रिपोर्ट के अनुसार, PFI की कोर टीम के सदस्यों में शामिल और NIA के संरक्षित प्रमुख गवाहों में से एक ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने रिकॉर्ड किए गए बयान में दावा करते हुए कहा है कि कट्टरपंथी संगठन के सभी गिरफ्तार सदस्यों को खतरनाक साजिशें रचने के बारे में सिखाया गया था। NIA ने दिल्ली की एक कोर्ट में दाखिल अपनी चार्जशीट में बताया है कि पाकिस्तान से अशांति के दौरान भारतीय सेना के उत्तर में व्यस्त रहने के समय PFI के प्रशिक्षण से ये सदस्य दक्षिण भारत पर कब्जा कर सकते हैं और फिर उत्तर की तरफ बढ़ सकते हैं। यानी PFI का भारत पर दोतरफा हमला करने का प्लान है, जब पाकिस्तान बॉर्डर पर हरकत करेगा और भारतीय सेना वहां उसका मुकाबला करने में व्यस्त रहेगी, इसी का फायदा उठाकर PFI के इस्लामी आतंकी भारत पर दक्षिण की तरफ से कब्ज़ा करना शुरू कर देंगे।
देश को अस्थिर करने के मकसद से आपराधिक साजिश रच रहे PFI के 19 वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में कहा गया है कि एक सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन की आड़ में, PFI एक अत्यधिक प्रेरित, प्रशिक्षित वर्ग बल को एक साथ रख रहा था ताकि 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन की स्थापना के अपने मकसद को पूरा कर सके। इसमें हिन्दुओं में फूट डालकर पहले दलित और OBC वर्ग को अपनी तरफ मिलाना, तथा हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा कर भारत की सत्ता पर कब्ज़ा करना है। इसके लिए PFI खुलकर कहता है कि, यदि 10% मुसलमान भी साथ आ गए तो कायर हिन्दुओं को घुटनों पर ले आएँगे।
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