1980 के बाद से यह दुनिया बैंक, एशियाई विकास बैंक व पश्चिमी सहयोगियों से आर्थिक मदद की गुहार लगाता रहा है, लेकिन सभी ने यह कहते हुए मना कर दिया कि प्रोजेक्ट पाक के कब्जे वाले कश्मीर में है।
इसके बाद पाक ने चाइना का रुख किया, जिसके योगदान से अब बांध का निर्माण काम प्रारम्भ हुआ है। बांध को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का भाग बनाया गया है।
पिछले चार दशकों में चार पाकिस्तानी प्रधानमंत्रियों द्वारा इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया है, लेकिन निर्माण काम अब जाकर प्रारम्भ हो पाया है।
दरअसल, इस प्रोजेक्ट को उच्च लागत, हिंदुस्तान के साथ क्षेत्रीय टकराव व लोकल लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। परियोजना की अनुमानित लागत $14 बिलियन है। पाक इसके लिए लंबे समय से धन की व्यवस्था करने में जुटा है।
बांध गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) में सिंधु नदी पर बनाया जाएगा, जो पाक के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में है। इसके 2028 में पूरा होने की उम्मीद है।
यदि निर्माण काम पास होता है तो यह संसार का सबसे ऊंचा रोलर कॉम्पैक्ट कंक्रीट बांध होगा। बांध से पाक को सस्ती बिजली मिलेगी व रोजगार पैदा होंगे।
कि उनकी सरकार देश के इतिहास में सबसे बड़ा बांध बनाएगी। विवादस्पद डायमर-भाषा बांध के निर्माण में चाइना (China) पाक को सहायता प्रदान कर रहा है।
भारत-चीन (India-China) तनाव के बीच पाक (Pakistan) ने विवादास्पद डायमर-भाषा बांध (Diamer-Bhasha dam) का निर्माण प्रारम्भ कर दिया है। पीएम इमरान खान (Imran Khan) ने इसकी घोषणा करते हुए बोला है
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