यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रामनवमी के पावन मौके पर देश में कई जगहों पर हमले किए गए...मुस्लिम जहां भी बड़ी संख्या में हैं, उन्होंने रामनवमी के त्योहार के दौरान हमले किए, लोगों को घायल किया और मारने की कोशिश की।
दरअसल रामनवमी के मौके पर रविवार को कई शहरों में जुलूस का आयोजन किया गया। इस दौरान मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों से पथराव और तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आईं। राष्ट्रीय राजधानी के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों के दो समूहों में मेस में कथित तौर पर मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर झड़प हुई। पुलिस के मुताबिक जेएनयू की घटना में छह छात्र घायल हो गए।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रामनवमी के पावन मौके पर देश में कई जगहों पर हमले किए गए…मुस्लिम जहां भी बड़ी संख्या में हैं, उन्होंने रामनवमी के त्योहार के दौरान हमले किए, लोगों को घायल किया और मारने की कोशिश की। जैन ने कहा कि वह सभी ईसाई मिशनरी, जिहादियों और वामपंथी उदारवादियों से यह समझने की अपील करते हैं कि हिंदू समाज इस तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं कर सकता।
यह सबकी जिम्मेदारी है..मैं मुस्लिम नेताओं से अपील करता हूं कि वे अपने समाज को इस तरह के रास्ते पर न ले जाएं। यह न तो आपके, ना ही आपके समाज के हित में है। मध्य प्रदेश के खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया और रामनवमी के जुलूस में पथराव के बाद 77 लोगों को गिरफ्तार किया गया। खरगोन के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी को हिंसा के दौरान गोली लगी और उनके अलावा छह पुलिसर्किमयों सहित कम से कम 24 अन्य भी घायल हो गए।
गुजरात में, पुलिस ने आनंद जिले के खंबात शहर में रामनवमी जुलूस के दौरान कथित रूप से पथराव करने और हिंसा में शामिल होने के आरोप में नौ लोगों को गिरफ्तार किया, वहीं हिम्मतनगर में इसी तरह की घटनाओं के बाद निषेधाज्ञा लागू की गई। रविवार को खंभात कस्बे में हुई झड़पों में एक व्यक्ति की मौत हो गई। साबरकांठा के जिलाधिकारी हितेश कोया ने रविवार शाम एक आदेश में छपरिया क्षेत्र सहित शहर के कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी, जहां आगजनी हुई थी। निषेधाज्ञा 13 अप्रैल तक लागू रहेगी।
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