चीन में फैले कोरोना की लहर और उससे होने वाली मौतों से चीन की सरकार परेशान है. चीन में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना की वजह से चीन में हजारों लोगों की मौत अब तक हो चुकी है, अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं और लोगों को इलाज के लिए अस्पताल और बेड कम पड़ रहे हैं. चीनी सरकार जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid-19 Policy) के तहत पिछले दिनों कई शहरों में लॉकडाउन लगा कर हालात को काबू में करने की कोशिश कर रही है लेकिन लेकिन वह पूरी तरह से नाकामयाब है.
जानकारों के मुताबिक चीन ने दुनिया से कोरोना के बढ़ते मामलों को दबाने के लिए जीरो कोविड पॉलिसी लागू की थी जिसके खिलाफ चीन के लोग सड़कों पर आ गए. लोगों की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी में कुछ राहत देने का फैसला किया जिसके बाद हालात और बेकाबू हो गए.
अब जबकि चीन में कोरोना से हालात बेकाबू हो गये है ऐसे में कई यूरोपीय कंपनियां चीन से अपने कारोबार को समेट रही हैं. चीन में इस वक्त बेरोजगारी आसमान छू रही है और यही वजह है कि चीन के लोगों में शी जिनपिंग सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. चीन में पिछले दिनों हुए लोगों के प्रदर्शन इसी कहानी को बयां कर रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल 30 सितंबर से 14 दिसबंर के बीच चीनी सरकार के खिलाफ 28 प्रदर्शन हो चुके हैं और इसके पीछे सबसे बड़ी वजह चाइना नेशनल डे, 20th Congress of Chinese Communist Party, ईस्ट तुर्किस्तान की आजादी समेत चीन सरकार की जीरो कोविड पॉलिसी रही है.
चीन के कोरोना के बढ़ते मामलों पर नज़र रखने वाले जानकारों के मुताबिक जहां दुनिया ने अपने देशों में कोरोना पर रोकथाम के लिए कोरोना वायरस पर रिसर्च कर वैक्सीन का सहारा लिया वहीं चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी के जरिये लॉकडाउन और आइसोलेट कर घरों में नजरबंद कर दिया. दरअसल चीन इसके जरिये दुनिया से अपने देशों में बढ़ते कोरोना के मामलों को छुपाना चाहता था.
जानकारों के मुताबिक चीन की सरकार को कोरोना से ज्यादा अपने अर्थव्यवस्था की चिंता थी. चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि वो अब कोरोना वायरस को डेली डेटा जारी नहीं करेगा. हम आपको बता दे कि चीन पिछले तीन सालों से हर रोज अपने देश में कोरोना के डेटा जारी कर रहा था.
चीनी सरकार के खिलाफ हो रहे इन प्रदर्शनों में चीन में रह रहे लोगों के साथ-साथ दुनिया के दूसरे देशों में रह रहे चीनी लोग भी शामिल हो रहे हैं जिसको रोक पाने में शी जिनपिंग सरकार नाकाम हो रही है. सोशल मीडिया पर चीन से कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें परिवार के लोग कब्रिस्तान के बाहर अपने करीबियों के शवों के साथ लंबी कतार में खड़े हैं.
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