अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत को लेकर बांग्लादेश ने प्रतिक्रिया दी है. बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमेन ने रविवार को कहा है कि भारत सरकार और भारतीय समाज को कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे बांग्लादेश के साथ उसके ऐतिहासिक रिश्ते प्रभावित हों.
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राम मंदिर निर्माण को लेकर बांग्लादेश के रुख पर मोमेन ने 'द हिंदू' से कहा, "भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक रिश्ता रहा है. हम मंदिर निर्माण से अपने संबंधों को नुकसान नहीं पहुंचने देंगे हालांकि मैं भारत से अपील करता हूं कि वे किसी भी ऐसे घटनाक्रमों को ना होने दें जिससे हमारी खूबसूरत और गहरी दोस्ती को चोट पहुंचे. ये बात दोनों देशों पर लागू होती है और दोनों पक्षों को इस तरह से काम करना चाहिए ताकि किसी भी तरह की बाधा को टाला जा सके."
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मोमेन ने 'द हिंदू' से कहा कि भारत और बांग्लादेश के हर धड़े को संबंध मजबूत करने में सकारात्मक भूमिका अदा करना चाहिए. बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा, भारतीय समाज की भी जिम्मेदारी है कि वह हमारे साथ संबंध अच्छे रखने के प्रयास करे. सरकारें इस तरह के मामलों में सब कुछ नहीं कर सकतीं. लोगों और मीडिया भी किसी देश के साथ संबंध अच्छे रखने में अहम भूमिका निभाते हैं.
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बांग्लादेश के कुछ विश्लेषकों का कहना है कि भले ही राम मंदिर का निर्माण भारत का आंतरिक मसला है लेकिन बांग्लादेश के लोगों पर इसका भावनात्मक असर पड़ेगा.
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मोमेन ने बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रमों को हो रही चर्चा को लेकर मोमेन ने कहा कि इसमें कुछ लोगों के हित जुड़े हुए हैं. बांग्लादेश के अखबार भोरेर कागज की एक रिपोर्ट आई है जिसमें कहा गया है कि भारतीय उच्चायुक्त रीवा गांगुली दास शेख हसीना से तमाम कोशिशों के बावजूद मुलाकात नहीं कर पा रही हैं. कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि ये मुलाकात कोरोना वायरस महामारी की वजह से नहीं हो पाई है. कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए ज्यादातर लोगों से संवाद डिजिटल प्लैटफॉर्म के जरिए ही हो रहा है. महामारी खत्म होते ही मुलाकातें शुरू की जाएंगी.
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पिछले सप्ताह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शेख हसीना से फोन पर बात की थी. इमरान खान के दफ्तर की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि इस बातचीत में कश्मीर का भी मुद्दा उठाया गया. मोमेन ने कहा कि ये बातचीत महज शिष्टता के तहत हुई थी. बांग्लादेश क्षेत्रीय शांति का समर्थन करता है और सभी देशों के साथ संवाद स्थापित करना चाहता है.
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मोमेन ने मीडिया पर बातचीत को ज्यादा तूल देने का आरोप लगाते हुए कहा, अगर पाकिस्तान ने हमें फोन लगा लिया तो क्या गलत हो गया? इससे किसी को क्या दिक्कत होनी चाहिए? आखिरकार हम एक ही दुनिया में रहते हैं.
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हालांकि, बांग्लादेश ने कश्मीर मुद्दे पर खामोशी बरती है और कहा है कि बातचीत में सिर्फ कोरोना वायरस को लेकर ही चर्चा हुई. भारत ने भी बांग्लादेश के रुख की सराहना करते हुए कहा था कि वह कश्मीर मुद्दे पर अपने पुराने रुख पर कायम है और इसे भारत का आंतरिक मुद्दा मानता हैl
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