उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों के मामले में अब नया खुलासा हुआ हैं। यूपी पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक इन फर्जी शिक्षकों की संख्या 5000 से भी ऊपर हो सकती है। जिनकी जांच अभी चल रही है। अभी तक सबसे ज्यादा 85 मामले मथुरा से पकड़े गए। उसके अलावा बलरामपुर, बरेली, सिद्धार्थनगर, गोंडा, महाराजगंज, आजमगढ़, सीतापुर, अमेठी, सुल्तानपुर, कुशीनगर, बाराबंकी, अंबेडकरनगर और दूसरे जिलों में कुल 126 एफआईआर अब तक दर्ज कराई गई हैं। फर्जी शिक्षकों के मामले की जांच कर रही एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक पिछले 2 साल में करीब 250 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। माना जा रहा है कि फर्जीवाड़ा के लिए जालसाज 8 तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी लेने वालों में सबसे पहले मथुरा जिले में लिपिक महेश शर्मा, 13 शिक्षक और दो कंप्यूटर ऑपरेटर पकड़े गए थे। इनसे पूछताछ में पता चला कि पूरे प्रदेश में सैकड़ों लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। अभी तक पकड़े गए आरोपीयों में फर्जी अंक पत्र के आधार पर नौकरी पाने वालें अधिक लोग मिले हैं। वहीं अब तक की जांच में आरोपीयों ने नौकरी दिलाने के लिए 8 खास तरीके इस्तेमाल किए हैं।
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