सर्वधर्म सदभाव अर्थात सभी धर्मों का एक जैसा आदर। सेक्युलर अर्थात धर्म निरपेक्ष अर्थात किसी धर्म का पक्ष नहीं।
फिर यह सिविल कोड में क्यों नहीं। फिर शरीयत और मुस्लिम पर्सनल लॉ की डिमांड क्यों। कॉमन सिविल कोड से फिर इतनी क्यों फट रही है?
इन दोगलों से पूछो की तुम्हे हिन्दू तो सेक्युलर चाहिए पर तुम खुद सेक्युलर नहीं रहना चाहते। तुम्हें अपनी सुविधा अनुसार अपना कानून चाहिए, अपनी शरीयत चाहिए।
जिनपर पड़ोसी देशों में जुल्म हो रहा है उनके लिए आये CAA पर एतराज है पर रोहीनगियों के लिए मानवाधिकार का पैमाना आ जाता है।
सालों यह दोगलापन ही तो मोदी खत्म करना चाह रहा है। फिर तुम्हारी इतनी फट क्यों रही है। जब मालूम पड़े तो हमें भी जरूर बतलाना।
हम भी हिन्दू हैं। पर जो हिन्दू धर्म पर चोट करे वो हमारे दुश्मन नम्बर वन है, चीन से भी बड़े। अब चाहे वो मुल्ले हो या हिन्दू।
और हाँ दोगले हिंदुओं तुम्हारा मर जाना ही बेहतर है। इस धरती पर तुम्हारे जैसे भ्राताघातकों की कोई जगह नहीं है।
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