खबर है कि चुनाव आयोग ने 2 मई 2021 को पांच राज्यों के विधानसभा नतीजों को लेकर एक आदेश दिया है, जिसमें कहा गया है कि मतगणना के दौरान या नतीजे आने के बाद किसी तरह का जुलूस नहीं निकाला जाएगा और न ही जश्न मनाया जाएगा.
यही नहीं, नतीजों के बाद कोई भी उम्मीदवार सिर्फ दो लोगों के साथ ही अपनी जीत का सर्टिफिकेट लेने जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि 2 मई 2021 को तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, असम और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं. इधर, बंगाल में 7 चरणों के चुनाव हो चुके हैं, जबकि अंतिम और आठवें चरण के लिए मतदान 29 अप्रैल 2021 को होगा.
याद रहे, चुनाव प्रचार के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अनेक नेताओं ने कोरोना दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ाई थी और चुनाव आयोग खामोशी से चुनावी प्रचार का तमाशा देखता रहा.
अभी कोरोना संक्रमण के कारण बिगड़ते हालात के बीच मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है.
कोर्ट ने आयोग को चेतावनी भी दी थी कि 2 मई 2021 को मतगणना के दिन के लिए कोविड प्रोटोकॉल बनाए जाएं और उनका पालन हो, नहीं तो मतगणना पर रोक लगा दी जाएगी.
मजबूरन, चुनाव आयोग को अब सख्त निर्णय लेना पड़ा है, लेकिन सब कुछ लुटा के होश में आए तो क्या किया?
तमाम विरोध के बावजूद पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव करवाए गए, बेहिसाब चुनावी रैलियां हुई, जिनके कारण चुनावी नतीजों से पहले धमाकेदार कोरोना परिणाम आ रहे हैं.
अब किसे कोरोना अपराधी ठहराएं? किसे सजा दें? और कौन सजा दे?
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