प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर होने वाले खर्च को लेकर एक आरटीआई दायर की गई थी। जिसका जवाब प्रधानमंत्री कार्यालय के सचिव बिनोद बिहारी सिंह ने दिया है। इसमें कुछ हैरान कर देने वाली जानकारियां भी सामने आई हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक नरेंद्र मोदी अपने खाने का खर्च खुद वहन करते हैं। इसके लिए भारत सरकार की ओर से एक रुपये भी नहीं आवंटित किया जाता है।
RTI के जवाब में आगे बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास (पीएम हाउस) की देखरेख केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा की जाती है। वहीं पीएम की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी के पास है, ऐसे में उनकी सभी गाड़ियों की देखरेख की जिम्मेदारी उसी के पास है। इसके अलावा आरटीआई में पीएम की सैलरी को लेकर भी जानकारी मांगी गई थी, लेकिन पीएमओ ने नियमों का हवाला देते हुए इसको बताने से इनकार कर दिया। हालांकि उनकी ओर से सिर्फ वेतनवृद्धि नियमानुसार किए जाने की जानकारी दी गई है।
जब संसद की कैंटीन में किया भुगतान
आपको बता दें कि 2 मार्च 2015 को पीएम मोदी अचानक संसद की कैंटीन में पहुंच गए थे। इसके बाद उन्होंने वहां पर सामान्य लोगों की तरह खाना खाया और फिर आरओ से पानी लेकर पीया। उस दौरान पीएम मोदी के खाने का बिल 29 रुपये आया था। जिसका भुगतान उन्होंने खुद किया। वहीं बाद में संसदीय कैंटीन में बड़े बदलाव हुआ, जिसके तहत वहां पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर दी गई। इससे सरकार को सालाना करोड़ों रुपये की बचत होती है।
'रेवड़ी कल्चर' पर उठाए थे सवाल
हाल ही में पीएम मोदी ने खुद 'रेवड़ी कल्चर' पर सवाल उठाए थे। जुलाई में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि 'रेवड़ी कल्चर' वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेसवे नहीं बनाएंगे, नए एयरपोर्ट या डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे। हमें मिलकर उनकी इस सोच को हराना होगा। वैसे पीएम ने किसी का नाम तो नहीं लिया था, लेकिन ये निशाना आम आदमी पार्टी पर माना गया, जो हर चुनावी घोषणा पत्र में मुफ्त बिजली-पानी की बात करती रहती है।