च शुरू करने की योजना है। खान ने कहा, लोगों के साथ जो मजाक किया गया है और हम पर शासक के रूप में जो आरोप लगाए गए हैं, उसे वे समझने लगे हैं।

इमरान खान ने कहा, नवगठित संघीय कैबिनेट में अभूतपूर्व संख्या में अपराधी और जमानत पर बाहर आए लोग हैं।

इमरान खान दावा करते रहे हैं कि उनकी सरकार को विपक्षी राजनीतिक दलों के माध्यम से अमेरिका के नेतृत्व में एक विदेशी साजिश के तहत सत्ता से हटा दियाया है। खान का दावा है कि अमेरिका में पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत असद मजीद से मिले साइफर (सांकेतिक पत्र) पर चर्चा करने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के निष्कर्षो ने पुष्टि की है कि उनका दावाोही है।

हालांकि, उसी धमकी पत्र के संबंध में एनएससी की दूसरी बैठक से निष्कर्ष निकला कि कोई विदेशी साजिश नहीं हुई है क्योंकि पाकिस्तान में शासन परिवर्तन के लिए विदेशी हस्तक्षेप को स्थापित करने के लिए ऐसा कोई सबूत नहीं मिला।

दिल्ली के खजूरी खास में बिगड़ा माहौल, तीन आरोपी गिरफ्तार


Communalism in Delhi: दिल्ली के इस इलाके में बिगड़ा माहौल, तीन आरोपी गिरफ्तार

Delhi Police Investigating: दिल्ली के खजूरी खास इलाके में पुलिस उस वक्त तुरंत हरकत में आई जब कुछ युवक इलाके में माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस ने एक्शन लेते हुए 2 समुदायों के बीच माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने के आरोप में अमन (Aman), जीशान (Zeeshan) और समीर (Sameer) को गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल ये नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट का वो खजूरी खास इलाका है जो 2020 में दंगों (Riots) की भेंट चढ़ गया था. इसलिए पुलिस इस इलाके में हमेशा अलर्ट पर रहती है और इसकी मॉनिटरिंग खुद डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी संजय सेन (DCP Sanjay Sen) करते हैं.

पीसीआर कॉल पर मिली जानकारी

दिल्ली पुलिस के मुताबिक 24 अप्रैल को उन्हें पीसीआर कॉल पर जानकारी मिली कि इलाके में कुछ मुस्लिम (Muslim) लोग मारपीट करने के लिए बोल रहे हैं और यहां पर भीड़ हो रही है, मदद (Help) चाहिए. कॉलर अपने आपको पुलिस का स्टाफ बता रहा था. इस सूचना पर दिल्ली पुलिस की टीम रवाना की गई.

मौके पर पहुंची दिल्ली पुलिस

मौके पर पहुंची पुलिस को इलाके में रहने वाले सोनू कुमार (Sonu Kumar) ने बताया कि वो अपने दोस्त के साथ खाना खाने के बाद खजूरी खास (Khazoori Khas) इलाके की गली में घूम रहा था. तभी रात तकरीबन 10:30 मिनट पर दोनों ने देखा कि तीन लड़के (अमन, जीशान और समीर) उस गली में पहले से खड़े थे और लगातार दिल्ली दंगों (Delhi Riots) का जिक्र करते हुए लोगों को धमका रहे थे. तीनों ने सोनू और उसके दोस्त के साथ मारपीट की और लगातार नफरत भरी बातें कर इलाके में तनाव पैदा करने की कोशिश की. इतना ही नहीं तीनों आरोपियों ने अपने कुछ और साथियों को भी मौके पर बुला लिया था.

दिल्ली पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा

हालांकि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर भीड़ को खदेड़ा. आस-पास के लोगों से पूछताछ की गई और मामले की जांच की गई तो पता चला कि आरोपी अमन, समीर और जीशान इलाके में दो समुदायों के बीच नफरत (Hatred) फैलाने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस के मुताबिक जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) इलाके में जिस तरह के हालात पैदा हुए हैं, उसे देखते हुए इस तरह का एक्ट जिसमें दो समुदायों के बीच धर्म के नाम पर नफरत और अशांति फैलाई जा रही हो, काफी गंभीर अपराध है.

तीन आरोपी गिरफ्तार

लिहाजा दिल्ली पुलिस ने खजूरी खास थाने में 25 अप्रैल को IPC की धारा 153A के तहत एफआईआर (FIR) दर्ज कर अमन, जीशान और समीर को गिरफ्तार किया जबकि बाकी लोगों पर सीआरपीसी (CRPC) के तहत एक्शन लिया जिससे इलाके में शांति बनी रहे. आपको बता दें कि मामले की जांच जारी है.

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले पर कोर्ट में हुई सुनवाई


श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले पर कोर्ट में हुई सुनवाई, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने याचिका को बताया आधारहीन

मथुराः श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई हुई. अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका पर न्यायालय ने सुनवाई की. अब न्यायालय 10 मई को अगली सुनवाई करेगा. श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर दायर वाद में याचिकाकर्ता द्वारा न्यायालय से शाही ईदगाह पर स्टे लगाने और कमीशन गठित करने के साथ ही एएसआई द्वारा सर्वे कराने की मांग की है.

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा याचिका को आधारहीन
सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा याचिकाकर्ता की याचिका को गलत बताते हुए कहा कि यह याचिका आधारहीन है. साथ ही मुस्लिम पक्ष द्वारा कहा गया कि ना तो कोई कागजात न्यायालय में पेश किए गए हैं और ना ही कोई नोटिस प्राप्त हुए हैं. न्यायालय में पूरे मामले की सुनवाई 10 मई को होगी. इसमें सुन्नी वक्फ बोर्ड के साथ ही शाही ईदगाह कमेटी भी अपना पक्ष रखेगी.

अगली सुनवाई पर देंगे जवाब
याचिकाकर्ता अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने बताया "आज श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले पर सुनवाई होनी थी, जिसमें विशेष रूप से बहस हुई है. सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता ने बहस शुरू की है. हमने कहा कि पहले आप बहस कर लीजिए, उसके बाद हम बात करेंगे. उनकी हर बात हमने सुनी और नोट की है. अगली डेट पर हम इसका जवाब देंगे. न्यायालय के द्वारा अग्रिम तिथि 10 मई दी गई है. अभी उनकी तरफ से और बहस होनी है". 

उन्होंने एक प्रोपेगेंडा रचने का प्रयास किया- महेंद्र प्रताप 
अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने कहा "उनके पास कुछ ऐसा खास नहीं है. एक हवाबाजी शो करने के लिए उन्होंने यह सब किया है. उनके पास कोई तथ्य तो है नहीं. एक तरह से उन्होंने एक प्रोपेगेंडा रचने का प्रयास किया है. अगली तारीख पर सुनवाई होगी. अभी उनकी ओर से बहस होनी है. इसके बाद शाही ईदगाह की तरफ से भी बहस होनी है. उनकी एविडेंस पूरे होने के बाद फिर हमारी बहस होनी है. अधिवक्ता का कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास कहने के लिए कुछ नहीं है पहले जो कहते हैं वही बात आज उन्होंने कही है". 

साक्ष्य के रूप में कोई डॉक्यूमेंट पेश नहीं किया- महेंद्र प्रताप 
अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने बताया "आज सुनवाई थी. हमारी तरफ से एप्लीकेशन लगाई गई थी. सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि मुकदमा चलने योग्य ही नहीं है. आज उनकी तरफ से बहस शुरू हो गई है. तमाम बिंदुओं को न्यायालय के समक्ष रखा गया, जिसके तहत पत्रावली में वादी पक्ष ने अपनी बात कही गई है उसमें कहीं भी उन्होंने साक्ष्य के रूप में कोई डॉक्यूमेंट पेश नहीं किया. किसी मुकदमे की नकल पेश नहीं की. जमीन का कागजात पेश नहीं किया. बहस आगे भी जारी रहेगी". 

सुनवाई के लिए अग्रिम तारीख 10 मई तय की गई है
अधिवक्ता ने यह भी कहा "विभिन्न कानूनी पहलुओं पर बहस हुई है. न्यायालय के समक्ष मेरे द्वारा अपने पक्षकार का पक्ष रखा गया. यह बताया गया कि यह जो 4 लोगों ने मुकदमा दाखिल किया है किस तरह से आधार हीन है. अभी बहस चल रही है. सुनवाई के लिए अग्रिम तारीख 10 मई लगा दी गई है. 10 मई को सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से बहस समाप्त होने के बाद शाही ईदगाह मस्जिद की ओर से बहस और अपना पक्ष रखेंगे. उसके बाद जो वादी पक्ष की तमाम बातों का हम जवाब देंगे".

यह है मामला 
बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में लगातार सुनवाई चल रही है. इस मामले में 13.37 एकड़ की पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग की जा रही है. वहीं, कृष्ण जन्मस्थान परिसर में शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की मांग की जा रही है. 

Sunday, April 24, 2022

रूस को लेकर पाकिस्तान का नहीं बदला प्लान, इमरान खान के नक्शे कदम पर PM शहबाज!


shahbaz sharif

पाकिस्तान अमेरिका को छोड़कर रूस की तरफ आना चाहता है. पाकिस्तान के हुक्मरान लंबे समय से रूस के संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इमरान खान ने पीएम पद से हटने के कुछ वक्त पहले ही बेवक्त रूस यात्रा की थी. पाक-रूस संबंध में इस यात्रा का बड़ा रोल रहा है. पाकिस्तान में अब प्रधानमंत्री बदल चुके हैं और पीएमएल एन के नेता शहबाज शरीफ देश के नए वजीर-ए-आजम बने हैं. लेकिन अगर रूस की बात करें शहबाज शरीफ भी इमरान खान को फॉलो करते नजर आ रहे हैं और रूस के साथ संबंधों को सुधारने के लिए चुपचाप राष्ट्रपति पुतिन को चिट्ठी लिख रहे हैं. बता दें कि इमरान खान ने साफ-साफ कहा था कि अमेरिका की मर्जी के खिलाफ उनका मास्को की यात्रा पर जाना पीएम पद से उनकी विदाई की वजह बनी थी.

पाकिस्तान के एक समाचार पत्र का मुताबिक जब शहबाज शरीफ पीएम बने तो रूस और पाकिस्तान के बीच पत्रों का आदान-प्रदान हुआ, लेकिन बिना वजह विवाद पैदा न हो इसलिए इस अहम घटनाक्रम की जानकारी मीडिया को नहीं दी गई. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को उनके पीएम बनने पर बधाई देते हुए एक पत्र लिखा था. रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने अपनी पहचान सार्वजनिक न करने की शर्त पर बताया कि पुतिन ने पत्र में कहा कि उनका देश पाकिस्तान के साथ संबंधों को और भी मजबूत बनाना चाहता है.

रिपोर्ट के अनुसार शहबाज शरीफ के पीएम बनने के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने शहबाज शरीफ को बधाई संदेश दिया. इसकी जानकारी क्रेमलिन प्रेस ऑफिस ने सार्वजनिक की है. पुतिन ने शहबाज शरीफ को 12 अप्रैल को भेजे गए अपने बधाई संदेश में लिखा, "हमारे देश मैत्रीपूर्ण और रचनात्मक संबंध साझा करते हैं, मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री के रूप में आप रूस और पाकिस्तान के बीच घनिष्ठ बहुआयामी सहयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ अफगान समझौते में साझेदारी और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने की कोशिश करेंगे."

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शहबाज ने पुतिन को उनके बधाई संदेश के लिए धन्यवाद दिया और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने का भरोसा दिया साथ ही अफगानिस्तान पर सहयोग करने की बात कही. इस्लामाबाद में रूसी दूतावास ने अपने ट्विटर हैंडल से 12 अप्रैल को शहबाज को बधाई दी थी और उम्मीद जताई कि उनकी सरकार के तहत दोनों देशों के बीच संबंध विकसित होंगे.

24 फरवरी को रूस के राष्ट्रपति पुतिन जब अपने देश की सेनाओं को यूक्रेन पर हमले की इजाजत दे रहे थे तो उसी दिन पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम इमरान खान मास्को में पुतिन के साथ थे. इमरान खान के इस यात्रा से लौटते ही पाकिस्तान में उनके खिलाफ माहौल बनना शुरू हो गया. इमरान खान का आरोप है कि उनकी रूस यात्रा को अमेरिकी हुक्मरानों ने पसंद नहीं किया और उनके खिलाफ अमेरिका समर्थित अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. 

इमरान खान ने बार-बार कहा है कि अमेरिका नहीं चाहता था कि वे रूस का दौरा करें और राष्ट्रपति जो बिडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ को फोन किया और उनसे कहा कि वे इमरान के रूस दौरे को रुकवायें. हालांकि अमेरिका इमरान खान के इन आरोपों को तवज्जो नहीं देता है और इसे निराधार बताता रहा है.

पाकिस्तान का द एक्सप्रेस ट्रिब्यून लिखता है शहबाज शरीफ और पुतिन के बीच पत्रों का सिलसिला ये बताता है कि दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करने की कवायद नई सरकार में भी जारी रहेगी. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि रूस के साथ संबंधों को नई दिशा देने का कवायद का फैसला पहले लिया गया था. ये फैसला बदलने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए लिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि ये प्रक्रिया बिना मीडिया में बिना शोर मचाये जारी रहेगी.

शीत युद्ध के दौरान रूस और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद ठंडे पड़ गए थे. इस दौरान रूस का झुकाव भारत की ओर था लिहाजा पाकिस्तान अमेरिकी खेमे में था. लेकिन रूस के साथ पाकिस्तान के संबंध हाल के वर्षों में शीत युद्ध की कड़वी यादों से आगे निकल गए हैं. पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों में कड़वाहट ने पाकिस्तान को रूस और चीन से हाथ मिलाने पर मजबूर कर दिया है.

झोलाछाप पशु चिकित्सकों पर शिकंजा कसेगी योगी सरकार, तैयार हो रहा मसौदा


झोलाछाप चिकित्सकों के बाद अब योगी सरकार प्रदेश में पशु चिकित्सा के कार्य में लगे झोलाछापों पर शिकंजा कसेगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा परिषद मसौदा तैयार कर रहा है। अगर यह विधेयक पारित हुआ तो फिर बिना डिग्री के कोई भी पशुओं की भी चिकित्सा नहीं कर पाएगा।

Yogi government will crack down on quacks veterinary doctors draft is being prepared

चिकित्सा कार्य करने वाले बिना डिग्री वाले झोलाछापों पर तो सरकारी कार्रवाई का प्रावधान पहले से ही है, अब उत्तर प्रदेश सरकार पशु चिकित्सा के लिए गांवों में काम कर रहे झोलाछापों पर भी कार्रवाई करेगी। मकसद है पशुओं की चिकित्सा भी डिग्री धारक पशु चिकित्सक ही करें। इसके लिए उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा परिषद मसौदा तय कर रही है। झोलाछाप पशु चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विधेयक बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। अगर यह विधेयक पारित हुआ तो फिर बिना डिग्री के कोई भी पशुओं की भी चिकित्सा नहीं कर पाएगा।

यह जानकारी उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष और बरेली की मीरगंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक डॉ. डीसी वर्मा ने दी। बताया कि झोलाछाप पशु चिकित्सा न कर सकें, इसका मसौदा तैयार करने पर उत्तर प्रदेश के बरेली में इज्जतनगर स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) में आयोजित उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा परिषद की 14 वीं सामान्य बैठक में विचार किया गया है। इसके लिए परिषद माइनर वेटरिनरी सर्विसेज को अधिसूचित भी करेगी।

इसलिए लगाया जाएगा झोलाछाप पर प्रतिबंध
परिषद के अध्यक्ष डॉ. डीसी वर्मा का कहना है कि असल में, गांवों-नगरों में पशु चिकित्सा कार्य में लिप्त झोलाछाप अप्रशिक्षित तो होते नहीं हैं इसलिए वे गाव, भैंस, बकरी आदि पशुओं को ऐसी दवाएं खिला देते हैं और ऐसे इंजेक्शन लगा देते हैं, जिनसे पशु बांझ हो जाते हैं और उन्हें साइड इफेक्ट हो जाता है। नतीजतन, पशुपालक ऐसे पशुओं को आवारा छोड़ने को विवश होते हैं। नतीजतन, ये आवारा पशु फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। डॉ. वर्मा ने कहा- उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की बढ़ी समस्या का एक बड़ा कारण झोलाछापों की ओर से गलत तरह से किया जाने वाला इलाज भी है। ऐसे में, अगर झोलाछापों की चिकित्सा पर प्रतिबंध लगने से अवारा पशुओं की समस्या में भी कमी आएगी।

विधेयक लाने के लिए शासन को भेजेंगे प्रस्ताव
परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि पशु चिकित्सा का कार्य करने वाले झोलाछापों पर प्रतिबंध लगाने के लिए उन पर कार्रवाई का प्रावधान भी किया जाना जरूरी है यानी बिना डिग्री के पशु चिकित्सा करना गैरकानूनी किया जाए, इसके लिए सरकार को विधेयक लाना होगा। इस विधेयक का प्रस्ताव परिषद की ओर से बनाकर शासन को भेजा जााएगा। अगर शासन इस विधेयक को पारित कर देता है तो यह कानून बन जाएगा और उसके जरिए बिना डिग्री के पशु चिकित्सा गैरकानूनी घोषित हो जाएगा। उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव जल्द से जल्द शासन को भेज देंगे।

हर जिले को दी जाएंगी मोबाइल वैन
बिना डिग्री के पशु चिकित्सा प्रतिबंधित होने की स्थिति में गांव-देहात में पशु चालकों के सामने अपने पशुओं की चिकित्सा का संकट खड़ा होने का अनुमान है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में बिना डिग्री धारक पशु चिकित्सकों की कमी है। इस पर डॉ. डीसी वर्मा का कहना है कि वैसे तो पर्याप्त पशु चिकित्सक प्रदेश में हैं, जितनों की और जरूरत है, उनकी भर्ती भी की जा रही है लेकिन पशु चिकित्सा परिषद पशु चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ा काम करने जा रही है। वह यह कि 530 मोबाइल वैन प्रदेश में जल्द उपलब्ध हो जाएंगी। ये हर जिलों को उपलब्ध कराई जाएंगी। एक निर्धारित नंबर पर कॉल करने पर पशुपालकों के पास यह वैन जल्दी से जल्दी पहुंचकर उनके पशुओं को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराएंगी। डॉ. वर्मा ने बताया कि इन मोबाइन वैन पर चिकित्सक, कंपाउंडर के साथ ही दवाओं के समुचित इंतजाम होंगे।

PM मोदी के दौरे से पहले रैली स्थल के करीब धमाका


PM Modi Jammu visit: PM मोदी के दौरे से पहले रैली स्थल के करीब धमाका, जांच के दौरान पुलिस ने कही ये बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के जम्मू दौरे से पहले उनके रैली स्थल से 12 किलोमीटर की दूरी पर धमाका हुआ है. इस मामले में पुलिस ने किसी आतंकवादी गतिविधि से इनकार किया है. पुलिस ने कहा है कुछ लोगों ने विस्फोट का संदिग्ध मामला बताया. संदिग्ध विस्फोट की जांच की जा रही है.

पुलिस कर रही है मामले की जांच

पुलिस ने बताया, 'जम्मू के बिश्नाह के ललियान गांव में ग्रामीणों द्वारा खुली कृषि भूमि में एक संदिग्ध विस्फोट की सूचना मिली है. इस बीच, सांबा के पल्ली गांव में कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा जांच चल रही है, जहां से पीएम मोदी देशभर की पंचायतों को संबोधित करेंगे. बता दें कि पीएम मोदी कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने के बाद पहली बार दौरे पर जम्मू जा रहे हैं.

20,000 करोड़ रुपये योजनाओं का करेंगे शिलान्यास

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू-कश्मीर जाएंगे और देशभर की ग्राम सभाओं को संबोधित करेंगे. वो 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कई विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. जल निकायों का कायाकल्प सुनिश्चित करने के लिए जम्मू की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री अमृत सरोवर नामक एक नई पहल भी शुरू करेंगे. इसका उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है.

Saturday, April 23, 2022

बैकफुट पर आए मुस्लिम संगठन: प्रताप मिश्रा


 

अवैध सम्पत्तियों पर गरजता बुलडोजर और धार्मिक स्थलों में बजता ये लाउडस्पीकर इन दिनों उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में ही नहीं बल्कि देश में भी बहस का मुद्दा बना हुआ है. सरकार ने अवैध सम्पत्तियों पर बुलडोजर क्या चलाना शुरू किया, विरोधियों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया. कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति सामने आ गयी. मुसलमानों को लगा कि इस्लाम खतरे में आ गया है. वह एकजुट होने लगे.इसी बीच कुछ मुस्लिम संगठनों ने कई बयान जारी कर प्रदेश की फिजाओं में बह रही शांति की बयार को गर्म हवाओं के थपेड़ों में बदलने का काम शुरु कर दिया. लेकिन कल तक जो मुस्लिम संगठन बड़े-बड़े बयानवीर बने घूम रहे थे, वही आज पत्र जारी कर यह कहते फिर रहे हैं कि उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है.

हाल ही में अपने जहरीले बयानों के लिए कुख्यात मौलाना तौकीर रजा ने धार्मिक उन्माद को बढ़ावा देते हुए बुल्डोजर और लाउडस्पीकर विवाद पर मोदी सरकार को चेतावनी तक दे डाली.” उन्होंने कहा है कि भारत में महाभारत होने से कोई नहीं रोक सकता. देश एक बार फिर बंटवारे की ओर जा रहा है.” यह बयान मीडिया (Media) में आया तो जनता ने इनके बयानों को नकारने का काम शुरू कर दिया. जनता ने बयानों से नकारा तो मुस्लिम संगठनों ने अपने बयानों पर माफी मांगना शुरू कर दिया. कई मुस्लिम संगठनों ने अपने इस विभाजनकारी बयान से किनारा कर लिया. इस पर कई मौलानाओं ने बकायदा एक पत्र जारी कर कहा कि मीडिया (Media) ने हमारे बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का काम किया है. हमने हमेशा से वतन में अमन शांति का माहौल बनाए रखने की बात कही है.

इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने हाल ही में दिए अपने एक बयान को मीडिया (Media) द्वारा गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है. मोहतमिम नोमानी के मुताबिक उनके द्वारा अपने बयान में आत्मरक्षा (सेल्फ डिफेंस) के लिए पूरी हिम्मत और ताकत दिखाने की बात कही गई थी. उन्होंने कहा कि वह हमेशा से अमन शांति, एकता और भाईचारे के पक्षधर रहे हैं. वहीं इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के मीडिया (Media) प्रभारी मुनीर इदरीसी ने पत्र जारी कर मीडिया (Media) पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि हमारे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. साथ ही हमारी छवि खराब करने का काम किया गया है.

जाहिर है मुस्लिम संगठनों के माफी मांगने के बाद से ही धार्मिक सियासत करने वाले सियासतदानों का चेहरा उतर गया है. इसके साथ ही जिन लोगों ने दिल्ली से लेकर यूपी तक धमकी भरे बयानों से माहे रमजान के पाक महीने को मई-जून की गर्मी बनाने की कोशिश की थी. उनकी कोशिशों पर पानी फिर गया है. यही नहीं देश की राजधानी में इन बयानों से भले ही दंगों की तस्वीर निकली हो लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मुख्यमंत्री (Chief Minister) योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की नीति का ही असर दिखा कि यहां दंगा करने की किसी में हिम्मत नहीं थी.

दिल्‍ली में फिर चलेगा बुलडोजर, ध्वस्तीकरण स्थानों का नोटिस जारी, मिला 14 दिन का समय


Delhi Forest Department

दिल्ली के जहांगीरपुरी में चलाए गए बुलडोजर का विवाद अभी तक गर्म हैं, ऐसे में अब वन विभाग भी दिल्‍ली के अंदर कई क्षेत्रों में पीला पंजा चलाने की तैयारी कर रहा है। वन विभाग ने दक्षिणी दिल्‍ली इलाके के संरक्षित वन क्षेत्र में झुग्गियां बनाकर रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द वन क्षेत्र खाली करने का नोटिस भेजा है। वन विभाग की तरफ से इसके लिए लोगों को 14 दिन का समय दिया है। वन विभाग से मिले इस नोटिस के बाद यहां पर रहने वाले हजारों लोग काफी परेशान है। लोगों का कहना है कि, इस क्षेत्र में वे करीब 30 साल से रह रहे हैं।

बता दें कि, वन विभाग ने यह नोटिस मार्च 2022 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के एक आदेश के अनुपालन के आधार पर दिया है। इसके तहत वन विभाग ने इजरायल, नाला, गुलाबो, सपेरा व शंकर कैंप और रंगपुरी व राजोकरी जंगल क्षेत्र में रहने वाले लोगों को वन क्षेत्र खाली करने का नोटिस जारी किया है। अतिक्रमण हटाने के दौरान अगर अतिक्रमणकारी मौके पर मौजूद रहे तो ध्वस्तीकरण का खर्चा भी उनसे वसूला जाएगा। वन विभाग ने इस कार्रवाई के लिए दिल्‍ली पुलिस से 700 पुलिसकर्मियों की मदद भी मांगी है।

यहां सालों से रहते हैं हजारों परिवार

दिल्‍ली के इस इलाके में बनी इन झुग्गियों में कई सालों से हजारों परिवार रहते हैं। ये लोग उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, झारखंड और हरियाणा से आकर यहां पर करीब 30 साल पहले बसे थे। यहां रहने वाले ज्‍यादातर लोग दिहाड़ी मजदूरी व आसपास की फैक्ट्रियों में काम करते हैं। अब ये लोग अचानक से झुग्गियों के तोड़ने का नोटिस मिलने से काफी परेशान हो गए हैं। लोगों का कहना है कि, हम लोग बेहद गरीब हैं, इसके बाद कहां जाएंगे, पता नहीं। अब लग रहा है कि, अपने बच्‍चों को सड़कों पर ही रहना पड़ेगा। वहीं, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, इन झुग्गियों का ध्वस्तीकरण शहर के पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है।

Wednesday, April 20, 2022

देश में बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए केंद्र ने दिल्ली समेत 5 राज्यों को आगाह किया


केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को बढ़ते पॉजिटिविटी रेट पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र और मिजोरम को लेटर लिखा।

इस लेटर में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सुरक्षा उपाय और निगरानी करने को कहा गया है। वहीं, राजधानी में कोरोना को लेकर दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने आज बैठक बुलाई है।

उप-राज्यपाल की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में CM केजरीवाल और AIIMS डायरेक्टर भी मौजूद रहेंगे। बैठक में स्कूलों को बंद करने पर भी फैसला हो सकता है।

दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 632 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, पॉजिटिविटी रेट 4.42% दर्ज किया गया।

5 फोल्ड स्ट्रैटजी पर काम करने की सलाह

भारत में रोजाना आने वाले नए केसेस में राजधानी दिल्ली समेत इन 4 राज्यों का योगदान काफी अधिक है। यहां पॉजिटिविटी रेट में लगातार इजाफा देखा गया है। केंद्र ने वैक्सीनेशन और प्रिकॉशन डोज को लेकर भी तेजी लाने को कहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को फाइव फोल्ड स्ट्रैटजी पर काम करने को कहा है। इसमें टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, वैक्सीनेशन और कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर फॉलो करने की सलाह दी गई है।

इंटरनेशनल पैसेंजर्स के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग करें

संक्रमण बढ़ने के शुरुआती संकेतों का पता लगाने के लिए सभी हेल्थ फैसिलिटीज को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी की नियमित निगरानी,

​​इंटरनेशनल पैसेंजर्स के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की भी सलाह दी गई है। मेडिकल फैसिलिटीज के साथ-साथ सीवेज के सैंपल भी जांचने की सलाह दी गई है।

दिल्ली में वीकली केस में 170% का इजाफा

स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक, दिल्ली में 12 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में नए मामलों की संख्या 998 थी, जो 19 अप्रैल को बढ़कर 2,671 हो गई है। यहां कोविड पॉजिटिविटी रेट में भी 1.42% की बढ़ोतरी देखी गई है।

यह आंकड़ा पिछले हफ्ते 3.49% था। हरियाणा में 12 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में 521 नए मामले मिले थे, जो कि 19 अप्रैल तक से बढ़कर 1,299 हो गए।

पिछले हफ्ते पॉजिटिविटी रेट 1.22% से बढ़कर 2.86% हो गया है। वहीं, उत्तर प्रदेश में 12 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में नए मामलों की संख्या 217 थी, जो 19 अप्रैल तक बढ़कर 637 हो गई। यहां पॉजिटिविटी रेट पिछले हफ्ते 0.03% था, जो बढ़कर 0.09% हो गया है।

यूपी में बिना इजाजत नहीं निकाल सकेंगे धार्मिक यात्रा, साउंड को लेकर भी सीएम योगी ने दिए निर्देश, 4 मई तक पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द


Yogi adityanath

दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए धार्मिक जुलूस आदि को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। सूबे में अब बिना इजाजत के कोई जुलूस या धार्मिक यात्रा निकालने पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश जारी किए हैं।

कानून व्यवस्था पर समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रशासन को नए स्थानों पर माइक के इस्तेमाल की अनुमति नहीं देने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि सभी को अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार पूजा करने की स्वतंत्रता है। ईद और अक्षय तृतीया सहित आने वाले अन्य त्योहारों से पहले, सीएम योगी द्वारा जारी निर्देश में इस बात को सुनिश्चित करने को कहा गया है कि माइक की आवाज परिसर तक ही सीमित रहे और माइक की आवाज बाहर न जाए, जिससे दूसरे लोगों को परेशानी हो।

एक सरकारी विज्ञप्ति में सीएम आदित्यनाथ के हवाले से कहा गया है कि किसी भी नए स्थान पर माइक्रोफोन लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसमें कहा गया है कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस को और ज्यादा सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। एसएचओ से लेकर एडीजी तक अगले 24 घंटे में धर्मगुरुओं और समाज के अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों से अपने-अपने क्षेत्रों में बात करेंगे। साथ ही सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि सरकार द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

Tuesday, April 19, 2022

धार्मिक परिसर तक सीमित रहे माइक की आवाज, CM योगी ने लाउडस्पीकर विवाद पर दिए आदेश

देशभर में लाउडस्पीकर (Loudspeaker Row) और अजान (Azan On Loudspeaker) की आज को लेकर चल रहे विवाद (Loudspeaker Controversy) के बीच उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बड़ी पहल करते हुए उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर अहम गाइडलाइंस जारी की है। बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सभी लोगों को अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार अपनी उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है। इसके लिए माइक और साउंड सिस्टम का इस्तेमाल भी किया जा सकता है लेकिन ये सुनिश्चित किया जाए कि साउंड सिस्टम की आवाज उस धार्मिक परिसर से बाहर न जाए।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि माइक और साउंड सिस्टम की आवाज धार्मिक परिसर से बाहर नहीं जानी चाहिए। इसके आवला योगी सरकार ने बिना अनुमति धार्मिक जुलूस या शोभा यात्रा निकालने पर रोक लगाई है। माइक की आवाज धार्मिक परिसर तक ही रखनी होगी और किसी प्रकार का जुलूस और शोभा यात्रा निकालने से पहले परमिशन लेनी होगी।

बता दें कि योगी सरकार के आदेश में कहा गया है कि माइक की आवाज से अन्य लोगों को असुविधा नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही योगी सरकार ने आदेश में कहा है कि नए स्थलों पर माइक या साउंड सिस्टम लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही साउंड सिस्टम के इस्तेमान की अनुमति केवल इस शर्त पर दी जा सकती हिअ कि इससे दूसरे लोगों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। साथ ही सीएम योगी ने प्रदेश के सबहि पुलिस अधिकारीयों से इस गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करवाने का निर्देश दिया है।

पाकिस्तानी विधानसभा बना जंग का अखाड़ा, नेताओं के बीच हुई जमकर मारपीट


चलिए छोड़िए बाकी मसलों की चिंता…हिंदुस्तानी सियासत में चल रहे उथल-पुथल से तो आप वाकिफ होते ही रहते हैं, लेकिन आज हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में पाकिस्तानी विधानसभा कैसे जंग के अखाड़े में तब्दील हो गई। उसके बारे में बताएंगे। कैसे नेता एक-दूसरे को मरने मारने पर उतारू हो गए। वो भी बताएंगे और आपको यह जानकर हैरानी भी होगी कि कैसे विधायकों ने डिप्टी स्पीकर पर भी हमला करने से गुरेज नहीं किया। विधायकों के रवैयों से यह साफ जाहिर हो रहा है कि जनता ने उन्हें जनहित के मुद्दों को नहीं, बल्कि कुश्ती करने के वास्ते से विधानसभा में भेजा है।
जी हां… बिल्कुल….ऊपर जो भी पढ़ा आपने…बिल्कुल ठीक पढ़ा है। यह पूरा वाकया पाकिस्तानी पंजाब प्रांत का है, जहां विधायक एक-दूसरे को मरने मारने पर उतारू हो गए। दरअसल, पाकिस्तानी पंजाब के मुख्यमंत्री को लेकर विवाद जारी है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, पाकिस्तानी पंजाब प्रांत का मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहम्मद मजारी जब अपने दोस्त डिप्टी स्पीकर से मुखातिब होने पहुंचे थे, तभी पीटीआई सदस्यों ने उनके साथ मारपीट की। हालांकि, पहले विधानसभा में तैनात सुरक्षाबलों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने पहले मजारी के साथ अभद्र व्यवहार किया और इसके बाद मारपीट पर उतर आए। पाकिस्तानी विधानसभा सत्र सुबह 11:30 शुरू होना था, लेकिन इस मारपीट ने विधानसभा में अव्यवस्था का माहौल पैदा कर दिया जिसके चलते उसे स्थगित करना पड़ गया। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, पीटीआई सदस्यों ने अपनी अभद्रता की हदों को पार करते हुए डिप्टी स्पीकर के बाल तक खींचे। उनके लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग किया और उनके साथ मारपीट भी की।
हालात ऐसे बन गए थे कि वहां तैनात सुरक्षाकर्मी भी खुद को असहाय महसूस कर रहे थे। हालांकि, विधानसभा की भंग होती गरिमा के बाद सुरक्षाबल डिप्टी स्पीकर को बाहर ले आए। बता दें कि इस पूरे वाकये का वीडियो अभी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। ध्यान रहे कि अभी कुछ दिनों पहले कई दिनों तक चली राजनीतिक उथल-पुथल के बाद पाकिस्तान में नेतृत्व परिवर्तन हुआ है। बीते दिनों इमरान खान के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की वजह से उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। इमरान के बाद पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम की कुर्सी पर शहबाज शरीफ आसीन हुए हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि उनके कार्यकाल में भारत और पाकिस्तान के बीच जारी विवादित मसलों पर क्या कुछ फैसला लिया जाता है और किस तरह के रुख अपनाए जाते हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जिस तरह विधायकों ने अपनी अभद्रता की नुमाइश की है, उस पर आपका क्या कुछ कहना है

लाउडस्पीकर विवाद: दुबई से कुछ सीखने की जरुरत: प्रताप मिश्रा

मस्जिद के लाउडस्पीकर का मुद्दा आज कल पूरे देश में गर्माया हुआ है और इसे मुस्लिमों के विरोध के रूप में दर्शाया जा रहा है जबकि ऐसा नहीं है यह मुद्दा सिर्फ लाउडस्पीकर का है इसका नमाज या किसी धर्म के विरोध से कोई संबंध नहीं है। अजान की आवाज से बाकी लोगों को परेशानी होती है इसलिए इसकी आवाज कम करने की मांग हो रही है। मस्जिद के पास रहने वाले लोगों के लिए यह बहुत ही बुरा अनुभव रहा है उन्हें दिन में 5 बार नमाज के ध्वनि प्रदूषण से परेशान होना पड़ता है ऐसे में गर्भवती महिलाएं, परीक्षा देने वाले छात्र और बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी होती है।

वैसे इस मुद्दे को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि इसका समाधान सिर्फ इतना है कि लाउडस्पीकर को हटा दिया जाए या फिर आवाज कम कर दी जाए जिससे किसी और को परेशानी ना हो। 2017 लाउडस्पीकर को लेकर गायक सोनू निगम ने आवाज उठाई थी और प्रेस कांफ्रेंस कर यह कहा था कि वह स्टूडियो से रात 3 बजे तक घर आते है लेकिन अजान की वजह से उन्हें सुबह 5 बजे ही जगना पड़ता है। सोनू के इस बयान के बाद से उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया गया और उन्हें तमाम दिक्कतों के बाद अपना सिर तक मुंडवाना पड़ा था। 

महाराष्ट्र से लाउडस्पीकर का मुद्दा अब बाकी राज्यों तक भी पहुंच गया है और लोग पार्टी से ऊपर उठ हिन्दू के नाम पर राज ठाकरे का समर्थन कर रहे हैं। महाराष्ट्र के बाद यह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और बिहार तक पहुंच चुका है और लोग लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाना शुरू भी कर दिए हैं। राज ठाकरे के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि हिन्दू अब एक जुट हो रहा है और वह हिन्दू के लिए बयान देने वाले किसी भी नेता का स्वागत करने को तैयार है अन्यथा राज ठाकरे का इतिहास ऐसा रहा है कि वह उत्तर प्रदेश जाने की सोच भी नहीं सकते थे।

राजनीतिक दलों के साथ साथ तमाम हिंदू संगठन भी मस्जिद के लाउडस्पीकर की आवाज को हमेशा के लिए खत्म करना चाहते हैं। जबकि कुछ राजनीतिक दल इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं और मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर को बचाने का प्रयास भी कर रहें हैं। कांग्रेस, एनसीपी, सपा और शिवसेना सहित तमाम दल राज ठाकरे को बीजेपी का एजेंट बता रहे हैं हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है जब इन पार्टियों ने मुस्लिम समुदाय का खुला समर्थन किया है इससे पहले भी ऐसे बयान और कारनामें देखे गये हैं लेकिन इन सभी पार्टियों से सवाल यह है कि क्या किसी की नींद खराब कर के अल्लाह को याद करना कहां तक ठीक है?     

दुबई एक इस्लामिक देश है और वहां हर एक किमी पर एक मस्जिद है लेकिन वहां पर ध्वनि प्रदूषण नहीं होता है क्योंकि वहां मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर से अजान की आवाज नहीं आती है वजह है लाउडस्पीकर की आवाज बिल्कुल कम होती है क्योंकि भारत की मस्जिदों से आने वाली आवाज के जितना आवाज वहां होगी तो ध्वनि प्रदूषण का स्तर उच्चतम स्तर पर पहुंच जायेगा। दुबई में लाउडस्पीकर की आवाज ना होने से मरीज, छात्र और आम जनता को कोई परेशानी नहीं होती है। भारत के मुस्लिम धर्म गुरुओं को दुबई से सीख लेनी चाहिए क्योंकि कोई भी धर्म किसी दूसरे को परेशानी करने की इजाजत नहीं देता है। मुस्लिम समाज हजरत मुहम्मद को मानता तो जरुर है लेकिन राजनीतिक द्वेष की वजह से उनके दिखाए मार्ग पर नहीं चल पाता है।     

देश की सर्वोच्च अदालत ने भी ध्वनि प्रदूषण को लेकर गाइडलाइन जारी किया है लेकिन मुस्लिम समुदाय ने उसे नकार दिया और राजनीतिक लाभ की वजह से किसी भी नेता ने इसका पालन कराने की जहमत नहीं उठाई क्योंकि वोट बैंक सभी को प्यारा है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में ध्वनि की एक सीमा तय की और सभी से इसका पालन करने को कहा है लेकिन राज्य सरकार के दबाव की वजह से प्रशासन इस पर कार्रवाई नहीं कर पाता है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक- 

      क्षेत्र                                       दिन                           रात 

आवासीय क्षेत्र –                          55 डेसीबल           45 डेसीबल 

औद्योगिक क्षेत्र-                          75 डेसीबल           70 डेसीबल

व्यावसायिक क्षेत्र-                       65 डेसीबल           55 डेसीबल

Monday, April 18, 2022

मस्जिदों के लाउडस्पीकर चालू तो महाकाल मंदिर के माइक बंद क्यों…हिन्दू नामों से चल रहे होटलों पर भी उठाए सवाल – संतों ने जताया विरोध


महाकाल मंदिर की व्यवस्था सवाल खड़े करते हुए संत डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने कहा है कि महाकाल मंदिर जाने पर अजान की आवाज आती है, आरती व मंत्रों की मंगल ध्वनि सुनाई ही नहीं देती है। जब मंदिर के आसपास स्थित मस्जिदों के लाउडस्पीकर चालू हैं, तो मंदिर के माइक क्यों बंद हैं। इसी तरह आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज ने महाकाल मंदिर के बाहर मुस्लिम समाज के होटलों पर सवाल उठाए हैं।

दरअसल लाउडस्पीकर को लेकर देशभर में छिड़ी बहस के बाद उज्जैन के संत भी इसमें शामिल हुए हैं। संत डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने कहा है कि मस्जिदों की मीनारों पर आठ-आठ लाउडस्पीकर लगे हैं। इनके माध्यम से प्रतिदिन पांच बार अजान की आवाज आती है। इसके परिणाम स्वरूप आसपास के रहवासी क्षेत्र में हजारों विद्यार्थियों को पढ़ाई में व्यवधान होता है। बीमार व्यक्यिों को भी आराम करने में परेशानी होती है।

महाकाल मंदिर प्रशासन माइक व लाउडस्पीकर का संधारण तक नहीं करा पा रहा है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए, ताकि श्रद्धालु आरती व मंत्रोच्चार की ध्वनि सुनकर धर्मलाभ ले सकें। इसके चलते महाकाल मंदिर के नजदीक जाने पर भी अजान की आवाज तो आती है, लेकिन महाकाल की भस्मआरती की नहीं। इसलिए प्रशासन को चाहिए कि हिंदुओं के साथ इस प्रकार का भेदभाव न करे। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के शिखर के ऊपर चलने वाला तुरई लाउडस्पीकर पिछले कई साल से बंद हैं।

आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद महाराज ने भी इसका समर्थन किया है और दोनों संतों ने कहा कि महाकाल मंदिर के नजदीक जाने पर भी अजान की आवाज तो आती है, लेकिन महाकाल की भस्मआरती की नहीं। इसलिए महाकाल मंदिर के विकास पर हजारों करोड़ खर्च करने वाले प्रशासन को चाहिए कि हिंदुओं के साथ इस प्रकार का भेदभाव न करे। उन्होंने कहाकि तेज बजते लाउडस्पीकर से विद्यार्थी ही नहीं ह्रदय रोगी भी परेशान होते हैं।

आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद ने मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर के साथ महाकाल मंदिर के बाहर मुस्लिम समाज के होटलों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मंदिर के आसपास करीब 180 होटल ऐसे हैं जो मुस्लिम, हिन्दू नाम से चला रहे हैं। संतों ने शासन से निवेदन किया है कि नाम हिन्दी में करने के साथ मालिकों के नाम व नंबर स्पष्ट रूप से भी बोर्ड पर दर्शाए जाएं। संत ने चेतावनी दी है कि मांग नहीं मानी जाती तो हर हिंदू के घर लाउडस्पीकर फुल वॉल्यूम में बजेगा। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा है कि महाकालेश्वर मंदिर के बाहर आरती की जगह नमाज सुनाई पड़ती है। आरती की आवाज तो दबी रह जाती है, दिन में 5 बार मंदिर के आसपास करीब 2000 लाउडस्पीकर बजते हैं। इसकी वजह से साधु संत अपनी तपस्या पूर्ण नहीं कर पाते हैं।

Sunday, April 17, 2022

बसपा से निष्कासित होने के बाद नकुल दुबे ने मायावती पर बोला हमला, कहा- अच्छा हुआ मुझे कर दिया मुक्त


मायावतीविधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद बसपा सुप्रीमों मायावती काफी एक्टिव हैं. बसपा से निष्कासन के बाद रविवार को पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने मायवती पर पलटवार किया है. उन्‍होंने कहा कि मेरे और मेरे संपूर्ण समाज के साथ न्‍याय हुआ है. पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री दुबे ने कहा कि मैं उनके मायावती के प्रति आभार प्रकट करता हूं कि उन्‍होंने मुझे मुक्‍त कर दिया कि तुम सर्व समाज के साथ मिलकर जो एक अजीबोगरीब वातावरण उत्पन्न हो गया है और लगातार चल रहा है, उसको रोकने के लिए नई मुहिम चलाओ.

वहीं, दुबे से जब पूछा गया कि आपके निष्कासन की वजह क्या है और क्या वह हालिया चुनावी हार के बाद हुई समीक्षा बैठक में शामिल हुए थे, तो उन्होंने कहा कि मैं समीक्षा बैठक में नहीं गया था. मैं मायावती से मिला नहीं था और न ही मेरी उनसे कोई बातचीत हुई है. आरोप है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022  में गलत फीडबैक देने के चलते दुबे को बसपा से बाहर किया गया है.

मेरे व मेरे समाज के साथ हुआ न्‍याय

कारण बताओ नोटिस के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने कहा, ‘मुझे न्याय दिया गया है और इसे अन्याय न कहें, यह मेरे साथ ही नहीं संपूर्ण समाज के साथ न्‍याय हुआ है.’ जानकारी के मुताबिक शनिवार को पूर्व मंत्री दुबे को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बसपा से निष्‍कासित कर दिया गया. बसपा प्रमुख मायावती ने देर शाम ट्वीट कर कहा कि पूर्व मंत्री नकुल दुबे को पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण बसपा से निष्कासित किया जाता है.

बसपा में ब्राह्मण नेता के रूप में स्थापित रहे नकुल दुबे 2007 में मायावती के नेतृत्व की बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. यही नहीं, यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में नकुल दुबे को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की तैयारियों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इसके अलावा बसपा सरकार व पार्टी में उनकी गिनती बड़े ब्राह्मण चेहरे में होती थी. जबकि नकुल दुबे को बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र का करीबी माना जाता है. वैसे यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दुबे ने अभी अपने पत्‍ते सही तरीके से नहीं खोले हैं.

'जिस दिन भारत माता के बेटों का संयम डोलेगा, अरे तू क्या तेरा अब्बा भी भारत माता की जय बोलेगा'


'जिस दिन भारत माता के बेटों का संयम डोलेगा, अरे तू क्या तेरा अब्बा भी भारत माता की जय बोलेगा'

‘जिस दिन भारत माता के बेटों का संयम डोलेगा, अरे तू क्या तेरा अब्बा भी भारत माता की जय बोलेगा’, ये किसी फिल्म की पंक्तियां नहीं न ही किसी नेता का बयान है. बल्कि राजस्थान में हुए कवि सम्मेलन में मंच से बोली गई वो पंक्तियां हैं, जिनके बाद पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा. दरअसल, दौसा जिले के लालसोट उपखंड मुख्यालय पर जवाहरगंज पुरानी अनाज मंडी के प्रांगण में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात वीर रस के कवि विनीत चौहान ,गौरव चौहान एटा ने जहां राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कविताओं को प्रस्तुति देकर लोगों को राष्ट्रभक्ति के जज्बे से सरोबार कर दिया. 86 वर्षीय कवि पदम अलबेला ने बढ़ती कन्या भूण हत्या पर अपनी काव्य रचना के माध्यम से लोगों को झकझोर दिया. हास्य कवि प्रवीण कुमार मस्त ,डॉक्टर रंजन बरेली, सुनील व्यास ने हास्य कविताओं के माध्यम से लोगों को हंसा कर उनमें जन चेतना पैदा करने का भी काम किया. कल्पना शुक्ला ने श्रृंगार रस की कविताओं की प्रस्तुति देकर लोगों के मन को मोह लिया.

इस अवसर पर कवि सम्मेलन में यूपी, पंजाब के चुनाव के मुद्दे हावी रहे वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में राम राम मंदिर तथा मोदी योगी की जुगल जोड़ी की रचनाओं पर भी जोड़ रहा. यूपी में गुंडा तत्वों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी द्वारा चलाए जा रहे बुलडोजर अभियान पर भी कवियों ने बेबाक टिप्पणी करते हुए अपनी रचनाओं को पेश किया.

देश तथा समाज व्यवस्था में बढ़ती रावणमयी प्रवृत्ति पर कटाक्ष करते हुए प्रख्यात वीर रस के कवि विनीत चौहान ने कहा कि किस रावण का बाहें काटू, किस रावण का शीश उड़ाऊं, घर-घर लंका, पग पग रावण, इतने राम कहां से लाऊं. वीर रस के कवि गौरव चौहान ने भारत माता को नमन तथा जय नहीं बोलने वाले लोगों पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘यह सब की जीवन दाता है, यह नहीं किसी धर्म की, यह सवा अरब की माता है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत मां को केवल धरती का टुकड़ा कहते हैं, इतनी जिद्दी है कि भारत माता की जय नहीं बोल सकते, भारत माता का अपमान हरगिज़ नहीं होने देंगे, जिस दिन भारत माता के बेटों का संयम डोलेगा, अरे तू क्या तेरा अब्बा भी भारत माता की जय बोलेगा. इसके बाद पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा. वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि यह माना मुल्क में कुछ मजहबी शैतानी जिंदा हैं, दिलों में गजनबी के अरमान फिर से जिंदा हैं, कोई बाबर ना फिर से तोड़ पाएगा अयोध्या , अवध में श्री राम के हनुमान जिंदा हैं.

इसी तरह 86 वर्षीय पदम अलबेला ने बढ़ती कन्या भ्रूण हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए अपनी काव्य रचना में कहा कि जन्म से पहले बेटी को मत मारो देवदास तो होंगे मगर नहीं मिलेगी पारो. ऐसे मां-बाप को शर्म नहीं आती है यह सोच सोच कर तरस आता है अपनी नई पीढ़ी शादी को तरसेगी, दुल्हनिया क्या ऊपर से बरसेगी ?. इस काव्य रचना ने लोगों को झकझोर दियां. वही समाज व्यवस्था पर जमकर कटाक्ष किया इसी तरह डॉ रंजन ने अपनी काव्य रचना में कहा कि बड़े बड़े गुंडे बदमाश और मवेलियों की मौज भरी जिंदगी को खराब कर डाला, मोदी के बुलडोजर ने लोगों का जीना हराम कर डाला. प्रवीण कुमार मस्त अपनी हास्य कविता के माध्यम से समाज में पनप रहे प्रॉपर्टी दलालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि घर-घर प्रॉपर्टी के दलाल हो गए, 2% आपके हलाल हो गए, यह अपने बाप को प्लॉट दिलाने में उसकी दलाली खाएंगे, जमीन का भाव आसमान में हो गया, जेब नोटों से भर गया, मगर जेब के नीचे का दिल खाली है.

इस अवसर पर राष्ट्रीय संत मदन मोहन दास महाराज, रंगलाल मीणा मास्टर ,चेयरमैन रक्षा मिश्रा, पूर्व चेयरमैन दिनेश मिश्र, प्रेम प्रकाश चौधरी हरिनारायण माठा, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश कार्यालय मंत्री सुमन मीणा खुर्रा, डॉक्टर जय सिंह मीणा, डॉक्टर सुमन मीणा मंडावरी, सोनू बिनोरी, अशोक चौधरी ,धर्मेंद्र चोपड़ा, प्रेम प्रकाश शर्मा शिवाड़, रामचरण बौहरा, सहित सैकड़ों की तादाद में लोग मौजूद थे.

Saturday, April 16, 2022

पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने अफगान सीमा में घुसकर 'तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान' के आतंकी शिविरों पर बमबारी की


पाकिस्तान एयरफोर्स ने शुक्रवार की रात अफ़ग़ानिस्तान की सीमा में प्रवेश करके तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कथित ट्रेनिंग सेंटरों पर जमकर बमबारी की है।

Pakistani fighter jets entered the Afghan border and bombed 'Tehreek-e-Taliban Pakistan' terror camps | पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने अफगान सीमा में घुसकर 'तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान' के आतंकी शिविरों पर बमबारी की

 पाकिस्तान एयरफोर्स ने अफ़ग़ानिस्तान की सीमा में प्रवेश करके एक एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया है। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की रात अफगानिस्तानी सीमा में घुसकर पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कथित ट्रेनिंग सेंटरों पर बमबारी की है।

इस मामले में अफगानिस्तान के अपदस्थ उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने एक ट्वीट करके बताया है, "पाकिस्तानी वायुसेना के जेट विमानों ने अफगान क्षेत्र के अंदर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान "शिविरों" को निशाना बनाते हुए कई हमले किए। काबुल में मौजूद तालिबानी शासन ने अफगान के भीतर पहली बार किये गये पाकिस्तानी वायुसेना का हमले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है।

लेकिन जानकारी के मुताबिक पाक एयरपोर्ट के पाइटल प्लेन के भीषण बमबारी के बाद रात में तालिबान लड़ाकों ने भी गोलाबारी करके इस हमले का जवाब दिया है।

खबरों के अनुसार तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने अफगान मीडिया ने कहा है कि पाक लड़ाकू विमानों ने कुनार, पक्तिका, खोस्त और बाजौर बेल्ट के इलाकों में उसके शिविरों पर एक साथ कई हवाई हमले किए। सूत्रों के मुताबिक इस हवाई हमले में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कई आतंकियों के हताहत होने की खबरें भी आ रही हैं। 

अल्लाहु अकबर’ नारे के साथ हनुमान शोभा यात्रा पर भीड़ का हमला, दिल्ली में गोलीबारी और पत्थरबाजी: कई पुलिसकर्मी भी घायल


हनुमान जन्मोत्सव, जहाँगीरपुरी, दिल्ली दंगा

दिल्ली के जहाँगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव शोभा यात्रा पर हमला हुआ है। हमले में पुलिसकर्मियों तक को नहीं बख्शा गया। कई गाड़ियों में जम कर तोड़फोड़ की गई है। हनुमान जन्मोत्सव की शोभा यात्रा पर हमले के साथ शुरू हुई हिंसा की खबर पाकर जब पुलिस वहाँ पर पहुँची, तो पुलिस को भी नहीं छोड़ा गया। वहाँ अभी भी तनाव का माहौल बना हुआ है और अफरा-तफरी के कई वीडियोज भी सामने आए हैं। शोभा यात्रा पर पत्थरबाजी को लेकर फ़िलहाल पुलिस भी कुछ कहने से बच रही है।

दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने सब कुछ नियंत्रण में होने की बात कहते हुए बताया कि हिंसा को लेकर सख्त कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली में कई इलाकों में पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है। पत्थरबाजी के साथ-साथ तीन राउंड गोलियाँ चलाने की बात भी सामने आई है। फायरिंग में एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी और कई लोग घायल हुए। घायल पुलिसकर्मियों को बाबू जगजीवन राम अस्पताल ले जाया गया है। मॉडल संभालने के लिए जवानों की एक टुकड़ी और भेजी जा रही है। भीड़ को ‘अल्लाहु अकबर’ नारा लगाते हुए भी देखा गया।

छिटपुट आगजनी भी की गई है। शाम के साढ़े पाँच के करीब ये घटना हुई। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने कहा, “दिल्ली के जहाँगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव पर हुआ पथराव आतंकी हरकत है। बांग्लादेशी घुसपैठियों की बस्ती अब भारत के नागरिकों पर हमले करने की हिम्मत करने लगी है। इनके एक-एक के कागज चेक करके गैर-कानूनी घुसपैठियों को देश से निकालना अब जरूरी हो गया है।” जहाँगीरपुरी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में स्थित है।

जहाँगीरपुरी की घटना के बाद लोगों को फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की याद आ गई। वीडियोज में धुएँ के गुब्बार निकलते हुए देखा जा सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हालात की समीक्षा के निर्देश दे दिए हैं। दिल्ली के सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था को केंद्र का जिम्मा बताया। भीड़ को हथियार लहराते हुए भी देखा जा सकता है।

19 अप्रैल को शिवपाल यादव अपने पुत्र आदित्य यादव और हजारों समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता लेंगे।


19 अप्रैल को शिवपाल यादव अपने पुत्र आदित्य यादव और हजारों समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता लेंगे। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य शिवपाल सिंह यादव ने अपना अगला कदम तय कर लिया है। उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही समाजवादी पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहे शिवपाल सिंह यादव ने अपनी अलग पार्टी भी बना ली थी, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के सिंबल पर विधायक बनने वाले खांटी नेता अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे।

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद अब नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। शिवपाल सिंह यादव 19 अप्रैल को भाजपा की सदस्यता लेंगे। शिवपाल यादव अपने पुत्र आदित्य यादव और हजारों समर्थकों के साथ शिवपाल भाजपा की सदस्यता लेंगे।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश (जेपी) नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रभारी की मौजूदगी में शिवपाल सिंह यादव अपने बेटे आदित्य यादव तथा समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। शिवपाल सिंह यादव 19 अपैल को नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेंगे।

इससे पहले शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया की बैठक के अपनी सभी राज्य कार्य समितियों, राष्ट्रीय और राज्य कार्य प्रकोष्ठों और प्रवकतओं को भंग कर दिया है। उनके इस कदम को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आने के बाद से ही अपने भतीजे और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज बताए जा रहे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल यादव ने अब जंग का आगाज कर दिया है। शिवपाल यादव ने शुक्रवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी एवं राष्ट्रीय/ प्रादेशिक प्रकोष्ठों के कार्यकारिणी अध्यक्ष समेत संपूर्ण प्रवक्ता मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव बीते कई दिन से उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में काफी चर्चा का विषय हैं। राजनीतिक पंडित इन दिनों इटावा के जसवंतनगर से समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव के हर कदम को परखने में लगे हैं कि उनका रुख किस ओर है।

Friday, April 15, 2022

जंग के बीच पुतिन के रक्षा मंत्री को आया हार्ट अटैक, शक के आधार पर 20 जनरल अरेस्ट


शोइगु 2012 से पुतिन के करीबी सहयोगी रहे हैं. वह आक्रमण के शुरुआती दौर में मुख्य आधार थे, लेकिन हफ्तों से वह काफी हद तक गायब थे. (AP)

रूस करीब 2 महीने से यूक्रेन पर हमले (Russia-Ukraine War) कर रहा है. इस जंग में रूस को भी भारी नुकसान हुआ है. इस बीच खबर है कि रूसी रक्षा मंत्री को हार्ट अटैक आया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ( Sergei Shoigu)पिछले कुछ दिनों से दिखाई नहीं पड़े हैं. माना जा रहा है कि यूक्रेन में हो रहे नुकसान को लेकर व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और सर्गेई के बीच कुछ अनबन चल रही थी. इसके बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ गया.

रशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी-इजरायली कारोबारी लियोनिद नेवजलिन का दावा है कि रक्षा मंत्री और पुतिन के खास सर्गेई शोइगु (66 वर्षीय) को दिल का दौरा प्राकृतिक कारणों से नहीं पड़ा है. ऐसे में 20 जनरलों को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि शोइगु को यह दिल का दौरा कुछ गलत तरीकों यानी गड़बड़ी से हुआ था.

कई दिनों से नहीं हैं एक्टिव
शोइगु 2012 से पुतिन के करीबी सहयोगी रहे हैं. वह आक्रमण के शुरुआती दौर में मुख्य आधार थे, लेकिन हफ्तों से वह काफी हद तक गायब थे. कारोबारी लियोनिद नेवजलिन के इन दावों से हड़कंप मच गया है. अगर उनके दावे सही साबित होते हैं, तो यह अलग-थलग पड़े रूसी राष्ट्रपति और उनके करीबी सलाहकारों और सैन्य नेताओं के बीच एक बड़ी दरार की पुष्टि करेगा.

नेवज़लिन कभी रूस के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक थे, लेकिन 2003 में जब पुतिन और क्रेमलिन ने उनकी तेल कंपनी को जब्त करने का फैसला किया, तो वह देश छोड़कर चले गए. ऐसे में उनका यह दावा लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है.

जताई है हत्या की कोशिश की आशंका

नेवजलिन ने बताया, ‘शोइगु एक दशक तक पुतिन के दाहिने हाथ और रूसी सेना के नेता रहे हैं. यूक्रेन में युद्ध के शुरुआती हफ्तों में वह मुख्य आधार थे, लेकिन हाल ही में क्रेमलिन की नियमित ब्रीफिंग से वह गायब हो गए थे. बताया जा रहा है कि आक्रमण की धीमी प्रगति पर मार्च के अंत में पुतिन और शोइगु के बीच तनाव की स्थिति बन गई थी.’

नेवजलिन ने शोइगू के हार्ट अटैक पर संदेह जताते हुए कहा है कि यह प्राकृतिक कारणों से नहीं हो सकता था. उन्होंने इसे हत्या का विषय बताया है. शोइगू को कल आखिरी बार आर्कटिक के विकास के बारे में पुतिन और अन्य मंत्रियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में देखा गया था, लेकिन उन्होंने इसमें कोई बात नहीं की. ऐसे में ये भी चर्चा है कि यह वीडियो पहले से रिकॉर्डेड है और लोगों को भ्रमित करने के लिए इस फुटेज का इस्तेमाल किया जा रहा है.

Thursday, April 14, 2022

यूपी में एक और गुटखा कारोबारी पर छापा, मिला इतना अकूत खजाना कि नोट गिनने के लिए मंगानी पड़ी मशीन


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उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में गुटखा कारोबारी के ठिकाने से सीजीएसटी की कानपुर टीम की सोलह घंटे तक चली छापेमारी में साढ़े छह करोड़ रुपये का कैश टीम के हाथ लगा है। कैश को कब्जे में लेकर सरकार के खजाने में जमा कराए जाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। इतनी बड़ी धनराशि कारोबारी ने अपने आवास में किचिन और बेड के गद्दे में छिपाकर रखे थे। जिसे गिनने के लिए बैंक कर्मियों को तीन मशीनों की मदद लेनी पड़ी। 

सीजीएसटी की टीम को तलाशी के दौरान दस्तावेज और अन्य सामग्री भी मिली है। हमीरपुर जिले में दयाल गुटखा के निर्माता जगत गुप्ता के ठिकानों पर केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (CGST) विभाग की रेड में करोड़ों का कैश बरामद हुआ है। इसके साथ ही CGST टीम ने टैक्स चोरी का भी खुलासा किया है। CGST की रेड में 6 करोड़ 31 लाख से ज्यादा की कैश और बड़ी मात्रा में सोना बरामद किया गया है। 18 घंटे से ज्यादा चली इस कार्रवाई में करोड़ों के गोरखधंधे का भी खुलासा हुआ है।

पूरा मामला बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के सुमेरपुर कसबे का है जहां मंगलवार को सुबह 5 बजे सीजीएसटी की कानपुर की टीम के एक दर्जन अधिकारी गुटखा कारोबारी के आवास पहुंचे और टीम के सभी अधिकारियों ने आवास के मेन गेट खुलते ही छापेमारी शुरू कर दी। शुरू में कारोबारी के घर के लोगों ने मेन गेट खोलने से मना किया था लेकिन टीम ने कड़े तेवर के बाद आवास के दरवाजे और गेट खोले गये। सेंट्रल जीएसटी की इस टीम से कसबे सहित जिले में हडकंप मच गया। 

सुबह से चल रही इस कार्यवाई को कौन सी टीम अंजाम दे रही थी इस बात की किसी को जानकारी नहीं थी। कोई इस कार्यवाई को सीजीएसटी तो कोई इस ईडी की कार्यवाई बता रहा था। टीम के अधिकारीयों ने भी ये भनक नहीं लगने दी की वो किस विभाग से हैं। मीडिया के दबाव के बाद अधिकारीयों ने इस बात को स्वीकार किया की ये छापेमारी के सेंट्रल जीएसटी के द्वारा की जा रही है।

सीजीएसटी के डिप्टी कमिश्नर विजेन्द्र मीणा के नेतृत्व में टीम की छापेमारी मंगलवार की रात करीब 12 बजे तक चली जिसे लेकर पूरे कस्बे के कारोबारियों में हड़कंप मचा रहा। टीम ने गुटखा कारोबारी के आवास को खंगाला और तमाम गड़बड़ियां पकड़ी। सूत्र बताते हैं कि एसजीएसटी टीम ने पूरे घर को खंगालकर साढ़े छह करोड़ रुपये कब्जे में लिए हैं। यह कैश किचन व बेड के गद्दे और अन्य कमरों में बड़ी होशियारी से छिपाकर रखे गए थे। 

बताते है कि बरामद कैश में छोटे से लेकर बड़े नोटों का भारी अम्बार देख नोट गिनने वाले कर्मी भी दंग रह गए। सूत्रों के अनुसार टीम को इस बड़े गड़बड़ झाले का सुराग छत्तीसगढ़ के रायपुर में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम कर रहे भाई के यहां से लगा है।

सीजीएसटी टीम ने गुटखा कारोबारी के घर का कोना-कोना खंगाला जहां से देर शाम तक भारी मात्रा में कैश टीम के हाथ लगा। नोटों को गिनने के लिए अधिकारियों ने बैंक से मशीनें मंगवाई। हमीरपुर स्टेट बैंक की मेन शाखा से तीन बड़े कर्मचारी मशीन लेकर गुटखा कारोबारी के ठिकाने पहुंचे जहां बैंककर्मी देर रात तक बरामद कैश की गिनती करते रहे। 

कारोबारी के घर से साढ़े छह करोड़ 31 लाख रुपये मिले है। जिसे सीजीएसटी टीम ने कैश कब्जे में लेकर सरकार के खजाने में जमा कराए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। गुटखा के अवैध कारोबार से जगत गुप्ता कुछ ही सालों में धनकुबेर बन गया। 

आपको बता दें कि 11 साल पहले तत्कालीन डीएम जी. श्रीनिवास लू ने भी इस कारोबारी के यहां रेड डाली थी जिसमे सैकड़ों कुंतल सुपाड़ी और तम्बाकू पकड़ी गयी थी। इसके बाद भी कारोबारी अपने गुटखा का नेटवर्क बुन्देलखंड और आसपास के जिलों तक फैलाकर ये नम्बर वन बन गया। स्थानीय स्तर पर प्रशासन इस अवैध कारोबार पर कोई सवाल न कर इसे बढ़ावा देते रहा। शुरू में कारोबारी एक मशीन लगाकर ही व्यापार शुरू किया था लेकिन बाद में कई मशीनें लगाकर अब यह क्षेत्र में बड़ा कारोबारी बन गया।

सीजीएसटी टीम की जांच में सामने आया है कि गुटखा व्यवसायी अपना करोड़ों का गोरखधंधा दो नौकरों के नाम से चला रहा था। घर और फैक्ट्री से मिले कागजातों से टैक्स चोरी की भी पुष्टि भी हुई है। टीम जल्द ही व्यवसायी के खिलाफ टैक्स चोरी का मुकदमा भी दर्ज करा सकती है। गुटखा व्यापारी के घर की तलाशी के दौरान बैंक खातों, कारोबार से जुड़े दस्तावेज, लैपटाप कब्जे में लिए गए हैं। इन कागजादों के आधार पर CGST टीम को काफी गड़बड़ियां मिली है।

कश्मीर हमारा मुकुट इसे आतंकवाद मुक्त करना तथा पीओके वापस लेना अनिवार्य: प्रताप मिश्रा

1990 की घाटी की दहशतगर्दी के यादें ताजा होने के बाद सबसे बड़ी चुनौती यही है कि पूर्ण सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान के साथ कश्मीरी विस्थापितों को अपने घरों में भेजा जाए। जम्मू-कश्मीर में उनकी रक्षा के उपाय ऐसे करने होंगे कि परिंदा भी पर न मार सके। ऐसे समय में जब महसूस किया जा रहा है कि घाटी में जनजीवन सामान्य होने की ओर अग्रसर है, फिर से षड्यंत्र रचे जाने लगे हैं। हाल ही में कश्मीरी पंडित दुकानदार और कुछ गैर स्थानीय लोगों पर हुए आतंकी हमले को दहशत फैलाने की साजिश के तौर पर ही देखा जा रहा है। कुलगाम में बुधवार को सेब व्यापारी सतीश कुमार सिंह राजपूत की आतंकवादियों ने हत्या कर दी। कुलगाम और शोपियां के कुछ हिस्सों में ऐसे समुदाय रहते हैं जिन्हाेंने कभी भी पलायन नहीं किया है। सतीश कुमार सिंह भी ऐसे समुदाय से थे। ये लोग मुख्यतः सेब का व्यापार करते हैं। जब भी कश्मीर में जनजीवन पटरी पर लौटने लगता है, घाटी में मौजूद और सीमा पार बैठे आतंकवादियों की नींद हराम हो जाती है। इन दिनों घाटी में जन्नत के नजारे निहारने रिकार्श तोड़ सैलानी पहुंच रहे हैं। टयूलिप गार्डन खोल दिए गए हैं। टयूलिप के फूल लहरा रहे हैं। पिछले तीन माह में 3.4 लाख पर्यटक घाटी आ चुके हैं। अप्रैल के पहले 7 दिनों में ही 58 हजार पर्यटक आए। पर्यटकों की भीड़ ने सरकार को श्रीनगर एयरपोर्ट पर उड़ानों की संख्या बढ़ाने को मजबूर कर दिया है। सभी चार और  पांच सितारा होटल पूरी तरह बुक हो चुके हैं। इस वर्ष टयूलिप गार्डन के अलावा दूसरे बाग भी खोल दिए  गए हैं और पर्यटक इनकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। हाउस बोट भी पूरी तरह बुक हैं, कश्मीर पूरी तरह ​खिला-खिला नजर आ रहा है।

यद्यपि घाटी में आतंकी संगठनों का काफी हद तक सफाया हो चुका है, ​अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आतंकवाद की कमर टूट चुकी है। मगर बचे-खुचे आतंकवादी अब भी लोगों को निशाना बनाने में कामयाब हो जाते हैं। अब एक संगठन लश्कर-ए-इस्लाम ने धमकी दी है  कि वे कश्मीरी पंडितों को यहां बसने नहीं देंगे। हिन्दुओं को घाटी छोड़ने को कहा गया है। आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों को निशाना  बनाए जाने के साथ-साथ गैर कश्मीरी लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया। इससे पहले भी पंजाब और बिहार आदि राज्यों से वहां मजदूरी करने गए लोगों पर हमले किए गए थे। हमलों के पीछे उनका मकसद साफ है कि वे उन्हें घाटी से बाहर भगाना चाहते हैं। कुछ कश्मीरी पंडित परिवार जिन्होंने 1990 के आतंकवाद के दौरान भी पलायन नहीं किया  था और वहां रह कर अपना काम-धंधा किया, अब वे भी आतंकवादियों के निशाने पर हैं। कुछ माह पहले एक दवा ​विक्रेता कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी गई थी। लश्कर-ए-इस्लाम की धमकी से साफ है कि आतंकी संगठनों की मंशा काफी खतरनाक है।

कश्मीर एक ऐसा स्थाई सच है कि  भारत इसे अपना मुकुट मानता है और पाकिस्तान इसे सियासत का केन्द्र बिन्दू बना बैठा है। पाकिस्तान में हुकमरान तभी गद्दी पर रह सकता है जब वह कश्मीर मुद्दे पर भारत से घृणा दिखाए। पाकिस्तान की पूरी ​सियासत भारत से घृणा और विरोध पर केन्द्रित है। इमरान खान बड़े बेगैरत ढंग से सत्ता से बाहर हो चुके हैं। उनकी जगह पर आए शाहबाज शरीफ ने आते ही कश्मीर का राग अलापना शुरू कर दिया है। ऐसा करना शाहबाज की मजबूरी भी है क्योंकि ऐसा न करने पर सेना उन्हें एक दिन भी सत्ता में रहने नहीं देगी। द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर गर्मागर्म सियासत के बावजूद एक सकारात्मक घटनाक्रम सामने आया। कश्मीरी पंडित अपने साथ हुए अन्याय के बाद अपनी पहचान और  अपनी संस्कृति को कायम रखने के लिए जागरूक हुए हैं। 33 साल बाद श्रीनगर में कश्मीरी पंडितों के नववर्ष के पहले दिन नवरेह मिलन के लिए डल झील के किनारे देशभर से कश्मीरी पंडित वहां पहुंचे। श्रीनगर में हरि पर्वत पर स्थित शारिका देवी के मंदिर में पूजा-अर्चना की गई। इन कार्यक्रमों में स्थानीय मुसलमानों का सहयोग भी प्राप्त हुआ। कश्मीरी पंडितों  की गरिमापूर्ण वापसी की मांग भी जाेर पकड़ती जा रही है। कश्मीरी आतंकवादियों के खिलाफ  देशभर में एक माहौल बन रहा है। इससे आतंकवादियों में हताशा हो रही है और वे एक बार फिर साम्प्रदायिक संघर्ष की साजिशें रच रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह कश्मीरी पंडितों की वापसी का माहौल बना रहे हैं और सुरक्षा बल भी आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए हर समय तैयार हैं। हो सकता है कि पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए  घाटी में आतंकवाद को पोषित  करने के लिए कुछ नई रणनीति तैयार करें। सेना की उत्तरी कमान ने जम्मू-कश्मीर में फिलहाल सक्रिय आतंकवादियों की संख्या करीब 172 बताई है। इसमें विदेशी भाड़े के आतंकवादियों की संख्या 79 के करीब है। आतंकवादी संगठनों में शामिल युवाओं की संख्या तेजी से घट रही है। युवा अब राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। राज्य में परिसीमन की प्रक्रिया जारी है। यह प्रक्रिया पूरी होने पर राजनीतिक प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। ऐसे में आतंकवादी संगठन राज्य में अशांति फैलाने का काम कर सकते हैं।

पिछले दो वर्ष से कोरोना महामारी के चलते बाधित रही बाबा अमरनाथ यात्रा की तैयारियां भी चल रही हैं। ऐसी स्थिति में सुरक्षा बलों को अत्यधिक सतर्कता बरतनी होगी। पाक प्रायोजित आतंकवादी ‘जेहाद’ करते हैं, ये लोग हमें काफिर बताते हैं और स्वयं काे इस्लाम का पैरोकार बताते हैं। संगीनों की नोक से बेगुनाहों के जिस्म से खून बहाते हैं। कश्मीरी मुस्लिमों को इनकी साजिशो  को समझना होगा। कितना अच्छा हो यदि कश्मीरी मुस्लिम ही पंडितों की वापसी के लिए वातावरण तैयार करें।

अब समय आ गया है भारत सरकार पाकिस्तान से जब भी कोई वार्ता करे तो पी ओ के के लिए करे बाकी कश्मीर के विषय में कोई बात नहीं होनी चाहिए। भारत पाक से अब पी ओ के भारत को मिलने पर ही मित्रवत व्यवहार करें। अन्यथा मित्रता की कोई आवश्यकता नहीं है।

परम तत्व दर्शन