लखनऊ 25 फरवरी। उत्तर प्रदेश में आखिर कब होंगे पंचायत चुनाव इस पर बना सस्पेंस खत्म हो गया है. गत दिवस उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में बता दिया है कि पंचायत चुनाव के लिए मतदानत बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पहले पूरा कर लिया जाएगा. यानी 24 अप्रैल से पहले पंचायत चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. इतना ही नहीं इस बार पंचायत चुनाव चार चरणों में होगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में बताया कि राज्य चुनाव आयोग ने 24 अप्रैल से पहले क्षेत्र पंचायत, ग्राम प्रधान, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत सदस्य के चारों पदों पर वोटिंग प्रक्रिया पूरी करा लेने की तैयारी शुरू कर दी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पंचायत चुनाव के अंतिम चरण के वोटिंग के दो दिन को रिर्जव रखा गया है ताकि कोई गड़बड़ी होने पर अगर जरूरत होगी तो उन केन्द्रों पर दोबारा मतदान कराया जा सके.
राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, पंचायत चुनाव की सारी प्रक्रिया 30 अप्रैल तक पूरी करवा ली जाएगी. आयोग ने यह भी साफ कर दिया है कि 26 अप्रैल को अवकाश होने की वजह से मतदान 27-28 अप्रैल को कराया जा सकता है.
वहीं उत्तर प्रदेश शासन ने पंचायत चुनाव की अनंतिम आरक्षण सूची जारी कर दी है. शासन ने इस प्रस्तावित सूची पर आठ मार्च तक आपत्तियां मांगी हैं. अंतिम सूची का प्रकाशन 13 एवं 14 मार्च, 2021 को किया जाएगा. अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने ने बताया था कि प्रदेश के 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष, 826 विकास खंडों में प्रमुख क्षेत्र पंचायत और 58,194 ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों के चुनाव के लिए अनुसूचित जाति, पिछड़ा संवर्ग और महिला के अलावा सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित कोटे की सूची जारी की.
सिंह के मुताबिक प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अनुसूचित जाति संवर्ग में छह महिला समेत कुल 16 सीटें आरक्षित की गई हैं. अन्य पिछड़ा वर्ग में सात महिला समेत कुल 20 सीटें आरक्षित की गई हैं जबकि महिलाओं के लिए 12 सीटों के अलावा 27 अन्य सीटें अनारक्षित की गई हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सभी वर्गों की मिलाकर महिलाओं के लिए कुल 25 सीटें आरक्षित की गई हैं.
अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी सूची के मुताबिक शामली, बागपत, लखनऊ, कौशांबी, सीतापुर और हरदोई जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। कानपुर नगर, औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, रायबरेली और मिर्जापुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है.
इसके अलावा संभल, हापुड़, एटा, बरेली, कुशीनगर, वाराणसी और बदायूं जिला पंचायत अध्यक्ष पद अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित किया या है. ई है जबकि आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, ललितपुर, आंबेडकर नगर, पीलीभीत, बस्ती, संतकबीरनगर, चंदौली, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जिला पंचायत अध्यक्ष पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है.
जारी सूची के अनुसार कासगंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मऊ, प्रतापगढ़, कन्नौज, हमीरपुर, बहराइच, अमेठी, गाजीपुर, जौनपुर और सोनभद्र जिला पंचायत अध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है. अलीगढ़, हाथरस, आगरा, मथुरा, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर देहात, गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, अयोध्या, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर, सिद्धार्थ नगर, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, उन्नाव और भदोही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अनारक्षित किया गया है.
सूची के मुताबिक ब्लॉक प्रमुखों के लिए कुल 826 सीटों में अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए चार सीटों समेत इस संवर्ग के लिए कुल पांच सीटें आरक्षित की गई है जबकि अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 86 सीटों समेत इस संवर्ग के लिए कुल 171 सीटें आरक्षित की गई हैं.
इसी तरह ब्लॉक प्रमुख की अन्य पिछड़ा वर्ग में महिलाओं के लिए 97 सीटों समेत इस संवर्ग में कुल 223 सीटें आरक्षित की गई हैं. प्रदेश में 113 सीटें महिलाओं के लिए और 314 सीटें अनारक्षित हैं. सिंह के अनुसार प्रदेश में 58,194 ग्राम पंचायतों में से ग्राम प्रधान की 19,659 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है।
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