Monday, February 28, 2022
प्रयागराज में सपा की रैली में लगाए गए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे, 7 पर केस दर्ज
Sunday, February 27, 2022
मुस्लिमो के विकास में बाधक रही वोट बैंक बनने की तमन्ना: सीएम योगी
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि इन दलों की राजनीति का आधार जाति, पंथ और मजहब रहा है। इन दलों ने सामाजिक तानेबाने को छिन्नभिन्न कर सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया। समाजवादी पार्टी तो अलग एजेण्डा लेकर चलती थी, उसके एजेंडे में विकास, लोगों की सुख समृद्धि, लोक कल्याण, गरीब कल्याण, नौजवानों को रोजगार, किसानों का उत्थान और बेटियों की सुरक्षा नहीं थी। लेकिन 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश की राजनीति का एजेंडा बदल गया है। आज देश का एजेंडा गाँव, गरीब व किसान की खुशहाली,सुरक्षा, स्वावलंबन और रोजगार बनता है। मलिक मोहम्मद जायसी की एक रचना को उद्धृत करते मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे ईष्ट देव गोरक्षनाथ के परम अराधक जायसी की बात को काश आजादी के बाद भारत के प्रत्येक मुसलमान ने माना होता तो संभवतः वह न केवल संपन्न होता बल्कि किसी आरोप प्रत्यारोप से मुक्त भी रहता। उन्होंने कहा कि वोट बैंक बनने की मुसलमानों की तमन्ना उनकी प्रगति में बाधक रहा है। इस सच्चाई को स्वीकारना होगा, क्यों कि यही हम सबके विकास में बाधक रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बुधवार को अमेठी के तिलोई विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी मयंकेश्वर शरण सिंह के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि 2017 से पहले और बाद में प्रदेश में क्या क्या बदलाव हुए हैं यह किसी से छिपा नहीं है । 2017 में हमारी सरकार बनीं तो हमने पहला निर्णय 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ की कर्जमाफी की, बेटियों की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन और अवैध बूचड़खानों को बंद कर गो को कटने से बचाया।
उन्होंने कहा कि छुट्टा पशुओं से अन्नदाता किसान फसल को नुकसान भी नहीं होने देंगे । हमारी सरकार 10 मार्च के बड़े बड़े गो शाला बनाएगी और बेसहारा पशुओं को पालने वाले किसान को प्रतिमाह 900 से एक हजार रुपये देगी।
सपा-भाजपा सरकार की कार्यशैली में फर्क समझाते हुए सीएम योगी ने कहा कि 2012 में सत्ता में आयी सपा ने पहला निर्णय अयोध्या में श्रीराम मंदिर व संकटमोचन मंदिर पर हमला और लखनऊ में वाराणसी, कानपुर, बिजनौर और गोरखपुर में सीरियल बम ब्लास्ट करने वाले आतंवादियों के मुकदमे वापस लेने का लिया था, लेकिन न्यायालय को धन्यवाद देते हैं कि इनका षड्यंत्र सफल नहीं होने दिया।
सीएम योगी ने कहा कि सपा को समर्थन देना आतंकवाद को प्रोत्साहन, गुंडों, माफिया और पेशेवर अपराधियों को संरक्षण तथा आने वाली पीढ़ी को बर्बाद करने जैसा है। इसलिए रायबरेली में हमने सपा मुखिया से पूछा कि अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में फांसी की सजा पाये 38 आतंकवादियों में से एक सपा के प्रचारक का लड़का है । आतंकवादी का परिवार सपा प्रचारक है। इस पर सपा मुखिया स्पष्टीकरण दें । उन्होंने कहा कि सपा का हाथ आतंवादियों के साथ है । इसका नाम सपा है, काम तो दंगावादी या आतंकवादी है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मार्च के बाद हमारी सरकार आएगी तो 60 साल या उससे ऊपर की किसी माता-बहन को रोडवेज की बसों में टिकट नहीं लेना पड़ेगा, उन्हें फ्री में यात्रा की सुविधा रहेगी । किसानों के ट्यूबवेल के बिल जीरो करेंगे। उज्ज्वला योजना के हर लाभार्थी को दिवाली और होली मे फ्री रसोई गैस देंगे। मेधावी बेटियों को फ्री में स्कूटी और युवाओं को दो करोड़ टैबलेट और स्मार्ट फोन देंगे। इसके जरिये युवा आनलाइन परीक्षा की तैयारी और पढ़ाई कर सकेंगे और इसका खर्च भी सरकार उठाएगी। यही तो सपा, बसपा और कांग्रेस को चिढ़ है कि पैसा कहाँ से आ रहा है । उनकी सरकार में पैसे का टोटा होता था और घोटाले होते थे।
हमारी सरकार ने एक्सप्रेस वे, मेडिकल कॉलेज बना रही है। पांच सौ सालों के बाद अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर बन चुका है। मां विंध्यवासिनी के धाम के साथ ही मथुरा, वृंदावन और ब्रज क्षेत्र भी सजा रहा है । उत्तर प्रदेश आज देश की नंबर 2 की अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बन चुका है । नंबर 1 की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए भाजपा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सपा के राज में हर गांव में कब्रिस्तान की बाउंड्री बना। हमारी सरकार विकास के साथ ही तीर्थस्थलों का भी सुन्दरीकरण किया। यह फर्क साफ है । हमारे एक हाथ में विकास तो दूसरे हाथ से बुलडोजर चला है। यह बुलडोजर सड़क भी बनाता है और माफिया की अवैध कमाई के पैसे से खजाना भी भरता है।
अब कर्फ्यू नहीं, कांवर यात्रा निकलती है
मुख्यमंत्री योगी ने कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर सपा को घेरते हुए एक बार फिर दोहराया कि 2017 से पहले नौकरी निकलते ही सैफई खानदान, चाचा-भतीजा वसूली पर निकल जाता था। पुलिस की भर्ती पर कोर्ट का स्टे आ जाता था। हमने पांच साल में बिना भेदभाव के पांच लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी । सपा सरकार में दंगे होते थे, पर्व और त्योहार पर कर्फ्यू लग जाता था । आज कर्फ्यू के स्थान पर कांवड़ यात्रा निकलती है, बमबाजी करने वालों की जगह पर शिवभक्त निकलते हैं। माफिया और अपराधी गले में तख्ती डालकर जान बख्शने की गुहार लगा रहे हैं। गरीबों की जमीन पर कब्जा करने वाले आज कह रहे हैं कि सब्जी बेंचकर पेट पाल लेंगे लेकिन अपराध नही करेंगे।
पहले बिजली भी जाति, मजहब में बंटी थी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 से पहले बिजली का जाति और मजहब हुआ करता था। ईद और मोहर्रम पर बिजली आती थी लेकिन होली और दिवाली पर गायब रहती थी। हमारी सरकार ने बिना किसी भेदभाव के सबको पर्याप्त और निर्बाध बिजली दे रही है। कोरोना की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का कोरोना प्रबंधन बेहतरीन रहा है। फ्री में जांच, उपचार और फ्री में वैक्सीनेशन हो रहा है। सपा वैक्सीन को भाजपा और मोदी का वैक्सीन बताकर दुष्प्रचार करती थी ।
लेकिन यही सपा, बसपा और कांग्रेस होती तो वैक्सीन और इलाज पैसे भी ले लेतेलेते और वैक्सीन भी ब्लैक कर देते । उन्होंने कहा कि केन्द्र और प्रदेश की डबल इंजन की भाजपा सरकार बिना किसी भेदभाव के डबल डोज का राशन भी दे रही है । सपा होती तो उनके गुर्गे राशन खा जाते, दाल ब्लैक कर देते और तेल पी जाते । बसपा के हाथी का तो पेट ही इतना बड़ा है कि पूरे प्रदेश का राशन ही खा जाए ।
Saturday, February 26, 2022
जर्मनी की यूक्रेन को बड़ी मदद, 1000 एंटी टैंक हथियारों के साथ 500 जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भेजीं
रूस-यूक्रेन(Russia-Ukraine) युद्ध का कल तीसरा दिन था और फिलहाल इस जंग के थमने के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं। हालांकि दोनों ही देश इस संबंध में वार्ता के लिए तैयार होने का इशारा दे चुके हैं। लेकिन इस दिशा में अभी तक किसी भी तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
इस बीच जर्मनी की तरफ से यूक्रेन को बड़ी मदद पहुंचाई गई है। शनिवार को जर्मनी ने यूक्रेन को 1000 एंटी टैंक हथियारों के साथ 500 जमीन से हवा में मार करने वाली 'Stinger' मिसाइलें भेजीं हैं।
इससे पहले ग्रीस के प्रधानमंत्री क्यारीकोस मित्सोटाकिस ने भी शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को फोन पर पूरी मदद का आश्वासन दिया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक मित्सोटाकिस ने इस वार्ता के दौरान कहा, 'ग्रीस ने हमले के बाद रूस के खिलाफ सबसे कठोर यूरोपीय संघ प्रतिबंधों का समर्थन किया है और यूक्रेन को सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।
मित्सोटाकिस के कार्यालय के मुताबिक ग्रीस का स्वास्थ्य मंत्रालय यूक्रेन को दवाएं और चिकित्सा आपूर्ति भेज रहा है। इससे पहले ग्रीस के दूतावास के कर्मचारी और कीव में उसके राजदूत ने शुक्रवार को निजी वाहनों से यूक्रेनी राजधानी को छोड़ा दिया था।
वहीं, शुक्रवार को पोलैंड ने भी यूक्रेन को सैन्य मदद भेजी थी। पोलैंड के राष्ट्रपति मारिउज़ ब्लेस्ज़्ज़ाक ने इस संबंध में शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा- हम गोला-बारूद के साथ यूक्रेन को अपना काफिला सौंपते हैं, जो वहां पहुंच चुका है। हम यूक्रेनियन का समर्थन करते हैं, हम एकजुट होकर खड़े हैं और रूसी आक्रमण का दृढ़ता से विरोध करते हैं।
गौरतलब है कि रूस ने यूक्रेन पर गुरुवार को हमला बोला था और आज जंग का तीसरा दिन है। इन दिनों में तबाही की कई तस्वीरें सामने आई। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण में हजारों लोग मारे गए हैं। जबकि यूक्रेन ने दावा किया कि उसकी सेना ने 1,000 से अधिक रूसी सैनिकों को मार डाला। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके सैनिकों ने यूक्रेन में 211 सैन्य बुनियादी सुविधाओं को नष्ट कर दिया है।
राजा भैया की सपा मुखिया अखिलेश यादव को खुली चुनौती, बोले- कोई माई का लाल नहीं लगा सकता कुंडा में कुंडी।
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट पर तीन दशक से अपनी बादशाहत जमाने वाले निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को खुली चुनौती दे दी है। प्रतापगढ़ के कुंडा में 27 फरवरी को मतदान होना है।
कुंडा में शुक्रवार को प्रचार के अंतिम दिन एक सभा में राजा भैया के सब्र का बांध टूट गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बड़ी गलतफहमी में हैं कि वह सरकार बनाने जा रहे हैं। उनकी गलतफहमी 11 मार्च तक दूर हो जाएगी। इसके बाद उन्होंने अखिलेश यादव के कुंडा में कुंडी लगाने के बयान पर भी अपनी काफी तीखी प्रतिक्रिया दी।
रघुराज प्रताप सिंह ने कहा कि किसी भी मंच से हमने अभी तक किसी के खिलाफ भी अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया, लेकिन किसी में भी कोई बात को सहन करने की सीमा होती है। हम भी काफी दिन से सहन कर रहे थे, जब अखिलेश यादव ने प्रतापगढ़ की सभा में कहा था कि कुंडा में इस बार तो कुंडी लगवा देंगे। राजा भैया ने कहा कि कुंडा में रविवार को मतदान है और इसके परिणाम आने के बाद अखिलेश यादव को भी अहसास हो जाएगा। उनकी सारी गलतफहमी भी दूर हो जाएगी। राजा भैया ने इस दौरान कहा कि फिलहाल तो काई माई का लाल ऐसा नहीं है तो कि कुंडा में कुंडी लगा दे। कुंडा में कुंडी लगाने वाला कोई माई का लाल अभी तक तो पैदा नहीं हुआ है।
कुंडा विधानसभा के बिहार बाजार में शुक्रवार को चुनावी सभा में उन्होंने कहा कि कुंडा में कुंडी लगाने वाला अब तक इस धरती पर कोई माई का लाल नहीं पैदा हुआ है। कुंडा को कुंडी बना देने की बात करने वाले सपा सुप्रीमों को गलतफहमी है कि उनकी सरकार बनने जा रही है। वह मुगालते में ना रहें। ने तो उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार बनने जा रही है और ना ही वह बनने देंगे।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश ने गुरुवार को प्रतापगढ़ के कुंडा विधानसभा क्षेत्र के छेऊंगा व सदर के मंदाह में आयोजित जनसभा में राजा भैया का बिना नाम लिए जनता से कहा कि कुंडा में कुंडी लगा दो। उनके इस बयान के अगले ही दिन यानी शुक्रवार को पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने तगड़ा पलटवार किया। राजा भैया ने कहा कि हम तो अखिलेश यादव के इस बयान के बाद भी बहुत बर्दाश्त कर रहे थे, लेकिन बात सीमा के बाहर की है। अब तो उनको अपनी ताकत का अहसास कराना ही है। राजा भैया ने कहा कि अखिलेश यादव ने सोचा भी तो कुंडा में कुंडी लगाने के प्रयास उनकी सात पीढ़ी भी लगें तब भी कुंडा में ना तो कुंडी लगा पाएंगे और ना ही कुंडा को कुंडी बना पाएंगे। उनके बयान को वह वह बहुत दिन से बर्दाश्त कर रहे थे।
'पूरी दुनिया पर पुतिन का होगा राज, 2022 में खत्म हो जाएगी दुनिया' बाबा वेंगा ने रूस को लेकर की थी ये भविष्यवाणी!
Baba Vanga Prediction: यूक्रेन में रूस के लगातार हमले जारी हैं। अमेरिका और नाटो देशों की धमकियों की परवाह न करते रूस की सेना ने यूक्रेन के तमाम हिस्सों पर ताबड़तोड़ हमला बोला हुआ है। इस जंग में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दबंगई पूरी दुनिया देख रही है।
2022 में बदले हालात पर अब एक बार फिर बाबा वेंगा की भविष्यवाणी की चर्चाएं तेज हो गई हैं। बाबा वेंगा ने कहा था कि रूस भविष्य में दुनिया का बादशाह बनेगा और यूरोप बंजर भूमि के रूप में बदल जाएगी। बाबा वेंगा ने कहा था, ‘सब कुछ पिघल जाएगा, जैसे बर्फ हो। सिर्फ़ एक चीज को कोई हाथ भी नहीं लगा पाएगा- व्लादिमीर की शान, रूस की शान। कोई रूस को नहीं रोक पाएगा।’ बाबा वेंगा ने ये भी कहा था कि रूस सबको अपने रास्ते से हटा देगा और दुनिया पर राज करेगा।
कौन थे बाबा वेंगा?
बाबा वेंगा का असली नाम वेंगेलिया पांडेवा गुश्तेरोवा था। उनका जन्म 1911 में बुल्गारिया में हुआ था। जब वे 12 साल के थे तो एक भयंकर तूफ़ान की वजह से उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। काफी लोगों का मानना है कि इस इस तूफान ने उन्हें भले ही नेत्रहीन कर दिया लेकिन भविष्य देखने की खास शक्ति दे दी थी। 85 साल की उम्र में वर्ष 1996 में बाबा वेंगा की मौत हो गई थी।
2022 में दुनिया खत्म होने की भविष्यवाणी
बाबा वेंगा ने अपने जीवन में 5079 तक की कई भविष्यवाणियां की हैं, जिनमें काफी भविष्यवाणी सही साबित हुई। इनमें दुनिया के विभिन्न देशों पर टिड्डियों के आक्रमण, पीने के पानी की कमी, भूकंप सूनामी जैसी कई भविष्यवाणियां सत्य सिद्ध हुई हैं। उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की कि वर्ष 2022 में दुनिया खत्म हो जाएगी।
Friday, February 25, 2022
रूसी स्पेस एजेंसी के चीफ की धमकी, हमारे पास भारत पर 500 टन वज़नी स्पेस स्टेशन गिराने का ऑप्शन भी मौजूद
मॉस्को. रूस ने यूक्रेन (Ukraine War) में जंग छेड़ दी है. दो दिन से रूसी सैनिक और उसके मिसाइल और एयरक्राफ्ट यूक्रेन में तबाही मचा रहे हैं. इन सबके बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden ) ने रूस पर कड़े आर्थिक और व्यापारिक प्रतिबंध लगा दिए हैं. बाइडन ने कहा कि कुछ प्रतिबंध रूस के स्पेस एजेंसी के ऑपरेशन को सीमित कर देंगे. जिसके बाद रूस की स्पेस एजेंसी रॉसकोमोस (Roscomos) के चीफ (Dimitry Rogozin) दिमित्रि रोगोजिन ने पलटवार किया है. रोगोज़िन ने चेतावनी दी कि अगर वॉशिंगटन ने सहयोग करना बंद किया, तो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISIS) को अनियंत्रित डोरबिट से कौन बचाएगा?
रूस के स्पेस एजेंसी रॉसकोमोस (Roscomos) के चीफ (Dimitry Rogozin) दिमित्रि रोगोजिन ने अमेरिका के फैसले के बाद ट्वीट किया. उन्होंने लिखा-‘अगर आप (बाइडन) हमारे साथ सहयोग को रोकते हैं, तो आईएसएस को अनियंत्रित रूप से परिक्रमा करने और संयुक्त राज्य या यूरोप में गिरने से कौन बचाएगा?’ रोगोजिन ने एक ट्वीट थ्रेड में धमकी भरे लहजे में कहा- ‘रूस के पास भारत और चीन के लिए 500 टन के ढांचे को छोड़ने का विकल्प भी है.’
रोसकोसमोस के डायरेक्टर जनरल दिमित्रि रोगोजिन ने कहा, ‘आईएसएस रूस के ऊपर से नहीं उड़ता है, इसलिए सभी जोखिम आपके हवाले हैं. क्या आप उनके लिए तैयार हैं?’
दिमित्रि रोगोजिन ने कहा, ‘अगर अमेरिका ने रूसी अंतरिक्ष कार्यक्रम से प्रतिबंध नहीं हटाए तो रूस के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से रूस के हटने के लिए अमेरिका ही जिम्मेदार होगा. या तो हम साथ काम करें जिसके लिए अमेरिका को फौरन ही पाबंदियां हटानी होगी. या फिर हम साथ काम नहीं करेंगे और हम खुद का ही स्टेशन स्थापित करेंगे.’
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने US - NATO देशों को लताड़ा, कहा - युद्ध में अकेला छोड़ डरकर भाग गए , वो डरते होंगे हम नहीं...
रूस और यूक्रेन के बीच जारी गतिरोध में एक समय यूक्रेन के साथ खड़े नजर आ रहे अमेरिका - नाटो देशों के साथ ही अन्य देशों ने एकाएक उसके साथ युद्ध में उतरने से मना कर दिया है । इस पूरे घटनाक्रम और इन अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के नेताओं के आश्वासनों के बल पर रूस से टकराने के लिए उतरे यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने अब अमेरिका और NATO देशों पर निशाना साधा है । उन्होंने इन देशों पर तंज कसते हुए कहा कि रूस के साथ लड़ाई में इन देशों ने डर के मारे हमारा साथ ही नहीं दिया । इन देशों के नेताओं ने डर के मारे नाटो में यूक्रेन को शामिल नहीं किया । वो डरते होंगे, लेकिन हम नहीं डरेंगे । इस सबके बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी बयान सामने आया है । उन्होंने इस दौरान कहा कि हमने यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात की है और उन्हें आश्वासन दिया कि अमेरिका, यूक्रेन के लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए मानवीय राहत प्रदान करेगा ।
हम रूस को बता देंगे- हम डरते नहीं
वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा, 'मैंने 27 यूरोपीय नेताओं से पूछा कि क्या यूक्रेन को नाटो में होना चाहिए. वे सब डरे हुए हैं, लेकिन हम डरते नहीं हैं, हम रूस से बात करने से नहीं डरते । हम अपने राज्य के लिए सुरक्षा गारंटी के बारे में बात करने से नहीं डरते । हम तटस्थ स्थिति के बारे में बात करने से नहीं डरते।
बाइडेन बोले - नाटो देशों में घुसने की भूल न करे रूस
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फिर से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी । उन्होंने कहा कि अगर पुतिन उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) वाले देशों में घुसे, तो अमेरिका हस्तक्षेप करेगा । बाइडेन ने जोर देकर कहा कि अगर उनके रूसी समकक्ष को अभी नहीं रोका गया, तो उनका हौसला बढ़ेगा । बाइडेन ने कहा कि पुतिन से बात करने की उनकी कोई योजना नहीं है, लेकिन उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि अमेरिका, यूक्रेन के लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए मानवीय राहत प्रदान करेगा ।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बैठकों - आरोपों का दौर
- इस बीच ऑस्ट्रेलिया ने रूस पर और प्रतिबंध लगाए हैं । ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने रूस पर नए प्रतिबंधों का ऐलान किया और इसके साथ ही चीन पर भी निशाना साधा । उन्होंने कहा कि चीन, रूस पर व्यापारिक प्रतिबंध को कम कर रहा है ।
- इसी क्रम में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने को लेकर रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया के अपने समकक्षों से बृहस्पतिवार रात बात की ।
- यूक्रेन ने रूसी सैन्य हमले के बाद अपना हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है, जिसके बाद भारत रोमानिया, हंगरी, स्लोवाक गणराज्य और पोलैंड की थल सीमा के माध्यम से यूक्रेन से लगभग 16,000 भारतीयों को निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है ।
- इसी क्रम में यूक्रेन में तनावपूर्ण हालात को देखते हुए राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने 18-60 साल के सभी पुरुषों को देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है ।
- यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने की कवायद लगातार जारी है । पीएम मोदी ने CCS बैठक के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से करीब 20 मिनट तक फोन पर बात की । इस दौरान उन्होंने युद्ध रोकने की अपील और बातचीत से मामला हल करने के अलावा भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने पर भी चर्चा हुई । फिलहाल जान बचाने के लिए भारतीय छात्रों ने तहखानों और बॉम्ब शेल्टर्स में शरण ली हुई है ।
यूक्रेन में रूस ने अमरीका को फंसाया; चीन को भी उसकी औकात दिखाई
आज हम बात करने जा रहे हैं....रूस यूक्रेन युद्ध की... यूक्रेन पर रूस के हमले की खबर इन दिनों हर तरफ चर्चा में है
रूस और यूक्रेन के बीच क्या हो रहा है ये सब आप जानते ही हैं… पर आज हम जरा इनके पीछे छिपी रणनीति और इस झगड़े के नतीजे के बारे में कुछ हटकर बात कर लेते हैं… आज पूछा जा रहा है कि अगर अभी यूक्रेन NATO में शामिल होने के लिए साइन कर दे तो क्या अमरीका और नाटो फौजें वहां नहीं पहुंच सकेंगी…? लगता तो यही है कि आज यूक्रेन ऐसा करे तो अमरीका और नाटो फौजों को तुरंत रूसी सीमा पर जाने की छूट मिल जाएगी और यूक्रेन पर हर हमला नाटो पर हमला माना जाएगा…इसका जवाब भी भयंकर होगा… लोग इसको लेकर तरह तरह की चर्चाएं कर रहे हैं…बड़े बड़े सैन्य विशेषज्ञ अपनी राय दे रहे हैं कि रूस यहां पूरा युद्ध नहीं करेगा बल्कि सिर्फ छोटा सा मिलिट्री ऑपरेशन करेगा जैसा वह कह रहा है….पर एयरफोर्स और मिसाइल का इस्तेमाल करने के बाद अब युद्ध के लिए और क्या बचा है….इतना तो साफ है कि रूस ने पूरी तरह से सारे नतीजों का आंकलन करके ही यह युद्ध शुरू किया है…तो आप क्या कहेंगे …? क्या पुतिन की मति मारी गई है…? क्या पुतिन इतनी सी बात नहीं समझते कि यूक्रेन पर हमला करने के बाद दुनियां उस पर प्रतिबंध लगाएगी…यदि नाटो यूक्रेन की सदस्यता स्वीकार ले तो विश्व युद्ध की भी नौबत आ सकती है…रूस को भारी नुकसान हो सकता है…पुतिन को क्या यह नहीं पता है कि प्रतिबंध के कारण उसके गैस और तेल के कारोबार पर असर पड़ सकता है…उसके अपने जीडीपी का भी हाल बेहाल होगा…पुतिन क्या सिर्फ अपनी पसंद की सरकार वहां बिठाने के लिए यह सब कर रहे हैं..? और यह भी याद रखें कि रूस की पसंद की सरकार तो तभी बैठ पाएगी जब अमरीका या नाटो उसमें दखल न दे…यदि नाटो ने दखल दे दिया और रूस में जवाबी कार्रवाई की तो फिर क्या होगा…? फिर रूस की पसंद की सरकार यूक्रेन में नहीं बैठ पाएगी…और रूस को भारी नुकसान हो सकता है…ऐसे में परमाणु युद्ध का खतरा भी लगातार बना रहेगा और रूस ने इसकी धमकी भी पहले ही दे दी है…पिछले दिनों पुतिन के साथ ही दुनिया ने रूस के परमाणु हमले की क्षमता का अभ्यास भी देख लिया है…
तो सारी परिस्थितियां आज क्या कह रही हैं…क्या दुनियां विश्व युद्ध की दिशा में बढ़ेगी या फिर यूक्रेन रूस के कब्जे में जाएगा …संयुक्त राष्ट्र ने भी रूस को चेताया है और शांति बनाने कहा है…जिसका कोई असर नहीं हुआ है… परिस्थितियों का विश्लेषण करें तो अभी तक ऐसा ही लग रहा है कि बड़ा युद्ध कोई भी नहीं चाह रहा है…तो क्या अमरीका और नाटो के बाकी सहयोगी रूस को कोई जवाब नहीं देंगे…क्या वे यूक्रेन को अकेले छोड़ देंगे…यह बड़ा सवाल है….
अब जरा बात करते हैं कि प्रतिबंधों से लेकर नाटो के संभावित हमले तक रूस को सारी स्थिति का पता है फिर भी उसने यह कदम उठा लिया है…पुतिन ने चेतावनी भी दे दी है कि उनकी इस कार्रवाई के बीच कोई दखल देगा तो अंजाम बुरा होगा….और लगता तो यही है कि पुतिन ठीक तरह से जानते हैं अमरीका समेत कोई भी इसमें दखल देने की हिम्मत नहीं करेगा….कोई भी देश नहीं चाहेगा कि यूक्रेन की कीमत पर विश्व युद्ध शुरू किया जाए….तो फिलहाल यही दिख रहा है कि यूक्रेन में रूस अपनी पसंद की सरकार बिठा लेगा…
अब जरा इस बात पर भी ध्यान दीजिए कि रूस से गैस और तेल की आपूर्ति यूरोपीय देशों को होती है और कहा जाता है कि उनकी जरूरत का करीब आधा तेल और गैस रूस ही देता है…यानी इस पर प्रतिबंध लगाया तो रूस को जरूर कुछ आर्थिक हानि होगी पर यूरोप के देश मुश्किल में फंस जाएंगे ऐसे में वे कभी नहीं चाहेंगे कि रूस पर तेल गैस को लेकर कोई प्रतिबंध लगे…तो कुल मिलाकर यही दिख रहा है कि रूस को बड़ी हानि नहीं होगी…अब बात करते हैं कि रूस को इस हमले से बड़ा फायदा क्या होगा…तो आप देख ही रहे हैं कि शीतयुद्ध की समाप्ति और रूस के कई देशों में टूट जाने के बाद अमरीका ही पूरी दुनियां में चौधरी बने घूम रहा है…आरोप लगते हैं कि जब चाहे तब और जहां चाहे वहां अमरीका युद्ध को थोप देता है…देशों के भीतर वह पहले उपद्रव करवाता है और फिर उसको नियंत्रित करने के नाम पर हमला कर देता है इराक से लेकर अफगानिस्तान तक इसके उदाहरण हैं…
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आज पूरी दुनियां में हर तरफ अमरीका मुखिया की भूमिका निभा रहा है…इस बीच कुछ सालों में चीन ने उसे चुनौती देना शुरू कर दिया है और देखा जाए तो पिछले कुछ समय से अमरीका Versus चीन ही दिखाई दे रहा था…चीन लगातार अमरीका को चुनौती देने में जुटा था ऐसे में दुनियां में अगला चौधरी चीन ही बनता दिख रहा है… दुनियां को लग रहा था कि अमरीका के बाद अब नंबर दो पर चीन ही है…और रूस इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता है…रूस जो कभी दुनियां के एक खेमे का नेतृत्व करता रहा है वह कभी भी चीन को नेतृत्व का मौका नहीं देना चाहेगा….हां ये अलग बात है कि वह चीन को अमरीका से मुकाबले के लिए हथियार देता है…ये भी ध्यान रखना होगा कि यदि चीन ने ताइवान पर हमला करके अमरीका को पहले ही चुनौती दे दी होती तो रूस को मजबूरी मे उसका पिछलग्गू बनते हुए उसे समर्थन देना पड़ता…यानी चीन आगे होता और उसके पीछे रूस होता….पुतिन इसी स्थिति को बदलने के लिए बहुत दिनों से मौके की ताक में थे…उनको ऐसा कोई मौका मिल नहीं पा रहा था….अब जब यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने की इच्छा जताई तो उसे मौका मिल गया है नाटो और अमरीका को चुनौती देने का….पुतिन जानते हैं कि उसके यूक्रेन पर हमले के बाद नाटो की जवाबी कार्रवाई की संभावना लगभग नहीं के बराबर है…वह जानते हैं कि अमरीका बयान देने और छोटा मोटा प्रतिबंध लगाने के अलावा कुछ नहीं कर पाएगा…इसकी भरपाई रूस कुछ ही सालों में कर लेगा पर अमरीका की चौधराहट हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी और अब दुनियां को रूस और अमरीका दोनों को समान रूप से सम्मान देना होगा….इसमें बहुत कम लेकिन एक आशंका ये बनी हुई है कि नाटो के साथ युद्ध भी रूस का हो सकता है…तो पुतिन इतना रिस्क तो उठाएंगे ही…बिना रिस्क लिए आप आगे नहीं बढ़ सकते…और यह रिस्क दुनियां के एक धड़े में रूस की नेतागिरी को हमेशा के लिए खत्म करने की तुलना में छोटा ही है…नाटो अगर युद्ध में उतरता भी है तो वह बहुत छोटा युद्ध ही होगा…ऐसा होने पर रूस और मजबूत दिखेगा और अमरीका ऐसा नहीं चाहेगा…यूरोप के देश भी अमरीका पर युद्ध से दूर रहने के लिए दबाव डालेंगे…तो कुल मिलाकर ये कह सकते हैं कि अब तक चीन… अमरीका को सिर्फ आंख दिखाकर नेता बनना चाहता था लेकिन रूस ने यूक्रेन पर हमला करके और अमरीका को सीधी चुनौती देकर चीन को उसकी औकात दिखा दी है….
बातें और भी बहुत सारी हैं जो रूस यूक्रेन जंग के नतीजों पर हो सकती हैं लेकिन अभी इतनी ही बात करते हैं…तो अब तैयार हो जाएं फिर से शीत युद्ध वाले दौर में लौटने और दो धुरी वाले विश्व के उतार चढ़ाव को झेलने के लिए….और हां इसके बाद कुछ और देश भी इस तरह की हरकत करेंगे उसके लिए भी तैयार रहें…
मुसलमानों से वोटिंग अधिकार छीने सरकार, बिहार में BJP विधायक हरि भूषण ठाकुर की मांग, बताया मानवता का दुश्मन
बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक हरि भूषण ठाकुर (Haribhushan thakur) ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि मुसलमानों से वोटिंग का अधिकार छीन लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को 1947 में दूसरा देश मिल चुका है, वहीं (पाकिस्तान) चले जाएं। ठाकुर ने कहा कि यहां रहेंगे तो दूसरे दर्जे के का नागरिक बनकर रहना होगा। बीजेपी विधायक ने मुसलमानों को मानवता का दुश्मन तक बता डाला और कहा कि वह पूरी दुनिया को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं। भूषण ने यह बयान बजट सत्र से ठीक एक दिन पहले दिया, ऐसे में विधानसभा में इस पर हंगामा हो सकता है।
विधानसभा परिसर में गुरुवार को पत्रकारों ने ठाकुर से एआईएमआईएम विधायकों की ओर से जनसंख्या के आधार पर भागीदारी की मांग को लेकर सवाल किया तो विधायक ने कहा, ”मेरा कहना है कि 1947 में देश का विभाजन हुआ, धर्म के नाम पर। उन्हें दूसरा देश मिल गया, दूसरे देश में चले जाएं। अगर यहां रह रहे हैं तो मैं सरकार से मांग करता हूं कि उनके वोटिंग राइट को खत्म कर दिया जाए। वह दूसरे स्तर के नागरिक बनकर भारत में रह सकते हैं।”
ठाकुर ने आगे कहा, ”बिल्कुल अजेंडा है, आईएसआई का अजेंडा है, इस्लामिक स्टेट बनाने का अजेंडा है, अफगानिस्तान में क्या कर रहे हैं, पाकिस्तान को देखिए, ये मानवता के दुश्मन है। वोटिंग राइट जरूर छीन लिया जाए। वे अल्पसंख्ययक नहीं हैं। यह शब्द भारत के संविधान के साथ मजाक है, क्योंकि प्रस्तावना में लिखा है कि हम भारत के लोग, फिर अल्पसंख्यक कौन, बहुसंख्यक कौन।”
एआईएमआईएम विधायकों की ओर से राष्ट्र गीत का विरोध किए जाने को लेकर उन्होंने कहा, ”जो नहीं गाएंगे, यह विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को कोई नहीं मानता है तो उनकी सदस्यता को रद्द कर देना चाहिए। राष्ट्रगीत में क्या है, जल की वंदना है, भूमि की वंदना है, वृक्ष की वंदना है, पुष्प की वंदना है, यदि यह नहीं करेंगे तो पानी नहीं पिएं। उन लोगों का अजेंडा है। हमारा देश है तो हम अपना अजेंडा नहीं चलाएंगे। उनको तो देश दे दिया गया है। उनका अजेंडा है संपूर्ण विश्व को इस्लामिक स्टेट बनाना।”
बिहार बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल का कहना है मुसलमानों से वोटिंग अधिकार वापस ले लेना चाहिए,उनको अलग देश 1947 में मिल चुका है।
गैर जिम्मेदाराना बयान: यूक्रेन पर हमले के बीच रूस पहुंचे पीएम इमरान के बेहूदा मजाक पर दुनिया ने की आलोचना
रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष दोनों देशों से शांति की अपील कर रहे हैं. भारत भी इस विनाशकारी युद्ध को लेकर चिंतित है. लेकिन पाकिस्तान को रूस और यूक्रेन के बीच जंग में मजा आ रहा है. रूस की सरकारी यात्रा करने के लिए इस समय इमरान खान के लिए न तो सही हालात थे न दस्तूर.इमरान गुरुवार को ऐसे समय रूस पहुंचे जब रूसी सेनाओं ने यूक्रेन पर जंग की शुरुआत की. सबसे बड़ी बात यह रही जैसे ही इमरान खान मॉस्को हवाई अड्डे पर उतरे उन्होंने बेहूदा बयान दिया. जिसकी पूरी दुनिया भर में आलोचना हो रही है.
इसके साथ इमरान खान का असली चेहरा फिर बेनकाब हो गया. बता दें कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वहां मौत का मंजर छाया हुआ है. दूसरी तरफ, इस दौरान मॉस्को पहुंचकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐसा बयान दिया है, जिसके चलते वे आलोचना का शिकार हो गए हैं.
इमरान ने एयरपोर्ट पर अपना स्वागत करने वाले रूसी डेलीगेशन से कहा- वाह क्या समय है, जब मैं यहां पहुंचा हूं. मैं बेहद रोमांचित हूं.
बता दें कि पाकिस्तान की ओर से कोई प्रधानमंत्री करीब 23 साल बाद रूस की यात्रा पर हैं. उधर अमेरिका ने इमरान के इस दो दिन के मॉस्को दौरे पर तीखा रिएक्शन दिया है. अमेरिका ने कहा है कि यूक्रेन में रूस की कार्रवाई पर सवाल उठाना हर जिम्मेदार देश की जिम्मेदारी है.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन की स्थिति पर पाकिस्तान को अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है.
बता दें कि इमरान खान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच गुरुवार को मुलाकात हुई. दोनों नेताओं के बीच ऊर्जा सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई. दोनों देश इस्लामोफोबिया और तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान की स्थिति सहित प्रमुख क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी बात की इमरान के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी मॉस्को पहुंचा है.
इसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, सूचना मंत्री फवाद चौधरी, योजना एवं विकास मंत्री असद उमर, वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. मोईद यूसुफ शामिल हैं. सही मायने में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को एसएम माहौल में रूस की यात्रा स्थगित कर देनी चाहिए थी.
बल्कि प्रयास करने चाहिए इस विनाशकारी युद्ध को रोकने की पहल भी करनी चाहिए. लेकिन पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो कि नहीं चाहता दुनिया शांति के मार्ग पर रहे. क्योंकि भारत का है यह पड़ोसी देश खुद ही आतंकवाद का समर्थक रहा है.
आपको बता दें गुरुवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर करीब 30 मिनट बात की. इस दौरान पीएम मोदी ने पुतिन से इस युद्ध को शांतिपूर्ण समाधान करने का आह्वान भी किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में रह रहे 18,000 भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की.
Tuesday, February 22, 2022
पुरोहित कल्याण बोर्ड बनेगा, संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को मिलेगी विशेष छात्रवृत्ति: योगी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) में तीन चरण के मतदान हो चुके हैं. सभी पार्टियों ने चौथे चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अपनी पूरी ताकत झोंक दी. इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने रायबरेली में जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने ऐलान किया कि चुनावी नतीजों के आने के बाद बीजेपी सरकार पुरोहित कल्याण बोर्ड (Priest Welfare Board) का गठन करेगी. उन्होंने मंच से ऐलान किया कि संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को विशेष छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये छात्र आगे चलकर राष्ट्र और समाज निर्माण में अपना योगदान देंगे.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंच से कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. बता दें कि रायबरेली और अमेठी को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. लेकिन पिछले कुछ समय से बीजेपी ने दोनों जिलों में अपनी बेहद मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. मंच से सीएम योगी ने कहा कि बीजेपी सरकार समाज को मजबूत करने में लगी है. उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को भारत देश की संस्कृति से कोई लेना देना नहीं. वो एक्सीडेंटल हिंदू (Accidental Hindu) हैं. जबकि हमें हिंदू होने पर गर्व है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के समय गायब रहे विपक्षी दलों के नेताओं पर भी जोरदार हमला किया।
अदिति सिंह ने बोला प्रियंका गांधी और कांग्रेस पर हमला
इस दौरान रायबरेली से कांग्रेस विधायक और अब बीजेपी में शामिल हो चुकी अदिति सिंह (MLA Aditi Singh) ने कांग्रेस और प्रियंका गांधी पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पंजाब में रोजगार की बात करती है और वादे करते हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है, लेकिन वहां प्रियंका गांधी की मौजूदगी में कांग्रेसी नेता यूपी-बिहार के लोगों को गालियां देते हैं और वो ताली बजाती हैं. और यहां यूपी में वो उम्मीद करती हैं कि उन्हें यहां के लोग समर्थन देंगे? उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि प्रियंका जी आप किस दुनिया में रहती हैं?
Sunday, February 20, 2022
पुतिन का आपरेशन Z, यूक्रेन सीमा की ओर बढ़े रूसी टैंक, विद्रोहियों और सेना में संघर्ष तेज, लोगों का सुरक्षित इलाकों की ओर पलायन
पूर्वी यूक्रेन में यूक्रेनी सेना और रूस समर्थित विद्रोहियों के बीच छिड़ा संघर्ष रविवार को और तेज हो गया। बढ़ते तनाव को देखते हुए इलाकों से महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों का रूस के सुरक्षित इलाकों में जाना जारी है।

हमारी संस्कृति में जरूरतमंदों की सेवा करना सर्वोच्च प्राथमिकता : राष्ट्रपति कोविंद
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि देशभर में विभिन्न धार्मिक परंपराएं और प्रथाएं प्रचलित हैं, लेकिन केवल एक ही मान्यता है और वह है पूरी मानवता को एक परिवार मानकर सभी के कल्याण के लिए काम करना। राष्ट्रपति कोविंद ओडिशा के पुरी में गौड़ीय मठ और मिशन के संस्थापक श्रीमद् भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद की 150वीं जयंती के तीन साल लंबे समारोह के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, भगवान अपने सभी रूपों में पूजे जाते हैं। लेकिन भक्ति-भाव के साथ भगवान की पूजा करने की परंपरा भारत में महत्वपूर्ण रही है। यहां कई महान संतों ने निस्वार्थ पूजा की है। ऐसे महान संतों में श्री चैतन्य महाप्रभु का भी विशेष स्थान है। उनकी असाधारण भक्ति से प्रेरित होकर बड़ी संख्या में लोगों ने भक्ति मार्ग को चुना। हमें वृक्ष से भी अधिक सहिष्णु होना चाहिए, अहंकार की भावना से रहित होना चाहिए और दूसरों को सम्मान देना चाहिए। मनुष्य को सदैव ईश्वर का स्मरण करते रहना चाहिए। राष्ट्रपति ने जिक्र किया कि भक्ति-मार्ग की ईश्वर के प्रति पूर्णभक्ति की विशेषता न केवल जीवन के आध्यात्मिक पक्ष में, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के दैनिक जीवन में भी देखी जाती है। राष्ट्रपति ने कहा, हमारी संस्कृति में जरूरतमंदों की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। हमारे डॉक्टरों, नर्सो और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने कोविड महामारी के दौरान सेवा की भावना का प्रदर्शन किया। वे भी कोरोनावायरस से संक्रमित थे, लेकिन ऐसी विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने हार नहीं मानी। साहस के साथ लोगों के इलाज में लगे हुए थे। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि कई कोरोना योद्धाओं ने अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन उनके सहकर्मियों का समर्पण अटूट रहा। पूरा देश ऐसे योद्धाओं का हमेशा ऋणी रहेगा। कोविंद ने ने विश्वास व्यक्त किया कि गौड़ीय मिशन मानव कल्याण के अपने उद्देश्य को सर्वोपरि रखते हुए श्री चैतन्य महाप्रभु के संदेश को दुनिया में फैलाने के अपने संकल्प में सफल होगा।
यूक्रेन संकट के बीच अब पगलाया ड्रैगन, चीन ने ऑस्ट्रेलियन एयरक्राफ्ट पर किया लेजर हथियार से हमला
यूक्रेन और रूस के बीच एक तरफ तनाव बना हुआ है और आशंका है कि किसी भी वक्त रूस हमला कर सकता है और अगर रूस हमला करता है, तो फिर तीसरे विश्वयुद्ध की बात भी कही जा रही है, लेकिन दूसरी तरफ चीन ने ऑस्ट्रेलियन एयरक्राफ्ट पर लेजर हथियार से हमला कर दिया है, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच भारी तनाव पैदा हो गया है।
ऑस्ट्रेलिया एयरक्राफ्ट पर हमला
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा विभाग ने कहा कि, चीनी नौसेना के एक वारक्राफ्ट ने उसके सर्विलांस प्लेन पर लेजर हथियार से हमला किया है, जिसमें उसके चालक दल के सदस्यों की जान पर बन आई थी। ऑस्ट्रेलियन रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि, चीन के लेजर हमले में उसके सर्विलांस जहाज पर तैनात चालक दल के सदस्यों की जान खतरे में पड़ गई थी और वो बाल बाल बचे हैं। रक्षा विभाग के मुताबिक, यह घटना गुरुवार को हुई है, जब ऑस्ट्रेलिया के पी-8ए पोसीडॉन सर्विलांस विमान पर चीन के वारक्राफ्ट से लेजर हथियार से हमला किया गया।
आक्रामक होता जा रहा चीन
आपको बता दें कि, चीनी वारक्राफ्ट का ऑस्ट्रेलियन सर्विलांस प्लेन पर लेजर हथियार से हमला करना कोई असामान्य घटना नहीं है और इस घटना के बाद ये साबित भी हो रहा है कि, पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में चीन अब कितना आक्रामक होता जा रहा है और अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ चीन का तनाव किस हद तक बढ़ चुका है। ऑस्ट्रेलियन रक्षा विभाग की तरफ से कहा गया है कि, लेजर हथियार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की तरफ से ही छोड़ा गया था।
टोरेस जलडमरूमध्य की घटना
ऑस्ट्रेलियन डिफेंस डिपार्टमेंट ने कहा है कि, दो चीनी जहाज, जो टोरेस जलडमरूमध्य से होकर गुजर रहे थे, उन्होंने ऑस्ट्रेलियन सर्विलांस प्लेन पर लेजर हथियार से हमला किया था और दोनों चीनी वारक्राफ्ट इस वक्त कोरल सागर में मौजूद हैं। रक्षा विभाग ने चीन की इस हरकत को काफी गंभीर बताया है। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से कहा गया है कि, 'हम एक अनप्रोफेशनल और असुरक्षित सैन्य कार्रवाई की कड़ी निंदा करते है। इन कार्रवाइयों से एडीएफ कर्मियों की सुरक्षा और जीवन को खतरा हो सकता था।' आपको बता दें कि, लेजर हथियार काफी गंभीर समस्या पैदा कर सकता है, क्योंकि जब लेजर हथियार से विमान को निशाना बनाया जाता है, तो वो पायलट को अस्थाई तौर पर अंधा कर देते हैं और ऐसे में विमान हादसा होने की गंभीर आशंका बन जाती है।
अमेरिका पर भी किया था हमला
आपको बता दें कि, ये कोई पहला मौका नहीं है, जब चीन ने किसी प्लेन पर लेजर हथियार से हमला किया है। इससे दो साल पहले अमेरिका ने भी चीनी नौसेना पर लेजर फायरिंग करने का आरोप लगाया था, जब अमेरिकी पोसीडॉन विमानों ने प्रशांत क्षेत्र के ऊपर उड़ान भरी थी। चीन ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद विमान ने अपने युद्धपोत के ऊपर कम ऊंचाई पर चक्कर लगाया। वहीं, 2019 में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के हेलीकॉप्टर पायलटों को दक्षिण चीन सागर में एक अभ्यास के दौरान लेजर हथियार से हमला किया गया था। जिससे बाद उन्हें इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी।
ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन का दावा- रूस 1945 के बाद यूरोप में सबसे बड़े युद्ध की बना रहा है योजना
रूस यूरोप में 1945 के बाद 'सबसे बड़े युद्ध' की योजना बना रहा है: बोरिस जॉनसनबोरिस जॉनसन ने कहा- रूस एक ऐसा आक्रमण शुरू करना चाहता है जिससे यूक्रेनी की राजधानी कीव को घेरा जा सके।दूसरी ओर म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस से बातचीत का प्रस्ताव दिया है।
लंदन: यूक्रेन मामले को लेकर दुनिया भर में जारी चिंता के बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि सबूत ये बता रहे हैं कि रूस यूरोप में 1945 के बाद 'सबसे बड़े युद्ध' की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि सभी संकेत बताते हैं कि इस योजना की शुरुआत की जा चुकी है।
बीबीसी को दिए इंटरव्यू में बोरिस जॉनसन ने कहा कि इंटेलिजेंस की रिपोर्ट बता रही है कि रूस एक ऐसा आक्रमण शुरू करना चाह रहा जिससे यूक्रेनी की राजधानी कीव को घेरा जा सके। उन्होंने कहा, 'लोगों को इससे मानव जीवन को होने वाले नुकसान को समझने की जरूरत है।'
बोरिस जॉनसन ने म्यूनिख में ये बातें कही, जहां विश्व के नेता एक वार्षिक सुरक्षा सम्मेलन की बैठक कर रहे हैं।
अमेरिकी सरकार के ताजा अनुमानों के अनुसार 169,000 से 190,000 के बीच रूसी सैनिक अब यूक्रेन की सीमा पर मौजूद हैं। ये सैनिक रूस और पड़ोसी बेलारूस दोनों देशों से सटे यूक्रेन की सीमा पर तैनात हैं। सैनिकों की इस लाखों की संख्या में पूर्वी यूक्रेन के विद्रोही भी शामिल हैं।
रूस के कभी भी यूक्रेन पर हमला करने की आशंका!
पश्चिमी अधिकारियों ने हाल के हफ्तों में चेतावनी दी है कि रूस किसी भी समय आक्रमण करने की तैयारी कर सकता है। हालांकि रूस की ओर से दावों का खंडन करते हुए कहा गया है कि सैनिक इस क्षेत्र में सैन्य अभ्यास कर रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या रूसी आक्रमण को निश्चित माना जा सकता है, जॉनसन ने कहा, 'मुझे डर है कि सबूत इस बात का ही इशारा कर रहे हैं और इसे खारिज नहीं किया जा सकता है। तथ्य यह है कि सभी संकेत बता रहे हैं कि योजना पहले ही कुछ अर्थों में शुरू की जा चुकी है।'
यूक्रेन का रूस को बातचीत का प्रस्ताव
दूसरी ओर यूक्रेन-रूस तनाव के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शनिवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बैठक करके संकट का हल निकालने का प्रस्ताव दिया।
जेलेंस्की ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में कहा, 'मैं नहीं जानता कि रूस के राष्ट्रपति क्या चाहते हैं। इसलिये, मैं उन्हें मुलाकात का प्रस्ताव देता हूं।' जेलेंस्की ने कहा कि रूस बातचीत के लिये स्थान का चयन कर सकता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, 'संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिये यूक्रेन केवल कूटनीति के रास्ते पर चलता रहेगा।'' जेलेंस्की के इस प्रस्ताव पर रूस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
Saturday, February 19, 2022
सीतापुर में सीएम योगी की हुंकार... बोले- ‘सपा का हाथ आतंकियों के साथ’
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सीतापुर जिले में तीन जनसभाओं को संबोधित किया.. सबसे पहले सेवता में हुंकार भरी। सेवता विधानसभा के रेउसा में चुनावी जनसभा में मुख्यमंत्री ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि कहा कि यूपी में पहले अराजकता, सत्ता प्रायोजित दंगे, अपराध व अराजकता का तांडव होता था। कोई अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करता था। भाजपा सरकार ने जो काम किया उससे न कोई दंगा हुआ न महिलाओं व व्यापारियों का उत्पीड़न हुआ।
मुख्यमंत्री ने 88 हजार ऋषि-मुनियों की तपस्थली और सरयू नदी के किनारे बसे सीतापुर के मतदाताओं का आभार जताया। कहा कि पांच साल पहले सेवता और प्रदेश में क्या होता था यह किसी से छिपा नहीं है। अब कर्फ्यू का स्थान कांवड़ यात्रा ने ले लिया है। चारों ओर अराजकता का माहौल 2017 से पहले था।
अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में शामिल अपराधियों में उत्तर प्रदेश के भी कुछ आतंकवादी थे। उनमें से कुछ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संबंधित हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूछा यही नई सपा है, नई हवा है। सपा ने दर्जन भर आतंकियों के मुकदमों को वापस लिया। समाजवादी पार्टी का हाथ आतंकियों के साथ है। कल के न्यायालय के फैसले से साबित हो गया कि सपा आतंकवादियों को समर्थन देती थी।
मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि डबल इंजन की सरकार फ्री में राशन दे रही है। फ्री में वैक्सीन लगा रही है। घर-घर बिजली मिल रही है। सपा की सरकार में होली-दिवाली पर बिजली नहीं आती थी जबकि ईद और मुहर्रम पर बिजली दी जाती थी। रेउसा में जनसभा के बाद सीएम ने महमूदाबाद और मिश्रिख में पहुंचकर हुंकार भरी।
नई सैटलाइट तस्वीरों में दिखा यूक्रेन सीमा पर रूसी फौजों का जमावड़ा; सुखोई, S-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी तैनात
नई सैटलाइट तस्वीरों में दिखा है कि रूस ने यूक्रेन सीमा पर एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम भी तैनात कर दिए हैं.
पिछले एक हफ्ते की हाई रिजॉल्यूशन तस्वीरों में बेलारूस, क्रीमिया और रूस के पश्चिमी इलाकों में बड़े पैमाने पर फौजी तैनाती साफ नजर आ रही है. ट्विटर पर कई पत्रकारों ने अमेरिकी स्पेस टेक्नॉलजी कंपनी मैक्सर की सैटलाइट तस्वीरें के हवाले से बताया कि यूक्रेन से करीब 30 मील उत्तर में बेलारूस में 32 सुखोई-25 लड़ाकू विमान और कम से कम 50 अटैक हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं. 60 से ज्यादा हेलीकॉप्टर क्रीमिया में दिखाई दे रहे हैं. इसके अलावा रूस और यूक्रेन की सीमा के नजदीक विमानों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है. यूक्रेन बॉर्डर से लगभग 16 किमी दूर मिलेरोवो एयरफील्ड पर टैंक और फौजें साफ दिखाई दे रही हैं.
यही नहीं, उत्तर-पूर्व बेलारूस में उसने नया फील्ड अस्पताल भी खोल दिया है. बीबीसी के मुताबिक, वैसे तो बड़ी सैन्य एक्सरसाइज के दौरान इस तरह के अस्पताल स्थापित किए जाते हैं लेकिन इसे युद्ध में घायल होने वाले सैनिकों के इलाज के इंतजाम के तौर पर भी देखा जा रहा है. 15 फरवरी को खींची गई एक तस्वीर में दिखा था कि रूस ने प्रीपयात नदी पर एक मिलिट्री पोन्टून पुल भी बना लिया है. यह जगह यूक्रेन-बेलारूस सीमा से सिर्फ 6 किमी दूर है.
हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन तस्वीरों से ये पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता कि रूस यूक्रेन पर हमला करने ही वाला है. रूस कहता रहा है कि उसका ऐसा कोई इरादा नहीं है और हमले की बात सिर्फ पश्चिमी देशों का प्रोपेगैंडा है. लेकिन नाटो के डिफेंस चीफ कहते हैं कि रूस ने यूक्रेन को चारों तरफ से घेर रखा है और हमले के लिए बस राष्ट्रपति पुतिन के आदेश का इंतजार है. अमेरिकी रक्षा अधिकारियों का कहना है कि रूस की 40 से 50 फीसदी सेना यूक्रेन बॉर्डर पर हमले की पोजिशन में है. अमेरिका का अनुमान है कि रूस ने डेढ़ लाख से ज्यादा सैनिक तैनात कर रखे हैं. बुधवार के बाद से हलचल बढ़ गई है. डिफेंस अफसरों के मुताबिक, रूस ने यूक्रेन सीमा के नजदीक 125 बटालियन तैनात कर दी हैं, जो सामान्य दिनों में लगभग 60 बटालियन ही होती हैं.
इजराइल सेना ने पहली बार सऊदी और पाकिस्तान के साथ किया सैन्य अभ्यास
इसकी शुरुआत 31 जनवरी को हुई थी। इस नौसैन्य अभ्यास में पाकिस्तान, सऊदी अरब, ओमान, कोमोरोस, जिबूती, सोमालिया, यमन जैसे देश शामिल थे। इन सभी देशों के इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध नहीं हैं। इन अभ्यास में बहरीन और यूएई जैसे देश भी शामिल थे, जिनसे इजरायल के रिश्ते बीते कुछ वक्त में सामान्य हुए हैं। बहरीन की अमेरिका से भी करीबी दोस्ती है। अमेरिकी नौसेना ने कहा कि हर साल इस तरह का सैन्याभ्यास किया जाता है, जिसकी शुरुआत 2012 में की गई थी।
इजरायली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार यहूदी देश की सेना ने इस अभ्यास में हिस्सा लिया है। खासतौर से उन देशों की सेनाओं के साथ उसकी मिलिट्री ने अभ्यास किया है, जिनके साथ उसके रिश्तों में खटास रही है और आज तक कूटनीतिक संबंध नहीं रहे हैं।
इजरायली नौसेना के प्रमुख डेविड सालमा ने एक बयान में कहा कि अमेरिका के नेतृत्व वाले अभ्यास में शामिल होने का अर्थ है कि हमारी सेना, ताकत और अभ्यास के बीच एक साझा संबंध है। हम रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने अमेरिकी साझेदारों के साथ मैरीटाइम एरिया में आतंकवाद को रोकने के लिए खुद को मजबूत करने का काम कर रहे हैं।
बता दें कि पाकिस्तान, सऊदी अरब समेत तमाम इस्लामिक मुल्कों ने इजरायल को मान्यता प्रदान नहीं की है और उसके साथ उनके कूटनीतिक रिश्ते नहीं हैं। ऐसे में सैन्य अभ्यास में इजरायल का शामिल होना अहम है।
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Thursday, February 17, 2022
मैंने गरीबी के भाषण नहीं सुने, गरीबी में जिंदगी गुजारकर आया हूं-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीतापुर में बुधवार को जनसभा की और बीजेपी के पक्ष में मतदान करने की अपील की. इस मौके पर पीएम मोदी ने गरीबों के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं का जिक्र किया. उन्होंने गरीबों से अपना रिश्ता जोड़ते हुए कहा कि ‘मैंने गरीबी के भाषण नहीं सुने, मैं गरीबी जीकर आया हूं. गरीब की जिंदगी क्या होती है, उससे गुजरकर आपके बीच पहुंचा हूं.’
सीतापुर की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं और किसानों के साथ ही हर वर्ग के लिए चलाई गई योजनाओं की चर्चा की. साथ ही कहा कि गरीब के घर में मां अगर बीमार होती है तो सालों साल तक दर्द सहती है, लेकिन इलाज नहीं कराती क्योंकि उसे डर लगता है कि अगर बच्चे कर्ज लेकर उसका इलाज कराएंगे तो जीवन भर कर्ज के नीचे दबे रहेंगे. पीएम ने कहा कि, ‘हमने प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना लाकर हर गरीब परिवार के व्यक्ति के उपचार पर पांच लाख रुपये खर्च आता है तो उसकी जिम्मेदारी उठा ली ताकि कोई गरीब दम नहीं तोड़े
प्रधानमंत्री ने एक बार फिर डबल इंजन की सरकार के फायदे बताए और कहा कि ‘डबल इंजन’ की सरकार ‘डबल शक्ति’ से उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए, गरीब को सशक्त करने के लिए काम कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने सपा और बसपा पर भी हमला बोला और कहा कि 2007 से लेकर 2017 तक के दस साल में इन्होंने दो लाख से भी कम सरकारी नौकरियां प्रदेश के युवाओं को दी थीं जबकि योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में साढ़े चार लाख सरकारी नौकरियां दी हैं.
समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘घोर परिवारवादियों की सरकार में नौकरियां किस तरह मिलती थीं, ये सब जानते हैं, 2017 से पहले खनन माफिया और भूमाफिया का ही राज चलता था.’ उन्होंने कहा कि माफियावादियों को कभी बाढ़ से जूझते सीतापुर की चिंता हो सकती है क्या? जो लूटने में लगे हैं.’ इसके साथ ही पीएम ने योगी सरकार के कामों की तारीफ की और दावा किया कि “योगी सरकार ने इस चुनौती के समाधान के लिए ईमानदार प्रयास किये. उन्होंने कहा कि जिन्होंने किसानों पर लाठियां चलाईं, वह किसानों का हित नहीं सोच सकते. सीतापुर के किसान कभी नहीं भूल सकते कि कैसे गन्ना बेचने आए किसानों पर मिल के बाहर लाठियां बरसाई गईं.”
मोदी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि इनका ‘ट्रैक रिकार्ड’ गन्ना फैक्ट्रियों को बंद करने का भी रहा है जबकि योगी सरकार नई गन्ना फैक्ट्रियां लगा रही है और पुरानी मिलों की क्षमता भी बढ़ा रही है. बेसहारा पशुओं के लिए पशुशालाएं बनवा रहे हैं, कोशिश यह भी है कि पशुओं के गोबर से भी किसानों को अतिरिक्त आय मिलना शुरू हो जाए. मोदी ने कहा कि गरीब, पिछड़े, दलित का सपना था कि उनके पास पक्के घर हों और बीजेपी ने पांच साल में यूपी में 34 लाख पक्के घर बनाकर गरीबों को दिए हैं.
पीएम मोदी ने शौचालय और उज्जवला योजना का भी जिक्र किया और कहा कि बीजेपी सरकार ने प्रदेश में दो करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण किया है. आज से सात वर्ष पहले गैस कनेक्शन ‘स्टेटस सिंबल’ हुआ करता था, मंत्री व सांसद सिफारिश करके गैस कनेक्शन दिलवाते थे लेकिन सिर्फ प्रधानमंत्री बदल गया, सोच बदल गई तो सबको गैस कनेक्शन मिलने लगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं ऐसे राज्य से आता हूं जहां दस साल में सात साल सूखा रहता था, पानी के दर्द को जानता हूं और आज हमने नल से जल बड़ा अभियान चलाया है. सरकार इसकी चिंता कर रही है और हर घर जल अभियान पर यूपी में तेजी से काम किया जा रहा है.
यूक्रेन के खिलाफ गुप्त रूप से युद्ध की तैयारी में रूस! हमला हुआ तो किसका साथ देगा भारत?
यूक्रेन ने रूस के बढ़ते दबाव के बीच बुधवार को झंडा लहराकर राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन किया, जबकि अमेरिका ने कहा कि रूस ने यूक्रेन की सीमा से बलों की वापसी की अपनी घोषणा के विपरीत क्षेत्र में कम से कम 7,000 और बलों को तैनात किया है।
वाशिंगटन। यूक्रेन ने रूस के बढ़ते दबाव के बीच बुधवार को झंडा लहराकर राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन किया, जबकि अमेरिका ने कहा कि रूस ने यूक्रेन की सीमा से बलों की वापसी की अपनी घोषणा के विपरीत क्षेत्र में कम से कम 7,000 और बलों को तैनात किया है। यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका अभी तक हकीकत में नहीं बदली है, लेकिन अमेरिका और उसके सहयोगियों का कहना है कि इसकी आशंका अब भी उतनी ही अधिक बनी हुई है। पश्चिमी देशों के अनुमान के अनुसार, रूस ने यूक्रेन के पूर्व, उत्तर और दक्षिण में 1,50,000 से अधिक बलों को तैनात किया है।
रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास तैनात किए 7,000 से अधिक सैनिक
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकेत दिया है कि वह संकट का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने वादा किया है कि अमेरिका भी संकट के राजनयिक समाधान का ‘‘हर मौका’’ देगा, लेकिन और बलों की तैनाती की खबर से मॉस्को के इरादे को लेकर संशय पैदा हो गया है। इससे पहले, रूस ने बुधवार को कहा था कि वह और अधिक सैनिकों तथा हथियारों को सैन्य अड्डों पर वापस ला रहा है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक वीडियो जारी किया था, जिसमें यह देखा जा सकता है कि बख्तरबंद वाहनों से लदी हुई एक मालगाड़ी क्रीमिया, काला सागर प्रायद्वीप से दूर एक पुल को पार कर रही है। रूस ने इस प्रायद्वीप को 2014 में अपने भू-भाग में मिला लिया था। उसने घोषणा की कि और टैंक इकाइयों को ट्रेन में रखा जा रहा है, ताकि प्रशिक्षण अभ्यास के बाद उनके स्थायी अड्डे को वापस भेजा जा सके। रूसी लड़ाकू विमानों ने बुधवार को बेलारूस के हवाई क्षेत्र में प्रशिक्षण उड़ानें भरी, जो उत्तर की ओर से यूक्रेन के पड़ोस में है। वहीं, अर्द्ध-सैनिक बलों ने गोलीबारी का अभ्यास किया। अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पश्चिमी देशों ने पाया है कि रूस ने यूक्रेन के निकट 7,000 अतिरिक्त बलों को तैनात किया है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ‘एबीसी न्यूज’ से कहा, ‘‘हमने बलों की वापसी का कोई संकेत नहीं देखा है। वह (पुतिन) ट्रिगर दबा सकते हैं। वह इसे आज दबा सकते हैं, वह इसे कल दबा सकते हैं, वह इसे अगले सप्ताह दबा सकते है।
रूस अगर यूक्रेन पर करता है हमला तो किसका साथ देगा भारत?
अमेरिका ने बुधवार को उम्मीद जताई कि नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध भारत, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की सूरत में अमेरिका का साथ देगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने कहा है कि रूस ने हाल के दिनों में यूक्रेन की सीमा पर सात हजार अतिरिक्त सैनिक तैनात किए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि चार देशों (क्वाड) के विदेश मंत्रियों के बीच हाल में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में हुई बैठक में रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर चर्चा हुई। भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्री इस बैठक में शामिल हुए थे। प्राइस ने कहा, ‘‘बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि इस मामले के राजनयिक-शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है।’’
प्रवक्ता ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘क्वाड नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने का पक्षधर है। नियम आधारित व्यवस्था हिंद प्रशांत क्षेत्र में समान रूप से लागू होती है, जैसे कि यह यूरोप में है या अन्य कहीं है। हम जानते हैं कि हमारे भारतीय साझेदार नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है। इस व्यवस्था में अनेक नियम हैं, उनमें से एक यह है कि बल के जरिए सीमाओं का पुनर्निर्धारण नहीं हो सकता।’’ भारत सहित अन्य पड़ोसियों के खिलाफ चीन के आक्रामक रुख का प्रत्यक्ष जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,‘‘ बड़े देश छोटे देशों को परेशान नहीं कर सकते। किसी देश के लोग अपनी विदेश नीति, अपने साझेदार, गठबंधन सहयोगी आदि चुनने के हकदार हैं। ये सिद्धांत यूरोप की भांति हिंद प्रशांत क्षेत्र में भी समान रूप से लागू होते हैं।’’
भारत,अमेरिका और अन्य शक्तिशाली देश क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य दखलंदाजी के मद्देनजर स्वतंत्र, मुक्त और उन्नत हिंद प्रशांत सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर देते रहे हैं। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है,वहीं ताइवान, फिलिपीन्स, ब्रुनेई,मलेशिया और वियतनाम जैसे देश भी इसपर अपना दावा करते हैं। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान निर्मित कर लिए हैं। प्राइस ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की, लेकिन उन्होंने इस बात पर कुछ भी बोलने से परहेज किया कि क्या ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन्स’ अधिनियम (कात्सा) के तहत कार्रवाई पर भी कोई चर्चा हुई या नहीं। अमेरिकी कांग्रेस ने वर्ष 2017 में इसे लागू किया था। रूस से रक्षा तथा खुफिया क्षेत्र से जुड़े साजो सामान की खरीद फरोख्त करने वाले देशों पर कात्सा के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने कहा,‘‘ रक्षा संबंधों पर व्यापक चर्चा हुई, लेकिन इससे ज्यादा मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहूंगा।’’
भारत और रूस के बीच के संबंध
भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस से पांच एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली की खरीद के लिए पांच अरब डॉलर का सौदा किया था। उस वक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि इस सौदे से भारत पर प्रतिबंध लग सकते हैं। इससे पहले ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिका मॉस्को द्वारा पैदा किए गए संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। विदेश मंत्री ने संवाददाताओं से कहा था,‘‘ लेकिन वे प्रयास,जैसा कि हम कह चुके हैं, केवल तभी प्रभावी होंगे जब रूसी संघ सैनिकों की संख्या को कम करने को तैयार हो।’’
अमेरिका प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रूस ने यूक्रेन की सीमा से बलों की वापसी की अपनी घोषणा के विपरीत क्षेत्र में कम से कम 7,000 और बलों को तैनात किया है। प्राइस ने कहा,‘‘स्पष्ट तौर पर कहा जाए तो हमने यह नहीं देखा है। बल्कि हाल के सप्ताह में, दिनों में हमने इससे ठीक उलट देखा है। रूसी बल सीमा पर हैं और वे युद्ध की स्थिति के जैसे तैनात हो रहे हैं। ये घोर चिंता की बात है। इसी के साथ, कई सप्ताह से हम देख रहे हैं कि रूसी अधिकारी और रूसी मीडिया प्रेस में कई कहानियां फैला रहे हैं।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इनमें से किसी को भी आक्रमण के कारण के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा,‘‘ ये हो सकता है, किसी भी वक्त और विश्व को इसके लिए तैयार रहना होगा। इसके लिए यूक्रेनी सेना की डोन्बास में गतिविधियों, जमीन,हवाई और समुद्र में अमेरिका अथवा नाटो बलों की गतिविधियों के झूठे दावों का भी सहारा लिया जा सकता है।’’ वहीं रूस यूक्रेन पर हमले की खबरों को लगातार खारिज करता रहा है। उसकी मांग है कि यूक्रेन और सोवियत संघके पूर्व देशों को नाटो में शामिल नहीं किया जाए।
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