Friday, April 1, 2022

योगी पार्ट 2 में माफियाओं के बाद भ्रष्ट अधिकारियों की बारी


अपने पहले कार्य़काल में गुंडों, अपराधियों औऱ माफियाओँ के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने अपने दूसरे कार्य़काल में नया टारगेट सेट किया है। प्रदेश को माफियामुक्त बनाने के बाद सीएम योगी की टेढी नजर उन भ्रष्ट औऱ निकम्मे अधिकारयों पर है, जो पूरे तंत्र को खोखला कर रहे हैं। राज्य के भ्रष्ट तंत्र को दुरस्त करने के लिए सीएम योगी (CM Yogi) ने ऐसे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई करनी भी शुरू कर दी है। गुरूवार को एक आईएएस और एक आईपीएस अधिकारी पर हुई कार्रवाई इसका उदाहरण है।

सोनभद्र के डीएम निलंबित तो गाजियाबाद के एसएसपी सस्पेंड

गुरूवार को योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए सोनभद्र के डीएम (Sonbhadra DM) और गाजियाबाद के एसएसपी (Ghaziabad SSP) पर जोरदार कार्रवाई का बुलडोजर चलाया है। सोनभद्र के डीएम टीके शिबू के खिलाफ भ्रष्टाचार समेत अन्य शिकायतें आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। इसके बाद गाजियबाद के एसएसपी पवन कुमार को कामचोरी के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया। उनपर आरोप है कि उन्होंने शहर की कानून व्यवस्था को कंट्रोल करने में ढिलाई बरती है। माना जा रहा है कि गाजियाबाद लूट कांड के कारण उनपर ये गाज गिरी है।

इन कार्रवाईयों के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सिस्टम में जमे उन भ्रष्ट औऱ निकम्मे अधिकारियों को भी एक सख्त संदेश दे दिया है कि सुधर जाएं, अन्यथा गुंडों और माफियाओं की तर्ज पर उनपर भी कार्रवाई का बुलडोजर चलाने में देर नहीं लगेगा। इन कार्रवाईयों ने यूपी के प्रशासनिक तंत्र में खलबली मचा दी है। इन दोनों ही अधिकारियों को एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि प्रदेश में अब भ्रष्टाचार और कामचोरी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

भ्रष्ट अधिकारियों की सूची बनाने का आदेश

प्रदेश में दोबारा सत्ता संभालने के साथ ही धड़ाधड़ बड़े एवं कड़े फैसले ले रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्ट औऱ कामचोर अधिकरियों को बख्शने के मूड में नहीं हैँ। उन्होंने शीर्ष अधिकारियों से साफ कर दिया है कि सरकार में बैठे ऐसे भ्रष्ट औऱ कामचोर अधिकरियों की सूची बनाई जाए औऱ फिर उनपर कार्रवाई हो। इसके लिए बकायदा विजिलेंस और सीबीसीआईडी के साथ स्क्रीनिंग कमेटी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। एसआईटी को भी जांच के लिए लगाया गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में करीब 400-500 ऐसे कर्मचारी और अधिकारी हैं जो भ्रष्टाचार के चलते योगी सरकार के रडार पर हैं। ऐसे अधिकारियों औऱ कर्मचारियों के खिलाफ पूरी जांच पड़ताल हो चुकी है, जिसमें पाया गया है कि इनका आचरण सही नहीं है। ये जानबूझकर फाइलों को दबाकर बैठते हैं। जनता के समस्याओं के प्रति पर सजग नहीं रखते हैं। इनका ध्यान हमेशा अवैध रूप से धन की उगाही में लगा रहता है। लिहाजा आने वाले समय में ऐसे सीनियर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है। सीएम योगी ने दो सीनियर अधिरकारियों पर कार्रवाई करके इसका ट्रेलर दिखा दिया है, फिल्म भी जल्द ही सामने होगी।

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