हिमाचल प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सक्रियता ने भाजपा और कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। दोनों दल पहले आपस में मुकाबला मान रहे थे लेकिन आप की दस्तक ने दोनों दलों को रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश में आम आदमी पार्टी की दस्तक के बाद उथल पुथल मच गई है। शिमला शहर में आम आदमी पार्टी (आप) की दस्तक के बाद अब नगर निगम चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों को अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी। भाजपा जहां लंबे समय से शहर में लोगों को बिजली व पानी से लेकर अन्य सुविधाओं में राहत देने का प्रयास कर रही है, वहीं कांग्रेस को भी ये सोचने के लिए मजबूर किया है कि उन्हें भी आम लोगों से जुड़ी घोषणाएं करनी पड़ सकती हैं। इसके लिए कांग्रेस की शिमला से लेकर दिल्ली तक चर्चा हुई है।
हाल ही में चंडीगढ़ में हुए नगर निगम चुनाव का हवाला भी दोनों ही दलों की राजनीतिक बैठकों में दिया जा रहा है। इस दौरान चंडीगढ़ में भी भाजपा व कांग्रेस के बीच में जंग मानी जा रही थी, लेकिन परिणाम ने सभी को चौंका दिया था। यहां पर कांग्रेस को जहां जीत की उम्मीद थी, वहीं उन्हें नुकसान उठाना पड़ा। इसी तरह से आम आदमी ने परिणाम में सभी को हैरान कर दिया। चंडीगढ़ की तरह शिमला में भी आम आदमी पार्टी ने अपने कुनबे को बढ़ाने के लिए काम शुरू कर दिया है। इससे दोनों ही राजनीतिक दलों ने अपनी गतिविधियां भी तेज कर दी हैं।
भाजपा फैसले लेकर दे रही है राहत
भाजपा शहर में बिजली के मीटर बिना कनेक्शन के देकर या बिजली सस्ती देकर राहत देने के प्रयास में लगी है। इसी तरह से शहर में लोगों को राहत देने के लिए आगे क्या काम किया जा सकता है, इस पर भी रणनीति बन रही है। अब आने वाले दिनों में शहर के लोगों को पानी के मसले पर भाजपा से उम्मीद है।
कांग्रेस चुनावी घोषणापत्र की तैयारी में
कांग्रेस भी लगातार अपने घोषणापत्र में कैसे बेहतर सुविधाएं शहर के लोगों को दे सकती है, इस पर काम कर रही है। इसके लिए दूसरे राज्यों के बड़े शहरों के नगर निगम के घोषणापत्रों को खंगाला जा रहा है। इनमें से अहम बिंदुओं को लेकर पूरे शहर के लिए एक आकर्षक घोषणा पत्र तैयार किया जा सकता है।
No comments:
Post a Comment