Friday, July 31, 2020

बकरीद से पहले हुआ अफगानिस्तान में हमला, भारी संख्या में घायल हुए लोग


तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहीद ने एक बयान में कहा कि कमांडरों को हिदायत दे दी गई है कि वे तीन दिन तक हमला नहीं करें, लेकिन उन्हें हमला होने की सूरत में बचाव करने की इजाजत दी गई है।

बयान में यह भी कहा गया है कि तालिबान के लड़ाके अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों के साथ दोस्ती का भाव नहीं रखते हैं और कोई भी पक्ष एक-दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेगा।

बता दें कि तालिबान ने ऐलान किया था कि वह ईद-उल-अज़हा के तीन दिन अफगानिस्तान में कोई हमला नहीं करेगा। बकरीद का तीन दिन का त्योहार सप्ताहांत में शुरू हो रहा है।

वहीं, जिस अस्पताल में घायलों को ले जाया गया, वहां मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि बम हमले के घायलों में कई बच्चे भी हैं । तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी लेने से तत्काल इंकार किया। हमले को बकरीद के त्योहार की पूर्व संध्या पर अंजाम दिया गया। फिलहाल किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियन ने कहा कि हमले में मारे गए अधिकतर लोग आम नागरिक थे। प्रांतीय पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि जान गंवाने वाले कार सवार वह लोग थे, जिन्हें सुरक्षा चौकी पर जांच के लिए रोका गया था।

अफगानिस्तान के पूर्व में स्थित लोगार प्रांत में गुरुवार देर रात हुए एक आत्मघाती बम हमले में आठ लोगों की मौत हो गई जबकि कम से कम 30 घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।


Tuesday, July 28, 2020

Coronavirus की गिरफ्त में दुनिया के 188 देश, 1.62 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमणका शिकार,

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (कोविड-19) दिन प्रतिदिन तेजी से पांव पसारते जा रहा है और दुनियाभर में कम से कम 188 देशों को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। इस वायरस से अब तक करीब 1.62 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं तथा 6,47,910 लोगों की मौत हो चुकी है।

अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केंद्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार विश्वभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,61,99,931 हो गई है जबकि अब तक इस महामारी के कारण 6,47,910 लोगों ने जान गंवाई है।

विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से अब तक 42,33,825 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 1,46,934 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में अब तक 24,19,091 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 87,004 लोगों की मौत हो चुकी है।

भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 49,931 नए मामले सामने आए हैं और इसके साथ ही यहां इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 14,35,453 हो गई है। देश में अब तक कुल 9,17,568 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 32,771 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है।

रूस कोविड-19 संक्रमित मामलों में 4थे नंबर पर है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 8,11,073 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 13,249 लोगों ने जान गंवाई है। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण कोरोना से संक्रमित होने के मामले में दक्षिण अफ्रीका 5वें स्थान पर पहुंच गया है। यहां इससे अब तक 4,45,433 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 6,749 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं मेक्सिको में कोरोना से अब तक 3,90,516 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 43,680 लोगों की मौत हुई है।

पेरू में भी लगातार हालात खराब होते जा रहे है। यहां संक्रमितों की संख्या 3,75,961 हो गई तथा 17,843 लोगों की मौत हो चुकी है। कोविड-19 से संक्रमित होने के मामले चिली अब 8वें नंबर पर पहुंच गया है। यहां इससे अब तक 3,45,790 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 9,112 है।

ब्रिटेन संक्रमण के मामले में 9वें नंबर पर है। यहां अब तक इस महामारी से 3,01,020 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 45,837 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, वहीं खाड़ी देश ईरान में संक्रमितों की संख्या 2,91,172 हो गई है और 15,700 लोगों की इसके कारण मौत हुई है।

पड़ोसी देश पाकिस्तान में कोरोना से अब तक 2,73,113 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 5,822 लोगों की मौत हो चुकी है। स्पेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,72,421 है जबकि 28,432 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण से अब तक 2,66,941 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 2,733 लोगों की मौत हो चुकी है।

Monday, July 27, 2020

भारत में कोरोना से मृत्यु दर 2.28%, अब तक कोविड बीमारी से 9 लाख से अधिक लोग ठीक हुए



केंद्र और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के रोगियों की शुरुआती पहचान और उन्हें आइसोलेशन में रखने के केंद्रित प्रयासों और तेजी से बड़े स्तर पर परीक्षण कराने और अस्पताल में भर्ती मरीजों के कुशल नैदानिक उपचार की वजह से कोविड बीमारी से मरने वालों की संख्या में लगातार कमी और इस बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

इस बीमारी को फैलने से रोकने की प्रभावी कार्यनीति, तेजी से बड़े स्तर पर परीक्षण और समग्र मानक देखभाल के तरीके पर आधारित मानकीकृत नैदानिक उपचार प्रोटोकॉल की वजह से मृत्यु दर में काफी गिरावट आई है। मृत्यु दर उत्तरोत्तर कम होती जा रही है और वर्तमान में यह 2.28% है। भारत में दुनिया के कई देशों की तुलना में मृत्यु दर काफी कम है।

आज लगातार चौथे दिन प्रति दिन 30,000 से अधिक लोगों के उपचार के बाद ठीक होने का सिलसिला जारी है और पिछले 24 घंटों में 31,991 रोगियों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इसके साथ ही इस बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 9 लाख से अधिक हो गई है और वर्तमान में यह संख्या 9,17,567 है। बीमारी से ठीक होने की दर भी बढ़कर 64% हो गई है।

मृत्यु दर में गिरावट और बीमारी से ठीक होने की दर में तेजी के परिणामस्वरूप आज इस बीमारी से ठीक होने वालों की संख्या इसके सक्रिय मामले (4,85,114) से 4,32,453 अधिक है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों और घरों में आइसोलेशन में रखे गए मरीजों का गहन इलाज चल रहा है।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बांग्लादेश से आई प्रतिक्रिया


अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बांग्लादेश से आई प्रतिक्रिया

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत को लेकर बांग्लादेश ने प्रतिक्रिया दी है. बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमेन ने रविवार को कहा है कि भारत सरकार और भारतीय समाज को कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे बांग्लादेश के साथ उसके ऐतिहासिक रिश्ते प्रभावित हों.

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बांग्लादेश से आई प्रतिक्रिया
बांग्लादेश के मीडिया में कहा जा रहा है कि 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को शुरू करने से वहां के कट्टरपंथियों और शेख हसीना के विरोधियों को राजनीतिक रूप से मौका मिल जाएगा. बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से शेख हसीना की मुलाकात का भी बचाव किया और कहा कि बातचीत में कुछ भी असामान्य नहीं था.

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बांग्लादेश से आई प्रतिक्रिया

राम मंदिर निर्माण को लेकर बांग्लादेश के रुख पर मोमेन ने 'द हिंदू' से कहा, "भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक रिश्ता रहा है. हम मंदिर निर्माण से अपने संबंधों को नुकसान नहीं पहुंचने देंगे हालांकि मैं भारत से अपील करता हूं कि वे किसी भी ऐसे घटनाक्रमों को ना होने दें जिससे हमारी खूबसूरत और गहरी दोस्ती को चोट पहुंचे. ये बात दोनों देशों पर लागू होती है और दोनों पक्षों को इस तरह से काम करना चाहिए ताकि किसी भी तरह की बाधा को टाला जा सके."

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बांग्लादेश से आई प्रतिक्रिया

मोमेन ने 'द हिंदू' से कहा कि भारत और बांग्लादेश के हर धड़े को संबंध मजबूत करने में सकारात्मक भूमिका अदा करना चाहिए. बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा, भारतीय समाज की भी जिम्मेदारी है कि वह हमारे साथ संबंध अच्छे रखने के प्रयास करे. सरकारें इस तरह के मामलों में सब कुछ नहीं कर सकतीं. लोगों और मीडिया भी किसी देश के साथ संबंध अच्छे रखने में अहम भूमिका निभाते हैं.

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बांग्लादेश के कुछ विश्लेषकों का कहना है कि भले ही राम मंदिर का निर्माण भारत का आंतरिक मसला है लेकिन बांग्लादेश के लोगों पर इसका भावनात्मक असर पड़ेगा.

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मोमेन ने बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रमों को हो रही चर्चा को लेकर मोमेन ने कहा कि इसमें कुछ लोगों के हित जुड़े हुए हैं. बांग्लादेश के अखबार भोरेर कागज की एक रिपोर्ट आई है जिसमें कहा गया है कि भारतीय उच्चायुक्त रीवा गांगुली दास शेख हसीना से तमाम कोशिशों के बावजूद मुलाकात नहीं कर पा रही हैं. कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि ये मुलाकात कोरोना वायरस महामारी की वजह से नहीं हो पाई है. कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए ज्यादातर लोगों से संवाद डिजिटल प्लैटफॉर्म के जरिए ही हो रहा है. महामारी खत्म होते ही मुलाकातें शुरू की जाएंगी.

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बांग्लादेश से आई प्रतिक्रिया

पिछले सप्ताह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शेख हसीना से फोन पर बात की थी. इमरान खान के दफ्तर की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि इस बातचीत में कश्मीर का भी मुद्दा उठाया गया. मोमेन ने कहा कि ये बातचीत महज शिष्टता के तहत हुई थी. बांग्लादेश क्षेत्रीय शांति का समर्थन करता है और सभी देशों के साथ संवाद स्थापित करना चाहता है.

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बांग्लादेश से आई प्रतिक्रिया

मोमेन ने मीडिया पर बातचीत को ज्यादा तूल देने का आरोप लगाते हुए कहा, अगर पाकिस्तान ने हमें फोन लगा लिया तो क्या गलत हो गया? इससे किसी को क्या दिक्कत होनी चाहिए? आखिरकार हम एक ही दुनिया में रहते हैं.

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बांग्लादेश से आई प्रतिक्रिया

हालांकि, बांग्लादेश ने कश्मीर मुद्दे पर खामोशी बरती है और कहा है कि बातचीत में सिर्फ कोरोना वायरस को लेकर ही चर्चा हुई. भारत ने भी बांग्लादेश के रुख की सराहना करते हुए कहा था कि वह कश्मीर मुद्दे पर अपने पुराने रुख पर कायम है और इसे भारत का आंतरिक मुद्दा मानता हैl

ग्रीन इकोनॉमी से सालाना 10 खरब डॉलर और 40 करोड़ नौकरियां मिल सकती हैं

दुनिया के 213 देश इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। अंतरराष्टीय मुद्राकोष (IMF) के अनुसार इस महामारी को रोकने पर वैश्विक रूप से अब तक 10 खरब डॉलर खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन World Economic Foram (WEF) की एक रिपोर्ट के अनुसार जब दुनिया इस महामारी से उबरेगी तब तक यह वैश्विक जीडीपी (World GDP) के आधे से अधिक के बराबर हमारी प्राकृतिक दुनिया को नष्ट कर चुकी होगी। उस समय कोई भी व्यवसाय आज की तरह सामान्य नहीं रह जाएगा। 2019 में ही वैज्ञानिकों ने चेतावनी दे दी थी कि मानव पृथ्वी के प्राकृतिक जीवन को तेजी से नष्ट कर रहा है। डब्ल्यूईएफ के द्वारा प्रकाशित न्यू नेचर इकोनॉमी प्रोजेक्ट की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यवसायिक घरानों और राजनेताओं की ओर से ‘Nature First’ यानी प्रकृति पहले की सोच से रोजगार जैसी समस्या का आसान समाधान निकाला जा सकता है।

यूनिलीवर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और डब्ल्यूईएफ के सदस्य एलन जोप का कहना है कि अगर प्रकृति को न बचाया गया तो इंसान भी नहीं बचेंगे। जोप के मुताबिक तीन प्रमुख सेक्टर 80 फीसदी प्राकृतिक संपदा को खतरे में डाल रहे हैं। ये तीन सेक्टर हैं- खाद्य और भूमि उपयोग, इन्फ्रास्ट्रक्चर और विनिर्माण और ऊर्जा एवं खनन। लेकिन यही तीनों क्षेत्र प्रकृति को बचाने और खरबों रुपए का व्यवसाय खड़ा करने की क्षमता भी रखते हैं।

40 करोड़ नौकरियां सालाना
डब्ल्यूईएफ के नेचर एक्शन एजेंडा की प्रमुख आकांक्षा खत्री के अनुसार अगर हम प्रकृति में निवेश करें तो प्रकृति हमारी अर्थव्यवस्थाओं को फिर से उबारने में मदद कर सकती है। इतना ही इस कदम से साल 2030 तक सालाना 10 खरब डॉलर का वैश्विक व्यवसाय और करीब 40 करोड़ नौकरियां सालाना विकसित की जा सकती है। इसी प्रकार एक अन्य रिपोर्ट में भी यह कहा गया है कि अगर दुनिया की लगभग एक तिहाई भूमि और महासागरों को नष्ट होने से बचा लिया जाए तो हम 2030 तक जैव विविधता को नष्ट होने से बचा सकते हैं, साथ ही अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार एक तिहाई भूमि और महासागरों को संरक्षित करने में 140 अरब डॉलर के निवेश की जरुरत पड़ेगी। यह विभिन्न देशों की सरकारों की ओर से जारी की जाने वाली उस एक-तिहाई सब्सिडी से भी कम है जो जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देती हैं।

‘ग्रीन इकोनॉमी’ से उबर सकते हैं संकट से
डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट में नौकरियों और अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए बहुत से विकल्पों का हवाला दिया गया है। मसलन, धातु के भूमिगत स्टोरेज बनाकर खाद्य पदार्थों को सडऩे से बचाकर हम खाने की बर्बादी रोक सकते हैं। ऐसे ही मछली पकडऩे का बेहतर प्रबंधन कर हम सालाना 14 करोड़ नौकरियां और अर्थव्यवस्था में 170 अरब डॉलर का इजाफा कर सकते हैं। डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट के अनुसार अगर कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए फर्टिलाइजर, रसायन और हाइब्रिड बीजों पर दी जाने वाली 2 अरब डॉलर की सब्सिडी को खत्म कर हम इस फिजूलखर्ची को रोक सकते हें जो प्रकृति और समुद्री संपदा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे ही शहरों में ऊर्जा की बचत कर हम साल 2030 तक 625 अरब डॉलर की बचत कर सकते हैं। वहीं शहर में छतों पर रूफ गार्डन से 9 अरब डॉलर बचा रहे हें और यह मार्केट तेजी से बढ़ रहा है।

यही सही अवसर है
कोविड-19 महामारी ने भले ही दुनिया भर की अर्थव्यवस्था को झकझोर दिया हो लेकिन ग्रीन इकोनॉमी के लिए इससे बेहतर अवसर कभी नहीं मिल सकता। महीनों चले लॉकडाउन के कारण आज हमारी हवा पहले से ज्यादा शुद्ध, कम कार्बन उत्सर्जन और वन्यजीवों के लिए एक बड़ी राहत बनकर उभरा है। अब बड़ा सवाल यही है कि क्या हम इस अवसर को भुनाने में सफल हो पाएंगे। रिपोर्टके अनुसार अक्षय ऊर्जा भी एक बहुत बड़ा निवेश अवसर है जिससे वर्तमान में 30 से अधिक देश जीवाश्म ईंधन की लागत कम कर कार्बन-फुटप्रिंट को नियंत्रित कर रहे हैं। ऐसे ही बायोगैस भी ऊर्जा का बेहतर विकल्प बनकर उभरा है। डब्ल्यूईएफ की रिपोर्ट में शामिल इस ग्रीन इकोनॉमी के लिए सालाना 2.7 खरब डॉलर के निवेश की आवश्यकता है जो मार्च में अमरीका द्वारा प्रोत्साहन पैकेज के बराबर है।



इंतजार हुआ खत्म! फ्रांस के एयरबेस से आज भारत के लिए पढ़ें 5 राफेल विमान,

नई दिल्ली: आखिरकार इंतजार खत्म हुआ. दुनिया का सबसे ताकतवार लड़ाकू विमान रफाल भारत आने वाला है. सूत्रों के मुताबिक आज फ्रांस के एयरबेस से रफाल विमान भारत के लिए उड़ेंगे. 7364 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करके 5 रफाल विमान बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे और सबसे खास बात ये है कि भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट खुद रफाल उड़ाकर भारत ला रहे हैं.

माना जा रहा है कि अगले हफ्ते इन पांचों विमानों की तैनाती चीन से विवाद के मद्देनजर की जायेगी. भारत ने सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील की थी. यह डील करीब 59,000 करोड़ रुपए की है. जानकरी के अनुसार, विमान फ्रांस से उड़ान भरने के बाद यूएई के अल डाफरा एयरबेस पर राफेल उतरेंगे. यहां से ईंधन से लेकर बाकी सभी टेक्निकल चेकअप के बाद राफेल सीधे भारत के लिए उड़ान भरेंगे और अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे.  

कंपनी के करार के अनुसार कुल 36 और पायलटों को राफेल को उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. इन विमानों को भारतीय पायलट ही उड़ाकर लाएंगे. जानकारी के मुताबिक, वैसे तो पहली खेप में सभी 10 लड़ाकू विमानों की डिलीवरी होनी थी, लेकिन विमान तैयार न हो पाने के कारण फिलहाल पांच विमान ही भारत पहुंच रहे हैं.  

इस संबंध में भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 2 जून को फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले से बात की थी. इस दौरान फ्रांस ने भरोसा दिलाया था कि भारत को मिलने वाले राफेल लड़ाकू विमान की डिलीवरी वक्त पर होगी, कोरोना महासंकट का असर इस पर नहीं पड़ेगा. चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच राफेल का भारत पहुंचना काफी महत्वपूर्ण है. इससे भविष्य में राफेल विमानों की डिलीवरी में भी तेजी आने की संभावना है.  

फ्रांस में पेरिस से डेढ़ घंटे दूर बोर्डो के मेरिगनेक एयरबेस से रफाल भारत के लिए उड़ेंगे. वैसे तो डिलिवरी के बाद रफाल विमान को सामान्य परिस्थितयों में ऑपरेशनल होने में 6 महीने का वक्त लगता है लेकिन आने वाले बुधवार को जो रफाल भारत पहुंच रहे हैं वो जरूरत पड़ने पर 1 हफ्ते के अंदर ही ऑपरेशन के लिए तैयार हो सकते हैं. 

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव को देखते हुए ये बहुत बड़ी बात है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में पिछले हफ्ते वायुसेना के कमांडर्स की बैठक में रफाल को लद्दाख में तैनात करने पर भी चर्चा हुई थी. राफेल फ्रांस का लड़ाकू विमान है. इसमें दो इंजन हैं. ये हवा से हवा और हवा से ज़मीन दोनों तरह से हमला कर सकता है. हर तरह के मिशन में भेजा जा सकता है. ये परमाणु बम से लैस हो सकता है. एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है. रफाल 2,130 किमी/घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. रफाल 3700 किलोमीटर दूर टारगेट को तबाह कर सकता है. इसमें कई तरह की मिसाइल फिट की जा सकती हैं।

आम लोगों को राहत देने तैयारी में RBI, Interest Rate में हो सकती है 25 अंकों की कटौती,


नई दिल्ली।
 आम जनता को राहत देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( reserve bank of india ) नीतिगत ब्याज दरों में कटौती ( Interest Rate Cut ) कर सकता है। अगले महीने के पहले सप्ताह में आरबीआई मौद्रिक समिति ( RBI MPC ) की बैठक होने जा रही है। 4 जुलाई से तीन दिनों तक चलने वाली इस मीटिंग में 6 जुलाई को कई बड़े ऐलान हो सकते हैं। इस मौके पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ( RBI Governor Shaktikanta Das ) ब्याज दरों में कटौती के अलावा लोन मोराटोरियम ( Loan Moratorium ) बढ़ाने को लेकर भी बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

रेपो और रिवर्स रेपो में हो सकती है कटौती
जानकारों की मानें तो कोरोना वायरस के कहर से देश की इकोनॉमी को बचाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की 4 जुलाई को एमपीसी की बैठक होने वाली है। 6 जुलाई तक चलने वाली इस मीटिंग में रेपो रेट में बड़ा बदलाव हो सकता है। जानकारी के अनुसार एमपीसी नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है। इससे पहले मार्च और मई के महीने में एमपीसी की बैठक हुई थी। जिसमें कुल 1.15 फीसदी की रेपो दरों में कटौती हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर रिवर्स रेपो में 0.35 फीसदी की कटौती देखने को मिल सकती है।

रिटेल इंफ्लेशन में भी राहत
मीडिया रिपोर्ट में यूबीआई के एमडी एवं सीईओ के अनुसार इस बार आरबीआई रेपो दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है या फिर बिना किसी बदलाव के ब्याज दरों को पहले वाले जारी रख सकता है। वहीं उन्होंने खुदरा महंगाई के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि भले ही आरबीआई के 2 से 6 फीसदी महंगाई के टारगेट को पार गई हो, लेकिन अगस्त के महीने में इसमें थोड़ी राहत देखने को मिल सकती है।

लोन रिस्ट्रक्चरिंक पर ध्यान देना जरूरी
एसोचैम की माने तो इस बार आरबीआई को लोन रिस्ट्रक्चरिंक पर ध्यान देना जरूरी काफी जरूरी है। क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से उद्योगों को भारी भरकम कर्ज की अदायगी को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोन एनपीए में ना चले जाएं इसके लिए आरबीआई को विचार करना काफी जरूरत है। इसके लिए अभी से लोन रिस्ट्रक्चरिंग पर ध्यान देना काफी जरूरी है। वहीं जानकारों की मानें तो मौजूदा समय में बैंकों के पास तरलता की कमी नहीं है। ऐसे में दरों में कटौती करने का कोई मतलब नहीं है। इससे मकसद पूरा नहीं होगा।

लोन मोराटोरियम में भी मिल सकती है राहत
वहीं दूसरी ओर कुछ जानकारों का यह भी मानना है कि इस बार आरबीआई आम लोगों से लेकर और कुछ ज्यादा प्रभावित सेक्टर्स को लोन मोराटोरियम की सुविधा को आगे बढ़ा सकती है। आरबीआई द्वारा इस सुविधा को 31 दिसंबर तक आगे बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। आपको बता कि 31 अगस्त में लोन मोराटोरियम की सीमा समाप्त हो रही है। वहीं देश के कई लोगों को अभी तक पूरी सैलरी नहीं मिली है। ऐसे में अगस्त के बाद भी लोगों के पास लोन की ईएमआई चुकाने की समस्या बनी रहेगी।

सीएचसी आइए, कोरोना टेस्ट कराइए और तीन मिनट में ही रिपोर्ट लें

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भूलकर भी ना करे रिश्ता- लड़की और उसके परिवार को जाने और समझे बिना, नहीं तो....


शादी एक ऐसा रिश्ता हो हैं जिसमे सात जन्म के कसमें होते हैं, दो परिवार का मिलना होता हैं, सुख ओर दुख में साथ देने की बातें होती हैं और अटूट प्रेम होता हैं, जहां पर अग्नि को साक्षी मान कर सात फेरे लेकर जीवन भर एक दूसरे का दामन थाम कर चलते हैं। 

मेरे दोस्त के जीवन में भी ये खुशियाँ आने वाली थी पर वो अभी इसके लिए तैयार नहीं था क्योंकि उसकी नयी-नयी नौकरी ही लगी थी मुंबई में। कुछ हफ्ते पहले वो छुट्टियों में अपने घर आया हुआ था। 

एक दिन उसके घर में एक घटक आये जो लड़की के पिता थे। उन्होने लड़के के नौकरी के बारे में पूछा, कहाँ रहता हैं, किस स्थान पर कार्यरत हैं, कोई बुरे लक्षण तो नहीं जैसे शराब-सिगार पीने इत्यादि कई तरह के प्रश्न पूछे, जब तक उन्हे खुद संतुष्ट ना हो जाए। 

जब उनकी सारी मंशा दूर हुई उन्होने लड़के का हाथ अपनी बेटी के लिए मांगा जिसके लिए वो अभी मानसिक तौर से तैयार नहीं था। पर माँ-बाप के खुशी के लिए उसने भी शादी के लिए हाँ कर दी। कुंडली मिलान के लिए जब लड़की की जन्म तिथी पूछी गयी तो लड़की के पिता थोड़ा असमंजस में पर गये, यह देखकर वो भी थोड़ा चौंक सा गया। 

बात आगे बढ़ी और उन्होने लड़के को कहा - ''आपसे यह निवेदन करना चाहता हूँ कि कृपया कर आप मेरी बेटी से कल ऑफिस में जा कर मिले, इससे मुझे प्रसन्नता होगी।'' उसने कुछ सोचकर कहा - ''ठीक हैं मैं उनसे कल जाकर मिल लूँगा।'' 

कल जब वो लड़की से मिला तो उसे वह लड़की थोड़ी ठीक लगी पर वो इतनी जल्दी हाँ भी नहीं कर सकता था। अब उसकी छुट्टी ख़त्म होने में कुछ ही दिन शेष थे। जब वह नौकरी करने मुंबई चला गया उसके कुछ दिनों बाद उसकी माँ ने उसे फोन कर रिश्ते को समाप्त करने की बात कहीं, उन्होने बताया की - ''लड़की के पिता ने हमारे साथ अभद्र व्यवहार किया हैं जिसके कारण हम इस रिश्ते को नामंज़ूर कर रहे हैं।'' यह बात सुनकर उसे अपने परिवार के लिये काफी बुरा लगा। कुछ दिन सब कुछ संतुलित चल रहा था कि घर से फिर फोन आया और इस बार सगाई को लेकर बात चली। यह बात सुनकर वो काफी हैरान सा हो गया कि आखिर हो क्या रहा हैं? कभी रिश्ते बन रहे हैं, कभी बिगड़ रहे हैं उसे समझ नहीं आ रहा था। पर माँ-बाप के खुशी के लिये उसने फिर से इस रिश्ते को स्वीकार किया। 

उसके परिवार वाले चाहते थे कि लड़का इस बार 15 दिनों की छुट्टियाँ लेकर घर आये ताकि चट मंगनी और पट बियाह हो सके। लड़का लड़की के परिवार को जान नहीं रहा था कि वो कैसे हैं, उनके परिवार में कितने सदस्य हैं आदि। 

मगर सगाई से 2 दिन पहले लड़की के पिता ने फोन किया और कहा कि - '' मैं किसी तरह की रुकावट नहीं चाहता हूँ और अपनी इच्छा के अनुसार सारी व्यवस्था करूँगा। मैं यह भी नहीं चाहता कि लड़के के दोस्त, बहन और उसके पति शादी में शामिल हो।'' यह बात सुनकर सभी को गुस्सा आ गया और इस बार हमने उन्हें शादी में बुलाने की ठान ली, लेकिन फिर लड़के की माँ ने उसके माता-पिता के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए मना कर दिया और कहा कि - ''अगर लड़की की शादी रद्द हो जाती है तो समाज में लोग क्या सोचेंगे। वैसे भी सगाई हैं तो हो सकता हैं की वो अपने बजट के अनुसार ऐसा कह रहे होंगे।''


नाराजगी उन्हें भी थी पर सोच समझकर ही फैसला लेना था। लड़के के माता-पिता बहुत हे सहज और सरल ढंग से अपनी बातों को नम्रतापूर्वक रख रहे थे पर वहीं दूसरी ओर से उन्होनें धमकी दी गई कि - ''अगर कुछ उतार-चढाव हुआ तो पुलिस से शिकायत कर देंगे की उन्होने शादी की बात कर हमसे धोखाधड़ी की हैं, और यही नहीं कोर्ट में भी हम कहेंगे कि आपका बेटा गलत हैं जुआ, शराब पीने की लत भी हैं।'' पर इसी क्रम में उन्होनें सारी बातों को रिकॉर्ड कर लिया और उन्होनें खुद ही पुलिस से जाकर सारी बातें कह डाली। अंत में उन्हे पहचान लिया गया ये लड़की वाले लोग अपना गिरोह चलाकर ना जाने कितने मासुम परिवारों को लूटा था और ये इतने चालाक थे कि पुलिस भी इन्हें नहीं ढूंढ पा रही थी। जब इनकी सच्चाई सामने आई सब आश्चर्य में थे। शुक्र हैं की मेरे दोस्त का जीवन बच गया वरना बहुत अनर्थ होता उसके और उसके परिवार के साथ। 


शादी जैसे अहम रिश्तो को किसी भी निर्णय लेने से पहले हमें दूसरे पक्ष की भी जाँच करनी चाहिए चाहे वह लड़के वाले हो या लड़की वाले। 

Sunday, July 26, 2020

लद्दाख में अब भी तनाव, चीन ने हिमाचल से लगती सीमा पर बना ली 20 KM लंबी रोड


मोरंग घाटी क्षेत्र के आखिरी गांव कुन्नू चारंग के ग्रामीणों का दावा है कि चीन रात के अंधेरे में तेज गति से खेमकुल्ला पास की ओर सड़क का निर्माण कर रहा है. चीन की तरफ से रात के समय ड्रोन भी आ रहे हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर
    किन्नौर के ग्रामीणों ने रेकी के बाद दी जानकारीरोज रात में आ रहा चीनी ड्रोन, लोग भयभीत

लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ हिंसक झड़प हुई थी. इसके बाद तनाव कम करने की कोशिशों के बीच अब चीन हिमाचल प्रदेश से लगती सीमा पर सड़क निर्माण कर रहा है. हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले का कुन्नु चारंग अंतिम सीमावर्ती गांव है. कुन्नू चारंग के ग्रामीणों ने चीनी क्षेत्र में रेकी करने के बाद यह दावा किया है कि पिछले दो महीने में चीन ने सीमा के करीब 20 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कर लिया है.

मोरंग घाटी क्षेत्र के आखिरी गांव कुन्नू चारंग के ग्रामीणों का दावा है कि चीन रात के अंधेरे में तेज गति से खेमकुल्ला पास की ओर सड़क का निर्माण कर रहा है. चीन की तरफ से रात के समय ड्रोन भी आ रहे हैं. लोगों ने चीन की तरफ कराए जा रहे सड़क निर्माण के नो मेंस लैंड में होने की आशंका जताई है. वहीं, किन्नौर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) साजू राम राणा ने सीमावर्ती गांवों में ड्रोन आने की पुष्टि की. सड़क निर्माण को लेकर उन्होंने कहा कि इतनी लंबी सड़क कम समय में नहीं बन सकती.

एसपी ने कहा कि ग्रामीणों ने इस संबंध में जानकारी दी थी. भारतीय सीमा क्षेत्र में ऐसा कुछ नहीं हो रहा. घबराने की जरूरत नहीं है. वहीं, कुन्नू चारंग गांव के प्रधान ने कहा कि कुछ ग्रामीण खेमकुल्ला पास गए थे और रेकी कर आने के बाद सीमा पार सड़क निर्माण की जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि इतनी लंबी सड़क रातोरात तो बनी नहीं होगी. इसका निर्माण कई महीनों से कराया जा रहा होगा. ग्राम प्रधान ने इसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए. कुन्नू चारंग गांव चीन सीमा के करीब है. यहां तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क भी नहीं है. ग्रामीणों के पास मोबाइल फोन तो हैं, लेकिन कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण कहीं बात करनी हो तो लोगों को 14 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.

बताया जाता है कि इस गांव के नौ लोगों का दल 16 खच्चर और पांच पोर्टर के साथ लगभग 22 किलोमीटर दूर सीमा की ओर गया था. इस दल के साथ चीन सीमा पर सुरक्षा के लिए तैनात इंडिया तिब्बत बॉर्डर पुलिस के कुछ जवान भी थे. खेमकुल्ला पास पहुंच कर इस दल ने जब तिब्बत की ओर नजर दौड़ाई तो आंखें खुली की खुली रह गईं.

चीन ने दो महीने में ही लगभग 20 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर लिया है. इस दल के सदस्यों ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर तक तिब्बत के आखिरी गांव तांगो तक ही सड़क थी, लेकिन बर्फ हटते ही पिछले दो महीनों में सरहद की ओर 20 किलोमीटर लंबी सड़क बन गई.

यमरंग ला की तरफ भी चीन बना रहा सड़क

दल के मुताबिक सांगली घाटी के छितकुल इलाके के करीब भी सरहद पार यमरंग ला की तरफ भी सड़क निर्माण जारी है. दल में शामिल रहे बलदेव नेगी, जेपी नेगी, विपिन कुमार, भागी राम, नीरज, मोहन आदि ने बताया कि सीमा से दो किलोमीटर दूर तक सड़क का निर्माण हो चुका है. बलदेव नेगी ने कहा कि सीमा पार हमने पांच पोकलेन और कई बड़े डंफर देखे, जो सड़क निर्माण में लगे थे. हमने छह दिन रेकी की और पाया कि रात होते ही पहले भारत की ओर ड्रोन भेजा जाता है, फिर विस्फोट की तेज आवाजें आती हैं. रात के अंधेरे में निर्माण की गतिविधियां तेज कर दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी पुलिस-प्रशासन को भी दी गई, लेकिन पुलिस उल्टे उन्हें ही प्रताड़ित कर रही है.

ग्रामीणों का कहना है कि भारतीय क्षेत्र में सरहद के आसपास तक कौन कहे, चारंग गांव तक भी अच्छी सड़क नहीं है. चारंग से सीमा तक जाने के लिए दुर्गम पहाड़ी रास्तों से पैदल या खच्चर से 22 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है. इनका कहना है कि भेड़ पालने वालों को भी सीमा की ओर नहीं जाने दिया जाता. यदि भेड़ पालक पहले की तरह ऊंट से पहाड़ियों पर जाते तो सीमा पार की गतिविधियों की जानकारी भी समय-समय पर साझा करते रहते।

युद्ध को चीन की धरती पर ले जाना जरूरी


अब से हजारों वर्ष पहले महाभारत का युद्ध हुआ था और उसमें कितनी जन हानि हुई थी, इसके बारे में कोई गिनती नहीं है। बस उस दिन से युद्ध हमारा गौरव का विषय हो गया। हमारे नेता हमारे सैनिकों को सीमा पर भेज के शहीद कराते हैं और इसे देश की शान तथा लज्जा से जोड़ देते हैं।
जो आप तो लड़ता नहीं, कटवा किशोरों को मगर,
आश्वस्त होकर सोचता है, शोणित बहा, लेकिन,
गई बच लाज सारे देश की, और तब सम्मान से जाते गिने
नाम उनके, देशमुख की लालिमा, है बची जिनके लुटे सिंदूर से
देश की इज्जत बचाने के लिए, या चढ़ा दिए जिसने निज लाल हैं!
आज भारत को युद्ध याद आ रहा है। लेकिन तब के युद्ध में और आज के युद्ध में बहुत बड़ा अंतर है। पिछले दिनों भारतीय सेना और चीन की सेना में पूर्वी लद्दाख में झड़प हो गई। हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए। इसके बाद कूटनीतिक एवं सैन्य स्तरीय वार्ताएं चली और दोनों पक्ष उस इलाके से पीछे हटने पर सहमत हो गए। पर, चीन ने उस सहमति का सम्मान नहीं किया और बड़ी संख्या में उसकी फौज वहां कायम रही। ऐसे हालात में मीडिया को एक व्यवस्थित तरीके से उस क्षेत्र के कथानक मुहैया कराने के स्रोत भी मौन हो गए। यह स्थिति चीनी सेना के दक्षिणी शिंजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन के कठोर और अड़ियल रवैये के कारण उत्पन्न हुई सी लगती है। लिन देपसांग से किसी भी तरह से पीछे हटने को तैयार नहीं है। वह इसके चीनी भू भाग होने का दावा करते हैं। हॉट स्प्रिंग के उत्तर में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां से चीन पीछे हटा है बेशक सीमित स्तर पर ही, लेकिन वह पीछे हटना समझौते के अनुरूप नहीं है। चीन उस क्षेत्र को लेकर बड़ा ही सक्रिय है क्योंकि वहीं से गलवान नदी के ऊपरी क्षेत्र की राह निकलती है। गोगरा इलाके में भी वह है, इसलिए जो समझौता हुआ, उसका पूरी तरह पालन नहीं किया जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक हफ्ते पहले लद्दाख में सेना को संबोधित करते हुए कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति पर खुलकर बातचीत हुई और अभी भी बातचीत चल रही है, लेकिन कितना समाधान हो पाएगा, यह कहना मुश्किल है। इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती है, लेकिन दुनिया की कोई भी ताकत हमारी 1 इंच जमीन नहीं ले सकता। मई में चीनी अतिक्रमण के बाद या पहली बार अधिकृत तौर पर कहा गया है कि चीन जहां तक घुस आया है, उस इलाके को खाली नहीं करना चाहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सख्त नेता की छवि को कायम रखने के लिए इस मुद्दे पर भ्रम का सहारा लिया जा रहा है। चीन की हठधर्मिता और अड़ियल रवैये के सामने भारत के पास दो ही विकल्प हैं और वे हैं चीन द्वारा आरंभ किया गया युद्ध और दूसरा भारत द्वारा छेड़ी गयी जंग। अगर चीन युद्ध आरंभ करता है तो उसका परिदृश्य पाकिस्तान की तरह एटमी बम तक भी खिंच सकता है। चीन ऐसा कई बार इशारा भी कर चुका है। यदि भारत आगे बढ़कर चीनी कार्रवाई के चलते वर्तमान स्थिति को स्वीकार करने को तैयार नहीं होता है तो संभव है कि चीन की सेना इस स्थिति को अनिश्चितकाल तक के लिए खींचेगी या फिर अपनी बात मनवाने के लिए भारत को पूरी तरह से उस क्षेत्र में पराजित करने के बारे में सोचे। भारत की मुख्य रक्षा पंक्ति बहुत ऊंचाई पर है और जो वास्तविक नियंत्रण रेखा पर है,उससे 10 से 80 किलोमीटर दूर है। अब अगर युद्ध होता है तो संभावना है कि भारत की मुख्य रक्षा पंक्ति से आगे वह लड़ेगा। ऐसी स्थिति में हमारा मुख्य उद्देश्य चीन की सेना को रोकने के साथ उससे अधिक या बराबर की जमीन पर अधिकार का होना चाहिए ताकि सौदेबाजी की जा सके। शत्रु को पीछे धकेलने के लिए हमारे पास सेना की कमी नहीं है। अगर ऐसा होता है तो यह भारत के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि चीनी सेना को भारतीय सेना की टुकड़ियों से दो-दो हाथ करना होगा जो उसके सामने भी वर्चस्व वाली स्थिति में है। अब अगर चीन बढ़त बनाकर रखना चाहता है तो यह हमारे ऊपर होगा कि उसे ऐसा करने से रोकें और इसके लिए जरूरी है कि हम सीधे घुसपैठ वाले बिंदुओं पर हमला करें। हमारे लिए एक और विकल्प है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वहां हमला करें जहां उसकी मोर्चाबंदी कमजोर है और फिर सौदेबाजी हो। अगर हमें अपने देश का सम्मान बचाना है तो इस युद्ध को दुश्मन के खेमे में ले जाना ही होगा। इसके बाद ही सौदेबाजी हो सकती है।

कोरोना से ठीक होकर घर गए, लौटकर आए तो शरीर से गायब मिली एंटीबॉडी


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यह सभी उदाहरण कोरोना से ठीक मरीजों के हैं, जिनका सच सामने आने के बाद चिकित्सा विज्ञानी हैरान हैं। उनके लिए नए सिरे से शोध का विषय बन गया है कि आखिर जिस एंटीबॉडी के दम पर कोरोना को हराने की कोशिश चल रही है, वह एकाएक शरीर सेे कैसे और क्यों गायब हो रही है...? हां, राहत वाली बात यह है कि अभी ऐसे मरीजों के दोबारा कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट नहीं आई है।

अन्य देशों में भी सामने आए मामले

मरीजों के शरीर से एंडीबॉडी गायब होने के मामले तमाम देशों में सामने आ चुके हैं। ङ्क्षकग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में भी इस तरह के केस पिछले कुछ दिनों से मिल रहे हैं। ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में ठीक हो चुके कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच में एंटीबॉडी गायब मिल रही है। विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा ने कई मरीजों में दो माह के भीतर आइजीजी एंटीबॉडी खत्म होने की पुष्टि की है। उनके मुताबिक, स्पेन में की गई स्टडी के मुताबिक वहां भी तीन माह में कई मरीजों में एंटीबॉडी समाप्त होने के केस रिपोर्ट किए गए हैं। हमारे संस्थान में अब तक 27 ठीक हो चुके मरीज प्लाज्मा दान के लिए पहुंचे, जिनमें 21 का प्लाज्मा संग्रह किया गया। छह मरीज एंटीबॉडी न मिलने के कारण लौटा दिए। वह कहती हैं, कोरोना के तमाम मरीज ठीक होकर खुद को शत-प्रतिशत सुरक्षित महसूस कर रहे हैंं। शरीर मेें कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी से निश्चिंत हैंं, जबकि ऐसा है नहीं।

क्या है एंटीबॉडी?

एंटीबॉडी शरीर का वो तत्व है, जिसका निर्माण हमारा इम्यून सिस्टम शरीर में वायरस को बेअसर करने के लिए पैदा करता है। संक्रमण के बाद एंटीबॉडी बनने में कई बार एक हफ्ते तक का वक्त लग सकता है। इसलिए अगर इससे पहले एंटीबॉडी टेस्ट किए जाएं तो सही जानकारी नहीं मिल पाती है। ऐसी स्थिति में कई बार आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाता है।

प्लाज्मा दान कर बचा सकते हैं किसी की जान

राज्य में गुरुवार तक 58 हजार 117 रोगी कोरोना की चपेट मेें आ चुके थे। इनमें से 35, 803 लोग कोरोना से जंग जीत चुके हैं। वहीं, 1,298 की ङ्क्षजदगी को बीमारी ने असमय लील लिया है। अभी 21,003 एक्टिव केस हैं, जिनका इलाज चल रहा है। डॉ. तूलिका के मुताबिक, फिलहाल पूरा विषय रहस्य बना हुआ है। हमारे देश में कोरोना के खिलाफ बनी एंटीबॉडी दो महीने में खत्म होने के संकेत मिल रहे हैं। लिहाजा, लोग ठीक होने के 14 दिन बाद तय समय में प्लाज्मा दान कर किसी की भी जिन्दगी बचा सकते हैं।

प्लाज्मा थेरेपी इलाज का विकल्प

कोरोना का मुकम्मल इलाज दुनिया में कहीं नहीं है। तमाम दवाओं के कॉम्बिनेशन और बेहतर इम्यूनिटी के जरिये ही वायरस से जंग जारी है। इस बीच प्लाज्मा थेरेपी भी कारगर साबित हुई है। इसमें कोरोना से ठीक हो चुके शख्स का प्लाज्मा दूसरे मरीज को चढ़ाया जाता है। यह प्लाज्मा कारगर है भी या नहीं, यही जांचने के लिए दानकर्ता का एंटीबॉडी टेस्ट होता है।    

एक वर्ष तक संग्रह रहता है प्लाज्मा

प्लाज्मा को माइनस 40 डिग्री सेंटीग्रेट पर संग्रह किया जाता है। केजीएमयू में अभी एक डीप फ्रीजर है, जिसमें 30 यूनिट प्लाज्मा संग्रह किया जा सकता है। वहीं, दो डीप फ्रीजर का ऑर्डर और भेजा जा चुका है, जिनमें 400-400 यूनिट प्लाज्मा एक वर्ष तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।

Saturday, July 25, 2020

सुबह पी लें रातभर भीगी हरी मिर्च का पानी, फायदे देख खुद बोलेंगे- जादू हो गया..


ये बात तो आप सभी जानते ही होंगे कि हरी मिर्च के तड़के के बगैर भारतीय खाने की कल्पना नहीं की जा सकती। लेकिन शायद आपको ये नहीं पता होगा कि हरी मिर्च खाने के कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं जी हां आपको बता दें कि ये एक औषधी के समान है जिसमें कई रोगों को खत्म करने की ताकत है।

आपको नहीं पता नहीं होगा कि हरी मिर्च में डायटरी फाइबर से भरपूर होती है जो कि पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद है। हरी मिर्च में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है जिसके सेवन से त्वचा को हेल्दी रखा जा सकता है और त्वचा में निखार लाया जा सकता है।

इतना ही नहीं वजन कम करने के लिए भी हरी मिर्च का सेवन किया जा सकता है। शरीर से अतिरिक्त‍ वजन कम करने के लिए और मेटाबॉलिज्म बेहतर करने के लिए हरी मिर्च का सेवन करना चाहिए। आज हम आपको हरी मिर्च के एक ऐसे प्रयोग के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे अपनाकर आप स्‍वस्‍थ रह सकते हैं –

इस उपाय को करने के लिए आपको सबसे पहले 3-4 हरी मिर्च लेकर उसे अच्छी तरह से साफ पानी से धो लेना होगा और फिर सभी मिर्चों को हल्का सा बीच में से चिरा लगा दें। ऐसा करने के बाद इन सभी कटी हुई हरी मिर्चों को 1 गिलास पानी में भिगोकर रात-भर रख दें। इस‍के बाद सुबह उठने के एकदम बाद इन हरी मिर्चों को जिस पानी में रखा हुआ था उस पानी को पी लें, लेकिन ध्यान रखें कि इस पानी को पीने से कुछ समय पहले न ही आपको कुछ खाना है और न ही पीना है।

अब ये बता दें कि इस पानी को पीने से आपकी हर रोज की दिनचर्या पर किसी भी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा और तो और इस पानी को पीने से आपको बहुत से फायदे होंगे और इसका आपके शरीर में कोई बुरा असर भी नहीं पड़ेगा। शायद आपको ना पता हो कि हरी मिर्च में आयरन, प्रोटीन, कॉपर और पोटेशियम के आलावा विटामिन A,B6और Cआदि भी पाए जाते हैं। इन सभी मिनरल्स और विटामिन को एक साथ लेने से व्यक्ति का शरीर पूरा दिन ऊर्जा से भरा हुआ रहता है।

बता दें कि हर रोज सुबह उस पानी को करीबन एक हफ्ते तक पीने से यक़ीनन उस व्यक्ति के स्वस्थ्य से जुडी सभी समस्याओं का तो हल होगा ही साथ ही स्किन पर चमक आएगी और बाकी अन्य फायदे भी होंगें।

ऐसा एक सप्‍ताह करने के बाद आपको खुद बेहद ही अच्‍छा फील होगा और तो और आप खुद को फुर्तिला महसूस करेंगे। आपको बता दें कि स्‍वस्‍थ और चुस्‍त दूरूस्‍त शरीर के लिए ये एक बेहतर उपाय है।

कोरोना से लड़ने में मदद करेगा गिलोय का काढ़ा, जानें इसे पीने और बनाने का तरीका


गिलोय एक ऐसी औषधि है, जो वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों को दूर रखता है। कोरोना से बचाव के लिए आप गिलोय का काढ़ा पी सकते हैं। इससे इम्यूनिटी भी मजबूत होगी। जानें, गिलोय का काढ़ा बनाने की रेसिपी...

Giloy kadha benefits in corona infection in hindi

Giloy ka kadha ke fayde: कोरोनावायरस से बचने के लिए आज लोग आयुर्वेद का सहारा ले रहे हैं। आयुर्वेद में कई ऐसे इलाज मौजूद हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। काढ़ा, घरेलू उपचार, जड़ी-बूटियों के सेवन से इम्यूनिटी मजबूत रहती है। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आ जाती, इससे बचाव करने के लिए आयुर्वेद ही बेहतर तरीका है। आयुर्वेदिक इलाज के कोई साइड एफेक्ट्स भी नहीं होते हैं। अधिकतर लोग इन दिनों गिलोय का सेवन भी कर रहे हैं, क्योंकि मानसून सीजन में डेंगू का खतरा भी बढ़ जाता है और गिलोय इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाता है। सीजनल बीमारियों जैसे बुखार, सर्जी-खांसी आदि से बचे रहने के लिए भी आप गिलोय का सेवन (Giloy ka kadha ke fayde) कर सकते हैं। गिलोय एक ऐसी औषधि है, जो वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों को दूर रखता है। कोरोना से बचाव के लिए आप गिलोय का काढ़ा (Giloy ka kadha in hindi) पी सकते हैं। इससे इम्यूनिटी भी मजबूत होगी। जानें, गिलोय का काढ़ा बनाने की रेसिपी-

गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए सामग्री

गिलोय का तना- छोटे टुकड़ों में कटा हुआ

नीम की पत्तियों का डंठल- 5-7

तुलसी की पत्तियां- 8-10


गुड़- 20 ग्राम

गिलोय काढ़ा बनाने का तरीका (Giloy ka kadha ke fayde)

गिलोय के टुकड़ों कुचलकर एक बर्तन में डालें। इसके साथ ही अन्य सामग्री को बर्तन में डाले और उसमें 4 कप पानी डालें। इसके बाद इसी मध्यम आंच में पकाएं। इसे उतनी देर तक पकाना है जब तक कि चार कप पानी की तीन हिस्सा जल जाए। यानी एक कप पानी ही रह जाए। अब इसे छानकर गुनगुना की मरीज को पिलाएं। माना जाता है गिलोय का काढ़ा सामान्य बुखार को तीन दिनों के भीतर ही ठीक कर देता है। इसके अलावा बुखार यदि पुराना हो तो विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार इसका ज्यादा और ज्यादा दिन तक किया जा सकता है।

क्या गिलोय का काढ़ा कोराना से बचा सकता है?

कोरोनावायरस से संक्रमित होने वालों में बुजुर्गों और किसी रोग से पीड़ित लोगों की संख्या अधिक है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। ऐसे लोगों में मरने की संख्या भी अधिक है। गिलोय का काढ़ा पीने से आप रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकते हैं। इस तरह आप कोरोना से जल्दी संक्रमित होने से बचे रहेंगे। गिलोय का काढ़ा कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उपयोगी साबित हो सकता है। हालांकि, अभी तक इस बात की कोई पुष्टि या प्रमाणिकता नहीं है कि गिलोय का काढ़ा कोरोना के मरीज को लाभ पहुंचाती है या नहीं।

कब तक पीना चाहिए गिलोय का काढ़ा ?

आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय का काढ़ा ( Giloy kadha benefits in hindi) बहुत अधिक नहीं पीना चाहिए। इसकी तासीर गर्म होती है। गर्मी के दिनों में आधा कप या उससे भी कम लेना चाहिए। बुखार में इस काढ़े को पीने से बुखार दो दिन में ठीक हो सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करता है गिलोय का काढ़ा। ऐसे में किसी भी तरह के वायरल इंफेक्शन (Viral infection) से बचने के लिए इसका सेवन कर सकते हैं, लेकिन अधिक नहीं। आप चाहें, तो किसी एक्सपर्ट की सलाह पर भी इसका सेवन कर सकते हैं।

हल्के लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव युवाओं को 3 हफ्ते बाद भी होती हैं दिक्कतें


हल्के लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव युवाओं को 3 हफ्ते बाद भी होती हैं दिक्कतें

हल्के लक्षण के साथ कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों को कई हफ्ते बाद तक दिक्कतें होती हैं. अमेरिका की प्रमुख स्वास्थ्य संस्था सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) ने अपनी एक स्टडी में यह बात कही है. CDC ने कहा है कि पॉजिटिव आने के 14 या 21 दिन बाद भी कई लोग पूरी तरह स्वस्थ नहीं होने की बात रिपोर्ट कर रहे हैं.

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हल्के लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव युवाओं को 3 हफ्ते बाद भी होती हैं दिक्कतें

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी CDC ने अप्रैल से जून के बीच अमेरिकी वयस्कों का फोन पर सर्वे किया था. सर्वे के दौरान उन लोगों पर फोकस किया गया जिनमें कोरोना के हल्के लक्षण थे और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करने की नौबत नहीं आई थी.

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हल्के लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव युवाओं को 3 हफ्ते बाद भी होती हैं दिक्कतें

हल्के लक्षण वाले 274 मरीजों की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के 2 से 3 हफ्ते बाद फोन पर फॉलो-अप किया गया. इस दौरान पाया गया कि 2 से 3 हफ्ते बाद भी 35 फीसदी मरीजों का स्वास्थ्य पहले की तरह सामान्य नहीं हुआ है. 

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हल्के लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव युवाओं को 3 हफ्ते बाद भी होती हैं दिक्कतें

रिपोर्ट के मुताबिक, 18 से 34 साल की उम्र के 26 फीसदी लोग, 35 से 49 साल के 32 फीसदी लोग, और 50 साल से ऊपर के 47 फीसदी मरीज दो या तीन हफ्ते बाद भी अपनी सामान्य स्वास्थ्य स्थिति में नहीं पहुंच पाए थे.

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हल्के लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव युवाओं को 3 हफ्ते बाद भी होती हैं दिक्कतें

अमेरिकी CDC की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले गंभीर कोरोना मरीजों पर लंबे वक्त तक होने वाले असर तो सामान्य है, लेकिन हल्के लक्षण वाले मरीजों के सामान्य स्वास्थ्य की स्थिति में लौटने के बारे में अब तक सीमित जानकारी मौजूद है. 

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हल्के लक्षण वाले कोरोना पॉजिटिव युवाओं को 3 हफ्ते बाद भी होती हैं दिक्कतें

रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों में पॉजिटिव आने के वक्त कफ के लक्षण थे, दो या तीन हफ्ते बाद उनमें से 43 फीसदी मरीजों में कफ के लक्षण मौजूद थे. वहीं, जिन मरीजों में शुरुआत में सांस लेने की तकलीफ के लक्षण थे, उनमें से 35 फीसदी लोगों में 2 या 3 हफ्ते बाद लक्षण मौजूद थे और थकान महसूस करने वाले मरीजों में से 29 फीसदी लोगों में ये लक्षण फॉलो-अप के दौरान मिले।

चीन ने बनाया ये नया वायरस, कर रहा लोगो को खतरे में डालने की तैयारी


चीन एंथ्रेक्स जैसे जानलेवा वायरस पर शोध की खबरें आ रही हैं जो जमाने के लिए चिंता की बात है। गुप्त रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और पाकिस्तान ने एक जानलेवा वायरस भी बना लिया है।


ये दोनों क्रिमेन कॉन्गो हेमोरेजिक फीवर वायरस पर शोध कर रहे हैं जो इबोला वायरस की तरह है। ये वायरस संक्रमितों की एक चौथाई संख्या के लोगों की जान ले सकता है, जो बहुत अधिक है।

चीन ने इस गंदे कार्य के लिए अपने गुलाम देश पाकिस्तान को मोहरा बनाया है। चीन जानता है कि भिखारी मुल्क आतंकिस्तान की कमजोरी पैसा है।

चीन ने पाकिस्तान के साइंटिस्टों को अपने यहां परक्षिण देना भी शुरू कर दिया है और चीन ने नए वायरसों के निर्माण के लिए पाकिस्तान की धरती का यूज करने का फैसला किया है।

चाइना इंसानियत के लिए नया संकट बन चुका हैं। विश्व की मानवतावादी ताकतों को अब एक साथ आकर इनको सबक सिखाने की तैयारी कर लेनी चाहिए नहीं तो ये देश इंसानों को खतरे में डाल सकते हैं। पूरे जहान में जहां कोविड-19 से लड़ने में लगी है वहीं चीन नया वायरस छोड़ने की साजिश रच रहा है।

कानपुर दारोगा की अभद्रता का वीडियो वायरल करने पर पुलिस ने की युवक की पिटाई

यूपी के कानपुर जिले में पुलिस की शर्मनाक करतूत सामने आई है, मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने एक युवक की थाने बुलाकर उसके साथ मारपीट की है.

कानपुर: जिले में एक युवक को दरोगा का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल करना भारी पड़ गया. दरअसल मामला पनकी थाना क्षेत्र का है, जहां एसओ शैलेंद्र कुमार सिंह ने एक युवक रोहित सिंह को थाने में बुलाकर उसकी जमकर पीटाई कर दी. जानकारी के अनुसार पीड़ित रोहित सिंह ने पनकी चौकी इंचार्ज धीरेंद्र सिंह का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था.

क्या है पूरा मामला
पनकी चौकी इंचार्ज धीरेंद्र सिंह का अभद्रता करते हुए ऑडियो रोहित सिंह ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने रोहित सिंह को थाने बुलाया, जहां एसओ शैलेंद्र कुमार सिंह ने रोहित की जमकर पिटाई कर दी. दरअसल पनकी थाना क्षेत्र के अंतर्गत कुछ सरकारी निर्माण कार्य चल रहा था.

जिसमें सरकारी मटेरियल से सरिया चोरी की जा रही थी. सरिया चोरी की शिकायत गंगागंज में रहने वाले रोहित ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर कर दी थी. चोरी की शिकायत करने के बाद कुछ दबंगों ने रोहित के साथ मारपीट की थी. रोहित ने मारपीट की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को दी थी. जिसके बाद रोहित ने पनकी चौकी इंचार्ज धीरेंद्र सिंह को फोन करके आपबीती सुनाई. चौकी इंचार्ज धीरेंद्र सिंह ने पीड़ित की मदद करने के बजाए उसके साथ अभद्र व्यवहार किया. चौकी इंचार्ज की इसी अभद्रता का ऑडियो रोहित सिंह ने सोशल मीडिया पर वायरल किया था.

पीड़ित ने लगाया मारपीट का आरोप
कानपुर जिले के पनकी थाना क्षेत्र में एक युवक ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाया है. पीड़ित रोहित सिंह ने आरोप लगाया कि उसे पुलिस ने थाने में बुलाकर पीटा है. पीड़ित के अनुसार पनकी चौकी इंचार्ज धीरेंद्र सिंह का ऑडियो वायरल करने के बाद पुलिस झल्लाई हुई है. इसीलिए एसओ शैलेंद्र कुमार सिंह ने उसे थाने बुलाकर रातभर पीटा है. रोहित का कहना है कि एसओ शैलेंद्र कुमार सिंह ने मारपीट करने के बाद उसके ऊपर भर्जी मुकदमा भी दर्ज किया है. फिलहाल सीओ कल्याणपुर अजय कुमार पूरे मामले की जांच कर रहे हैं.

​अब चीन से निपटेंगे राफेल, एलएसी पर होगी तैनाती


नयी दिल्ली : इस माह के अंत तक फ्रांस से आने वाले लड़ाकू विमान राफेल की तैनाती पूर्वी लद्दाख की सीमा पर की जाएगी। ​चीन से निपटने के ​लिए ​अब ​वायुसेना ने ​राफेल में ​इजरायली स्पाइस-2000 बम के बजाय फ्रांसीसी हैमर प्रणाली लगाने का फैसला लिया है। ​फ्रांस से ​​राफेल विमानों का सौदा हो​​ते वक्त हैमर सिस्टम को इसलिए ​’पैकेज’ ​में शामिल नहीं ​किया ​गया था, क्योंकि ये भारत के बजट से बाहर थे लेकिन अब चीन के साथ मौजूदा हालात को देखते हुए आनन-फानन ​​हैमर सिस्टम्स लेने के लिए फ्रांस को ऑर्डर किया गया है, जिसकी आपूर्ति राफेल जेट के साथ ही होगी​​।

भारत-फ्रांस के बीच सितम्बर, 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए डील 7.8 करोड़ यूरो यानी करीब 58 हजार करोड़ रुपये में फाइनल हुई थी।​ उस समय भारत ने बजट के अभाव में फ्रांस से महंगे ​हैमर सिस्टम्स लेने के बजाय ​इजरायली स्पाइस-2000 बम से ही काम चलाने का निर्णय लिया था​। ​​अब जब राफेल की डिलीवरी शुरू होने वाली है तो भारतीय वायु सेना ने आपातकालीन खरीद शक्तियों का प्रयोग करके आनन-फानन में सटीक प्रहार शस्त्र प्रणाली फ्रेंच हैमर खरीदने का ऑर्डर किया है, जिसे फ्रांस ने स्वीकार करके समय से आपूर्ति किए जाने का भरोसा दिया है।

दरअसल ​किसी भी हथियार की कीमत उसके साथ लिए जाने वाले सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की वजह से घटती-बढ़ती है, इसीलिए अपने बजट के अन्दर रहकर यह डील फाइनल की गई थी। यह फ्रांसीसी लड़ाकू विमान उल्का बीवीआर एयर-टू-एयर मिसाइल (बीवीआरएएएम) की अगली पीढ़ी है, जिसे एयर-टू-एयर कॉम्बैट में क्रांति लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

डील फाइनल करते समय जिस पैकेज को लिया गया था, उसके मुताबिक राफेल जेट मिसाइल प्रणालियों के अलावा विभिन्न विशिष्ट संशोधनों के साथ भारत आएंगे, जिसमें इजरायल हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले, रडार चेतावनी रिसीवर, कम बैंड जैमर, 10 घंटे की उड़ान डेटा रिकॉर्डिंग, इन्फ्रा-रेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम शामिल हैं। डील में राफेल के साथ मेटियोर और स्कैल्प मिसाइलें मिलना तय हुआ था, जो पहले ही अम्बाला एयरबेस आ चुकी हैं। इनमें ऑन बोर्ड ऑक्सीजन रिफ्यूलिंग सिस्टम भी लगा है।

इसे भारत की भौगोलिक परिस्थितियों और जरूरतों के हिसाब से डिजाइन किया जाएगा। इसमें लेह-लद्दाख और सियाचिन जैसे दुर्गम इलाकों में भी इस्तेमाल करने लायक खास पुर्जे लगाए जाएंगे। राफेल बनाने वाली ह्यदसॉल्टह्ण कंपनी से फाइनल की गई डील के हिसाब से भारत आने वाले वायुसेना के राफेल्स पर इस समय स्पाइस हथियारों के सॉफ्टवेयर कोड को एकीकृत करने पर काम चल रहा है।

दरअसल भारत ने जब मिराज-2000 विमान खरीदे थे, तब उनमें स्पाइस को पूरी तरह से एकीकृत और परीक्षण करने में 18 महीने का समय लगा था। इसे देखते हुए अब भारतीय वायुसेना का तर्क है कि चूंकि राफेल को आते ही जल्द से जल्द पूर्वी लद्दाख की चीन सीमा पर तैनात किया जाना है, इसलिए समय बचाने के लिए हैमर प्रणाली को खरीदने और फ्रांस से ही इसके सॉफ्टवेयर कोड को एकीकृत कराने का फैसला लेना पड़ा है।

वैसे भी हैमर सिस्टम्स पहले से ही राफेल पर पूरी तरह से प्रमाणित है। ​पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ उभरते संघर्ष परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए ​एक राफेल में छह हैमर प्रणाली लगाई जा सकती हैं। पिछले साल अक्टूबर में जिस दिन पहला राफेल भारतीय वायु सेना को सौंपा गया था, उसी दिन हथियारों और प्रणालियों की सूची भारत के सामने ​रखी गई ​थी लेकिन उस समय ​भी ​भारतीय वायुसेना ने इस प्रणाली का चयन नहीं किया था, इसलिए अब आखिरी मौके पर खरीद करनी पड़ रही है।

चीन का काल हैं हैमर मिसाइलेंः कहीं भी किसी भी हालात में दुश्मन को करेंगी टारगेट

सुपरसोनिक राफेल युद्धक विमान मिलने के साथ भारतीय वायु सेना अपनी क्षमताओं में लगातार इजाफा करती जा रही है।

नई दिल्ली: सुपरसोनिक राफेल युद्धक विमान मिलने के साथ भारतीय वायु सेना अपनी क्षमताओं में लगातार इजाफा करती जा रही है। इसी के तहत अब राफेल को फ्रांस की ही हैमर मिसाइलसे लैस किया जाएगा।

तत्काल होगी फ्रांस से डिलिवरी

सशस्त्र बलों को आपातकालीन शक्तियों के तहत 60 से 70 किलोमीटर की रेंज में किसी भी टारगेट को हिट करने में सक्षम इन मिसाइलों की तैनाती का आदेश दिया गया है। इसके लिए फ्रांस को इमरजेंसी आर्डर दिया गया है और फ्रांस शॉर्ट नोटिस पर सप्लाई करने पर राजी भी हो गया है। भारत ने फ्रांस के साथ 2016 में 58 हजार करोड़ में 36 राफेल फाइटर जेट का सौदा किया था। इन 36 जेट में 30 फाइटर जेट्स और 6 ट्रेनिंग विमान होंगे। ट्रेनर जेट्स टू सीटर होंगे और इनमें भी फाइटर जेट्स जैसे सभी फीचर होंगे।

हैमर की खासियत

हैमर यानी हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज,एक मध्यम श्रेणी का एयर-टू-ग्राउंड हथियार है जिसे शुरूआत में फ्रांसीसी एयरफोर्स और नेवी के लिए डिज़ाइन और बनाया गया था। हैमरभारत को पूर्वी लद्दाख जैसे पहाड़ी क्षेत्रों सहित किसी भी इलाके में किसी भी बंकर को टारगेट करने की क्षमता देगा।

मिलने वाले हैं पांच राफेल

पाँच राफेल जेट की पहली खेप इस महीने भारत को मिल जाएगी। इनको 29 जुलाई को अंबाला बेस में भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाने की संभावना है। राफेल विमानों को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनात किए जाने की संभावना हैताकि चीन के साथ विवाद के मद्देनजर भारत अपनी क्षमताओं को मजबूत कर सके।राफेल में मीटिअर और लॉन्ग रेंज स्काल्प जैसी अत्याधुनिक मिसाइल भी लगाई जाएगी।मीटियर विजुअल रेंज के पार भी अपना टारगेट हिट करने वाली मिसाइल है। इसकी रेंज 150 किमी है।स्काल्प डीप रेंज में टारगेट हिट कर सकती है। येकरीब 300 किलोमीटर तक अपने टारगेट को निशाना बना कर तबाह कर सकती है।

चीन की पाताल में भी खैर नहींः अमेरिका दे रहा है P-8I एयरक्राफ्ट, जो बनेंगे काल

पोसाइडन-8I एयरक्राफ्ट के रेंज की बात करें तो यह 2200 किलोमीटर तक निशाना लगा सकती है। इसके अलावा यह 490 नॉटिकल माइल्स या 789 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।

नई दिल्ली: भारत एक तरफ कोरोना से जंग लड़ रहा है तो दूसरी तरफ अपने दो पड़ोसी की ओर से चल रही दुश्मनी का भी मुंहतोड़ जवाब भी दे रहा है। भारत ने अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए और चीन के साथ विवाद के मद्देनजर भारत ने डिफेंस डील्स में तेजी शुरू कर दी है। बता दें कि भारत ने अब अमेरिका से छह और पोसाइडन-8I (P-8I) एयरक्राफ्ट खरीदने की तैयारी कर ली है। ये विमान पहले ही भारतीय नेवी इस्तेमाल कर रही है।

भारत ने अमेरिका से प्रीडेटर-बी आर्म्ड ड्रोन्स भी खरीदने का फैसला किया

सूत्रों के मुताबिक, भारत ने करीब 1.8 अरब डॉलर में छह और P-8Is के लिए ‘लेटर ऑफ रिक्वेस्ट’ जारी कर दिया गया है। यह सौदा पेंटागन के फॉरेन मिलिट्री सेल्स प्रोग्राम के तहत होगा। पोसाइडन-8I एयरक्राफ्ट्स को बोइंग बनाती है। फिलहाल हिंद महासागर के अतिरिक्त इनका इस्तेमाल पूर्व लद्दाख में भी सर्विलांस मिशन के लिए हो रहा है। भारत ने अमेरिका से प्रीडेटर-बी आर्म्ड ड्रोन्स की खरीद को भी फास्ट-ट्रैक किया है।

भारतीय नेवी के बेड़े के शान बढ़ाएंगे आठ P-8I एयरक्राफ्ट्स

भारतीय नेवी अपने बेड़े में पहले ही आठ P-8I एयरक्राफ्ट्स को शामिल कर चुकी है। जनवरी 2009 में 2.1 अरब डॉलर में सौदा हुआ था। इसके बाद जुलाई 2016 में 1.1 अरब डॉलर में चार और P-8I एयरक्राफ्ट के लिए सौदा हुआ था। इस साल के अंत तक इसकी डिलीवरी शुरू हो जाएगे।

2200 किलोमीटर की रेंज तक निशाना

पोसाइडन-8I एयरक्राफ्ट के रेंज की बात करें तो यह 2200 किलोमीटर तक निशाना लगा सकती है। इसके अलावा यह 490 नॉटिकल माइल्स या 789 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह विमान हार्पून ब्लॉक II और हल्के टारपीडो से लैस है। यह अपने साथ 129 सोनोबॉय को ले जा सकता है। सोनोबॉय गहरे पानी में छिपी पनडुब्बियों की टोह लेने में काम आते हैं। इसके अलावा इससे एंटी शिप मिसाइल भी दागी जा सकती है। सीधे शब्दों में कहें तो पनडुब्बियों के लिए यह काल है।

P-8I विमान की और भी हैं विशेषताएं

प्रणोदन: दो CFM56-7 इंजन प्रत्येक 27,300 पाउंड थ्रस्ट पैदा करते हैं

लंबाई: 39.47 मीटर
पंख का फैलाव: 37.64 मीटर
ऊंचाई: 12.83 मीटर
अधिकतम टेकऑफ़ वजन: 85,139 किलोग्राम
गति: 490 समुद्री मील (789 किमी / घंटा)
रेंज: 1,200+ समुद्री मील
चालक दल: 9

P-8I एयरक्राफ्ट के आने से भारतीय सेना और मजबूत हो जाएगी। इस एयरक्राफ्ट से पनडुब्बियों को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। भारतीय नेवी के लिए यह वरदान साबित होगी।

चीन से तनातनी के बीच अमेरिका ने दी राहत, 800KMPH तक स्पीड वाले ड्रोन खरीद पाएगा भारत


नई दिल्ली:चीन से तनातनी के बीच अमेरिका ने अपने उस आदेश में संशोधन किया है जिसका फायदा भारत सहित उसके दुनियाभर के साझीदार देशों को मिलेगा। अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों की रक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए 800 किलोमीटर से कम रफ्तार वाले मानव रहित विमान (अनमैन्ड एयर वीकल्स) को कैटगरी-1 की जगह कैटगरी-2 माना है, और इसके निर्यात को मंजूरी दे दी है।

अमेरिकी ड्रोन के निर्यात में इस संशोधन से न सिर्फ मध्य पूर्व में उसके सहयोगियों को लीबिया में चीनी लड़ाके ड्रोन्स का मुकाबला करने में मदद मिलेगी, बल्कि भारत को भी प्रीडेटर-बी आर्म्ड और ग्लोबल हॉक सर्विलांस ड्रोन्स अमेरिका से खरीदने में मदद मिलेगी। दोनों ही ड्रोन्स की स्पीड 800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कम है।

व्हाइस हाउस की तरफ से जारी बयान में यह कहा गया, “राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय विवेक के आह्वान पर फैसला लेते हुए मिसाइल टैक्नोलॉजी रिजीम कैटगरी-1 अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स (यूएएस) जिनकी गति 800 किलोमीटर प्रति घंटे से कम की रफ्तार है उन्हें कैटगरी-2 मानने का फैसला किया है। इससे हमारे साझीदारों की क्षमता बढ़ेगी और यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा में मददगार होगा और यूएवी बाजार के दायरे को बढ़ाने से हमारी आर्थिक सुरक्षा बढ़ेगी।

नीति को बदलने का मतलब है 800 किलोमीटर प्रति घंटे से कम के रफ्तार वाले यूएवी पर मिसाइल टैक्नोलॉजी कंट्रोल रिजिम (एमटीसीआर) यूएसए क्लाउज के तहत रोक नहीं रहेगी। एक तरफ जहां अमेरिकी रक्षा कंट्रैक्टर को एमटीसीआर यूएसए क्लाउज के तहत प्रतिबंध लगा हुआ था तो वहीं दूसरी तरफ चीन की तरफ से पाकिस्तान, और यमन और लीबिया में सिविल वॉर के समय इस्तेमाल के लिए विंग लूंग आर्म्ड ड्रोन दिए गए।

खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन पहले ही सीपीईसी और ग्वादर पोर्ट की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान को चार विंग लूंग आर्म्ड ड्रोन की अब तक सप्लाई कर चुका है। यह ड्रोन एक हजार किलोग्राम तक बम या एयर टू सर्फेस मिसाइल को लेकर चलने की क्षमता रखता है। न ही चीन और न ही पाकिस्तान एमटीसीआर का सदस्य है, इसलिए बीजिंग को इस्लामाबाद को इसके एक्सपोर्ट पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है।


यह पाकिस्तान का हल्क 1 दिन में खाता है इतना खाना ही भर जाए पूरे परिवार का पेट।


 इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो पाकिस्तान का है उसका शरीर काफी मोटा ताजा है वह 1 दिन में इतना खाना खाता है कि कोई परिवार पूरे दिन बैठकर आराम से खाना खा सकता है।
इस शख्स का नाम है अरबाब खिजर हयात उर्फ खान बाबा अरबाब किसी हल्क से कम नहीं है क्योंकि इनका वजन इतना है कि एक पूरा का पूरा परिवार इनके वजन के सामने फेल है।
दरअसल, पाकिस्तान में रहने वाले 25 साल के अरबाब खिजर हयात किसी हल्क से कम नहीं हैं. क्योंकि इनकी लंबाई 6 फुट तीन इंच है और वजन 435 किलोग्राम. इसीलिए इन्हें पाकिस्तानी दारा सिंह भी माना जाता है. यही नहीं अरबाबर ये भी दावा करते हैं कि वो दुनिया में सबसे अधिक ताकतवर हैं. बता दें कि उनकी कद काठी के चलते ही उन्हें पाकिस्तानी में 'पाकिस्तानी हल्क' का खिताब मिल चुका है और उनका सपना WWE में जाने का है।
इतना वजन और इतनी टाइट होने के बाद भी इस शख्स को ना तो कोई बीमारी है और ना ही कोई शारिब एक प्रॉब्लम यह आसानी से चल से सकता है एक बार इसी शख्स ने ग्रेट खली का फाइट के लिए ललकारा था जिसके बाद खली ने हंसते-हंसते इसका चैलेंज स्वीकार कर लिया था लेकिन इसकी तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया था।
इस पाकिस्तानी हल्क की कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं जिसमें यह कई वीडियो में ट्रैक्टर को खींचते हुए नजर आता है।




आजम खान, अभी 24 अगस्त तक जेल में रहना होगा


यह तस्वीर मुरादाबाद कोर्ट की है। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे को कड़ी सुरक्षा के बीच सीतापुर जेल से मुरादाबाद ले जाया गया। उन्हें देखकर समर्थकों ने नारेबाजी की तो आजम खान ने हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया।

  • 139 दिनों बाद कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से बाहर निकले आजम खान
  • आजम खान के खिलाफ रामपुर में 80 से अधिक मामले दर्ज हैं

उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद जिले के छजलैट थाना क्षेत्र में 12 साल पहले हाईवे जाम और बवाल करने के मामले में रामपुर से सपा सांसद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को एडीजे कोर्ट में पेश किया गया। बेटे अब्दुला और पत्नी तंजीन फातिमा के साथ आजम खान सीतापुर जेल में पांच माह से बंद हैं। 139 दिन बाद शुक्रवार सुबह उन्हें पुलिस और पीएसी की कड़ी सुरक्षा के बीच पेशी पर ले जाया गया था। अदालत ने दो मामलों में आजम को छह अगस्त और तीसरे मामले में 24 अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

यह है पूरा मामला

बसपा शासनकाल में साल 2008 में मुरादाबाद के थाना छजलैट में आजम खां की कार को पुलिस ने रोक लिया था। इसके बाद आजम खां अपने समर्थकों के साथ सड़क को जाम कर धरने पर बैठ गए थे। उस समय आजम खां राज्यसभा सांसद थे। आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में जनवरी 2019 में कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी। लेकिन, 2019 में ही पूरा मामला मुरादाबाद अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया। इसकी जानकारी नहीं होने की वजह से कोर्ट में तारीख पर पेशी पर नहीं आ सके थे। कोर्ट में पेश नहीं होने पर गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे। आजम खान के वकील शाहनवाज ने बताया कि दो मामलों में आजम खां को 6 अगस्त तक के लिए और तीसरे मामले में 24 अगस्त तक के लिए कस्टडी में लिया गया है। इसके बाद पुलिस फिर पिता-पुत्र को लेकर सीतापुर जेल के लिए रवाना हो गई।

कोर्ट बंद होने से अभी तक नहीं हुई थी पेशी
रामपुर से सपा सांसद आजम खां, उनकी पत्नी विधायक तंजीम फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम फर्जी प्रमाणपत्र के आरोप में तकरीबन 5 माह से जिला कारागार सीतापुर में बंद हैं। सांसद आजम खां के खिलाफ 80 से अधिक मामले दर्ज हैं। इसकी सुनवाई अभी लगातार जारी हैं। लेकिन, 5 माह से कोरोना महामारी के चलते वह सीतापुर कारागार में ही बंद हैं और कोर्ट बंद होने के चलते उनकी पेशी भी बंद थी। लॉकडाउन और कोरोना के चलते बीती 18 मार्च से आजम खां और उनके परिवार से मुलाकात का भी दौर बंद था।

फिर लग सकता है लॉक डाउन 27 जुलाई को मोदी करेंगे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग


केंद्र सरकार ने शुक्रवार को असम, बिहार, तेलंगाना और ओडिशा सहित नौ राज्यों को जांच में तेजी लाने की सलाह दी। इसके साथ ही, यह कहा जाता है 

निषिद्ध क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, निषेध योजना को सख्ती से लागू करना, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना और COVID-19 मामलों के प्रभावी नैदानिक ​​प्रबंधन को सुनिश्चित करना।

इस बैठक में अनलॉक -2 रणनीति के अगले चरण पर चर्चा होने की संभावना है। 27 जुलाई को, प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नोएडा, कोलकाता और मुंबई में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की तीन नई उच्च-थ्रूपुट प्रयोगशालाओं का भी उद्घाटन करेंगे।

सीएम योगी आदित्यनाथ, ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे भी वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल होंगे। इससे पहले 16 और 17 जून को पीएम मोदी ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी |

27 जुलाई को, प्रधानमंत्री की महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के सीएम के साथ एक आभासी बैठक होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी इस बैठक में शामिल होंगे। मुख्य सचिव के साथ मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव भी मौजूद रहेंगे। राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह सातवीं बैठक है।

देश में कोरोना वायरस बहुत तेजी से बढ़ रहा है। कई राज्यों में कोरोना महामारी के रिकॉर्ड मामले हैं। अब इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जुलाई को कोरोना वायरस की स्थिति पर तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत करेंगे।

 

गुलाब से ज्यादा गुडकारी हैं गुड़हल जानें इसकी खूबियां



फेस को निखारने या फेस पैक में मिलाने के लिए गुलाब जल का उपयोग तो लगभग सभी करते हैं. इतना ही नहीं गुलाब के तेल से फेस को नई कांति भी मिलती हैं. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि सिर्फ गुलाब ही नहीं बल्कि लाल गुड़हल के फूल से भी फेस और बालों की सुंदरता को बढ़ाया जा सकता है. वैसे तो गुड़हल के फूल को इंग्लिश में हिबिकस बोला जाता हैं और इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो त्वचा के साथ ही बालों और बॉडी के फैट को घटाने में भी काफी सहायता करते हैं. अभी तक आपने इस फूल का उपयोग पूजा-पाठ के लिए ही किया जाता है . हालांकि, ये सुंदरता बढाने के लिए बड़ा ही मददगार है. तो आइए जानते है गुड़हल फूल के उपयोग का तरीका और इसके फायदे के बारें में....




त्वचा की झुर्रियों को मिटाने में मददगार

गुड़हल के फूलों की पत्तियों में एंटी एजिंग गुण पाया जाता है जो त्वचा में आने वाली झुर्रियों को दूर करने में साहयता करता है. इस फूल की पत्तियों में फ्री रेडिकल्स को हटाने की क्षमता होती है जो की उम्र बढ़ने की प्रोसेस को धीमा कर देती है. जिससे स्किन जवां दिखाई देती है.

ऐसे करें उपयोग 
गुड़हल की पत्तियों को पानी में उबालकर अच्छे से पीस लें. अब इसमें शहद मिलाकर पेस्ट बना लें और हल्के हाथों से फेस पर लेप की तरह लगाकर छोड़ दें. पंद्रह से बीस मिनट बाद ठंडे पानी से फेस को धोकर साफ कर लें. कुछ ही दिनों में आपको बेदाग गोरापन और रिंकल फ्री त्वचा दिखने लगेगी. 

800 बेड वाले अस्पताल के ICU में परेशान था मरीज, हवा दिलाने लाए बाहर और हो गई मौत


Death of a patient expelled from ICU in Bhagalpur, Bihar ASA

भागलपुर (Bihar) । बिहार में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। मरीजों की संख्या 30 हजार के पार हो गई। सुविधाएं न मिलने पर मरीजों के घरवाले जोखिम उठा रहे हैं। वहीं, पिछले तीन-चार दिनों से हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आईं हैं। अब 800 बेड वाले जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (अस्पताल) में भर्ती एक मरीज की लापरवाही के चलते मौत हो गई। कहा जा रहा है कि खुली हवा के लिए एक परिवार अपने मरीज को डॉक्टर की सलाह के खिलाफ जाकर अस्पताल से दूर ले गया, जिसके कारण मरीज की मौत हो गई। बता दें कि ये घटना 19 जुलाई की है। जिसका खुलासा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो से अब हुआ है।

यह है पूरा मामला
डॉक्टरों का कहना है कि एक परिवार अपने मरीज को तीसरे फ्लोर पर मौजूद आईसीयू से बाहर खींच कर ले बाहर लाया। डाक्टरों के मुताबिक उसने कहा कि उसके मरीज को खुली हवा की जरूरत थी। जिसका विरोध मौजूद डॉक्टरों ने किया। लेकिन, मरीज के परिवार ने एक ना सुनी और वो खुले में लेकर अपने मरीज को चला गया। जहां इस लापरवाही के बाद मरीज की मौत हो गई। हालांकि इसी दौरान किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।

परिजनों ने कही ये बातें

भागलपुर के इस अस्पताल में कुल 800 बेड हैं। लेकिन, अस्पताल में इलाज करने के लिए डॉक्टरों और स्टाफ की कमी है। वहीं, परिवार का आरोप था कि अस्पताल में ठीक से इलाज नहीं किया जा रहा था, जिसके चलते वे मरीज को कटिहार ले जा रहे थे।

डॉक्टरों ने भी बनाया है वीडियो
वीडियो बनाकर डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि मरीज को आईसीयू बेड और ऑक्सीजन ट्रॉली के साथ ही खींच लाया गया। इस दौरान किसी ने मास्क नहीं पहना था। जब डॉक्टरों ने रोका तो उन्हें धमकाना जाने लगा। जब डॉक्टरों को मरीज ICU में नहीं मिला तो उन्होंने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करवाई।

जला लाशों का ढेर: एक साथ 50 मरीजों का हुआ श्वाहा, ये है प्रशासन का हाल


देशभर में कोरोना का भीषण कहर जारी है। बीते 24 घंटे में कोरोना के कुल 45,720 नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं। ऐसे में हैदराबाद से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानी रूह को हिला के रख दिया है।

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना का भीषण कहर जारी है। बीते 24 घंटे में कोरोना के कुल 45,720 नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं। वहीं इसके साथ ही 1129 लोगों की जान चली गई है। ऐसे में हैदराबाद से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानी रूह को हिला के रख दिया है। यहां एक साथ कोरोना मरीजों की 50 लाशें जला दी गईं। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

स्वास्थ्य अधिकारियों का इस पर स्पष्टीकरण

यह मामला 21 जून का बताया जा रहा है। ये भी बताया जा रहा है कि हैदराबाद के ईएसआई श्मशान से सामूहिक दाह संस्कार का वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो के सामने आने के बाद विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया और सरकार पर मौत की गिनती छिपाने और डेटा का हेरफेर का आरोप लगाया है।

ऐसे में कोरोना के मामले बढ़ने पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस पर स्पष्टीकरण दिया। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने सामूहिक दाह संस्कार को स्वीकार तो किया लेकिन कोरोना के आंकड़ों में किसी हेरफेर से मना कर दिया।

2-3 दिन पुरानी मौतें

हैदराबाद के ईएसआई श्मशान के वीडियो पर चिकित्सा शिक्षा के निदेशक डॉ के रमेश रेड्डी का कहना है कि कोरोना शवों को ले जाने में कठिनाई का सामना करने के कारण एक ही बार में 50 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया। ये सब 2-3 दिन पुरानी मौतें थीं।

बता दें, हैदराबाद से इसकी वीडियो वायरल होने के बाद से ही विपक्ष पार्टी और लोगों ने भी विरोध किया है। वहीं इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी काफी भतर्सनाएं मिल रही हैं।


Friday, July 24, 2020

भारत-अमेरिका से तनाव: चीन के राष्ट्रपति ने सेना को दे दिया ये आदेश, मची खलबली


अमेरिका और भारत के साथ जारी तनाव के बीच चीन ने बड़ा फैसला लिया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(पीएलए) को ड्रोन युद्ध की क्षमता बढ़ाने आदेश दिया है।

पेइचिंग: अमेरिका और भारत के साथ जारी तनाव के बीच चीन ने बड़ा फैसला लिया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(पीएलए) को ड्रोन युद्ध की क्षमता बढ़ाने आदेश दिया है।

शी जिनपिंग चीन के चांगचुन में पीएलए एयरफोर्स एविएशन यूनिवर्सिटी के दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान चीन के राष्ट्रपित ने कहा कि देश की सेना की क्षमता बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक पायलटों को ट्रेनिंग के अवसर प्रदान करे।

जिनपिंग ने पीएलए को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पास पहले से ही एडवांस एयरक्राफ्ट और एयर डिफेंस हथियार हैं। इसलिए युद्ध के दौरान हमारा मनोबल ऊंचा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक पायलट का प्रशिक्षण चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और लोगों के उम्मीदों का प्रतीक है। इससे एक मजबूत सेना की नींव भी रखी जाती है।

सेना को दिया ये आदेश

जिनपिंग ने ड्रोन के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कहा कि वर्तमान समय में ड्रोन युद्ध की परिस्थिति को बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब यह जरूरी हो गया है कि हम ड्रोन कॉम्बेट रिसर्च और ट्रेनिंग से जुड़ी गतिविधि को मजबूत बनाएं। इसके अलावा ड्रोन पायलटों और कमांडरों की ट्रेनिंग में भी तेजी लाना जरूरी हो गया है।

क्षमता बढ़ाने में लगी है चीनी सेना

चीनी सैन्य विश्लेषक झोउ चेनमिंग का कहना है कि हाल के दिनों में चीन की पीएलए एयरफोर्स तेजी से अपनी क्षमता को बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए उसे बड़ी संख्या में फाइटर पायलटों की आवश्यकता है। बीते साल चीन ने अपने दूसरे विमानवाहक पोत द शेडोंग का कमीशन किया था। इसके लिए भी उसे कम से कम 70 फाइटर पायलटों की जरूरत है।

इसलिए ड्रोन का ज्यादा इस्तेमाल

सैन्य विशेषज्ञ का कहना है कि हाल के दिनों में जासूसी या हवाई हमले करने में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से किया जा रहा है। ऐसे में कोई भी देश ड्रोन की ताकत को अनदेखा नहीं कर सकता। इन दिनों साउथ चाइना सी में अमेरिका और चीन के बीच भी हवाई गतिविधियों को लेकर तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में चीन के ड्रोन तकनीकी को बढ़ाने जाने की खबर महत्वपूर्ण हो जाती है।

CM योगी आदित्यनाथ पुलिस से बेहद नाराज, कानपुर के ASP दक्षिणी व CO सहित आठ पुलिस कर्मी निलम्बित


CM योगी आदित्यनाथ पुलिस से बेहद नाराज, कानपुर के ASP दक्षिणी व CO सहित आठ पुलिस कर्मी निलम्बित
CM Yogi Adityanath बेलगाम अपराध सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं। उनकी नाराजगी का असर कानपुर की एएसपी तथा सीओ के निलम्बन के रूप में हुआ है।...

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर काफी सख्त हो गए हैं। कानपुर के बिकरू कांड के बाद लैब टेक्नीशियन की अपरहण व हत्या तथा गाजियाबाद में पत्रकार की हत्या के मामलों से सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं। उनकी नाराजगी का असर कानपुर की एएसपी तथा सीओ के निलम्बन के रूप में हुआ है।

कोरोना संक्रमण के कहर में भी प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के तमाम प्रयास के बाद भी बेलगाम होता अपराध अब पुलिस के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो गई है। कानपुर बर्रा कांड में शुरुआती कार्रवाई के तहत एएसपी अपर्णा गुप्ता और सीओ मनोज गुप्ता निलम्बित कर दिया गया है। एडीजी पीएचक्यू बीपी जोगदंड को जांच सौंपी गई। सीएम योगी आदित्यनाथ की पुलिस अफसरों पर यह बड़ी कार्रवाई है।

इसमें आइपीएस अफसर अपर्णा गुप्ता कानपुर नगर में एएसपी दक्षिण के पद पर हैं जबकि पीपीएस अफसर मनोज गुप्ता सीओ बर्रा के पद पर तैनात हैं।

इनके अलावा कानपुर में संजीत यादव के अपहरण के मामले में हटाए गए पूर्व प्रभारी निरीक्षक थाना बर्रा रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को भी निलम्बित कर दिया गया है। इसके बाद बर्रा थाना के उप निरीक्षक योगेंद्र प्रताप सिंह और आरक्षी अवधेश, सौरभ पाण्डेय, विनोद कुमार, मनीष व शिव प्रताप को भी निलम्बित किया गया है। एडीजी बीपी जोगदंड अब कानपुर में अपहरण के बाद हत्या तथा फिरौती की जांच करेंगे। उनको तत्काल प्रयागराज से कानपुर पहुंचने का निर्देश जारी किया गया है।

उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के मामले में कोई भी समझौता न करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर आज सीएम आवास पर कोरोना वायरस की समीक्षा बैठक के दौरान ही दिख गए थे। पुलिस तथा अपराधियों के बीच सांठगांठ के कई मामले सामने आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ का पारा चढ़ा है। उनके तेवर देखकर अनुमान लगाया जा रहा था कि प्रदेश के पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल जल्दी हो सकता है। इसके साथ ही गाजियाबाद, सीतापुर तथा कौशांबी में लापरवाही बरतने के दोषी पुलिस वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई भी तय है।

कानपुर में उत्तर प्रदेश पुलिस के नाम एक और कलंक लग गया है। यहां से अपहृत लैब टेक्नीशियन की हत्या से सरकार की किरकिरी होने लगी है। यहां पर पुलिस ने अपहृत लैब टेक्नीशियन के घर वालों से अपहरणकर्ता को 30 लाख रुपये भी दिलवा दिए, लेकिन अपहरणकर्ता भाग निकले। कानपुर में विकास दुबे के केस के बाद यह मामला काफी संगीन हो गया है।

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