लद्दाख में पिछले दो सालों से विवाद की स्थिति बनी हुई है। आए दिन पाकिस्तान भी अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर नापाक हरकतों को अंजाम देता रहता है। इसके अलावा यूक्रेन-रूस विवाद के बीच विश्वयुद्ध की भी आशंकाएं जताई जा रही हैं। भारत का इसमें कोई रोल नहीं है, लेकिन तीनों सेनाएं लगातार खुद को मजबूत करने में जुटी हुई हैं। इस बीच शनिवार को भारतीय नौसेना को एक बड़ी कामयाबी मिली।
आईएनएस चेन्नई से किया फायर
नौसेना के मुताबिक ब्रह्मोस मिसाइल के उन्नत संस्करण का शनिवार को सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया। इस लंबी दूरी की मिसाइल ने अपने लक्ष्य को सटीक रूप से भेद दिया। साथ ही फ्रंटलाइन प्लेटफार्मों की युद्ध और मिशन तत्परता का प्रदर्शन किया। नौसेना ने आगे कहा कि आईएनएस चेन्नई से जवानों ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को फायर किया था। इस दौरान उसने जमीन पर स्थित लक्ष्य को पूरी तरह से तबाह कर दिया।
दोनों भारत में निर्मित
नौसेना के मुताबिक ब्रह्मोस मिसाइल और आईएनएस चेन्नई दोनों ही भारत में निर्मित हैं। मिसाइल के साथ ही जहाज ने भी अपने हाईटेक उपकरणों का सफल प्रदर्शन किया। ये दोनों आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया प्रयासों में भारतीय नौसेना के योगदान को सुदृढ़ करते हैं। भारतीय नौसेना ने कहा कि ये उपलब्धि नौसेना की क्षमता को और मजबूत बनाती है। जब भी जरूरत पड़ी तो पानी के साथ हवा और जमीन पर वो दुश्मन को तबाह कर देंगे।
ये है खासियत
ब्रह्मोस मिसाइल की गिनती 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में होती है। ये सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो 4300 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन के ठिकाने को भेद सकती है। ये 400 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन को निशाना बना सकती है। नौसेना के युद्धपोत से लेकर भारतीय वायुसेना के सुखोई लड़ाकू विमान तक से इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है। इस मिसाइल की सटीकता इसको खास बनाती है। रूस और भारत के संयुक्त प्रोजेक्ट के तौर पर ब्रह्मोस मिसाइल को तैयार किया गया था। इसमें Brah का मतलब ब्रह्मपुत्र और Mos का मतलब मोस्कवा है।
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