Friday, February 11, 2022

शिवपाल के 'अपमान' के बाद उनके समर्थकों ने सपा के खिलाफ खोला मोर्चा, अखिलेश की बढ़ेगी टेंशन


लखनऊ, 10 फरवरी: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने जिस तरह से शिवपाल यादव को केवल एक ही सीट पर सिमटा दिया है उससे सपा और प्रसपा के बीच दूरियां बढ़ रही हैं। कई जगहों पर तो कार्यकर्ता खुद इसे शिवपाल के अपमान से जोड़कर देख रहे हैं। समाजवादी पार्टी और प्रसपा के बीच चल रहे भीतरी तनातनी के बीच प्रसपा के नेताओं ने विधानसभा चुनावों से ही दूरी बना ली है। कई नेता दूसरे दलों के साथ जुट गये हैं तो कई मौन हो गये हैं। इसका कारण है, समाजवादी पार्टी द्वारा पूरे प्रदेश में शिवपाल सिंह को छोड़कर किसी नेता को टिकट न देना। प्रयागराज, वाराणसी, सहित लखनऊ की सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के नेताओं ने दूरी बना ली है।

शिवपाल

लखनऊ की सीटों को देखा जाय तो जिले की सभी नौ विधानसभा सीटों पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेताओं ने चुनाव से ही किनारा कर लिया है। यही नहीं प्रसपा लोहिया के दो पदाधिकारियों प्रसपा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल व अजय कुमार ने तो पाला ही बदल लिया। वहीं शेष अन्य सात सीटों पर अब प्रसपा लोहिया के पदाधिकारियों ने चुनाव से दूरी बना ली है।

प्रसपा के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल ने पहले सरोजनीनगर से निर्दलीय ही नामांकन कर दिया। इसके साथ ही भाजपा की सदस्यता भी ले ली। वहीं लखनऊ कैंट से प्रसपा लोहिया से घोषित इंजीनियर अजय कुमार ने पाला बदलकर आम आदमी पार्टी की सदस्यता लेकर आम आदमी पार्टी के लखनऊ कैंट के उम्मीदवार हैं। लखनऊ उत्तर से प्रसपा लोहिया के प्रदेश महासचिव अजय त्रिपाठी मुन्ना तैयारी कर रहे थे। यहां से सपा ने छात्रनेता पूर्व शुक्ला को उतारा है। ऐसे में अजय त्रिपाठी मुन्ना ने भी सपा के जनसंपर्क की दूरी बना ली है।

शिवपाल

वहीं बख्शी का तालाब से टिकट मांग रहे प्रसपा लोहिया के जिलाध्यक्ष रंजीत यादव भी सपा की सूची जारी होने के बाद से गायब चल रहे हैं। इसी तरह लखनऊ पश्चिम, लखनऊ मध्य, लखनऊ पूर्व, मलिहाबाद, मोहनलालगंज में भी प्रसपा लोहिया की कमेटी सपा के साथ चुनाव मैदान में नहीं उतरी है। प्रसपा लोहिया के इंदिरानगर स्थित महानगर कार्यालय में संगठन को लेकर भी बैठकें हो रही हैं। सपा प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार करने से महानगर के पदाधिकारी भी बच रहे हैं।

मैनपुरी में पीएसपी विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष राजवीर यादव ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पीएसपी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की है और शिवपाल यादव ने बड़ी मेहनत से पार्टी बनाई है. उन्होंने कहा कि सपा ने सिर्फ एक सीट दी है और यह उनके नेता का अपमान है। उन्होंने कहा कि सपा के किसी भी होर्डिंग में उनके नेता का फोटो नहीं लगाया जा रहा है और हाल ही में करहल आए सपा प्रमुख ने जिले की सभी सीटों के लिए जनता से वोट मांगा, लेकिन वोट नहीं मांगा। इतना ही नहीं गठबंधन में पीएसपी नेताओं की उपेक्षा की जाती है और पीएसपी नेताओं को एसपी के किसी भी कार्यक्रम की जानकारी नहीं होती है।

वहीं, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसपी) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का दर्द सोमवार को मीडिया के सामने आया। अपनी विधानसभा सीट जसवंतनगर के एक होटल में सोमवार रात कुछ कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि पार्टी ने कुर्बानी दी लेकिन बदले में कुछ नहीं मिला। पार्टी ने चुनाव से पहले 100 उम्मीदवारों की घोषणा की थी और उन्होंने अखिलेश यादव को 35 सीटों की सूची सौंपी थी। इसके बावजूद उन्हें एक ही सीट मिली। शिवपाल ने कहा कि उन्हें कम से कम 50 सीटें मिलनी चाहिए थीं और उनके उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचते।

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