Tuesday, July 21, 2020

वैज्ञानिकों ने बढ़ाई चिंता: हो जाइये सावधान, कोरोना नहीं छोड़ेगा पीछा


वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना का संक्रमण दुबारा भी हो सकता है और दुबारा संक्रमित होने पर खतरा पहले से भी ज्यादा बढ़ जाता है और ये हम नहीं कह रहे हैं ये दवा किया है ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने। 

आम तौर पर लोगों का ये मामना है कि एक बार कोरोना वायरस की चपेट में आया व्यक्ति को दुबारा ये बीमारी नहीं होगी, जिसके चलते लोग लापरवाह हो जाते हैं और वायरस के प्रति सावधानी बरतना बंद कर देते हैं, अगर भी उन लोगों में हैं तो सावधान हो जाइये क्योकि ऐसा बिलकुल भी नहीं हैं, वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना का संक्रमण दुबारा भी हो सकता है और दुबारा संक्रमित होने पर खतरा पहले से भी ज्यादा बढ़ जाता है और ये हम नहीं कह रहे हैं ये दवा किया है ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने। वैज्ञानिकों का मामना है कि एक बार संक्रमित हुए व्यक्ति में ये वायरस लम्बे समय तक असर डालता है।

सबसे पहले गुर्दा होता है प्रभावित

वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस सबसे पहले खून साफ़ करने वाले गुर्दे को प्रभावित करता है और सबसे पहले ये अंग ख़राब होना शुरू होता है। अपने इस दावे का परखने के के लिए वैज्ञानिकों ने 10 हजार कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अपनी निगरानी में रखा है। उनका कहना है कि एक तिहाई मरीजों के गुर्दे में गंभीर असर आया है, जिसके कारण मरीज़ों को डायलिसिस या गुर्दा प्रत्यारोपण भी कराना पड़ सकता है।

वायरस का दिल और दिमाग दोनों पर असर

कोरोना वायरस का असर दिल और दिमाग दोनों पर पड़ता है, एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी ने 69 देशों के 1200 मरीजों पर रिसर्च किया तो पाया कि 15 फीसदी मरीजों के दिल में ब्लड पंप करने के तरीके में ही बदलाव हो गया है। यहीं नहीं इस वॉयरस ने लगभग 50 फीसदी मरीजों पर दिमागी असर भी डाला है। कई मरीजों को सर में दर्द, झुनझुनाहट, दौरे पड़ना, बोलने की क्षमता कम होना या ख़त्म हो जाना जैसे लक्षण प्रमुख हैं।

तीन माह बाद एंटीबाडी में गिरावट

कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के ठीक होने के तीन महीने बाद शहीर की एंटीबाडी में गिरावट आने लगती है, जिससे व्यक्ति लगातार कमजोर होने लगता है। इसलिए ये बहुत जरुरी है कि अगर आप कोरोना वायरस की जंग जीत गए हैं तब भी अपना ध्यान रखें और हर प्रकार की सावधानी रखें।

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