Sunday, October 23, 2022

NATO देशों ने यूक्रेन को हथियार देने किए बंद, सताने लगा पुतिन के हमले का डर


मॉस्को (उत्तम हिन्दू न्यूज): जहां एक तरफ रूसी सैनिक यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में बमबारी और एयर स्ट्राइक से घाव दे रही है, वहीं दूसरी ओर नाटो देशों ने यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई बंद कर दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई करते-करते नाटो देश खुद कंगाल हो गए हैं और अब उन्हें रूस के संभावित हमले से खुद की सुरक्षा की चिंता सता रही है। हालांकि यूक्रेन के लिए राहत यह है कि अमेरिका ने यूक्रेन को आर्थिक और हथियारों की मदद नहीं रोकी है।

इस मामले के जानकारों का कहना है कि अधिकतर नाटो देशों का यूक्रेन को मदद देने से अपने हाथ खींचना रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बड़ी जीत के रूप में देखी जा सकती है। इस बात में कोई संदेह नहीं कि रूस दुनिया की महाशक्ति है और परमाणु हथियारों से लेकर कई घातक हथियारों का जखीरा रखे हुए है। पिछले एक साल में हालांकि रूस का हथियार भंडार भी प्रभावित हुआ है लेकिन, खत्म नहीं हुआ। हाल ही में रूसी सैनिकों ने यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई शहरों पर ईरानी ड्रोन से तबाही मचाई थी। अब रूसी सैनिक खेरसॉन शहर में यूक्रेनी सैनिकों को खदेड़ने में जुटे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कई यूरोपीय देश यूक्रेन को मदद करके खुद कंगाल हो गए हैं। कई नाटो देश इस वक्त हथियारों की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में अब उन्हें खुद की सुरक्षा का खतरा सता रहा है। पिछले कुछ महीनों में संयुक्त राज्य अमेरिका और कई नाटो देशों ने रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन को अरबों डॉलर के हथियार और उपकरण सप्लाई किए हैं। लेकिन अब कई छोटे नाटो देशों और यहां तक ​​​​कि कुछ बड़े देशों के पास हथियारों का जखीरा खत्म होने लगा है।

रिपोर्ट कहती है कि हथियारों का तुरंत निर्माण कई नाटो देशों के लिए मुश्किल है। दुनिया इस वक्त आर्थिक मंदी झेल रही है। ऐसे में कई छोटे नाटो देशों के पास तुरंत घातक हथियार आयात करना या तैयार करना लगभग असंभव है। कई बड़े देश भी इससे अछूते नहीं है। इसके पीछे बड़ी वजह मजबूत रक्षा क्षेत्र का न होना भी है।

अब ये नाटो देश इस धर्मसंकट में हैं कि क्या वे अपने हथियारों की सप्लाई यूक्रेन को मदद के लिए आगे भी जारी रखेंगे या फिर रूस के संभावित हमले से खुद को बचाएंगे?

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