Friday, December 10, 2021

लद्दाख में दम तोड़ रहे चीनी कमांडर, जनरल बिपिन रावत के निधन पर ग्‍लोबल टाइम्‍स ने उगला जहर

बीजिंग
चीन के सरकारी भोंपू ग्‍लोबल टाइम्‍स ने भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ (CDS) के हेलिकॉप्‍टर हादसे में मौत पर भारतीय सेना के खिलाफ जहर उगला है। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने इस हादसे को भारतीय सेना की खामी करार दिया। उसने दावा किया कि रावत के निधन से भारतीय सेना को आधुनिक बनाने के मिशन को भारी झटका लगा है। चीन की सत्‍तारूढ़ कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ने भारतीय सेना के खिलाफ यह आरोप ऐसे समय पर मढ़े हैं, जब खुद उसके कमांडर अक्‍साई चिन में पड़ रही भीषण ठंड का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं और दम तोड़ रहे हैं।

जनरल रावत के निधन पर ग्लोबल टाइम्स ने बेशर्मी से भरे बयान देने शुरू कर दिए हैं। ग्लोबल टाइम्स ने सीडीएस के हेलिकॉप्टर हादसे को भारतीय सेना की खामी करार दिया। यह नहीं उसने जनरल रावत को चीन विरोधी करार दिया। ग्लोबल टाइम्स ने जहर उगलते हुए लिखा कि बुधवार को एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में भारत के रक्षा प्रमुख की मौत ने न केवल भारतीय सेना के अनुशासन और युद्ध की तैयारियों की कमी को उजागर किया, बल्कि देश के सैन्य आधुनिकीकरण को भी भारी झटका दिया। अखबार ने विश्लेषकों के हवाले से लिखा कि चीन विरोधी शीर्ष रक्षा अधिकारी के चले जाने के बावजूद दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन के प्रति भारत के आक्रामक रुख में बदलाव की संभावना नहीं है।

‘भारतीय सैनिक मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन नहीं करते’
ग्लोबल टाइम्स ने विश्लेषकों के हवाला देते हुए दावा किया कि दुर्घटना के सभी संभावित कारण रूसी मूल के हेलीकॉप्टर के बजाय मानवीय कारकों की ओर इशारा करते हैं। वेई डोंगक्सू ने यह भी कहा कि हालांकि, भारतीय सेना कई प्रकार के हेलीकॉप्टरों का संचालन करती है, जिनमें घरेलू रूप से विकसित हेलिकॉप्टर, दूसरे देशों से ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी से भारत में बनाए गए हेलिकॉप्टर, अमेरिका और रूस से खरीदे गए हेलिकॉप्टर शामिल हैं। इस कारण हेलिकॉप्टर में लॉजिस्टिक सपोर्ट और मेंटिनेंस की समस्या होगी।

चीन के सरकारी अखबार ने दावा किया कि भारतीय सैनिक अक्सर मानक संचालन प्रक्रियाओं और नियमों का पालन नहीं करते हैं। चीन भले ही दुख की इस घड़ी में भारतीय सेना पर आरोप लगा रहा हो लेकिन खुद उसके सैनिक और कमांडर लद्दाख की ठंड को नहीं झेल पा रहे हैं। चीन उन्‍हें बचा नहीं पा रहा है और यही वजह है कि वे मैदान छोड़कर या तो भाग रहे हैं या उनकी मौत हो जा रही है।


बीमारियों से तड़प रहे चीनी सैनिक, सबसे बड़े कमांडर की मौत

दरअसल, पूर्वी लद्दाख में भारतीय जमीन पर कब्‍जा करने की हसरत रखने वाले चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग को उनका यह सपना बहुत भारी पड़ रहा है। चीन की पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी ने पूर्वी लद्दाख में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर करीब 50 हजार सैनिक तैनात कर रखे हैं। लद्दाख की भीषण ठंड और कम ऑक्‍सीजन अब चीनी सैनिकों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। वे पेट से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसी बीमारी की चपेट में आने से चीनी सेना के सबसे बड़े पश्चिमी थिएटर कमांड के कमांडर रहे झांग जुडोंग की मौत हो गई है। वह मात्र 6 महीने ही लद्दाख की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को झेल पाए।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अभी कुछ महीने पहले ही पीएलए कमांडर झांग ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था। अखबार ने कहा कि झांग जुडोंग को पेट के साथ कैंसर की बीमारी से भी जूझना पड़ रहा था। आलम यह है क‍ि पिछले नौ महीने में तीन बार चीन को अपने वेस्टर्न थिएटर कमांड के कमांडर को बदलना पड़ा है। चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वेस्टर्न कमांड का मुख्यालय तिब्बत में स्थित है। चीनी सेना की यही कमांड भारत के लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैले लाइन ऑफ कंट्रोल (LaC) पर तैनात हैं।


चीनी राष्‍ट्रपति के पसंदीदा थे जनरल झांग

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पहले जून महीने में जनरल झांग की जगह पर इस पद पर जनरल शू क्यूलिंग को तैनात किया था। वहीं दो महीने बाद ही वेस्टर्न थिएटर कमांड की जिम्मेदारी जनरल वांग हैजियांग को सौंप दी गई। दिसंबर 2020 में जनरल झांग जुडोंग को कमांडर बनाया गया था। दो सैन्‍य सूत्रों ने बताया कि जनरल झांग जुडोंग 58 साल के थे और गत एक अक्‍टूबर को उनकी मौत हो गई। जून महीने में अपने पद से हटते समय जनरल झांग ने कोई कारण नहीं बताया था। चीनी सेना के एक सूत्र ने कहा कि जनरल झांग और शू दोनों ही उभरते हुए सितारे की तरह से थे। वे चीनी राष्‍ट्रपति के पसंदीदा जनरल थे और शी जिनपिंग उन पर बहुत ज्‍यादा भरोसा करते थे।

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