जर्मन नेता से मिले जो बिडेन
इस बीच अमेरिका ने कूटनीतिक घेराबंदी करते हुए सोमवार को जर्मनी की नए नेता से मुलाकात की थी। उसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि रूस यदि हमला करता है तो हम रूस और जर्मनी के बीच गैस पाइप लाइन के खत्म कर देंगे। वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पलटवार करते हुए कहा कि सिर्फ अमेरिकी और उसके सहयोगी देश ही आक्रमण की बातें कर रहे हैं।
रूस-यूक्रेन सीमा पर बढ़ा सैन्य बल
गौरतलब है कि रूस ने यूक्रेन की सीमा पर हजारों सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। साथ ही नई सैन्य बटालियन भी तैनात की जा रही है। यही कारण है कि व्हाइट हाउस लगातार युद्ध की आशंका व्यक्त कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन यूरोपीय संघ और अन्य सहयोगी देशों की मदद से रूस के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंधों के लिए समर्थन को मजबूत करना चाहता है।
इसलिए बढ़ रही भारत की चिंता
स्वीडिश थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार भारत को अधिकांश सैन्य हथियारों की सप्लाई रूस से होती है और यह एक बेहद अहम पक्ष है। लद्दाख में चीन और भारत के सैनिक आमने-सामने हैं, ऐसे में यूक्रेन के मामले में भारत, रूस को नाराज करते ज्यादा जोखिम लेने की स्थिति में नहीं है। वहीं दूसरी तरफ भारत अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों का भी अहम साझेदार है, इसलिए भारत इस युद्ध के चलते धर्मसंकट की स्थिति में पहुंच सकता है।
दुनिया के दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है रूस
यदि रूस और यूक्रेन में बीच युद्ध संकट गहराता है तो भारत में भी गैस व पेट्रोल डीजल की कीमतों में भारी उछाल आ सकता है। दरअसल रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। युद्ध के चलते आशंका जताई जा रही है कि गैस ऊर्जा आपूर्ति बाधित हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर रूस और यूक्रेन में तनाव बना रहा तो क्रूड ऑयल की कीमत फिर से आसमान पर पहुंच जाएगी।
No comments:
Post a Comment