पश्चिमी देश शायद समय रहते इसका अंदाजा नहीं लगा पाएंगे कि रूस कब परमाणु हमला करने वाला है। ये बातें ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी GCHQ के चीफ जर्मी फ्लेमिंग ने कही है। फ्लेमिंग ने कहा, "रूस इकलौता ऐसा देश है जो परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बात कर रहा है और मुझे कहना होगा कि ऐसा करना बेहद खतरनाक है।"
एक सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए फ्लेमिंह ने कहा, "मैं अपने सहयोगी देशों के साथ यह सोचना चाहूंगा कि हमारे पास परमाणु हमले का समय से पहले पता लगाने का अच्छा मौका है, लेकिन यह सबको पता है कि इस क्षेत्र में इसकी कोई गारंटी नहीं है।"
इस कॉन्फ्रेंस में नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा कि सहयोगी देशों की सेना रूस के न्यूक्लियर फोर्सेज की "बारीकी से निगरानी" कर रहा है।
उन्होंने कहा कि व्लादिमीर पुतिन की 'अप्रत्यक्ष परमाणु धमकी' काफी खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना है और रूस यह बात जानता है कि एक परमाणु युद्ध को "कभी जीता नहीं जा सकता" है।
वहीं, यूक्रेन पर परमाणु हमले को लेकर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि मॉस्को तब ही परमाणु हथियारों का सहारा लेगा जब रूस को तबाही का सामना करना पड़ेगा। सरकारी टीवी से बातचीत करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश रूस की मंशा को लेकर झूठी अटकलों को बढ़ावा दे रहे हैं।
रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि रूस की मंशा अमेरिका या नाटो के साथ सीधे टकराव की नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका देश आशा करता हैं कि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश तनाव के बढ़ने के खतरों से वाकिफ होंगे।
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