अमेरिका और भारत के साथ जारी तनाव के बीच चीन ने बड़ा फैसला लिया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(पीएलए) को ड्रोन युद्ध की क्षमता बढ़ाने आदेश दिया है।
पेइचिंग: अमेरिका और भारत के साथ जारी तनाव के बीच चीन ने बड़ा फैसला लिया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(पीएलए) को ड्रोन युद्ध की क्षमता बढ़ाने आदेश दिया है।
जिनपिंग ने पीएलए को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पास पहले से ही एडवांस एयरक्राफ्ट और एयर डिफेंस हथियार हैं। इसलिए युद्ध के दौरान हमारा मनोबल ऊंचा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक पायलट का प्रशिक्षण चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और लोगों के उम्मीदों का प्रतीक है। इससे एक मजबूत सेना की नींव भी रखी जाती है।
सेना को दिया ये आदेश
जिनपिंग ने ड्रोन के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कहा कि वर्तमान समय में ड्रोन युद्ध की परिस्थिति को बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब यह जरूरी हो गया है कि हम ड्रोन कॉम्बेट रिसर्च और ट्रेनिंग से जुड़ी गतिविधि को मजबूत बनाएं। इसके अलावा ड्रोन पायलटों और कमांडरों की ट्रेनिंग में भी तेजी लाना जरूरी हो गया है।
क्षमता बढ़ाने में लगी है चीनी सेना
चीनी सैन्य विश्लेषक झोउ चेनमिंग का कहना है कि हाल के दिनों में चीन की पीएलए एयरफोर्स तेजी से अपनी क्षमता को बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए उसे बड़ी संख्या में फाइटर पायलटों की आवश्यकता है। बीते साल चीन ने अपने दूसरे विमानवाहक पोत द शेडोंग का कमीशन किया था। इसके लिए भी उसे कम से कम 70 फाइटर पायलटों की जरूरत है।
इसलिए ड्रोन का ज्यादा इस्तेमाल
सैन्य विशेषज्ञ का कहना है कि हाल के दिनों में जासूसी या हवाई हमले करने में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से किया जा रहा है। ऐसे में कोई भी देश ड्रोन की ताकत को अनदेखा नहीं कर सकता। इन दिनों साउथ चाइना सी में अमेरिका और चीन के बीच भी हवाई गतिविधियों को लेकर तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में चीन के ड्रोन तकनीकी को बढ़ाने जाने की खबर महत्वपूर्ण हो जाती है।
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