Tuesday, August 18, 2020

अमीर होगा हर इंसान: नासा कर रहा तैयारी, ये यान कर देगा सभी को मालामाल


नासा(NASA) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी को लेकर अहम खबर सामने आई है। नासा उस एस्टेरॉयड का अध्ययन करने जा रहा है, जो धरती पर रह रहे हर इंसान को अरबपति बना दे। ये एस्टेरॉयड पूरा का पूरा लोहे, निकल और सिलिका का बना हुआ है।

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अमीर होगा हर इंसान: नासा कर रहा तैयारी, ये यान कर देगा सभी को मालामाल

नई दिल्ली। नासा(NASA) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी को लेकर अहम खबर सामने आई है। नासा उस एस्टेरॉयड का अध्ययन करने जा रहा है, जो धरती पर रह रहे हर इंसान को अरबपति बना दे। ये एस्टेरॉयड पूरा का पूरा लोहे, निकल और सिलिका का बना हुआ है। ऐसे में अब अगर इस एस्ट्रेरॉयड में मौजूद इन सभी बेशकीमती धातुओं को बेच दिया जाएं, तो इससे मिलने वाली रकम से धरती पर रहने वाले हर इंसान को लगभग 10,000 करोड़ रूपए मिलेंगे।

कीमत- 10000 के पीछे 15 जीरो और लगा दिए जाएं

अमेरिकी एजेंसी नासा ने इस एस्टेरॉयड का नाम 16 साइकी (16 Psyche) रखा है। इस पूरे एस्टेरॉयड पर सिर्फ लोहे की कुल कीमत ही करीब 10000 क्वॉड्रिलियन पाउंड है। मतलब कि आसान शब्दों में देखें तो 10000 के पीछे 15 जीरो और लगा दिए जाएं। इस एस्ट्रेरॉयड की स्टडी करने वाले स्पेसक्राफ्ट का नाम भी साइकी ही रखा गया है।

asteroid 16 Psyche

नासा का साइकी स्पेसक्राफ्ट साइकी 226 किलोमीटर चौड़े इस एस्टेरॉयड का अध्ययन करेगा। स्पेसक्राफ्ट का क्रिटकिल डिजाइन स्टेज पूरा हो चुका है। सामने आई रिपोर्ट के अनुसार 10000 क्वॉड्रिलियन पाउंड (10,000,000,000,000,000,000 पाउंड) यानी धरती पर मौजूद हर आदमी को करीब 10 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे। ये कीमत उस एस्टेरॉयड पर सिर्फ पूरे लोहे की है।

Space

अंतरिक्षयान से मिशन शुरू करें

बेशकीमती इस एस्टेरॉयड 16 साइकी मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच घूम रहे एस्टेरॉयड बेल्ट में है। नासा ने स्पेस एक्स के मालिक एलन मस्क से मदद मांगते हुए कहा है कि वे इस एस्टेरॉयड पर मौजूद लोहे की जांच के लिए अपने अंतरिक्षयान से मिशन शुरू करें।

ऐसे में नासा का कहना है कि इस एस्टेरॉयड को धरती के करीब लाने की कोई योजना नहीं है। लेकिन इसपर जाकर इसके लोहे की जांच करने की योजना बनाई जा रही है।

साथ ही ये भी बताया कि नासा की तैयारी है कि वह अगस्त 2022 में साइकी स्पेसक्राफ्ट को एस्टेरॉयड 16 साइकी पर भेजे। अगर स्पेस एक्स अपने अंतरिक्षयान से कोई रोबोटिक मिशन इस एस्टेरॉयड पर भेजेगा तो उसे वहां जाकर अध्ययन करके वापस आने में 7 साल लगा जाएगें।

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